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बीजेपी-एआईएडीएमके के बीच कैसा गठबंधन? साथ चुनाव लड़ेंगे पर साथ में सरकार में नहीं बनाएंगे

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तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले बीजेपी और विपक्षी एआईएडीएमके ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। हालांकि, इस गठबंधन में “गांठ” पड़ती दिख रही है। दरअसल, एआईएडीएमके ने अगले साल होने वाले तमिलनाडु चुनाव के लिए बीजेपी की योजनाओं पर पानी फेरते हुए घोषणा की कि यदि उसका गठबंधन चुनाव जीतता है तो राज्य में कोई 'गठबंधन सरकार' नहीं बनेगी। एआईएडीएमके ने साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने तक सीमित है।

एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद एम. थंबीदुरई ने कहा है कि तमिलनाडु में गठबंधन सरकार के लिए कोई जगह नहीं है और अगर उनकी पार्टी 2026 के विधानसभा चुनाव में जीतती है, तो एडप्पाडी के. पलानीस्वामी अकेले सरकार बनाएंगे। गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए थंबीदुरई ने साफ किया कि भले ही भाजपा उनके गठबंधन में शामिल हो, लेकिन सत्ता में साझेदारी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में आज तक कभी गठबंधन सरकार नहीं बनी है। चाहे वो कांग्रेस के नेता सी. राजगोपालाचारी, के. कामराज, या द्रविड़ नेता एम.जी. रामचंद्रन और करुणानिधि हों सभी ने अकेले सरकार चलाई है। थंबीदुरई ने कहा कि 2026 में भी एडप्पाडीयार (पलानीस्वामी) अकेले सरकार बनाएंगे। गठबंधन सरकार की कोई जरूरत नहीं है और न ही इसकी परंपरा है।

वहीं, एआईएडीएमके के महासचिव और विपक्ष के नेता एडप्पाडी के. पलानीस्वामी ने बुधवार को साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने तक सीमित है। पलानीस्वामी ने कहा है कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कभी नहीं कहा कि चुनाव के बाद तमिलनाडु में गठबंधन सरकार होगी। हमने केवल इतना कहा कि हम गठबंधन का हिस्सा हैं। हमने कभी नहीं कहा कि हम गठबंधन सरकार बनाएंगे।

यह बयान ऐसे समय आया है, जब ऐसी खबरें हैं कि एआईएडीएमके के कुछ नेता बीजेपी के साथ गठबंधन से नाखुश हैं। इस नाखुशी की वजह राज्य में 2019 विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनावों में दोनों के खराब ट्रैक रिकॉर्ड से उपजी है। कथित तौर पर वक्फ कानूनों में बदलाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर मुसलमानों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के वोटों के संभावित नुकसान को देखते हुए भी एआईएडीएमके ने अपना रुख बदला है।

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 12 अप्रैल को बीजेपी और एआईएडीएमके के गठबंधन पर मुहर लगी थी। एआईएडीएमके से दोस्ती के लिए बीजेपी अपने आक्रामक नेता अन्नामलाई को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा ले लिया था, क्योंकि पलानीस्वामी उन्हें पसंद नहीं करते हैं। इसके बाद अमित शाह ने ऐलान किया था कि प्रदेश में 2026 का विधानसभा चुनाव एआईएडीएमके के साथ और अन्नाद्रमुक अध्यक्ष पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। अब पलानीस्वामी के बदले रुख से बीजेपी की सियासी टेंशन बढ़ गई है।

क्या भाजपा-अन्नाद्रमुक आएंगे साथ, जानें क्यों लग रही गठबंधन की अटकलें?

#bjpaiadmkalliance_rumours

तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले अटकलें लगाई जा रही हैं कि अन्नाद्रमुक राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन कर सकती है। अटकलों की वजह है पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी की अमित शाह से मुलाकात। पलानीस्वामी मंगलवार को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के घर पहुंचे थे।

हिंदी विवाद के बीच मुलाकात

सूत्रों के अनुसार, अन्नाद्रमुक के नेता ने शाह के साथ तमिलनाडु में हिंदी थोपे जाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने इस पर अपनी पार्टी के विचारों को साझा किया। इस मुलाकात में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2026 के लिए दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा की गई। बैठक में करीब 2 घंटे तक दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई, जिसमें चुनावी गठबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया। हालांकि, यह दोनों नेताओं के बीच में शुरुआती बैठक है। सूत्रों के मुताबिक आगे चलकर दो से तीन दौर की बातचीत होगी।

इससे पहले अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। उन्हें भाजपा की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के अन्नामलाई की आक्रामक राजनीतिक शैली से उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया था। अन्नाद्रमुक नेताओं ने द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई पर की गई टिप्पणी के लिए अन्नामलाई से माफी मांगने या उन्हें हटाने की मांग की थी।

सत्तारूढ़ गठबंधन की बढ़ सकती है परेशानी

तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राजनीतिक दल अभी से सियासी समीकरण सेट करने में जुट गए हैं। यदि अन्नाद्रमुक और भाजपा में फिर से गठबंधन होता है तो वे राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक नीत आइएनडीआइए गठबंधन को कड़ी चुनौती देंगे। विगत कुछ वर्षों में राज्य में अन्नाद्रमुक के वोट शेयर में गिरावट आई है।

लोकसभा चुनाव के समय नहीं बन सकी बात

पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के समय भी दोनों दलों के बीच गठबंधन की चर्चा हुई थी, लेकिन उस समय बात नहीं बन पाई थी। चुनाव में बीजेपी अपने वोट प्रतिशत को बढ़ाने में सफल रही। हालांकि, बीजेपी तमिलनाडु में लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत पाई लेकिन वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी पार्टी के लिए अच्छे संकेत माने जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में एआईएडीएमके को भी अब लगने लगा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव बीजेपी बड़ी भूमिका निभा सकती है। इन्हीं सब वजहों को देखते हुए अब दोनों दल एक बार फिर से करीब आ रहे हैं।

2023 में दोनों के बीच टूटा था गठबंधन

सितंबर 2023 में एआईएडीएमके ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था। एआईएडीएमके के नेता बीजेपी की तमिलनाडु में बढ़ती महत्वाकांक्षाओं और द्रविड़ आइकन पेरियार के बारे में बीजेपी नेताओं की विवादास्पद टिप्पणियों से परेशान थे। 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए, एआईएडीएमके ने अकेले जाने का फैसला किया। वे बीजेपी के प्रभाव के बिना अपनी राह बनाना चाहते थे। लेकिन यह पहली बार नहीं था जब उनका गठबंधन टूटा था।

మాజీసీఎంకు షాకిచ్చిన హైకోర్టు.

