/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1484363009411846.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1484363009411846.png StreetBuzz एडवोकेट राजीव कुमार ने महाधिवक्ता राजीव रंजन के खिलाफ क्रिमिनल केस करने की राज्यपाल से मांगी अनुमति, जानें क्यों...? Ranchi
एडवोकेट राजीव कुमार ने महाधिवक्ता राजीव रंजन के खिलाफ क्रिमिनल केस करने की राज्यपाल से मांगी अनुमति, जानें क्यों...?


रांची : मीडिया की सुर्खियों में अक्सर रहने वाले एडवोकेट राजीव कुमार एक बार फिर से खबरों में हैं. इस बार उन्होंने राज्यपाल को उनके प्रधान सचिव के माध्यम से एक चिट्टी लिखी है, जिसमें महाधिवक्ता राजीव रंजन के खिलाफ क्रिमिनल केस करने की अनुमति मांगी है. दरअसल, राज्य के महाधिवक्ता की नियुक्ति राज्यपाल के मंजूरी के बाद होती है. ऐसे में उनपर किसी भी प्रकार का केस करने के लिए राज्यपाल की अनुमति चाहिए होती है. 

राजीव कुमार ने महाधिवक्ता राजीव रंजन पर केस करने के लिए राज्यपाल से अनुमति मांगी है .इस वजह से केस करना चाहते हैं एडवोकेट राजीव कुमार

राजीव कुमार ने राज्यपाल को लिखी चिट्ठी में कहा है कि राज्य सरकार की तरफ से किसी भी अधिवक्ता को अगर नियुक्त किया जाता है तो उसे अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्योरा राज्य सरकार को एक महीने के अंदर देना होता है. 

लेकिन करीब तीन साल बीतने को है. महाधिवक्ता राजीव कुमार की तरफ से ऐसा नहीं किया गया है.

जानें, क्या कहता है कानून

ऐसे सभी अधिवक्ता जिसके अंतर्गत महाधिवक्ता, अपर महाधिवक्ता, सरकारी वकील, लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक और सहायक सरकारी वकील आते हैं तथा जिनकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा किसी अवधि के लिए विधि पदाधिकारी के रूप में की गई हो. वह अपनी नियुक्ति के एक महीने के अंदर अपनी समस्त चल एवं अचल संपत्ति का विवरण विहित प्रपत्र में राज्य सरकार को देंगे. और यदि पूर्व में ऐसी नियुक्ति कर दी गई हो तो इस अधिनियम के प्रभावी होने के समय से एक माह के अंदर अपनी संपत्ति का विवरण देंगे और प्रत्येक वर्ष 31 मार्च को नियमित रूप से देते रहेंगे. 

यदि ऐसे विधि पदाधिकारी जानबूझकर निर्देश दिए जाने पर भी अपनी संपत्ति का विवरण नहीं देते हैं तो वह एक वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित होंगे.

ईडी ने साहिबगंज के DC और कांग्रेस विधायक इरफान को किया तलब ,दोनों से अलग अलग मामले में होगी पूछताछ


रांची : आज ईडी के हिनू स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में दो अलग-अलग मामले में साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव और कांग्रेस से निलंबित विधायक इरफान अंसारी से पूछताछ होगी। डीसी रामनिवास यादव से एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के अवैध खनन और इरफान अंसारी से विधायक कैशकांड के बारे में पूछताछ की जायेगी। 

डीसी से इससे पूर्व 23 जनवरी को पूछताछ की जा चुकी है। जबकि डॉ इरफान अंसारी को 16 जनवरी को बुलाया गया था, पर वे हाजिर नहीं हुए थे। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से दो हफ्ते का समय मांगा था।

बीते 23 जनवरी को डीसी रामनिवास यादव से ईडी ने पूछताछ की थी। लगभग सात घंटे तक उनसे पूछताछ की गयी थी।

 पूछताछ के दौरान वह अपनी ही रिपोर्ट सहित अन्य तथ्यों को भूल गये थे। विस्तृत जानकारी देने के लिए उन्होंने इडी से समय की मांग की थी। उनकी मांग को स्वीकार करते हुए ईडी ने उन्हें फिर से छह फरवरी को हाजिर होने को कहा था। वहीं कैश कांड मामले में पूछताछ के लिए डॉ इरफान अंसारी को बुलाया गया था, पर वे हाजिर नहीं हुए थे।

 इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करानेवाले विधायक जयमंगल सिंह से ईडी पहले ही पूछताछ कर चुकी है।

