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कश्मीर पर मध्यस्थता मंजूर नहीं,’ भारत का ट्रंप को सीधा जवाब

#measaysthirdnationnotacceptedon_kashmir 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच बड़े चौधरी बनना चाह रहे थे। लेकिन भारत ने कंधे पर हाथ तक रखने नहीं दिया। संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को लेकर विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर पर हमें मध्यस्थता मंजूर नहीं है। पाकिस्तान को पीओके खाली करना होगा। 

किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हालिया सीजफायर के बाद अब भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय ने औपचारिक बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस किया। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच सभी मुद्दों का समाधान केवल द्विपक्षीय वार्ता के जरिए ही किया जाएगा और जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि लंबे अरसे से हमारा यही राष्ट्रीय पक्ष रहा है कि भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय तरीके से ही हल करना है। इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लंबित मामला केवल पाकिस्तान के अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली कराने का है।

समझौते के लिए पाकिस्तान गिड़गिड़ाया

रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक बार फिर दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की तरफ से ही समझौते के लिए फोन आया था। भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा रहा था, जिसके बाद पाकिस्तान ने संघर्ष रोकने के लिए समझौता करने का प्रस्ताव रखा। पाकिस्तान के प्रस्ताव के बाद दोनों देशों के DGMO के बीच बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि जैसा कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पहले ही बताया है कि 10 मई को 15:35 बजे दोनों देशों के डीजीएमओ को फोन पर संघर्ष विराम को लेकर वार्ता हुई। इस वार्ता को लेकर विदेश मंत्रालय को 12.37 बजे पाकिस्तान उच्चायोग के जरिये सूचित किया गया। पाकिस्तान की आंतरिक तकनीकी दिक्कतों के चलते हॉटलाइन कनेक्ट होने में देरी हुई। भारत के डीजीएमओ की मौजूदगी के बाद दोपहर 3.35 बजे वार्ता हुई। उन्होंने कहा कि 10 मई की सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एयरबेस को तबाह किया गया। इसके बाद पाकिस्तान के सुर बदल गए।

विदेश मंत्रालय ने न्यूक्लियर वॉर की संभावनाओं को खारिज किया

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से परमाणु युद्ध की अटकलों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक क्षेत्र में थी। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी 10 मई को बैठक करेगी, लेकिन बाद में उन्होंने इसका खंडन किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खुद रिकॉर्ड पर परमाणु पहलू से इनकार किया है। जैसा कि आप जानते हैं, भारत का दृढ़ रुख है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा या इसका हवाला देकर सीमा पार आतंकवाद को संचालित करने की अनुमति नहीं देगा।

भय बिनु होइ न प्रीति...भारतीय सेना का पाकिस्तान को सख्त संदेश

#meaningoframcharitmanasmessageto_pak

भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर भले हो गया है, लेकिन नियंत्रण रेखा पर हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस बीच तीनों सेना के अभियान महानिदेशक यानी DGMO, DGAO, DGNO ने एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच आज लगातार दूसरे दिन भारतीय सेना के महानिदेशक स्तर के अधिकारियों ने प्रेस ब्रीफिंग की।

पाकिस्तान को क्या संदेश

पहले दिन की प्रेस वार्ता में शिव तांडव स्तोत्र से आगाज के बाद आज की ब्रीफिंग की शुरुआत रामधारी सिंह दिनकर की कविता से हुई, जिसकी लाइन ‘याचना नहीं अब रण होगा’ है। दिनकर की कृष्ण की चेतावनी कविता के अंशों का इस्तेमाल कर भारतीय सेना दहशतगर्दों के पनाहगाह पड़ोसी देश पाकिस्तान को क्या संदेश देना चाह रही है? इस सवाल पर एयरमार्शल एके भारती ने रामचरितमानस की पंक्तियों का उल्लेख किया और कहा कि समझदार को इशारा काफी है। एयरमार्शल भारती ने रामचरितमानस की पंक्तियों का उल्लेख किया और कहा कि जब राम समुद्र तट पर उपासना और प्रार्थना कर रहे थे वहां तुलसीदास ने लिखा है-- विनय न मानत जलधि जड़ गए तीन दिन बीत बोले राम सकोप तब.. भय बिनु होहीं न प्रीत।

‘पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया’

इस दौरान एयर मार्शल एके भारती, एयर ऑपरेशन ने कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ है। इसलिए हमने 7 मई की रात उन्हें ही टारगेट किया। इसमें पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ दिया। उनकी एक्शन के बाद हमने जवाबी कार्रवाई की। जिसमें पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ। एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि रविवार को हमने विस्तार से बताया था कि भारत ने किस तरह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कार्रवाई की थी। हमने स्पष्ट किया था कि हमने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था, पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों को नहीं। हालांकि, पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।

‘अफसोस पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ देना उचित समझा’

DG AO एके भारती ने बताया कि हमारा एयर डिफेंस सिस्टम मल्टीलेयर है। पाकिस्तान के सभी ड्रोन को स्वदेशी काउंटर ड्रोन सिस्टम से गिराया गया। हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ थी। इसलिए 7 मई को हमने केवल आतंकी ठिकानों पर ही हमला किया था पर अफसोस इस बात का है कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ देना उचित समझा। इस लड़ाई को अपनी लड़ाई बना ली। इसके बाद हमने जवाबी कार्रवाई की, इसमें उसका जो भी नुकसान हुआ इसके लिए वो खुद इसके लिए जिम्मेदार था। हमारी एयर डिफेंस सिस्टिम दीवार की तरह खड़ी थी और इसको भेदना दुश्मन के लिए असंभव था।

‘हमारा एयर डिफेंस सिस्टम मल्टीलेयर’

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की एयर डिफेंस कार्रवाई को हमें एक संदर्भ में समझने की जरूरत है। पिछले कुछ सालों में आतंकी गतिविधियों के कैरेक्टर में बदलाव आ रहा था, अब हमारी सेना के साथ-साथ निर्दोष लोगों पर भी हमला हो रहा था। 2024 में शिवखोड़ी मंदिर की ओर जाने वाले तीर्थयात्री और इस साल अप्रैल में पहलगाम में मासूम पर्यटक। पहलगाम तक उनका पाप का घड़ा भर चुका था... क्योंकि आतंकियों पर हमारे सटीक हमले LOC और IB को पार किए बना किए गए थे, हमें पूरा अंदेशा था कि पाकिस्तान का हमला भी सीमा पार से ही होगा, इसलिए हमने एयर डिफेंस की तैयारी की थी। जब 9-10 मई को पाकिस्तान की वायुसेना ने हमारे एयर फील्ड और लॉजिस्टिक इंस्टॉलेशन पर हमला किया, तो वे इस मजबूत एयर डिफेंस ग्रिड के सामने विफल हुए। एके भारती ने बताया कि हमारा एयर डिफेंस सिस्टम मल्टीलेयर है। पाकिस्तान के सभी ड्रोन को स्वदेशी काउंटर ड्रोन सिस्टम से गिराया गया।

ऑपरेशन सिंदूर : एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकाने तबाह, वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आतिशबाजी कर मनाया जश्न

रायगढ़- पहलगाम आंतकी हमले का जवाब भारतीय सेना ने पकिस्तान से ऑपरेशन सिंदूर से लिया है। पाकिस्तान और पकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की गई है। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय शामिल है। ऑपेरशन सिन्दूर के बाद से भारतवासियों में जश्न का माहौल है। छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री ओपी चौधरी भी अपने घर के बाहर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर जश्न मनाते नजर आए। 

यह वीडियो वित्त मंत्री ओपी चौधरी के रायगढ़ निवास का बताया जा रहा है। निवास के सामने मंत्री ओपी आतिशबाजी और पटाखे फोड़कर जश्न मनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। मंत्री ओपी चौधरी ने सबके साथ मिलकर भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए। 

बता दें कि करीब ढाई बजे भारतीय सेना ने बुधवार रात डेढ़ बजे पाकिस्तान और पीओके के नौ अलग-अलग आतंकी ठिकानों (बहावलपुर (02), मुरीदके, मुजफ्फराबाद, कोटली, गुलपुर, भिंबर, चक अमरू, सियालकोट) पर एयरस्ट्राइक किया। इस हमले में तकरीबन 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है। वहीं एयर स्ट्राइक में आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गए हैं। एयर स्ट्राइक के दौरान आतंकी ठिकानों पर मौजूद थे 900 से ज्यादा दहशतगर्द मौजूद थे।

इन 9 ठिकानों पर हुआ एयरस्ट्राइक  

1. मरकज़ सुभान अल्लाह, बहावलपुर – जैश

2. मरकज़ तैयबा, मुरीदके – लश्कर

3. सरजल, तेहरा कलां – जेईएम

4. महमूना जोया, सियालकोट – एचएम

5. मरकज़ अहले हदीस, बरनाला – लश्कर

6. मरकज़ अब्बास, कोटली – जैश

7. मस्कर राहील शाहिद, कोटली – एचएम

8. शावई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद – लश्कर

9. सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद – जेईएम।

आज सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर सेना, एयरफोर्स और MEA ने ऑपरेशन सिन्दूर को लेकर प्रेस ब्रीफिंग की, जिसमें डिटेल सभी के सामने रखी गई। बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को न्याय देने लिए किया गया। कर्नल सोफिया ने जानकारी दी कि रात 01:05 से 01: 30 मिनट तक ऑपरेशन सिंदूर हुआ। किसी भी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया। इसके साथ ही भारत ने PAK को चेतावनी दी है, अगर कोई हरकत की तो फिर से कार्रवाई होगी।

कनाडा में लिबरल पार्टी की जीत, मार्क कार्नी बनेंगे पीएम, भारत के लिए क्या मायने?