మాజీ ముఖ్యమంత్రి ఒ.పన్నీర్‌సెల్వం(Former Chief Minister O. Panneerselvam)పై నమోదైన అక్రమాస్తుల కేసు మళ్లీ విచారించాలని మద్రాసు హైకోర్టు ఉత్తర్వులు జారీచేసింది. 2001 నుంచి 2006 వవరకు అన్నాడీఎంకే(AIADMK) ప్రభుత్వంలో మంత్రిగా వ్యవహరించిన పన్నీర్‌సెల్వం, ఆదాయానికి మించి రూ.1.77 కోట్ల ఆస్తులు కూడబెట్టారంటూ డీఎంకే ప్రభుత్వంలో కేసు నమోదైంది.

మాజీ ముఖ్యమంత్రి ఒ.పన్నీర్‌సెల్వం(Former Chief Minister O. Panneerselvam)పై నమోదైన అక్రమాస్తుల కేసు మళ్లీ విచారించాలని మద్రాసు హైకోర్టు ఉత్తర్వులు జారీచేసింది. 2001 నుంచి 2006 వవరకు అన్నాడీఎంకే(AIADMK) ప్రభుత్వంలో మంత్రిగా వ్యవహరించిన పన్నీర్‌సెల్వం, ఆదాయానికి మించి రూ.1.77 కోట్ల ఆస్తులు కూడబెట్టారంటూ డీఎంకే ప్రభుత్వంలో కేసు నమోదైంది. హైకోర్టు మదురై డివిజన్‌ బెంచ్‌ ఉత్తర్వులతో ఈ కేసు విచారణ మదురై జిల్లా కోర్టు నుంచి శివగంగ జిల్లా కోర్టుకు బదిలీ చేశారు.

అనంతరం అధికారం బదిలీ జరిగి అన్నాడీఎంకే నేతృత్వంలో ప్రభుత్వం ఏర్పడడంతో, పన్నీర్‌సెల్వం, ఆయన కుటుంబ సభ్యులను ఈ కేసు నుంచి విడుదల చేస్తూ 2012లో శివగంగ జిల్లా కోర్టు ఉత్తర్వులు జారీచేసింది. ఈ కేసును మళ్లీ విచారించేలా మద్రాసు హైకోర్టు న్యాయమూర్తి ఆనంద్‌ వెంకటేశన్‌ సుమోటాగా స్వీకరించి విచారించారు. ఈ కేసు విచారణకు స్టే విధించాలని కోరుతూ పన్నీర్‌సెల్వం సుప్రీంకోర్టులో వేసిన పిటిషన్‌ తోసివేతకు గురైంది. ఈ నేపథ్యంలో, ఒ.పన్నీర్‌సెల్వంపై ఉన్న కేసును మళ్లీ విచారించాలంటూ మద్రాసు హైకోర్టు ఉత్తర్వులు జారీచేసింది.

ఈ ఉత్తర్వుల్లో... కేసును నీరుగార్చే ప్రయత్నాలు చేస్తే జామీనును మదురై ప్రత్యేక కోర్టు రద్దు చేయవచ్చని, కేసుకు సంబంధించిన దస్తావేజులు మదురై ఎంపీ, ఎమ్మెల్యేల ప్రత్యేక కోర్టుకు నవంబరు 27వ తేదిలోపు బదిలీ చేయాలని, రోజు వారీ విచారణ చేపట్టి 2025 జూలై నెలలోపు మదురై ప్రత్యేక కోర్టు ముగించాలని పేర్కొన్నారు. ఈ కేసులో నేరారోపణలు ఎదుర్కొంటున్న పన్నీర్‌సెల్వం సతీమణి సహా ఇద్దరు మృతిచెందడంతో వారిపై ఉన్న కేసులు ఉపసంహరించుకున్నట్లు న్యాయమూర్తి ఉత్తర్వుల్లో పేర్కొన్నారు.

चेन्नई: IAF के शो के दौरान बिगड़े हालात, 5 लोगों की दुखद मौत, 200 जख्मी अस्पताल में इलाजरत

चेन्नई के मरीना बीच पर आयोजित IAF एयर शो के दौरान 72 विमानों का प्रदर्शन रविवार को कई दर्शकों के लिए दुखद घटना में बदल गया। शो में कम से कम पांच लोगों की अत्यधिक थकावट और निर्जलीकरण के कारण मौत हो गई, जबकि 200 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अधिकारियों के अनुसार, एक व्यक्ति की मौत मरीना बीच पर हुई, जबकि चार अन्य लोगों की मौत पास के क्षेत्रों में हुई। सभी मृतक उन 1.5 मिलियन लोगों में से थे, जो भारतीय वायुसेना के पराक्रम को देखने के लिए समुद्र तट पर एकत्र हुए थे। तमिलनाडु सरकार के एक बयान में बताया गया कि अधिकांश मरीजों को रोयापेट्टा और ओमानदुरार अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है, हालांकि राजीव गांधी अस्पताल में दो मरीज अभी भी इलाजरत हैं। सरकार ने इस बात से इनकार किया कि भीड़ के कुप्रबंधन के कारण मौतें हुईं। घटनास्थल से सामने आई तस्वीरों में आपातकालीन कर्मियों को बेहोश लोगों को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा जा सकता है। लगभग 30 से अधिक लोगों को निर्जलीकरण के लक्षणों के चलते निकटवर्ती सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। AIADMK नेता कोवई सत्यन ने इस घटना के लिए सरकार की आलोचना करते हुए इसे 'पूरी तरह से कुप्रबंधन' का नतीजा बताया और तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने परिवार के साथ आराम से कार्यक्रम देखा, जबकि आम जनता कठिनाइयों का सामना कर रही थी। सत्यन ने आरोप लगाया कि आयोजन में कोई सार्वजनिक संबोधन प्रणाली नहीं थी, पानी के बूथ भी नदारद थे, और चिकित्सा सहायता का भी अभाव था। उन्होंने कहा कि अगर स्वास्थ्य मंत्री में ज़रा भी आत्म-जागरूकता और सहानुभूति है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। तमिलनाडु भाजपा प्रमुख अन्नामलाई ने भी इस घटना के लिए डीएमके सरकार पर निशाना साधते हुए उन्हें बुनियादी सुविधाओं की कमी और भीड़ नियंत्रण में विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया। अन्नामलाई ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि वह इस दुखद घटना से स्तब्ध हैं और सरकार द्वारा उचित व्यवस्था न किए जाने को इसका कारण बताया। उन्होंने कहा कि IAF के एयर शो के दौरान बुनियादी सुविधाओं और पर्याप्त परिवहन का प्रबंध न होने के कारण इस घटना में 5 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए।
জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

না মাটি, না পাথর, না কাঠ.. 8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলীর মূর্তি বসছে গুজরাটের গোধরায়
#Bajrangbali _idol _in _Godhra Gujarat

