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यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कांग्रेस की 'वेट एंड वॉच' अप्रोच का बीजेपी ने उड़ाया मजाक, कहा- बौखला गए हैं नेता

डेस्क: यूनिफॉर्म सिविल कोड को जहां कुछ पार्टियों का समर्थन मिल रहा है तो वहीं कुछ पार्टियां ऐसी भी हैं जो इसकी आलोचना करती हुई नजर आ रही हैं. वहीं दूसरी ओर लॉ एंड ऑर्डर मामलों की पार्लियामेंट्री कमेटी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर तीन जुलाई को एक बैठक बुलाई है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, 21वें लॉ कमीशन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को गैरजरूरी करार देते हुए कहा कि यह न तो अनिवार्य है और न ही यह वांछनीय है. 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान यानी 22वें लॉ कमीशन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अभी तक अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है और कांग्रेस इस विषय पर लॉ कमीशन और यूनियन लॉ मिनिस्टरी के अगले कदम का इंतजार करेगी. वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात को लेकर कांग्रेस का मजाक बनाया है. 

कांग्रेस के पांच सदस्य लॉ एंड ऑर्डर मामलों की पार्लियामेंट्री कमेटी में हैं. तीन जुलाई को होने वाली बैठक में कांग्रेस, लॉ कमीशन के इसी रुख पर टिकी रहेगी कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना न तो अनिवार्य है और न ही वांछनीय है. 

'कांग्रेस नेता बौखला गए हैं'- पीयूष गोयल 

वहीं अब कांग्रेस के वेट एंड वॉच रुख के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पार्टी पर जमकर हमला बोला है. पीयूष गोयल ने कहा, ''मुझे लगता है कि कांग्रेस और उसके नेता बौखला गए है. इस वक्त समय की यह मांग है कि देश के सभी लोगों को एकजुट कर एक कानून बनाया जाए. संविधान निर्माताओं ने भी 70 साल पहले यह बात कही थी. 

सुप्रीम कोर्ट ने भी यूसीसी लाने पर पांच अलग-अलग सुनवाई के दौरान ये बात कही है.'' उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कपिल सिब्बल पीएम मोदी की ओर से अल्पसंख्यकों के लिए किए गए विकास कार्यों को भूल गए हैं. इसके साथ ही पीयूष गोयल ने कहा कि मुझे लगता है कि यूसीसी पर कई पार्टियां बीजेपी का समर्थन करेंगी.

डिप्टी सीएम बनने के बाद अजित पवार का बड़ा बयान, NCP का चुनाव चिन्ह और नाम हमारा ही रहेगा

डेस्क: एनडीए सरकार में शामिल होने के बाद अजित पवार ने कहा कि यह फैसला हम सबने मिलकर लिया है। उन्होंने कहा कि आज हमने शपथ ली है लेकिन आने वाली दिनों में मंत्रीमंडल का और भी विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि हमने सरकार को देने की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर की थी। उन्होंने कहा कि पार्टी का नाम और निशान हमारा है और रहेगा। अजित पवार ने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। देश का नाम विश्वस्तर पर ऊंचा हो रहा है और इसीलिए हमने महाराष्ट्र की NDA सरकार को अपना समर्थन दिया है। 

'24 वर्षों से मैंने शरद पवार के नेतृत्व में पार्टी को बनाने और बड़ा करने के लिए काम किया'

अजित पवार ने कहा कि बीते 24 वर्षों से मैंने शरद पवार के नेतृत्व में पार्टी को बनाने और बड़ा करने के लिए काम किया। अब पार्टी में नए लोगों और चेहरों को मौका दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम स्थानीय से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव एनसीपी के चुनाव चिन्ह पर ही लड़ेंगे। अजित पवार ने कहा कि हाल-फिलहाल में विपक्षी पार्टियों की कई बैठकें हुईं, लेकिन उनसे कोई समाधान नहीं निकल रहा था।  

पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मेरे साथ-अजित पवार 

अजित पवार ने कहा कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता, विधायक और पदाधिकारी मेरे साथ हैं और हम आगामी चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष में कोई भी नेता ऐसा नहीं है जो नरेंद्र मोदी से टक्कर ले सके। देश में इस समय नरेंद्र मोदी से बड़ा करिश्माई नेता और कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 साल में देश में जबरदस्त काम हुआ है और उसकी तारीफ़ करनी पड़ेगी।

