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चंद्रयान-3 को लेकर भारत में दिख रहा गजब का उत्साह, पूरी दुनिया की नजर भी टिकी, विक्रम की सफल लैंडिंग के लिए मंदिर से लेकर मस्जिद तक कामना

चंद्रयान-3 को लेकर जहां पूरे देश में उत्साह नजर आ रहा है, वहीं पूरी दुनिया की नजरें भी इस मिशन पर टिकी हैं। लैंडिंग का वक्त जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे ही लोगों की धड़कनें भी तेज हो रही हैं। विक्रम की सफल लैंडिंग के लिए मंदिर से लेकर मस्जिद तक कामना की जा रही है। 23 अगस्त को शाम छह बजकर चार मिनट पर विक्रम के चांद की सतह को छूने की संभावना है। लैंडिंग का सीधा प्रसारण भी होगा ताकि लोग इस अद्भुत नजारे को देख सकें।

भारत के तीसरे चंद्र मिशन की सफलता के लिए उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कामाख्या मंदिर में हवन का आयोजन किया गया। धार्मिक अनुष्ठान के दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहे और सॉफ्ट लैंडिंग की कामना की। सोमवार को भी आगरा में भी चंद्रयान की सफलता के लिए पूजा का आयोजन किया गया था। पूरे भारत में लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इसरो का यह मिशन सफल हो और इसके लिए देशभर में विशेष तौर पर हवन किए जा रहे हैं।

ईदगाह में दोपहर की नमाज में मांगी विशेष दुआ

चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए मंगलवार को लखनऊ के ईदगाह में में हुई जोहर (दोपहर की नमाज) में दुआ मांगी गई। ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि दारुल उलूम फरंगी महल के बच्चों ने खास तौर से सफल लैंडिंग के लिए हुई दुआ में शामिल हुए। नमाज के दुआ के साथ ही इसरों के सभी वैज्ञानिकों को मुबारक बाद दी गई। मौलाना ने कहा कि हम सब दुआएं कर रहे हैं कि हमारे वैज्ञानिक सफल हों।

चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने का बेसब्री से इंतजार : विलियम्स

चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की बहुप्रतीक्षित लैंडिंग को लेकर भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने उत्साह जताया। विलियम्स ने कहा कि वह विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग को लेकर रोमांचित हैं। वह प्रज्ञान रोवर के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की खोज का इंतजा कर रही हैं। नासा के अंतरिक्ष यात्री ने अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र को आकार देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका की भी सराहना की। विलियम्स ने कहा, "चंद्रमा पर उतरने से हमें अमूल्य जानकारियां मिलेगी। भारत अंतरिक्ष अन्वेषण और चंद्रमा पर स्थायी जीवन की खोज में सबसे आगे है। यह वास्तव में रोमांचक समय है। वह इस प्रयास को चंद्रमा की संरचना और इतिहास की हमारी समझ में एक महत्वपूर्ण कदम मानती हैं।

लाइव प्रसारण के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करें शिक्षण संस्थान : यूजीसी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों से कहा है कि वे 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर लैंडिंग की लाइव स्ट्रीमिंग देखने के लिए छात्रों एवं शिक्षकों को प्रोत्साहित करें। यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने इस संबंध में 21 अगस्त को सभी विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों से आग्रह किया है। इसमें कहा गया है कि छात्रों और शिक्षक संकाय के लिए एक विशेष सभा का आयोजन किया जाए जिससे वे भी इस गौरवशाली क्षण का हिस्सा बन सकें। इस ऐतिहासिक पल के गवाह छात्र भी बन सकें इसके लिए यूजीसी ने एक कदम उठाया है।

सोने से बनाया चंद्रयान-3 का मॉडल डिजाइन

 कोयंबटूर के एक कलाकार ने 4 ग्राम सोने का उपयोग करके चंद्रयान-3 का 1.5 इंच लंबा मॉडल डिजाइन किया। मारियाप्पन नाम के कलाकार ने कहा कि उन्होंने चंद्रयान परियोजना में शामिल सभी वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए यह मॉडल बनाया है। उन्होंने कहा कि चार ग्राम सोने का उपयोग करके मॉडल को डिजाइन किया है। इसे डिजाइन करने में 48 घंटे लगे हैं।

यूपी के सभी सरकारी स्कूलों में होगा सीधा प्रसारण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि 'चंद्रयान -3' द्वारा चंद्रमा पर उतरने का पूरे राज्य में सीधा प्रसारण किया जाएगा। यूपी सरकार ने राज्य सरकार के शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा, 23 अगस्त को शाम 5.27 बजे चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिंग प्रक्रिया का सीधा प्रसारण इसरो की वेबसाइट, यूट्यूब चैनल और डीडी नेशनल पर किया जाएगा। स्थिति को देखते हुए शाम 5.15 बजे से 6.15 बजे तक स्कूलों एवं शिक्षण संस्थानों में विशेष बैठकें आयोजित कर लाइव प्रसारण की व्यवस्था की जाए।