এসবি নিউজ ব্যুরো: মধ্যপ্রদেশের ইন্দোরের শিল্পী স্ক্র্যাপ মেটাল থেকে হনুমানজির অনন্য মূর্তি তৈরি করছেন। গতকাল  সারাদেশে পালিত হয়েছে হনুমান জন্মোৎসব। সকাল থেকেই হনুমানজির মন্দিরে ভক্তদের উপচে পড়া ভিড় লক্ষ্য করা যায়। জানা গিয়েছে,8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলী মূর্তি তৈরি হচ্ছে সম্পূর্ণ স্ক্র্যাপ মেটালে। ইন্দোরের শিল্পী দেবল ভার্মার তৈরি এঈ মূর্তিটি আগামী মাসে গুজরাটের গোধরায় স্থাপন করা হবে। দেবাল ভার্মা বলেন, 'আমরা গত 7-8 বছর ধরে স্ক্র্যাপ-মেটাল আর্ট নিয়ে কাজ করছি। আমরা স্ক্র্যাপ ধাতু থেকে প্রত্নবস্তু তৈরি সহ অর্ডার অনুযায়ী মূর্তি তৈরি করুন। গোধরা থেকে একটা অর্ডার এসেছিল। সাধারণত ক্লায়েন্ট আমাদের স্থান দেখায় এবং সেখানে কী থাকা উচিত সে সম্পর্কে পরামর্শ চায়।তাকে ঈশ্বরের মূর্তি স্থাপন করতে বলা হয়েছিল। তারা আমাদের কাছে জানতে চেয়েছিল কোন মূর্তি তৈরি করা উচিত এবং কীভাবে তৈরি করা উচিত। আমরা তাকে হনুমানজির মূর্তি বসানোর পরামর্শ দিয়েছিলাম। তারপর হনুমানজির মূর্তির নকশা করি।" দেবল ভার্মা আরও বলেন, 'প্রথমত, এটি বজরঙ্গবলীর মূর্তি এবং আমরা স্ক্র্যাপ থেকে কাজ করছি। মানে এটি শুধুমাত্র স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা উচিত ছিল। কিন্তু এটি এমন ছিল, আমরা সাধারণত যা করি তার থেকে ভিন্ন কিছু করতে হয়েছে ।তার মানে আমরা মূর্তিটা একটু অন্যরকম করব। আমরা এটিতে প্রচুর পিতল এবং স্টেইনলেস স্টিল রাখি। ডিজাইন করতে  2-3 মাস লেগেছে বজরঙ্গবলীজির এই মূর্তিটি ডিজাইন করতে আমাদের 2-3 মাস লেগেছে। প্রস্তাবনা-মাত্রা নকশা সেট. নকশা চূড়ান্ত হওয়ার পর, আমরা মূর্তিটি যে উপাদান থেকে তৈরি করা হবে তা অনুসন্ধান শুরু করেছি। স্ক্র্যাপ খুঁজে পেতে অনেক সময় লাগে। মূর্তিটিতে আছে পিতলের প্যান, প্লেট এবং স্টেইনলেস স্টিলের পাইপ। এসএস শিটও স্থাপন করা হয়। গাড়ির স্প্রিং এবং গিয়ার বিয়ারিং বিভিন্ন ধরনের স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা হয়। হনুমান চালিসা হনুমানজির মূর্তি বানাতে আমরা হনুমান চালিসার অনুবাদও করেছি। তাদের বৈশিষ্ট্য কি? যেমন, 'কান্ধে মুঞ্জ জেনেউ সাজাই', অর্থাৎ কীভাবে পবিত্র সুতো পরানো হয়। তাহলে কানে দুল কেন? সে রকম ডিটেইলিং করা হয়েছে। প্রায়ই বলেন কথিত আছে, শ্রী রাম জানকী বজরঙ্গবলী জির বুকে বসে আছেন। তাই আমরা একটি অনুরূপ স্কেচ তৈরি করেছি, ডিজিটালভাবে এটি পিতলের মধ্যে খোদাই করেছি, একটি দুল তৈরি করে তার বুকে স্থাপন করেছি। এই ধরনের ডিটেইলিং করা হয়েছে। হনুমানজির মূর্তি তৈরির ক্ষেত্রে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জটি হল বজরঙ্গবলী জির শরীর একেবারে সুস্থ। হনুমানজি শক্তিশালী। সেই সঙ্গে হনুমানজির মুখও খুব কোমল। মুখে সেই স্নিগ্ধতা ওভদ্রতা আনা ছিল একটি বড় চ্যালেঞ্জ। স্টেইনলেস স্টিল, ব্রাস, মাইল্ড স্টিল ব্যবহার করা হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, যদি এটি একটি পিতলের প্লেট হয় তবে এটি কোথায় ব্যবহার করা হবে এবং কীভাবে এটি ব্যবহার করা হবে তা কেটে কেটে লাগানো হয়েছে। মূর্তিটি তৈরি করতে কত সময় লেগেছে? বজরংবলী জির এই মূর্তিটি তৈরি করতে মোট 1 বছর সময় লেগেছে। ডিজাইন থেকে উপাদান সংগ্রহ থেকে চূড়ান্ত উত্পাদন পর্যন্ত। অর্ডারটি গত ফেব্রুয়ারিতে আমাদের কাছে এসেছিল এবং চলতি বছরের মার্চে মূর্তিটি তৈরি হয়। এই মূর্তি তৈরিতে আমাদের ৪ জনের দল কাজ করেছে। আমি দেবল ভার্মা, চিফ মেকানিক্যাল ইঞ্জিনিয়ার ফাইজান খান, চিফ ওয়েল্ডার রাজেশ ঝা এবং হেল্পার অর্জুন। ইন্দোরে আমাদের ডিজাইন স্টুডিওতে এই মূর্তিটি তৈরি করা হয়েছে। গোধরায় বাসস্ট্যান্ডের কাছে শ্রীসারভাত রেস্তোরাঁয় এই মূর্তি স্থাপন করা হবে। এই মূর্তি তৈরি করার সময় হনুমানজির সামনে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জ ছিল আবেগ আনতে হয়েছে। কারণ, স্ক্র্যাপ উপাদান থেকে কিছু তৈরি করা এবং তার মধ্যে অভিব্যক্তি আনা সবচেয়ে চ্যালেঞ্জিং কাজ। লোকেরা যখন এই মূর্তিটি দেখে, তখন তাদের মনে হয় যেন বজরঙ্গবলী জি তাদের দেখছেন। মানুষ আমাদের তাই বলেছে। প্রিভিউ দেখে অনেকেই বজরঙ্গবলীজির মূর্তির সামনে কেঁদেছিলেন। হনুমানজির দাড়িতে স্টেইনলেস স্টিলের তার লাগানো আছে। গদাটি পিতলের মাথা দিয়ে তৈরি। মুকুট উপর ঘূর্ণিত। নিচে চশমা পিতলের তৈরি। মুকুটের পিছনে সেলাই মেশিনের চাকা।
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya *আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল*

