*भारत-यूएस के बीच बढ़ती दोस्ती से डरा ड्रैगन! ग्लोबल टाइम्स के जरिए कसा तंज,कहा- अमेरिका द्वारा मोदी को गले लगाने की एक कीमत है*
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भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अमेरिका के राजकीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन के न्योते पर पीएम मोदी का अमेरिका जाना काफी अहम माना जा रहा है। पीएम मोदी की ये यात्रा कई मायने में ऐतिहासिक साबित होने वाली है।पीएम मोदी की यूएस यात्रा से पहले ही चीन से लेकर पाकिस्तान तक परेशान हैं। दोनों देश भारत को नसीहत दे रहे हैं।चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के भोंपू ग्लोबल टाइम्स ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले एक ओपिनियन आर्टिकिल लिखा है, जिसमें भारत की तारीफ की गई है, लेकिन सवालों के साथ भारत को नसीहत भी दी गई है, कि अमेरिका पर निर्भर होना, उसे अमेरिका के रिमोट कंट्रोल पर चलने वाली स्थिति में ला सकता है।
हाल के सालों मे भारत और अमेरिका के बीच एक अलग ही संबंध कायम होता दिख रहा है। भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती सैन्य और राजनीतिक भागीदारी ने चीन को परेशान करना शुरू कर दिया है। चीन की परेशानी पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले ग्लोबल टाइम्स में छपे ओपिनियन आर्टिकिल में देखा जा सकता है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका जा रहे हैं।
चीनी कम्यनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ने लिखा है, कि “2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से वह (पीएम मोदी) अक्सर अमेरिका का दौरा करते रहे हैं, लेकिन नवंबर 2009 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली राजकीय यात्रा है।” आगे लिखा गया है, कि “अमेरिकियों ने इसे (पीएम मोदी की यात्रा को) गंभीरता से लिया और उन्हें कांग्रेस में बोलने का सम्मान दिया है, एक ऐसा सम्मान, जो द इकोनॉमिस्ट में 15 जून के एक लेख ने याद दिलाया है, कि ये सम्मान विंस्टन चर्चिल जैसे बड़े नामों ही मिला हुआ है।
भारत-अमेरिका संबंध से डरने लगा ड्रैगन
ग्लोबल टाइम्स में पीएम मोदी की यात्रा पर तंज कसते हुए लिखा गया है कि इस दौरान वाशिंगटन ना केवल फूल बरसाना चाहता है, बल्कि ऐतिहासिक रक्षा विधेयक पर भी हस्ताक्षर करना चाहता है। गोलबल टाइम्स आगे लिखता है दोनों देशों में रक्षा सौदा बेहद अहम मसला है। और यह चीन के खिलाफ कोई रणनीति हो सकती है। ग्लोबल टाइम्स के हवाले से चीन ने यह भी कहना चाहा है कि अमेरिका भारत के साथ साझेदारी को खुद को मजबूत करके लाभ उठाना चाहता है और दुनिया के मंच पर चीन की ग्रोथ को रोकना चाहता है।
“अमेरिका इन देशों का रिमोट अपने हाथों में रखेगा”
चीन इतने पर ही नहीं रुका। ग्लोबल टाइम्स में यह भी लिखा है कि अमेरिका ने हाल के सालों में चीन के खिलाफ रणनीति में बदलाव किया है। वह दक्षिण एशियाई देशों से संबंध विकसित कर रहा है। इसमें भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और आसियान देश शामिल हैं। चीन ये भी कहना चाहता है कि इस रणनीति से आखिरकार अमेरिका को ही फायदा होगा। अमेरिका इन देशों का रिमोट अपने हाथों में रखेगा।
“अमेरिका द्वारा मोदी को गले लगाने की एक कीमत है”
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, फाइनेंशियल टाइम्स ने हाल ही में यह कहते हुए चेतावनी दी थी कि अमेरिका द्वारा मोदी को गले लगाने की एक कीमत है। अमेरिका चीन के खिलाफ भारत को एक ढाल के रूप में इस्तेमाल करने का प्रयास करता है। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, ''अमेरिका और भारत के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग वर्तमान में बढ़ रहा है। अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक वित्तीय वर्ष में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है। अगर व्यापार गति जारी रहती है तो यह भारत की अर्थव्यवस्था को लाभ देगा। हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अमेरिका ने भारत के साथ आर्थिक और व्यापारिक बातचीत को बढ़ाते हुए कई भू-राजनीतिक जोड़ गणित भी की हैं।
“अमेरिका घाटे का सौदा नहीं करेगा”
ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा है, कि बेशक, अमेरिका घाटे का सौदा नहीं करेगा। रॉयटर्स ने इस मामले से परिचित सूत्रों के हवाले से कहा, कि वाशिंगटन नई दिल्ली से MQ-9B SeaGuardian ड्रोन खरीदने का आग्रह कर रहा है, हथियारों की बिक्री का ये सौदा 2 अरब डॉलर से 3 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दों पर अमेरिका की चुप्पी की वजह बताई
चीनी अखबार ने आगे लिखा है, कि "चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने की अमेरिका की रणनीति की वजह से ही यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत के जो विचार हैं, उससे अमेरिका चिंतित नहीं है, इसके अलावा, भारत के रूस से तेल खरीदने को लेकर भी अमेरिका चिंतित नहीं है और यही वजह है, कि भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दों पर भी अमेरिका चुप रहता है, जिसकी अमेरिका में व्यापक चर्चा होती है।
चीनी अखबार ने की भारत की तारीफ
ग्लोबल टाइम्स ने अपनी टिप्पणी में ये तो माना है कि हाल के सालों में भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ है और भारत दुनिया के मंच पर एक मजबूत देश बनकर उभरा है। चीनी अखबार ने लिखा है, कि जाहिर है, भारत तेजी से विकास के दौर में प्रवेश कर रहा है। सरकार कई दीर्घकालिक परियोजनाओं को आगे बढ़ाकर विकास को गति देने का प्रयास कर रही है और एक मजबूत वित्तीय प्रणाली का निर्माण करने के लिए सुधार कार्यक्रम चल रहे हैं, जिससे सप्लाई चेन में विकास हो रहा है।
चीनी अखबार ने आगे भारत की तारीफ करते हुए लिखा है, कि भारत ने कुछ सही कदम उठाए हैं और अगर भारत अपनी जनसंख्या की क्षमता का सही उपयोग करे और धर्मनिरपेक्ष आध्यात्मिक परिवर्तन, जो भारत के खुलेपन के लिए एक ठोस आधार तैयार कर सकता है। और इस तरह से भारत एक अग्रणी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन सकता है, लेकिन इसमें अमेरिका की रणनीति भारत को क्या फायदा पहुंचा सकती है?
Jun 20 2023, 11:22