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बिहार कांग्रेस का AI वीडियो विवाद: भाजपा का तीखा हमला

बिहार कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक AI-जनरेटेड वीडियो को लेकर राजनीतिक घमासान मच गया है। इस वीडियो में कथित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी और उनकी दिवंगत मां जैसे किरदार दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में पीएम मोदी को सोते हुए दिखाया गया है और उनकी मां उन्हें डांट रही हैं।

भाजपा ने इस वीडियो पर कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेस पर "बेशर्मी" और "ओछे आचरण" का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह वीडियो प्रधानमंत्री मोदी, उनकी मां और पूरे देश की महिलाओं का अपमान है। हुसैन ने कहा कि कांग्रेस को इसका जवाब मिलेगा और बिहार समेत पूरा देश उनके इस आचरण से आक्रोशित है।

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब कुछ दिन पहले ही बिहार में एक कांग्रेस की रैली में पीएम मोदी की मां के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था, जिस पर पीएम मोदी ने भी दुख जताया था। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस इस तरह के वीडियो जारी करके अपने "गालीवादी" चरित्र को दर्शा रही है।

नेपाल में हिंसा कांग्रेस की भूल… बिहार के डिप्टी CM सम्राट चौधरी का बड़ा बयान

नेपाल के मौजूदा हालात पर बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि यह सब कांग्रेस की भूल है. उन्होंने कहा कि वहां अराजकता इसलिए हो रही है क्योंकि कांग्रेस ने इन देशों को अलग-थलग रखा है. चौधरी ने कहा कि अगर नेपाल आज भारत का हिस्सा होता तो नेपाल में शांति और खुशहाली होती.

डिप्टी सीएम ने कहा कि वहां लोगों में असंतोष है, लेकिन अराजकता नहीं होनी चाहिए. मैंने फिर कह रहा हूं कि अगर आज नेपाल भारत का हिस्सा होता, तो नेपाल भी समृद्ध होता. अगर पाकिस्तान भारत का हिस्सा होता, तो आज वह भी भारत के साथ समृद्ध होता. मैं स्पष्ट कर रहा हूं कि यह कांग्रेस की गलती है, जिसकी वजह से हमें यह सब झेलना पड़ रहा है.

नेपाल में भड़की हिंसा में अब तक 24 की मौत

सोशल मीडिया बैन के खिलाफ भड़की हिंसा में अब तक करीब 24 लोगों की मौत हो गई है जबकि सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं. नेपाल की सरकार गिर गई है. प्रधानमंत्री केपी शर्मी ओली समेत कई मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. फिलहाल नेपाल में सैन्य शासन लगा हुआ है.

हिंसा की वजह से नेपाल में अरबों का नुकसान हुआ है. प्रदर्शनकारियों ने कई मंत्रियों के घर फूंक दिए. संसद तक में आग लगा दी गई. सैंकड़ों घर जलकर खाक हो गए. उपद्रवियों ने पूर्व पीएम की पत्नी को भी आग के हवाले कर दिया. उनकी मौत हो गई. इतना ही नहीं, कई एयरपोर्ट पर आगजनी और तोड़फोड़ की गई. हिंसा को देखते हुए राष्ट्रपति तक ने इस्तीफा दे दिया.

वहीं, सोशल मीडिया पर बैन हटने के बाद भी हिंसा जारी है. इस बीच राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने प्रदर्शनकारियों को बातचीत के लिए बुलाया है. सरकार गिरने के बाद काठमांडू के मेयर को अंतरिम पीएम बनाने की मांग होने लगी.

आंध्र प्रदेश के इस गांव में फैली रहस्यमय बीमारी, 2 महीने में 20 लोगों की मौत; लगाई गई हेल्थ इमरजेंसी

आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के तुराकापालेम गांव में इस समय लोग डरे-सहमे हैं. वजह यहां दो महीनों में एक रहस्यमय बीमारी से अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है. गांव के लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर किस वजह से अचानक ये मौतें हो रही हैं. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गांव में हेल्थ इमरजेंसी लगा दी है. साथ ही डॉक्टरों की एक टीम को गांव में जांच के लिए भेजा है.