#markcarneywinsmeansforrelationshipwith_india 

कनाडा में एक बार फिर से लिबरल पार्टी ने जीत हासिल की है। कनाडा में सोमवार को हुए संघीय चुनाव में पीएम मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी ने जीत हासिल की है। इस नतीजे के साथ ही लिबरल पार्टी के नेता और मौजूदा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी अपने पद पर बने रहेंगे। साथ ही नई कैबिनेट के साथ नई सरकार बनाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्नी को जीत की बधाई दी है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, मार्क कार्नी और लिबरल पार्टी को चुनाव में जीत की बहुत-बहुत बधाई। हम साझेदारी को मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और कनाडा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता और लोगों के बीच जीवंत संबंधों से बंधे हैं। हम साझेदारी को मजबूत करने और लोगों के लिए अधिक से अधिक अवसरों को खोलने के लिए आपके साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।

मजबूत होंगे भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंध?

कनाडा में एक बार फिर से लिबरल पार्टी की सरकार बनी है। ऐसे में सवाल उठ रहे है कि क्या भारत के साथ संबंध सुधर पाएंगे? विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री तथा बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ कनाडा के पूर्व गवर्नर रहे कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कनाडा के भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध फिर से मजबूत होने की संभवना जताई जा रही है। उनके विदेश नीति के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने की उम्मीद है।

दरअसल, मार्क कार्नी ने पिछले दिनों भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों कहा था कि "मैं संकट के समय सबसे उपयोगी होता हूं।" उनके इस बयान को इस तरह से देखा गया है कि उनकी जीत नई दिल्ली और ओटावा के बीच द्विपक्षीय संबंधों में संभावित सुधार ला सकती है, जो पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में काफी हद तक खराब हो गए थे। 

भारत के साथ संबंधों को सुधारने के दिए संकेत

मार्क कार्नी ने इलेक्शन कैम्पेन के दौरान कहा था कि "कनाडा जो करने की कोशिश कर रहा है, वह समान विचारधारा वाले देशों के साथ हमारे व्यापारिक संबंधों में विविधता लाना है, और भारत के साथ संबंधों को फिर से बनाने के अवसर हैं। उस वाणिज्यिक संबंध के इर्द-गिर्द मूल्यों की साझा भावना होनी चाहिए, और अगर मैं प्रधानमंत्री होता, तो मैं इसे बनाने के अवसर की तरह देखता।" मार्क कार्नी ने चुनाव अभियान के दौरान भारत को एक महत्वपूर्ण देश बताया था। इसके अलावा उन्होंने संकेत दिया था कि उनकी मंशा भारत के साथ संबंधों को सुधारने की है, खासकर कारोबारी संबंध को, क्योंकि कनाडा डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध का नुकसान उठा रहा है। इसके अलावा मार्क कार्नी ने चुनावी कैम्पेन में अमेरिका के ऊपर से अपनी निर्भरता कम करने की बात कही थी, ऐसे में कनाडा के पास एक बड़े बाजार के तौर पर भारत ही बचता है, क्योंकि चीन के साथ उसके पहले से ही खराब संबंध हैं।

कनाडा- भारत के बीच बढ़ सकता है व्यापार

कार्नी के प्रधानमंत्री बनने से भारत को व्यापार के क्षेत्र में बड़ा लाभ होने की उम्मीद है। कार्नी ने व्यापार के क्षेत्र में भारत को बड़ा खिलाड़ी भी करार दिया है। ऐसे में भारत और कनाडा के बीच Comprehensive Economic Partnership Agreement (CEPA) पर फिर से बातचीत शुरू होने की संभावना बढ़ी है। ये एक ट्रेड डील है, जिसे ट्रूडो ने भारत से विवाद के बाद रोक दिया था।

भारत और कनाडा के बीच व्यापार

भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2023-24 में 8.4 अरब डॉलर (72,240 करोड़ रुपये) का था, जिसमें भारत से कनाडा को 3.8 अरब डॉलर (32,680 करोड़ रुपये) का निर्यात और कनाडा से भारत को 4.6 अरब डॉलर (39,560 करोड़ रुपये) का आयात शामिल था।

हालांकि, 2024-25 में इसमें गिरावट देखने को मिली है, लेकिन अब कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस द्विपक्षीय व्यापार में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

बिना रजिस्ट्रेशन कुकुरमुत्ता की तरह झोलाछाप डॉक्टर के चल रहा क्लीनिक, डॉक्टर गिरजेश पांडे पर गंभीर आरोप

बलरामपुर।ग्राम हरैय्या चंदरसी में मानकों की उड़ रही धज्जियाँ, मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़

नारकोटिक दवाओं की अवैध बिक्री का अड्डा बनता जा रहा है पचपेड़वा का यह क्लीनिक

बलरामपुर जनपद के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हरैय्या चंदरसी में स्थित एक क्लीनिक इन दिनों चर्चाओं में है। जानकारी के अनुसार, इस क्लीनिक को डॉक्टर गिरिजेश पांडे द्वारा संचालित किया जा रहा है, लेकिन न तो इसका कोई विधिवत रजिस्ट्रेशन है और न ही चिकित्सा मानकों का पालन किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां मरीजों का इलाज मनमाने तरीके से किया जा रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

सबसे गंभीर बात यह है कि इस क्लीनिक में नारकोटिक (मादक) दवाओं की भी अवैध बिक्री की जा रही है। इन दवाओं का उपयोग नशे के रूप में भी किया जा सकता है, जिससे युवाओं में इसकी लत लगने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर पांडे के पास न तो फार्मेसी लाइसेंस है और न ही नारकोटिक दवाओं के स्टॉक की कोई वैध अनुमति।

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते यह क्लीनिक अब तक बेधड़क संचालित हो रहा है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से इस क्लीनिक की तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है और समाज में नशाखोरी की समस्या को और बढ़ा सकता है।

प्रशासन को चाहिए कि तुरंत संज्ञान लेकर जांच शुरू करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

Why your resume (mostly) doesn’t matter - Nishtha Desai

 

TEDx Talk | YoutubeMr. Sarabjeet Sachar, founder and CEO of Aspiration Jobs, recently gave an inspiring TEDx talk during TEDxGoldenBridge Studio, sharing new ideas on how value-based connections play a critical role in professional development. The speaker told us that success often does not hinge on resumes or traditional job applications, but rather on building valuable, meaningful relationships that position one on the right path for opportunities to knock.

TEDxGoldenBridge Studio, themed “Semicolon; Pausing to Connect,” brings together a diverse array of speakers and curators to explore the power of intentional pauses and meaningful connections in our lives; has the reputation for providing a platform to ideas that are worth spreading, gave the best platform to this thought-provoking presentation. The proceedings were efficiently planned by Harsh Thakkar (Licensee), Sahaj Tyagi (Co-licensee), Siya Kachhela (Head Curator), Vraj Dangarwala (First Curator), and Yug Desai (Post Production Lead) so that every moment of the event was memorable for everyone in attendance.

The author, Nishtha Desai emphasizes the significance of forming genuine relationships during one's career path. According to her, the emphasis must be on proving oneself, making personal and professional values align with the company mission, and being around people with the same intentions. For her, a career founded on sincere connections is more fulfilling and successful than one focused only on resumes and automated processes.

Crux of the Topic

In his presentation, Sarabjeet Sachar brought forth the revolutionary idea of value-based relationships, breaking from the conventional dependence on resumes in job searching. He identified how the dependence on resumes generated by artificial intelligence and generic keywords tends to derail the recruitment process, making it increasingly difficult for the candidates to get noticed. The actual key to professional success, he contended, is being a problem-solver, not merely a set of credentials.

Details 

It started at the age of 21, when a newly graduated student was commuting on a local train in Mumbai. Enthusiastically talking about a dream to have a career in sales, this person was excited about the prospect of meeting people, knowing their problems, and providing tailored solutions. Unaware to them, a regional sales manager from a major pharmaceutical firm happened to overhear the conversation. Influenced by their passion and commitment in their words, the manager went up to the graduate and gave them his business card, inviting them in for an interview. No resume was required; it was the passion and commitment that got them the job.

This was the starting point of a successful career in sales, where the person rose through the ranks to senior levels in well-known companies like Times of India, Indian Express, The Hindu, India Today, and ZTV Network. In all these shifts, the emphasis remained on demonstrating their worth and love, instead of talking of a resume.

The central takeaway here is that the traditional resume may open doors, but it’s the authentic value you bring that will truly walk you through them. Research and preparation are key. Much like a business consultant, job seekers should approach potential employers by understanding their needs and positioning themselves as solution providers. This requires a shift in mindset—viewing the job search process not as a race to submit applications, but as an opportunity to build meaningful, value-driven connections.

The presentation touched on some of the real-life scenarios in which professionals constructed their careers by intentionally concentrating on value-based network construction. Sarabjeet Sachar narrated examples of people such as Amit and Simon, who were able to switch into new fields and gain leadership positions by matching their capabilities with the precise requirements of their potential employers.

