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कूनो में नहीं रुक रहा चीतों की मौत का सिलसिला, नामीबिया से लाई गई मादा चीता ने तोड़ा दम, पिछले चार महीने में नौ की गई जान

#kunonationalparkanotherfemalecheetahdied 

मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को एक और मादा चीता की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि मादा चीता तब्लीशी पार्क में मृतक पाई गई।यहां पिछले चार महीनों में 9 चीतों की मौत हो चुकी है। इनमें से 6 वयस्‍क जबकि 3 शावक हैं।

राज्य के वन विभाग की ओर से जारी बयान में एक और चीते के मौत की जानकारी दी गई। कूनो नेशनल पार्क में आज सुबह मादा चीता 'धात्री' मृत पाई गई। उसकी मौत कैसे हुई इसका अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। मौक के मामले पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि दो दिनों से चीते का लोकेशन नहीं मिल रहा था। पार्क प्रबंधन उसकी तलाश में जुटा हुआ था। आज कूनो के बाहरी इलाके में चीते की बॉडी मिली।

9 चीतों की हो चुकी है मौत

कूनो नेशनल पार्क में बीते 4 महीने में अब तक 6 चीतों और तीन शावकों समेत कुल 9 चीतों की मौत हो चुकी है। फिलहाल कूनो नेशनल पार्क में अब 14 चीते और एक शावक ही बचा है। जिससे इस प्रोजेक्ट को लेकर भी अब पार्क प्रबंधन की परेशानियां बढ़ गई हैं।

हर चीते के मौत की अलग-अलग वजह

बता दें कि अब तक कूनों में जिन चीतों की मौत हुई है, उनमें सबके अलग-अलग कारण रहे हैं। कुछ चीते आपसी झगड़े के बाद बुरी तरह से घायल हो गए थे। जबकि कुछ चीते डिहाइड्रेशन का शिकार हुए थे। इसके अलावा हाल ही में एक चीते की मौत की वजह गले में लगी कॉलर आईडी की वजह से हुआ इन्फेंशन भी था।

राजेंद्र गुढ़ा ने जारी किए ‘लाल डायरी’ के अंश, सीएम गहलोत के बेटे का नाम लेकर लगाए गंभीर आरोप, कहा-मुझे माफी मांगने के लिए बनाया जा रहा दबाव

#rajendragudhareleaselaldiarysomeparts 

राजस्थान सरकार से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा इन दिनों अपनी लाल डायरी को लेकर खासे चर्चा में हैं। झुंझुनूं की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट के विधायक राजेंद्र गुढ़ा की लाल डायरी ने राजस्थानी की सियासत में तूफान मचा दिया है। अब लाल डायरी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है।दरअसल, बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने बुधवार को अपने घर पर मीडिया से बातचीत में विवादास्पद लाल डायरी के कुछ अंश जारी किए हैं।

सीएम के बेटे का नाम लेकर किया आरसीए में करप्शन का जिक्र

प्रेसवार्ता में गुढ़ा ने कहा,’लाल डायरी में जो तथ्य थे, उसके कुछ अंश मैं आपके सामने रख रहा हूं।’ इस दौरान उन्होंने धर्मेंद्र राठौड़ की हैंड राइटिंग दिखाई। राजेंद्र गुढ़ा ने कहा,’डायरी में लिखा है राजस्थान क्रिकेट संघ( आरसीए) को लेकर मेरी वैभव से बात हुई। भवानी सामोता किस तरह तय करके लोगों को अब तक पैसा नहीं दे रहा। सामोता ने वादा पूरा नहीं किया। डायरी में सौभाग का भी नाम है।

बता दें कि उन्होंने जिस डायरी के अंश जारी किए हैं। उसमें सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और राजस्थान क्रिकेट संघ के सचिव और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के करीबी भवानी सामोता का जिक्र है।

