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कार्यदायी संस्था को कार्यों में तेजी लाने दिये निर्देश: डीएम

    

गोंडा । जिलाधिकारी डॉक्टर उज्ज्वल कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जल जीवन मिशन से चल रही समस्त परियोजनाओं पर विस्तृत रूप से गहन समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान जल जीवन मिशन के कार्यदायी संस्था एलएनटी व लोक सेवा मिशन तथा आईएसए को कड़े निर्देश देते हुए निर्देश दिये हैं कि कार्यों में और तेजी लायी जाय। 

         

उन्होंने कहा है कि सभी परियोजनाओं को समय से पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चल रही निर्माणाधीन परियोजनाओं के प्रगति के संबंध में समय-समय पर उन्हें भी अवगत कराएं।बैठक में एक्सईएन जल निगम व एलएनटी के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि सभी कार्यों का विभाजन करके संबंधित की जिम्मेदारी तय की जाय तथा समय-समय पर कार्यों के प्रगति की उनसे जानकारी ली जाय। बैठक में विभाग द्वारा कार्यदाई संस्थाओं को दिए गए कार्यों की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यदाई संस्था एलएनटी को और मैनपावर बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

       

उन्होंने जनपद में जल जीवन मिशन का कार्य शत-प्रतिशत समय से पूर्ण कराने के निर्देश देते हुए कहा कि यह सरकार की महात्वाकांक्षी योजना है इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न करने के निर्देश दिये। साथ ही सभी कार्यदायी संस्थाओं को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सभी परियोजनाओं का कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ समयबद्ध रूप से कराना सुनिश्चित करें। बैठक में कार्यदायी संस्था को निर्देश देते हुए कहा है कि कार्य प्रगति की रिपोर्ट प्रतिदिन संबंधित अधिकारी को उपलब्ध कराएं। 

       

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी एम. अरून्मौली, जिला विकास अधिकारी दिनकर विद्यार्थी, एक्सईएन जल निगम गणेश प्रसाद, एई जल जीवन मिशन, एलएनटी व लोक सेवा मिशन, आईएसए आदि कार्यदायी संस्था, एवं अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

डीएम ने जेल कौशल विकास समिति की बैठक कर अधिकारियों को दिये आवश्यक निर्देश

गोंडा। बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी डॉ० उज्ज्वल कुमार की अध्यक्षता में जेल कौशल विकास समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। बैठक में डीएम ने जेल में चलाए जा रहे कौशल विकास प्रशिक्षण के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।

बैठक में जिलाधिकारी ने परियोजना निदेशक डीआरडीए एवं डिप्टी जेल अधीक्षक को निर्देश देते हुए कहा कि कौशल विकास प्रशिक्षण के अंतर्गत कैदियों को पलंबर तथा अन्य कई अच्छे ट्रेड का प्रशिक्षण नियमानुसार कराने को कहा, ताकि कैदियों को एक अच्छी दिशा में काम करने की हेतु प्रशिक्षण के साथ-साथ जागरूक भी किया जाय। जिससे कैदियों की सोच को एक अच्छी दिशा बदलाव लाया जा सके। और यह कैदी जब बाहर आये तो एक अच्छा कार्य करें, और परिवारों का पालन पोषण अच्छे से कर सकें।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी एम. अरून्मौली, परियोजना निदेशक डीआरडीए चंद्रशेखर, डिप्टी जेल अधीक्षक, पुलिस क्षेत्राधिकारी लक्ष्मीकांत गौतम, आदर्श कश्यप कार्यालय सहायक कौशल विकास मिशन सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी हुआ कौशल विकास मिशन प्रशिक्षण संस्थाओं के पदाधिकारी गण उपस्थित रहे।

सीएचसी अधीक्षकों को डीएम का सख्त निर्देश, शासन की मंशानुसार जनसामान्य को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराएं


गोंडा। जिलाधिकारी डाॅ0 उज्ज्वल कुमार की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। बैठक में जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चलाए जा रहे कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में प्रस्तावित एजेंडा के आधार पर यूपीएचएमआईएस हेल्थ डैशबोर्ड, मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, कम्युनिटी प्रोसेस, राष्ट्रीय कार्यक्रम नान कम्युनिकेबल डिजीज, एनसीडी, एनबीसीपी, आरएनटीसीपी, पीएमएमवीवाई, नियमित टीकाकरण, वैक्सीनेशन, जननी सुरक्षा व मातृ वंदना योजना के तहत भुगतान की स्थिति, आशा इन्सेन्टिव, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी, ओपीडी व आईपीडी की स्थिति, प्राथामिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा सीएचसी पर बेडों की ऑक्यूपेंसी की स्थिति तथा वित्तीय समीक्षा सहित अन्य योजनाओं की जिलाधिकारी द्वारा गहन समीक्षा की गई।

