दुमका : नाटक की बारीकियों की सीख रहे छात्र, कुलपति ने कहा - नाटक मात्र अभिनय नहीं बल्कि विचारों की प्रमुखता
दुमका : संताल परगना महाविद्यालय में आईएडब्ल्यूएस रांची के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय नाट्य कार्यशाला में गुरुवार को एसकेएमयू की कुलपति प्रो डॉ0 सोना झरिया मिंज भी पहुँची। कुलपति ने नाट्य कार्यशाला में प्रशिक्षण ले रहे छात्रों को प्रोत्साहित किया।
कार्यशाला में कॉलेज के छात्रों को नाटक के विभिन्न तकनीकी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विशेष तौर पर समाज में व्याप्त जेंडर भेदभाव पर आधारित विषय पर नाटक की विभिन्न तकनीकी व प्रशिक्षण से अवगत कराया गया ताकि नाटक के माध्यम से जेंडर भेदभाव को दूर कर समाज मे एक बेहतर संदेश दिया जा सके।
कुलपति प्रो सोना झरिया मिंज ने कहा कि समाज में व्याप्त जेंडर विभेद को नाटक के माध्यम से बहुत आसानी से दूर किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि नाटक मात्र अभिनय नहीं होता बल्कि उसमें विचार की प्रमुखता भी होती है। प्राचार्य डॉ खिरोधर प्रसाद यादव ने कहा कि नाटक के माध्यम से हम चेतना को स्थाई रूप में प्रभावित कर सकते हैं। लैंगिक असमानता का एक व्यापक पक्ष हमारी चेतना में ही निर्मित होता है, इसलिए यही सशक्त माध्यम है जिससे व्याप्त कुरीतियों को दूर किया जा सकता है। आईएडब्ल्यूएस रांची की संयोजिका ममता सिंह ने कहा कि नाटक एक दूसरे को जानने की महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हम जेंडर संबंधी अनेक दुर्भावनाओं को दूर कर सकते हैं।
कार्यशाला में प्रशिक्षु के रूप में जेएनयू के धर्म प्रकाश उपस्थित रहे जिन्होंने शारीरिक और वाचिक अभ्यास के माध्यम से छात्रों को कुशल बनने की तकनीकी सिखाई। मौके पर कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ कुमार सौरभ तथा संयोजक डॉ यदुवंश यादव उपस्थित रहे।
(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)
May 04 2023, 20:06