झारखंड विंधानसभा के बजट सत्र में शराब नीति को लेकर भाजपा ने किया हंगामा,सरकार के पक्ष से भाजपा द्वारा उठाये गए सवाल को बताया तथ्यहीन
(झारखंड डेस्क)
झारखंड में शराब नीति को लेकर झारखंड विधानसभा में हंगामा हुआ। इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोक चला। भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने अल्पसूचित प्रश्न में राज्य की उत्पाद नीति को लेकर विभागीय मंत्री और अधिकारियों पर सवाल उठाया।
बिरंची ने कहा कि झारखंड की शराब नीति में दिल्ली की तरह घोटाला हुआ है। झारखंड में शराब घोटाले का किंग पिंग कौन है। इसकी सीबीआई जांच कराई जाए। मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने जवाब देते हुए बताया कि यह आरोप तथ्यहीन और भ्रामक हैं। तथ्य पेश करने पर मामले की जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने नई उत्पाद नीति की वजह से राजस्व की हानि का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि 15 फरवरी 2023 तक राज्य में शराब बिक्री से 1607 करोड़ प्राप्त हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में शराब बिक्री से मिलने वाले राजस्व का लक्ष्य 2500 करोड़ निर्धारित किया गया था। 14 मार्च 2023 तक 690 करोड़ राजस्व का नुकसान हुआ है।
राज्य में छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर नई उत्पाद नीति लायी जा रही थी। राज्यपाल ने आठ बिंदुओं पर अपनी आपत्तियां दर्ज कर राजस्व पर्षद से मंतव्य लेने के लिए बिल वापस कर दिया था। बावजूद नियमावली लागू कर दी गई।
भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने भी इसे गंभीर मामला बताते हुए स्पीकर रबींद्रनाथ महतो से विधानसभा की विशेष कमेटी बनाकर जांच की मांग की और कहा कि अगर घोटाला हुआ होगा तो विभागीय मंत्री और सचिव जेल जाएंगे।
इस पर स्पीकर ने कहा कि एक सदस्य सीबीआई जांच तो दूसरे समिति बनाने की मांग कर रहे हैं। पहले मंत्री अपने स्तर से जांच करा लें।
प्रभारी मंत्री मिथलेश ठाकुर ने जवाब में कहा सरकार ने नियमावली की सारी आपत्तियों को दूर कर कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया। राज्यपाल की आपत्ति को भी दूर करने की प्रक्रिया चल रही है। पूरी पारदर्शिता के साथ नीति बनी है। इस वर्ष 2500 करोड़ के राजस्व लक्ष्य की तुलना में 1900 करोड़ का राजस्व हासिल हो चुका है। उन्होंने सदन को विश्वास दिलाया कि शेष लक्ष्य को भी पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2019-20 में विभाग ने रिकॉर्ड 2009 करोड़ का लक्ष्य हासिल किया था। इस बार भी अब तक का रिकॉर्ड राजस्व हासिल किया जाएगा।
नीति में कोई अनियमितता की बात नहीं है। प्रश्न से बाहर की बातों के जवाब के लिए सरकार बाध्य नहीं है। इसी बीच पूर्व मंत्री सरयू राय ने उत्पाद बिक्री का लक्ष्य 2500 करोड़ से घटाकर 2000 करोड़ किए जाने से संबंधित पूरक प्रश्न किया। मंत्री ने कहा कि उन्हें लक्ष्य घटाने जानकारी नहीं है। लक्ष्य हासिल नहीं होने पर एजेंसी से पैनल्टी वसूल कर लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
झारखंड विधानसभा में शिक्षा विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान स्पीकर ने भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता को अपना वक्तव्य रखने को कहा। मेहता बोलने के लिए खड़े हुए, लेकिन उन्होंने बहुत नाराज होकर अपनी बातों को रखा और सदन से बाहर चले गए। उन्होंने कहा कि बड़ी मछली-छोटी मछली को खा जाती है, ये सुना और पढ़ा था, लेकिन मेरे साथ ऐसा होगा ये नहीं सोचा था। शशिभूषण ने कहा कि भाजपा को 26 मिनट बोलने के लिये मिला था। एक बहन ने 23 मिनट ले लिया। मेहता ने कहा कि एक साल से शिक्षा विभाग के लिये तैयारी कर रहा था, अब 3 मिनट में क्या बोलूं। ये कहते हुए सदन में अपने द्वारा तैयार किये गए भाषण की कॉपी को फाड़ दी। भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। गुस्से में तमतमाये भाजपा विधायक सदन से बाहर चले गए।
अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने विधायक के सदन से निकलने के बाद कहा कि विधायक बोलना शुरू करते तो जरूर ज्यादा समय उन्हें दिया जाता।
Mar 19 2023, 13:28