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साल दर साल तबाह हो रहा हिमाचल प्रदेश, केवल कुदरत का कहर या मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार?

#himachal_cause_of_disaster

पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हो रही है।पिछले दो महीने से राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में बादल फट जाने की घटना हो जाती है।बारिश के साथ-साथ बादल फटने की घटनाएं भयानक तबाही मचा रही हैं। इसके अलावा भूस्खलन से पहाड़ टूट रहे हैं, जिसके कारण मंडी, शिमला, कुल्लू और अन्य क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं।हिमाचल प्रदेश में इस हफ्ते हुई तबाही में अब तक कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7500 करोड़ का अभी तक नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

दस साल पहले 2013 में केदार नाथ हादसा हुआ था, जिससे पूरा गढ़वाल क्षेत्र चौपट हो गया था। उस समय चूंकि चार धाम यात्रा भी चल रही थी, इसलिए कोई दस हजार के करीब तीर्थ यात्री मारे गये थे।यही अब हिमाचल में हो रहा है। जुलाई में मंडी के आसपास का इलाका नष्ट हुआ था और अगस्त की बारिश ने राजधानी शिमला को ध्वस्त कर दिया।

इन हालात में तबाही के लिए पूरी तरह कुदरत को दोष देना सही नहीं है। कहीं न कही मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार है।हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में इस हफ्ते हुई तबाही के लिए अंधाधुंध निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बिना नक्शे के गलत तरीके से बन रहे मकान और प्रवासी वास्तुकारों के कारण प्रदेश को आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बिना नक्शे का उपयोग किए घर बना रहे हैं। हाल ही में बनी इमारतों में जल निकासी की व्यवस्था बहुत खराब है। वो बिना यह जाने पानी बहा रहे हैं कि पानी कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ियों में जा रहा है, जिससे यहां की स्थिति नाजुक हो रही है।राजधानी शिमला पर टिप्णणी करते हुए सीएम ने कहा, शिमला डेढ़ सदी से भी अधिक पुराना शहर है और इसकी जल निकासी व्यवस्था उत्कृष्ट थी। लेकिन अब नालों पर इमारतें बन गई हैं।आजकल जो मकान गिर रहे हैं, वो स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के मानकों से नहीं गुजरे हैं।

शिमला तो ब्रिटिश कालीन भारत की समर कैपिटल हुआ करती थी। गर्मियां शुरू होते ही वायसरॉय कलकत्ता से शिमला आ जाया करते। कालका एक्सप्रेस ट्रेन चलाई ही इसीलिए गई थी। हावड़ा से वाया दिल्ली कालका और फिर टॉय ट्रेन से शिमला।इतना करने के बाद भी ब्रिटिशर्स ने किसी भी पहाड़ी शहर का प्राकृतिक दोहन नहीं किया। क्योंकि उन्हें पता था, कि हिमालय के पहाड़ कच्चे हैं। उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया तो वे ढह जाएंगे। यही कारण है कि जब तक अंग्रेज रहे न यहां कभी बादल फटा न आफत की बारिश आई।

आजादी के बाद से भारत की हर चीजों को लूटने का सिलसिला शुरू हुआ। तो वहीं विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ का भी सिलसिला शुरू हो गया। आज हिमाचल की स्थिति बहुत ख़राब हो चली है। कालका-शिमला रोड को चौड़ा करने के पहले भी कई बार आगाह किया गया था, कि यहां पहाड़ों का खनन ठीक नहीं है। पर तब सरकार नहीं चेती। कालका से शिमला जाते हुए धर्मपुर को इतना व्यावसायिक स्वरूप दे दिया गया है, कि पूरा क्षेत्र बर्बादी के कगार पर है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के एक 2017 में हुए एक शोध से पता चला था कि हिमाचल प्रदेश में कुल 118 हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 67 पहाड़ खिसकने वाले ज़ोन में हैं। राज्य के आदिवासी बहुल ज़िले किन्नौर, कुल्ली और कई अलग हिस्सों में जब हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाये जा रहे थे तब पर्यावरणविदों और प्रभावित स्थानीय नागरिकों ने उनका विरोध भी किया था और कई जन अभियान भी चले थे। हिमालय के पहाड़ अभी छोटे बच्चे की तरह हैं, जो निरंतर बढ़ रहे हैं। माउंट एवरेस्ट की हाइट भी हर साल एक सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ रही है। ऐसे हिमालय में अवैज्ञानिक व अंधाधुंध कटिंग तबाही का बड़ा कारण है।