*महाराष्ट्र के बुलढाणा बस एक्सीडेंट मामले में हुआ बड़ा खुलासा, टायर फटने की वजह से नहीं हुआ हादसा*


डेस्क: महाराष्ट्र के बुलढाणा में समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेसवे पर शनिवार को बड़ा हादसा हुआ था। इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी। अब इस मामले में अमरावती के RTO विभाग ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें बड़ा खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बस का टायर नहीं फटा था और बस की स्पीड 70 थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हादसे मे बचे यात्री से मिली जानकारी के अनुसार, ड्राइवर का नियंत्रण बस से हट गया था, जिससे बस डिवाइडर से टकरा गई थी और फिर ये बड़ा हादसा हुआ। 

क्या हुआ था?

शुक्रवार-शनिवार के बीच की रात को महाराष्ट्र के बुलढाणा में समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेसवे पर बड़ा हादसा हुआ था। एक बस में आग लगने से 25 यात्रियों की मौत हुई थी। बस में कुल 33 यात्रियों के सवार होने की बात सामने आई थी। हादसा बुलढाणा जिले के सिंदखेड़ाराजा के पास पिंपलखुटा गांव के पास समृद्धि हाईवे पर हुआ था। ये यात्री बस नागपुर से पुणे जा रही थी। बस में नागपुर, वर्धा और यवतमाल के यात्री मौजूद थे। ये बस विदर्भ ट्रेवल्स की थी।

सीएम ने किया था मुआवजे का ऐलान और दिया था जांच का आदेश

इस मामले में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने मुआवजे का ऐलान किया था और मृतक परिजन को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी। इसके अलावा सीएम ने घटना की हाई लेवल जांच के भी आदेश दिए थे। सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस घटनास्थल पर भी पहुंचे थे और घायलों का हाल भी लिया था।

मुख्तार अंसारी के वकीलों पर खर्च हुए 55 लाख, अब पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह और जेल मंत्री से पैसे वसूलेगी पंजाब सरकार

डेस्क: पंजाब सरकार की भगवंत मान सरकार ने माफिया मुख्तार अंसारी को वकील देने के मामले में बड़ा फैसला लिया है. मुख्तार अंसारी के वकीलों की फीस के 55 लाख रुपये पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह और पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा से वसूले जाएंगे. भुगतान न करने की स्थित में उनकी पेंशन से पैसा काटा जाएगा.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज रविवार, 2 जुलाई को कहा कि अंसारी को पंजाब जेल में रखने पर हुए 55 लाख रुपये का भुगतान राज्य सरकार नहीं करेगी. यह पैसा पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह और पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा से वसूला जाएगा. मान ने आगे कहा कि यदि वे दोनों पैसे का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उनकी पेंशन और अन्य सरकारी सुविधाएं रद्द करके इसकी वसूली की जाएगी.

पंजाब सरकार ने लौटा दी थी फाइल

इसके पहले अप्रैल महीने में पंजाब सरकार ने वकील की फीस के भुगतान की फाइल वापस लौटा दी थी. सुप्रीम कोर्ट के वकील ने मुख्तार अंसारी का केस लड़ा था. जानकारी के मुताबिक, एक सुनवाई के लिए 11 लाख रुपये की फीस तय की गई थी.

सीएम भगवंत मान ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि यूपी को अपराधी को आराम और सुविधा के साथ रोपड़ की जेल में रखा गया. महंगे वकील दिए गए, 55 लाख का खर्च आया. फाइल लौटा दी गई है.

*महाराष्ट्र में बड़ा सियासी फेरबदल, अजित पवार बने डिप्टी सीएम, इन नेताओं ने ली मंत्री पद की शपथ

डेस्क: महाराष्ट्र में बड़ा सियासी फेरबदल हुआ है। अजित पवार अपने 30 विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। इसके अलावा 9 विधायक मंत्री बने हैं, जिसमें छगन भुजबल, दिलीप वलसे, हसन मुश्रिफ, धनंजय मुंडे, धर्मराव बाबा, अदिति तटकरे, संजय बनसोडे और अनिल पाटील का नाम शामिल है। ये शपथ ग्रहण कार्यक्रम महाराष्ट्र राजभवन में आयोजित किया जा रहा है।

कैसे हुआ ये पूरा सियासी खेल!

