पीएम मोदी के मन की बात की 126वां एपिसोड, स्वदेशी अपनाने पर दिया जोर, बताया खरीदारी का मंत्र
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात की 126वां एपिसोड को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात के 126वें एपिसोड में भगत सिंह और लता मंगेशकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि भगत सिंह आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं। साथ ही पीएम मोदी ने स्वर कोकिला लता मंगेश्कर को उनकी जयंती पर याद करते हुए उनको नमन किया। अपने संबोधन में पीएम ने छठ पर्व को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर में शामिल कराने के प्रयास की जानकारी दी और गांधी जयंती पर खादी अपनाने की अपील करते हुए 'वोकल फॉर लोकल' को बढ़ावा देने को कहा।
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भगत सिंह और लता दीदी को किया नमन
प्रधानमंत्री ने कहा, आज इस कार्यक्रम का 126वां एपिसोड है और आज के दिन के साथ कुछ विशेषताएं भी जुड़ी हैं। आज भारत की दो महान विभूतियों की जयंती है। मैं बात कर रहा हूं शहीद भगत सिंह और लता दीदी की। साथियों, अमर शहीद भगत सिंह हर भारतवासी, विशेषकर देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा पुंज हैं। निर्भीकता उनके स्वभाव में कूट-कूटकर भरी थी। देश के लिए फांसी के फंदे पर झूलने से पहले भगत सिंह जी ने अंग्रेजों को पत्र भी लिखा था। उन्होंने कहा था कि मैं चाहता हूं कि आप मेरे और मेरे साथियों से युद्धबंदियों से जैसा व्यवहार करें। इसलिए हमारी जान फांसी से नहीं, सीधा गोली मारकर ली जाए। यह उनके अदम्य साहस का प्रमाण है। भगत सिंह लोगों की पीड़ा के प्रति भी बहुत संवेदनशील थे और उनकी मदद में हमेशा आगे रहते थे। मैं शहीद भगत सिंह को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
लता मंगेश्कर के वीर सावरकर के साथ संबंध का जिक्र
पीएम ने आगे कहा, साथियों, आज लता मंगेशकर की भी जयंती है। भारतीय संस्कृति और संगीत में रुचि रखने वाला कोई भी उनके गीतों को सुनकर अभिभूत हुए बिना नहीं रह सकता। उनके गीतों में वह सबकुछ है, जो मानवीय संवेदनाओं को झकझोरता है। उन्होंने देशभक्ति के जो गीत गाए, उन गीतों ने लोगों को बहुत प्रेरित किया। भारत की संस्कृति से भी उनका गहरा जुड़ाव था। मैं लता दीदी के लिए हृदय से अपनी श्रद्धांजलि प्रकट करता हूं। साथियों, लता दीदी जिन महान विभूतियों से प्रेरित थीं, उनमें वीर सावरकर भी एक थे। जिन्हें वह तात्या कहती थीं। उन्होंने वीर सावरकर के कई गीतों को अपने सुरों में पिरोया। लता दीदी से मेरा स्नेह का जो बंधन था, वह हमेशा कायम रहा। वह मुझे बिना बोले हर साल राखी भेजा करती थीं।
त्योहार सिर्फ स्वदेशी चीजों से मनाएंगे की अपील
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि एक संकल्प लेकर आप अपने त्योहारों को और खास बना सकते हैं। अगर हम ठान लें कि इस बार त्योहार सिर्फ स्वदेशी चीजों से ही मनाएंगे, तो हमारे उत्सव की रौनक कई गुना बढ़ जाएगी। 'वोकल फॉर लोकल' को खरीदारी का मंत्र बना दीजिए
2 अक्टूबर को खादी का सामान खरीदने की अपील
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती है। गांधीजी ने हमेशा स्वदेशी को अपनाने पर बल दिया और इनमें खादी सबसे प्रमुख थी। दुर्भाग्य से आजादी के बाद, खादी की रौनक कुछ फीकी पड़ती जा रही थी, लेकिन बीते 11 साल में खादी के प्रति देश के लोगों का आकर्षण बहुत बढ़ा है। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि 2 अक्टूबर को कोई ना कोई खादी सामान जरूर खरीदें और गर्व से कहें ये स्वदेशी हैं।
छठ पर्व को यूनेस्को की सांस्कृति धरोहर की सूची में शामिल कराने का प्रयास
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, हमारे पर्व-त्योहार भारत की संस्कृति को जीवंत बनाए रखते हैं। छठ पर्व एक ऐसा पावन-पर्व है जो दिवाली के बाद आता है। सूर्य देव को समर्पित यह महापर्व बहुत ही विशेष है। इसमें हम डूबते सूर्य को भी अर्घ्य देते हैं। उनकी आराधना करते हैं। छठ न केवल देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाता है। बल्कि दुनियाभर में इसकी छठा देखने को मिलती है। आज यह एक वैश्विक त्योहार बन रहा है। साथियों, मुझे आपको यह बताते हुए बहुत खुशी है कि भारत सरकार भी छठ पूजा को लेकर एक बड़े प्रयास में जुटी है। भारत सरकार छठ पर्व को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल कराने का प्रयास कर रही है। छठ पूजा में यूनेस्को की सूची में शामिल होगी, तो दुनिया के कोने-कोने में लोग इसकी भव्यता और दिव्यता का अनुभव कर पाएंगे। साथियों, कुछ समय पहले भारत सरकार के ऐसे ही प्रयासों से कोलकाता की दुर्गा पूजा भी यूनेस्को की इस सूची का हिस्सा बनी है।
Sep 28 2025, 15:55