मौसम अलर्ट : प्रदेश के पांच जिलों में हो सकती है भारी, राजधानी पटना समेत इन जिलों में मध्यम बारिश की संभावना

डेस्क : प्रदेश के पांच जिलों में शुक्रवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं पटना समेत राज्य के उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-मध्य भाग के जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, गया और किशनगंज में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, प्रदेश के उत्तर मध्य भाग को छोड़कर सभी जिलों में वज्रपात के आसार हैं। मानसून की द्रोणी रेखा का पश्चिम छोर हिमालय की तलहटी में है। वहीं पूर्वी छोर बाराबंकी, डेहरी, रांची और दीघा से गुजरते हुए दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी तक प्रभावी है। इससे राज्य के पांच जिलों में भारी बारिश के अलावा मेघ गर्जन व वज्रपात की आशंका है।

बीते गुरुवार को प्रदेश के अररिया में अति भारी बारिश हुई। वहीं भारी बारिश पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, बांका और भागलपुर जिले के कुछ स्थानों पर हुई। इसके अलावा हल्की से मध्यम स्तर की बारिश प्रदेश के दक्षिण-मध्य और दक्षिण-पूर्व भाग के अधिकतर जगहों पर व उत्तरी भाग के अनेक स्थानों में हुई। 

मौसम विभाग के अनुसार अररिया के फारबिसगंज में 117.4, पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में 75.2, गया के खीरसराय में 74.8 मिमी, बांका के बोसी में 74.2 मिमी, पश्चिम चंपारण के लौरिया नंदनगढ़ में 68.4 मिमी, भागलपुर में 67.2 मिमी, पूर्वी चंपारण के सुगौली में 62.8 मिमी, खगड़िया के बेलदौर में 60.4 मिमी, सुपौल में 56.6 मिमी, जहानाबाद के मखदुमपुर में 54.4 मिमी, किशनगंज के टेढ़ागाछ में 52.8 मिमी बारिश हुई।

जिला सड़क सुरक्षा समिति की हुई समीक्षा बैठक, डीटीओ ने दिए कई निर्देश

औरंगाबाद : आज जिला परिवहन कार्यालय, औरंगाबाद के कार्यालय कक्ष में जिला सड़क सुरक्षा समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि विगत वर्षों की तुलना में 2023 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी नहीं आयी है। इस पर प्रभावी नियंत्रण एवं दुर्घटना के आकड़ो में कमी लाना अति आवश्यक है। 

इसके लिए जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा सभी संबंधित को निर्देश दिया गया कि सड़क दुर्घटना में कमी लाने हेतु सभी संबंधित को निर्देश दिया गया। शनिवार हेलमेट एवं सीट बेल्ट विशेष जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया गया।

जिला परिवहन पदाधिकारी, औरंगाबाद द्वारा परिवहन विभाग तथा पुलिस विभाग के पदाधिकारियों को निदेशित किया गया कि ओवरलोडिंग गाड़ियों के परिचालन पर शमन एवं अन्य नियमसंगत कार्रवाई की जाय। 

जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि हेलमेट एवं सीट बेल्ट विशेष जाँच के साथ-साथ ओभरब्रीज एवं रमेश चौक के आस-पास अनाधिकृत रूप से पार्किंग किये गये वाहनों के विरूद्ध भी नियमित रूप से अभियान चलाया जाय एवं यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नियमसंगत शमन एवं अन्य कार्रवाई की जाय।

इसके अतिरिक्त सड़क दुर्घटना में घायल पीड़ितों की मदद करने वालों को गुड समरितन से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया। बताया गया कि जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा वर्ष 2023 के लिए प्रत्येक महाविद्यालय में 2 छात्र एवं 2 छात्रा को सड़क सुरक्षा एंबेसडर नामित कर सूची उपलब्ध करा दी गई है। साथ ही जिला परिवहन कार्यालय द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह में सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करने के लिए प्रचार प्रसार का कार्य कराया गया है।

इस बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेश कुमार दास, मोटर यान निरीक्षक, सहायक अभियंता पथ निर्माण विभाग, सहायक अभियंता पथ प्रमंडल, नगर कार्यपालक पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