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. रघुनंदन के नेतृत्व में एक टीम तुराकापालेम गांव गई और वहां से ग्रामीणों के ब्लड सैंपल लिए गए. ब्लड सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है. हम लोगों को ‘मेलियोइडोसिस’ नामक एक जीवाणु संक्रमण का संदेह है. यह संदेह प्रारंभिक प्रयोगशाला रिपोर्टों पर आधारित है, जिनमें ग्रामीणों में इस संक्रमण के दो मामलों की पुष्टि हुई है

बता दें कि ‘मेलियोइडोसिस’ एक गंभीर जीवाणु संक्रमण है, जो बर्कहोल्डेरिया स्यूडोमैली नामक जीवाणु के कारण होता है, जो आमतौर पर मिट्टी और रुके हुए पानी में पाया जाता है. खासकर मानसून और बाढ़ के मौसम में ये फैलता है. हालांकि इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के लंबे कोर्स से संभव है, लेकिन समय पर इलाज होना बेहद जरूरी है.

क्या बोले तुराकापालेम गांव के लोग?

वहीं तुराकापालेम गांव के लोगों को शक है कि इन मौतों की वजह दूषित पेयजल है. इसलिए अधिकारी बाहर से खाना और पीने का पानी लाकर गांव के सभी लोगों को बांट रहे हैं. 2,500 की आबादी वाले तुराकापालेम गांव में 9 शिविर लगाए गए हैं. ये शिविर घर-घर जाकर स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूकता कर रहे हैं.

वहीं सभी ग्रामीणों के ब्लड सैंपल गुंटूर, तेनाली और विजयवाड़ा के अस्पतालों में जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत तुराकापालेम गांव में मेडिकल टीम के 50 सदस्य जांच कर रहे हैं. बीते दो दिनों में चार लोगों को बेहतर इलाज के लिए गुंटूर जीजीएच में ट्रांसफर किया गया है.

फेफड़ों तक पहुंच रहा इंफेक्शन


स्वास्थ्य अधिकारियों ने मौतों में एक पैटर्न देखा है, जिसमें ज्यादातर पीड़ित लगभग 55 वर्ष की आयु के पुरुष थे, जिन्हें अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी थीं. लक्षण बुखार और खांसी से शुरू होकर फेफड़ों तक पहुंच रहे हैं. फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं.

मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि, “तुराकापालम गांव में लगातार हो रही मौतों को गंभीरता से लेते हुए गांव में हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की है. बीमारी से पीड़ित सभी लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है. उन्होंने अधिकारियों को गांव में स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने, सभी ग्रामीणों की जांच और एक व्यापक हेल्थ प्रोफाइल तैयार करने का निर्देश दिया है.

आधार को माना जाए 12वां दस्तावेज… बिहार में SIR पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

बिहार में एसआईआर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया. सोमवार को चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि चुनाव अधिकारियों द्वारा आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में माना जाएगा. आधार कार्ड की प्रामाणिकता और वास्तविकता की जांच करने का अधिकार अधिकारियों को रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसे नागरिकता के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा. चुनाव आयोग इस आदेश की जानकारी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करे.

चुनाव आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि आधार पहचान का प्रमाण हो सकता है, नागरिकता का नहीं. वहीं, सिब्बल ने जोर दिया कि यह 12वां दस्तावेज होगा, जिसे उन्हें स्वीकार करना होगा. गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि वे इसका विरोध क्यों कर रहे हैं? जस्टिस कांत ने कहा कि अगर इसे 12वां दस्तावेज माना जाता है, तो इसमें क्या समस्या है?

द्विवेदी ने कहा कि इसे पासपोर्ट की तरह ट्रीट नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार से अगर कोई आवेदन करता है और अगर आपको संदेह है तो जांच करा लें. शीर्ष अदालत ने कहा कि विधायी स्थितियों में आधार है तो आप उस परिधि को लांघ नहीं सकते. चुनाव आयोग ने कहा कि हम पासपोर्ट की तरह आधार को नहीं स्वीकार कर सकते. बिहार में सभी 11 दस्तावेजों को पेश करने में सक्षम हैं.