This creative strategy is opposite to the conventional thinking of writing a resume based on a job description. Sachar emphasized that employers are not seeking flawless resumes but those who can provide solutions to their issues. By establishing these connections via networking and reciprocal value, professionals can tap into job opportunities that are not listed on conventional job boards.

Conclusion

As Sarabjeet Sachar finished speaking, he challenged the audience to change their career development mindset. Rather than just concentrating on resumes, professionals need to work towards building deep, genuine relationships founded on common values. These will open doors to opportunities and drive career progression in a more profound manner.

The TEDxGoldenBridge Studio event gave a new insight into job seeking and career development, urging working professionals to aim at establishing value-based relationships to thrive in the competitive job market of today.

Why your resume (mostly) doesn’t matter - Nishtha Desai

  

TEDx Talk | Youtube Mr. Sarabjeet Sachar, founder and CEO of Aspiration Jobs, recently gave an inspiring TEDx talk during TEDxGoldenBridge Studio, sharing new ideas on how value-based connections play a critical role in professional development. The speaker told us that success often does not hinge on resumes or traditional job applications, but rather on building valuable, meaningful relationships that position one on the right path for opportunities to knock.

TEDxGoldenBridge Studio, themed “Semicolon; Pausing to Connect,” brings together a diverse array of speakers and curators to explore the power of intentional pauses and meaningful connections in our lives; has the reputation for providing a platform to ideas that are worth spreading, gave the best platform to this thought-provoking presentation. The proceedings were efficiently planned by Harsh Thakkar (Licensee), Sahaj Tyagi (Co-licensee), Siya Kachhela (Head Curator), Vraj Dangarwala (First Curator), and Yug Desai (Post Production Lead) so that every moment of the event was memorable for everyone in attendance.

The author, Nishtha Desai emphasizes the significance of forming genuine relationships during one's career path. According to her, the emphasis must be on proving oneself, making personal and professional values align with the company mission, and being around people with the same intentions. For her, a career founded on sincere connections is more fulfilling and successful than one focused only on resumes and automated processes.

Crux of the Topic

In his presentation, Sarabjeet Sachar brought forth the revolutionary idea of value-based relationships, breaking from the conventional dependence on resumes in job searching. He identified how the dependence on resumes generated by artificial intelligence and generic keywords tends to derail the recruitment process, making it increasingly difficult for the candidates to get noticed. The actual key to professional success, he contended, is being a problem-solver, not merely a set of credentials.

Details 

It started at the age of 21, when a newly graduated student was commuting on a local train in Mumbai. Enthusiastically talking about a dream to have a career in sales, this person was excited about the prospect of meeting people, knowing their problems, and providing tailored solutions. Unaware to them, a regional sales manager from a major pharmaceutical firm happened to overhear the conversation. Influenced by their passion and commitment in their words, the manager went up to the graduate and gave them his business card, inviting them in for an interview. No resume was required; it was the passion and commitment that got them the job.

This was the starting point of a successful career in sales, where the person rose through the ranks to senior levels in well-known companies like Times of India, Indian Express, The Hindu, India Today, and ZTV Network. In all these shifts, the emphasis remained on demonstrating their worth and love, instead of talking of a resume.

The central takeaway here is that the traditional resume may open doors, but it’s the authentic value you bring that will truly walk you through them. Research and preparation are key. Much like a business consultant, job seekers should approach potential employers by understanding their needs and positioning themselves as solution providers. This requires a shift in mindset—viewing the job search process not as a race to submit applications, but as an opportunity to build meaningful, value-driven connections.

The presentation touched on some of the real-life scenarios in which professionals constructed their careers by intentionally concentrating on value-based network construction. Sarabjeet Sachar narrated examples of people such as Amit and Simon, who were able to switch into new fields and gain leadership positions by matching their capabilities with the precise requirements of their potential employers.

This creative strategy is opposite to the conventional thinking of writing a resume based on a job description. Sachar emphasized that employers are not seeking flawless resumes but those who can provide solutions to their issues. By establishing these connections via networking and reciprocal value, professionals can tap into job opportunities that are not listed on conventional job boards.

Conclusion

As Sarabjeet Sachar finished speaking, he challenged the audience to change their career development mindset. Rather than just concentrating on resumes, professionals need to work towards building deep, genuine relationships founded on common values. These will open doors to opportunities and drive career progression in a more profound manner.

The TEDxGoldenBridge Studio event gave a new insight into job seeking and career development, urging working professionals to aim at establishing value-based relationships to thrive in the competitive job market of today.

क्‍या है 'वक्फ बाय यूजर', जिसपर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, जानें क्या कहा

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नए वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं। इसे लेकर पहले दिन बुधवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से 'वक्फ बाय यूजर' संपत्तियों के प्रावधानों पर सवाल उठाए। सीजेआई संजीव खन्‍ना से लेकर कप‍िल स‍िब्‍बल, अभ‍िषेक मनु सिंघवी और तमाम वकीलों ने इस पर सवाल उठाए। सरकार से पूछा क‍ि आख‍िर इस क्‍लॉज में छेड़छाड़ क्‍यों की गई?

सबसे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर ये 'वक्फ बाई यूजर' का मतलब क्या है? 'वक्फ बाय यूजर' का मतलब है, ऐसी संपत्ति जो लंबे समय से धार्मिक या सामाजिक कार्यों के लिए इस्तेमाल हो रही है। लंबे समय तक इस्लामिक धार्मिक या परोपकारी उद्देश्यों के लिए प्रयुक्त होने के कारण वक्फ मानी जाती है, भले ही उसके पास लिखित दस्तावेज या रजिस्ट्री न हो।

सुप्रीम कोर्ट में आज बहस की शुरुआत करते हुए कप‍िल सिब्‍बल ने कहा, ‘वक्फ बाय यूजर’ वक्‍फ की एक शर्त है। मान लीजिए मेरे पास एक प्रॉपर्टी है और मैं चाहता हूं क‍ि वहां एक अनाथालय बनवाया जाए, तो इसमें समस्‍या क्‍या है? मेरी जमीन है, मैं उस पर बनवाना चाहता हूं, ऐसे में सरकार मुझे रज‍िस्‍टर्ड कराने के ल‍िए क्‍यों कहेगी? इस पर सीजेआई ने कहा, अगर आप वक्‍फ का रज‍िस्‍ट्रेशन कराएंगे तो रिकार्ड रखना आसान होगा। लेकिन सरकार ने ‘वक्फ बाय यूजर’ ही खत्‍म कर द‍िया है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने 'वक्फ बाय यूजर' प्रावधान को हटाने पर केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र से वक्फ कानून पर तीखे सवाल भी पूछे। सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, वक्‍फ बाई यूजर क्‍यों हटाया गया?

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि 14वीं से 16वीं शताब्दी के बीच बनी ज्यादातर मस्जिदों के पास सेल डीड नहीं होंगे। ऐसे में, उन्हें कैसे रजिस्टर किया जाएगा? कोर्ट ने यह भी कहा कि आप यह नहीं कह सकते कि 'वक्फ बाय यूजर' में कोई असली संपत्ति नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी मस्जिदों से रजिस्टर्ड डीड मांगना नामुमकिन होगा, क्योंकि ये सभी वक्फ-बाय-यूजर प्रॉपर्टीज हैं।

इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें इसे रजिस्टर करवाने से किसने रोका? सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि अगर सरकार कहने लगी कि ये जमीनें सरकारी हैं तो क्या होगा? यही समस्‍या है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह बड़ा मुद्दा है और इस पर और सुनवाई क‍िए जाने की जरूरत है। सरकार ने गुरुवार का द‍िन इसी पर सुनवाई के ल‍िए रखा है।

