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डुमरी विधानसभा में जगरनाथ महतो के तिलस्म को तोड़ना किसी छुटभैए की बात नहीं

गिरिडीह:कहते हैं लोग चढ़ते सूरज को ही प्रणाम करते हैं,और जब बात पॉलिटिक्स की किया जाए तो क्या अपने क्या बेगाने,सब साथ छोड़ जाते हैं।उम्मीद जताई जा रही थी कि पांच मई को दिवंगत शिक्षा मंत्री सह डुमरी विधानसभा क्षेत्र के दम खम शेरों के शेर टाइगर जगरनाथ महतो के पुत्र अखिलेश महतो को मंत्री पद का सेहरा बंधेगा।

लेकिन तय तारीख बीतने के बाद जहां झामुमो के समर्पित कार्यकर्ताओं के चेहरे मायूस दिखे,तो वहीं विपक्ष के तथाकथित लोगों ने उपहास का प्रदर्शन करना शुरू दिया।

क्षेत्र की जनता सहित उक्त लोग तुरंत अपने प्रिय नेता को भुलाने बिसराने का ड्रामा करने लगे।जबकि वर्तमान समय में भी डुमरी विधानसभा क्षेत्र में झामुमो ने अपनी ना तो विश्वसनीयता खोई है और ना ही कोई अन्य चेहरा इसे चैलेंज करने का साहस कर सकता है।डुमरी विधानसभा के बड़े बूढ़े लोगों का मानना है कि टाइगर ने डुमरी की मिट्टी में स्वयं को समाहित कर दिया है।

प्रतिदिन अहले सुबह से ही सैकड़ों पीड़ित लोगों की भीड़,और उनकी तीमारदारी में आतुर नजरों से गहनता पूर्वक भला आज के समय में कौन नेता अपनी जनता की बातें सुनकर उनके दुख दर्द को महसूस कर त्वरित कार्रवाई की ओर अग्रसर होकर समाधान करता है!

अपने मतदाताओं और समर्थकों पर उनकी मजबूत पकड़ की बदौलत ही उन्होंने डुमरी विधानसभा में लगातार चार बार पार्टी का झंडा लहराया था।जिसे विस्मृत कर देना किसी छुटभैये छपास व शोसल मीडिया पर नेतागिरी झाड़ रहे लोगों के वश की बात नहीं कही जा सकती।

दिवंगत जगरनाथ महतो के तिलस्म को तोड़ना इतना सहज भी नहीं है।फिलवक्त हम तो तेल देखेंगे और तेल की धार। इधर दिवंगत जगरनाथ महतो पुत्र अखिलेश महतो उर्फ राजू महतो ने विधानसभा क्षेत्र में अपनी सक्रियता तेज कर दी है।

जीवित महिला को मृत घोषित कर रद्द कर दिया वृद्धावस्था पेंशन

खुद को जीवित साबित करने के लिए कागज़ात लिए पीड़िता लगा रही ब्लॉक के चक्कर 

गिरिडीह:एक जीवित वृद्धा को मृत घोषित कर उनका वृद्धावस्था पेंशन रद्द कर दिए जाने का मामला सामने आया है।

मामला जिले में तिसरी प्रखंड अंतर्गत सिंघो पंचायत के ककनी गांव का है। जहाँ की 84 वर्षीय वृद्धा हसमुन खातून को पिछले वर्ष सरकारी कर्मचारी और कथित तौर पर जनप्रतिनिधि द्वारा मृत घोषित कर उन्हें मिलने वाले वृद्धावस्था पेंशन लाभ से वंचित कर दिया गया। 

अब पीड़िता खुद को जीवित साबित करने के लिए सारे कागजात लेकर पिछले एक वर्ष से तिसरी प्रखंड मुख्यालय का चक्कर काट रहीं हैं।इस संबंध में पीड़िता वृद्ध महिला हसमुन खातून बतातीं है कि उन्हें वृद्धावस्था पेंशन का लाभ मिल रहा था। लगभग एक वर्ष पूर्व तिसरी ब्लॉक से सत्यापन के लिए गए दो सरकारी कर्मियों ने किसी व्यक्ति के कहने पर उन्हें मृत घोषित कर मिल रहे वृद्धावस्था पेंशन को रद्द कर दिया। एक वर्ष से हसमुन पुनः पेंशन चालू कराने के लिए प्रखंड मुख्यालय का चक्कर काट रहीं हैं।