जस्टिस कांत ने कहा कि लोगों ने हर तरह के दस्तावेज जाली बनाए हैं, लेकिन चुनाव आयोग उनकी पुष्टि कर सकता है. एडवोकेट अश्विनी कुमार उपाध्याय ने कहा कि अगर किसी के पास 11 दस्तावेज नहीं हैं, तो उसके पास आधार कार्ड कैसे है? वकील ग्रोवर ने कहा कि गरीबों के पास यही एकमात्र दस्तावेज है. द्विवेदी ने कहा कि हम जानते हैं कि कौन गरीबों को हटाना चाहता है.

सिब्बल ने कहा कि मैं सिर्फ पहचान की बात कर रहा हूं. मेरी पहचान स्वीकार करें. एक वकील ने कहा कि गलत व्यक्ति को भी शामिल करना प्रतिकूल होगा. जस्टिस कांत ने कहा जो इस देश के असली नागरिक हैं, उन्हें वोट देने का अधिकार है. जो लोग जाली दस्तावेजों के आधार पर नागरिकता का दावा कर रहे हैं, उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं है.

आधार पर कानून बिल्कुल स्पष्ट- सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस कांत ने कहा कि आधार पर कानून बिल्कुल स्पष्ट है. आधार आधिकारिक दस्तावेजों में से एक है. चुनाव आयोग इसे लेंगे और इसकी जांच करेंगे. द्विवेदी ने कहा कि आधार निवास के लिए दिया जा सकता है. जस्टिस बागची ने कहा कि अधिनियम के एक प्रावधान में आधार को निवास के दस्तावेज़ के रूप में विशेष रूप से संदर्भित किया गया है. जस्टिस कांत ने कहा कि जरूर कहीं कोई भ्रम हो रहा है.

द्विवेदी ने कहा कि आधार को डिजिटल रूप से अपलोड किया जा सकता है. कानूनी अधिकारियों को भी अपलोड करने की अनुमति है. हम इसे नागरिकता का प्रमाण नहीं मान रहे हैं. हम इस बात से सहमत नहीं हैं कि चुनाव आयोग को मतदाता सूची संशोधन के लिए यह निर्धारित करने का अधिकार नहीं है कि कोई व्यक्ति नागरिक है या नहीं. मतदाता सूची के संदर्भ में हमें इसकी जांच करने का अधिकार है.

आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं पर एक दस्तावेज तो है- SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मानते हैं कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है, लेकिन एक दस्तावेज है जो राशन कार्ड या ईपीआईसी की तरह हैं. द्विवेदी ने कहा कि हम आधार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक और कानून के मुताबिक स्वीकार कर रहे हैं। लेकिन उसे नागरिकता का प्रमाण नहीं मान रहे हैं, लेकिन हम नागरिकता नहीं जांच रहे हैं. सिब्बल ने कहा कि इस न्यायालय के तीन आदेश हैं, जिनमें कहा गया है कि आधार स्वीकार किया जाए. खुद बीएलओ के बयान हैं, जिनमें कहा गया है कि आधार स्वीकार नहीं किया जा सकता.

सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार को स्वीकार किया जाए. बीएलओ अवमानना ​​कर रहे हैं, उन्होंने बीएलए को सूचित किया है कि उन्हें 11 में से एक दस्तावेज की आवश्यकता होगी, मैं सबूत दिखाऊंगा. चुनाव आयोग 11 दस्तावेजों के अलावा अन्य दस्तावेज स्वीकार करने वाले अधिकारियों को दंडित कर रहा है. बीएलओ को 11 दस्तावेजों के अलावा अन्य दस्तावेज स्वीकार करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. बीएलओ ने हस्ताक्षरित बयान दिए हैं. जस्टिस कांत ने कहा कि हमें कारण बताओ नोटिस दिखाएं.

BLO नागरिकता तय नहीं कर सकता- सिब्बल

चुनाव आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि राजद का आवेदन कल रात हमें दिया गया. सिब्बल ने कहा कि कृपया देखें कि उन्होंने कितनी अवमानना ​​की है जबकि न्यायाधीश ने आदेश दिया था. जस्टिस कांत ने कहा कि क्या आप नागरिकता के प्रमाण के रूप में आधार को स्वीकार करना चाहते हैं? सिब्बल ने कहा नहीं, निवास प्रमाण के रूप में. बीएलओ वैसे भी नागरिकता तय नहीं कर सकता. चुनाव आयोग ने निर्देश जारी किए हैं कि सिर्फ आधार को स्वीकार न किया जाए. मैं सिर्फ आधार को स्वीकार करना चाहता हूं ताकि मैं वोट दे सकूं.

