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किसानों को समय पर और निर्धारित दर पर मिले उर्वरक, लापरवाही बर्दाश्त नहीं : कृषि मंत्री
* कृषि मंत्री ने उर्वरक आपूर्ति पर की समीक्षा, समयबद्ध वितरण के निर्देश

* 10 जनपदों के होलसेलरों व कंपनियों प्रतिनिधियों से कृषि मंत्री की वार्ता, एमआरपी से अधिक बिक्री पर कार्रवाई की चेतावनी

लखनऊ । कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सोमवार को कृषि निदेशालय, लखनऊ में दो महत्वपूर्ण बैठकें कर उर्वरक की उपलब्धता एवं वितरण की स्थिति की समीक्षा की।
पहली बैठक में कृषि मंत्री ने प्रमुख सचिव कृषि एवं निदेशक कृषि के साथ आगामी रबी सीजन हेतु उर्वरक की आपूर्ति और उपलब्धता पर चर्चा की। मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराने में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कंपनियों को दिए गए आपूर्ति लक्ष्य समय से पूरे कराए जाएं और प्राथमिकता के आधार पर वितरण व्यवस्था को गति दी जाए।

इसके बाद कृषि मंत्री ने लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, अयोध्या, कानपुर नगर व कानपुर देहात जनपदों के होलसेलरों और उर्वरक कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस दौरान यूरिया एवं अन्य प्रमुख उर्वरकों की उपलब्धता, बिक्री की स्थिति, निर्धारित दर पर वितरण, टैगिंग व्यवस्था तथा आपूर्ति तंत्र की समीक्षा की गई।

मंत्री शाही ने बैठक में एक-एक कर होलसेलरों से वार्ता की और उनकी समस्याओं को सुना। कई बिंदुओं का समाधान बैठक में ही अधिकारियों के माध्यम से कराया गया। उन्होंने संबंधित जिलों के कृषि अधिकारियों से भी फीडबैक लिया और वितरण व्यवस्था पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

कृषि मंत्री ने कहा कि यूरिया व अन्य उर्वरकों की बिक्री केवल भारत सरकार द्वारा निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर ही की जाए। इससे अधिक मूल्य वसूलने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी क्योंकि यह न केवल लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन है बल्कि किसानों के हितों के विपरीत भी है।

कृषि मंत्री ने निर्देश दिया कि कंपनियां समयबद्ध तरीके से किसानों तक उर्वरक पहुंचाएं। उक्त सभी 10 जनपदों में स्टॉक व वितरण की स्थिति की निगरानी कृषि विभाग नियमित रूप से करे। निर्धारित एमआरपी से अधिक मूल्य पर बिक्री करने वाले होलसेलरों पर सख्त कार्रवाई की जाए। किसानों को कतार में खड़ा न होना पड़े, इसके लिए आपूर्ति व्यवस्था तेज और पारदर्शी बनाई जाए। कृषि अधिकारी जिला स्तर पर नियमित निरीक्षण करें।

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को समय पर उचित मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र, कृषि निदेशक डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
1320 मेगावाट खुर्जा सुपर थर्मल पावर परियोजना की द्वितीय इकाई (660 मेगावाट) का शुभारंभ
*केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने किया वर्चुअल उद्घाटन*


लखनऊ । ऊर्जा क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज हुई। 1320 मेगावाट खुर्जा सुपर थर्मल पावर परियोजना की द्वितीय इकाई (660 मेगावाट) का संचालन विधिवत रूप से प्रारंभ हो गया। इस अवसर पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर और उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री  ए.के. शर्मा ने वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया।

इस परियोजना के उत्पादन में से 65 प्रतिशत विद्युत उत्तर प्रदेश को प्राप्त होगी, जिससे प्रदेश में न केवल घरेलू उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध होगी, बल्कि उद्योगों को भी पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। इसके चलते प्रदेश की औद्योगिक प्रगति और आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।

ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि “खुर्जा सुपर थर्मल पावर परियोजना की यह इकाई उत्तर प्रदेश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति का सपना साकार हो रहा है। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को लाभ होगा और औद्योगिक निवेश को और मजबूती मिलेगी।”

