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उड़ान हौसलों की : IIT, IIM की डिग्री के बिना लड़की ने किया कमाल, एक कॉलेज से किया बीटेक और पाया 85 लाख का पैकेज


नयी दिल्ली : प्रायः ऐसा सुना और देखा गया है कि IIT, IIM से पढ़ने वालों को अक्‍सर लाखों के पैकेज के जॉब ऑफर मिलते हैं, लेकिन राशि बग्गा ने बिना आईआईटी, आईआईएम से पढ़े जानी-मानी कंपनी में 85 लाख के पैकेज पर जॉब हसिल की है. इस संस्थान का प्लेसमेंट रिकॉर्ड भी लगातार 5वें साल 100 फीसदी रहा है. राशि ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, नया रायपुर, IIIT NR से बीटेक किया है.  

इस साल प्लेसमेंट में एवरेज CTC 16.5 लाख रहा 

देखा गया है कि बीटेक और एमबीए जैसे कोर्स के लिए अधिकतर छात्रों की पसंद आईआईटी, आईआईएम ही होते हैं. क्योंकि माना जाता है कि इन कॉलेजों से पास आउट होने पर मोटे-तगड़े पैकेज पर सैलरी मिलती है. लेकिन बिना आईआईटी, आईआईएम से पढ़े ही एक छात्रा ने 85 लाख का सैलरी पैकेज हासिल किया है. इस स्टूडेंट का नाम हैं राशि बग्गा, जिन्हें एक जानी-मानी कम्पनी ने 85 लाख के पैकेज पर जॉब ऑफर किया है.

राशी ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, नया रायपुर, IIIT NR से बीटेक किया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राशि, संस्थान के कैंपस प्लेसमेंट में मिल रहे ऑफर से संतुष्ट तो थीं, लेकिन उन्होंने और एक्सप्लोर करने का निर्णय लिया और अंत में उन्हें सफलता मिल ही गई.

100 फीसदी रहा प्लेसमेंट

रिपोर्ट में बताया गया है कि IIIT NR के ग्रेजुएशन बैच में लगातार 5वें साल 100 फीसदी प्लेसमेंट रिकॉर्ड किया गया. इस साल जिस कंपनी ने राशि का चयन किया है, उसी ने पिछले साल भी यहां की छात्रा को प्लेसमेंट में 57 लाख का पैकेज ऑफर किया था. जोकि उस बैच का सबसे अधिक पैकेज था. वहीं एक और बैचमेट को 56 लाख का सैलरी पैकेज ऑफ़र किया गया था. आईआईआईटी एनआर के अनुसार इस साल प्लेसमेंट में एवरेज CTC 16.5 लाख रहा.

अजब - गजब : भारत का रहस्‍यमयी गुरुद्वारा, जहां कुदरत की मदद से बनता है लंगर, वैज्ञानिक भी हैरान


कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) : भारत में रहस्‍यमयी जगहों की कोई कमी नहीं है। हर प्रदेश, हर पर्यटन स्‍थल और हर जगह का अपना एक इतिहास है। इस बार हम ऐसी ही एक रहस्‍यमयी जगह की बात करने जा रहे हैं, जहां गुरुद्वारे में होने वाले लंगर का भोजन कुदरत की मदद से बनता है।

इस जगह के बारे में सबसे बड़ा रहस्‍य ये है कि, यहां पर जो कुंड है उसका पानी पूरे साल खौलता रहता है। गर्मी हो, बरसात हो या कड़ाके की ठंड हो इस चमत्‍कारी कुंड पर किसी मौसम का कोई असर नहीं पड़ता है। इसका पानी अपने स्‍वरूप के अनुसार खौलता ही रहता है। इस चमत्‍कारी कुंड का इतिहास जानने के लिए दूर-दूर से वैज्ञानिक आते हैं और जब उन्‍हें इस खौलते पानी का स्रोत नहीं मिलता है तो उनका सिर भी चकरा जाता है। 

गुरुद्वारा मणिकरण साहब

हम बात कर रहे हैं, गुरुद्वारा मणिकरण साहब की जो कि हिमाचल प्रदेश के कुल्‍लू में स्थित है। ये गुरुद्वारा पार्वती घाटी के बीच मौजूद झरने की वजह से काफी ज्‍यादा फेमस है। यही वो स्‍थान है जहां झरने से आने वाला पानी पूरे साल खौलता रहता है। ये पानी इतना गर्म होता है कि, सेवादार इसका प्रयोग लंगर का भोजन बनाने में करते हैं। माना जाता है कि, कुदरत खुद लंगर बनाने में सहयोग करने आती है। बता दें कि, 1760 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस गुरुद्वारे को देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। इस स्‍थान से कुल्लू शहर की दूरी 35 किमी है।