#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

এসবি নিউজ ব্যুরো: অযোধ্যায় রামনবমীতে রামলালের রামলালার সূর্যাভিষেক হল। ভগবান রামের মাথার অলৌকিক দৃশ্য দেখে সারা দেশের মানুষ আবেগাপ্লুত।আধ্যাত্মিকতা ও বিজ্ঞানের মিলনের এক মনোরম দৃশ্য আজ দেখা গেল অযোধ্যায়। রামনবমীর বিশেষ দিন উপলক্ষ্যে, অযোধ্যার রাম মন্দিরে যখন ভগবান শ্রীরামের কপালে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছিল তখন একটি অপূর্ব দৃশ্য দেখা যায়। এই সূর্যাভিষেক দুপুর ১২.০১ মিনিটে শুরু হয়ে প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলে। এই ঘটনাসারা বিশ্ব কৌতূহল নিয়ে দেখছে, আজ ৫০০ বছর পর অযোধ্যা ও দেশের মানুষের জন্য এই বিশেষ সুযোগ এসেছে। রাম মন্দির প্রতিষ্ঠার পর এটাই প্রথম রাম নবমী। অযোধ্যায় রামনবমী উপলক্ষ্যে, সূর্যের রশ্মি দ্বারা রামলালার তিলক করা হয়। এই উপলক্ষ্যে রামলালার বিশেষ মেকআপও করা হয়েছিল। 500 বছর পর, এই সূর্যাভিষেকের সময় রামলালা মূর্তির সূর্যাভিষেক হয়েছিল প্রায় 4 থেকে রামলালার মূর্তির মাথায় সূর্য তিলক লাগানো হয় ৬ মিনিটের জন্য। সূর্যের আলো রামলালার ওপর এমনভাবে পড়ল যেন ভগবান রামের গায়ে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছে। এই দৃশ্যটি সকলের মনকে মোহিত করেছে ।বিজ্ঞানীরা বহু মাস ধরে এই সূর্য তিলকের জন্য প্রস্তুতি নিচ্ছিলেন। এর জন্য অনেক ট্রায়াল করা হয়েছিল। আজ দুপুরে ঘড়ির কাঁটা 12:01 বাজতেই সূর্যের রশ্মি সরাসরি রামের কপালে এসে পৌঁছায়। 12:01 থেকে 12:06 পর্যন্ত সূর্যাভিষেক চলতে থাকে। পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে এই প্রক্রিয়া। বিজ্ঞানীরা গত 20 বছরে অযোধ্যার আকাশে সূর্যের গতিবিধি অধ্যয়ন করেছেন। সঠিক দিকনির্দেশ ইত্যাদি নির্ধারণের পর মন্দিরের উপরের তলায় প্রতিফলক ও লেন্স স্থাপন করা হয়েছে। সূর্যের রশ্মি ঘূর্ণায়মান হয়ে রামলালার কপালে পৌঁছে গেল। উপরের সমতলের লেন্সে সূর্যের রশ্মি পড়ল। এর পরে, এটি তিনটি লেন্সের মধ্য দিয়ে যায় এবং দ্বিতীয় তলায় আয়নার কাছে আসে। শেষেসূর্যের রশ্মি রাম লালার কপালকে 75 মিমি বুলেটের আকারে আলোকিত করতে থাকে এবং এটি প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে। সূর্য তিলকের পরে, ভগবান শ্রী রামের বিশেষ পূজা এবং আরতি করা হয়।রাম নবমীতে ভক্তদের ভিড়ের পরিপ্রেক্ষিতে প্রায় 25 লাখ ভক্তের আগমনের সময়টি 19 ঘন্টা করা হয়েছে।মঙ্গলা আরতি থেকে শুরু হয়ে রাত ১১টা পর্যন্ত খোলা থাকবে মন্দির। এর মধ্যেই রামলালকে ভোগ প্রদান ও আরতি করা হবে।
আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

*আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল।*

*উত্তরবঙ্গ সফর পথে দমদম বিমানবন্দরে শুভেন্দু অধিকারী জানালেন*
#Shuvendu_ Adhikari _is _the Leader of the Opposition _in the _BJP _Legislative Assembly


*এসবি নিউজ ব্যুরো:*

*চপারে আয়কর হানা প্রসঙ্গে*

যেদিন কমিশনের ফুল বেঞ্চ দিল্লিতে প্রেসমিট করেছিল সেদিনই তারা বলেছিল, রাজনৈতিক নেতারা যে চাটার্ড ফ্লাইট বা চপার ব্যবহার করবেন সেখানে তল্লাশি করা হবে। সেই দায়িত্ব আয়কর বিভাগ কে দেওয়া হয়েছিল। একবার মনে করে দেখুন। স্বাভাবিক ভাবেই দেশের আইন সবার জন্য সমান। আইন আলাদা হতে পারেনা। এখানে পিসি ও ভাইপোর জন্য আলাদা আইন হবে না। আপনারও একটা ভোট। দেশের রাষ্ট্রপতিরও একটা ভোট। তিনি ভিডিওগ্রাফি করেছেন, করতে পারেন।

*জোর করে বয়ান আদায়ের চেষ্টা : শেখ শাহাজাহান*
আমি বলতে পারব না। ওটা ওদের অভ্যন্তরীণ বক্তব্য। তদন্তকারী সংস্থার অভ্যন্তরীণ বিষয়। তবে শেখ শাহাজাহান যে অভিযুক্ত এটা সন্দেশখালির লোকেরাই বলেছে। গতকালও আমার পদযাত্রা ছিল ওখানে। মা বোনেরা বলেছেন তারা নতুন করে পয়লা বৈশাখ পালন করেছেন। স্বাভাবিকভাবেই প্রমাণিত, যা যা অভিযোগ হয়েছে তাতে শেখ শাহাজাহান যুক্ত‌

*উত্তরবঙ্গের ত্রাণ বিতর্ক*
ওরা মিথ্যাবাদী। পিসি মিথ্যাবাদী। ভাইপো মিথ্যাবাদী।৯ তারিখ অনুমতি পেয়ে গেছে। ১২ তারিখ হাওয়া গরম করছে যে অনুমতি দেওয়া হয়নি। পিসি ভাইপো দুজন মিলে বাজার গরম করছে। আমাকে নবান্ন থেকে লোক কাল এটা পাঠিয়ে দিয়েছে। আমি ট্যুইট করে দিয়েছি। সব অফিসাররা এখনও পিসি ভাইপোর পে রোলে যায়নি। এখনও মেরুদন্ড অনেকের সোজা আছে।
बीजेपी-एआईएडीएमके के बीच कैसा गठबंधन? साथ चुनाव लड़ेंगे पर साथ में सरकार में नहीं बनाएंगे