त्योहारी सीजन पर मुंबई में सुरक्षा के कड़े इंतजाम, 30 दिनों तक ड्रोन पर बैन

मुंबई पुलिस ने गणेश विसर्जन के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. 6 सितंबर से अगले 30 दिनों तक शहर में ड्रोन, पैराग्लाइडर्स, गुब्बारे, और अन्य किसी भी प्रकार की उड़ने वाली वस्तुओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. आज से 5 अक्टूबर तक यह आदेश लागू रहेगा. यह निर्णय विशेष रूप से गणपति विसर्जन और उससे जुड़ी भीड़भाड़ के मद्देनज़र लिया गया है, जिससे किसी भी संभावित खतरे घटना को रोका जा सके.

मुंबई शहर में 6 सितंबर से 5 अक्टूबर तक हॉट एयर बैलून, रिमोट-कंट्रोल माइक्रोलाइट विमान, पैराग्लाइडर, पैरामोटर, हैंग ग्लाइडर और ड्रोन उड़ाने पर अस्थायी प्रतिबंध लागू किया गया है. यह प्रतिबंध प्रतिदिन रात 12:01 बजे से लेकर रात 12:00 बजे तक प्रभावी रहेगा. केवल मुंबई पुलिस द्वारा की जाने वाली हवाई निगरानी या उपायुक्त (संचालन) से पूर्व लिखित अनुमति प्राप्त गतिविधियों को इससे छूट दी गई है. पुलिस सुरक्षा व्यवस्था पर अपनी नजर बनाए हुए है.

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत जारी प्रतिबंध 6 सितंबर से प्रभावी होकर 5 अक्टूबर 2025 तक कुल 30 दिनों की अवधि के लिए लागू रहेंगे. इन नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर जुर्माना लगाया जा सकता है और गिरफ्तारी भी की जा सकती है.

उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई

मुंबई इन दिनों गणेश उत्सव की धूम में डूबा हुआ है, बप्पा की भक्ति का रंग चढ़ा हुआ है. खासकर लालबागचा राजा के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में भक्त उमड़ रहे हैं, इन दिनों काफी भीड़ भी देखी जा रही है. इनमें आम लोग ही नहीं, बल्कि फिल्मी सितारे और कई वीआईपी हस्तियां भी शामिल हैं. इस भारी भीड़ और लगातार बढ़ती आवाजाही को देखते हुए मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था को पहले से कहीं और ज्यादा मजबूत किया गया है.

पीएम मोदी की मां पर टिप्पणी के विरोध में बिहार बंद: पटना और दानापुर में बीजेपी का प्रदर्शन

पटना/दानापुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां के खिलाफ महागठबंधन के मंच से की गई कथित अभद्र टिप्पणी के विरोध में एनडीए ने आज पांच घंटे का बिहार बंद बुलाया। सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक चले इस बंद का असर पटना और दानापुर में देखने को मिला, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

विरोध प्रदर्शन और आगजनी

पटना के पश्चिम दरवाजा मोड़ पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़क पर टायर जलाकर आगजनी की। हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लिए कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे। दानापुर में भी सड़कों पर आगजनी और नारेबाजी की गई, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं।

'राहुल गांधी-तेजस्वी यादव माफी मांगें'

बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल खुद सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करते दिखे। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के मंच से पीएम मोदी की दिवंगत मां को गाली दी गई, जिनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव से देश से माफी मांगने की मांग की।

भाजपा नेता संजय मयूख ने कहा कि इस बंद में बिहार की माताएं और बहनें शामिल हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि गाली देकर कोई भाग नहीं सकता, बिहार की जनता उन्हें करारा जवाब देगी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने इस घटना को 'बेहद शर्मनाक' बताया। उन्होंने कहा कि पीएम की दिवंगत मां के साथ दुर्व्यवहार किया गया और राहुल-तेजस्वी ने अब तक माफी नहीं मांगी है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी के किसी नेता ने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया होता, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती।