मीडिया में समय-समय पर जानकारी देने की बात

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि विधासनभा में डायरी को टेबल पर रखना चाहता था, मेरे खिलाफ झूठे मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं। राजेंद्र गुढ़ा ने आगे कहा कि मैं इस डायरी को विधानसभा की पटल पर रखना चाहता था जिससे सारे तथ्य आधिकारिक रूप से सामने आ जाएं। उन्होंने कहा कि मेरे विश्वस्त के पास डायरी की पूरी डिटेल है। उन्होंने कहा कि अगर मुझे जेल में डाल दिया जाता है तो मीडिया के सामने समय-समय पर जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार मुझ पर दबाव बना रही है। गुढ़ा ने कहा कि मुझे माफी मांगने के लिए सरकार की ओर से दबाव बनाया गया। 

आरटीडीसी के चैयरमेन धर्मेंद्र राठौड़ की लिखावट का दावा

गुढ़ा ने कहा कि सरकार मुझे ब्लैकमेल कर रही है। मंत्री ने दावा किया कि डायरी में सीएम के करीबी और आरटीडीसी के चैयरमेन धर्मेंद्र राठौड़ की लिखावट है। डायरी में आरसीए को लेकर लेनदेन की बातें कोडवर्ड में हैं। इसके अलावा सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के सचिव को लेकर भी बातें लिखी गई हैं।

24 जुलाई को सदन में लहराई थी लाल डायरी

बता दें कि मानसून सत्र के पहले चरण में राजेंद्र गुढ़ा ने सदन में मणिपुर हिंसा पर चर्चा के दौरान राजस्थान में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर अपनी ही सरकार निशाना साधा था। इसके बाद सीएम गहलोत ने उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद वे 24 जुलाई को कथित लाल डायरी लेकर सदन पहुंचे थे और उसे विधानसभा पटल पर रखने की मांग कर रहे थे। इसके बाद स्पीकर के आदेश पर गुढ़ा को सदन से निष्कासित कर दिया गया था।

दिल्ली अध्यादेश कानून बिल पर राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा, लोगों को गुलाम बनाने और लोकतांत्रिक अधिकार छिनने के लिए ये कानून लेकर आई है भाजपा


आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश कानून बिल के पेश होने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि, 'दिल्लीवाले सीएम अरविंद केजरीवाल से बहुत प्यार करते हैं। इसलिए ही 10 साल से उन्हें हर बार वोट देते आए हैं। ये राष्ट्र विरोधी बिल है, जो इस बिल के समर्थन करेंगे, देश उन्हें राष्ट्र विरोधी के नाम से याद रखेगा. जो बिल के खिलाफ हैं वो देशभक्त कहलाएंगे।

विपक्षी दल INDIA को लेकर भी बोले चड्ढा

राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA को लेकर कहा कि सभी सांसद एकजुट है। राज्यसभा में कांटे की टक्कर होने वाली है। हम देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए ये लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि ये मात्र एक छोटे से बिल पर मतदान की बात नहीं है। बल्कि ये एक धर्मयुद्ध है, जिसमें धर्म हमारे साथ है और अच्छाई हमारे साथ है, सत्य हमारे साथ है अधर्म बुराई और असत्य बीजेपी के खेमें में है और जब धर्म आपके साथ हो तो इस ब्रह्मांड की तमाम शक्तियां जिताने में लग जाती है। वहीं राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने के लिए उनका लोकतांत्रिक अधिकार छिनने के लिए बीजेपी ये कानून लेकर आई है।

संजय सिंह ने भी बीजेपी सरकार को घेरा

वहीं आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश कानून बिल को पेश करने को लेकर कहा कि देश के संविधान और लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। राज्यसभा में यह बिल गिर जाएगा। संजय सिंह ने दावा किया है कि राज्यसभा में विधेयक के विरोध में मतदान करने वाले दलों के पास पर्याप्त संख्या बल है। उन्होंने दिल्ली अध्यादेश को विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसले, संविधान और देश के संघीय ढांचे के खिलाफ बताया है।

रैली और प्रदर्शन पर कोई रोक नहीं, बस भड़काऊ भाषण नहीं दिया जाए, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए, पढ़िए, देश की सबसे बड़ी अदालत ने और क्या दिया अहम