हेट स्पीच मामले में सपा नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, अब नहीं देना पड़ेगा वॉयस सैंपल, निचली अदालत के आदेश पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश पर बुधवार को अंतरिम रोक लगा दी, जिसके तहत समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान को 2007 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती के खिलाफ कथित तौर पर नफरत भरा भाषण देने और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में आवाज का नमूना देने का निर्देश दिया गया था।

आजम की आवाज का नमूना 2007 में रामपुर के टांडा इलाके में एक जनसभा में उनके द्वारा दिए गए भाषण से मिलान के लिए मांगा गया था। इस भाषण को एक सीडी में रिकॉर्ड किया गया था। न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति पी के मिश्रा की पीठ ने इस मामले में आजम की ओर से दायर याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया।

पीठ ने कहा, ''प्रतिवादी को नोटिस जारी करें। इस बीच, निचली अदालत के 29 अक्टूबर 2022 के उस आदेश पर अंतरिम रोक रहेगी, जिसे उच्च न्यायालय ने 25 जुलाई 2023 को बरकरार रखा था।''

 आजम ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 25 जुलाई के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था। उच्च न्यायालय ने आजम की याचिका का निपटारा करते हुए मामले में रामपुर की अदालत का फैसला बरकरार रखा था। धीरज कुमार शील नाम के एक व्यक्ति ने 2007 में आजम के खिलाफ टांडा पुलिस थाने में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई थी।

शील ने सपा नेता पर नफरत भरा भाषण देने और बसपा अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। रामपुर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 171-जी (चुनाव के संबंध में गलत बयान देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस ने आजम के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की प्रासंगिक धाराएं भी लगाई थीं।

देशभर में सड़क हादसों पर लगेगी लगाम, एक अक्टूबर से होगा चालू, सरकार ने लॉन्च किया भारत NCAP, यहां डिटेल में जानिए, कैसे करेगा काम

 केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह के दौरान भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम यानी भारत NCAP को लॉन्च किया। इस कार्यक्रम में सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल विजय कुमार सिंह के साथ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन भी उपस्थित थे। 'भारत NCAP' का लक्ष्य देश में उपलब्ध मोटर वाहनों की दुर्घटना सुरक्षा की तुलना करने के लिए उपभोक्ताओं को सशक्त बनाकर भारत में मोटर वाहनों के सुरक्षा मानकों को 3.5 टन तक बढ़ाना है। यह कार्यक्रम 1 अक्टूबर, 2023 से पूरी तरह से चालू हो जाएगा।

बता दें कि, अभी तक, भारत में कारों को भारतीय मानकीकृत क्रैश टेस्ट रेटिंग तंत्र की अनुपस्थिति में ग्लोबल NCAP रेटिंग प्रणाली का पालन करना पड़ता था। भारत NCAP के परीक्षण प्रोटोकॉल को मौजूदा भारतीय नियमों को ध्यान में रखते हुए वैश्विक प्रोटोकॉल के साथ जोड़ा जाएगा। वाहन निर्माता अपनी कारों का परीक्षण भारत की घरेलू परीक्षण सुविधाओं में करा सकेंगे। निर्माताओं या आयातक को वाहन को चयनित परीक्षण एजेंसी को भेजना होगा, जो वाहन का मूल्यांकन करेगी और मूल्यांकन रिपोर्ट नामित एजेंट को सौंपेगी। परीक्षणों में कारों के प्रदर्शन के आधार पर, उन्हें वयस्क यात्रियों (AOP) और बाल यात्रियों (COP) की सुरक्षा के लिए ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS) 197 द्वारा स्टार रेटिंग से सम्मानित किया जाएगा।

इसके बाद उपभोक्ता सुरक्षा के आधार पर खरीदारी का निर्णय लेने के लिए इन रेटिंगों की तुलना करने में सक्षम होंगे। चूंकि सुरक्षित कारों की मांग बढ़ने की उम्मीद है, इसलिए निर्माता यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि उनकी कारों की सुरक्षा अच्छी हो। यह न केवल घरेलू बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में मदद करेगा, बल्कि भारतीय कारों को वैश्विक बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा करने और निर्यात क्षमता बढ़ाने में भी मदद करेगा।