दो कथाएं हैं प्रचलित

गुरुद्वारे के मणिकर्ण नाम के पीछे दो कथाएं प्रचलित हैं। पहली कथा ये है कि, माता पार्वती और भगवान शिव ने इस स्‍थान पर 11 हजार साल तक तपस्‍या की थी। यहां पर निवास के दौरान माता पार्वती का कीमती रत्‍न यानी मणि गिर गया था। जिसे ढूंढ़ने के लिए भगवान शिव ने अपने गणों को आदेश दिया। काफी प्रयासों के बाद भी जब उन्‍हें मणि नहीं मिला तो वे क्रोधित हो गए और उनका तीसरा नेत्र खुल गया। इस पर वहां नैना देवी शक्ति प्रकट हुईं और उन्‍होंने बताया कि, मणि पाताल लोक में जा गिरा है वहां शेषनाग के पास है। उसके बाद भगवान शिव के गण उसे शेषनाग के पास से ले आए। इस पर शेषनाग क्रोधित हो गया और उसकी फुफकार से गर्म पानी की धारा प्रवाहित हुई।

सिखों की मान्‍यता

सिखों में मान्‍यता है कि, गुरु नानक देव जब अपने पांच शिष्यों के साथ इस स्‍थान पर आए तो लंगर के लिए उन्‍हें सामग्री चाहिए थी। उन्‍होंने अपने शिष्य मर्दाना को एक बड़ा पत्‍थर, दाल और आटा मांग कर लाने के लिए कहा। किंवदंती है कि, मर्दाना ने जब पत्‍थर को उठाया तो वहीं से गर्म पानी की एक धारा बहने लगी और आज भी निरंतर प्रवाहित हो रही है। 

मोक्षदायिनी स्‍थान

इस स्‍थान को मोक्षदायिनी स्‍थान माना जाता है। लोगों का कहना है कि, ये स्‍थान न केवल हिन्‍दू बल्कि सिख भाइयों के लिए भी धार्मिक महत्व रखता है। यहां मौजूद कुंड में यदि स्नान किया जाए तो मोक्ष की प्राप्ति होती है। बता दें कि, कुंड के गर्म पानी में लंगर के भोजन का चावल और दाल उबाला जाता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की विधायकों को सीख "मैं "और "मेरा" से ऊपर उठकर मेरा देश, मेरी जनता, मेरे लोग "हमारे" की रखें सोच


राजस्थान विधानसभा में आज का दिन एक ऐसे इतिहास का साक्षी बना जो आने वाले समय में हमेशा याद रखा जाएगा. आजादी के बाद राजस्थान विधानसभा के विधायकों को देश की राष्ट्रपति ने पहली बार संबोधित किया. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राजस्थान के स्वाभिमान के प्रतीक महाराणा प्रताप महाराणा सांगा को तो याद किया ही इसके साथ ही उन्होंने राणा पूंजा और गोविंद गुरु को भी याद किया.अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने प्रदेश के विधायकों को सीख भी दी. 

उन्होंने कहा कि 7 करोड़ जनता जिन 200 विधायकों पर भरोसा करती है, उन्हें अपनी जनता के विकास के लिए नियम बनाने और "मैं" की जगह "हमारा" की भावना रखनी चाहिए. यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि "उसने क्या किया" बल्कि यह सोचना चाहिए कि जनता ने हमें चुनाव जीता कर विधानसभा में भेजा है. तो मैंने और हम सब ने संगठित होकर जनता के लिए क्या किया ?

राष्ट्रपति ने विधायकों से कहा कि राजस्थान की जनसंख्या 7 करोड़ से ज्यादा है और केवल 200 विधायक हैं. उन्होंने कहा कि जनता कभी एक बार, कभी दो बार, तो कभी जिंदगी भर जनप्रतिनिधि बनाकर आपको इस विधान सभा में भेजती है. आप भी इस विधानसभा को गौरवान्वित करते हैं मतलब साफ है कि जनता आपसे कितना प्यार करती है. राष्ट्रपति ने कहा कि जनता जनप्रतिनिधियों से इतनी प्रभावित होती है कि कभी-कभी उनकी हर बात को फॉलो करती है. उनकी हेयर स्टाइल, चाल चलन, चेहरा, उनके ड्रेस तो कभी-कभी जनता को हमने देखा है कि जनप्रतिनिधियों के हाथ में बंधे हुए धागे को भी वह फॉलो करते हैं.