वहीं मामला जब सिंघो के नवनिर्वाचित मुखिया मो हासिमउद्दीन के पास पहुंचा तो उन्होंने तुरंत प्रखंड विकास पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी।

प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष प्रजापति ने कहा कि मामले को संज्ञान में लेते हुए उन्होंने पेंशन सूची में सुधार के लिए जिला भेज दिया है। जल्द ही हसमुन खातून को पुनः पेंशन का लाभ मिलना प्रारम्भ हो जायेगा।साथ ही उन्होंने कहा कि स्थानीय कर्मचारी की लापरवाही से ऐसा हुआ है। लिहाजा उन्होंने सभी कर्मचारियों को गहनता पूर्वक सत्यापन करने का निर्देश दिया है।

अधिकारी चाहे जो भी कहें लेकिन सरकारी कर्मियों के इस लापरवाही का खामियाज़ा इस वृद्ध महिला को भुगतना पड़ रहा है। इस महिला को पिछले एक वर्ष के मिलने वाली पेंशन की राशि तो गई ही, साथ ही एक वर्ष से ब्लॉक का चक्कर लगाने में जो परेशानी हुई सो वो अलग।

जान जोखिम में डाल कर आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ते हैं बच्चे,विभाग के प्रति लोगों में आक्रोश


कक्षा चलने तक अभिभावक बाहर बैठ करते हैं प्रतीक्षा

गिरिडीह:- सदर प्रखंड अंतर्गत बक्सीडीह पंचायत के बेड़ा में समेकित बाल विकास सेवाएं के द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 91 का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. 

यहां के बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करते हैं।

बताया जाता है कि स्थिति यह हो गई है कि जिस कमरे में बच्चे पढ़ाई करते हैं और जहां बच्चों का भोजन बनाया जाता है वे कमरे पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं और जगह-जगह से दीवारें फट गई हैं. केंद्र में बरसात के समय छतों से पानी गिरने लगता है. 

पिछले चार-पांच वर्षों से आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति यही है. यहां की सेविका इस संबंध में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से कई बार मिल चुकी है और उन्हें पूरे मामले से अवगत करा चुकी है,लेकिन इसके बावजूद इस आंगनबाड़ी केंद्र के प्रति न तो विभाग का ध्यान जा रहा है और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों का, स्थिति यह हो गयी है कि आने वाले दिनों में यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. 

इस बाबत आंगनबाड़ी केंद्र बेड़ा क्रम संख्या 91 की सेविका चंपा देवी ने बताया कि यह आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और यहां उन्हें बच्चों को बैठाने तक में डर लगता है. बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र तो आते हैं। लेकिन उसके साथ उनके अभिभावक भी साथ में आते हैं और केंद्र के बाहर बैठे रहते हैं, ताकि कभी कोई बड़ा हादसा न हो जाए. 

उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में इस केंद्र में 25 बच्चे हैं लेकिन हर दिन मात्र 5 से 10 बच्चे ही केंद्र पहुंचते हैं उनके साथ उनके अभिभावक भी मौजूद रहते हैं. बताया कि बच्चों के नहीं आने का मुख्य कारण जर्जर भवन है, ग्रामीणों को डर लगता है इस आंगनबाड़ी केंद्र में भेजने से।उन्होंने बताया कि इस संबंध में कई बार विभागीय पदाधिकारियों को सूचना दी गई है। लेकिन विभाग इसके प्रति ध्यान नहीं देता है और न ही गंभीर है. लिहाजा उन्हें भी बच्चों को केंद्र में बुलाने में डर लगता है.