भारत NCAP के लॉन्च के दौरान गडकरी ने कहा कि लोग गुणवत्ता के प्रति जागरूक हैं। वर्तमान में, सुरक्षा के संबंध में लोगों में उल्लेखनीय स्तर की सावधानी है, साथ ही प्रदूषण के बारे में भी गहरी चिंता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि यदि कोई नया विकल्प सामने आता है, तो उसके अनुरूप विकल्प उपलब्ध होंगे, और लोग इसके लिए तैयार रहेंगे तथा ऐसे विकल्पों को अपनाएंगे। गडकरी ने कहा कि बाजार का ध्यान लागत के बजाय गुणवत्ता पर है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि वह लागत के महत्व को पहचानते हैं, लेकिन साथ ही, लोग गुणवत्ता, मॉडल और डिजाइन के बारे में सतर्क रहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जो कंपनियां उन्नत तकनीक का उपयोग करके सराहनीय डिजाइन और मॉडल तैयार करती हैं, उनकी बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि देखी जा सकती है।

डिटेल में पढ़िए, आखिर क्यों चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के लिए चुना गया आज का ही दिन

चंद्रयान-3 की लैंडिंग कि प्रतीक्षा लगभग समाप्त होने को है। ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने संभावनाएं जताई हैं कि 23 अगस्त को शाम लगभग 6 बजे चंद्रयान 3 चांद की सतह पर लैंड कर सकता है। वही चंद्रमा पर उतरने के साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश और चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, रूस एवं चीन ऐतिहासिक करिश्मे को अंजाम दे चुके हैं। 

लैंडर मॉड्यूल (विक्रम) की सॉफ्ट लैंडिंग का अर्थ 6000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति को शून्य पर ले आना। इस के चलते विक्रम स्वयं को 90 डिग्री लंबवत स्थिति में चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। वही अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर लैंडिंग के लिए 23 अगस्त का दिन ही क्यों चुना गया? दरअसल, चंद्रमा पर 14 दिनों का दिन और 14 दिनों का रात होता है। अभी चंद्रमा पर रात है तथा 23 को सूर्योदय होगा। लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान दोनों सोलर पैनल के उपयोग से ऊर्जा प्राप्त कर सकेंगे। लैंडर अभी चांद की कक्षा में क्षैतिज रूप से चक्कर लगा रहा है। उतरने से पहले इसे 90 डिग्री पर सीधा किया जाएगा। लैंडर चांद पर लैंडिंग करने के लिए उसी प्रकार बढ़ेगा, जैसे रॉकेट का साथ धरती से उड़ा था।

वही इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया, चंद्रयान-3 को इस प्रकार बनाया गया है कि यदि सारे सेंसर फेल हो जाए, तब भी यह लैंडिंग करेगा। दोनों इंजन बंद होने पर भी लैंडिंग में सक्षम रहेगा। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में बने गड्ढे हमेशा अंधेरे में रहते हैं। 30 किलोमीटर की ऊंचाई से सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया आरम्भ होगी। इसके चलते लैंडर की रफ्तार को नियंत्रित करना बड़ी चुनौती होगी। इसरो के अनुसार, लैंडिंग से पहले सुरक्षित तथा खतरा-मुक्त क्षेत्रों का पता लगाने के लिए लैंडिंग साइट की इमेजिंग की जाएगी। लैंडर क्षैतिज स्थिति में चंद्रमा की तरफ उतरेगा तथा इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग तथा कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी), बेंगलुरु में एमओएक्स के वैज्ञानिक फाइन ब्रेकिंग के लिए कमांड तैनात करेंगे। लैंडर की स्थिति को ऊर्ध्वाधर में बदल दिया जाएगा तथा उस स्थिति में, यह चंद्रमा पर मंडराएगा, तस्वीरें लेगा, लैंडिंग क्षेत्र का सर्वेक्षण करेगा तथा सुरक्षित लैंडिंग स्थान पर निर्णय लेगा।

मिजोरम में दर्दनाक हादसा, निर्माणाधीन रेलवे पुल गिरने से 17 मजदूरों की मौत, अन्य कई अभी भी लापता

 मिजोरम में बुधवार (23 अगस्त) को दर्दनाक हादसा हो गया। यहां एक निर्माणाधीन रेलवे पुल के गिरने से कम से कम 17 मजदूरों की मौत हो गई है। घटनास्थल पर कई अन्य लोगों के फंसे होने की आशंका है। जहां घटना हुई है वह जगह राजधानी आइजोल से करीब 21 किलोमीटर दूर सुबह 10 बजे के करीब हुई। घटना के समय सभी मजदूर पुल का काम कर रहे थे।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, मलबे से अब तक 17 शव बरामद किए जा चुके हैं। कई अन्य अभी भी लापता हैं।