ऐसे में उम्मीद करते हैं कि संविधान के प्रस्तावना के अनुसार जो आर्थिक, सामाजिक, शिक्षा लेने की आजादी का दायित्व जनसाधारण ने अपने जनप्रतिनिधि को दिया उसे आप पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि यह युग कंप्यूटर युग है, मॉडर्न टेक्नोलॉजी से चलता है जबकि एक युग था जब जनप्रतिनिधि क्या बोलते हैं? वो पेपर भी कभी-कभी नहीं पहुंचता था लेकिन आज घर-घर तक विधानसभा में क्या चल रहा है, जनप्रतिनिधि जनता के लिए, मेरे परिवार के लिए, समाज के लिए, देश के लिए राज्य की महिलाओं, युवाओं के लिए क्या कर रहे हैं. वह देखते हैं ओर समझते हैं, इसीलिए मैं सभी जनप्रतिनिधियों को गुजारिश करना चाहती हूं कि चाल चलन के साथ ही आचार विचार से हमें जनता के लिए सोचना चाहिए.

केवल मैं नहीं, मैं और मेरा को छोड़कर "हमारा" की सोच होनी चाहिए. मैं और मेरा सोचने से देश, समाज, राज्य की उन्नति नहीं हो सकती. इसलिए जनप्रतिनिधि को हमेशा जनता ओर राज्य के लिए सोचना चाहिए. मैं और मेरा से उठकर मेरा देश, मेरी जनता, मेरे लोग होने चाहिए. उन्होंने कहा कि आपका दायित्व है कि जनता की जरूरतों के आधार पर नियम बनाएं, क्योंकि नियम बनाने का काम आपके हाथ में है. राष्ट्रपति ने विधायकों से कहा कि मैं चाहूंगी कि आगे चलकर यह "एक्स वाई जेड" ने तो यह काम नहीं किया कहने की जगह खुद को पूछना चाहिए कि मैंने क्या किया ? और जो मुझे दायित्व जनता ने दिया उसका मैन किया क्या? हम सब ने मिलकर संगठित रूप में क्या किया?

उन्होंने कहा कि आज राजतंत्र नहीं है और लोकतंत्र में 7 करोड़ जनता के हिसाब से 200 विधायकों का प्रतिशत निकाला जाए तो पता नहीं क्या होगा. इससे यह साफ है कि जनता आप पर कितना भरोसा करती है. जिस पर आपको खरा उतरना चाहिए. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजस्थान के समग्र विकास और राज्य के सभी निवासियों के स्वर्णिम भविष्य की मंगल कामना करते हुए उम्मीद जताई कि राजस्थान की विधानसभा जन कल्याण और राज्य के विकास के लिए निरंतर कार्य करेगी. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने अपने भाषण का समापन संसद हिंद, जय भारत ओर जय राजस्थान के उद्घोष के साथ किया.

दिल्ली में यमुना का जल स्तर घट रहा है, लेकिन अभी भी खतरे के निशान से है ऊपर, पुनः बारिश होने पर फिर बिगड़ सकते हैं हालात


दिल्ली में यमुना नदी में शनिवार सुबह जल स्तर घटना शुरू हुआ, लेकिन यह प्रति घंटे कुछ सेंटीमीटर की गति से ही कम हो रहा है. बहरहाल, यमुना अब भी खतरे के निशान 205.33 से दो मीटर अधिक पर बह रही है. 

अगर राष्ट्रीय राजधानी तथा ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में और बारिश होने का पूर्वानुमान सच साबित होता है तो हालात बिगड़ सकते हैं. केंद्रीय जल आयोग के बाढ़ निगरानी पोर्टल के अनुसार, यमुना का जल स्तर शनिवार सुबह सात बजे घटकर 207.62 मीटर पर आ गया. बृहस्पतिवार रात आठ बजे यह 208.66 मीटर पर था.