 इधर इस मामले को लेकर स्थानीय वार्ड पार्षद रामचंद्र दास ने बताया कि उनके संज्ञान में भी यह मामला आया है और उन्होंने भी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को इसके मरम्मत के लिए सूचना दी है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. 

उन्होंने कहा कि जल्द ही डीसी से मिलकर एक आवेदन सौंपा जाएगा और आंगनबाड़ी केंद्र को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने की मांग की जाएगी.

झामुमो व भाकपा कार्यकर्ताओं ने विश्वनाथ महतो का 47वां शहादत दिवस मनाया गया


गिरिडीह:- झामुमो और सीपीआई के संयुक्त तत्वावधान में जिले के लोहेडीह पंचायत के खेतको में विश्वनाथ महतो का 47वां शहादत दिवस मनाया गया।

उपस्थित लोगों ने विश्वनाथ महतो के स्मारक स्थल खेतको में स्थित शहीद वेदी पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया।सभी लोगों ने दिवंगत महतो के संघर्षों व सामाजिक उत्थान व समरूपता के दिशा में किये गए कार्य को याद कर उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।

इसके पूर्व शहीद वेदी के समक्ष झंडोत्तोलन किया गया।इस दौरान कामरेड नुनूचनद महतो,गणेश महतो,अमरु महतो हनीफ अंसारी,विजय

महतो,भुनेश्वर सिंह,मनोज कुमार,प्रभुदयाल महतो,रघु

महतो,थानुलाल महतो,किशुनदेव महतो,राजेश महतो, राजू महतो लोहेडीह मुखिया अर्जुन महतो झामुमो के राजकुमार,भोली महतो,हरिचरण महतो,अनिल महतो,

भीमसेन महतो,बीरबल महतो,टिंकू महतो,हिरो महतो,युगल किशोर महतो आदि उपस्थित थे।

गिरिडीह:नशाबंदी को लेकर महिलाओं ने निकाला लाठी मार्च

गिरिडीह:महिलाओं ने क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की मांग की। बुधवार को जिले के बगोदर प्रखण्ड अंतर्गत पैसरा गांव में महिलाओ ने लाठी मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया।

इस दौरान महिलाओं के हाथों में लाठियां थीं और वे नशाबंदी के खिलाफ नारेबाजी कर रहीं थीं। वहीं मौके पर महिलाओं ने कहा कि क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। लेकिन अवैध शराब के धंधे में लिप्त लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही हो रही जिसे आज के किशोर युवाओं मे ज्यादा असर पड रहा है और नशा के आदि हो रहे है।जहां पर शराब के अवैध विक्रय के विरोध में घरों से निकलकर महिलाएं एकजुट हुई और गांव में शराब बिक्री के खिलाफ गाँव भर में लाठी मार्च निकाल कर शराब बेचने और पीने वालों के खिलाफ जूलूस निकाल कर विरोध जताया। 

गांव में पैदल मार्च निकालकर शराब और गांजा सहित अन्य मादक पदार्थों के अवैध विक्रय को बंद कराने की मांग की। महिलाओं ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी अवैध शराब खुलेआम बेची जा रही है, जिससे हजारों परिवारों को परेशानी हो रही है।

 उन्होंने कहा कि गांवों में आसानी से शराब उपलब्ध होने के कारण कई पुरुष अपनी गाढ़ी कमाई शराब पर खर्च कर अपने परिवार के सदस्यों को सड़कों पर ला रहे हैं। ग्रामीण बाजार में शराब पीकर घर पहुंचते हैं और घर परिवार के साथ लड़ाई झगडा कर घर को अशांत करते हैं। जिससे छोटे छोटे बच्चों में इसका प्रभाव पड़ता है और बच्चे पढ लिख नही पाते हैं। शराब के कारण कई घर बर्बाद हो जाते है और इसका खामियाजा महिलाओं और अन्य परिजनों को भुगतना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव और क्षेत्र में शराब की अवैध बिक्री से पूरे क्षेत्र का ही माहौल दूषित होता है। अब नशा के अभ्यस्त पढने लिखने वाले बच्चे कम उम्र में ही हो जा रहे हैं।