देर से सही, पर मणिपुर में उग रहा 'शांति' का सूरज, 3 महीने तक चली हिंसा के बाद जानिए कैसे हैं हालात

देर से ही सही, लेकिन बीते 3 महीनों तक रुक-रूककर हिंसा की आग में झुलसे उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर से सुकून देने वाली ख़बरें सामने आने लगी हैं। म्यांमार से 212 विस्थापित मैतेई को सुरक्षित वापस लाने की खबर और राज्य सरकार द्वारा प्रभावित लोगों को नामित केंद्रों पर पुनर्वास करने के प्रयास से मणिपुर के लोगों में आशा की किरण जगी है। ये 212 लोग लगभग 500 मैतेई लोगों के समूह में से थे, जो भारत के मोरेह से भाग गए हैं और म्यांमार के सागांग क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में शरण लेने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गए थे। जातीय संघर्ष भड़कने के बाद मोरेह शहर में लगभग 4500 मैतेई लोगों के घरों को आग लगा दी गई और उन पर बुलडोज़र चला दिया गया। मोरेह, जो म्यांमार के साथ सीमा साझा करता है, राज्य की राजधानी से लगभग 110 किमी दूर स्थित है।

अल्पसंख्यक तमिल और गोरखा हिंदू

बता दें कि, मणिपुर में जारी संघर्ष ने अन्य हिंदू समुदायों को काफी हद तक प्रभावित किया है। मैतेई के अलावा, मोरेह में तमिल और अन्य कुकी बहुल क्षेत्रों में गोरखा, कुकी उग्रवादी संगठनों/भीड़ की निरंतर अधीनता से जूझ रहे हैं। तमिल संगम मोरेह के महासचिव केबीएस मनियम के अनुसार, महानगरीय सीमावर्ती शहर में समुदाय के 3500 लोग और 354 घर हैं। हिंसा के पहले दिन 3 मई को कुकी भीड़ ने तमिल हिंदू और तमिल मुसलमानों के 45 घरों को आग लगा दी और नष्ट कर दिया। मणिपुर में नेपाली भाषी गोरखा को मूल निवासी माना जाता है। उनकी उत्पत्ति का पता राजा चिंगलेन नोंगड्रेनखोमाबा के शासनकाल में लगाया जा सकता है, जिन्हें गंभीर सिंह के नाम से भी जाना जाता है, जिन्होंने 1824 में 16 वीं सिलहट स्थानीय बटालियन के जवानों को मणिपुर लेवी में शामिल किया था। विशेष रूप से एक गोरखा, मेजर सूबेदार निरंजन, जिन्होंने बीर के साथ अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, टिकेंद्रजीत और जनरल गंभीर सिंह को 8 जून 1847 को फाँसी दे दी गई।  

मणिपुर में एक अन्य हिंदू समुदाय गोरखा की आबादी लगभग 64,000 है। भारतीय गोरखा परिसंघ ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि कांगपोकपी (कुकी बहुल) जिले के 154 गोरखा गांव कुकी उग्रवादियों के कब्जे में हैं। संघर्ष शुरू होने के बाद कुकी बहुल इलाकों में गोरखा लोग जबरन वसूली और अत्याचार का शिकार हो गए हैं। ज्ञापन में आगे कहा गया है कि, 'सनातन हिंदू गोरखा समुदाय वसुधैव कुटुंबकम के मूल्य में विश्वास करता है। वर्तमान जातीय संघर्ष ने शांति और शांति को भंग कर दिया है, क्योंकि कुकी द्वारा भारी जबरन वसूली और उनकी अन्य मांगें, साथ ही गोरखाओं के झुंडों को जबरदस्ती ले जाने जैसी गतिविधियां वर्तमान समय के सामान्य मामले बन गए हैं।'

इससे यह भी पता चला कि सभी कुकी उग्रवादी समूह, जो केंद्र और राज्य सरकारों के साथ ऑपरेशन सस्पेंशन (SOO) के तहत हैं, अत्याधुनिक हथियारों की खरीद में शामिल हैं। हिंसा से प्रभावित नेपाली भाषी गोरखा समुदाय सुरक्षित क्षेत्रों में भाग गए हैं। लंदन स्थित इंटरनेशनल गोरखा फोरम (IGF) ने भी मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में गोरखा समुदाय से "असहनीय और अस्वीकार्य" जबरन वसूली के लिए कुकी उग्रवादियों की कड़ी निंदा की है। गोरखा समुदाय की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए IGF मीडिया संयोजक, भारत बेलबेस ने मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में लगातार नकदी और वस्तुओं की उगाही, लूट और उत्पीड़न के लिए सक्रिय कुकी उग्रवादियों की निंदा की, जो मणिपुर में शांतिप्रिय गोरखा समुदाय की तटस्थता के लिए सीधा खतरा पैदा करते हैं। IGF ने उचित सीमा तक पहुंच चुके कुकी उग्रवादियों को आपसी आस्थाओं का सम्मान करने और गोरखा की तटस्थता को कमजोरी की निशानी के रूप में न लेने की चेतावनी भी दी है।