20 महादलित युवतियों का पहला बैच ड्राइविंग का प्रशिक्षण लेने पहुंची इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रेफिक रिसर्च(IDTR), औरंगाबाद

औरंगाबाद : महिला एवं बाल विकास निगम, समाज कल्याण विभाग ,बिहार सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना अंतर्गत पायलट प्रोजेक्ट के तहत महादलित युवतियों को मोटर वाहन ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

उक्त प्रशिक्षण हेतु 20 महादलित युवतियों का पहला बैच 15 अगस्त को इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रेफिक रिसर्च(IDTR), औरंगाबाद में प्रशिक्षण को पहुंची। 

महादलित युवतियों के साथ उनको सहयोग पूर्वक औरंगाबाद तक पहुंचाने पद्म श्री सुधा वर्गीज भी साथ आई। 

मोटर वाहन प्रशिक्षण प्राप्त करने आई महादलित युवतियों एवं पद्म श्री सुधा वर्गीज का हार्दिक स्वागत जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (ICDS)श्रीमती श्वेता कुमारी, जिला परियोजना प्रबंधक, महिला एवं बाल विकास निगम राजीव रंजन, DHEW के मिशन समन्वयक मिथिलेश कुमार, NNM के जयप्रकाश, IDTR के पदाधिकारी अभय कुमार एवं विपिन कुमार ने पुष्प गुच्छ, पौधा देकर समारोहपूर्वक किया।

उन्होंने बताया कि ये सभी युवतियां मोटर वाहन का प्रशिक्षण लेकर अपना खुद का रोजगार अथवा वाहन चालक की नौकरियां प्राप्त कर सकेंगी। 

कहा कि अब महिलाएं किसी क्षेत्र में पीछे नहीं रहेगी। 16 अगस्त से ये सभी युवतियां मोटर ड्राइविंग प्रशिक्षण लेना शुरु करेंगी जो 21 दिनों तक चलेगा। 21 दिन के बाद ये सभी एक सफल वाहन चालक बनकर निकलेंगी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

दिल्ली से पटना पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, बीजेपी और प्रशांत किशोर के बयान का दिया यह जवाब

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे के बाद आज गुरुवार को पटना वापस आ गए। पटना पहुंचकर सीएम ने कहा कि, हम तो दिल्ली अपने निजी कामों को लेकर गए थे। कल डॉक्टर से बात भी हुई थी, चेकअप भी करना था। दो साल पहले जांच हुआ था। फिर करवाना था। इसी के लिए गए थे। 

वहीं सीएम ने कहा कि, कल अटल जी का जंयती भी था। तो वह सदैव अटल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दिए। नीतीश कुमार ने कहा कि अटल जी से पुराना संबंध रहा है मेरा। बहुत मानते थे हमको। इतना अच्छा काम करते थे,कभी वो रिश्ता हम नही भूल सकते ।

नीतीश कुमार ने कहा कि, अटल जी के समय में ही भाजपा का नामकरण हुआ। एनडीए नाम रखा गया। कितना अच्छा नाम हैं। 1999 में एनडीए का नामकरण हुआ। तब बहुत मिटिंग होता था। लेकिन जब हम साथ थे तो कभी मिटिंग नही हुआ। लेकिन अब जब I.N.D.I.A की बैठक हो रही है तो एनडीए का मीटिंग होने लगा है। इसी महीने 31, 1 को हमारी फिर मिटिंग होने ही वाली है। 

वहीं भाजपा के बयान सीएम दिल्ली I.N.D.I.A गठबंधन के लोगों से मिलने गए थे लेकिन उन्हें किसी ने टाइम नहीं दिया। जिससे वह वापस आ गए। इसपर सीएम ने कहा कि, किसी से मुलाकात का कोई प्लान नहीं था। वो लोग ऐसे ही बोल रहा है,कोई मतलब ही नहीं है। हमारी बातचीत तो होते ही रहती है।इसी महीने मीटिंग होने ही वाली है। कई विरोधी दल का गठबंधन हुआ तब से ये लोग परेशान है, और कुछ भी बोल रहे हैं। दिल्ली में किसी से बातचीत का कोई प्लान नहीं था,मेरा खुद का समस्या था आंख दिखाना था।

