*कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की केन्द्र सरकार से मांग, हिमाचल प्रदेश में हुई तबाही को घोषित किया जाए राष्ट्रीय आपदा*
डेस्क : आपदा की मार झेल रहे हिमाचल प्रदेश से हर दिन भूस्खलन की डरावनी तस्वीरें आ रही हैं। बीते तीन दिन से हो रही मुसलाधार वर्षा से कई जगह तबाही हुई है। अब कुल्लू में भारी भूस्खलन की वजह से एक साथ कई ऊंची इमरातें ढह गईं हैं। कुल्लू के आनी में बस स्टैंड के पास बनी कम से कम 7 इमारतें एक साथ गिरी हैं। कुछ और इमारतों पर खतरा बना हुआ है। हादसे का वीडियो भी सामने आया है जिसमें दिख रहा है कि इमरातों के गिरने के साथ कैसे चीख पुकार मच जाती है और वादी में धूल का गुबार छा जाता है।
बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ निर्माणाधीन इमारतें थीं, जबकि कुछ में लोग रह रहे थे। भूस्खलन के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने इन घरों को खाली करा लिया था। अभी घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस टीम मौके पर मौजूद है।
ऐसे में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुई तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। उन्होंने अपने सोशल मीडिया के एक्स पर पोस्ट किया है।।।आपदा के इस कठिन समय में मेरी प्रार्थनाएं हिमाचल वासियों के साथ हैं। कई राज्यों ने हिमाचल प्रदेश की मदद के लिए सराहनीय व संवेदनशील कदम उठाया है। केंद्र सरकार से अपील है कि त्रासदी से हुए भारी नुकसान को देखते हुए हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाये ताकि आपदा का नुकसान झेल रहे हमारे बहनों-भाईयों को उचित व जल्द राहत मिल सके। इस भयावह आपदा के समय सभी देशवासियों को हिमाचल वासियों के साथ खड़े होकर उनका हौसला बढ़ाना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य को अब तक 12,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस बीच हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश जारी है। इस मानसून में राज्य में भारी बारिश के तीन बड़े दौर देखे गए हैं। सबसे पहले 9 और 10 जुलाई को मंडी और कुल्लू जिलों में बड़े पैमाने पर तबाही हुई। शिमला और सोलन जिले 14 और 15 अगस्त को दूसरे दौर में प्रभावित हुए और 22 अगस्त को तीसरे दौर में शिमला शहर को भारी नुकसान हुआ। पंडोह के पास भारी भूस्खलन के कारण मंडी-कुल्लू के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है और बजौरा के अलावा पंडोह और औट तक राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
Aug 25 2023, 17:48