#aiadmk_says_no_alliance_with_bjp_in_tamil_nadu 

तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले बीजेपी और विपक्षी एआईएडीएमके ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। हालांकि, इस गठबंधन में “गांठ” पड़ती दिख रही है। दरअसल, एआईएडीएमके ने अगले साल होने वाले तमिलनाडु चुनाव के लिए बीजेपी की योजनाओं पर पानी फेरते हुए घोषणा की कि यदि उसका गठबंधन चुनाव जीतता है तो राज्य में कोई 'गठबंधन सरकार' नहीं बनेगी। एआईएडीएमके ने साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने तक सीमित है।

एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद एम. थंबीदुरई ने कहा है कि तमिलनाडु में गठबंधन सरकार के लिए कोई जगह नहीं है और अगर उनकी पार्टी 2026 के विधानसभा चुनाव में जीतती है, तो एडप्पाडी के. पलानीस्वामी अकेले सरकार बनाएंगे। गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए थंबीदुरई ने साफ किया कि भले ही भाजपा उनके गठबंधन में शामिल हो, लेकिन सत्ता में साझेदारी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में आज तक कभी गठबंधन सरकार नहीं बनी है। चाहे वो कांग्रेस के नेता सी. राजगोपालाचारी, के. कामराज, या द्रविड़ नेता एम.जी. रामचंद्रन और करुणानिधि हों सभी ने अकेले सरकार चलाई है। थंबीदुरई ने कहा कि 2026 में भी एडप्पाडीयार (पलानीस्वामी) अकेले सरकार बनाएंगे। गठबंधन सरकार की कोई जरूरत नहीं है और न ही इसकी परंपरा है।

वहीं, एआईएडीएमके के महासचिव और विपक्ष के नेता एडप्पाडी के. पलानीस्वामी ने बुधवार को साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने तक सीमित है। पलानीस्वामी ने कहा है कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कभी नहीं कहा कि चुनाव के बाद तमिलनाडु में गठबंधन सरकार होगी। हमने केवल इतना कहा कि हम गठबंधन का हिस्सा हैं। हमने कभी नहीं कहा कि हम गठबंधन सरकार बनाएंगे।

यह बयान ऐसे समय आया है, जब ऐसी खबरें हैं कि एआईएडीएमके के कुछ नेता बीजेपी के साथ गठबंधन से नाखुश हैं। इस नाखुशी की वजह राज्य में 2019 विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनावों में दोनों के खराब ट्रैक रिकॉर्ड से उपजी है। कथित तौर पर वक्फ कानूनों में बदलाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर मुसलमानों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के वोटों के संभावित नुकसान को देखते हुए भी एआईएडीएमके ने अपना रुख बदला है।

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 12 अप्रैल को बीजेपी और एआईएडीएमके के गठबंधन पर मुहर लगी थी। एआईएडीएमके से दोस्ती के लिए बीजेपी अपने आक्रामक नेता अन्नामलाई को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा ले लिया था, क्योंकि पलानीस्वामी उन्हें पसंद नहीं करते हैं। इसके बाद अमित शाह ने ऐलान किया था कि प्रदेश में 2026 का विधानसभा चुनाव एआईएडीएमके के साथ और अन्नाद्रमुक अध्यक्ष पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। अब पलानीस्वामी के बदले रुख से बीजेपी की सियासी टेंशन बढ़ गई है।

क्या भाजपा-अन्नाद्रमुक आएंगे साथ, जानें क्यों लग रही गठबंधन की अटकलें?

#bjpaiadmkalliance_rumours

तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले अटकलें लगाई जा रही हैं कि अन्नाद्रमुक राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन कर सकती है। अटकलों की वजह है पूर्व मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी की अमित शाह से मुलाकात। पलानीस्वामी मंगलवार को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के घर पहुंचे थे।

हिंदी विवाद के बीच मुलाकात

सूत्रों के अनुसार, अन्नाद्रमुक के नेता ने शाह के साथ तमिलनाडु में हिंदी थोपे जाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने इस पर अपनी पार्टी के विचारों को साझा किया। इस मुलाकात में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2026 के लिए दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा की गई। बैठक में करीब 2 घंटे तक दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई, जिसमें चुनावी गठबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया। हालांकि, यह दोनों नेताओं के बीच में शुरुआती बैठक है। सूत्रों के मुताबिक आगे चलकर दो से तीन दौर की बातचीत होगी।

इससे पहले अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। उन्हें भाजपा की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के अन्नामलाई की आक्रामक राजनीतिक शैली से उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया था। अन्नाद्रमुक नेताओं ने द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई पर की गई टिप्पणी के लिए अन्नामलाई से माफी मांगने या उन्हें हटाने की मांग की थी।

सत्तारूढ़ गठबंधन की बढ़ सकती है परेशानी

तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राजनीतिक दल अभी से सियासी समीकरण सेट करने में जुट गए हैं। यदि अन्नाद्रमुक और भाजपा में फिर से गठबंधन होता है तो वे राज्य में सत्तारूढ़ द्रमुक नीत आइएनडीआइए गठबंधन को कड़ी चुनौती देंगे। विगत कुछ वर्षों में राज्य में अन्नाद्रमुक के वोट शेयर में गिरावट आई है।

लोकसभा चुनाव के समय नहीं बन सकी बात

पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के समय भी दोनों दलों के बीच गठबंधन की चर्चा हुई थी, लेकिन उस समय बात नहीं बन पाई थी। चुनाव में बीजेपी अपने वोट प्रतिशत को बढ़ाने में सफल रही। हालांकि, बीजेपी तमिलनाडु में लोकसभा की एक भी सीट नहीं जीत पाई लेकिन वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी पार्टी के लिए अच्छे संकेत माने जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में एआईएडीएमके को भी अब लगने लगा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव बीजेपी बड़ी भूमिका निभा सकती है। इन्हीं सब वजहों को देखते हुए अब दोनों दल एक बार फिर से करीब आ रहे हैं।

2023 में दोनों के बीच टूटा था गठबंधन

सितंबर 2023 में एआईएडीएमके ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था। एआईएडीएमके के नेता बीजेपी की तमिलनाडु में बढ़ती महत्वाकांक्षाओं और द्रविड़ आइकन पेरियार के बारे में बीजेपी नेताओं की विवादास्पद टिप्पणियों से परेशान थे। 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए, एआईएडीएमके ने अकेले जाने का फैसला किया। वे बीजेपी के प्रभाव के बिना अपनी राह बनाना चाहते थे। लेकिन यह पहली बार नहीं था जब उनका गठबंधन टूटा था।

మాజీసీఎంకు షాకిచ్చిన హైకోర్టు.

