सभा कर नए टैक्स रिफॉर्म चर्चा की, जीएसटी एक्सपर्ट महेन्द्र गोयल ने प्रश्नों का दिया जवाब।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।कन्फेडरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफार्म को लेकर अपने सदस्यों की एक आवशयक बैठक सिविल लाइन्स होटल कान्हा रेजीडेंसी में सम्पन्न की।बैठक में जीएसटी ग्रीवांस कमेटी के सदस्य एवं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र गोयल ने सदसयों के सवाल।
उनके पास बचे हुए माल का क्या होगा
पर जवाब देते हुए बताया कि जीएसटी कानून में “इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC )एक्चुअल टैक्स क्रेडिट पर पर उपलब्ध होता है ना कि बाद में घटाई या बढ़ाई गई दर पर।स्पष्ट करते हुए कहा कि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16(1) पंजीकृत व्यक्ति को उसकी आवक आपूर्ति पर लगाए गए इनपुट टैक्स का क्रेडिट लेने का अधिकार देती है जिसका उपयोग वह अपने व्यवसाय के दौरान या उसे आगे बढ़ाने के लिए करता है या करने का इरादा रखता है।व्यवसाय, निर्धारित शर्तों और प्रतिबन्धों के अधीन और सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 49 के तहत प्रदान की गई विधि के अनुसार जो उसके ई-क्रेडिट लेजर में जमा हो जाता है।तदनुसार यदि किसी पंजीकृत व्यक्ति को आवक आपूर्ति प्राप्त होती है और उस पर विधिवत कर लगाया गया है ऐसी दर पर जो ऐसी आपूर्ति के समय प्रचलित दर के अनुरूप है तो उक्त पंजीकृत व्यक्ति सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 49 में निर्दिष्ट अन्य शर्तों/प्रतिबन्धों और तरीके के अधीन भुगतान किए गए ऐसे कर के क्रेडिट का हकदार है।
ऐसी वस्तु जो पहले करयोग्य थी और अब कर मुक्त हो गई हैं।
इस पर बताया कि ऐसे व्यापारियों को अपने बचे स्टॉक और रॉ मटेरियल पर दी गए टैक्स को रिवर्स करना होगा।
व्यापारियों को समझाया कि टैक्स सरकार का पार्ट होता है। विक्रेता बेसिक प्राइस पर टैक्स लगता है और खरीदार उस बेसिक प्राइस पर अपना प्रॉफिट जोड़ कर टैक्स लगता है अतः जीएसटी की दर कम या ज्यादा होने से बेसिक प्राइस पर कोई फर्क नहीं आता है और ना ही व्यापारी के मुनाफे पर कोई असर होता है।अतः व्यापारी को 22 सितम्बर से अपने वर्तमान बिक्री मूल्य पर परिवर्तित टैक्स को अप्लाई करना चाहिए।स्पष्ट करते हुए महेन्द्र गोयल ने कहाकि यदि आपको किसी व्यापारी से 21 सितम्बर तक एडवांस के रूप में पेमेंट मिलती है और माल 22 सितम्बर के बाद बिल किया जाता है तो गई।
जीएसटी पुरानी दर
से ही लगाया जाएगा।यहाँ यह ध्यान रखना होगा कि पेमेंट आपके बैंक खाते में या बुक ऑफ़ अकाउंट में 21 सितम्बर तक क्रेडिट हो गया हो। व्यापारियों को सलाह दी कि जहाँ टैक्स की दर कम हुई हो वहाँ किसी भी सूरत में बेसिक रेट को बढ़ाकर माल बेचने की कोशिश ना करें।सरकार द्वारा दी गई जीएसटी के राहत का फायदा जनता तक पहुँचाना व्यापारी का कर्तव्य है और राष्ट्र हित में ऐसा किया जाना आवश्यक भी।सरकार ने एक एंटी प्रोफिटिंग कमेटी के माध्यम से इस तरह की हरकतों पर अपनी पैनी नजर रखेगी ।यह भी कहाकि फ्रिज एलसीडी डिश वाशर एयर कंडीशन जूते कपड़े कार टू व्हीलर आदि में कर की कटौती का असर ग्राहक को तुरंत मिलने लगेगा परन्तु खुदरा बाजार में एफ एम सी जी उत्पाद में इसका असर दिखने में थोड़ा समय लग सकता है।क्यूँकि निर्माता से लेकर रिटेलर तक लगभग 4 माह से अधिक का माल बाजार में होता है।सभा में मुख्य रूप से महेन्द्र गोयल विभु अग्रवाल, अजय गुप्ता अनुपम अग्रवाल, तरुण सावला गौतम अरोरा पियूष गोयल अतुल अग्रवाल अन्नू पांडेय विनायक सराफ अजय केसरवानी शिशिर केसरवानी संदीप अग्रवाल सौरभ अग्रवाल आशुतोष गोयल तरंग अग्रवाल अभिषेक अग्रवाल के के अग्रवाल अंकित अग्रवाल पियूष अग्रवाल ज्ञानेश पुरवार मोहित अग्रवाल आशीष अग्रवाल आशीष केसरी अनुज गुप्ता अनूप जायसवाल मनीष शुक्ला विवेक पुरवार शुभम केसरवानी आदि व्यापारी उपस्थित रहे।
Sep 08 2025, 17:42