खुर्जा सुपर थर्मल पावर परियोजना का यह शुभारंभ उत्तर प्रदेश को ऊर्जा सम्पन्न, आत्मनिर्भर और औद्योगिक दृष्टि से सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा: कल्ली पश्चिम में नई परियोजनाएं
* लखनऊ बनेगा पर्यटकों की पहली पसंद, सरकार ने खोले निवेश के द्वार : जयवीर सिंह

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पर्यटकों के लिए तेजी से पसंदीदा गंतव्य बनकर उभर रही है। यहां विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों से जुड़े कई प्रमुख स्थल मौजूद हैं। पर्यटकों की बढ़ती आमद और पर्यटन विकास को ध्यान में रखते हुए सरोजनी नगर क्षेत्र के कल्ली पश्चिम में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2022 के अंतर्गत राज्य सरकार ने निवेशकों से पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।

यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तर प्रदेश भूमि पट्टा नीति 2024 को मंजूरी दे दी है। नीति के तहत राज्य में पर्यटन अवसंरचना के विकास को तेज किया जाएगा। इसी के अंतर्गत कल्ली पश्चिम में पर्यटन विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि कल्ली पश्चिम में पर्यटन नीति-2022 के अनुरूप नई पर्यटन और आतिथ्य परियोजनाएं विकसित की जाएंगी। इन परियोजनाओं में बजट होटल, रिसॉर्ट, ऑल वेदर या सीज़नल कैंप, एमआईसीई  गतिविधियों के लिए कन्वेंशन सेंटर और सांस्कृतिक केंद्र शामिल होंगे। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय योग केंद्र, प्राकृतिक चिकित्सा और वेलनेस सेंटर, स्थायी टेंटेड आवास/स्विस कॉटेज, मल्टी-लेवल पार्किंग, सार्वजनिक संग्रहालय और थीम पार्क भी विकसित किए जाएंगे। परियोजना अंतर्गत ग्रामीण और सांस्कृतिक गांव, ईको टूरिज्म रिसॉर्ट, वे-साइड अमेनिटी और पर्यटन एवं आतिथ्य प्रशिक्षण संस्थान शामिल किए जाएंगे। इसका उद्देश्य क्षेत्र के पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को सशक्त और आकर्षक बनाना है।

जयवीर सिंह ने बताया कि कल्ली पश्चिम परियोजना स्थल लखनऊ के गोमती नदी के उत्तर-पश्चिमी तट पर बसा है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे, लखनऊ-कानपुर हाईवे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे जैसे प्रमुख मार्गों से जुड़ा है। अमौसी स्थित चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और तेजी से विकसित हो रहा मेट्रो नेटवर्क भी मौजूद है। नवाबी अंदाज, स्वादिष्ट व्यंजन और ऐतिहासिक विरासत के लिए मशहूर यह शहर प्राचीनता और आधुनिकता का अद्भुत संगम है। बेहतर कनेक्टिविटी ने लखनऊ को पर्यटन विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में स्थापित किया है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि लखनऊ पर्यटन के लिहाज से समृद्ध शहर के रूप में उभर रहा है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में शहर में कुल 82,74,154 पर्यटक पहुंचे। वहीं, वर्ष 2025 के जनवरी से मार्च तक 34,65,203 आगंतुकों की संख्या दर्ज की गई। पर्यटन में इस बढ़ोतरी से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक स्थलों और विविध पर्यटन आकर्षणों के लिए तेजी से विश्व स्तरीय पर्यटन गंतव्य बन रहा है। लखनऊ अपनी नवाबी संस्कृति, प्राचीन विरासत और आधुनिक सुविधाओं के संगम के कारण, पर्यटकों के लिए विशेष रूप से आकर्षक केंद्र बन चुका है। पर्यटन क्षेत्र में निवेश और पर्यटन विकास हमारी संस्कृति, विरासत और आतिथ्य की संभावनाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहयोग देगा।
कानपुर में 37वीं वाहिनी पीएसी का एडीजी डा. रामकृष्ण स्वर्णकार ने किया निरीक्षण


