नए ऑर्बिट में स्थापित हुआ आदित्य एल 1, पहली बार कक्षा बदलने के बाद इसरो ने दिया बड़ा अपडेट
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चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग करने के बाद भारत ने दुनियाभर में अपना लोहा मनवाया है। अब सूरज से “साक्षात्कार” की बारी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य एल-1 लॉन्च हो चुका है।ये मिशन पृथ्वी से 15 लाख किमी की दूरी पर पहुंचकर सूर्य के रहस्यों से पर्दा हटाने की कोशिश करेगा. लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए आदित्य-एल1 को कई चरणों से होकर गुजरना होगा।इसी क्रम में लॉन्चिंग के एक दिन बाद आदित्य एल-1 रविवार पहली बार अपनी कक्षा बदली।आदित्य एल-1 दूसरी कक्षा में स्थापित हो गया है।
इसरो ने जानकारी दी है कि उसके सूर्य मिशन आदित्य एल1 ने आज सफलतापूर्वक कक्षा बदल ली है। इसरो ने रविवार को ट्वीट करते हुए बताया कि आदित्य एल1 सैटेलाइट स्वस्थ है और वह अपना काम अच्छी तरह से कर रही है। इसरो ने यह भी बताया कि सैटेलाइट ने पृथ्वी का पहला चक्कर लगा लिया है, यानी अर्थ-बाउंड मैन्यूवर पूरा कर लिया है और अब वह दूसरे ऑर्बिट में पहुंच गया है।
पृथ्वी की कक्षा में 16 दिन बिताएगा
इसरो ने रविवार को सुबह करीब 11.45 बजे पहली अर्थ बाउंड फायरिंग की जिसकी मदद से आदित्य एल1 ने कक्षा बदली। अब आदित्य एल1 पृथ्वी से 22,459 किलोमीटर दूर है और अब अगला मैनुवर पांच सितंबर 2023 को किया जाएगा। इसरो ने बताया कि आदित्य एल1 ने पावर जेनरेट करना शुरू कर दिया है। अर्थ बाउंड मैनुवर्स की मदद से यह फायरिंग की गई। जिससे आदित्य एल1 ने अपनी कक्षा बदलकर अगली कक्षा में प्रवेश किया। आदित्य एल1 पृथ्वी की कक्षा में 16 दिन बिताएगा। इस दौरान पांच बार इसकी कक्षा बदलने के लिए अर्थ बाउंड फायरिंग की जाएगी। आदित्य एल-1 16 दिनों में पांच बार पृथ्वी की कक्षा बदलेगा। इसके बाद थ्रस्टर फायर किए जाएंगे और यह एल-1 की ओर आगे बढ़ जाएगा।
110 दिन बाद लैग्रेंजियन पॉइंट पर पहुंचेगा आदित्य एल1
110 दिन की यात्रा के बाद आदित्य एल1 लैग्रेजियन-1 पॉइंट पर पहुंचेगा। लैग्रेंजियन-1 पॉइंट पहुंचने के बाद आदित्य एल1 में एक और मैनुवर किया जाएगा, जिसकी मदद से आदित्य एल1 को एल1 पॉइंट के हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। यही से आदित्य एल1 सूरज की स्टडी करेगा। यह लैग्रेंजियन पॉइंट सूरज की दिशा में पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर है।
इसरो को उम्मीद है कि चंद्रयान-3 की तरह आदित्य एल 1 मिशन भी अपने मकसद में पूरी तरह कामयाब होगा। चुनौतियों के बावजूद आदित्य एल-1 मिशन में अपार संभावनाएं हैं। हालांकि आदित्य एल-1 मिशन की पूरी तरह सफलता का आकलन करने के लिए लगभग चार महीने तक इंतजार करना होगा।
Sep 03 2023, 13:43