 बारिश होने की संभावना

पिछले दो दिन में हरियाणा के यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से जल प्रवाह में कमी आने के कारण यमुना में जल स्तर में और गिरावट आने की संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले दो दिन तक शहर में मध्यम बारिश होने तथा अगले पांच दिन उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में ‘‘भारी से बहुत भारी बारिश’’ होने का अनुमान जताया है, जिससे नदी में जल स्तर बढ़ने का खतरा बढ़ गया है.

पानी का कहर जारी

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर दिल्ली में और बारिश होती है तो जलभराव हो सकता है तथा पानी की निकासी में सामान्य से अधिक वक्त लग सकता है. शुक्रवार को यमुना के उफान पर बहने तथा नालों के पानी के विपरीत दिशा से बहने के कारण उच्चतम न्यायालय, राजघाट तथा आईटीओ चौक जैसे प्रमुख स्थान जलमग्न हो गए थे. दिल्ली एक सप्ताह से जलभराव और बाढ़ का सामना कर रही है, जिससे जनजीवन पर काफी असर पड़ा है.

लगभग एक सप्ताह तक धीमी बारिश के बाद शुक्रवार को मुंबई और उसके उपनगरों में भारी बारिश हुई, जिसके कारण कुछ स्थानों पर जलजमाव हो गया. अधिकारियों के मुताबिक, उपनगरों की तुलना में शहर में बारिश की तीव्रता अधिक थी. एक अधिकारी ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताते हुए शहर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है.

समान नागरिक संहिता :विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता पर सुझावों के लिए और दो हफ्तों का दिया समय


नई दिल्ली: लॉ कमीशन ने समान नागरिक संहिता (UCC) के मुद्दे पर सुझाव देने की समय-सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। विधि आयोग ने इस आशय का बयान जारी करते हुए बताया कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर जनता की जबरदस्त प्रतिक्रिया और अपनी टिप्पणियाँ प्रस्तुत करने के लिए समय के विस्तार के संबंध में विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त कई अनुरोधों को देखते हुए, विधि आयोग ने संबंधित हितधारकों को अपने विचार और सुझाव पेश करने के लिए दो सप्ताह का विस्तार देने का निर्णय लिया है। 

बता दें कि इस संवेदनशील मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने की समय सीमा शुक्रवार (14 जुलाई) को खत्म होने वाली थी।

मिले लाखों सुझाव

बता दें कि लॉ कमीशन को इस मामले पर अब तक 50 लाख से भी ज्यादा ऑनलाइन सुझाव मिल चुके हैं। साथ ही इसको लेकर हार्ड कॉपी के जरिए भी सुझाव मिले हैं। माना जा रहा है कि समय सीमा खत्म होते होते इनकी संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है।

 कुछ संगठनों ने यूसीसी पर व्यक्तिगत सुनवाई की मांग करते हुए कानून पैनल से संपर्क किया है। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में संगठनों को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए आमंत्रित करने पर भी निर्णय लिया जाएगा।

लंबे समय से चल रहा मामला

इससे पहले 21वें लॉ कमीशन ने साल 2018 में इस मद्दे की जांच और दो मौकों पर सभी हितधारकों से विचार मांगे थे। इसके बाद अगस्त 2018 में पारिवारिक कानून में सुधार को लेकर एक परामर्श लेटर जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि यूसीसी का मतलब देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होना है, जो धर्म पर आधारित नहीं है। हालांकि इस परामर्श लेटर को जारी किए हुए तीन साल से अधिक का समय बीत चुका है। इसलिए 22वें विधि आयोग ने इस पर नए सिरे से विचार-विमर्श किया। 14 जून को विधि आयोग ने सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से विचार मांगकर यूसीसी पर एक नई परामर्श प्रक्रिया शुरू की।

दिल्ली: हैदराबाद से दिल्ली आ रही फ्लाइट में एक यात्री ने टैक ऑफ के दौरान इमरजेंसी एग्जिट डोर कवर खोला मामला दर्ज


हैदराबाद से दिल्ली आ रही एक फ्लाइट में एक यात्री ने टैक ऑफ के दौरान इमरजेंसी एग्जिट डोर कवर खोलने का मामसा सामने आया है। शक्स इंडिगो विमान से यात्रा कर रहा था। उसके खिलाफ दिल्ली एयरपोर्ट पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