वहीं प्रशांत किशोर और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के बयान पर सीएम बोले की वो क्या बोलता है नही पता आप लोग जनता से पूछिए। संजय जयसवाल के बयान पर सीएम ने कहा कि, यहां कोई अपराधिक घटना नहीं हो रहा है। अपराधिक घटनाएं बहुत कम है। बिना मतलब का सब बोलते रहता है। मीडिया पर सब कब्जा कर लिया है। 2024 वाली लड़ाई देश के हित में होगा।

राष्ट्रीय लोक अदालत, की तैयारियों को न्यायिक पदाधिकारियों के साथ की बैठक


  

  जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में आगामी 09 सितम्बर को आयोजित होन वाले राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर द्वारा अपने प्रकोष्ठ में सभी अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, अनुमण्डलीय न्यायिक दण्डाधिकारी तथा सभी न्यायिक दण्डाधिकारी, र्प्रथम श्रेणी के साथ बैठक कर उनके द्वारा अपने-अपने न्यायालय स्तर से की गयी तैयारियों का जायजा लिया।

बैठक में सभी न्यायिक पदाधिकारियों द्वारा अपने-अपने न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों को लेकर किये गये कार्य से सचिव महोदय को अवगत कराते हुए कहा गया कि न्यायालय द्वारा बड़े पैमाने पर नोटिस तैयार कराते हुए सम्बन्धित पक्षकारो को तामिला कराने हेतु कार्रवाई की गयी है जिसका प्रतिफल ज्यादा से ज्यादा राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से वादों के निस्तारण में मिलने की संभावना है। सचिव द्वारा यह भी कहा गया कि जिन सुलहनीय वादों में नोटिस प्रेषित करने की कार्रवाई नहीं की गयी है

उन्हें विषेश रूप से चिन्ह्ति करते हुए नोटिस प्रेषित करने की कार्रवाई करें। सचिव द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए 22 दिनों का मात्र समय रह गया है ऐसी परिस्थिति में अधिक से अधिक लोगो तक नोटिस प्रेषित करने की कार्रवाई सुनिष्चित कर लिया जाए।

इस बैठक में श्री सुकुल राम, श्री सौरभ सिंह, श्रीमती माधवी सिंह, श्री योगेश कुमार मिश्रा, श्री ओम प्रकाश नारायण सिंह शोभित सौरव, श्री साद रज्जाक ने

अपने-अपने न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों को लेकर अद्यतन स्थिति से सचिव महोय को अवगत कराया गया। सचिव द्वारा आमजन से भी अपील किया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए कार्यालय से सम्पर्क स्थापित करते हुए कोई भी पक्षकार अपने सुलहनीय वादों का निस्तारण करा सकते हैं।

नीतीश कहते हैं कि मोबाइल चलाने वाले पागल हो जाएंगे, धरती का नाश होने वाला है आप क्या मनोवैज्ञानिक हैं : प्रशांत किशोर

समस्तीपुर: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने नीतीश और तेजस्वी यादव के विकास के दावों की पोल खोलते हुए समाज के लोगों से अपील की कि इन नेताओं से आप कोई अपेक्षा न करें। 

प्रशांत किशोर ने कहा कि इन नेताओं से आप क्या अपेक्षा करते हैं? तेजस्वी यादव जैसे लोग चाहते हैं कि समाज में लोग एक-दूसरे से लड़ते-झगड़ते रहें। समाज अगर पिछड़ा रहेगा तभी न जाकर 9वीं पास आदमी को लोग अपना नेता मानेंगे । 

बिहार में जो आदमी शर्ट के ऊपर गंजी पहन लिया तो लोगों को लगता है कि वही जमीनी नेता है। भले उसको भाषा और विषय का ज्ञान नहीं हो। कोई पढ़ा-लिखा आ जाए तो हम और आप बात करते हैं कि ये बिहार में नहीं चलेगा। 

पीके ने कहा कि आज देश में भष्टाचार कहां नहीं है? नेता कहां झूठ नहीं बोल रहे हैं? इसके बावजूद आज बिहार जैसी भयावह स्थिति देश के किसी दूसरे राज्य में नहीं है। क्या कोई तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल जैसे राज्यों से बिहार में आकर मजदूरी कर रहा है? मगर बिहार के लोग जानवरों की तरह ट्रेन में लदकर भेड़-बकरी की तरह मजदूरी करने जा रहे हैं। 

नीतीश कुमार को फैक्ट्री बनाने को लेकर किसी ने चर्चा करते सुना है: प्रशांत किशोर

समस्तीपुर के कल्याणपुर में पत्रकारवार्ता के दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि आपने कभी नीतीश कुमार को किसी फैक्ट्री बनाने को लेकर चर्चा करते सुना? 