वहीं जिला स्वास्थ समिति की समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं की समीक्षा की गई। समीक्षा में जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० रश्मि वर्मा को निर्देश देते हुए कहा कि जनपद के सभी सीएचसी अधीक्षक एवं पीएचसी अधीक्षकों की प्रतिदिन जूम के माध्यम से उपस्थिति को चेक करना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही बैठक में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत माह जनवरी, 2023 का भ्रमण की समीक्षा की गई, इसके साथ ही एनआरसी में भर्ती बच्चों की समीक्षा की गई, आरसीएच पोर्टल फीडिंग के स्टेटस की समीक्षा की गई, एनपीसीडीसीएस की समीक्षा की गई, राष्ट्रीय कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा की गई, राष्ट्रीय अंधता एवं दृष्टिक्षीणता नियंत्रण कार्यक्रम आदि सभी की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि समय से कार्य कराना सुनिश्चित करें।

बैठक में समीक्षा के दौरान कार्यों की प्रगति कम पाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए समस्त अधीक्षक सहित एसीएमओ डॉक्टर एपी सिंह का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने निर्देश देते हुए कहा है कि अगले 15 दिन पर समीक्षा के आधार पर ही वेतन निकाला जायेगा। बैठक में बिना सूचना के अनुपस्थित सीएमएस जिला अस्पताल डॉक्टर पीडी गुप्ता का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। इसी प्रकार कार्यों में रुचि न लेने पर समीक्षा के दौरान डॉ० सुषमा सिन्हा का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। बैठक में डीएम ने सभी संबंधित को निर्देश देते हुए कहा है कि आशाओं का भुगतान समय से करना सुनिश्चित करें।

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की मंशानुसार जनसामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए सभी सीएचसी अधीक्षक सीएचसी पर ही निवास करें तथा संस्थागत प्रसव एवं विभिन्न प्रकार के टीकों को समय से लगवाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने खराब परफॉरमेंस वाले सीएचसी अधीक्षकों कड़ी नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए हैं कि कार्यक्रमों में प्रगति लाएं। वहीं बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जनपद में विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाए जिसमें 2 वर्ष से कम के बच्चों को चिन्हित कर उन्हें टीका लगाया जाए। आयुष्मान कार्ड के माध्यम से मरीजों को भर्ती करायें। ई कवच को पोर्टल को अपडेट करें।

प्रसव केंद्र पर प्रसव की संख्या बढ़ाएं। सब सेंटरों पर एएनएम की उपस्थिति सुनिश्चित की जाये। ताकि सेंटर पर आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिया जा सके। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी एम. अरून्मौली, सी0एम0ओ0 डॉक्टर रश्मि वर्मा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एपी. सिंह, सीएमएस महिला अस्पताल डॉ सुषमा सिंह, डीपीएम अमर नाथ, डीसीपीएम डा0 आरपी सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी धर्मेंद्र कुमार गौतम, जिला समन्वयक राजेश सिंह बेसिक शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, सहित डब्ल्यू0एच0ओ0 यूनिसेफ के अधिकारी डॉक्टर शेषनाथ सिंह, समस्त सी0एच0सी0 अधीक्षक तथा अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

मनकापुर में कृषक प्रशिक्षण संपन्न


मनकापुर ( गोण्डा ) ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन आत्मा योजना अंतर्गत कृषि उपसंभाग उतरौला के अंतर्गत कृषकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण सोमवार को कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर में संपन्न हुआ । प्रशिक्षण का शुभारंभ मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान महेवा नानकार के प्रतिनिधि धनपतधर शुक्ला द्वारा किया गया । उन्होंने किसानों से वैज्ञानिक खेती अपनाने का आह्वान किया । श्री शुक्ला ने बताया वैज्ञानिक ढंग से खेती करने पर कम लागत में ज्यादा आय प्राप्त होती है । डॉक्टर पीके मिश्रा प्रभारी अधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा ने मोटे अनाजों की खेती को स्वास्थ्य एवं पोषण की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी बताया । मोटे अनाजों में गेहूं, धान की तुलना में कैल्शियम, फास्फोरस लोहा आदि पोषक तत्वों की ज्यादा मात्रा पाई जाती है । मोटे अनाजों की खेती सीमित संसाधनों एवं कम लागत में की जा सकती है । 