बंद का शेड्यूल

एनडीए द्वारा बुलाए गए पांच घंटे के इस बंद के दौरान स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान, इंटरसिटी बस सेवा, सरकारी दफ्तर और निजी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। हालांकि, मेडिकल और जरूरी चीजों की दुकानें, पेट्रोल पंप और रेलवे सेवाएं खुली रहीं।

वैष्णो देवी लैंडस्लाइड में दिल्ली का एक परिवार खत्म, दादी ने रोते हुए सुनाई हादसे की कहानी

जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी में हुए लैंडस्लाइड के कारण दिल्ली के बुराड़ी इलाके में रहने वाले एक ही परिवार के चार सदस्यों सहित उनके दो रिश्तेदारों की मौत हो गई. वहीं, इस हादसे दो बच्चे घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है. घटना के बाद से ही मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. 16 लोगों का जत्था एक साथ बुराड़ी से माता वैष्णो देवी यात्रा के लिए निकला था, जिसमें से करीब 6 लोगों की यह आखिरी यात्रा बन गई.

बुराड़ी के केशव नगर कॉलोनी में रहने वाला एक परिवार और उनके रिश्तेदार सहित 16 लोगों का एक ग्रुप 23 अगस्त को जम्मू-कश्मीर स्थित वैष्णो देवी यात्रा के निकला था. इन लोगों ने 29 अगस्त को वापस लौटने की योजना बनाई थी. हालांकि, इससे पहले 26 अगस्त को हुए वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर लैंडस्लाइड के कारण एक बड़ा हादसा हो गया. हादसे की चपेट में आने से बुराड़ी के रहने वाले अजय, उनके भाई राजा (40) राजा की पत्नी पिंकी और उनकी बेटी दीपांशी (12) की मौत हो गई.

एक ही परिवार के 4 लोगों सहित 6 की मौत

वहीं, गाजियाबाद के रहने वाले उनके रिश्तेदार की बेटी तान्या (17) और बेटे पुकार (23) की भी लैंडस्लाइड में दबने से दर्दनाक मौत हो गई. इस पूरी यात्रा की प्लानिंग राजा ने की थी. वह अपने बेटे का मुंडन कराने के लिए मां, भाई, पत्नी, बेटी और रिश्तेदारों वैष्णो देवी यात्रा के लिए निकले थे. यात्रा में 16 लोग शामिल थे, जिसमें राजा, उनकी पत्नी पिंकी, उनकी बेटियां दीपांशी (9) और आरोही (6), बेटा अयांश, राजा के बड़े भाई अजय (49), उनकी मां राम कुमारी के अलावा पिंकी की बहनें सुमन, पूनम और पिंकी के परिवार के सात सदस्य थे.

पहली यात्रा पर निकले थे

सभी लोग बहुत ही हंसी-खुशी माता रानी का जयकारा लगाते जा रहे थे. इसी बीच यह हादसा हो गया. राजा की मां को छोड़कर बाकी सभी लोग पहली बार वैष्णो देवी यात्रा के लिए निकले थे. राजा की मां राम कुमारी ने बताया कि वह अपनी पोती आरोही के साथ पालकी पर बैठकर अर्धकुंवारी गुफा मंदिर की तरफ जा रही थीं. इसी बीच परिवार और रिश्तेदार उनके पीछे-पीछे पैदल आ रहे थे, तभी एक दम से लैंडस्लाइड होने लगा, जिसमें सभी लोग फंस गए.

‘बेटा मुझे कोई नहीं मिल रहा…’

इस दौरान चारों तरफ भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी. सभी लोग अपने-अपने परिजनों की तलाश कर रहे थे. इस बीच बुजुर्ग महिला राम कुमारी ने अपने पोते और राजा के भतीजे यश को फोन किया. महिला ने इस दौरान कहा कि बेटा मुझे कोई मिल नहीं रहा… यहां हादसा हो गया है. बाद में महिला को पता चला कि इस हादसे में उनके परिवार उजड़ गया. उनके दोनों बेटों, बहू और पोते की मौत हो गई हैं.