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ समय से तलहटी में भारी गोलीबारी की सूचना नहीं मिली है। घाटी के कई इलाके शांतिपूर्ण बने हुए हैं। हालाँकि, 21 अगस्त को दोपहर करीब 2 बजे संदिग्ध कुकी आतंकवादियों और एक अज्ञात सशस्त्र समूह के बीच भारी फायरिंग शुरू हो गई, जब कुकी आतंकवादियों ने इंफाल पूर्व के सबुंगखोक खुनौ की ओर गोलीबारी की थी। 20 अगस्त को, कुकी उग्रवादियों ने शाम करीब 5.10 बजे कासोम तम्पाक और ग्वालताबी के बीच स्थित एक पहाड़ी के ऊपर से चंदोनपोकपी गांव की ओर गोलीबारी शुरू कर दी थी। कामजोंग जिले के अंतर्गत थवई गांव में, कथित तौर पर कुकी सशस्त्र समूह से जुड़े कम से कम तीन आतंकवादी 19 अगस्त को सुबह लगभग 5 बजे अज्ञात हथियारबंद लोगों के साथ गोलीबारी के दौरान मारे गए थे।

बता दें कि, घाटी क्षेत्रों में, मैतेई महिलाओं ने आंदोलन के अहिंसात्मक रूपों का सहारा लिया है। थवाई मीरेल महिला विंग ने 21 अगस्त से एक रिले सामूहिक भूख हड़ताल शुरू की है। इस तरह की लोकतांत्रिक पहल को कई लोगों ने शांति की दिशा में एक कदम के रूप में अच्छी तरह से स्वीकार किया है। कुकी समुदाय भी अलग राज्य की अपनी पिछली मांग से थोड़ा पीछे हटता दिख रहा है। और, 29 अगस्त से शुरू होने वाले मणिपुर विधान सभा के प्रस्तावित सत्र के साथ, मणिपुर के लोग चल रहे जातीय संघर्ष के दीर्घकालिक समाधान और राज्य में सामान्य स्थिति की वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।

जान लीजिए, पूरी दुनिया खा रही 'भारत' का नमक! साढ़े 4 गुना बढ़ गया निर्यात, लोगों की आय भी बढ़ी, मशीनीकरण और सौरकरण के प्रोत्साहन से मिली उपलब्धि

जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने नमक उत्पादन के तरीके को बदलने पर ध्यान केंद्रित किया था। पारंपरिक पद्धति के बजाय, उन्होंने मशीनीकरण और सौरकरण को प्रोत्साहित किया और इस परिवर्तन के लिए सब्सिडी प्रदान की। इस कदम से डीजल की खपत कम हुई, नमक उत्पादन बढ़ा और व्यवसायों को अधिक मुनाफा हुआ। मोदी सरकार की पहल के चलते भारत के नमक उद्योग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। अब भारत नमक उत्पादन में आत्मनिर्भर से आगे बढ़ते हुए 75 से अधिक देशों में निर्यात के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। उदाहरण के लिए, नमक निर्यात अप्रैल-जून 2013 में 145 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में इसी अवधि में 673 करोड़ रुपये (साढ़े चार गुना) हो गया है।

अब यह कहा जा सकता है कि, दुनिया भारत का नमक खा रही है, कम से कम 75 से अधिक देश तो खा ही रहे हैं और इससे देश के लोगों को रोज़गार और मुनाफा, दोनों मिल रहा है। गुजरात मॉडल, विशेषकर मशीनीकरण पर तत्कालीन मोदी सरकार के फोकस ने नमक व्यवसाय में क्रांति ला दी थी। जिसका असर ये हुआ कि आज गुजरात नमक उत्पादन में अग्रणी बन गया, जो न केवल मात्रा, बल्कि गुणवत्ता के लिए भी जाना जाता है। इस बदलाव से व्यवसाय के अवसरों में सुधार हुआ, मजदूरों का जीवन आसान हुआ और उनकी आय में वृद्धि हुई। भारत के नमक को चीन, दक्षिण कोरिया, जापान, कतर, इंडोनेशिया, वियतनाम, बांग्लादेश, नेपाल और ताइवान सहित विभिन्न देशों में लोकप्रियता मिली। नेपाल सालाना 2 मिलियन टन से अधिक भारतीय नमक प्राप्त करने वाला सबसे बड़ा आयातक बन गया। सरकार के इस कदम के चलते बदौलत, भारत ने नमक उत्पादन में चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद विश्व स्तर पर तीसरा स्थान हासिल किया। देश का वार्षिक नमक उत्पादन 265 लाख टन से अधिक है, जिसमें गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान का योगदान कुल 96 प्रतिशत है।

