मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा — जल संरक्षण को जनांदोलन बनाएं, चेकडैम और तालाब ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधार
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर! लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति (लघु सिंचाई) विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि चेकडैम, तालाब और ब्लास्टकूप केवल पानी रोकने की व्यवस्था नहीं, बल्कि किफायती समेकित जल प्रबंधन के प्रभावी साधन हैं। उन्होंने “एक पेड़ मां के नाम” अभियान की तरह जल संरक्षण को जनांदोलन बनाने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक 6,448 चेकडैम बन चुके हैं, जिनसे 1,28,960 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता और 10 हजार हेक्टेयर मीटर से अधिक भूजल रिचार्ज संभव हुआ है। वर्ष 2022-23 से अब तक 1,002 चेकडैमों की मरम्मत, 1,343 तालाबों का जीर्णोद्धार और 6,192 ब्लास्टकूपों से 18,576 हेक्टेयर सिंचन क्षमता विकसित की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि कुम्हारों को 1 अप्रैल से 15 जून तक तालाबों से निःशुल्क मिट्टी निकालने की अनुमति दी जाए, ताकि बरसात से पहले उनकी क्षमता बढ़ाई जा सके। बरसात के बाद इन तालाबों का मत्स्य पालन और सिंघाड़ा उत्पादन में उपयोग कर रोजगार सृजित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 100 वर्ग मीटर से बड़े सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया जाए। साथ ही प्रत्येक जनपद में चेकडैम, तालाब और ब्लास्टकूपों का फोटोग्राफिक डॉक्यूमेंटेशन हो और जल संरक्षण के प्रति जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सतत प्रयासों से प्रदेश में अतिदोहित क्षेत्रों की संख्या 82 से घटकर 50 और क्रिटिकल क्षेत्र 47 से घटकर 45 रह गए हैं। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों से जल संरक्षण न केवल जल संकट से मुक्ति दिलाएगा, बल्कि कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति देगा।
Oct 06 2025, 22:12