इस मार्च में जितेंद्र महतो, कैलाश महतो, पूरन चंद महतो, शंकर महतो, विलास महतो, बलराम महतो, नीलकंठ महतो, चमेली देवी, सुनीता राज, संजू कुमारी, सुनीता देवी, यशोदा देवी आदि शामिल थीं।

गिरिडीह: 04 उत्कृष्ट विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में कक्षा 6, 7, 8, 9 व 11 में नामांकन प्रारंभ

गिरिडीह:- जीराज्य सरकार के सतत् प्रयास के तहत सरकारी विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत गिरिडीह जिले के 04 विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के रूप में मान्यता दी गयी है। 

राज्य सरकार द्वारा शैक्षणिक सत्र 2023-24 में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्धता प्राप्त कर विद्यालय का संचालन अंग्रेजी माध्यम से प्रारंभ किया जा रहा है। संबंधित विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा दी जायेगी। सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड राँची के आलोक में गिरिडीह जिले में संचालित सभी चारों उत्कृष्ट विद्यालयो में उत्क्रमित +2 सर जेसी बोस बालिका उच्च विद्यालय, गिरिडीह, उत्क्रमित +2 उच्च विद्यालय पचम्बा, कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय, गिरिडीह एवं मॉडल विद्यालय डुमरी में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में कक्षा 6, 7, 8, 9 एवं 11 में नामांकन होना है। जहां बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।

इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बता5या कि आवेदन जमा करने की तिथि 15 मई निर्धारित है। साथ ही चयन परीक्षा की तिथि 19 मई, फर्स्ट मैरिट लिस्ट का प्रकाशन 22 मई तथा नामांकन लेने की तिथि 23 मई से 8 जून तक निर्धारित किया गया है। आवेदन संबंधित उत्कृष्ट विद्यालय से प्राप्त एवं जेईपी झारखंड गोव इन ऑनलाइन पर डाउनलोड किया जा सकता है। वहीं बताया गया कि आवेदन पत्र निःशुल्क प्राप्त किया जा सकता है।

गिरिडीह: एक स्कूल ऐसा भी, जहां बच्चे स्वयं पढ़ते हैं और बच्चों को भी पढ़ाते हैं,शिक्षक स्कूल से रहते हैं नदारद

गिरिडीह:- सदर प्रखंड के बक्सीडीह पंचायत अंतर्गत बेड़ा में एक ऐसा स्कूल संचालित है, जहां समय पर न तो शिक्षक पहुंचते हैं और न ही इस स्कूल में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिया जाता है। 

यह पूरा मामला बेड़ा स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय की है।इस विद्यालय की स्थिति इतनी खराब है कि यहां के शिक्षक जब - मन तब विद्यालय पहुंचते हैं और अपने निजी कार्य से बच्चों को भगवान भरोसे छोड़कर नदारद हो जाते हैं। 

इसके बाद स्थिति यह हो जाती है कि बच्चे खुद ब्लैक बोर्ड में लिखकर दूसरे बच्चों को पढ़ाते हैं और खुद भी शिक्षा ग्रहण करते है। स्थानीय ग्रामीणों की भी माने तो यहां 2 शिक्षक एक आशा सिन्हा और एक नीरज सिन्हा का पदस्थापन हुआ है, लेकिन अक्सर दोनों शिक्षक गायब रहते है। 

किसी दिन शिक्षिका आशा सिन्हा छुट्टी पर रहती है तो किसी दिन शिक्षक नीरज सिन्हा बिना बताए गायब हो जाते है। मंगलवार को भी स्कूल में यही स्थिति देखने को मिली। सुबह करीब 9. 30 बजे स्कूल में बच्चे खुद से पढ़ाई कर रहे थे और कुछ बच्चे कक्षा से बाहर खेल रहे थे। 

