गया के डीएम ने भू अर्जन विभाग से संबंधित समीक्षा बैठक किया, शत-प्रतिशत रैयतो के बीच मुआवजा वितरण कराने का निर्देश
गया। जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में भू अर्जन विभाग से संबंधित समीक्षा बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में की गई। भू अर्जन कार्यालय से संचालित विभिन्न योजनाएं यथा भारतमाला परियोजना, अमृत कोलकाता इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर परियोजना AKIC, डीएफसीसीआईएल, रेलवे परियोजना, एनएच 02, एनएच 82, 83 परियोजना आदि की समीक्षा की गई।
भारतमाला परियोजना के संबंध में सरकारी भूमि स्थानांतरण के संबंध में सभी संबंधित अंचलाधिकारी यथा आमस , गुरुआ गुरारू, परैया, बेला, टेकारी को 3 दिनों के अंदर भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव अपर समाहर्ता के पास उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया साथ ही मुआवजा वितरण हेतु कैंप लगाकर तिथि निर्धारित कर शीघ्रता लाने का निर्देश भू अर्जन पदाधिकारी को दिया गया। इसके साथ ही फिजिकल पजेशन ( दखल कब्जा) देने हेतु 80% राशि वितरण कराने का निर्देश जिला भू अर्जन पदाधिकारी को दिया गया ताकि तेजी से सड़क का निर्माण कार्य कराया जा सके। विदित हो कि 80% राशि वितरण के पश्चात ही फिजिकल पजेशन मिलता है ताकि सड़क निर्माण हो सके।
भारतमाला परियोजना के लिए उन्होंने कहा कि इस सप्ताह हर हाल में 10 करोड़ रुपया रैयतों के बीच बाटने हेतु लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने जिला भू अर्जन पदाधिकारी को सख्त हिदायत दिया कि 30 अप्रैल तक शत-प्रतिशत रैयतो के बीच मुआवजा वितरण करना सुनिश्चित करें। जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि भारतमाला (अमृतसर से रामगढ़ निर्माण) योजना के तहत 254 करोड़ रुपए के उपलक्षय में 171.15 करोड़ रूपया रैयतों के बीच वितरण किया जा चुका है। मुआवजा का भुगतान 6 अंचलों में शिविर का निरंतर आयोजन किया जा रहा है। प्राप्त शिविर से राजस्व कागजातों की जांच उपरांत तेजी से मुआवजा भुगतान की जा रही है। आयोजित शिविर में 230 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें 107 आवेदन के विरुद्ध भुगतान किया जा चुका है। 123 कागजातों की जांच तेजी से करते हुए 3 दिनों के अंदर भुगतान कर दी जाएगी।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि कैंप आयोजित होने के पूर्व संबंधित क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर प्रचार प्रसार कर रैयतों के बीच जागरूकता करें। ताकि कैम्प में अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त हो सके। अमृतसर कोलकाता इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग परियोजना के समीक्षा में जिला पदाधिकारी ने जिला भू अर्जन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि 12 अप्रैल तक शत प्रतिशत राशि रैयतों के बीच मुआवजा वितरण करने का निर्देश दिया गया है। जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि अमृतसर दिल्ली कोलकाता और योगिक कॉरिडोर के तहत कुल 13 मौजा 1670.22 एकड़ का रकबा है। उक्त परियोजना के निर्माण हेतु 177 करोड़ के विरुद्ध 93.37 करोड़ रुपए का वितरण किया जा चुका है। इस परियोजना में 1579 हितबद्ध रैयतों है, जिसके विरुद्ध 403 रैयतों को भुगतान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि रातों की जमाबंदी पूर्वजों के नाम के होने के कारण वर्तमान रहे तो को भुगतान में थोड़ी धीमी प्रगति है मुआवजा भुगतान हेतु मौजावार शिविर का आयोजन निरंतर किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने अमृतसर दिल्ली कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर योजना की समीक्षा के दौरान एलपीसी निर्गत में धीमी प्रगति को देखते हुए अंचल अधिकारी धोबी को फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि कैंप के माध्यम से रैयत के बीच एलपीसी निर्गत करने में तेजी लावे 18 मार्च तक 135 रैयत का एलपीसी निर्गत किया गया है, जिसमें केवल 20 रैयतों का भुगतान हुआ है। जिला पदाधिकारी ने सख्त निर्देश दिया कि भूमि के मापी के नाम पर कार्य धीमा ना रखें। अधिक से अधिक एलपीसी निर्गत करें। रैयतों की सूची बनाएं और कैंप के माध्यम से एलपीसी निर्गत करें। उन्होंने भू अर्जन पदाधिकारी को सख्त हिदायत दिया कि आमीन के ऊपर पूरी नियंत्रण रखें। दोषी अमीन के विरुद्ध कार्यवाही करें। प्रतिदिन उक्त प्रोजेक्ट की समीक्षा अंचल अधिकारी से करें साथ ही रैयतो को उनकी भूमि अधिग्रहण से संबंधित पूरी जानकारी दें। जानकारी के अभाव में रैयतों को मुआवजा प्राप्त हेतु आवेदन जनरेट नही हो रहा है।
रिपोर्ट : मनीष कुमार।
Mar 21 2023, 15:45