न्याय पंचायत कोदई माह अप्रैल संकुल मीटिंग प्रा०वि० रेकुवां पर संपन्न
संजीव सिंह बलिया|कार्यालय खंड शिक्षा अधिकारी नगरा, बलिया के पत्रांक-संकुल मीटिंग 85-91/2025-26 दिनांक 11/04/2025 के अनुपालन में न्याय पंचायत कोदई, शिक्षा क्षेत्र-नगरा के समस्त प्र०अ०/प्र०प्र०अ०/स०अ०/शिक्षामित्र/अनुदेशक को सूचित किया जाता है कि दिनांक 15/04/2025 दिन मंगलवार को माह अप्रैल की शिक्षक संकुल बैठक का आयोजन अपराह्न *1:30 से 3:00 बजे तक "प्रा०वि० रेकुवां "* पर नोडल संकुल शिक्षक दयाशंकर राम द्वारा किया गया है जिसमें  सभी  प्रतिभागी उपस्थिति  रहे है।  बैठक में  सभी प्रतिभागी अपने साथ संदर्शिका, नोटबुक व अपने द्वारा बनाए गए TLM लेकर आए बैठक की संक्षिप्त कार्य योजना में 1.सत्र का नाम: उत्साहवर्धक/ मनोरंजनक गतिविधि: मेैं कौन हूं:* सुगमकर्ता स्टिकी नोट्स में प्रसिद्ध महान व्यक्तित्व एवं शिक्षाविद का नाम लिखकर जैसे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉक्टर ए०पी०जे० अब्दुल कलाम, सावित्रीबाई फुले, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी आदि। स्टिकी नोट्स की पर्ची कुछ प्रतिभागियों के पीठ पर लगाई  गयी !तथा प्रश्न पूछ कर यह पता लगाया जाएगा कि वे कौन हैं, जवाब में अन्य प्रतिभागी सिर्फ हाँ/ना में जवाब दिये जो सही जवाब दिये ताली बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया गया| सुगमकर्ता: रामकृष्णमौर्या(उ०प्रा०वि खरूआंव)* प्रतिभागी द्वारा सभी विद्यालयों के शिक्षक/ शिक्षिका *2.सत्र का नाम: एक सीख एक बदलाव:* पिछले शैक्षिक सत्र को ध्यान में रखकर शिक्षकों द्वारा उनकी एक-एक सीख को उप समूह में साझा किया गया इसके बाद एक-एक बदलाव जो वह नए शैक्षिक सत्र में अपने कक्षा में लागू करना चाहते हैं उप समूह में साझा किया गया! और उस पर चर्चा की गई तथा अमल में लाया गया  सभी उप समूह द्वारा तीन चयनित सीख और बदलाव सभी शिक्षकों के लिए बड़े समूह में साझा किए गए!  सुगमकर्ता: संतोष कुमार गुप्ता(शिक्षक संकुल)* समय-10 मिनट प्रतिभागी विद्यालय:प्रा०वि०खरूआंव, प्रा०वि०रेकुवां, प्रा०वि० पाण्डेय पुर *3.नया शैक्षिक सत्र, नई दिशा, नया उत्साह:* *_१.Discover:_बीते वर्ष की खोज और प्रतिबिंबन: उद्देश्य: विगत शैक्षिक सत्र की उपलब्धियां और सिख को समझना: समूह में चर्चा:१.आपकी सबसे बड़ी सफलता क्या रही? २.किन चुनौतियां ने आपको कुछ नया सिखाया? *_2.Dream:_* आदर्श कक्षा और विद्यालय की कल्पना: गतिविधि में मेरी आदर्श कक्षा पर पोस्टर बनाएं। १.सीखने का वातावरण कैसा हो? २.बच्चे कैसे सीखें और शिक्षक कैसे पढ़ाएं? *_3.Design_* : रणनीति और योजना उद्देश्य: लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु SMART GOALS आधारित (Specific, Measurable, Achievable, Relevant, Time bound) योजना बनाना, निर्माण। गतिविधि: सभी प्रतिभागियों को तीन-चार समूह में विभाजित कर निम्न विषय पर स्मार्ट गोल्स बनाने एवं अपने विचार साझा करने के लिए कहा गया Club activities, NIPUN Strategy, Enrollment. *_4.Deliver:_* प्रतिबद्धता और क्रियान्वयन: उद्देश्य: व्यक्तिगत प्रतिबद्धता और टीम एक्शन का साझा संकल्प। My 2025-26 Commitment card भरें- *मैं अपने विद्यालय की उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध हूं। *मेरा विद्यालय  निपुण विद्यालय बन जाएगा(अक्टूबर 2025/ दिसंबर 2025/ फरवरी 2026) *सुगमकर्ता: पुष्पांजलि श्रीवास्तव (संकुल शिक्षक)-समय-30 मिनट* प्रतिभागी विद्यालय:प्रा०वि० खरूआंव उ0प्रा०वि० ह०ब० खरूआंव, प्रा०वि० तुर्ककुलानी, प्रा०वि०कोदई *4.भाषा एवं गणित शिक्षण आधारित डेमो प्रस्तुतीकरण एवं चर्चा:* भाषा एवं गणित शिक्षण के दौरान बच्चों की सक्रिय भागीदारी की रणनीति के डेमो की तैयारी: सभी शिक्षकों को चार समूह में बाँटकर दो समूह भाषा और दो समूह गणित शिक्षण पर कार्य  किए उन्हें चारों समूह दिए गए विषय के अनुसार हैन्डआउट्स के आधार पर दिए गए रणनीतियों को कक्षा शिक्षण में लागू करने का डेमो तैयार किए शिक्षक डेमो देने के लिए कक्षा/ परिसर में उपलब्ध चार्ट, चित्र, कहानी पोस्टर, किताबें गणित पोस्टर, गणित किट, पाठ्यपुस्तक, कार्य पुस्तिका का उपयोग करने व सभी समूह अपना-अपना डेमो प्रस्तुत किये अन्य शिक्षक बच्चों की भूमिका में रहें! अंत में सुगमकर्ता डेमो का अवलोकन कर अपना सुझाव देंगे तथा डेमो को अपने कक्षा कक्ष में लागू करने का सुझाव दिये *सुगमकर्ता:  आशीष कुमार श्रीवास्तव (संकुल शिक्षक)* समय-20 मिनट प्रतिभागी विद्यालय: प्रा०वि० पाण्डेय पुर प्रा०वि० रेंकुवा, प्रा०वि० सोनापाली *5.प्राथमिकता एवं प्रशंसा सत्र:संकुल में सर्वाधिक उपस्थिति वाले विद्यालयों के शिक्षकों तथा शिक्षण में नवाचार के लिए शिक्षकों की सराहना की गई! और सफल अनुभव साझा किए गये। #उत्कृष्ट शैक्षिक प्रथाओं नई तकनीक के उपयोग और छात्र केन्द्रित दृष्टिकोण पर चर्चा किया #इको क्लब फॉर मिशन लाइफ, स्पोर्ट्स क्लब, गणित क्लब, विज्ञान क्लब, ज्योग्राफी क्लब, डिजिटल इनीशिएटिव तथा अन्य क्लबों का/ गठन एवं आगामी माह की गतिविधियों पर चर्चा की गई। *सुगमकर्ता: आशुतोष कुमार सिंह (संकुल शिक्षक)* -समय-10 मिनट प्रतिभागी: जनार्दन तिवारी,  संदीप कुमार, अभय कुमार,  हरेन्द्र यादव व अन्य शिक्षकगण। *6.समेकन एवं धन्यवाद:* महत्वपूर्ण बिंदुओं की पुनरावृत्ति। *  कृष्णा देवी( नोडल संकुल शिक्षक* )समय-10 मिनट *शिक्षक संकुल द्वारा DCF भरा गया! शिक्षक संकुल" न्याय पंचायत कोदई शिक्षा क्षेत्र- नगरा, जनपद-बलिया
दरोगा विद्यासागर के अपराध,काली कमाई ने बेटे को बना दिया अपराधी

जौनपुर। बहुत पुरानी कहावत है "कि बाप का खाया बेटा भरता हैं" लेकिन यह कहावत बिल्कुल फिट बैठ रही हैं. थानागद्दी चौकी पर तैनात प्रमोटी दारोगा विद्यासागर सिंह के बेटे आदित्य सागर के खिलाफ पड़ोसी वाराणसी जिले के चोलापुर थाने में गंभीर धाराओं में आरोपी बनाया हैं।

जानकारी के मुताबिक विद्यासागर सिंह सिपाही से प्रोन्नत होकर दरोगा बने। अल्प समय के लिए दरोगा की कुर्सी व कंधे पर सितारे लगते ही शरीर में ऐंठन होने लगी। फिर खाकी में अपराध व अवैध कामों को संरक्षण देकर के धन बटोरने में जुट गया। विभागीय लोग बताते हैं कि विद्यासागर के बेटे बेरोजगार हैं। जिससे विद्यासागर को हरवक्त बेटे को सजोने संवारने में जुट रहता हैं। जिसके लिए हरसंभव प्रयास करके अपराध में धंसता गया। खुद का सिंडिकेट तैयार लिया। जिसमें कुछ तथाकथित पत्रकारों को भी शामिल किया। जिससे किसी भी घटना को दबाते हुए,वसूली को प्रायोजित तरीके से कराई जा सके।

विद्यासागर ने अपराध से अर्जित काली कमाई से एक कृषि कार्य में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर UP62AS9996 लिया। जिससे कमर्शियल उपयोग में लेने लगा। ट्रैक्टर को अपराधिक सिंडिकेट के इशारे पर अवैध कामों में धकेल दिया। अवैध व अपराध से अर्जित राशि ने ज्यादा दिन तक विद्यासागर का साथ नहीं दिया। कुछ माह बाद चोलापुर पुलिस ने हिट एंड रन का मामला आदित्य सागर के खिलाफ दर्ज करते हुए,चार्जशीट न्यायालय में भेज दिया।

कप्तान ने कतरे पर,भेजा खेतासराय

अपराध में धंसते जा रहे विद्यासागर को स्थानीय अधिकारियों का प्रश्रय था. जिससे विद्यासागर आराम से अपने कामों को अंजाम दे रहा था। लगातार शिकायतों को देखते हुए,कप्तान ने विद्यासागर का ट्रांसफर खेतासराय कर दिया। ट्रांसफर की बात सुनकर विद्यासागर के होश उड़ गए। अपराधिक सिंडिकेट के साथ विद्यासागर ने कई चौखटों पर माथा टेकते हुए,ट्रांसफर रुकवाने की गुहार की। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। चूंकि खेतासराय में अवैध कमाई बंद हो चुकी हैं। सिंडिकेट भी बिखर चुका हैं। विभाग के अनुसार विद्यासागर केराकत थाना क्षेत्र के सरकी चौकी पर आने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हैं। जिससे सिंडिकेट व अपराधिक गतिविधि से काली कमाई की जा सके।