बच्चों से जब पूछा गया कि शिक्षक कहां है तो उन्होंने कहा कि मैडम छुट्टी पर है, और एक शिक्षक जिनका नाम नीरज सिन्हा है वह स्कूल आकर घर चले गए हैं। बच्चों का कहना था कि अक्सर यही स्थिति स्कूल की रहती है।एक महीना से बच्चों को एमडीएम का भोजन भी नसीब नहीं हुआ है और ना ही उन्हें पोषाहार मिलता है।

शिक्षा विभाग के द्वारा एक ओर जहां बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के बड़े - बड़े वादे किए जा रहे हैं तो दूसरी ओर यह स्थिति देखकर साफ ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार से सरकारी स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।

इस मामले को लेकर स्थानीय वार्ड पार्षद रामचन्द्र दास ने बताया कि स्कूल में शिक्षक हमेशा गायब रहते है इसकी शिकायत कई बार जिला शिक्षा अधीक्षक से की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। 

उन्होंने कहा कि इस मामले की शिकायत डीसी से की जाएगी और ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जाएगी।

मादक पदार्थ गांजा के अवैध कारोबार को लेकर 1 वर्ष की सजा व ₹10,000 जुर्माना

गिरिडीहःगिरिडीह के प्रधान जिला व सत्र न्यायधीश वीणा मिश्रा के न्यायालय ने एनडीपीएस एक्ट सेक्शन 20/1 के तहत एक आरोपी को एक साल की सजा और 10 हजार जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं देने पर आरोपी को एक महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। 

मामला साल 2017 को नगर थाना से जुड़ा हुआ है। जहां शहर के कोलडीहा निवासी मिथुन रजवार के घर छापेमारी कर पुलिस ने मादक पद्धार्थ गांजे के बड़े स्टॉक को जब्त किया था। 

आरोपी के घर के कमरे के पलंग के नीचे से गांजे की स्टॉक को जब्त करने के साथ पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। 

पुलिस को छापेमारी के क्रम में जानकारी मिली थी कि मिथुन रजवार घर से गांजा का अवैध कारोबार करता था। 

इस दौरान छह साल तक आरोपी जेल में रहा।जबकि तीन दिन पहले आरोपी मिथुन रजवार पर प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश के कोर्ट ने आरोप गठित किया। जबकि मंगलवार को आरोपी को सजा सुनाई गई।

गिरिडीह:अवैध कोयला जब्ती मामले में 14 लोगों पर हुई प्राथमिकी दर्ज

गिरिडीह:जिले के निमियाघाट थाना क्षेत्र अंतर्गत बुढ़ीसराय जंगल से 8 मई को गिरिडीह डीएसपी अनिल सिंह के नेतृत्व में की गई छापेमारी में तस्करी के लिए जमा कर रखे कोयले की बरामदगी के मामले में पुलिस ने चौदह लोगों को नामजद आरोपी बनाया है।

इस संबंध में निमियाघाट के प्रभारी थानेदार अशोक कुमार ने बताया कि इस मामले में डुमरी थाना क्षेत्र के चेगड़ो निवासी उपेन्द्र महतो, घुटवाली निवासी सुरेश महतो, निमियाघाट थाना क्षेत्र के बालेडीह निवासी बबलू अंसारी,याकूब मियां,लियाकत अंसारी,सुल्तान अंसारी इसरी बाजार निवासी दीपू गुप्ता, चंदनकुरवा निवासी बिरजू मुर्मू,सुगन मांझी कुल्ही निवासी दीप नारायण महतो,केदार महतो,बलराम महतो,मौजीलाल महतो और हुलास महतो सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

ज्ञात हो कि सोमवार को गिरिडीह पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गिरिडीह एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में जिला पुलिस के जवानों ने थाना क्षेत्र के बुढ़ीसराय जंगल मे छापेमारी कर तस्करी के लिये जमा कर रखे हुए पांच टन कोयला बरामद किया था।इधर पुलिस के इस कार्रवाई के बाद राष्ट्रीय संपत्ति कोयले के अवैध कारोबार करने वालों में हड़कंप मच गई है।क्षेत्र के लोग आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर जेल भेजने एवं कोयले के अवैध कारोबारियों के विरूद्ध आये दिन छापेमारी करने की अपील की है।बताया जाात है कि उपरोक्त लोग काफी समय से इस अवैध कारोबार में संलिप्त थे।