मेवात में हिंसा के बाद दिल्ली में हो रहे प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। अदालत में अर्जी दायर कर कहा गया था कि दिल्ली में नूंह हिंसा के बाद हो रहे प्रदर्शन और रैली पर रोक लगाई जाए। अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण ना दिया जाए। अदालत ने यह भी कहा कि धारा-144 समेत अन्य उपाय अपनाए जा सकते हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी और हरियाणा सरकार को नोटिस भी भेजा है। अदालत ने कहा है कि संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और वीडियोग्राफी कराई जाए। इस मामले पर सुनवाई के दौरान देश की सबसे बड़ी अदालत ने दिल्ली में प्रदर्शन और रैली पर रोक नहीं लगाई। अदालत ने कहा कि रैली, प्रदर्शन के दौरान किसी भी समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण ना दिया जाए। अदालत ने कहा है कि यह आदेश सभी राज्यों पर लागू होगा।

अदालत में याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील सी. यू सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली में 23 स्थानों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। इसपर अदालत ने कहा है कि हेट स्पीच नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भाटी की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की है। अदालत ने याचिका पर सुनवाई के दौरान रैली, प्रदर्शन पर तो रोक नहीं लगाई लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की जाए। इस मामले में अब अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी।

देश की सबसे बड़ी अदालत में जो याचिका लगाई गई थी उसमें यह भी कहा गया था कि वीएचपी और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाई जाए क्योंकि इससे तनाव और भी ज्यादा बढ़ सकता है और माहौल बिगड़ सकता है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने अहम निर्देश दिेये हैं। अदालत ने कहा है कि कानून व्यवस्था को सुनिश्चित करना पुलिस का काम है। अदालत ने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जानमाल का नुकसान ना हो।

अदालत में तुरंत सुनवाई को लेकर शाहीन अबदुल्ला ने यह याचिका अदालत में लगाई थी। इस याचिका में देश के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष यह गुहार लगाई गई थी कि देश भर में हेट स्पीच पर रोक लगे और यह भी अपील की गई थी कि कुछ प्रदर्शन को लेकर तुरंत सुनवाई की जाए क्योंकि इन प्रदर्शनों से दो समुदायों के बीच तनाव फैल सकता है। अदालत की बेंच ने इस याचिका पर कहा कि कोई हेट स्पीच और कोई हिंसा खासकर महिलाओं के खिलाफ कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए। 

वरिष्ठ वकील सी यू सिंह ने अदालत का ध्यान इस बात पर दिलाया कि शाम को कुछ बैठकें भी होनी हैं। अदालत को बताया गया कि नूंह और गुरुग्राम में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। रैलियों की वजह से जान माल का नुकसान हो सकता है। जिसपर अदालत ने प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जानमाल का नुकसान नहीं हो।

बता दें कि सोमवार को हरियाणा के नूंह में एक धार्मिक यात्रा के दौरान हिंसा फैली थी। इस दौरान कई जगहों पर सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं और आगजनी भी की गई थी। इसके बाद देखते ही देखते यह हिंसा गुरुग्राम, फरीदाबाद और पलवल तक पहुंच गई। इस हिंसा में कुल 6 लोगों की जान अब तक जा चुकी है। इसके अलावा कई लोग घायल भी हुए हैं। मृतकों में एक इमाम के अलावा होम कार्ड के जवान भी शामिल हैं। बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की भी मौत हो चुकी है। 

दिल्ली में वीएचपी का प्रदर्शन

इसी नूंह हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में बुधवार को जमकर प्रदर्शन किया है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली की सड़क पर हनुमान चालीसा भी पढ़ा और जय श्री राम के नारे लगाए। इस प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये थे।

