*मां की ममता के गुणगान से गूंजा सूर्या कैम्पस शानदार तरीके से मनाया गया मदर्स डे*
![]()
रमेश दुबे
संतकबीरनगर। त्याग की तपिश, वात्सल्य रूपी प्रेम और कर्तव्यनिष्ठा की तपस्या से तैयार होती मां के ममता की छांव जन्नत से भी अधिक सुकून देती है। मां की ममता से वंचित हुआ इंसान कितना ही वैभव और ऐश्वर्य हासिल कर ले लेकिन जीवन भर ममता के आंचल की छांव के लिए भटकता ही रहेगा। कुछ ऐसा ही भाव रविवार को मदर्स डे के अवसर पर जिले के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान सूर्या सीनियर सेकेंड्री स्कूल खलीलाबाद के परिसर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में संस्थान के नौनिहालों की सजीव प्रस्तुतियों में नजर आया।
नए सत्र के पहले फंक्शन में प्राइमरी सेक्शन के मासूमों की प्रस्तुतियों में उनकी मां के प्रति अगाध प्रेम और श्रद्धा ने मौजूद लोगों के बचपन की यादों को ताजा कर दिया। इससे पहले सूर्या ग्रुप के चेयरमैन डा उदय प्रताप चतुर्वेदी, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सविता चतुर्वेदी, एसआर इंटरनेशनल एकेडमी के एमडी राकेश चतुर्वेदी और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर शिखा चतुर्वेदी और परिवार के सबसे छोटे युवराज रजत चतुर्वेदी ने मदर्स डे पर "चतुर्वेदी विला" की मुखिया चंद्रावती देवी से आशीर्वाद लिया और बुके व स्मृति चिह्न भेंट कर मदर्स डे की बधाई दिया।
बेटों और बहुओं से मिले स्नेह और सम्मान से वे अभिभूत नजर आईं। बाद में रजत चतुर्वेदी ने अपनी बड़ी मां सविता चतुर्वेदी और मां शिखा चतुर्वेदी का सम्मान करके मदर्स डे की बधाई दिया। कार्यक्रम की शुरुआत सूर्या परिवार की मुखिया चंद्रावती देवी, सूर्या ग्रुप के चेयरमैन डा उदय प्रताप चतुर्वेदी, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सविता चतुर्वेदी, एसआर के एमडी राकेश चतुर्वेदी, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर शिखा चतुर्वेदी ने संस्थान के संस्थापक पं सूर्य नारायण चतुर्वेदी और ज्ञानदायिनी मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित करके किया।
संस्थान के एमडी डा उदय प्रताप चतुर्वेदी ने कहा की भारतीय संस्कृति में मां का स्थान सबसे उपर माना जाता है। मां ही बच्चे की पहली शिक्षिका होती हैं। उन्होंने कहा की मां के द्वारा दी गई शिक्षा और संस्कार के बुनियाद पर ही इंसान के व्यक्तित्व का निर्माण होता है। एक शिक्षिका के रूप में बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए नैतिकता एवं कर्तव्य का बोध कराती है।
संस्थान की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सविता चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में कहा कि मां अपने आप में संपूर्ण पाठशाला होती है तथा जीवन में त्याग और समर्पण का अद्भुत उदाहरण है। मां एक ऐसी कुंजी है जो सभी समस्याओं का समाधान कर सकती है और किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के चतुर्दिक विकास के लिए सदैव समर्पित रहती है। एसआर के एमडी राकेश चतुर्वेदी ने उपस्थित सभी अभिभावकों व माताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बिना मां के आशीर्वाद के कोई भी व्यक्ति जीवन में सफलता नहीं प्राप्त कर सकता इसलिए मां की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य रविनेश श्रीवास्तव और संचालन विद्यालय के उप प्रधानाचार्य शरद त्रिपाठी ने किया। नौनिहालों ने 'मेरी मां के बराबर कोई नहीं', 'बम बम भोले', 'बचपन का प्यार' इत्यादि मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करके कैंपस में मौजूद हर शख्स के मां के वात्सल्य की यादों को ताजा कर दिया। इस दौरान नितेश द्विवेदी,तपस्या रानी सिंह, आशुतोष पांडेय, वेद प्रकाश पांडेय सहित तमाम लोग मौजूद रहे।







May 14 2023, 17:50
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0.9k