दिल्ली एयरपोर्ट अथॉरिटी के अनुसार, 8 जुलाई को हैदराबाद से राजधानी दिल्ली के लिए इंडिगो की उड़ान में सवार 40 वर्षीय हवाई यात्री फुरोकोन हुसैन ने कथित तौर पर उड़ान भरने के दौरान विमान के आपातकालीन निकास द्वार का कवर खोल दिया। यह घटना फ्लाइट 6E 5605 में हुई थी। यात्री को दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने के बाद सुरक्षा कर्मियों को सौंप दिया गया। यात्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 

जानकारी के लिए बता दें कि यात्री के अनियंत्रित व्यवहार से अन्य यात्रियों, चालक दल और पायलट-इन-कमांड में घबराहट फैल गई।

दिल्ली के आईटीओ बैराज के जाम पांच गेट में से एक गेट को खोलने में मिली कामयाबी,सीएम केजरीवाल ने कहा जल्द खोल लिए जाएंगे और गेट


 दिल्ली के आईटीओ बैराज के जाम पांच गेट में से एक गेट को खोलने में कामयाबी मिल गई है। जल्द ही चार अन्य गेट भी खुल जाएंगे। गेट खुलने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि

करीब 20 घंटों की बिना रुके मेहनत के बाद आईटीओ बैराज का पहला जाम हुआ गेट खोल दिया गया है। 

सीएम ने आगे कहा कि गोताखोर टीम ने पानी के नीचे से सिल्ट कंप्रेसर द्वारा निकाली, फिर हाईड्रा क्रेन से गेट को खींचा गया। जल्द ही पांचों गेट खोल दिए जाएंगे। आर्मी इंजीनियर रेजिमेंट और गोताखोरों का विशेष धन्यवाद।

 बता दें कि बैराज की देखभाल हरियाणा सरकार करती है। दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया था इसके पांच गेट न खुलने से यमुना का पानी देरी से नहीं निकल पा रहा है।

यमुना का जलस्तर कम होने पर चालू हुआ ओखला वाटर प्लांट, मुकुंदपुर में डूबे तीन बच्चे


नईदिल्ली : दिल्‍ली में यमुना नदी का जलस्‍तर कम होने लगा है। शाम 6 बजे यमुना का जलस्तर 208.17 मीटर रिकॉर्ड किया गया। लेकिन यमुना नदी अभी खतरे के निशाने से 3 मीटर ऊपर बह रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यमुना बैराज में 32 में से 5 गेट बंद हैं, जिसकी वजह से पानी बाहर नहीं निकल रहा है। अगर ये 5 गेट खुल जाएंगे तो पानी का बहाव कम हो जाएगा। बता दें कि कई दशकों से यह गेट नहीं खुले हैं।

 इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वजीराबाद में स्थित ओखला वाटर प्लांट का दौरा किया। यमुना का पानी कम होने के बाद इसे फिर से शुरु कर दिया गया है। इससे राजधानी में पानी की किल्लत कम होगी।

मानसून हेल्थ टिप्स: बरसात के दिनों में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए गर्म पानी के साथ करें इन चीजों का उपयोग,आप रहेंगे स्वस्थ


मानसून का मौसम जारी है और इस मौसम में इम्यून सिस्टम कमजोर और इन्फेक्शन का सबसे ज्यादा खतरा होता है। बारिश के दौरान वायु-जनित, जल-जनित और भोजन-जनित बीमारियों का खतरा होता है। यही वजह है कि बहुत से लोग उल्टी, पेट खराब, खांसी और सर्दी और यहां तक ​​कि कभी-कभी फ्लू की शिकायत करते हुए नजर आते हैं।

इस मौसम में सभी बचाव के उपायों के साथ खाने-पीने का ध्यान रखना जरूरी है। हेल्दी डाइट से कई मौसमी बीमारियों के खिलाफ इम्यूनिटी मजबूत करने में मदद मिलती है। इसके लिए सबसे बेस्ट उपाय हर्बल चाय या काढ़ा है। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से तैयार चाय या काढ़ा बॉडी डिटॉक्स करने, खून को साफ करने और शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बनाए रखने में मदद करते हैं।

फैट टू स्लिम की डायरेक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट एंड डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा आपको एक ऐसे ही जबरदस्त मिश्रण के बारे में बता रही हैं, जो आपको अंदर से मजबूत बनाकर मानसून की बीमारियों से बचा सकता है। यह मिश्रण गर्म पानी, नींबू और हल्दी से मिलकर बनाया जा सकता है।