गुजरात के उच्च गुणवत्ता वाले नमक ने भारत के निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान दिया। विशेष रूप से, गुजरात का नमक जामनगर, मीठापुर, लावणपुर, झाखर, भावनगर, चौरा, राजुला, गांधीधाम, कांधला और मालिया जैसे क्षेत्रों में समुद्री जल से प्राप्त किया जाता है। भारत का लगभग 70 प्रतिशत नमक समुद्री जल से प्राप्त होता है, एक छोटा हिस्सा भूमिगत समुद्री जल से और उससे भी कम झीलों और चट्टानों से प्राप्त होता है। हाल के वर्षों में भारत के नमक उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

 2020-21 में 870 करोड़ रुपये का करीब 66 लाख टन नमक निर्यात किया गया. 2021-22 में कुल नमक उत्पादन 266 लाख टन से अधिक हो गया, जो पिछले पांच वर्षों में 85 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्शाता है। नमक उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों को मजबूत करने पर मोदी सरकार के फोकस ने भारत की आर्थिक वृद्धि और सभी क्षेत्रों में निर्यात में वृद्धि में योगदान दिया है।

मैरीटाइम थिएटर कमांड को लेकर तैयारियां तेज, शीर्ष सैन्य कमांडरों से मिले CDS अनिल चौहान, कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

तीन मैरीटाइम थिएटर कमांड के निर्माण की जिम्मेदारी संभालते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने तीनों सेनाओं के शीर्ष सैन्य कमांडरों से मुलाकात की। सैन्य कमांडरों को भारत के प्रायद्वीपीय और द्वीप क्षेत्रों में तैनात किया गया है। CDS, खतरों से निपटने के लिए बनाई जा रही मैरीटाइम थिएटर कमांड की भविष्य की संरचनाओं और जिम्मेदारियों पर चर्चा करने के लिए अंडमान और निकोबार कमांड, दक्षिणी वायु और नौसेना कमांड, नौसेना के पश्चिमी और पूर्वी कमांड सहित तीनों सेवाओं के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों से मुलाकात कर रहे हैं। 

यह बैठक CDS जनरल चौहान द्वारा चीन के साथ सीमाओं की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सैन्य कमांडरों के साथ इसी तरह की बैठक करने के कुछ सप्ताह बाद हुई है। CDS जनरल चौहान तीन नए थिएटर कमांड स्थापित करने के लिए रक्षा बलों के बीच एकीकरण और संयुक्तता को मजबूत करने के उन्नत चरण में हैं, जो उत्तरी मोर्चे, पश्चिमी मोर्चे और समुद्री क्षेत्र से खतरों की देखभाल करेंगे। विरोधियों के खतरे से अधिक मजबूत तरीके से निपटने के लिए रक्षा बलों के बीच संयुक्तता और एकीकरण को बढ़ाने के लिए तीन साल पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्यालय बनाया गया था।

सेना की उन्नत पद्धति में साइबर और स्पेस दोनों डोमेन की क्षमताएं शामिल हैं। सैन्य मामलों का विभाग कई मुद्दों पर विचार कर रहा है, जिसमें यह भी शामिल है कि नई संरचनाओं के प्रमुख तीन सितारा जनरल होने चाहिए या चार सितारा वाले। इस संबंध में अधिकांश सुझाव इन संरचनाओं का नेतृत्व करने के लिए चार सितारा अधिकारियों को नियुक्त करने के पक्ष में हैं क्योंकि थिएटर कमांडरों के अधीन कई कमांडर-इन-चीफ रैंक के अधिकारी होंगे। सूत्रों ने कहा कि चार-सितारा अधिकारियों की नियुक्ति से वरिष्ठता संबंधी मुद्दों से भी बचा जा सकेगा और उचित कमान और नियंत्रण संरचनाएं स्थापित की जाएंगी।