लखनऊ । 37वीं वाहिनी पीएसी कानपुर नगर में अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) पीएसी मुख्यालय लखनऊ  डा. रामकृष्ण स्वर्णकार  (IPS) ने औचक भ्रमण एवं निरीक्षण किया। उनके आगमन पर सेनानायक  बी.बी. चौरसिया (IPS) ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। इसके बाद सेरेमोनियल गार्ड द्वारा एडीजी को सलामी दी गई। गार्ड की कार्यवाही से संतुष्ट होकर एडीजी स्वर्णकार ने इसकी सराहना की और जवानों की मेहनत की प्रशंसा की।

विभिन्न प्रतिष्ठानों का किया निरीक्षण

निरीक्षण के क्रम में एडीजी ने प्रशासनिक भवन, पुलिस मॉडर्न स्कूल, आरटीसी क्लासरूम, आरटीसी बैरक, कंप्यूटर लैब, आरटीसी परिसर और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने संबंधित कार्यालय प्रभारियों व उनके सहायकों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

एडीजी ने सैनिक सम्मेलन में सुनी समस्याएं

भ्रमण के बाद एडीजी स्वर्णकार ने पीएसी के जवानों और रिक्रूट आरक्षियों का सैनिक सम्मेलन लिया। सम्मेलन में उन्होंने सभी जवानों और रिक्रूट्स की सामूहिक एवं विभागीय समस्याओं को सुना और उनके त्वरित निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को आदेशित किया। उन्होंने जवानों से उनकी मूलभूत सुविधाओं के बारे में भी पूछा और भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाएगा।

अनुशासन और ड्यूटी पर जोर

एडीजी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस विभाग में अनुशासन सर्वोपरि है। उन्होंने वर्दी की शुचिता, अच्छे टर्नआउट और सतर्कता के साथ ड्यूटी निभाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने जवानों को प्रेरित किया कि वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से करें।

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद

निरीक्षण/भ्रमण कार्यक्रम के दौरान पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) पीएसी कानपुर अतुल शर्मा (IPS), शिविरपाल  पन्ना लाल मौर्य, निरीक्षक गोपनीय  इन्द्र कुमार, आरटीसी प्रभारी  मनोज कुमार श्रीवास्तव, सूबेदार सैन्य सहायक सुरेंद्र सिंह, हेड क्लर्क  विनीत त्रिपाठी सहित वाहिनी के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। इस निरीक्षण से जवानों में उत्साह का संचार हुआ और उन्हें अपने कर्तव्यों के प्रति और अधिक प्रतिबद्ध रहने की प्रेरणा मिली।
जीएसटी सुधार से मध्यम वर्ग के जीवन में आएगी सुगमता:  एके शर्मा


* सुलभ दाम से हर परिवार की मुस्कान बढ़ेगी, रोजमर्रा की जरूरतों पर होगी रोजाना बचत


लखनऊ । नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मंगलम गेस्ट हाउस (मऊ) में जीएसटी सुधार पर प्रेस कॉन्फ्रेस के माध्यम से इसके जनहितार्थ आयामों पर बल दिया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए रणनीतिक रूप से प्रभावशाली बदलाव किए और उन्हें सफलता पूर्वक लागू किया जिससे उनके जीवन में सुगमता आएगी और वे अब अधिक सशक्त होंगे। नेक्स्ट-जेन जीएसटी जन-प्रथम सुधार मील का पत्थर साबित होगा।उन्होंने बताया कि सुलभ दाम से हर परिवार की मुस्कान बढेगी और रोजमर्रा की जरूरतों पर रोजाना बचत होगी।

मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नेक्स्ट-जेन जीएसटी सुधारों के लिए 3 सितम्बर 2025 को 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी सुधारों के निर्णय लिए गए। यह 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव है। इन सुधारों के तहत 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की सरल दो-दर संरचना लागू की गई है, जबकि विलासिता और लग्जरी सामानों पर 40 प्रतिशत की दर रखी गई है। इससे पारदर्शिता, न्यायसंगत व्यवस्था और कर पालन में आसानी की पुरानी मांगों को पूरा किया गया है। ये सुधार नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगे। यह केवल आर्थिक कदम नहीं, बल्कि देश के लिए दिवाली का तोहफ़ा है, इससे करोड़ों परिवारों की बचत सीधे उनके हाथों में जाएगी। जैसे दीपावली पर दीपक घरों को रोशन करते हैं, वैसे ही ये सुधार घरों के खर्च कम करेंगे, किसानों को सशक्त बनाएंगे और कारोबार को गति देंगे, जिससे पूरे भारत में समृद्धि फैलेगी।