वोटर अधिकार यात्रा' में खोई बाइक, राहुल गांधी ने युवक को भेंट की नई मोटरसाइकिल

पटना: बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' का समापन रविवार को पटना में हुआ। इस यात्रा के दौरान एक दिल छू लेने वाली घटना सामने आई, जहां राहुल गांधी ने दरभंगा के एक होटल संचालक को उसकी खोई हुई बाइक के बदले नई मोटरसाइकिल की चाबी सौंपी।

यह घटना 27 अगस्त को दरभंगा में हुई थी, जब राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने बाइक रैली निकाली थी। दरभंगा में होटल चलाने वाले शुभम सौरभ ने बताया कि रैली के लिए सुरक्षाकर्मियों ने उनके परिसर में खड़ी सात मोटरसाइकिलों का इस्तेमाल किया था। रैली के बाद, शुभम की एक पल्सर 220 बाइक गायब हो गई थी, जिससे वह काफी परेशान थे।

राहुल गांधी ने मंच पर सौंपी चाबी

अपनी बाइक खोने के बाद, शुभम ने पार्टी के लोगों से संपर्क किया। उन्हें पटना में यात्रा के समापन समारोह में आने के लिए कहा गया, जहां उन्हें एक नई बाइक देने का आश्वासन दिया गया। शुभम ने बताया कि उन्हें सुबह 7 बजे तक पटना पहुंचने के लिए कहा गया था। उन्होंने बताया कि जब राहुल गांधी का काफिला आया, तो उन्हें मंच पर बुलाया गया और राहुल गांधी ने खुद अपने हाथों से उन्हें उनकी खोई हुई पल्सर 220 बाइक की चाबी सौंपी।

शुभम ने राहुल गांधी को धन्यवाद देते हुए कहा, "बहुत-बहुत धन्यवाद, उन्होंने हमें बुलाकर नई बाइक दी। बहुत बढ़िया लगा। हमें स्टेज पर बुलाया गया और अपने हाथ से राहुल गांधी ने हमें बाइक की चाबी दी।"

'वोटर अधिकार यात्रा' का समापन

बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई थी और कई जिलों से होकर गुजरने के बाद 1 सितंबर को पटना में समाप्त हुई। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य बिहार में मतदाता सूची के संशोधन (SIR) और 'वोट चोरी' के खिलाफ जागरूकता फैलाना था। यात्रा के समापन के दौरान राहुल गांधी ने कहा, "महादेवपुरा में हमने एटम बम गिराया था, अब हम हाइड्रोजन बम गिराने जा रहे हैं।"

पश्चिम बंगाल में 13.69 प्रतिशत फर्जी मतदाता, SIR से पहले रिसर्च रिपोर्ट में बड़ा दावा

देशभर में मतदाता सूची को लेकर राजनीतिक दलों के बीच चल रही बहस अब पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई है. बिहार में चुनाव आयोग के विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान (SIR) के दौरान लाखों नाम काटे जाने के बाद अब पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य की मतदाता सूची में करीब 13.69 प्रतिशत नाम फर्जी या मृतकों के हैं.

बिहार में 65 लाख से अधिक मतदाता सूची से हटाए जाने के बाद अब चुनाव आयोग ने संकेत दिया है कि पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर अभियान चलाया जाएगा. हालांकि आयोग ने इस प्रक्रिया की समय-सीमा स्पष्ट नहीं की है.

पश्चिम बंगाल में आखिरी बार मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण 2002 में हुआ था. बीते 22 वर्षों में इस सूची की ठीक से समीक्षा नहीं की गई, जिसके चलते मृतकों और डुप्लीकेट नामों को हटाया ही नहीं गया.

शोध रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े

अगस्त 2025 में प्रकाशित शोध Electoral Roll Inflation in West Bengal: A Demographic Reconstruction of Legitimate Voter Counts (2024) में विद्यु शेखर (एसपी जैन, मुंबई) और मिलन कुमार (आईआईएम विशाखापत्तनम) ने पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची का गहन विश्लेषण किया है. अध्ययन के अनुसार, 2024 की मतदाता सूची में करीब 1.04 करोड़ अतिरिक्त नाम मौजूद हैं. यह कुल सूची का लगभग 13.69 प्रतिशत है. शोध में चेतावनी दी गई है कि यह आंकड़ा न्यूनतम है, वास्तविक संख्या इससे भी अधिक हो सकती है.

