*लैंगिक भेदभाव पर आयोजित हुआ शिविर*
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लखनऊ। शनिवार को सहभागी शिक्षण केन्द्र में आयोजित 5 दिवसीय लैंगिक न्याय शिविर का समापन सभी प्रतिभागियों के सम्मान समारोह के साथ हुआ। उत्तर प्रदेश राज्य सरकार सर्व शिक्षा अभियान (SSA) के सहयोग से स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन (शेफ) के आरोहिणी कार्यक्रम द्वारा आयोजित सीतापुर के लहरपुर ब्लॉक के 43 उच्च प्राथमिक सरकारी विद्यालयों के चयनित 86 बालकों के लिए आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश संयुक्त निदेशक समाज कल्याण विभाग के सदस्य पीके. त्रिपाठी, सैदपुर बक्शी का तालाब के थाना अध्यक्ष विनोद तिवारी उपस्थित रहे|
इस शिविर का उद्देश्य लड़कों को लैंगिक मुद्दों पर जागरूक करना था | ताकि उनकी मानसिकता में बदलाव आए और वे लैंगिक असमानता को समझने में सक्षम हो सकें । उनके अंदर यह समझ बनाना कि पितृसत्ता लड़कियों और लड़को को किस तरह प्रभावित कर रहा है | पितृसत्ता लड़को के लिए भी उतना ही हानिकारक है जितना लड़कियों के लिए है | पितृसत्ता को जड़ से मिटाने के लिए सिर्फ लड़कियों को ही नहीं लड़को को भी आगे आना होगा। ये लड़के अब अपने घर और समुदाय को लैंगिक मुद्दों और सामाजिक अन्याय के बारे में शिक्षित करके और जागरूकता बढ़ाकर महिलाओं और लड़कियों के लिए एक सुरक्षित और बेहतर दुनिया का निर्माण करने के लिए तैयार है |
पीके. त्रिपाठी ने कहा कि आप सभी को स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन द्वारा लैंगिक न्याय के चैंपियन के रूप में चुना गया है, मैं निश्चित रूप से जानता हूं कि इस शिविर ने आप सभी को बेहतर नागरिक बनना सिखाया है और आपमें सम्मान और जिम्मेदारी जैसे मूल्यों को स्थापित किया है। इस प्रकार के शिविर प्रत्येक विद्यालय में आयोजित किये जाने चाहिए |
लहरपुर सीतापुर के छात्र जिशान (11) ने कहा, “पितृसत्ता लड़कियों के साथ-साथ हम लड़को पर भी असर डालती है। लैंगिक असमानता को ख़त्म करने के लिए हम लड़कों को भी आवाज उठानी होगी। हमें अपनी माताओं और बहनों का समर्थन करते हुए अपने घरों से शुरुआत करके लैंगिक भेदभाव को समाप्त करने पर काम करना चाहिए। मैंने इस शिविर से जो कुछ भी सीखा है। उसे अपने दोस्तों के साथ साझा करने के लिए मैं बहुत उत्साहित हूं और उनसे इस बदलाव में बराबरी से शामिल होने के लिए भी कहूंगा |”
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आरोहिणी कार्यक्रम की प्रोग्राम मैनेजर प्रियंका सक्सेना कहती हैं कि ''यह लड़कों और पुरुषों के लिए बदलने का समय है।” उन्होंने बताया कि शिविर में भाग लेने वाले बालकों में उल्लेखनीय परिवर्तन देखा गया है। इन लड़को ने शिविर में जो कुछ भी सीखा है उसे अपने दोस्तों के साथ साझा करने और दैनिक कार्यों में अपनी माताओं और बहनों का समर्थन करने के लिए उत्साहित हैं | ये लड़के सफलतापूर्वक लैंगिक न्याय के चैंपियन बन गए हैं। कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरण और ग्रुप फोटो के साथ किया गया |”



Jun 24 2023, 17:43
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