कश्मीर पर मध्यस्थता मंजूर नहीं,’ भारत का ट्रंप को सीधा जवाब

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच बड़े चौधरी बनना चाह रहे थे। लेकिन भारत ने कंधे पर हाथ तक रखने नहीं दिया। संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को लेकर विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर पर हमें मध्यस्थता मंजूर नहीं है। पाकिस्तान को पीओके खाली करना होगा। 

किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हालिया सीजफायर के बाद अब भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय ने औपचारिक बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस किया। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच सभी मुद्दों का समाधान केवल द्विपक्षीय वार्ता के जरिए ही किया जाएगा और जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि लंबे अरसे से हमारा यही राष्ट्रीय पक्ष रहा है कि भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय तरीके से ही हल करना है। इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लंबित मामला केवल पाकिस्तान के अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली कराने का है।

समझौते के लिए पाकिस्तान गिड़गिड़ाया

रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक बार फिर दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की तरफ से ही समझौते के लिए फोन आया था। भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा रहा था, जिसके बाद पाकिस्तान ने संघर्ष रोकने के लिए समझौता करने का प्रस्ताव रखा। पाकिस्तान के प्रस्ताव के बाद दोनों देशों के DGMO के बीच बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि जैसा कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पहले ही बताया है कि 10 मई को 15:35 बजे दोनों देशों के डीजीएमओ को फोन पर संघर्ष विराम को लेकर वार्ता हुई। इस वार्ता को लेकर विदेश मंत्रालय को 12.37 बजे पाकिस्तान उच्चायोग के जरिये सूचित किया गया। पाकिस्तान की आंतरिक तकनीकी दिक्कतों के चलते हॉटलाइन कनेक्ट होने में देरी हुई। भारत के डीजीएमओ की मौजूदगी के बाद दोपहर 3.35 बजे वार्ता हुई। उन्होंने कहा कि 10 मई की सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एयरबेस को तबाह किया गया। इसके बाद पाकिस्तान के सुर बदल गए।

विदेश मंत्रालय ने न्यूक्लियर वॉर की संभावनाओं को खारिज किया

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से परमाणु युद्ध की अटकलों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक क्षेत्र में थी। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी 10 मई को बैठक करेगी, लेकिन बाद में उन्होंने इसका खंडन किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खुद रिकॉर्ड पर परमाणु पहलू से इनकार किया है। जैसा कि आप जानते हैं, भारत का दृढ़ रुख है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा या इसका हवाला देकर सीमा पार आतंकवाद को संचालित करने की अनुमति नहीं देगा।

भय बिनु होइ न प्रीति...भारतीय सेना का पाकिस्तान को सख्त संदेश

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भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर भले हो गया है, लेकिन नियंत्रण रेखा पर हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस बीच तीनों सेना के अभियान महानिदेशक यानी DGMO, DGAO, DGNO ने एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच आज लगातार दूसरे दिन भारतीय सेना के महानिदेशक स्तर के अधिकारियों ने प्रेस ब्रीफिंग की।

पाकिस्तान को क्या संदेश

पहले दिन की प्रेस वार्ता में शिव तांडव स्तोत्र से आगाज के बाद आज की ब्रीफिंग की शुरुआत रामधारी सिंह दिनकर की कविता से हुई, जिसकी लाइन ‘याचना नहीं अब रण होगा’ है। दिनकर की कृष्ण की चेतावनी कविता के अंशों का इस्तेमाल कर भारतीय सेना दहशतगर्दों के पनाहगाह पड़ोसी देश पाकिस्तान को क्या संदेश देना चाह रही है? इस सवाल पर एयरमार्शल एके भारती ने रामचरितमानस की पंक्तियों का उल्लेख किया और कहा कि समझदार को इशारा काफी है। एयरमार्शल भारती ने रामचरितमानस की पंक्तियों का उल्लेख किया और कहा कि जब राम समुद्र तट पर उपासना और प्रार्थना कर रहे थे वहां तुलसीदास ने लिखा है-- विनय न मानत जलधि जड़ गए तीन दिन बीत बोले राम सकोप तब.. भय बिनु होहीं न प्रीत।

‘पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया’

इस दौरान एयर मार्शल एके भारती, एयर ऑपरेशन ने कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ है। इसलिए हमने 7 मई की रात उन्हें ही टारगेट किया। इसमें पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ दिया। उनकी एक्शन के बाद हमने जवाबी कार्रवाई की। जिसमें पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ। एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि रविवार को हमने विस्तार से बताया था कि भारत ने किस तरह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कार्रवाई की थी। हमने स्पष्ट किया था कि हमने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था, पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों को नहीं। हालांकि, पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।

‘अफसोस पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ देना उचित समझा’

DG AO एके भारती ने बताया कि हमारा एयर डिफेंस सिस्टम मल्टीलेयर है। पाकिस्तान के सभी ड्रोन को स्वदेशी काउंटर ड्रोन सिस्टम से गिराया गया। हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ थी। इसलिए 7 मई को हमने केवल आतंकी ठिकानों पर ही हमला किया था पर अफसोस इस बात का है कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ देना उचित समझा। इस लड़ाई को अपनी लड़ाई बना ली। इसके बाद हमने जवाबी कार्रवाई की, इसमें उसका जो भी नुकसान हुआ इसके लिए वो खुद इसके लिए जिम्मेदार था। हमारी एयर डिफेंस सिस्टिम दीवार की तरह खड़ी थी और इसको भेदना दुश्मन के लिए असंभव था।

‘हमारा एयर डिफेंस सिस्टम मल्टीलेयर’

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की एयर डिफेंस कार्रवाई को हमें एक संदर्भ में समझने की जरूरत है। पिछले कुछ सालों में आतंकी गतिविधियों के कैरेक्टर में बदलाव आ रहा था, अब हमारी सेना के साथ-साथ निर्दोष लोगों पर भी हमला हो रहा था। 2024 में शिवखोड़ी मंदिर की ओर जाने वाले तीर्थयात्री और इस साल अप्रैल में पहलगाम में मासूम पर्यटक। पहलगाम तक उनका पाप का घड़ा भर चुका था... क्योंकि आतंकियों पर हमारे सटीक हमले LOC और IB को पार किए बना किए गए थे, हमें पूरा अंदेशा था कि पाकिस्तान का हमला भी सीमा पार से ही होगा, इसलिए हमने एयर डिफेंस की तैयारी की थी। जब 9-10 मई को पाकिस्तान की वायुसेना ने हमारे एयर फील्ड और लॉजिस्टिक इंस्टॉलेशन पर हमला किया, तो वे इस मजबूत एयर डिफेंस ग्रिड के सामने विफल हुए। एके भारती ने बताया कि हमारा एयर डिफेंस सिस्टम मल्टीलेयर है। पाकिस्तान के सभी ड्रोन को स्वदेशी काउंटर ड्रोन सिस्टम से गिराया गया।

ऑपरेशन सिंदूर : एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकाने तबाह, वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आतिशबाजी कर मनाया जश्न

रायगढ़- पहलगाम आंतकी हमले का जवाब भारतीय सेना ने पकिस्तान से ऑपरेशन सिंदूर से लिया है। पाकिस्तान और पकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की गई है। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय शामिल है। ऑपेरशन सिन्दूर के बाद से भारतवासियों में जश्न का माहौल है। छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री ओपी चौधरी भी अपने घर के बाहर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर जश्न मनाते नजर आए। 

यह वीडियो वित्त मंत्री ओपी चौधरी के रायगढ़ निवास का बताया जा रहा है। निवास के सामने मंत्री ओपी आतिशबाजी और पटाखे फोड़कर जश्न मनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। मंत्री ओपी चौधरी ने सबके साथ मिलकर भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए। 

बता दें कि करीब ढाई बजे भारतीय सेना ने बुधवार रात डेढ़ बजे पाकिस्तान और पीओके के नौ अलग-अलग आतंकी ठिकानों (बहावलपुर (02), मुरीदके, मुजफ्फराबाद, कोटली, गुलपुर, भिंबर, चक अमरू, सियालकोट) पर एयरस्ट्राइक किया। इस हमले में तकरीबन 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है। वहीं एयर स्ट्राइक में आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गए हैं। एयर स्ट्राइक के दौरान आतंकी ठिकानों पर मौजूद थे 900 से ज्यादा दहशतगर्द मौजूद थे।

इन 9 ठिकानों पर हुआ एयरस्ट्राइक  

1. मरकज़ सुभान अल्लाह, बहावलपुर – जैश

2. मरकज़ तैयबा, मुरीदके – लश्कर

3. सरजल, तेहरा कलां – जेईएम

4. महमूना जोया, सियालकोट – एचएम

5. मरकज़ अहले हदीस, बरनाला – लश्कर

6. मरकज़ अब्बास, कोटली – जैश

7. मस्कर राहील शाहिद, कोटली – एचएम

8. शावई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद – लश्कर

9. सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद – जेईएम।

आज सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर सेना, एयरफोर्स और MEA ने ऑपरेशन सिन्दूर को लेकर प्रेस ब्रीफिंग की, जिसमें डिटेल सभी के सामने रखी गई। बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को न्याय देने लिए किया गया। कर्नल सोफिया ने जानकारी दी कि रात 01:05 से 01: 30 मिनट तक ऑपरेशन सिंदूर हुआ। किसी भी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया। इसके साथ ही भारत ने PAK को चेतावनी दी है, अगर कोई हरकत की तो फिर से कार्रवाई होगी।

कनाडा में लिबरल पार्टी की जीत, मार्क कार्नी बनेंगे पीएम, भारत के लिए क्या मायने?