वहीं स्थानीय लोगों ने पोड़ा कोयला का अवैध कारोबार चलाने वालों पर भी शिकंजा कसने की

अपील पुलिस से की है।

गिरीडीह: झापीपा नेता ने किया बकाश्त भूमि पर करोड़ों के राशि की वापसी के नोटिस पर अमल करने का अनुरोध

गिरिडीह:झारखंड पीपुल्स पार्टी के बोकारो जिला अध्यक्ष सह गिरिडीह लोकसभा प्रभारी अशोक अग्रवाल आजाद ने डीसी गिरिडीह,अपर समाहर्ता गिरिडीह एवं जिला भू-अर्जन गिरिडीह को पत्र प्रेषित कर बकाश्त भूमि पर करोड़ों की राशि की वापसी के नोटिस पर अमल करने का अनुरोध किया है।

उक्त पत्र में लिखा है कि

जिला भू अर्जन गिरिडीह के तत्कालीन पदाधिकारियों की लापरवाही और मनमानी से बकाश्त भूमि खाता संख्या 22 प्लॉट 147 मौजा घुजाडीह की शरीफन खातून पिता हनीफ मियां को 12 लाख रुपये से अधिक और अन्य 8 रैयतो को करोड़ों की राशि का भुगतान किया गया था। जिसकी वापसी के लिए भू अर्जन कार्यालय गिरिडीह से अगस्त 2019 को नोटिस निर्गत है। लेकिन उस पर 3 वर्षों से अधिक होने पर भी अमल नहीं हो रहा है।

श्री आजाद ने आरोप लगाया कि रूपयों की वापसी हेतु नोटिस निर्गत करने में भी भेदभाव किया गया। क्योंकि पदाधिकारियों ने षड्यंत्र करते हुए खाता 22 प्लॉट 189 मौजा घुजाडीह भूमि की प्रकृति बकाश्त रैयत को भुगतान की गई 12 लाख रुपए की वापसी हेतु नोटिस तक निर्गत नहीं किया। जबकि खाता 22 प्लॉट 189 की भूमि अधिग्रहण क्षेत्र से बाहर की है अर्थात फर्जी रूप से भुगतान किया। 

लिखा कि वर्तमान में पदाधिकारियों द्वारा कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति किया जाना अपने आप में भ्रष्टाचार का प्रतीक है।पत्र में लिखा कि मौजा घुजाड़ीह खाता 22 प्लॉट 147 भूमि की प्रकृति बकाश्त डुमरी अंचल एनएच-19 सिक्स लाइन सड़क निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण और भुगतान में करोड़ों रुपया की सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है।

बकाश्त भूमि का लगान निर्धारण नहीं होने के बावजूद जिला भू अर्जन कार्यालय द्वारा सरीफन खातून और अन्य 8 रैयत को करोड़ों रुपया भुगतान दे दी गई और सत्यता पता चलने के बाद रुपयों की वापसी हेतु वर्ष 2019 में नोटिस निर्गत की गई। परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

श्री आजाद ने पदाधिकारियों को स्मरण दिलाते हुए लिखा कि केंद्रीय मंत्री सड़क एवं परिवहन नितिन गडकरी के निजी सचिव ने चेयरमैन एनएचएआई को जिम्मेवारी सौंपी है और अपर समाहर्ता गिरिडीह ने भी अपने पत्रांक 652 दिनांक 16.3.2022 के मार्फत जिला भू अर्जन अधिकारी से जांच रिपोर्ट की मांग किया है। 

परंतु दुर्भाग्यवश तीन-चार वर्षों से पदाधिकारीगण कार्रवाई से स्वार्थवश बचने का काम कर रहे हैं जो कि अपने आप में ही एक भ्रष्टाचार ही है।श्री आजाद में जांच एवं कार्रवाई रिपोर्ट से अवगत कराने तथा भ्रष्ट पदाधिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग उच्च पदाधिकारियों से की है।