మాజీ ముఖ్యమంత్రి ఒ.పన్నీర్‌సెల్వం(Former Chief Minister O. Panneerselvam)పై నమోదైన అక్రమాస్తుల కేసు మళ్లీ విచారించాలని మద్రాసు హైకోర్టు ఉత్తర్వులు జారీచేసింది. 2001 నుంచి 2006 వవరకు అన్నాడీఎంకే(AIADMK) ప్రభుత్వంలో మంత్రిగా వ్యవహరించిన పన్నీర్‌సెల్వం, ఆదాయానికి మించి రూ.1.77 కోట్ల ఆస్తులు కూడబెట్టారంటూ డీఎంకే ప్రభుత్వంలో కేసు నమోదైంది.

మాజీ ముఖ్యమంత్రి ఒ.పన్నీర్‌సెల్వం(Former Chief Minister O. Panneerselvam)పై నమోదైన అక్రమాస్తుల కేసు మళ్లీ విచారించాలని మద్రాసు హైకోర్టు ఉత్తర్వులు జారీచేసింది. 2001 నుంచి 2006 వవరకు అన్నాడీఎంకే(AIADMK) ప్రభుత్వంలో మంత్రిగా వ్యవహరించిన పన్నీర్‌సెల్వం, ఆదాయానికి మించి రూ.1.77 కోట్ల ఆస్తులు కూడబెట్టారంటూ డీఎంకే ప్రభుత్వంలో కేసు నమోదైంది. హైకోర్టు మదురై డివిజన్‌ బెంచ్‌ ఉత్తర్వులతో ఈ కేసు విచారణ మదురై జిల్లా కోర్టు నుంచి శివగంగ జిల్లా కోర్టుకు బదిలీ చేశారు.

అనంతరం అధికారం బదిలీ జరిగి అన్నాడీఎంకే నేతృత్వంలో ప్రభుత్వం ఏర్పడడంతో, పన్నీర్‌సెల్వం, ఆయన కుటుంబ సభ్యులను ఈ కేసు నుంచి విడుదల చేస్తూ 2012లో శివగంగ జిల్లా కోర్టు ఉత్తర్వులు జారీచేసింది. ఈ కేసును మళ్లీ విచారించేలా మద్రాసు హైకోర్టు న్యాయమూర్తి ఆనంద్‌ వెంకటేశన్‌ సుమోటాగా స్వీకరించి విచారించారు. ఈ కేసు విచారణకు స్టే విధించాలని కోరుతూ పన్నీర్‌సెల్వం సుప్రీంకోర్టులో వేసిన పిటిషన్‌ తోసివేతకు గురైంది. ఈ నేపథ్యంలో, ఒ.పన్నీర్‌సెల్వంపై ఉన్న కేసును మళ్లీ విచారించాలంటూ మద్రాసు హైకోర్టు ఉత్తర్వులు జారీచేసింది.

ఈ ఉత్తర్వుల్లో... కేసును నీరుగార్చే ప్రయత్నాలు చేస్తే జామీనును మదురై ప్రత్యేక కోర్టు రద్దు చేయవచ్చని, కేసుకు సంబంధించిన దస్తావేజులు మదురై ఎంపీ, ఎమ్మెల్యేల ప్రత్యేక కోర్టుకు నవంబరు 27వ తేదిలోపు బదిలీ చేయాలని, రోజు వారీ విచారణ చేపట్టి 2025 జూలై నెలలోపు మదురై ప్రత్యేక కోర్టు ముగించాలని పేర్కొన్నారు. ఈ కేసులో నేరారోపణలు ఎదుర్కొంటున్న పన్నీర్‌సెల్వం సతీమణి సహా ఇద్దరు మృతిచెందడంతో వారిపై ఉన్న కేసులు ఉపసంహరించుకున్నట్లు న్యాయమూర్తి ఉత్తర్వుల్లో పేర్కొన్నారు.

चेन्नई: IAF के शो के दौरान बिगड़े हालात, 5 लोगों की दुखद मौत, 200 जख्मी अस्पताल में इलाजरत

चेन्नई के मरीना बीच पर आयोजित IAF एयर शो के दौरान 72 विमानों का प्रदर्शन रविवार को कई दर्शकों के लिए दुखद घटना में बदल गया। शो में कम से कम पांच लोगों की अत्यधिक थकावट और निर्जलीकरण के कारण मौत हो गई, जबकि 200 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अधिकारियों के अनुसार, एक व्यक्ति की मौत मरीना बीच पर हुई, जबकि चार अन्य लोगों की मौत पास के क्षेत्रों में हुई। सभी मृतक उन 1.5 मिलियन लोगों में से थे, जो भारतीय वायुसेना के पराक्रम को देखने के लिए समुद्र तट पर एकत्र हुए थे। तमिलनाडु सरकार के एक बयान में बताया गया कि अधिकांश मरीजों को रोयापेट्टा और ओमानदुरार अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है, हालांकि राजीव गांधी अस्पताल में दो मरीज अभी भी इलाजरत हैं। सरकार ने इस बात से इनकार किया कि भीड़ के कुप्रबंधन के कारण मौतें हुईं। घटनास्थल से सामने आई तस्वीरों में आपातकालीन कर्मियों को बेहोश लोगों को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा जा सकता है। लगभग 30 से अधिक लोगों को निर्जलीकरण के लक्षणों के चलते निकटवर्ती सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। AIADMK नेता कोवई सत्यन ने इस घटना के लिए सरकार की आलोचना करते हुए इसे 'पूरी तरह से कुप्रबंधन' का नतीजा बताया और तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने परिवार के साथ आराम से कार्यक्रम देखा, जबकि आम जनता कठिनाइयों का सामना कर रही थी। सत्यन ने आरोप लगाया कि आयोजन में कोई सार्वजनिक संबोधन प्रणाली नहीं थी, पानी के बूथ भी नदारद थे, और चिकित्सा सहायता का भी अभाव था। उन्होंने कहा कि अगर स्वास्थ्य मंत्री में ज़रा भी आत्म-जागरूकता और सहानुभूति है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। तमिलनाडु भाजपा प्रमुख अन्नामलाई ने भी इस घटना के लिए डीएमके सरकार पर निशाना साधते हुए उन्हें बुनियादी सुविधाओं की कमी और भीड़ नियंत्रण में विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया। अन्नामलाई ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि वह इस दुखद घटना से स्तब्ध हैं और सरकार द्वारा उचित व्यवस्था न किए जाने को इसका कारण बताया। उन्होंने कहा कि IAF के एयर शो के दौरान बुनियादी सुविधाओं और पर्याप्त परिवहन का प्रबंध न होने के कारण इस घटना में 5 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए।
জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

না মাটি, না পাথর, না কাঠ.. 8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলীর মূর্তি বসছে গুজরাটের গোধরায়
#Bajrangbali _idol _in _Godhra Gujarat