* दो-दरों की सरलता:
अब पुरानी चार-स्तरीय व्यवस्था हटाकर 5% और 18% की दरें रखी गई हैं। इससे भ्रम, कानूनी झंझट और टैक्स भरने की मुश्किलें कम होंगी।

* जनता को राहत:
दूध, पनीर, शैम्पू, टूथपेस्ट, साबुन, साइकिल और बच्चों के सामान जैसे जरूरी घरेलू सामान पर अब सिर्फ 5% या शून्य कर लगेगा। इससे रोजमर्रा के खर्च कम होंगे।

* किसानों को बढ़ावा:
ट्रैक्टर, टायर, कीटनाशक और सिंचाई उपकरण पर कर घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे खेती की लागत कम होगी और ग्रामीण भारत को सीधा लाभ मिलेगा।

* स्वास्थ्य क्रांति:
व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी पूरी तरह से हटा दिया गया है। दवाइयों, ऑक्सीजन और जांच किट पर कर में बड़ी कटौती की गई है ताकि इलाज सभी के लिए सस्ता हो सके।

* गाड़ियों और वाहनों में भारी छूट:
गाड़ियों और बाइक पर GST 28% से घटाकर 18% कर दी गयी है - यानी पूरे 10% की कटौती - जिससे वाहन खरीददारों को आराम मिलेगा और त्योहारों के समय मांग बढ़ेगी।

* शिक्षा हुई सस्ती:
कॉपियों, पेंसिल, नक्शों और अन्य ज़रूरी छात्र सामग्री पर अब कोई कर नहीं लगेगा।

* लग्जरी पर ज्यादा कर:
विलासिता की वस्तुएं जैसे तंबाकू, पान मसाला और कैसिनो आदि पर अब 40% कर लगाया गया है।

* व्यापार में आसानी:
सरल रजिस्ट्रेशन, तेज रिफंड (90% ऑटो-अप्रूव) और रिस्क-आधारित कंप्लायंस से एमएसएमई, निर्यातकों और श्रम प्रधान क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी।

* वित्तीय सतर्कता:
तंबाकू पर सेस तब तक जारी रहेगा जब तक मुआवजे के ऋण चुकते नहीं हैं, जिससे राजस्व प्रबंधन जिम्मेदारी से होगा।

2025 के ये सुधार ‘‘जीवन में आसानी, व्यापार में आसानी’’ के विजन को दर्शाते हैं। सामान्य नागरिकों पर कर का बोझ कम करके, किसानों को सशक्त बनाकर, विनिर्माण को बढ़ावा देकर और लग्जरी तथा विलासिता वस्तुओं पर भार बढ़ाकर एनडीए सरकार ने समावेशी विकास और वित्तीय जिम्मेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोबारा साबित की है।
संस्कृति और साहित्य का उत्सव: गोमती बुक फेस्टिवल का भव्य आगाज -