CDS जनरल चौहान, सेवा प्रमुखों के साथ, एकीकरण के मुद्दों पर भी गौर कर रहे हैं और अनुशासन, खुफिया जानकारी जुटाने और संचालन के लिए सामान्य नियम बनाने पर भी विचार कर रहे हैं। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों द्वारा खुफिया जानकारी एकत्र करने, सामान्य संचालन निदेशालय, प्रशिक्षण, रखरखाव और रसद को एकीकृत करने के लिए अध्ययन का भी आदेश दिया गया है। DMA नई संरचनाओं के निर्माण के साथ महत्वपूर्ण बचत पर भी विचार कर रहा है, क्योंकि सेवा मुख्यालय के स्तर पर कई मौजूदा संरचनाएं नई केंद्रीकृत त्रि-सेवा कमांड की स्थापना के साथ अनुकूलित हो जाएंगी। हाल ही में वायुसेना प्रमुख ने ओडिशा के गोपालपुर में आर्मी एयर डिफेंस कॉलेज और विशाखापत्तनम के पास नेवल एयर फील्ड का दौरा किया था। इसके अलावा, नौसेना प्रमुख ने सेनाओं के बीच त्रि-सेवा संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत तीनों सेनाओं के वरिष्ठ JCO से मुलाकात की।

'गंगा मैया की जय कहना डूब मरने वाली बात, मुसलमानों ने चूड़ियां नहीं पहनीं..', कांग्रेस नेता अजीज कुरैशी के नफरती बोल, वीडियो वायरल

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व गवर्नर और कांग्रेस के दिग्गज नेता अजीज कुरैशी ने स्टेज से नफरती बयान दिया है। कहा कि कांग्रेस के कुछ लोग हिंदुत्व की धार्मिक यात्राओं के बारे में बात करते हैं। जय गंगा मैया की, जय नर्मदा मैया के नारे लगाते हैं। यह बड़े शर्म की बात है, डूब मरने वाली बात है। कांग्रेस नेता ने मूर्ति पूजा पर कट्टरपंथियों वाली नफरत को भी दोहराया। अजीज कुरैशी ने धमकी भरे लहजे में कहा कि 'मुझे कांग्रेस से निकालना हो तो निकाल देना, लेकिन पार्टी दफ्तर में मूर्तियां बिठाना डूब मरने की बात है।'

उन्होंने कहा कि, 'मुझे कोई डर नहीं, निकाल देना पार्टी से। नेहरू के वारिस आज धार्मिक यात्राएं निकालते हैं, गंगा मैया की जय बोलते हैं, गर्व से कहो मैं हिंदू हूं। प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर में मूर्तियां बिठाते हैं, ये डूब मरने की बात है।' कांग्रेस नेता अजीज कुरैशी ने सख्त लहजे में कहा कि 'देश की सभी पार्टियां, जिसमें कांग्रेस का नाम भी शामिल है। उनसे मैं कहना चाहता हूं वह अच्छी तरह समझ लें कि मुसलमान आपका गुलाम नहीं है। मुसलमान क्यों वोट दे आपको, नौकरी आप देते नहीं, पुलिस, सेना, नौसेना में आप मुसलमानों को लेते नहीं, फिर मुस्लिम आपको क्यों वोट दे।  

अजीज कुरैशी ने कहा कि 22 करोड़ मुसलमान में से यदि एक-दो करोड़ मर भी जाएं, तो कोई बात नहीं। उन्होंने कहा कि, 'जब पानी हद से गुजर जाएगा, तो मुस्लिमों ने हाथों में चूड़ियां नही पहन रखी हैं।' अजीज कुरैशी ने कहा कि, 'मैंने इसलिए कहा है क्योंकि देश में मुस्लिम, दहशत के साये में जी रहा है। मुस्लिमों को डराया धमकाया जा रहा है।' वहीं कांग्रेस के धार्मिक कार्यों के प्रति अपनी नफरत जाहिर करते हुए अजीज कुरैशी ने कहा कि, 'कांग्रेस पार्टी बीच-बीच में हिंदुत्व की बात करने लगती है, जो सरासर गलत है। जैसे कांग्रेस दफ्तर में पूजा हो, मूर्तियां रखी जाएं, जय श्री राम के नारे लगें, यह नेहरू के ख्वाब की हत्या करना है। कांग्रेस सेक्युलर पार्टी है, मगर कुछ लोग हैं, जो इससे हटने का प्रयास कर रहे हैं उनको रोकने में लगा हूं।' 

हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, आज तक कांग्रेस इस्लामी टोपियां पहनकर देश या प्रदेश स्तर पर हर साल इफ्तार पार्टियों का आयोजन करते आई है, लेकिन, उस समय तक अजीज कुरैशी को कांग्रेस के धार्मिक होने से दिक्कत नहीं थी, लेकिन जब गंगा मैया, नर्मदा मैया की जय के नारे कांग्रेस नेता (कमलनाथ-दिग्विजय सिंह) लगा रहे हैं, तो अजीज कुरैशी उन्हें सेकुलरिज्म का पाठ पढ़ाने लगे हैं। यानी अजीज मियां की धर्मनिरपेक्षता एकतरफ़ा है, यहाँ तक कि इसे हिन्दू धर्म के प्रति उनकी नफरत भी कहा जा सकता है। क्योंकि, उन्होंने स्पष्ट रूप से आपत्ति ही इस बात पर जताई है कि, कांग्रेस दफ्तर में मूर्तियां रखना गलत है, नर्मदा मैया की जय कहना डूब मरने वाली बात है, ये सब अजीज कुरैशी को नेहरू की विचारधारा के खिलाफ लगता है। 