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कनाडा में एक बार फिर से लिबरल पार्टी ने जीत हासिल की है। कनाडा में सोमवार को हुए संघीय चुनाव में पीएम मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी ने जीत हासिल की है। इस नतीजे के साथ ही लिबरल पार्टी के नेता और मौजूदा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी अपने पद पर बने रहेंगे। साथ ही नई कैबिनेट के साथ नई सरकार बनाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्नी को जीत की बधाई दी है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, मार्क कार्नी और लिबरल पार्टी को चुनाव में जीत की बहुत-बहुत बधाई। हम साझेदारी को मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और कनाडा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता और लोगों के बीच जीवंत संबंधों से बंधे हैं। हम साझेदारी को मजबूत करने और लोगों के लिए अधिक से अधिक अवसरों को खोलने के लिए आपके साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।

मजबूत होंगे भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंध?

कनाडा में एक बार फिर से लिबरल पार्टी की सरकार बनी है। ऐसे में सवाल उठ रहे है कि क्या भारत के साथ संबंध सुधर पाएंगे? विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री तथा बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ कनाडा के पूर्व गवर्नर रहे कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कनाडा के भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध फिर से मजबूत होने की संभवना जताई जा रही है। उनके विदेश नीति के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने की उम्मीद है।

दरअसल, मार्क कार्नी ने पिछले दिनों भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों कहा था कि "मैं संकट के समय सबसे उपयोगी होता हूं।" उनके इस बयान को इस तरह से देखा गया है कि उनकी जीत नई दिल्ली और ओटावा के बीच द्विपक्षीय संबंधों में संभावित सुधार ला सकती है, जो पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में काफी हद तक खराब हो गए थे। 

भारत के साथ संबंधों को सुधारने के दिए संकेत

मार्क कार्नी ने इलेक्शन कैम्पेन के दौरान कहा था कि "कनाडा जो करने की कोशिश कर रहा है, वह समान विचारधारा वाले देशों के साथ हमारे व्यापारिक संबंधों में विविधता लाना है, और भारत के साथ संबंधों को फिर से बनाने के अवसर हैं। उस वाणिज्यिक संबंध के इर्द-गिर्द मूल्यों की साझा भावना होनी चाहिए, और अगर मैं प्रधानमंत्री होता, तो मैं इसे बनाने के अवसर की तरह देखता।" मार्क कार्नी ने चुनाव अभियान के दौरान भारत को एक महत्वपूर्ण देश बताया था। इसके अलावा उन्होंने संकेत दिया था कि उनकी मंशा भारत के साथ संबंधों को सुधारने की है, खासकर कारोबारी संबंध को, क्योंकि कनाडा डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध का नुकसान उठा रहा है। इसके अलावा मार्क कार्नी ने चुनावी कैम्पेन में अमेरिका के ऊपर से अपनी निर्भरता कम करने की बात कही थी, ऐसे में कनाडा के पास एक बड़े बाजार के तौर पर भारत ही बचता है, क्योंकि चीन के साथ उसके पहले से ही खराब संबंध हैं।

कनाडा- भारत के बीच बढ़ सकता है व्यापार

कार्नी के प्रधानमंत्री बनने से भारत को व्यापार के क्षेत्र में बड़ा लाभ होने की उम्मीद है। कार्नी ने व्यापार के क्षेत्र में भारत को बड़ा खिलाड़ी भी करार दिया है। ऐसे में भारत और कनाडा के बीच Comprehensive Economic Partnership Agreement (CEPA) पर फिर से बातचीत शुरू होने की संभावना बढ़ी है। ये एक ट्रेड डील है, जिसे ट्रूडो ने भारत से विवाद के बाद रोक दिया था।

भारत और कनाडा के बीच व्यापार

भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2023-24 में 8.4 अरब डॉलर (72,240 करोड़ रुपये) का था, जिसमें भारत से कनाडा को 3.8 अरब डॉलर (32,680 करोड़ रुपये) का निर्यात और कनाडा से भारत को 4.6 अरब डॉलर (39,560 करोड़ रुपये) का आयात शामिल था।

हालांकि, 2024-25 में इसमें गिरावट देखने को मिली है, लेकिन अब कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस द्विपक्षीय व्यापार में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

बिना रजिस्ट्रेशन कुकुरमुत्ता की तरह झोलाछाप डॉक्टर के चल रहा क्लीनिक, डॉक्टर गिरजेश पांडे पर गंभीर आरोप

बलरामपुर।ग्राम हरैय्या चंदरसी में मानकों की उड़ रही धज्जियाँ, मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़

नारकोटिक दवाओं की अवैध बिक्री का अड्डा बनता जा रहा है पचपेड़वा का यह क्लीनिक

बलरामपुर जनपद के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत हरैय्या चंदरसी में स्थित एक क्लीनिक इन दिनों चर्चाओं में है। जानकारी के अनुसार, इस क्लीनिक को डॉक्टर गिरिजेश पांडे द्वारा संचालित किया जा रहा है, लेकिन न तो इसका कोई विधिवत रजिस्ट्रेशन है और न ही चिकित्सा मानकों का पालन किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां मरीजों का इलाज मनमाने तरीके से किया जा रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

सबसे गंभीर बात यह है कि इस क्लीनिक में नारकोटिक (मादक) दवाओं की भी अवैध बिक्री की जा रही है। इन दवाओं का उपयोग नशे के रूप में भी किया जा सकता है, जिससे युवाओं में इसकी लत लगने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर पांडे के पास न तो फार्मेसी लाइसेंस है और न ही नारकोटिक दवाओं के स्टॉक की कोई वैध अनुमति।

स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते यह क्लीनिक अब तक बेधड़क संचालित हो रहा है। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से इस क्लीनिक की तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह लोगों की जान पर भारी पड़ सकता है और समाज में नशाखोरी की समस्या को और बढ़ा सकता है।

प्रशासन को चाहिए कि तुरंत संज्ञान लेकर जांच शुरू करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

Why your resume (mostly) doesn’t matter - Nishtha Desai

 

TEDx Talk | YoutubeMr. Sarabjeet Sachar, founder and CEO of Aspiration Jobs, recently gave an inspiring TEDx talk during TEDxGoldenBridge Studio, sharing new ideas on how value-based connections play a critical role in professional development. The speaker told us that success often does not hinge on resumes or traditional job applications, but rather on building valuable, meaningful relationships that position one on the right path for opportunities to knock.

TEDxGoldenBridge Studio, themed “Semicolon; Pausing to Connect,” brings together a diverse array of speakers and curators to explore the power of intentional pauses and meaningful connections in our lives; has the reputation for providing a platform to ideas that are worth spreading, gave the best platform to this thought-provoking presentation. The proceedings were efficiently planned by Harsh Thakkar (Licensee), Sahaj Tyagi (Co-licensee), Siya Kachhela (Head Curator), Vraj Dangarwala (First Curator), and Yug Desai (Post Production Lead) so that every moment of the event was memorable for everyone in attendance.

The author, Nishtha Desai emphasizes the significance of forming genuine relationships during one's career path. According to her, the emphasis must be on proving oneself, making personal and professional values align with the company mission, and being around people with the same intentions. For her, a career founded on sincere connections is more fulfilling and successful than one focused only on resumes and automated processes.

Crux of the Topic

In his presentation, Sarabjeet Sachar brought forth the revolutionary idea of value-based relationships, breaking from the conventional dependence on resumes in job searching. He identified how the dependence on resumes generated by artificial intelligence and generic keywords tends to derail the recruitment process, making it increasingly difficult for the candidates to get noticed. The actual key to professional success, he contended, is being a problem-solver, not merely a set of credentials.

Details 

It started at the age of 21, when a newly graduated student was commuting on a local train in Mumbai. Enthusiastically talking about a dream to have a career in sales, this person was excited about the prospect of meeting people, knowing their problems, and providing tailored solutions. Unaware to them, a regional sales manager from a major pharmaceutical firm happened to overhear the conversation. Influenced by their passion and commitment in their words, the manager went up to the graduate and gave them his business card, inviting them in for an interview. No resume was required; it was the passion and commitment that got them the job.

This was the starting point of a successful career in sales, where the person rose through the ranks to senior levels in well-known companies like Times of India, Indian Express, The Hindu, India Today, and ZTV Network. In all these shifts, the emphasis remained on demonstrating their worth and love, instead of talking of a resume.

The central takeaway here is that the traditional resume may open doors, but it’s the authentic value you bring that will truly walk you through them. Research and preparation are key. Much like a business consultant, job seekers should approach potential employers by understanding their needs and positioning themselves as solution providers. This requires a shift in mindset—viewing the job search process not as a race to submit applications, but as an opportunity to build meaningful, value-driven connections.