अजित पवार ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। सूत्रों में मुताबिक, दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, एकनाथ शिंदे और अजित पवार की सीक्रेट मीटिंग हुई थी, उसी में इस सियासी बदलाव की रणनीति तैयार हुई। 

पहले ही शुरू हो गई थी सुगबुगाहट!

अजित पवार ने अपने सरकारी निवास स्थान देवगिरी पर विधायकों की बैठक बुलाई थी। अजित ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी छोड़कर संगठन में किसी पद पर काम करने की इच्छा जाहिर की थी। इसी के बाद से एनसीपी में अजित पवार के महाराष्ट्र अध्यक्ष बनने की चर्चा जोर पकड़ने लगी थी। 

अजित पवार के सरकारी निवास पर मौजूद विधायकों ने अजित पवार को महाराष्ट्र के पार्टी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपने की बात रखी थी। विधायकों ने मांग की थी कि जल्द से जल्द नए अध्यक्ष का चुनाव हो। इस बैठक में जो लोग मौजूद थे, उसमें दिलीप वलसे पाटील, हसन मुश्रीफ, छगन भुजबल, किरण लहमाटे, निलेश लंके, धनंजय मुंडे, रामराजे निंबालकर, दौलत दरोडा, मकरंद पाटील, अतुल बेणके, सुनिल टिंगरे, अमोल मिटकरी, अदिति तटकरे, सुप्रिया सुले (सांसद), अमोल कोल्हे (सांसद), शेखर निकम और निलय नाईक मौजूद थे। 

बैठक खत्म होते ही सभी विधायक एक साथ अपनी-अपनी गाड़ी मे बाहर निकले थे। इसके बाद ये खबर आने लगी कि महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ बड़ा बदलाव होने वाला है। इसी दौरान अजित पवार भी आवास से बाहर निकले और सीधा राजभवन की ओर निकल गए।

आप’ के बाद अब मायावती ने भी UCC को दिया समर्थन, बसपा नागरिक संहिता के खिलाफ नहीं

डेस्क: समान नागरिक संहिता पर अब धीरे-धीरे कई विपक्षी पार्टियां देर सेवर अपना समर्थन देने की ओर बढ़ रही हैं। पहले आम आदमी पार्टी और अब बसपा ने भी यूसीसी को अपना सपोर्ट देने के लिए कहा है। बीएसपी की ओर से खुद पार्टी की सुप्रीमो मायावती मीडिया के सामने आईं और कहा कि हमारी पार्टी (BSP) यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है।

"हम UCC के खिलाफ नहीं लेकिन..."

समान नागरिक संहिता पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा, "हमारी पार्टी (बसपा) यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिस तरह से बीजेपी देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की कोशिश कर रही है, हम उसका समर्थन नहीं करते हैं। इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना और जबरदस्ती यूसीसी को देश में लागू करना ठीक नहीं है।"

"इससे देश कमजूर नहीं, मजबूत होगा" 

मायावती ने कहा कि इस विशाल आबादी वाले भारत देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी और बौध आदि विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। जिनके हर मामले में, रहन-सहन और जीवन शैली आदि के अपने अलग-अलग तौर तरीके, नियम और रस्मो रिवाज हैं, जिसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ ये बात भी सोचने वाली है कि यदि यहां सभी धर्मों को मानने वाले लोगों पर हर मामले में एक समान कानून लागू होता है तो उससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत ही होगा।   

संविधान की धारा 44 में यूसीसी का जिक्र

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इससे लोगों में आपसी संप्रदायिक, सद्भाव और भाईचारा पैदा होगा। इस बात को ध्यान में रखकर ही भारतीय संविधान की धारा 44 में समान सिविल संहिता यानी कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को बनाने की बात कही गई है। लेकिन इसे जबरन थोपने का प्रविधान बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के संविधान में निहित नहीं है और इसके लिए जागरुकता और आम सहमति को श्रेष्ठ माना गया है।

शादी को लेकर पीएम मोदी ने युवाओं को दी सलाह, कहा- ‘कुंडली मिलाओ या ना मिलाओ... ये जरूर मिलाओ’

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन’ का शुभारंभ करने जा रहे हैं. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसने देश के 17 राज्यों में रहने वाली 7 करोड़ से ज्यादा आदिवासी आबादी को अपना शिकार बना लिया है.