हल्दी वाले गर्म पानी के फायदे

गर्म पानी शरीर में गर्मी पैदा करता है जो चयापचय और अन्य शरीर के सभी कार्यों को कंट्रोल करता है। यह वसा को तोड़ने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने, मांसपेशियों को आराम देने और शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। ये कारक शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखने और मानसून में वायरल अटैक को रोकने के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।

गर्म पानी शरीर में गर्मी पैदा करता है जो चयापचय और अन्य शरीर के सभी कार्यों को कंट्रोल करता है। यह वसा को तोड़ने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने, मांसपेशियों को आराम देने और शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। ये कारक शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखने और मानसून में वायरल अटैक को रोकने के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।

मानसून में नींबू के फायदे

विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर नींबू इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम करता है। इसके पोषक तत्व हानिकारक सूक्ष्मजीवों के खिलाफ एंटीबॉडी को बढ़ाने का काम करते हैं।

मानसून में हल्दी के फायदे

हल्दी में करक्यूमिन होता है जोकि एक नैचुरल एंटी-सेप्टिक और एंटी-वायरल होता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण अतिरिक्त विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं और कोशिकाओं में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा देते हैं।

कैसे बनाएं हल्दी वाला गर्म पानी

एक गिलास गर्म पानी में, आपको एक नींबू का रस, आधा चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाना चाहिए। इसे अच्छी तरह मिक्स करके पीना चाहिए। अगर आप कच्ची हल्दी का उपयोग कर रहे हैं, तो हमारा सुझाव है कि आधा इंच हल्दी को लगभग पांच मिनट तक पानी में अच्छी तरह उबाल लें। फिर इसे एक गिलास में छान लें, इसमें नींबू का रस और शहद मिलाएं और पी लें।

कब पिएं हल्दी वाला गर्म पानी

एक्सपर्ट ने बताया कि आपको मानसून के दौरान रोजाना सुबह उठकर सबसे पहले हल्दी वाला गर्म पानी पीना चाहिए। इससे पाचन को बेहतर बनाने और पेट की गंदगी को साफ करने में भी मदद मिल सकती है। इससे फैट भी बर्निंग होता है।

उपलब्धि : भारत की 'रॉकेट वूमन' के नाम से मशहूर लखनऊ की बेटी डॉ. रितु कारिधाल श्रीवास्तव के इशारे पर चंद्रयान-3 अंतरिक्ष के लिए हुआ रवाना


नई दिल्ली : आज चन्द्रयान -3 का सफल प्रक्षेपण हुआ।इस लिए आज का दिन भारत के लिए बेहद खास है। चंद्रयान-3 आज चांद के दक्षिणी ध्रुव की उस सतह पर जाएगा, जिसके बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं है। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक समुदाय की इस पर निगाह है।

यह अभियान हमारे लिए इसलिए और खास है, क्योंकि भारत की 'रॉकेट वूमन' के नाम से मशहूर लखनऊ की बेटी डॉ. रितु कारिधाल श्रीवास्तव के इशारे पर चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ।

इसरो ने जानकारी दी है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग की जिम्मेदारी इस बार वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक डॉ. रितु को सौंपी गई है और वह चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर हैं। अभियान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. वीरा मुथुवेल हैं। इसके पहले डॉ. रितु मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर और चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर रह चुकी हैं।

 इस बार चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं बल्कि एक प्रोपल्शन मॉड्यूल है, जो किसी संचार उपग्रह की तरह काम करेगा।

बचपन से थी चांद-सितारों में दिलचस्पी

डॉ. रितु कारिधाल का जन्म 1975 में लखनऊ के मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। बचपन से उन्हें चांद-सितारों और आसमान में दिलचस्पी थी। इसरो और नासा से संबंधित समाचार पत्रों के लेख, जानकारी और तस्वीरें इकट्ठा करना उनका शौक था। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिकी में एससी और एमएससी की पढ़ाई की। फिर एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री लेने के लिए आईआईएससी, बंगलूरू में दाखिला लिया। डॉ. करिधाल ने नवंबर 1997 से इंजीनियर के तौर पर इसरो में काम करना शुरू किया। 

पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात

इस बार शहर की बेटी व हमारी सीनियर डॉ. रितु कारिधाल को चंद्रयान-3 का मिशन डायरेक्टर बनाया गया है। यह लखनऊ व पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में यूपी एमेच्योर एस्ट्रोनॉमर्स क्लब के सदस्यों के बीच लांचिंग की स्क्रीनिंग करने की योजना है।