बता दें कि पहली बार जब ईडी ने कैश कांड मामले में जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी, खिजरी विधायक राजेश कच्छप और कोलेबिरा विधायक नमन विक्सल को समन भेजा था, तब विधायकों को क्रमशः 13,16 और 17 जनवरी को हाजिर होने के लिए कहा गया था। उस वक्त सभी विधायकों ने 15-15 दिन का समय मांगा था। इन विधायकों द्वारा समय मांगे जाने के लिए किये गये अनुरोध पर विचार करने के बाद ईडी द्वारा उन्हें छह, सात, और आठ फरवरी को हाजिर होने के लिए समन भेजा गया है।

कैश कांड में फंसे कांग्रेस के निलंबित विधायक इरफान अंसारी पहुंचे ईडी ऑफिस,होगी पूछताछ

रांची: कैश कांड मामले फंसे कांग्रेस से निलंबित विधायक इरफान अंसारी से आज ईडी पूछताछ कर रही है। विधायक को समन भेजे जाने के बाद वे आज हिनू स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे जहां उनसे पूछताछ शुरू हो चुकी है।इसे पहले 16 फरवरी को विधायक इरफान अंसारी को ईडी ने हाजिर होने को कहा गया था, पर वे हाजिर नहीं हुए थे।

इरफान ने पूछताछ से पहले मीडिया से कहा मुझ पर लगे आरोप निराधार

ईडी ऑफिस जाने से पहले विधायक इरफान अंसारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुझपर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। मेरा कोई पुराना रिकॉर्ड भी इस तरह का नहीं रहा है। हमने सरकार बनायी है फिर उसे क्यों गिराऊंगा। उन्होंने कि जिन लोगों ने मुझपर आरोप लगाया है, उनसे कहूंगा कि नफरत छोड़ो और भारत जोड़ो पर हमलोग विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं ईडी के तमाम सवालों के जवाब दूंगा। पूरा सहयोग करूंगा।

कैश कांड में फंसे सभी विधायकों ने मांगा था दो हफ्ते का समय

दरअसल पहली बार जब ईडी ने कैश कांड मामले में तीनों विधायकों को समन भेजा था तब विधायकों को क्रमशः 13,16 और 17 जनवरी को हाजिर होने के लिए कहा गया था। उस वक्त सभी विधायकों ने 15-15 दिन का समय मांगा था। इन विधायकों द्वारा समय मांगे जाने के लिए किये गये अनुरोध पर विचार करने के बाद उन्हें छह, सात, और आठ फरवरी को हाजिर होने के लिए ईडी के द्वारा समन भेजा गया था।

आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा-विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड में राजनीतिक रस्साकस्सी शुरू,मतदाता को लुभाने के लिए पक्ष-विपक्ष ने लगाया जोर

अगले साल होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इसपर अभी से रस्साकसी शुरू हो गई है।

 पक्ष-विपक्ष इसके लिए पूरा जोर लगा रहा है। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के तरकश में जहां 1932 की स्थानीयता नीति से लेकर सरना धर्म कोड का मुद्दा है, वहीं विरोधी दल भाजपा ने आदिवासी क्षेत्रों की डेमोग्राफी बदलने और उनकी आबादी घटने के आरोप लगाए हैं।

एक तरफ गृह मंत्री अमित शाह राज्य में अदिवासियों की कम हो रही जनसंख्यां का मुद्दा उठाते हुए  सरकार को जिम्मेबार बता रहे हैं ।वे शनिवार को देवघर में उन्होंने कहा कि आदिवासियों की कम होती जनसंख्या का मुद्दा उठाकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। 

उधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी सभाओं में लगातार भाजपा को आदिवासी विरोधी करार दे रहे हैं। मुख्यमंत्री यह भी बता रहे हैं कि स्थानीयता संंबंधी विधेयक को वापस कर कैसे राज्य के आदिवासी-मूलवासी का हक छीना जा रहा है। सरना धर्म कोड की मांग पुरानी है। राज्य विधानसभा से सर्वसम्मति से इससे संबंधित प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा जा चुका है।

केंद्र में भाजपा की सरकार को अगर आदिवासियों से जुड़ी इस मांग के प्रति सहानुभूति होती तो जनगणना के लिए अलग कालम का प्रावधान होता। अब इसी के आसपास चुनावों में एक-दूसरे की घेराबंदी होगी।