नीतीश कुमार के लिए आज चर्चा का विषय क्या है? उनके लिए आज चर्चा का विषय है कि धरती का नाश होने वाला है। मोबाइल का उपयोग करने से लोग पागल हो रहे हैं। क्या यही नीतीश कुमार का काम है? 

नीतीश कुमार क्या साइकोलोजिस्ट हैं या मनोवैज्ञानिक हैं? बिहार की जनता ने जो काम नीतीश कुमार को दिया है वो तो ये कर नहीं रहे बाकी बेकार की चीजों में इनका ध्यान रहता है। दुनिया कितने दिनों तक रहेगी कब खत्म हो जाएगी इस पर बात करते हैं। 

नीतीश कुमार को अगर ध्यान से देखिएगा तो पता चलेगा कि उनपर उम्र का असर हो गया है। पिछले एक साल की उनकी पुरानी स्पीच उठाकर देख लीजिए आपको पता चल जाएगा कि वो हर बात को जलेबी की तरह घुमाते रहते हैं। बोलना कुछ चाहते हैं बोल कुछ और जाते हैं।

धीरेन्द्र की रिपोर्ट

आज व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद मे नये जजों को किया गया सम्मानित

औरंगाबाद : आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में जिला विधिक संघ औरंगाबाद के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह महासचिव नागेंद्र सिंह ने परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग और पोक्सो कोर्ट के पहली महिला जज मितु सिंह को बुके देकर सम्मानित किया। 

मीडिया प्रभारी सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि इस अवसर पर व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के बारहवें प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय पुनीत कुमार गर्ग ने बताया कि मैं बार में वकालत के उपरांत जज बना हूं।

कहा कि बार और बेंच की अच्छी तालमेल से बना मधुर सम्बन्ध पक्षकारो के लिए लाभप्रद होता है। जिससे अधिक से अधिक वाद निष्पादन हो पाता है। 

हम उम्मीद करते हैं कि 09 सितम्बर को लगने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में आपकी सहभागिता से अधिक से अधिक वाद निष्पादन होगा।

वहीं सम्मानित होने के बाद पोक्सो कोर्ट के न्यायधीश मितु सिंह ने बताया कि आज का वकालत भारतीय नारियों के लिए बहुत बड़ा सुअवसर है। 

कुछ सालों से सभी जिलों में बड़ी संख्या में महिला अधिवक्ता और न्यायिक दंडाधिकारी अपना सराहनीय योगदान दे रही है। जो महिला सशक्तिकरण में बहुत मददगार साबित होगी। 

आगे कहा कि पोक्सो कोर्ट के अधिक से अधिक वाद निष्पादन में आप सब का भरपूर सहयोग अपेक्षित है। हम काम पर विश्वास रखते हैं।

इस अवसर पर अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही उपस्थित थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की चुनाव प्रबंध समिति और संकल्प पत्र समिति की घोषणा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं

#vasundhara_raje_name_missing_from_bjp_election_committee_and_manifesto_committe_for_rajasthan

राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई है। इसी बीच राजस्थान बीजेपी ने विधानसभा चुनाव को लेकर संकल्प पत्र और प्रबंधन समिति की घोषणा कर दी है। यह घोषणा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर हुई है। इसमें बड़ी बात यह है कि राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं किया गया है।

पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह की मौजूदगी में प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने प्रदेश चुनाव प्रबंध समिति और संकल्प पत्र समिति की घोषणा की। इन दोनों समितियों में कुल 46 नेताओं को जगह दी गई। चुनाव प्रबंध समिति का संयोजक पूर्व सांसद और प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया को बनाया गया है। वहीं संकल्प पत्र समिति के संयोजन का जिम्मा केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को दिया गया। 