The presentation touched on some of the real-life scenarios in which professionals constructed their careers by intentionally concentrating on value-based network construction. Sarabjeet Sachar narrated examples of people such as Amit and Simon, who were able to switch into new fields and gain leadership positions by matching their capabilities with the precise requirements of their potential employers.

This creative strategy is opposite to the conventional thinking of writing a resume based on a job description. Sachar emphasized that employers are not seeking flawless resumes but those who can provide solutions to their issues. By establishing these connections via networking and reciprocal value, professionals can tap into job opportunities that are not listed on conventional job boards.

Conclusion

As Sarabjeet Sachar finished speaking, he challenged the audience to change their career development mindset. Rather than just concentrating on resumes, professionals need to work towards building deep, genuine relationships founded on common values. These will open doors to opportunities and drive career progression in a more profound manner.

The TEDxGoldenBridge Studio event gave a new insight into job seeking and career development, urging working professionals to aim at establishing value-based relationships to thrive in the competitive job market of today.

Why your resume (mostly) doesn’t matter - Nishtha Desai

  

TEDx Talk | Youtube Mr. Sarabjeet Sachar, founder and CEO of Aspiration Jobs, recently gave an inspiring TEDx talk during TEDxGoldenBridge Studio, sharing new ideas on how value-based connections play a critical role in professional development. The speaker told us that success often does not hinge on resumes or traditional job applications, but rather on building valuable, meaningful relationships that position one on the right path for opportunities to knock.

TEDxGoldenBridge Studio, themed “Semicolon; Pausing to Connect,” brings together a diverse array of speakers and curators to explore the power of intentional pauses and meaningful connections in our lives; has the reputation for providing a platform to ideas that are worth spreading, gave the best platform to this thought-provoking presentation. The proceedings were efficiently planned by Harsh Thakkar (Licensee), Sahaj Tyagi (Co-licensee), Siya Kachhela (Head Curator), Vraj Dangarwala (First Curator), and Yug Desai (Post Production Lead) so that every moment of the event was memorable for everyone in attendance.

The author, Nishtha Desai emphasizes the significance of forming genuine relationships during one's career path. According to her, the emphasis must be on proving oneself, making personal and professional values align with the company mission, and being around people with the same intentions. For her, a career founded on sincere connections is more fulfilling and successful than one focused only on resumes and automated processes.

Crux of the Topic

In his presentation, Sarabjeet Sachar brought forth the revolutionary idea of value-based relationships, breaking from the conventional dependence on resumes in job searching. He identified how the dependence on resumes generated by artificial intelligence and generic keywords tends to derail the recruitment process, making it increasingly difficult for the candidates to get noticed. The actual key to professional success, he contended, is being a problem-solver, not merely a set of credentials.

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It started at the age of 21, when a newly graduated student was commuting on a local train in Mumbai. Enthusiastically talking about a dream to have a career in sales, this person was excited about the prospect of meeting people, knowing their problems, and providing tailored solutions. Unaware to them, a regional sales manager from a major pharmaceutical firm happened to overhear the conversation. Influenced by their passion and commitment in their words, the manager went up to the graduate and gave them his business card, inviting them in for an interview. No resume was required; it was the passion and commitment that got them the job.

This was the starting point of a successful career in sales, where the person rose through the ranks to senior levels in well-known companies like Times of India, Indian Express, The Hindu, India Today, and ZTV Network. In all these shifts, the emphasis remained on demonstrating their worth and love, instead of talking of a resume.

The central takeaway here is that the traditional resume may open doors, but it’s the authentic value you bring that will truly walk you through them. Research and preparation are key. Much like a business consultant, job seekers should approach potential employers by understanding their needs and positioning themselves as solution providers. This requires a shift in mindset—viewing the job search process not as a race to submit applications, but as an opportunity to build meaningful, value-driven connections.

The presentation touched on some of the real-life scenarios in which professionals constructed their careers by intentionally concentrating on value-based network construction. Sarabjeet Sachar narrated examples of people such as Amit and Simon, who were able to switch into new fields and gain leadership positions by matching their capabilities with the precise requirements of their potential employers.

This creative strategy is opposite to the conventional thinking of writing a resume based on a job description. Sachar emphasized that employers are not seeking flawless resumes but those who can provide solutions to their issues. By establishing these connections via networking and reciprocal value, professionals can tap into job opportunities that are not listed on conventional job boards.

Conclusion

As Sarabjeet Sachar finished speaking, he challenged the audience to change their career development mindset. Rather than just concentrating on resumes, professionals need to work towards building deep, genuine relationships founded on common values. These will open doors to opportunities and drive career progression in a more profound manner.

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क्‍या है 'वक्फ बाय यूजर', जिसपर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, जानें क्या कहा

#waqf_by_user_meaning

नए वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं। इसे लेकर पहले दिन बुधवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से 'वक्फ बाय यूजर' संपत्तियों के प्रावधानों पर सवाल उठाए। सीजेआई संजीव खन्‍ना से लेकर कप‍िल स‍िब्‍बल, अभ‍िषेक मनु सिंघवी और तमाम वकीलों ने इस पर सवाल उठाए। सरकार से पूछा क‍ि आख‍िर इस क्‍लॉज में छेड़छाड़ क्‍यों की गई?

सबसे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर ये 'वक्फ बाई यूजर' का मतलब क्या है? 'वक्फ बाय यूजर' का मतलब है, ऐसी संपत्ति जो लंबे समय से धार्मिक या सामाजिक कार्यों के लिए इस्तेमाल हो रही है। लंबे समय तक इस्लामिक धार्मिक या परोपकारी उद्देश्यों के लिए प्रयुक्त होने के कारण वक्फ मानी जाती है, भले ही उसके पास लिखित दस्तावेज या रजिस्ट्री न हो।

सुप्रीम कोर्ट में आज बहस की शुरुआत करते हुए कप‍िल सिब्‍बल ने कहा, ‘वक्फ बाय यूजर’ वक्‍फ की एक शर्त है। मान लीजिए मेरे पास एक प्रॉपर्टी है और मैं चाहता हूं क‍ि वहां एक अनाथालय बनवाया जाए, तो इसमें समस्‍या क्‍या है? मेरी जमीन है, मैं उस पर बनवाना चाहता हूं, ऐसे में सरकार मुझे रज‍िस्‍टर्ड कराने के ल‍िए क्‍यों कहेगी? इस पर सीजेआई ने कहा, अगर आप वक्‍फ का रज‍िस्‍ट्रेशन कराएंगे तो रिकार्ड रखना आसान होगा। लेकिन सरकार ने ‘वक्फ बाय यूजर’ ही खत्‍म कर द‍िया है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने 'वक्फ बाय यूजर' प्रावधान को हटाने पर केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र से वक्फ कानून पर तीखे सवाल भी पूछे। सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, वक्‍फ बाई यूजर क्‍यों हटाया गया?

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि 14वीं से 16वीं शताब्दी के बीच बनी ज्यादातर मस्जिदों के पास सेल डीड नहीं होंगे। ऐसे में, उन्हें कैसे रजिस्टर किया जाएगा? कोर्ट ने यह भी कहा कि आप यह नहीं कह सकते कि 'वक्फ बाय यूजर' में कोई असली संपत्ति नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी मस्जिदों से रजिस्टर्ड डीड मांगना नामुमकिन होगा, क्योंकि ये सभी वक्फ-बाय-यूजर प्रॉपर्टीज हैं।

इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें इसे रजिस्टर करवाने से किसने रोका? सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि अगर सरकार कहने लगी कि ये जमीनें सरकारी हैं तो क्या होगा? यही समस्‍या है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह बड़ा मुद्दा है और इस पर और सुनवाई क‍िए जाने की जरूरत है। सरकार ने गुरुवार का द‍िन इसी पर सुनवाई के ल‍िए रखा है।