तहजीब की नगरी में किताबों का मेला, योगी ने किया गोमती बुक फेस्टिवल का उद्घाटन

- किताबों से सजी लखनऊ की शामें, गोमती बुक फेस्टिवल में उमड़े साहित्य प्रेमी

लखनऊ। तहजीब और अदब की नगरी लखनऊ में आज चौथा गोमती बुक फेस्टिवल भव्य समारोह के साथ शुभारंभ हुआ। यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ में सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक चलने वाले नौ दिवसीय महोत्सव में देश भर के साहित्यकार, कवि, विद्वान और पाठक भाग लेंगे। प्रवेश निःशुल्क रखा गया है और इसे नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार और लखनऊ विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज महोत्सव का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश के अवस्थी, पद्मश्री डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी, एनबीटी-इंडिया के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे, लखनऊ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मनुका खन्ना और एनबीटी-इंडिया के निदेशक युवराज मलिक उपस्थित रहे। उद्घाटन के बाद से ही महोत्सव की गतिविधियाँ शुरू हो गई हैं और प्रतिदिन हजारों पाठक और साहित्य प्रेमी कार्यक्रम में भाग लेंगे।
फेस्टिवल में कुल 225 से अधिक बुकस्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू और अन्य भारतीय भाषाओं की किताबें प्रदर्शित की गई हैं। “राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय” के माध्यम से 3,000 से अधिक ई-बुक्स निःशुल्क उपलब्ध कराई गई हैं। बच्चों के लिए विशेष “चित्रोत्सव- ड्रॉ, डूडल, डिस्कवर” क्रिएटिव आर्ट वर्कशॉप आयोजित की गई है, जिसमें म्यूजिकल स्टोरीटेलिंग, कठपुतली नाटक, ओरिगामी, पोस्टर मेकिंग, वैदिक गणित और माइंडफुलनेस जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
सत्र का सबसे चर्चित सत्र है “स्त्री देह से आगे” पर चर्चा। साहित्यकार और चिंतक डॉ. गुलाब कोठारी पुस्तक के विविध आयामों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं और उपस्थित पाठकों एवं विद्वानों के प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “इस पुस्तक का उद्देश्य महिलाओं के समाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों पर विचार करना और उन्हें सशक्त बनाने के उपायों पर चर्चा करना है। आज की युवा पीढ़ी को इसे समझना और अपनाना आवश्यक है।”
इसके अलावा डॉ. अरुण मोहन शैरी, अखिलेंद्र मिश्रा, शंतनु गुप्ता, शीला रोहेकर, शिवमूर्ति, संतोष चौबे, डॉ. विद्या विंदु सिंह, प्रो. सूर्य प्रसाद दीक्षित और डॉ. रामबहादुर मिश्र अपने विचार साझा कर रहे हैं, जिससे साहित्यिक विमर्श और समृद्ध हो रहा है। शाम 5 बजे के बाद सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ आयोजित की गयी, जिनमें लोकगायन, कथक, दास्तानगोई, कवि सम्मेलन, मुशायरा, कव्वाली और कहानी सुनाने की परंपरागत शैलियाँ शामिल हैं। इन प्रस्तुतियों से दर्शकों को न केवल साहित्यिक अनुभव मिलेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की झलक भी दिखाई जाएगी।
आयोजकों ने बताया कि इस नौ दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ किताबों का मेला नहीं है, बल्कि संवाद, विचार-विमर्श और संस्कृति का उत्सव बनाना है। गोमती बुक फेस्टिवल लखनऊ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साहित्यिक मानचित्र पर नई पहचान दिलाएगा और यह साबित करेगा कि यह शहर न केवल तहज़ीब और अदब का, बल्कि ज्ञान, संस्कृति और साहित्य का भी केंद्र है।
बेटियां आज खुद बना रही हैं अपना रास्ता : योगी
- मुख्यमंत्री ने नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को समर्पित मिशन शक्ति-5.0 का किया शुभारंभ

