भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता समाज के लिए आदर्श -प्रशांत मिश्र
ड्रमंडगंज, मिर्जापुर।ड्रमंडगंज बाजार स्थित पुराने बैरियर के पास मां कालिका उत्सव समिति की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन मंगलवार शाम को कथावाचक पंडित प्रशांत मिश्र ने जरासंध वध,सुदामा चरित्र और राजा परीक्षित मोक्ष की कथा का वर्णन किया ।कथावाचक ने कहा कि जो मनुष्य श्रद्धापूर्वक श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करता है,वह समस्त पापों से मुक्त हो जाता है। कथावाचक ने कहा कि भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता समाज के लिए आदर्श है।सुदामा जी भगवान श्रीकृष्ण के परम मित्र थे। भिक्षा मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। गरीबी के बावजूद हमेशा भगवान के ध्यान में लीन रहते थे। पत्नी सुशीला के आग्रह करने पर सुदामा अपने मित्र द्वारकाधीश से मिलने द्वारिकापुरी गए।द्वारपाल ने श्रीकृष्ण को बताया कि सुदामा नाम का ब्राह्मण आपसे मिलने आया है। द्वारपाल का संदेश सुनकर भगवान कृष्ण सुध-बुध खोकर नंगे पांव दौड़ते हुए राजमहल के द्वार पर पहुंचे। परममित्र सुदामा को अपने सम्मुख पाकर गले लगा लिया। भगवान ने राजगद्दी पर बैठाकर सुदामा के चरण धोए।सुदामा द्वारिकापुरी से जब अपने घर लौटे तो भगवान कृष्ण की कृपा से उनकी कुटिया की जगह महल बन गया था। कथावाचक ने कहा शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को सात दिनों तक श्रीमद्भागवत कथा सुनाई जिससे उनका शोक व भय समाप्त हो गया और मोक्ष की प्राप्ति हुई।कहा कि जो मनुष्य लगातार सात दिनों तक श्रद्धा पूर्वक श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करता है, वह जीवन के सभी पापों से मुक्त होकर परम धाम को प्राप्त होता है।कथा के अंत में श्रीमद्भागवत महापुराण की आरती उतारी गई और भक्तों में प्रसाद वितरित किया गया। भाजपा नेता मनीष त्रिपाठी, विजय नारायण दुबे, पूर्व प्रधान मंगलदास जायसवाल, धीरज मिश्र, पीयूष शुक्ला,रविशंकर तिवारी,संतोष मिश्र,भोले मिश्र,राहुल जायसवाल, रवि जायसवाल सहित सैकड़ों भक्तों ने कथा का अमृतपान किया।
Oct 03 2025, 19:24