এসবি নিউজ ব্যুরো: মধ্যপ্রদেশের ইন্দোরের শিল্পী স্ক্র্যাপ মেটাল থেকে হনুমানজির অনন্য মূর্তি তৈরি করছেন। গতকাল  সারাদেশে পালিত হয়েছে হনুমান জন্মোৎসব। সকাল থেকেই হনুমানজির মন্দিরে ভক্তদের উপচে পড়া ভিড় লক্ষ্য করা যায়। জানা গিয়েছে,8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলী মূর্তি তৈরি হচ্ছে সম্পূর্ণ স্ক্র্যাপ মেটালে। ইন্দোরের শিল্পী দেবল ভার্মার তৈরি এঈ মূর্তিটি আগামী মাসে গুজরাটের গোধরায় স্থাপন করা হবে। দেবাল ভার্মা বলেন, 'আমরা গত 7-8 বছর ধরে স্ক্র্যাপ-মেটাল আর্ট নিয়ে কাজ করছি। আমরা স্ক্র্যাপ ধাতু থেকে প্রত্নবস্তু তৈরি সহ অর্ডার অনুযায়ী মূর্তি তৈরি করুন। গোধরা থেকে একটা অর্ডার এসেছিল। সাধারণত ক্লায়েন্ট আমাদের স্থান দেখায় এবং সেখানে কী থাকা উচিত সে সম্পর্কে পরামর্শ চায়।তাকে ঈশ্বরের মূর্তি স্থাপন করতে বলা হয়েছিল। তারা আমাদের কাছে জানতে চেয়েছিল কোন মূর্তি তৈরি করা উচিত এবং কীভাবে তৈরি করা উচিত। আমরা তাকে হনুমানজির মূর্তি বসানোর পরামর্শ দিয়েছিলাম। তারপর হনুমানজির মূর্তির নকশা করি।" দেবল ভার্মা আরও বলেন, 'প্রথমত, এটি বজরঙ্গবলীর মূর্তি এবং আমরা স্ক্র্যাপ থেকে কাজ করছি। মানে এটি শুধুমাত্র স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা উচিত ছিল। কিন্তু এটি এমন ছিল, আমরা সাধারণত যা করি তার থেকে ভিন্ন কিছু করতে হয়েছে ।তার মানে আমরা মূর্তিটা একটু অন্যরকম করব। আমরা এটিতে প্রচুর পিতল এবং স্টেইনলেস স্টিল রাখি। ডিজাইন করতে  2-3 মাস লেগেছে বজরঙ্গবলীজির এই মূর্তিটি ডিজাইন করতে আমাদের 2-3 মাস লেগেছে। প্রস্তাবনা-মাত্রা নকশা সেট. নকশা চূড়ান্ত হওয়ার পর, আমরা মূর্তিটি যে উপাদান থেকে তৈরি করা হবে তা অনুসন্ধান শুরু করেছি। স্ক্র্যাপ খুঁজে পেতে অনেক সময় লাগে। মূর্তিটিতে আছে পিতলের প্যান, প্লেট এবং স্টেইনলেস স্টিলের পাইপ। এসএস শিটও স্থাপন করা হয়। গাড়ির স্প্রিং এবং গিয়ার বিয়ারিং বিভিন্ন ধরনের স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা হয়। হনুমান চালিসা হনুমানজির মূর্তি বানাতে আমরা হনুমান চালিসার অনুবাদও করেছি। তাদের বৈশিষ্ট্য কি? যেমন, 'কান্ধে মুঞ্জ জেনেউ সাজাই', অর্থাৎ কীভাবে পবিত্র সুতো পরানো হয়। তাহলে কানে দুল কেন? সে রকম ডিটেইলিং করা হয়েছে। প্রায়ই বলেন কথিত আছে, শ্রী রাম জানকী বজরঙ্গবলী জির বুকে বসে আছেন। তাই আমরা একটি অনুরূপ স্কেচ তৈরি করেছি, ডিজিটালভাবে এটি পিতলের মধ্যে খোদাই করেছি, একটি দুল তৈরি করে তার বুকে স্থাপন করেছি। এই ধরনের ডিটেইলিং করা হয়েছে। হনুমানজির মূর্তি তৈরির ক্ষেত্রে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জটি হল বজরঙ্গবলী জির শরীর একেবারে সুস্থ। হনুমানজি শক্তিশালী। সেই সঙ্গে হনুমানজির মুখও খুব কোমল। মুখে সেই স্নিগ্ধতা ওভদ্রতা আনা ছিল একটি বড় চ্যালেঞ্জ। স্টেইনলেস স্টিল, ব্রাস, মাইল্ড স্টিল ব্যবহার করা হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, যদি এটি একটি পিতলের প্লেট হয় তবে এটি কোথায় ব্যবহার করা হবে এবং কীভাবে এটি ব্যবহার করা হবে তা কেটে কেটে লাগানো হয়েছে। মূর্তিটি তৈরি করতে কত সময় লেগেছে? বজরংবলী জির এই মূর্তিটি তৈরি করতে মোট 1 বছর সময় লেগেছে। ডিজাইন থেকে উপাদান সংগ্রহ থেকে চূড়ান্ত উত্পাদন পর্যন্ত। অর্ডারটি গত ফেব্রুয়ারিতে আমাদের কাছে এসেছিল এবং চলতি বছরের মার্চে মূর্তিটি তৈরি হয়। এই মূর্তি তৈরিতে আমাদের ৪ জনের দল কাজ করেছে। আমি দেবল ভার্মা, চিফ মেকানিক্যাল ইঞ্জিনিয়ার ফাইজান খান, চিফ ওয়েল্ডার রাজেশ ঝা এবং হেল্পার অর্জুন। ইন্দোরে আমাদের ডিজাইন স্টুডিওতে এই মূর্তিটি তৈরি করা হয়েছে। গোধরায় বাসস্ট্যান্ডের কাছে শ্রীসারভাত রেস্তোরাঁয় এই মূর্তি স্থাপন করা হবে। এই মূর্তি তৈরি করার সময় হনুমানজির সামনে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জ ছিল আবেগ আনতে হয়েছে। কারণ, স্ক্র্যাপ উপাদান থেকে কিছু তৈরি করা এবং তার মধ্যে অভিব্যক্তি আনা সবচেয়ে চ্যালেঞ্জিং কাজ। লোকেরা যখন এই মূর্তিটি দেখে, তখন তাদের মনে হয় যেন বজরঙ্গবলী জি তাদের দেখছেন। মানুষ আমাদের তাই বলেছে। প্রিভিউ দেখে অনেকেই বজরঙ্গবলীজির মূর্তির সামনে কেঁদেছিলেন। হনুমানজির দাড়িতে স্টেইনলেস স্টিলের তার লাগানো আছে। গদাটি পিতলের মাথা দিয়ে তৈরি। মুকুট উপর ঘূর্ণিত। নিচে চশমা পিতলের তৈরি। মুকুটের পিছনে সেলাই মেশিনের চাকা।
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya *আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল*