अब ये तो कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि, क्या गंगा मैया की जय बोलना नेहरू के सिद्धांतों के खिलाफ है ? क्या कांग्रेस कभी हिन्दू हित में बात नहीं कर सकती, करेगी तो अजीज मियां पार्टी को सांप्रदायिक ठहरा देंगे ? दिग्विजय सिंह नर्मदा यात्रा निकालेंगे तो, अजीज कुरैशी के अनुसार ये डूब मरने वाली बात होगी ? क्योंकि जब तक दिग्विजय सिंह, भगोड़े इस्लामी उपदेशक और कई युवाओं को आतंकी बनाने वाले जाकिर नाइक को शांति का मसीहा और आतंकी मसूद अज़हर को साहब बता रहे थे, तब तक अजीज मियां खामोश थे। अब मध्य प्रदेश में चुनाव हैं, तो पूर्व सीएम कमलनाथ ने नर्मदा जल के साथ टैंकर कलश यात्रा निकाली थी, शायद यही अजीज कुरैशी को पसंद नहीं आया हो या फिर बीते कुछ वर्षों से कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी का मंदिर दर्शन उन्हें खटका हो। हालाँकि, अब ये देखना भी दिलचस्प होगा कि, क्या कांग्रेस अपने नेता के भड़काऊ बयानों पर उनसे स्पष्टीकरण मांगेगी ? या फिर उनकी सलाह मानकर धार्मिक यात्राओं में शामिल होना, दफ्तर में मूर्तियां रखना और नर्मदा मैया कि जय बोलना बंद कर देगी ? साथ ही ये भी देखने लायक होगा कि, क्या अदालत इसे हेट स्पीच मानकर इसपर संज्ञान लेगी ?

26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर अमेरिकी कोर्ट ने लगाई रोक, भारत के प्रयासों को झटका

#us_court_stays_extradition_of_26_11_mumbai_attack_accused_tahawwur_rana 

26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर अमेरिका ने रोक लगा दी है। बाइडन प्रशासन की अपील को खारिज करते हुए एक अमेरिकी अदालत ने तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने का आदेश दिया है। राणा मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले में शामिल होने के मामले में भारत में मुकदमे का सामना कर रहा है।

दरअसल, अमेरिकी शहर कैलिफॉर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट जज डेल एस फिशर ने दो अगस्त को राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका को खारिज कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ उसने नौवें सर्किट कोर्ट में अपील की थी कि सुनवाई तक उसे भारत को न सौंपा जाए। इसी को लेकर, डिस्ट्रिक्ट जज डेल एस. फिशर ने 18 अगस्त को एक नया आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि राणा के प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग करने वाले एकतरफा आवेदन को मंजूरी दी जाती है। उन्होंने सरकार की उन सिफारिशों को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि राणा के प्रत्यर्पण पर कोई रोक नहीं होनी चाहिए। न्यायाधीश ने कहा कि राणा के भारत प्रत्यर्पण पर नौवें सर्किट कोर्ट के समक्ष उसकी अपील के पूरा होने तक रोक लगाई जाती है।

इससे पहले अमेरिका की एक संघीय अदालत ने मई में तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण के लिए सहमति दे दी थी, जिसे भारत के लिए एक बड़ी कानूनी जीत बताया जा रहा था। सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जैकलीन चोलजियान ने 48 पन्नों के अपने आदेश में कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत 62 वर्षीय राणा को भारत प्रत्यर्पित करना चाहिए।

दस जून, 2020 को भारत ने प्रत्यर्पण की दृष्टि से राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। बाइडन प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी।

26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमलों में भूमिका को लेकर भारत द्वारा प्रत्यर्पण का अनुरोध किए जाने पर राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। अदालती सुनवाई के दौरान, अमेरिकी सरकार के वकीलों ने तर्क दिया था कि राणा को मालूम था कि उसके बचपन का दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा में शामिल है। इसके बावजूद राणा ने हेडली की मदद की। राणा को इस बात की भी जानकारी थी कि हेडली हमले की योजना बना रहा है और इस तरह हेडली की सहायता करके एवं उसकी गतिविधियों के लिए उसे बचाव प्रदान कर उसने आतंकवादी संगठन और इसके सहयोगियों की मदद की।