न्याय पंचायत कोदई माह अप्रैल संकुल मीटिंग प्रा०वि० रेकुवां पर संपन्न
संजीव सिंह बलिया|कार्यालय खंड शिक्षा अधिकारी नगरा, बलिया के पत्रांक-संकुल मीटिंग 85-91/2025-26 दिनांक 11/04/2025 के अनुपालन में न्याय पंचायत कोदई, शिक्षा क्षेत्र-नगरा के समस्त प्र०अ०/प्र०प्र०अ०/स०अ०/शिक्षामित्र/अनुदेशक को सूचित किया जाता है कि दिनांक 15/04/2025 दिन मंगलवार को माह अप्रैल की शिक्षक संकुल बैठक का आयोजन अपराह्न *1:30 से 3:00 बजे तक "प्रा०वि० रेकुवां "* पर नोडल संकुल शिक्षक दयाशंकर राम द्वारा किया गया है जिसमें  सभी  प्रतिभागी उपस्थिति  रहे है।  बैठक में  सभी प्रतिभागी अपने साथ संदर्शिका, नोटबुक व अपने द्वारा बनाए गए TLM लेकर आए बैठक की संक्षिप्त कार्य योजना में 1.सत्र का नाम: उत्साहवर्धक/ मनोरंजनक गतिविधि: मेैं कौन हूं:* सुगमकर्ता स्टिकी नोट्स में प्रसिद्ध महान व्यक्तित्व एवं शिक्षाविद का नाम लिखकर जैसे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉक्टर ए०पी०जे० अब्दुल कलाम, सावित्रीबाई फुले, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी आदि। स्टिकी नोट्स की पर्ची कुछ प्रतिभागियों के पीठ पर लगाई  गयी !तथा प्रश्न पूछ कर यह पता लगाया जाएगा कि वे कौन हैं, जवाब में अन्य प्रतिभागी सिर्फ हाँ/ना में जवाब दिये जो सही जवाब दिये ताली बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया गया| सुगमकर्ता: रामकृष्णमौर्या(उ०प्रा०वि खरूआंव)* प्रतिभागी द्वारा सभी विद्यालयों के शिक्षक/ शिक्षिका *2.सत्र का नाम: एक सीख एक बदलाव:* पिछले शैक्षिक सत्र को ध्यान में रखकर शिक्षकों द्वारा उनकी एक-एक सीख को उप समूह में साझा किया गया इसके बाद एक-एक बदलाव जो वह नए शैक्षिक सत्र में अपने कक्षा में लागू करना चाहते हैं उप समूह में साझा किया गया! और उस पर चर्चा की गई तथा अमल में लाया गया  सभी उप समूह द्वारा तीन चयनित सीख और बदलाव सभी शिक्षकों के लिए बड़े समूह में साझा किए गए!  सुगमकर्ता: संतोष कुमार गुप्ता(शिक्षक संकुल)* समय-10 मिनट प्रतिभागी विद्यालय:प्रा०वि०खरूआंव, प्रा०वि०रेकुवां, प्रा०वि० पाण्डेय पुर *3.नया शैक्षिक सत्र, नई दिशा, नया उत्साह:* *_१.Discover:_बीते वर्ष की खोज और प्रतिबिंबन: उद्देश्य: विगत शैक्षिक सत्र की उपलब्धियां और सिख को समझना: समूह में चर्चा:१.आपकी सबसे बड़ी सफलता क्या रही? २.किन चुनौतियां ने आपको कुछ नया सिखाया? *_2.Dream:_* आदर्श कक्षा और विद्यालय की कल्पना: गतिविधि में मेरी आदर्श कक्षा पर पोस्टर बनाएं। १.सीखने का वातावरण कैसा हो? २.बच्चे कैसे सीखें और शिक्षक कैसे पढ़ाएं? *_3.Design_* : रणनीति और योजना उद्देश्य: लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु SMART GOALS आधारित (Specific, Measurable, Achievable, Relevant, Time bound) योजना बनाना, निर्माण। गतिविधि: सभी प्रतिभागियों को तीन-चार समूह में विभाजित कर निम्न विषय पर स्मार्ट गोल्स बनाने एवं अपने विचार साझा करने के लिए कहा गया Club activities, NIPUN Strategy, Enrollment. *_4.Deliver:_* प्रतिबद्धता और क्रियान्वयन: उद्देश्य: व्यक्तिगत प्रतिबद्धता और टीम एक्शन का साझा संकल्प। My 2025-26 Commitment card भरें- *मैं अपने विद्यालय की उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध हूं। *मेरा विद्यालय  निपुण विद्यालय बन जाएगा(अक्टूबर 2025/ दिसंबर 2025/ फरवरी 2026) *सुगमकर्ता: पुष्पांजलि श्रीवास्तव (संकुल शिक्षक)-समय-30 मिनट* प्रतिभागी विद्यालय:प्रा०वि० खरूआंव उ0प्रा०वि० ह०ब० खरूआंव, प्रा०वि० तुर्ककुलानी, प्रा०वि०कोदई *4.भाषा एवं गणित शिक्षण आधारित डेमो प्रस्तुतीकरण एवं चर्चा:* भाषा एवं गणित शिक्षण के दौरान बच्चों की सक्रिय भागीदारी की रणनीति के डेमो की तैयारी: सभी शिक्षकों को चार समूह में बाँटकर दो समूह भाषा और दो समूह गणित शिक्षण पर कार्य  किए उन्हें चारों समूह दिए गए विषय के अनुसार हैन्डआउट्स के आधार पर दिए गए रणनीतियों को कक्षा शिक्षण में लागू करने का डेमो तैयार किए शिक्षक डेमो देने के लिए कक्षा/ परिसर में उपलब्ध चार्ट, चित्र, कहानी पोस्टर, किताबें गणित पोस्टर, गणित किट, पाठ्यपुस्तक, कार्य पुस्तिका का उपयोग करने व सभी समूह अपना-अपना डेमो प्रस्तुत किये अन्य शिक्षक बच्चों की भूमिका में रहें! अंत में सुगमकर्ता डेमो का अवलोकन कर अपना सुझाव देंगे तथा डेमो को अपने कक्षा कक्ष में लागू करने का सुझाव दिये *सुगमकर्ता:  आशीष कुमार श्रीवास्तव (संकुल शिक्षक)* समय-20 मिनट प्रतिभागी विद्यालय: प्रा०वि० पाण्डेय पुर प्रा०वि० रेंकुवा, प्रा०वि० सोनापाली *5.प्राथमिकता एवं प्रशंसा सत्र:संकुल में सर्वाधिक उपस्थिति वाले विद्यालयों के शिक्षकों तथा शिक्षण में नवाचार के लिए शिक्षकों की सराहना की गई! और सफल अनुभव साझा किए गये। #उत्कृष्ट शैक्षिक प्रथाओं नई तकनीक के उपयोग और छात्र केन्द्रित दृष्टिकोण पर चर्चा किया #इको क्लब फॉर मिशन लाइफ, स्पोर्ट्स क्लब, गणित क्लब, विज्ञान क्लब, ज्योग्राफी क्लब, डिजिटल इनीशिएटिव तथा अन्य क्लबों का/ गठन एवं आगामी माह की गतिविधियों पर चर्चा की गई। *सुगमकर्ता: आशुतोष कुमार सिंह (संकुल शिक्षक)* -समय-10 मिनट प्रतिभागी: जनार्दन तिवारी,  संदीप कुमार, अभय कुमार,  हरेन्द्र यादव व अन्य शिक्षकगण। *6.समेकन एवं धन्यवाद:* महत्वपूर्ण बिंदुओं की पुनरावृत्ति। *  कृष्णा देवी( नोडल संकुल शिक्षक* )समय-10 मिनट *शिक्षक संकुल द्वारा DCF भरा गया! शिक्षक संकुल" न्याय पंचायत कोदई शिक्षा क्षेत्र- नगरा, जनपद-बलिया
दरोगा विद्यासागर के अपराध,काली कमाई ने बेटे को बना दिया अपराधी

जौनपुर। बहुत पुरानी कहावत है "कि बाप का खाया बेटा भरता हैं" लेकिन यह कहावत बिल्कुल फिट बैठ रही हैं. थानागद्दी चौकी पर तैनात प्रमोटी दारोगा विद्यासागर सिंह के बेटे आदित्य सागर के खिलाफ पड़ोसी वाराणसी जिले के चोलापुर थाने में गंभीर धाराओं में आरोपी बनाया हैं।

जानकारी के मुताबिक विद्यासागर सिंह सिपाही से प्रोन्नत होकर दरोगा बने। अल्प समय के लिए दरोगा की कुर्सी व कंधे पर सितारे लगते ही शरीर में ऐंठन होने लगी। फिर खाकी में अपराध व अवैध कामों को संरक्षण देकर के धन बटोरने में जुट गया। विभागीय लोग बताते हैं कि विद्यासागर के बेटे बेरोजगार हैं। जिससे विद्यासागर को हरवक्त बेटे को सजोने संवारने में जुट रहता हैं। जिसके लिए हरसंभव प्रयास करके अपराध में धंसता गया। खुद का सिंडिकेट तैयार लिया। जिसमें कुछ तथाकथित पत्रकारों को भी शामिल किया। जिससे किसी भी घटना को दबाते हुए,वसूली को प्रायोजित तरीके से कराई जा सके।

विद्यासागर ने अपराध से अर्जित काली कमाई से एक कृषि कार्य में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर UP62AS9996 लिया। जिससे कमर्शियल उपयोग में लेने लगा। ट्रैक्टर को अपराधिक सिंडिकेट के इशारे पर अवैध कामों में धकेल दिया। अवैध व अपराध से अर्जित राशि ने ज्यादा दिन तक विद्यासागर का साथ नहीं दिया। कुछ माह बाद चोलापुर पुलिस ने हिट एंड रन का मामला आदित्य सागर के खिलाफ दर्ज करते हुए,चार्जशीट न्यायालय में भेज दिया।

कप्तान ने कतरे पर,भेजा खेतासराय

अपराध में धंसते जा रहे विद्यासागर को स्थानीय अधिकारियों का प्रश्रय था. जिससे विद्यासागर आराम से अपने कामों को अंजाम दे रहा था। लगातार शिकायतों को देखते हुए,कप्तान ने विद्यासागर का ट्रांसफर खेतासराय कर दिया। ट्रांसफर की बात सुनकर विद्यासागर के होश उड़ गए। अपराधिक सिंडिकेट के साथ विद्यासागर ने कई चौखटों पर माथा टेकते हुए,ट्रांसफर रुकवाने की गुहार की। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। चूंकि खेतासराय में अवैध कमाई बंद हो चुकी हैं। सिंडिकेट भी बिखर चुका हैं। विभाग के अनुसार विद्यासागर केराकत थाना क्षेत्र के सरकी चौकी पर आने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हैं। जिससे सिंडिकेट व अपराधिक गतिविधि से काली कमाई की जा सके।