#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

এসবি নিউজ ব্যুরো: অযোধ্যায় রামনবমীতে রামলালের রামলালার সূর্যাভিষেক হল। ভগবান রামের মাথার অলৌকিক দৃশ্য দেখে সারা দেশের মানুষ আবেগাপ্লুত।আধ্যাত্মিকতা ও বিজ্ঞানের মিলনের এক মনোরম দৃশ্য আজ দেখা গেল অযোধ্যায়। রামনবমীর বিশেষ দিন উপলক্ষ্যে, অযোধ্যার রাম মন্দিরে যখন ভগবান শ্রীরামের কপালে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছিল তখন একটি অপূর্ব দৃশ্য দেখা যায়। এই সূর্যাভিষেক দুপুর ১২.০১ মিনিটে শুরু হয়ে প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলে। এই ঘটনাসারা বিশ্ব কৌতূহল নিয়ে দেখছে, আজ ৫০০ বছর পর অযোধ্যা ও দেশের মানুষের জন্য এই বিশেষ সুযোগ এসেছে। রাম মন্দির প্রতিষ্ঠার পর এটাই প্রথম রাম নবমী। অযোধ্যায় রামনবমী উপলক্ষ্যে, সূর্যের রশ্মি দ্বারা রামলালার তিলক করা হয়। এই উপলক্ষ্যে রামলালার বিশেষ মেকআপও করা হয়েছিল। 500 বছর পর, এই সূর্যাভিষেকের সময় রামলালা মূর্তির সূর্যাভিষেক হয়েছিল প্রায় 4 থেকে রামলালার মূর্তির মাথায় সূর্য তিলক লাগানো হয় ৬ মিনিটের জন্য। সূর্যের আলো রামলালার ওপর এমনভাবে পড়ল যেন ভগবান রামের গায়ে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছে। এই দৃশ্যটি সকলের মনকে মোহিত করেছে ।বিজ্ঞানীরা বহু মাস ধরে এই সূর্য তিলকের জন্য প্রস্তুতি নিচ্ছিলেন। এর জন্য অনেক ট্রায়াল করা হয়েছিল। আজ দুপুরে ঘড়ির কাঁটা 12:01 বাজতেই সূর্যের রশ্মি সরাসরি রামের কপালে এসে পৌঁছায়। 12:01 থেকে 12:06 পর্যন্ত সূর্যাভিষেক চলতে থাকে। পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে এই প্রক্রিয়া। বিজ্ঞানীরা গত 20 বছরে অযোধ্যার আকাশে সূর্যের গতিবিধি অধ্যয়ন করেছেন। সঠিক দিকনির্দেশ ইত্যাদি নির্ধারণের পর মন্দিরের উপরের তলায় প্রতিফলক ও লেন্স স্থাপন করা হয়েছে। সূর্যের রশ্মি ঘূর্ণায়মান হয়ে রামলালার কপালে পৌঁছে গেল। উপরের সমতলের লেন্সে সূর্যের রশ্মি পড়ল। এর পরে, এটি তিনটি লেন্সের মধ্য দিয়ে যায় এবং দ্বিতীয় তলায় আয়নার কাছে আসে। শেষেসূর্যের রশ্মি রাম লালার কপালকে 75 মিমি বুলেটের আকারে আলোকিত করতে থাকে এবং এটি প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে। সূর্য তিলকের পরে, ভগবান শ্রী রামের বিশেষ পূজা এবং আরতি করা হয়।রাম নবমীতে ভক্তদের ভিড়ের পরিপ্রেক্ষিতে প্রায় 25 লাখ ভক্তের আগমনের সময়টি 19 ঘন্টা করা হয়েছে।মঙ্গলা আরতি থেকে শুরু হয়ে রাত ১১টা পর্যন্ত খোলা থাকবে মন্দির। এর মধ্যেই রামলালকে ভোগ প্রদান ও আরতি করা হবে।
আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

*আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল।*

*উত্তরবঙ্গ সফর পথে দমদম বিমানবন্দরে শুভেন্দু অধিকারী জানালেন*
#Shuvendu_ Adhikari _is _the Leader of the Opposition _in the _BJP _Legislative Assembly


*এসবি নিউজ ব্যুরো:*

*চপারে আয়কর হানা প্রসঙ্গে*

যেদিন কমিশনের ফুল বেঞ্চ দিল্লিতে প্রেসমিট করেছিল সেদিনই তারা বলেছিল, রাজনৈতিক নেতারা যে চাটার্ড ফ্লাইট বা চপার ব্যবহার করবেন সেখানে তল্লাশি করা হবে। সেই দায়িত্ব আয়কর বিভাগ কে দেওয়া হয়েছিল। একবার মনে করে দেখুন। স্বাভাবিক ভাবেই দেশের আইন সবার জন্য সমান। আইন আলাদা হতে পারেনা। এখানে পিসি ও ভাইপোর জন্য আলাদা আইন হবে না। আপনারও একটা ভোট। দেশের রাষ্ট্রপতিরও একটা ভোট। তিনি ভিডিওগ্রাফি করেছেন, করতে পারেন।

*জোর করে বয়ান আদায়ের চেষ্টা : শেখ শাহাজাহান*
আমি বলতে পারব না। ওটা ওদের অভ্যন্তরীণ বক্তব্য। তদন্তকারী সংস্থার অভ্যন্তরীণ বিষয়। তবে শেখ শাহাজাহান যে অভিযুক্ত এটা সন্দেশখালির লোকেরাই বলেছে। গতকালও আমার পদযাত্রা ছিল ওখানে। মা বোনেরা বলেছেন তারা নতুন করে পয়লা বৈশাখ পালন করেছেন। স্বাভাবিকভাবেই প্রমাণিত, যা যা অভিযোগ হয়েছে তাতে শেখ শাহাজাহান যুক্ত‌

*উত্তরবঙ্গের ত্রাণ বিতর্ক*
ওরা মিথ্যাবাদী। পিসি মিথ্যাবাদী। ভাইপো মিথ্যাবাদী।৯ তারিখ অনুমতি পেয়ে গেছে। ১২ তারিখ হাওয়া গরম করছে যে অনুমতি দেওয়া হয়নি। পিসি ভাইপো দুজন মিলে বাজার গরম করছে। আমাকে নবান্ন থেকে লোক কাল এটা পাঠিয়ে দিয়েছে। আমি ট্যুইট করে দিয়েছি। সব অফিসাররা এখনও পিসি ভাইপোর পে রোলে যায়নি। এখনও মেরুদন্ড অনেকের সোজা আছে।