पीएम मोदी ने कहा 'कुंडली मिलाओ या ना मिलाओ लेकिन सिकल सेल की जांच का जो रिपोर्ट है, जो कार्ड दिया जा रहा है उसको जरूर मिलाना और उसके बाद शादी करना. साथियों, तभी इस बिमारी को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने से रोका जा सकेगा.'

अगर दो सिकल सेल एनीमिया पीड़ित शादी करते हैं, तो उनसे पैदा होने वाले बच्चे को सिकल सेल बीमारी होने की बहुत ज्यादा संभावना है. अगर पहले ही स्क्रीनिंग करके ऐसे 2 लोगों को शादी करने से रोका जाए तो इस बीमारी का प्रसार रोका जा सकता है.

सिकल सेल एनीमिया एक आनुवांशिक बीमारी है, जिसका मतलब है कि यह माता-पिता से बच्चों में आसानी से फैल सकता है. यह एक प्रकार का रक्त विकार है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं का आकार बदल जाता है. इससे लाल रक्त कोशिकाएं अपना काम ठीक से नहीं कर पाती हैं और पूरे शरीर में खून की कमी हो जाती है. इसके कारण एनीमिया रोग हो जाता है.

कांग्रेस नेता ने कसा तंज : वंदे भारत को ले जाता दिखा रेलवे इंजन! कांग्रेस का दावा- 9 सालों के झूठ को खींच रहा 70 सालों का इतिहास

कांग्रेस ने वंदे भारत ट्रेन के एक वीडियो के जरिए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता कृष्णा अल्लावारू ने शुक्रवार (29 जून) को एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें वंदे भारत ट्रेन को रेलवे का एक पुराना इंजन खींच कर ले जाता नजर आ रहा है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि वंदे भारत ट्रेन को रेलवे का इलेक्ट्रिक इंजन खींच कर ले जा रहा है।

कांग्रेस नेता कृष्णा अल्लावारू ने ट्वीट में लिखा है कि पिछले 9 सालों के झूठ को खींच कर ले जाता 70 सालों का इतिहास। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (27 जून) को मध्य प्रदेश के भोपाल से 5 नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी।

रेलवे का शाइनिंग स्टार है वंदे भारत

वंदे भारत ट्रेनों को भारतीय रेलवे का शाइनिंग स्टार कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (27 जून) को भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से पांच वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इन नई ट्रेनों को जोड़कर अब भारत में कुल 23 वंदे भारत हो गई हैं। सेमी-हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत रेलवे की प्रीमियम ट्रेनों में से एक है।

इन सबके बीच वंदे भारत ट्रेन से कई बार मवेशियों के भिड़ने के कई मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल समेत कई जगहों पर वंदे भारत ट्रेनों पर पत्थरबाजी की घटनाएं भी सुर्खियों में आती रहती हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमपी के भोपाल में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर 5 वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी। इनमें रानी कमलापति-जबलपुर वंदे भारत, खजुराहो से भोपाल के रास्ते इंदौर, गोवा के मडगांव से मुंबई, धारवाड़ से बेंगलुरू और झारखंड के हटिया से बिहार के पटना के बीच पांचों ट्रेनें चलेंगी।

सिद्ध पीठ बालाजी को 2700 किलो के रोटे का महाभोग किया गया अर्पित, 25000 भक्तों को किया जाएगा प्रसाद वितरण

राजस्थान के शेखावाटी के इतिहास में पहली दफा आज सिद्ध पीठ बालाजी को 2700 किलो के रोटे का महाभोग अर्पित किया गया। खास बात यह है कि रोट बनाने में क्रेन की सहायता ली गई। लगभग 20 रसोइयों की मेहनत से यह रोट तैयार किया गया। इसमें सवा 11 क्विंटल आटा, लगभग इतना ही मेवा, 400-400 लीटर गाय का दूध और घी का इस्तेमाल किया गया। साथ ही सवा सौ किलो सूजी भी रोट में डाला गया। 

बता दें कि सीकर शहर स्थित देवीपुरा सिद्ध पीठ बालाजी मंदिर में पिछले 24 घंटे से धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन हो रहे हैं और सुबह से ही भक्तों के आने का सिलसिला जारी है। इस महाभोग से लगभग 25000 भक्तों को प्रसाद वितरण किया जाएगा। पुजारी ने कहा कि यह शेखावटी का ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन है, जहां 2700 किलो रोटे का महाभोग लगाया गया है। बालाजी के महाभोग के वक़्त शहर देश और राज्य की खुशहाली की प्राथना की गई. बालाजी महाराज की कृपा के कारण ही इतना बड़ा आयोजन हो सका। आशा है कि बालाजी महाराज की कृपा से सभी लोग खुश रहेंगे और हमेशा देश में खुशहाली का वातावरण रहेगा।