- बोले सीएम योगी- सरकार की नीयत साफ, नारी सम्मान हमारी सरकार की प्राथमिकता


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लोकभवन सभागार में नारी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए समर्पित महत्वाकांक्षी अभियान ‘मिशन शक्ति-5.0’ का भव्य शुभारंभ किया। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पहले बेटियां सुरक्षित नहीं थीं, लेकिन आज वे खुद अपने रास्ते बना रही हैं। उन्होंने कहा कि नारी सम्मान उनकी प्राथमिकता है, यही वजह है कि 2017 के बाद से प्रदेश में महिलाओं की स्थिति में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत साफ होती है तो योजनाएं खुद अपना रास्ता बना लेती हैं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश के सभी 1,647 थानों में नवस्थापित मिशन शक्ति केंद्रों का बटन दबाकर उद्घाटन किया। साथ ही, मिशन शक्ति केंद्रों की एसओपी पुस्तिकाओं, बुकलेट और ‘सशक्त नारी, समृद्ध प्रदेश’ फोल्डर का विमोचन भी किया। इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के अधिकारीगण और मंत्रीगण इस ऐतिहासिक पल से जुड़े रहे।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधन करते हुए कहा कि मिशन शक्ति के पांचवें चरण का शुभारंभ करते हुए उन्हें गर्व और प्रसन्नता हो रही है। पांच साल पहले, 2020 में इस अभियान की शुरुआत के समय लोग संशय में थे कि क्या होगा, कैसे होगा, इसकी थीम क्या होगी? लेकिन मिशन शक्ति को नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन से जोड़कर इसे नारी गरिमा के अनुरूप ढाला गया। आज इसके सकारात्मक परिणाम सबके सामने हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान ने नारी को सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का मार्ग दिखाया है, जिसे तेजी से आगे बढ़ाया गया।

यूपी पुलिस में महिलाओं की भागीदारी में आया क्रांतिकारी बदलाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से 2017 तक पुलिस में महिला कार्मिकों की संख्या महज 10,000 थी, लेकिन 2017 से अब तक यह संख्या 44,000 से अधिक हो गई है। हर भर्ती में 20% महिलाओं को अनिवार्य रूप से शामिल किया जा रहा है और उनकी समय पर ट्रेनिंग सुनिश्चित की जा रही है। हाल ही में संपन्न 60,200 पुलिस कार्मिकों की भर्ती में 12 हजार से अधिक महिलाएं शामिल हुई हैं, जो वर्तमान में ट्रेनिंग ले रही हैं। सीएम योगी ने कहा कि यह ‘मिशन रोजगार’ और बिना भेदभाव के नौजवानों को जोड़ने का परिणाम है कि 2017 से पहले जो ट्रेनिंग क्षमता महज 3,000 थी, इसे बढ़ाकर अब 60,000 से अधिक कर दिया गया है।
योगी ने कहा कि शिक्षा और अन्य विभागों में भी महिला भर्ती को बढ़ावा दिया गया। बेसिक शिक्षा परिषद के 1.60 करोड़ से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं, जहां 2017 से पहले 70-75 प्रतिशत बेटियां नंगे पांव और पुराने कपड़ों में स्कूल जाती थीं। एक मार्मिक घटना का जिक्र करते हुए सीएम ने बताया कि बुंदेलखंड दौरे के दौरान उन्होंने एक बच्ची से बात की, जिसने कहा, “मेरे भाई के लिए जूते आए, लेकिन मुझे नहीं, क्योंकि मैं बेटी हूं।” इस घटना ने उन्हें प्रेरित किया और अब हर बच्चे के लिए दो यूनिफॉर्म, बैग, किताबें, जूते, मोजे और स्वेटर की व्यवस्था की गई, जिसकी लागत 1,200 रुपये प्रति बच्चे है।

