*आकाशीय बिजली, अतिवृष्टि व बाढ़ से पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए*
लखनऊ। प्रदेश के कुछ जनपदों में अतिवृष्टि को देखते हुए मुख्यमंत्री द्वारा सोमवार को अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग, राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश के विभिन्न जनपदों में तेज़ बारिश के बाद जनहित के दृष्टिगत किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त द्वारा आज सायं समस्त जनपदों के अपर जिलाधिकारी व अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ जूम के माध्यम से बैठक की। बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि अतिवृष्टि की स्थिति में जिन स्थानों पर मकान जर्जर हालत में हो, वहॉ प्रशासन द्वारा उनमें रह रहे लोगों को किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए।
निर्देशित किया कि बाढ़ एवं अतिवृष्टि के दृष्टिगत कई स्थानों पर जल स्तर की बढ़ोत्तरी देखी गई है। इसी तरह सभी नदियों के जल स्तर की सतत् मॉनीटरिंग की जाए। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ/एसडीआरएफ/पीएसी की फ़्लड यूनिट तथा आपदा प्रबंधन टीम 24 घंटों एक्टिव मोड में रहे। आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेन्स के स्वयं सेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता ली जाए।
ज़िलाधिकारी, नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी एवं पुलिस की संयुक्त टीम जल भराव से बचाव के लिए स्थानीय जरूरतों को पूरा करें।उन्होंने निर्देशित किया कि हिमांचल प्रदेश एवं उप्र में अतिवृष्टि के बाद अगले कुछ दिनों में प्रदेश के विभिन्न नदियों के जल स्तर में बढ़ोत्तरी की आशंका है। जिसे देखते हुए सिंचाई एवं जल संसाधन के साथ-साथ राहत एवं बचाव से जुड़े सभी विभाग एलर्ट मोड में रहे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 33 जनपदों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है।वहीं राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने समस्त अपर जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विगत कुछ दिनों में आकाशीय बिजली से कई स्थानों पर जन-धन हानि हुई, दुखद सूचना मिली है। ऐसे पीड़ित परिवार को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए और मौसम की चेतावनियां आम जन को समय से प्रसारित करें। उन्होंने कहा कि बाढ़ के साथ-साथ जलभराव के निदान के लिए भी ठोस प्रयास किए जाए।
समस्त अतिसंवेदनशील तटबंधों पर प्रभारी अधिकारी, सहायक अभियंता स्तर के नामित लोग 24 घंटे एलर्ट मोड पर रहे। निर्देशित किया कि तटबंधों पर क्षेत्रीय अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा लगातार निरीक्षण एवं सतत् निगरानी की जाए। बारिश के शुरूआती दिनों में रैटहोल/रेनकट की स्थिति पर नज़र रखें व तटबंधों की पेट्रोलिंग लगातार की जाए। नौकाएं, राहत सामग्री, पेट्रोमैक्स, राहतकिट आदि के प्रबंध समय से कर लें। बाढ़ व अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो, इसके लिए प्रभावित परिवारों को हर ज़रूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए।
नवीन कुमार ने बाढ़ के दौरान गॉव में जलभराव की स्थिति में वहॉ आवश्यकतानुसार पशुओं को अन्य सुरक्षित स्थललों में शिफ़्ट कराने के निर्देश दिए। इसी क्रम में उन्होंने जनपदों की स्थिति को देखते हुए स्थान का चयन करने एवं इन स्थलांे पर पशुचारे की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपद में वर्षा एवं नदियों के जल स्तर की स्थिति की निरन्तर समीक्षा की जाए तथा आवश्यक बाढ़ प्रबंधन व राहत कार्य संचालित किये जाए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा शीघ्र ही समस्त जनपदों में 450AWS जो कि तहसील स्तर पर स्थापित किए जायेंगे तथा 2000 ARG समस्त ब्लॉक स्तर पर लगाये जाने का निर्णय लिया गया है। राहत आयुक्त द्वारा निर्देश दिये गये कि जनपदों में AWS एवं ARG की स्थापना के संबंध में तत्काल स्थान चिन्हित कर इसकी सूचना राहत आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध करा दी जाए तथा जनपद स्तर पर वज्रपात, सर्पदंश, डूबना, आंधी तूफान आदि जैसी आपदाओं से जनहानि रोकने हेतु निरन्तर जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा बाढ़ संवेदनशील 50 जनपदों को राहत कार्यों हेतु 10.50 करोड़ रूपये की धनराशि पूर्व से आवंटित है तथा किसी भी आगामी विषम परिस्थिति से निपटने हेतु बज़ट की समस्या नहीं आयेगी।
Jul 10 2023, 22:00