डॉ. रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने मोटे अनाजों के अंतर्गत ज्वार,बाजरा, सावां, कोदों, रागी की खेती के बारे में जानकारी दी । उन्होंने प्राकृतिक खेती के सिद्धांतों, जीवामृत, घनजीवामृत, बीजामृत, दशपर्णी अर्क, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नियास्त्र आदि बनाने की विधि एवं प्रयोग विधि की जानकारी दी । उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए पूसा वेस्ट डिकंपोजर के प्रयोग को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया । दो सौ लीटर वाले प्लास्टिक के ड्रम में एक बोतल पूसा डिकंपोजर मात्रा 100 मिलीलीटर तथा 2 किलोग्राम गुड़ को मिला देते हैं । ड्रम को जूट के बोरे या सूती कपड़े से ढक दिया जाता है ।

 घोल को दिन में दो बार लकड़ी के डंडे की सहायता से घड़ी की सुई की दिशा में 2 से 3 मिनट तक घुमाया जाता है । 5 दिन में घोल का रंग बदलकर क्रीमी हो जाता है । अब यह घोल फसल अवशेष में छिड़काव के लिए तैयार है । इसमें जीवाणुओं की पर्याप्त संख्या पाई जाती है ।इसका छिड़काव करने से अवशेष 15 दिन में सड़कर खाद में बदल जाते हैं । डॉ. मनोज कुमार सिंह उद्यान वैज्ञानिक ने पौधशाला में फल एवं सब्जी पौध उत्पादन तकनीक, लो टनल पाली हाउस में पौध उत्पादन की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि फल,सब्जी पौध का उत्पादन कर किसान भाई अपनी आय में कई गुना वृद्धि कर सकते हैं । डॉ. मनीष कुमार मौर्य फसल सुरक्षा वैज्ञानिक ने एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन की जानकारी दी । उन्होंने ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई को बहुत महत्वपूर्ण बताया । यह जुताई रबी फसल की कटाई के उपरांत अप्रैल या महीने में की जाती है, जिससे खरपतवार, कीड़ों एवं बीमारियों के अवशेष तेज धूप में नष्ट हो जाते हैं । 

डॉक्टर दिनेश कुमार पांडेय ने फल परिरक्षण के अंतर्गत आम आंवला अमरूद करौंदा बेल आदि के अचार मुरब्बा कैंडी जेली आदि बनाने की विधि की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि फल परिरक्षण को अपनाकर किसान भाई अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं । इसमें राज्य सरकार एवं भारत सरकार द्वारा किसानों को अनुदान भी देय है । फसलों की उपज का उचित मूल्य भी मिल सकता है । अशोक कुमार सहायक कृषि विकास अधिकारी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं कुसुम योजना की जानकारी दी । अमित पांडेय विषय वस्तु विशेषज्ञ ने डीबीटी योजना, शशिचंद्र तिवारी बीटीएम ने कृषि यंत्रों पर अनुदान के बारे में जानकारी दी । इस अवसर पर कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों आदर्श सिंह, विनयराम, रविंद्र कुमार, जितेंद्र कुमार, रंजीत कुमार, रमेशचन्द्र शर्मा तथा राम सिंह एटीएम सहित प्रगतिशील कृषकों श्रीमती वंदिनी, लोकपति पांडेय, सूरजलाल, अमरलाल आदि ने प्रतिभाग कर खेती की तकनीकी जानकारी प्राप्त की ।

सड़कों के किनारे गड्ढा होने पर होगी एफआईआर : डीएम



गोण्डा। मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. उज्ज्वल कुमार की अध्यक्षता में सड़कों के निर्माण कार्यों एवं प्रगति के संबंध में समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में निर्माण कार्य से संबंधित सभी अधिकारी और कार्यदायी संस्था के अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने सभी अधिकारियों से विभागवार बनाई जा रही सड़कों के बारे में बारी-बारी से समीक्षा की व आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि वह भ्रमण कर सड़कों का निरीक्षण करें।

        
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सड़कों के किनारे कोई भी गड्ढा नहीं होना चाहिए। सड़कों के किनारे यदि गड्ढे हो तो अभियान चलाकर उन्हें तत्काल भर दिया जाए। यदि कोई गड्ढा पाया गया और उससे कोई जनहानि हुई तो संबंधित अधिकारी और ठेकेदार के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराई जायेगी। दोषी व्यक्ति को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद में जो भी सड़के बनाई जा रही है उसमें सुरक्षा संबंधी सभी मानको का विशेष ध्यान रखा जाए जिससे दुर्घटना होने की संभावना को कम किया जा सके।