SIT का गठन

हरियाणा पुलिस प्रमुख पी के अग्रवाल ने बुधवार को यहां कहा कि राज्य में साम्प्रदायिक हिंसा के मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा और इसमें बजरंग दल के सदस्य मोनू मानेसर की भूमिका की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम पूरी तरह सुरक्षित है और हिंसा की कोई खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों को नूंह में तैनात किया गया और पुलिस बल को प्रशासन के आदेशों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया गया है।

*नूंह हिंसा के विरोध में बजरंग दल और विहिप की रैलियों पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, यूपी, हरियाणा, दिल्ली सरकार को नोटिस*

#nuhviolencesupremecourtonvhpbajrangdalrallies 

हरियाणा के नूंह जिले में हिंसा फैलने के बाद देश के अलग-अलग जगहों पर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद द्वारा निकाली जा रही रैलियों को रोकने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसपर दो जजों की पीठ ने सुनवाई की। रैलियों पर रोक की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को बड़ा निर्देश दिया। कोर्ट ने आज हो रही रैली और प्रदर्शन पर रोक लगाने से इनकार करते हुए हरियाणा सरकार और राज्य की पुलिस से कहा कि ये सुनिश्चित किया जाए कि किसी तरह की हिंसा ना हो और ना ही कोई हेट स्पीच हो। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, हरियाणा, दिल्ली सरकार को भी नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को करने का फैसला किया है।

हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद आज दिल्ली में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन और रैली निकाल रहा है। इन रैलियों पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल दिल्ली में 23 जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। याचिका में इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की। 

विरोध प्रदर्शनों की वीडियोग्राफी कराने का निर्देश

याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया लेकिन कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ बयानबाजी या कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह सुनिश्चित करें कि सर्वोच्च अदालत के 21 अक्तूबर, 2022 के फैसले (हेट स्पीच) के दिशानिर्देशों का अनुपालन करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हेट स्पीच पर हमारा 11 सदस्यीय पीठ का फैसला है। कोर्ट ने सीसीटीवी कैमरों से विरोध प्रदर्शनों की निगरानी करने और वीडियोग्राफी के निर्देश दिया और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती का भी निर्देश दिया। 

बता दें कि मंगलवार को हरियाणा के नूंह में एक धार्मिक यात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसा हो गई थी। हिंसा में छह लोगों की जान गई है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। नूंह, मेवात, गुरुग्राम और आसपास के इलाकों में अभी भी तनाव बना हुआ है।

राजेंद्र गुढ़ा ने जारी किए ‘लाल डायरी’ के अंश, सीएम गहलोत के बेटे का नाम लेकर लगाए गंभीर आरोप, कहा-मुझे माफी मांगने के लिए बनाया जा रहा दबाव*

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राजस्थान सरकार से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा इन दिनों अपनी लाल डायरी को लेकर खासे चर्चा में हैं। झुंझुनूं की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट के विधायक राजेंद्र गुढ़ा की लाल डायरी ने राजस्थानी की सियासत में तूफान मचा दिया है। अब लाल डायरी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है।दरअसल, बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने बुधवार को अपने घर पर मीडिया से बातचीत में विवादास्पद लाल डायरी के कुछ अंश जारी किए हैं।

सीएम के बेटे का नाम लेकर किया आरसीए में करप्शन का जिक्र

प्रेसवार्ता में गुढ़ा ने कहा,’लाल डायरी में जो तथ्य थे, उसके कुछ अंश मैं आपके सामने रख रहा हूं।’ इस दौरान उन्होंने धर्मेंद्र राठौड़ की हैंड राइटिंग दिखाई। राजेंद्र गुढ़ा ने कहा,’डायरी में लिखा है राजस्थान क्रिकेट संघ( आरसीए) को लेकर मेरी वैभव से बात हुई। भवानी सामोता किस तरह तय करके लोगों को अब तक पैसा नहीं दे रहा। सामोता ने वादा पूरा नहीं किया। डायरी में सौभाग का भी नाम है।

बता दें कि उन्होंने जिस डायरी के अंश जारी किए हैं। उसमें सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत और राजस्थान क्रिकेट संघ के सचिव और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के करीबी भवानी सामोता का जिक्र है।

