*नेपियर घास से गोशालाओं में दूर होगी पशुओं के चारे की समस्या*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। पशु पालन विभाग प्रथम चरण में जिले के तीन गोशालाओं में नेपियर घास लगाएगी। प्रयोग सफल रहा तो अन्य गोशालाओं में भी पौष्टिक घास लगाई जाएगी। यह योजना हरे चारे की समस्या के मद्देनजर बनाई गई है। जिले में बेमौसत बारिश से हरे चारे की किल्लत हो गई है। जिले में बीते दिनों बेमौसम बारिश की कहर से गेहूं की फसलें बर्बाद हो गई। गोशालाओं में हरे चारे की समस्या खड़ी हो गई।
पशुओं को को आहार में भूसा ही दिया जा रहा है। भूसे के साथ हरा चारा न होने से पशु नाद में मुंह नहीं डाल रहे है। इससे पशुओं की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। जिले के 28 गोशालाओं में 6406 गोवंश संरक्षित हैं। प्रभारी सीवीओ डॉ. राजेश उपाध्याय ने बताया कि प्रथम चरण में जिले की कान्हा, पिपरिस और बैदा गोशाला में खास प्रजाति की नेपियर घास उगाई जाएगी। योजना सफल होने पर यह तरकीब अन्य गोशालाओं में अपनाई जाएगी। इससे गोशालाओं में हरे चारे का संकट स्थायी रूप से समाप्त हो जाएगा।
क्या होता नेपियर घास
ज्ञानपुर। नेपियर एक पौष्टिक घास होती है। इसे हाथी घासा भी कहते हैं। खास प्रजाति की घास गन्ने की तरह दिखती है। इसमें अन्य घास के मुकाबले 18-20 फीसदी अधिक प्रोटीन, 35 फीसदी क्रूड फाइबर सहित अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैँ। इसके सेवन से सेवन से पशुओं में दूध उत्पादन की क्षमता की वृद्धि होती है। नेनियर घास पशुओं की सेहत के लिए काफी लाभदायक है।
Jun 14 2023, 13:51