*भवन निर्माण में ना किया जाए गुणवत्ता से कोई समझौता*

       
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी डॉ उज्जवल कुमार द्वारा लेखपाल ट्रेनिंग सेंटर, कृषि महाविद्यालय, विधि विज्ञान प्रयोगशाला, अटल आवासीय विद्यालय सिसवा मनकापुर, राजकीय महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई परसपुर, महिला छात्रावास, मिनी स्टेडियम नरेचा, स्वच्छ पेयजल, यूपीपीसीएल तथा निर्माण खंड डिवीजन बलरामपुर द्वारा किए जा रहे निर्माण 30वीं पीएसी, मेडिकल कॉलेज, पर्यटन विभाग सहित कई अन्य विभागों के निर्माण कार्यों के प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने सभी कार्यदाई संस्थाओं को सख्त निर्देश दिए कि भवन निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि समिति के द्वारा सत्यापन कराकर ही भवनों को हैंडओवर किया जाए। भवन निर्माण में सुरक्षा संबंधी सभी मानकों का शत प्रतिशत ध्यान रखा जाए।




जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनपद में बन रहे सभी सड़कों के निर्माण कार्य में तेजी लाकर सभी को समय से पूरा किया जाए। उन्होंने सख्त निर्देश दिये कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं होना चाहिए। गुणवत्ता से समझौता हुआ तो संबंधित कार्यदायी संस्था सहित संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो निर्माणाधीन सड़कें बजट के अभाव में अधूरी पड़ी हुई है उनके संबंध में शासन को पत्र भेजकर बजट की डिमांड की जाए, बजट आते ही सड़क को तत्काल पूरा कराया जाए।