राज्य में सत्ता तक पहुंचने के लिए आदिवासी समुदाय का समर्थन आवश्यक है। एक मायने में यह कहा जा सकता है कि सत्ता का रास्ता इसी से होकर गुजरता है। राज्य विधानसभा में 81 में से 28 सीटें आदिवासियों के लिए सुरक्षित हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन ने इनमें से 26 सीटों पर कब्जा जमाया। सत्ता की चाबी गठबंधन के हाथ में आ गई।

यही वजह है कि दल इनका समर्थन पाने की भरसक कवायद कर रहे हैं। आदिवासियों के मत को लुभाने के लिए आने वाले दिनों में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला और तेज हो सकता है। राज्य में लोकसभा की 14 में से पांच भी जनजातीय समुदाय के लिए आरक्षित हैं।

हज़ारीबाग:भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यसमिति की हुई बैठक


हजारीबाग जिला के गुरुदयाल महतो उच्च विद्यालय बड़कागांव स्थित भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यसमिति की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता भाजपा जिला अध्यक्ष श्री अशोक यादव एवं संचालन भाजपा जिला महामंत्री सुनील साहू ने किया। 

इस बैठक के मुख्य अतिथि कोडरमा विधायक सह पूर्व शिक्षा मंत्री डॉक्टर नीरा यादव, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सह मांडू के लोकप्रिय विधायक श्री जयप्रकाश भाई पटेल, पूर्व सांसद यदुनाथ पांडे, पूर्व विधायक लोकनाथ महतो, बड़कागांव,हजारीबाग के मेयर श्रीमती रोशनी तिर्की, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य देवकी महतो, भाजपा चूरचू मंडल अध्यक्ष श्री मुरारी सिंह,भाजपा विधायक प्रतिनिधि आरीफ अंसारी,विनोद कुमार केसरी, सहित हजारीबाग जिला के सभी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रखंड एवं मंडल अध्यक्ष गण एवं भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में संत शिरोमणि रविदास जी की 647 जयंती मनाई गई

 अमर बाउरी ने की पुष्पंजली ,कहा-यदि कोई श्री राम को झूठा बता रहा है तो वो हमारे महर्षि वाल्मीकि को झूठा बता रहा।

रांची: अनुसूचित जाति मोर्चा, भारतीय जनता पार्टी, झारखण्ड प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष अमर कुमार बाउरी ने आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में संत शिरोमणि रविदास जी की 647 जयंती के अवसर पर पुष्पंजली अर्पित की।

मौके पर उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि कवि रविदास का जन्म माघ पूर्णिमा को 1376 ईस्वी को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के गोबर्धनपुर गांव में हुआ था। रविदासजी चर्मकार कुल से होने के कारण जूते बनाते थे। ऐसा करने में उन्हें बहुत खुशी मिलती थी और वे पूरी लगन और परिश्रम से अपना कार्य करते थे।

 

उन्होंने कहा उनका जन्म ऐसे समय में हुआ था जब उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में मुगलों का शासन था। चारों ओर अत्याचार, गरीबी, भ्रष्टाचार व अशिक्षा का बोलबाला था। उस समय मुस्लिम शासकों द्वारा प्रयास किया जाता था कि अधिकांश हिन्दुओं को मुस्लिम बनाया जाए। संत रविदास की ख्याति लगातार बढ़ रही थी जिसके चलते उनके लाखों भक्त थे। जिनमें हर जाति के लोग शामिल थे। 

यह सब देखकर एक मुस्लिम 'सदना पीर' उनको मुसलमान बनाने आया। उसका सोचना था कि यदि रविदास मुसलमान बन जाते हैं तो उनके लाखों भक्त भी मुस्लिम हो जाएंगे। ऐसा सोचकर उनपर हर प्रकार से दबाव बनाया गया, लेकिन संत रविदास तो संत थे उन्हें किसी धर्म से नहीं मानवता से मतलब है। उन्होंने अपने दोहे के माध्यम से भी धर्मपरिवर्तन को नकारा। 

संत रविदास ने कहा था -

मैं नहीं दब्बू बाल गँवारा, गंगत्याग महूँ ताल किनारा।।

प्राण तजूँ पर धर्म न देऊँ, तुमसे शाह सत्य कह देऊँ ।। 

चोटी शिखा कबहुँ नहीं त्यागूँ, वस्त्र समान देह भल त्यागूँ ।। 

कंठ कृपाण का करौ प्रहारा, चाहै डुबावो सिंधु मंझारा ।। 

अमर कुमार बाउरी ने कहा कि आज भी कई लोग अनुसूचित जाति समाज को धर्मपरिवर्तन के लिए प्रयास करते है। लेकिन हमें समझना होगा कि जब हमारे पूर्वजों ने लाखों यात्राएं सहकर्मी अपने धर्म और संस्कृति को नहीं छोड़ा तो आज हम सब कैसे अपने धर्म और संस्कृति को छोड़ सकते हैं