मीडिया में समय-समय पर जानकारी देने की बात

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि विधासनभा में डायरी को टेबल पर रखना चाहता था, मेरे खिलाफ झूठे मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं। राजेंद्र गुढ़ा ने आगे कहा कि मैं इस डायरी को विधानसभा की पटल पर रखना चाहता था जिससे सारे तथ्य आधिकारिक रूप से सामने आ जाएं। उन्होंने कहा कि मेरे विश्वस्त के पास डायरी की पूरी डिटेल है। उन्होंने कहा कि अगर मुझे जेल में डाल दिया जाता है तो मीडिया के सामने समय-समय पर जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार मुझ पर दबाव बना रही है। गुढ़ा ने कहा कि मुझे माफी मांगने के लिए सरकार की ओर से दबाव बनाया गया। 

आरटीडीसी के चैयरमेन धर्मेंद्र राठौड़ की लिखावट का दावा

गुढ़ा ने कहा कि सरकार मुझे ब्लैकमेल कर रही है। मंत्री ने दावा किया कि डायरी में सीएम के करीबी और आरटीडीसी के चैयरमेन धर्मेंद्र राठौड़ की लिखावट है। डायरी में आरसीए को लेकर लेनदेन की बातें कोडवर्ड में हैं। इसके अलावा सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के सचिव को लेकर भी बातें लिखी गई हैं।

24 जुलाई को सदन में लहराई थी लाल डायरी*

बता दें कि मानसून सत्र के पहले चरण में राजेंद्र गुढ़ा ने सदन में मणिपुर हिंसा पर चर्चा के दौरान राजस्थान में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर अपनी ही सरकार निशाना साधा था। इसके बाद सीएम गहलोत ने उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद वे 24 जुलाई को कथित लाल डायरी लेकर सदन पहुंचे थे और उसे विधानसभा पटल पर रखने की मांग कर रहे थे। इसके बाद स्पीकर के आदेश पर गुढ़ा को सदन से निष्कासित कर दिया गया था।

*हरियाणा में हिंसा के बाद कैसे हैं हालात, सीएम मनोहर लाल खट्टर ने दी जानकारी*

#nuh_violence_how_is_situation_after_violence_cm_khattar_gave_update 

हरियाणा के नूंह में सोमवार को एक धार्मिक जुलूस के दौरान शुरू हुई हिंसा की आग आसपास के इलाकों में भी फैल गई। फिलहाल हालात काबू में है। बड़े पैमाने पर पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया है। इस बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने हिंसा के बाद के हालात की जानकारी दी है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि नूंह की घटना में 6 लोगों की मौत हुई है जिसमें 2 होमगार्ड और 4 आम नागरिक हैं।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हिंसा को लेकर जानकारी दी है और बताया है कि जिन जगहों पर हिंसा की घटनाएं हुई, वहां अब कैसे हालात हैं।खट्टर ने बताया कि नूंह में झड़प के बाद अन्य स्थानों पर हिंसा की घटनाएं हुईं जिनपर काबू पा लिया गया है। उन्होंने कहा कि साजिशकर्ताओं की पहचान की जा रही है, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आम लोगों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस की 30 कंपनी और केंद्रीय सुरक्षा बल की 20 कंपनियों को तैनात किया गया है। केंद्रीय सुरक्षा बल की 20 कंपनी में से 3 पलवल, 2 गुरुग्राम, 1 फरिदाबाद और 14 कंपनी नूंह में तैनात हैं। 

खट्टर ने बताया कि राज्य में सांप्रदायिक हिंसा में दो होम गार्ड समेत छह लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि घायलों को नूंह के नलहड़ और गुरुग्राम के मेदांता सहित विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हिंसा के मामले में अभी तक 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। खट्टर ने कहा-मेरी जनता से अपील है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी तरह की घटना को आगे न बढ़ने दें।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नूंह हिंसा को 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया है और कहा है कि विश्व हिंदू परिषद की यात्रा पर हमला सुनियोजित था, जो एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है। उन्होंने कहा, 'सुनियोजित और षडयंत्र पूर्ण तरीके से नूंह में सामाजिक यात्रा को भंग करने के लिए आक्रमण किया गया और पुलिस को भी निशाना बनाया गया, जो बड़ी साजिश की तरफ इशारा करता है।

