स्वच्छता अभियान के तहत भारत सरकार ने प्रखंड में हजारों शौचालयों निर्माण अनुदान देकर किया, शौचालय का निर्माण कार्य जारी
स्वच्छता अभियान के तहत भारत सरकार ने प्रखंड में हजारों शौचालयों निर्माण अनुदान देकर किया।
अभी भी शौचालय का निर्माण जारी है। इसके बावजूद लेकिन हसपुरा प्रखंड के लगभग सभी पंचायतों में लोग खुले में शौच करने जाते है। वर्ष 2016 से स्वच्छता अभियान के तहत तीन वर्षों तक जागरूकता अभियान चलाकर 80 फीसदी घरों में शौचालय निर्माण किया गया। इसके बाद 2019 में पूरे प्रखंड को ओडीएफ घोषित कर दिया गया था। यानी पूरा प्रखंड खुले में शौच से मुक्त हो गया है।
लेकिन ओडीएफ घोषित होने के चार साल बाद भी लोग खुले में शौच जाते हैं । व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालय शोपीस बनकर रह गया है। स्वच्छता मिशन के तहत प्रखंड में 26 हजार 237 व्यक्तिगत के साथ 11 सामुदायिक शौचालय फेज एक में ही बनकर तैयार है।
विभाग की मानें तो सभी सामुदायिक शौचालय कार्यरत है। लेकिन प्रखंड के सभी पंचायतों में सड़क की किनारे गंदगी और खुले में शौच से भरा पड़ा है। शुरुआती अभियान में विभिन्न विभागों ने संयुक्त रूप से जागरूकता अभियान चलाया था तो थोड़ा स्थिति में सुधार हुआ था। फिलहाल सब शिथिल पड़ गए लोग खुले में शौच जा रहें
लक्ष्य से अधिक शौचालय निर्माण फिर भी गंदगी
प्रखंड में शौचालय निर्माण के दूसरे फेज का अभियान चलाया जा रहा है। दूसरे फेज में हसपुरा को शौचालय निर्माण के 3137 शौचालय निर्माण का लक्ष्य मिला था जिसके विरुद्ध प्रखंड में 1778 व्यक्तिगत शौचालय निर्माण का रिपोर्ट विभाग द्वारा किया गया है।फिर भी प्रखंड के पचरुखिया - फेसर रोड के धमनी और सोनहथु गांव के सड़क के दोनों किनारे, हसपुरा - पचरुखिया, हसपुरा - पिरु, हसपुरा - त्रिसंकत, हसपुरा - देवहरा, पचरुखिया- सिहाड़ी रोड में सड़क के किनारे खुले में शौच के कारण सड़क के किनारे चलना मुश्किल हो जाता
शोभा की बस्तु बना हुआ है सामुदायिक शौचालय
प्रखंड में 11 सामुदायिक शौचालय है। अधिकतर शौचालयों में ताला लगा हुआ है। जहां सामुदायिक शौचालय में पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था है। वहां भी ग्रामीण शौचालय का उपयोग नहीं करते है। सामुदायिक शौचालय शोपीस बनकर रह गया है।
अमझर शरीफ के कचड़ा यार्ड के पास शानदार सामुदायिक शौचालय बना हुआ है।वहां प्रतिदिन कर्मी भी मौजूद रहते है फिर भी ग्रामीण बोतल और लोटे में पानी लेकर शौचालय के सामने से खुले में शौच करने जाते है।
प्रखंड कोआर्डिनेटर दिवेन्द्र कुमार नयन ने बताया कि प्रखंड में अब गिने-चुने घर ही शौचालय विहीन है। नए व्यक्तिगत शौचालय बन भी रहें है। बने हुए शौचालय के लिए अनुदान का भी भुगतान किया जा रहा है। लेकिन अभी बीस फीसदी ग्रामीण खुले में शौच करते है। जिस तत्परता के साथ अनुदान के लिए दौड़ते है। शौचालय का उपयोग नहीं करते। पढ़े-लिखे लोग शौचालय का उपयोग करते है।अनपढ़ लोगों में जागरूकता का बहुत अभाव है।पहले से स्थित बदला है। 21 मार्च से विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।धीरे - धीरे सुधार हो जाए
कागजों पर चल रहा है जागरुकता अभियान
लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत हर पंचायत में मानव बल की नियुक्ति हुई है।जिन्हें ग्रामीणों को जागरूक कर शौचालय के उपयोग के लिए प्रेरित करना है। जिसका नोडल पदाधिकारी पंचायत सचिव को बनाया गया है। हर पंचायत में दो मानव बल व एक पर्यवेक्षक नियुक्त है। जो प्रतिदिन ग्रामीणों के खुले में शौच नहीं जाने के लिए जागरूक करेंगे। सप्ताह में दो दिन ग्रामीणों के साथ बैठक कर गांव को कैसे स्वच्छ और सुंदर बनाए। इस पर चर्चा कर योजना बनाएंगे। वहीं ब्लॉक कोऑर्डिनेटर पूरे प्रखंड में चल स्वच्छता अभियान व जागरूकता अभियान का निरीक्षण करेंगे
Mar 30 2023, 19:14