नकल विहीन व शांतिपूर्ण परीक्षा संपन्न कराने में स्टैटिक मजिस्ट्रेट की भूमिका सबसे अहम : डीएम
गोण्डा ।नकल विहीन परीक्षा में किसी भी गलती के लिए स्टैटिक मजिस्ट्रेट जिम्मेदार होंगे। सभी सेक्टर, जोनल मजिस्ट्रेट अपने-अपने क्षेत्र के केंद्रों का भ्रमण करके मूलभूत सुविधाओं का अवलोकन कर लें। यदि किसी भी केंद्र पर कमी है तो उसे पूर्ण कर लिया जाए। परीक्षार्थियों के जूता -मोजा उतरवाकर परीक्षा न ली जाये। परीक्षा के विषय में प्रेस अथवा मीडियों को किसी भी प्रकार की ब्रीफिंग न की जाये, स्ट्रांग रूम में कोई भी मोबाइल लेकर प्रवेश न करे, परीक्षा पत्र की गोपनीयता बनी रहे, सभी केंद्रों पर लाइट, पानी, शौचालय आदि की उचित व्यवस्था अवश्य हो, बच्चों से किसी प्रकार का अभद्र व्यवहार ना किया जाए, बालिका परीक्षार्थियों की तलाशी पुरूष सदस्य द्वारा न ली जाए। ये सभी निर्देश 16 फरवरी से शुरू होने वाली उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं को नकल विहीन व शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने को लेकर हुई बैठक में डीएम ने स्टैटिक व सेक्टर मजिस्ट्रेट को दिए। सोमवार को जिला पंचायत सभागार में आयोजित बैठक में डीएम डॉ उज्ज्वल कुमार ने कहा कि इस बार बोर्ड परीक्षाओं को नकल विहीन व शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने में सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी स्टैटिक मजिस्ट्रेट को दी गई है। सभी स्टैटिक मजिस्ट्रेट अपने-अपने केंद्रों का भ्रमण करके मूलभूत सुविधाओं का अवलोकन कर लें। यदि किसी भी केंद्र पर कोई कमी है तो उसे पूर्ण कर लिया जाए। कोई भी समस्या आने पर सीधे कंट्रोल रूम या डीआईओएस को संपर्क करें। हर केंद्र में सीसीटीवी कैमरा, प्रकाश, पंखा, महिला व पुरुष के लिए अलग शौचालय होना चाहिए। पेपर खोलते समय यह अवश्य चेक कर लें कि जिस विषय की परीक्षा है उसी विषय का पेपर है या नहीं। परीक्षा केंद्र से निर्धारित दूरी तक कोई फोटो कॉपी, स्कैनर आदि की कोई दुकान खुली न रहे। परीक्षा में मोबाइल, कैलकुलेटर, इलेक्ट्रानिक डिवाइस पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर पुलिस बल मुस्तैद रहेगा। छोटी सी छोटी घटना पर भी कार्रवाई होगी। स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में 24 घंटे सशस्त्र पुलिस बल तैनात रहेगा। बैठक में डीआईओएस ने बताया कि जनपद में 143 परीक्षा केंद्र बनाए गए। 16 फरवरी से शुरू होने वाली परीक्षाएं चार मार्च को समाप्त होंगी। *सभी परीक्षा केंद्रों के अन्दर बाहर रहेगी व्यापक सुरक्षा व्यवस्था* बैठक में सीओ सिटी ने बताया कि सभी 143 परीक्षा केंद्रों पर एक पुरूष व एक महिला आरक्षी व एक होमगार्ड मौजूद रहेंगे जबकि संवेदनशील 13 परीक्षा केंद्रों पर एक एसआई, एक पुरुष व एक महिला आरक्षी और एक हेड कांस्टेबल व होमगार्ड की तैनाती रहेगी। इसके अलावा चार सचल दल प्रभारी भी बनाए हैं जिनके साथ दो-दो आरक्षी रहेंगे। यह दल भ्रमण कर परीक्षा केंद्रों के आसपास एकत्रित होने वाले अराजक तत्वों पर नजर रखेंगे। उन्होंने बताया कि सभी परीक्षा केंद्र पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था रहेगी, किसी भी प्रकार की अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। *तीनों की उपस्थिति में ही खोला जाएगा डबल लॉक* जिलाधिकारी ने स्टैटिक मजिस्ट्रेट को स्पष्ट निर्देश दिये कि स्टैटिक मजिस्ट्रेट परीक्षा से एक घंटे पहले केंद्र पर हर हाल में पहुंच जाएं। साथ में अपनी उपस्थिति में केंद्र व्यवस्थापक एवं अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक से निर्धारित समय पर डबल लॉक को खुलवा कर उस दिन निर्धारित विषय के प्रश्न पत्र को निकलवा व डबल लॉक को शील्ड करवाएं। किसी एक की उपस्थिति में डबल लॉक खोलने की अनुमति नहीं होगी। *परीक्षा होने के बाद निर्धारित प्रारूप में भेजनी होगी सूचना* जिलाधिकारी ने केंद्र व्यवस्थापक, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक एवं स्टैटिक मजिस्ट्रेट को निर्देश दिए कि वे परीक्षा संपन्न होने के बाद एक निर्धारित प्रारूप में परीक्षा से संबंधित सभी आवश्यक सूचनाएं डीआईओएस को उपलब्ध कराएंगे। निर्धारित प्रारूप में परीक्षा तिथि, परीक्षा का विषय, उपस्थित परीक्षार्थियों की संख्या, परीक्षा केंद्र का नाम व संख्या आदि विवरण भरना होगा।डीएम ने कहा कि सभी केंद्र व्यवस्थापक प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों के बैठने, पार्किंग, पेयजल, प्रकाश व शौचालय का इंतजाम करा लिया जाए। जिला प्रशासन बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन आयोजित कराने के लिए कटिबद्ध है। किसी भी परीक्षार्थी को मोबाइल अथवा कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर जाने की अनुमति नहीं होगी। बैठक में अपर जिलाधिकारी डीआईओएस व अन्य संबंधित कारीगर उपस्थित रहे।

*सड़क सुरक्षा माह में अच्छे कार्य करने वाले अधिकारियों को डीएम ने किया सम्मानित*


गोंडा। जिलाधिकारी डॉ. उज्ज्वल कुमार की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा माह का समापन गीता इंटरनेशनल स्कूल बड़गांव गोंडा में दीप प्रज्वलित एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।

सड़क सुरक्षा माह का कार्यक्रम 05 जनवरी, 2023 से 04 फरवरी, 2023 तक पूरे जनपद में विभिन्न विद्यालयों, विभागों तथा अन्य लोगों के द्वारा सड़क सुरक्षा के संबंध में आम जनमानस को जागरूक किया गया। सड़क सुरक्षा जागरूकता के संबंध में शहर से गांव गांव तक लोगों को सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने के संबंध में जागरूक किया गया। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज, नगर मजिस्ट्रेट अर्पित गुप्ता, आरटीओ, एआरटीओ प्रशासन बबीता वर्मा, एआरटीओ प्रवर्तन शैलेंद्र त्रिपाठी, सहित यातायात एवं अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।