अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से योगाभ्यास का किया गया आयोजन, सिविल सर्जन ने कही यह बात
पूर्णिया : नियमित रूप से योग अपना कर अवसाद और तनाव को भी दूर किया जा सकता है। उक्त बात सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने नौवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित योगाभ्यास के दौरान कही। उन्होंने कहा कि योग की प्रमुख क्रियाओं में सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, मंडूकासन, शशकासन, ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन, उष्ट्रासन, योगमुद्रासन, गोमुखासन, भुजंगासन, पादहस्तासन, पवनमुक्तासन, मर्कटासन, वक्रासन, कटिचक्रासन, भुजंगासन आदि मुख्य रूप से शामिल किये गये हैं जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माने गए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों एवं योगाचार्य का मानना है कि योग से शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से हर व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ्य रह सकता है।
जिले के सभी एसडीएच, रेफ़रल अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी, एपीएचसी और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा पदाधिकारियों सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस धूमधाम से मनाया गया। जिला मुख्यालय स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ विष्णु प्रसाद अग्रवाल, डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, डीपीसी डॉ सुधांशु शेखर, डैम पंकज मिश्रा, एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला, एनसीडी के फाइनेंस सह लॉजिस्टिक सलाहकार केशव कुमार सहित कई अन्य के द्वारा प्रातःकाल में योगाभ्यास किया गया।
टीबी जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए योगाभ्यास महत्वपूर्ण: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग द्वारा दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश के आलोक में ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को योग दिवस मनाए जाने को लेकर पत्राचार के माध्यम से निर्देशित किया गया था। दरअसल योगाभ्यास से फेफड़ों में रक्तसंचार बढ़ता है। प्राणायाम श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए एक विशेष योगाभ्यास है। श्वसन क्रिया के दौरान गहरी सांस लेते हुए वायु को अंदर खींचते हैं। सांस को अधिक से अधिक समय तक रोके रखते और अंत में धीरे-धीरे सांस छोड़ते हैं। इससे शरीर को आवश्यक मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होता है। श्वसन से संबंधित एवं टीबी जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण अभ्यास माना जाता है। इसके अलावा विलोम-अनुलोम प्राणायाम करने से भी फेफड़ों को मजबूती मिलती है। योग के लिए शांत एवं स्वच्छ वातावरण होना चाहिए।
योग करने से व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से रहता है स्वस्थ्य: डॉ वीपी अग्रवाल
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ विष्णु प्रसाद अग्रवाल ने कहा है कि योग करने से व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक रूप स्वस्थ्य रहता है। साथ ही वर्तमान समय में सबसे ज़्यादा तनाव, कमर दर्द, सर दर्द, अनिंद्रा, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, साइटिका, गठिया रोग आदि से मुक्ति मिलती है हैं। प्रतिदिन सुबह या शाम को नियमित रूप से योगाभ्यास करने मात्र से हाथ में कंपन्न, पाचन क्रिया, बाल का झड़ना, अवसाद, तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ्य एवं रोग मुक्त, मस्तिष्क को शांत व सहन करने के साथ ही याददाश्त को भी बढ़ाता है। हम सभी को प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट या अधिकतम एक घंटे तक नियमित रूप से योगाभ्यास करना चाहिए। जब तक तन व मन पूरी तरह से स्वस्थ्य नहीं रहेगा तब तक स्वास्थ्य ही धन है की परिकल्पना को पूरा नहीं किया जा सकता है।
स्वास्थ्य का ख्याल रखने वाले नियमित रूप से करते हैं योगाभ्यास: डीपीसी
जिला योजना समन्वयक डॉ सुधांशु शेखर ने बताया कि शरीर और मन की शांति के लिए योग बहुत ही जरूरी विकल्प के रूप में सामने आया है। मात्र योगाभ्यास करने से आपका शरीर पूरी तरह से स्वस्थ रहता है। योग से मानव जीवन पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। प्रतिदिन योग करने से शारीरिक और मानसिक बीमारियां दूर होती है। बढ़ते तनाव को कम करने और लाइफस्टाइल से पैदा होने वाली विभिन्न समस्याओं को योगाभ्यास करने से दूर किया जा सकता है। योग करने से शरीर को मजबूती मिलती है। योग से शारीरिक और मानसिक ऊर्जा में वृद्धि होती है। योग करने वाले लोग फिट होने के साथ ही इम्युनिटी के मामले में भी दूसरे लोगों से बेहतर होते हैं। इसी को देखते हुए लोगों ने स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए योग करना शुरू किया है।
पूर्णिया से जेपी मिश्रा
Jun 23 2023, 14:41