*देवदास-जोधा अकबर के आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई ने की आत्महत्या, स्टूडियो में फांसी के फंदे पर लटकता मिला शव*

#famousartdirectornitindesaihascommitted_suicide 

बॉलीवुड से एक बार फिर गमगीन करने वाली खबर सामने आ रही है।मशहूर आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई ने खुदकुशी कर ली है। नितिन ने मुंबई से लगभग 80किमी दूर कर्जत इलाके में बने एनडी स्टूडियो में फांसी लगाकर खुदकुशी की है। रिपोर्ट्स की माने तो नितिन आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे।

नितिन देसाई की बॉडी स्टूडियो में मिलने के बाद वहां के स्टाफ ने पुलिस को इस बात की सूचना दी। अब पुलिस उसके अनुसार आगे की कार्रवाई कर रही है।खबरों के अनुसार आत्महत्या के दो दिन पहले तक वह स्टूडियो में थे। कल तक उन्होंने अपनी टीम को आगामी प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी भी दी थी, लेकिन आज सुबह से उन्होंने किसी का फोन नहीं उठाया तो कर्मचारियों ने इसकी जानकारी एनडी स्टूडियो के अधिकारियों को दी। इसके बाद उन्होंने दरवाजा तोड़ा और पुलिस को इसकी सूचना दी।

एडवर्टाइजिंग एजेंसी ने लगाया था धोखाखड़ी का आरोप

कुछ दिन पहले उनपर एक एडवर्टाइजिंग एजेंसी ने धोखाखड़ी का आरोप लगाया था।एक एजेंसी ने उन पर 3 महीने तक काम करवाने के बाद पैसा नहीं देने का आरोप लगाया था। रिपोर्ट्स की माने तो ये रकम करीब 51 लाख रुपए थी। हालांकि नितिन ने इन आरोपों को गलत ठहराया था।

चाण्क्य और तमस जैसे धारावाहिकों से शुरू किया था करियर

बता दें कि नितिन देसाई मशहूर कला निर्देशक होने के साथ-साथ निर्माता, निर्देशक और अभिनेता भी थे। नितिन देसाई मराठी और हिंदी सिनेमा का एक बड़ा नाम थे। नितिन देसाई ने चाण्क्य और तमस जैसे धारावाहिकों से अपने करियर की शुरुआत की थी और उन्हें पहली बार '1942 ए लव स्टोरी' में उनके काम के लिए नोटिस किया गया। नितिन ने कई बेहतरीन फिल्में इंडस्ट्री को दी हैं। इनमें से कुछ हम दिल दे चुके सनम, लगान, जोधा अकबर और प्रेम रतन धन पायो शामिल हैं। नितिन ने इस फिल्मों के सेट डिजाइन किए थे। इन सभी फिल्मों में भव्य सेट दिखाए गए थे जिसकी हर बार तारीफ की जाती है।

चार बार जीता नेशनल अवॉर्ड

नितिन देसाई ने कला निर्देशन के लिए चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों भी जीते हैं। उन्हें बेस्ट आर्ट डायरेक्शन के लिए इन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। इनमें साल 1999 में उन्हें डॉ. आम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार भी शामिल है। इसके साथ ही उन्हें ‘हम दिल दे चुके सनम’, ‘लगान’ और ‘देवदास’ के लिए सम्मानित किया गया था। आखिरी बार उन्होंने ‘पानीपत’ फिल्म के लिए काम किया।

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मास्टरमाइंड सचिन को लाया गया भारत, फर्जी पासपोर्ट के जरिये भाग गया था विदेश

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मुख्य आरोपित सचिन बिश्नोई उर्फ सचिन थापन को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल अजरबैजान प्रत्यर्पित कर भारत ले आई है। अब सचिन को भारत प्रत्यर्पित होने से इस मामले में सिंगर की हत्या की पीछे की वजह का खुलासा हो सकता है।