कन्या सुमंगला और सामूहिक विवाह योजना ने रचा इतिहास

सीएम योगी ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की चर्चा करते हुए कहा कि बेटी के जन्म से स्नातक तक 25 हजार रुपये का पैकेज दिया जाता है। जन्म पर 5,000 रुपये, एक वर्ष पर 2,000 रुपये (टीकाकरण के बाद), पहली और छठी कक्षा में 3,000-3,000 रुपये, नौवीं में 5,000 रुपये और 12वीं पास करने पर 7,000 रुपये दिए जाते हैं। इस योजना से 26 लाख से अधिक बेटियां सीधें लाभान्वित हो रही हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हर बेटी को 1 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है, जो पहले चेहरा देखकर दी जाती थी, अब बिना भेदभाव के उपलब्ध है। इन योजनाओं ने प्रदेश में महिला सशक्तीकरण की दिशा में इतिहास रचा है।
योगी ने मिशन शक्ति के तहत ‘सशक्त नारी, समृद्ध प्रदेश’ फोल्डर और महिला सुरक्षा से जुड़ी हेल्पलाइन (1090, 181, 112, 1930, 1076, 102, 101, 108, 1098) की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हर थाने में मिशन शक्ति केंद्र और महिला बीट अधिकारी तैनात होंगे। 21 सितंबर को बाइक रैली होगी और नवरात्रि के दौरान मंदिरों में सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। स्कूल-कॉलेजों में फोल्डर वितरित किए जाएंगे। सीएम योगी ने कहा कि मिशन एक माह चलेगा, फिर तीन माह तक विस्तारित होगा। सफल कार्मिकों और महिलाओं को सम्मानित करने का कार्यक्रम होगा। उन्होंने सभी विभागों से समन्वय और जवाबदेही सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही उन्होंने नवरात्रि और त्योहारों के दौरान सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री बेबीरानी मौर्य, महापौर सुषमा खर्कवाल, मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, एमएलसी डॉ. महेंद्र सिंह, पुलिस महादनिदेशक राजीव कृष्ण समेत प्रशासनिक व पुलिस सेवा के कई अधिकारीगण व अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
अच्छी पुस्तक हमारी योग्य मार्गदर्शक और जीवन का पथप्रदर्शक : योगी आदित्यनाथ
- मुख्यमंत्री ने लखनऊ विवि में गोमती बुक फेस्टिवल का किया उद्घाटन
- सीएम योगी ने बच्चों और युवाओं को स्मार्टफोन से दूरी और पुस्तकों का महत्व समझाया
- स्कूली छात्राओं और आंगनबाड़ी दीदीयों को मुख्यमंत्री ने भेंट की प्रधानमंत्री मोदी की लिखी ‘एग्जाम वारियर्स’ पुस्तक
- 250 से अधिक स्टॉल पर लाखों पुस्तकों की प्रदर्शनी
- मुख्यमंत्री ने महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास के प्रसंग साझा किए
- हर छात्र से की कम से कम एक पुस्तक खरीदने की अपील

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित चौथे गोमती बुक फेस्टिवल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने बच्चों से आत्मीय संवाद कर पुस्तकों से जुड़ने का महत्व बताया। स्कूली छात्राओं और आंगनबाड़ी दीदीयों को उन्होंने ‘एग्जाम वारियर्स’ पुस्तक भेंट की और कहा कि अच्छी पुस्तक जीवन का मार्गदर्शन करती है तथा सही दिशा दिखाती है।

पुस्तक मेले को मुख्यमंत्री ने बताया साहित्य का महाकुंभ
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नौ दिनों तक चलने वाला यह मेला साहित्य और ज्ञान का महाकुंभ है। उन्होंने बच्चों और युवाओं से अपील की कि वे स्मार्टफोन पर समय कम देकर रोज़ कम से कम एक घंटा अच्छी और रचनात्मक पुस्तकों को पढ़ें।

ज्ञान की खोज जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य
भारतीय परंपरा का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने ऋषि याज्ञवल्क्य और उनकी पत्नियों कात्यायिनी व मैत्रेयी का उदाहरण दिया और कहा कि जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य ज्ञान की खोज होना चाहिए।

नेशनल बुक ट्रस्ट की सराहना
मुख्यमंत्री ने नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा इस आयोजन को निरंतर आगे बढ़ाने की सराहना की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 250 से अधिक स्टॉलों पर बाल रचनाकारों से लेकर प्रख्यात लेखकों की कृतियां उपलब्ध हैं।

एग्जाम वारियर्स पुस्तक भेंट
सीएम योगी ने बच्चों को प्रधानमंत्री द्वारा लिखी ‘एग्जाम वारियर्स’ पुस्तक दी और कहा कि यदि इसकी बातों को आत्मसात किया जाए तो प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता सहज होगी।

वेन सिटिजन रीड्स, कंट्री लीड्स
अपने संबोधन में उन्होंने तक्षशिला विश्वविद्यालय, पाणिनी और सुश्रुत जैसे भारतीय आचार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि पढ़ना और आगे बढ़ना भारत की परंपरा है। प्रधानमंत्री का विचार ‘When Citizen Reads, Country Leads’ इसी से प्रेरित है।

