पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने जताई भारत से बातचीत के इच्छा, विदेश मंत्रालय ने दिया ये जवाब
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भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की खटास कम होने का नाम नहीं ले रही है। पड़ोसी देश पाकिस्तान की नापाक हसरतें इसके लिए जिम्मेदार है। हालांकि, इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में अपने एक बयान में भारत के साथ बातचीत करने की इच्छा जाहिर की थी।पाकिस्तान की मीडिया की मानें तो दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों और सन् 1947 में के बाद से हुए तीन युद्धों के बावजूद अब पीएम मूल्यवान रिश्तों को तरजीह देना चाहते हैं।इसे लेकर अब विदेश मंत्रालय की ओर से जवाब सामने आया है।
भारत ने कहा-इसके लिए आतंक मुक्त माहौल बनाना होगा
शहबाज शरीफ की भारत के साथ बातचीत को लेकर की गई टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमने रिपोर्ट देखी है। भारत का रुख इस बात पर कायम है कि हम सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहते हैं...लेकिन इसके लिए एक आतंक मुक्त माहौल बनाना होगा। अन्यथा शत्रुता अनिवार्य रूप से कायम रहेगी।
पाकिस्तान ने कहा- युद्ध अब कोई विकल्प नहीं
इससे पहले इस्लामाबाद में मिनरल समिट के ओपनिंग सेरेमनी को संबोधित करते हुए शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान ने पिछले 75 वर्षों में भारत के साथ तीन युद्ध लड़े हैं। इन युद्धों की वजह से मुल्क को सिर्फ गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा, खराब स्वास्थ्य व्यवस्था और संसाधनों की कमी झेलनी पड़ी है। शहबाज ने कहा, 'हम हर किसी के साथ बात करने के लिए तैयार हैं, यहां तक कि अपने पड़ोसी के साथ भी। मगर शर्त बस यह है कि पड़ोसी मेज पर गंभीर मुद्दों पर बात करे क्योंकि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है।
वार्ता के साथ पाक के परमाणु संपन्न होने की दिलाई याद
शहबाज एक तरफ तो वार्ता की बात कर रहे थे तो दूसरी तरफ वह यह याद दिलाना भी नहीं भूले कि पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति से लैस देश है।शहबाज शरीफ ने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान परमाणु संपन्न देश है। उन्होंने कहा कि यह आक्रामक होने के लिए नहीं बल्कि खुद की रक्षा के लिए है। हम नहीं चाहते कि कभी परमाणु युद्ध की नौबत आए। उन्होंने कहा कि युद्ध से किसी का कोई भला नहीं होता।
पहले भी दे चुके हैं ऐसा बयान
शहबाज ने इसी तरह का बयान इस साल की शुरुआत में दिया था। दुबई के अरेबिक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में शहबाज ने कहा था कि भारत के साथ तीन युद्धों के बाद पाकिस्तान ने सबक सीख लिया है और वह भारत के साथ शांति से रहना चाहता है।शरीफ ने कश्मीर जैसे कई और मुद्दों पर भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से ईमानदारी के साथ वार्ता की अपील की थी। अगस्त 2019 में जब भारत ने जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया था तब से ही पाकिस्तान के साथ बातचीत बंद है। द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ा है और राजनयिक स्तर पर भी कोई प्रगति नहीं हुई है।
Aug 03 2023, 20:16