जानकारी के अनुसार,पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता सचिन बिश्नोई को दिल्ली ले आया गया है। उसे सोमवार देर रात दिल्ली लाया गया। दिल्ली पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस की टीम उसे लाने के लिए अजरबैजान गई थी। इससे पहले तीन मई को स्पेशल सेल की टीम ने कुख्यात गैंगेस्टर दीपक पहल उर्फ बॉक्सर को सिंगापुर से प्रत्यर्पण पर भारत लाया था।

अजरबैजान गई थी दिल्ली पुलिस की टीम

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड को लेकर केंद्रीय एजेंसियों व पुलिस की जांच में सचिन बिश्नोई का नाम मुख्य आरोपित के तौर पर सामने आया था, जिसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश में थी। बता दें कि सचिन बिश्नोई गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भांजा है।

सिद्धू मूसेवाला की हत्या से ठीक पहले वह लारेंस का भांजा सचिन और भाई अनमोल फर्जी पासपोर्ट की मदद से विदेश भाग गए थे। एक पार्टी का वीडियो लीक होने के बाद पिछले साल सचिन को अजरबैजान में डिटेन किया गया था। सचिन, अनमोल ने ही कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ से मिलकर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की प्लानिंग की थी। सचिन के भारत आने के बाद मामले में कई खुलासे होने की उम्मीद है।

UAE से किया विक्रम बराड़ को गिरफ्तार

इस मामले में पंजाब पुलिस की ओर से कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका है लेकिन मुख्य आरोपित जो विदेशों में बैठे है उन्हें वापस लाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के साथ प्रयास किए जा रहे है। ध्यान रहे कि पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में लॉरेंस बिश्नोई के बेहद खास गुर्गे विक्रम बराड़ को यूएई से गिरफ्तार किया था।

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने सीमा हैदर मामले में दी प्रत‍िक्रि‍या, बोले, दो देशों का मामला, सुरक्षा एजेसियों की रिपोर्ट के ब

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने सीमा हैदर मामले में प्रत‍िक्रि‍या दी है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में सीएम योगी से पूछा गया, क्‍या सीमा हैदर का मामला र‍िवर्स लव ज‍िहाद है? इस सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा, ‘दो देशों से जुड़ा हुआ मामला है। सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को देख रही हैं। उनके द्वारा जो भी रिपोर्ट दी जाएगी, उसके आधार पर विचार किया जाएगा।’

सच‍िन के प्‍यार में भारत आई सीमा

पाकिस्तान के कराची की रहने वाली सीमा हैदर पब्जी गेम खेलने के दौरान नोएडा के सचिन के संपर्क में आ गई थी। दोनों में प्यार हो गया था। अपने प्यार को पाने के लिए सीमा हैदर अवैध तरीके से नेपाल के रास्ते भारत की सीमा में प्रवेश करके रबूपुरा आकर रहने लगी।

पुल‍िस ने की थी पूछताछ

पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज द‍िया था। हालांक‍ि, दो दिन बाद ही कोर्ट ने दोनों को जमानत पर रिहा कर दिया। यूपी एटीएस ने भी सीमा और सचिन के साथ उसके पिता नेत्रपाल से पूछताछ की थी।

सीमा ने कहा- सच‍िन के साथ ही रहूंगी

सीमा का कहना है क‍ि वह स‍िर्फ सच‍िन से प्‍यार की खाति‍र भारत आई है और अब वह यहीं रहेगी। नेपाल के रास्ते भारत आई सीमा को अभी भारतीय नागरिकता मिलने पर फैसला होना बाकी है। इससे पहले ही सीमा ने अपने आप को भारतीय मानना शुरू कर दिया है। सीमा ने ‘मेरा भारत महान’ का बैज लगाकर खुद का वीडियो इंस्टग्राम पर वायरल किया है, जिसके बैकग्राउंड में देश भक्ति गीत बज रहा है।