अच्छी पुस्तकों का अध्ययन जीवन में आवश्यक
महर्षि वाल्मीकि और गोस्वामी तुलसीदास की मौलिक रचनाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी रचनाएं अमर होती हैं और रचयिता को भी अमर बना देती हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि पढ़ाई के साथ अच्छी पुस्तकों का अध्ययन ज़रूर करें।

स्वस्थ नारी, सशक्त समाज
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि महिलाएं स्वस्थ होंगी तो समाज और राष्ट्र सशक्त होंगे। उन्होंने लखनऊ के सभी स्कूलों के बच्चों से बुक फेस्टिवल में आने और कम से कम एक पुस्तक खरीदने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने स्टॉलों का अवलोकन किया
फेस्टिवल 20 से 28 सितंबर तक चलेगा। मुख्यमंत्री ने इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को पुस्तकें भेंट कीं और प्रदर्शनी में लगे स्टॉलों का अवलोकन भी किया।

इस अवसर पर मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, सरकार के सलाहकार अवनीश अवस्थी, नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे, लखनऊ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. मनुका खन्ना, सुप्रसिद्ध लेखक-निर्देशक चंद्र प्रकाश द्विवेदी, नेशनल बुक ट्रस्ट के डायरेक्टर युवराज मलिक सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे।

राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप, कोर्ट ने CMS से मांगी रिपोर्ट

लखनऊ । सुलतानपुर की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सलिल श्रीवास्तव की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कोर्ट ने प्रिंसिपल और उनके गार्डों पर लगे गंभीर आरोपों के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय सुलतानपुर से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 175(4) के तहत दिया गया है।

पीड़ित अब्दुल गफ्फार ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर आरोप लगाया था कि बीते 18 जुलाई को वह अपने गांव के एक मरीज को लेकर जिला चिकित्सालय सुलतानपुर गए थे। अस्पताल पहुंचते ही मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सलिल श्रीवास्तव और उनके गार्डों ने उन्हें मां-बहन की गंदी गालियां दीं और अपमानित किया। गफ्फार के अनुसार, प्रिंसिपल ने उन्हें धमकी दी कि अगर वे दोबारा जिला अस्पताल आए तो उन्हें 'दलाल' बताकर झूठे मुकदमे में जेल भिजवा दिया जाएगा और जान से मरवा दिया जाएगा। अब्दुल गफ्फार ने दावा किया कि वे एक संभ्रांत परिवार के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, और प्रिंसिपल के इस कृत्य से उनकी सामाजिक छवि धूमिल हुई है।


आवेदक ने अपनी शिकायत के समर्थन में पुलिस थाने की रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज दाखिल किए थे। कोर्ट ने थाने से आख्या मंगवाई, जिसमें बताया गया कि इस मामले में स्थानीय थाने में कोई एफआईआर दर्ज नहीं है। इन तथ्यों के आलोक में, कोर्ट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धाराओ के प्रावधानों के तहत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय सुलतानपुर को आदेश दिया है। उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे विपक्षीगण (प्रिंसिपल और गार्ड) के कथित घटना के संबंध में प्राख्यान प्राप्त करें और अपनी सम्यक आख्या न्यायालय को प्रेषित करें। कोर्ट अब इस मामले में तीन अक्टूबर को सुनवाई करेगी।
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में हुआ स्वच्छता रन एवं रैली का आयोजन

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में आज स्वच्छता अनुभाग की ओर से आयोजित 'स्वच्छता पखवाड़ा' के तहत विश्वविद्यालय परिसर में स्वच्छता रन एवं रैली का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य तौर पर प्रभारी सेनीटेशन डॉ. रवि शंकर वर्मा उपस्थित रहे। स्वच्छता रैली के दौरान सफाई सेवकों ने रैली के माध्यम से सभी लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया। उन्होंने नारे लगाते हुए सभी को अपने घर, परिसर एवं समाज को स्वच्छ रखने की अपील की।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और कर्मचारियों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना और स्वच्छ भारत अभियान को गति प्रदान करना था। रैली में मौजूद सभी प्रतिभागियों ने यह संदेश दिया कि स्वच्छता ही स्वस्थ और विकसित भारत की आधारशिला है।