बालाजी महाराज से कामना की गई है कि देश के हर व्यक्ति को जीवन में खुशियां मिले। इस महाआयोजन में सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया था कि मंदिर आकर बालाजी महाराज का प्रसाद ग्रहण करें. मंदिर परिसर में दो दिन से निरंतर धार्मिक कार्यक्रम चल रहे हैं।

देशभर की 450 बेटियां बनीं शिवप्रिया, संयम के पथ पर चलते हुए ईश्वरीय सेवा में समर्पित किया जीवन, 15 हजार बाराती इस दिव्य विवाह के साक्षी बने

ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में दिव्य अलौकिक विवाह हुआ। विवाह भी ऐसा जिसमें एक दूल्हा (परमात्मा शिव) थे और 450 दुल्हनें थी। इन दुल्हनों में किसी ने सीए किया तो कोई डॉक्टर, इंजीनियर, एमटेक, एमएससी, फैशन डिजाइनर, स्कूल शिक्षिका थी। 15 हजार बाराती इस दिव्य विवाह के साक्षी बने। खुशी में भावुक माता-पिता बोले-आज हमारा जीवन धन्य हो गया। परमात्मा से यही कामना है कि हर जन्म में ऐसी शक्ति स्वरूपा, कुल उद्धार करने वाली बेटी मिले। खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं कि आज मेरी बेटी समाज कल्याण के लिए संयम का मार्ग अपना रही है। अपने लिए तो सभी जीते हैं लेकिन मेरी बेटी अब विश्व कल्याण के लिए जिएगी।

संस्थान के इतिहास में पहली बार एक साथ 450 बेटियों ने ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर ब्रह्माकुमारी के रूप में आजीवन समाजसेवा का संकल्प लिया। इन बेटियों को खुशी में नाचते देख हर कोई भावुक हो उठा। इनके चेहरों पर कुछ पाने की खुशी को साफ देखा जा सकता था। समारोह में बेटियों के माता-पिता ने अपनी-अपनी लाड़लियों का हाथ संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी मुन्नी दीदी, राजयोगिनी संतोष दीदी के हाथों में सौंपा। परमात्मा पर अपना जीवन समर्पण करने वालीं सभी बहनों की दिनचर्या अलसुबह ब्रह्ममुहूर्त में 3.30 बजे से शुरू हुई। सबसे पहले सभी बहनों ने परमपिता शिव परमात्मा, शिव बाबा का एक घंटे ध्यान किया। इसके बाद सुबह 7 बजे से आठ बजे तक सत्संग (मुरली क्लास) में भाग लिया। इसके बाद दिनभर में अपने साथ आए नाते-रिश्तेदारों के साथ बिताया। एक-दूसरे को बधाइयों का दौर चलता रहा। शाम 4 बजे से दिव्य अलौकिक समर्पण समारोह में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह में देशभर से आए लोगों को खाने में स्पेशल पनीर, हलुवा आदि का ब्रह्माभोजन कराया गया।

समारोह में संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी ने कहा कि आज एक साथ इतनी बहनों का समर्पण देखकर मन खुशी से झूम रहा है। ये बेटियां बहुत भाग्यशाली हैं। महासचिव बीके निर्वैर भाई ने कहा कि सभी बहनों जीवन में अपने कर्मों से समाज में नए उदाहरण प्रस्तुत करें। अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन भाई ने कहा कि अपना जीवन परमात्मा पर अर्पण करने से बड़ा भाग्य कुछ नहीं हो सकता है। कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि आपकी वाणी दुनिया के कल्याण का माध्यम बने। आपका एक-एक कर्म उदाहरणमूर्त हो। धरती से अंधकार मिटाने और ज्ञान प्रकाश फैलाने में शिव की शक्ति, भुुजा बनकर, साथी बनकर सदा जीवन में आगे बढ़ते रहें। मधुरवाणी ग्रुप के कलाकारों ने गीत प्रस्तुत किया। समारोह में विशेष रूप से कटक से आए कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। खासतौर पर एंजल ग्रुप की आठ साल की बालिकाओं की प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। 