शोध में दावा किया गया है कि बिहार की तरह पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में भी मृत लोगों के नाम बड़े पैमाने पर दर्ज हैं। 2004 की सूची में राज्य में 4.74 करोड़ मतदाता थे. बीस साल बाद प्राकृतिक मृत्यु दर और उम्र के आधार पर अनुमान लगाया गया कि इनमें से लगभग एक करोड़ लोग अब जीवित नहीं हैं। इसके बावजूद उनके नाम मतदाता सूची से हटाए नहीं गए हैं.

अध्ययन के अनुसार, 1986 से 2006 के बीच जन्मे और 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले नए मतदाताओं को जोड़ने और प्रवासन को घटाने के बाद, 2024 में पश्चिम बंगाल में वैध मतदाताओं की संख्या करीब 6.57 करोड़ होनी चाहिए थी, लेकिन चुनाव आयोग के आंकड़ों में यह संख्या 7.61 करोड़ दर्ज है यानी करीब 1.04 करोड़ नाम अतिरिक्त पाए गए। यह अंतर चुनावी नतीजों पर बड़ा असर डाल सकता है.

अल्पसंख्यक इलाकों में मतदाताओं की संख्या में इजाफा

शोध में यह भी पाया गया कि अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में मतदाता संख्या में असामान्य वृद्धि हुई है. कई क्षेत्रों में मतदाता संख्या वास्तविक जनसंख्या से भी अधिक दर्ज की गई. साथ ही 2011 के बाद राज्य से होने वाले पलायन को भी सूची में नहीं जोड़ा गया, जबकि यह संख्या लगातार बढ़ रही है. अगर इसे शामिल किया जाता तो वैध मतदाताओं की संख्या और कम हो जाती.

बिहार के अनुभव को देखते हुए अब पश्चिम बंगाल में भी यह आशंका गहराने लगी है कि बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से नाम हट सकते हैं. इससे राजनीतिक दलों के बीच टकराव और बढ़ सकता है. विपक्ष जहां इसे फर्जी वोटरों को बचाने की साजिश बताएगा, वहीं सत्तारूढ़ दल इसे लोकतंत्र की मजबूती और पारदर्शिता के लिए आवश्यक कदम करार दे सकता है.

जम्मू बाढ़: शख्स ने बाढ़ में फंसे बछड़े की जान बचाई, वीडियो हुआ वायरल

जम्मू: जम्मू में बाढ़ के कहर के बीच इंसानियत की एक मिसाल पेश करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक शख्स अपनी जान जोखिम में डालकर एक बछड़े को बाढ़ के पानी से बचाता हुआ दिख रहा है।

पिछले हफ्ते से हो रही भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने जम्मू में भारी तबाही मचाई है। निचले इलाके पूरी तरह से जलमग्न हैं और लोग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। इसी बीच, नरिंदर सिंह नाम के एक व्यक्ति ने इंस्टाग्राम पर एक दिल छू लेने वाला वीडियो साझा किया।

वीडियो में, एक शख्स ठंड से कांपते हुए एक बछड़े को प्लास्टिक में लपेटकर अपने कंधे और पीठ पर रखकर सुरक्षित जगह पर ले जाता दिख रहा है। शख्स का यह साहसिक कदम अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।

वीडियो को 28 अगस्त, 2025 को शेयर किया गया था और अब तक इसे 40,000 से ज्यादा बार देखा जा चुका है। लोग शख्स के इस काम की जमकर तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "यह काम शख्स के साहस और करुणा को दर्शाता है।" वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, "यकीन मानिए, ये शख्स वाकई एक रत्न है। यह आदमी बहुत ही सम्मान का हकदार है।"

जम्मू में बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन के कारण पुलों और सड़कों जैसे बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। ऐसे मुश्किल हालात में, यह वीडियो न केवल इंसानियत बल्कि जानवरों और इंसानों के बीच के अटूट प्रेम और दया की भी एक खूबसूरत मिसाल पेश करता है।