उन्होंने कहा कि हमारे सनातन धर्म के सबसे बड़े ईश्वर भगवान श्रीराम को दुनिया से परिचय करवाने वाले महर्षि वाल्मीकि भी अनुसूचित जाति समाज से ही आते थे यदि कोई श्री राम को झूठा बता रहा है तो वो हमारे महर्षि वाल्मीकि को झूठा बता रहा। 

आज के कार्यक्रम में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री जीतू चरण राम,नीरज पासवान,सीताराम रवि,जोगेन्द्र लाल,राजीव राज लाल,सीमा पासवान,रंजन पासवान,खुदा राम,कमलेश राम,राकेश राम,सतेंद्र रजक,संदीप कुमार,बिनोद राजन,कमलेश किशोर,उपेन्द्र रजक,नीरज नायक,संजय रविदास,करन नायक आदि उपस्तिथ हुए ।

19 वर्षीय रहमूल अंसारी था गंभीर बीमारी से ग्रस्त,नही खाया 19 वर्षों से खाना,सर्जन डॉ. अनुज की टीम ने दी ऑपरेशन करके उसे नई जिंदगी


दुमका: जीवन के लिए जरूरी है भोजन,अगर भोजन नही करे तो लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा।लेकिन दुमका का एक शख्स है, जिसने 19 साल से खाना ही नहीं खाया। वह एक ऐसा बीमारी से ग्रस्त था कि उसको भोजन करना मुशिकल हो गया था। रहमूल अंसारी की कहानी दर्दभरी है।

विदित हो कि दुमका निवासी 19 वर्षीय रहमूल अंसारी को टेम्पोरोमेंडीबुलर ज्वाइंट ऐंकलोसिस नामक गंभीर बीमारी हो गयी थी। वे जन्म से ही इस बीमारी से ग्रसित थे। इस बीमारी के कारण जन्म से लेकर अब तक वो मुंह खोलने में पूरी तरह से असमर्थ थे। मुंह पूरी तरह से बंद होने के कारण वो पिछले 19 साल से सिर्फ पेय पदार्थ पर जीवित थे। इन 19 सालों में उन्होंने अन्न का एक दाना नहीं खाया था।

रहमूल के पिता बताते हैं कि जन्म से लेकर अब तक रहमूल ने अनाज का एक दाना तक नहीं खाया। ना सिर्फ खाने में बल्कि बोलने में भी उसको काफी दिक्कतों का सामना करना पर रहा था। ऐसे में उसकी जिंदगी बेहद मुश्किल से गुजर रही थी। परिवार के लोग परेशान थे। इसी बीच परिजन रहमूल को हेल्थ प्वाइंट हॉस्पिटल लेकर आए।

हेल्थ प्वाइंट हॉस्पिटल में मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. अनुज की टीम ने दो फरवरी को रहमूल की सर्जरी की। सर्जरी कामयाब रही। जिसके बाद आखिरकार 19 साल के बाद मरीज अपने मुंह को खोल पाने में सक्षम हुआ।

बीमारी को लेकर डॉक्टर अनुज ने बताया कि टेम्पोरोमेंडीबुलर जाइंट ऐंकलोसिस की ना सिर्फ सर्जरी जटिल होती है बल्कि ऐसे मामलों में मुंह बंद होने के कारण एनेस्थीसिया देना भी काफी मुश्किल का काम होता है। उन्होंने आगे बताया कि ऐंकलोसिस के कारण मरीज का नीचे के जबड़ा दोनों तरफ उसके खोपड़ी के हड्डी से पूरी तरह से जुड़ी हुई थी।

पांच घंटे चला ऑपरेशन

डॉक्टर ने बताया कि रहमूल का करीब पांच घंटे तक ऑपरेशन चला। जिसमें नीचे के जबड़े को दोनों तरफ खोपड़ी की हड्डी से अलग किया गया। उसके बाद ऑपरेशन कर चेहरे की विकृति को भी ठीक किया गया। ऑपरेशन के दौरान टीम में डॉ. अनुज, डॉ. ओपी श्रीवास्तव, डॉ राजेश रौशन और हेल्थ पाइंट ओटी टीम के सदस्य शामिल रहे।