समर्पण समारोह डायमंड हॉल में आयोजित किया गया। समारोह के लिए खासतौर पर सौ फीट लंबी और 40 फीट चौड़ी स्टेज तैयार की गई। इसमें समर्पित होने वालीं वरिष्ठ बहनों को स्टेज पर बैठाया गया, वहीं छोटी बहनों को सामने बैठाया गया। सभी 450 बहनें श्वेत वस्त्रों में चुनरी ओढक़र, माला पहनकर, बिंदी के साथ सज-धजकर पहुंचीं। जहां एक-एक बहनों ने अपने परिजनों के साथ मुलाकात कर फोटो निकलवाई। साथ ही खुशी में डांस किया। ब्रह्माकुमारीज से जुडऩे की शुरुआत राजयोग मेडिटेशन के सात दिवसीय कोर्स से होती है। जो संस्थान के देश-विदेश में स्थित सेवाकेंद्रों पर नि:शुल्क सिखाया जाता है। राजयोग ध्यान ब्रह्माकुमारीज की शिक्षा का मुख्य आधार है। राजयोग की शिक्षा ही संस्था का मूल आधार और उद्देश्य है। संस्थान का मुख्य नारा है-स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन। हम बदलेंगे, जग बदलेगा। नैतिक मूल्यों की पुरुत्र्थान और भारत की पुरातन स्वर्णिम संस्कृति की स्थापना करना।

राजयोग मेडिटेशन कोर्स के बाद छह माह तक नियमित सत्संग, राजयोग ध्यान के अभ्यास के बाद सेंटर इंचार्ज दीदी द्वारा सेवाकेंद्र पर रहने की अनुमति दी जाती है। तीन साल तक सेवाकेंद्र पर रहने के दौरान संस्थान की दिनचर्या और गाइडलाइन का पालन करना जरूरी होता है। बहनों का आचरण, चाल-चलन, स्वभाव, व्यवहार देखा-परखा जाता है। इसके बाद ट्रॉयल के लिए मुख्यालय शांतिवन के लिए माता-पिता का अनुमति पत्र भेजा जाता है। ट्रॉयल पीरियड के दो साल बाद फिर ब्रह्माकुमारी के रूप में समर्पण की प्रक्रिया पूरी की जाती है। समर्पण के बाद फिर बहनें पूर्ण रूप से सेवाकेंद्र के माध्यम से ब्रह्माकुमारी के रूप में अपनी सेवाएं देती हैं। 

वर्ष 1937 में ब्रह्माकुमारीज की नींव रखी गई। तब से लेकर अब तक 87 वर्ष में संस्थान में 50 हजार ब्रह्माकुमारी बहनों ने अपनी जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित किया है। ये बहनें तन-मन-धन के साथ समाजसेवा, विश्व कल्याण और सामाजिक, आध्यात्मिक सशक्तीकरण के कार्य में जुटी हैं। 

संस्थान द्वारा संपूर्ण भारतवर्ष को 12 विभिन्न जोन में बांटा गया है। इन जोन में एक मुख्य निदेशिका और फिर स्थानीय सेवाकेंद्र में जिला स्तर पर मुख्य निदेशिका होती हैं जो अपने-अपने जिलों में सेवाएं देती हैं। शुरुआत में नई बहनें बड़ी बहनों के मार्गदर्शन में रहती हैं फिर उन्हें नया सेवाकेंद्र खोलने की अनुमति प्रदान की जाती है। 

ब्रह्माकुमारीज के मुख्यालय शांतिवन में साल एक बार ही बहनों का समर्पण समारोह आयोजित किया जाता है। इसके अलावा जोनल सेवाकेंद्रों, सबजोन सेवाकेंद्रों पर समय प्रति समय अलग से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिनमें 11, 21, 51 बहनों का समर्पण किया जाता है। सभी जगह समर्पण के कार्यक्रम में एक ही प्रक्रिया अपनाई जाती है। जिसमें संस्थान के मुख्यालय से वरिष्ठ दीदी-दादियां शामिल होती हैं। जिस सेवा स्थान से यह बहनें आती हैं वहीं पर ही वह समर्पण होने के बाद अपनी सेवाएं देती हैं। ब्रह्माकुमारी बहनों के लिए विशेष शैक्षणिक योग्यता का नियम नहीं है। जो भी बहन संस्थान के नियमों का पूरी तरह से पांच साल तक पालन करती हैं तो वह समर्पित हो सकती हैं।