प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति में 21 नेताओं को जगह

प्रदेश में विधानसभा चुनावों को देखते हुए चुनाव प्रबंधन समिति में 21 नेताओं को जगह दी गई है। इसमें 1 संयोजक, 6 सह संयोजक औऱ 14 सदस्य बनाए गए हैं। इसमें नारायण पंचारिया को संयोजक, पूर्व प्रदेश महामंत्री ओंकार सिंह लखावत, सांसद राज्यवर्द्धन राठौड़, प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल, पूर्व राज्य सूचना आयुक्त सीएम मीणा और कन्हैयालाल बैरवाल को सह संयोजक बनाया गया है।

प्रदेश संकल्प पत्र समिति में 25 नेताओं को किया शामिल

विधानसभा चुनाव के लिए तैयार होने वाले घोषणा पत्र के लिए बीजेपी ने प्रदेश संकल्प पत्र (मेनिफेस्टो) समिति का गठन किया है। इस कमेटी में 1 संयोजक, 7 सह संयोजक और 17 सदस्य बनाए गए हैं। इस कमेटी की जिम्मेदारी केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल संभालेंगे। उन्हें संयोजक बनाया गया है।

वहीं, उनके साथ राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री अल्का सिंह गुर्जर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष मेहरिया, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी और पार्षद राखी राठौड़ को कमेटी में सह-संयोजक बनाया गया है।

क्या तीसरी कमेटी में मिलेगी जगह?

दोनों ही अहम समितियों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम नहीं शामिल किया गया। प्रदेश में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरों में शामिल वसुंधरा के नाम को शामिल नहीं किए जाने पर अब सियासी हलकों में चर्चाओं को दौर शुरू हो गया है। वसुंधरा राजे की चुनाव में भूमिका के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि पार्टी में कई वरिष्ठ नेता हैं, वे पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। अभी कैंपेन कमेटी के संयोजक और उसके सदस्यों की घोषणा होना बाकी है।

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे वर्तमान में पार्टी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। पिछले महीने ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा की नई टीम में भी उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर बरकरार रखा गया था। हालांकि तब भी चर्चाएं हो रही थी कि चुनावी साल में वसुंधरा को केंद्रीय टीम की बजाय प्रदेश में भूमिका क्यों नहीं दी जा रही?

नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर राहुल गांधी का मोदी सरकार पर तंज, कहा-नाम नहीं, कर्म उनकी पहचान

#rahul_gandhi_attacks_modi_governemnt_on_nehru_memorial_name_change

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदल दिया गया है। केंद्र सरकार के इस पैसले के बाद अब इसे प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय के नाम से जाना जाएगा। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलने पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। जब राहुल गांधी से इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं।

दो साल की सजा पर रोक लगने के बाद राहुल गांधी को सांसदी वापस मिली थी, जिसके बाद से ही वह आक्रामक रवैया अपना रहे हैं और लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं।दो दिनों के लेह-लद्दाख की यात्रा पर रवाना होने से पहले पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं।

बता दें कि केंद्र शासित बनने के बाद राहुल गांधी पहली बार लद्दाख के दौरे में राहुल गांधी लेह और कारगिल जाएंगे। इस दौरान वे पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे।कारगिल में अगले महीने हिल काउंसिल के चुनाव होने हैं। इस वजह से राहुल की यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वे वहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे। कारगिल हिल काउंसिल के चुनाव के लिए कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है।

राहुल गांधी से पहले भी कांग्रेस और भाजपा के बीच इस मसले को लेकर वार-पलटवार चल रहा है। इससे पहले कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नाम बदलना सरकार के ओछेपन को दिखाता है, पीएम मोदी डर और असुरक्षा से भरे नज़र आते हैं। मौजूदा सरकार का एकमात्र एजेंडा नेहरू और उनकी विरासत को गलत ठहराना और बदनाम करना ही है। लेकिन इन हमलों के बाद भी नेहरू की विरासत हमेशा जिंदा रहेगी।

स्वतंत्रतता दिवस के मौके पर नई दिल्ली के तीन मूर्ति परिसर स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (पीएमएमएल) कर दिया गया।भले ही स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदल दिया गया हो लेकिन इसका औपचारिक ऐलान जून के महीने में ही कर दिया गया था।अब इसे औपचारिक रूप दे दिया गया है। इस बारे में 15 जून 2023 को राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया था।