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छत्तीसगढ़ आएंगे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, सीएम साय ने ली अफसरों की बैठक, तैयारियों को लेकर दिए निर्देश

रायपुर- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 22 जून को छत्तीसगढ़ आएंगे. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय गृह मंत्री के प्रवास को लेकर आज अधिकारियों की बैठक ली और तैयारियों को लेकर निर्देश दिए. बता दें कि अमित शाह नया रायपुर में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के कैंपस और फॉरेंसिक लैब का भूमिपूजन करेंगे. सुरक्षा कैंप में जवानों से संवाद करेंगे. अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी करेंगे.

बैठक में गृह मंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, पी. दयानंद, डॉ. बसव राजू एस, प्रशासन एवं पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

पहली बार राजधानी पहुंचे बीजापुर के सुदूर गांवों के युवा, मुख्यमंत्री से आत्मीय मुलाकात कर रखी अपनी बात

रायपुर-  इच्छाशक्ति, संवेदना और समावेशी नीति से हमने बस्तर में बदलाव की नई शुरुआत की है। बस्तर के युवाओं का आत्मबल ही हमारी प्रेरणा है और हम सब मिलकर नया बस्तर गढ़ेंगे। आप सभी ने पहली बार राजधानी रायपुर को देखा है, आप सभी का यहां स्वागत है और आपकी यह यात्रा सुखद और चिरस्मरणीय हो। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज अपने निवास में प्रदेश के सुदूर और नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के नियद नेल्ला नार ग्राम पंचायतों के 96 युवक-युवतियों के दल से आत्मीय संवाद कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 'नियद नेल्ला नार' जैसी योजनाओं के माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास की नई राह खोल रही है। उन्होंने कहा कि आप छत्तीसगढ़ के भविष्य हैं और आप सभी की भागीदारी से ही हम बस्तर क्षेत्र और प्रदेश को आगे लेकर जायेंगे। श्री साय ने कहा कि 'नियद नेल्ला नार’ योजना से जुड़कर जहां गांवों की तस्वीर बदल रही है, वहीं युवाओं को भी आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक जीवन मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि हमारी सरकार आपके क्षेत्र में शांति व्यवस्था स्थापित करने में जुटी हुई है और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने ठान लिया है कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि माओवादी आपके क्षेत्र में विकास नहीं चाहते, लेकिन विकास के रास्ते आने वाली सभी बाधाओं को हम दूर करेंगे। बस्तर का मनोबल हमें नक्सलवाद जैसी कुरीतियों को जड़ से समाप्त करने की ऊर्जा दे रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर आपके क्षेत्र में घने जंगल, मनमोहक झरने और ऊँचे पहाड़ हैं। वहां भूमि उपजाऊ है और अच्छी खेती होती है। हमारी सरकार खेती को समृद्ध बनाने के लिए पानी की सुविधा आप तक पहुंचाने का काम कर रही है। श्री साय ने कहा कि आप सभी खेती को बढ़ावा दें और जो विद्यार्थी हैं, वे मन लगाकर अच्छी शिक्षा प्राप्त करें। प्रदेश के विकास में आपका सहयोग हमारे लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने ‘बस्तर ओलंपिक’ और ‘बस्तर पंडुम’ जैसे आयोजनों का उल्लेख करते हुए कहा यह बस्तर की आत्मा की अभिव्यक्ति हैं। इन आयोजनों में हजारों युवाओं, महिलाओं और बच्चों की भागीदारी ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि बस्तर अब नए युग की ओर अग्रसर है। बस्तर की कला, संस्कृति और धरोहर को संजोने का कार्य हम सब मिलकर आगे भी करते रहेंगे। आज बस्तर वासियों ने यह दिखा दिया है कि वे हिंसा नहीं, शांति और विकास चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर की धरती वीरता, धैर्य और स्वाभिमान की प्रतीक रही है और अब हम सब मिलकर इसे विकास और समृद्धि के रास्ते पर आगे लेकर जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की विभिन्न योजनाओं, कौशल प्रशिक्षण, खेल और शिक्षा के माध्यम से सरकार हर युवा को एक नया अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री साय ने युवाओं से आह्वान किया कि वे मुख्यधारा से जुड़कर समाज में बदलाव के वाहक बनें और मजबूत, सुरक्षित व समृद्ध बस्तर के निर्माण में सहभागी बनें।मुख्यमंत्री से युवाओं ने साझा किए अपने विचार, कहा – “बस्तर को बदलने का बनेंगे माध्यम

बीजापुर जिले के सुदूर गांवों से राजधानी पहुंचे युवाओं ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से खुलकर संवाद किया। युवाओं ने न सिर्फ अपने अनुभव साझा किए, बल्कि अपने सपनों और संकल्पों की भी बात की। उन्होंने कहा कि हम शिक्षा, खेल, हुनर और सेवा के रास्ते पर चलकर अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं। बस्तर को बदलना है, और हम इस बदलाव के सहभागी बनना चाहते हैं। युवाओं ने बताया कि 'नियद नेल्ला नार' योजना ने उन्हें नई पहचान और दिशा दी है।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम के साथ ही वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को बस्तर के ऐतिहासिक ‘गोंचा महापर्व’ का आमंत्रण : ‘तुपकी’ भेंट कर किया गया सम्मान

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से कल रात्रि उनके निवास परिसर में जगदलपुर विधायक किरण देव के नेतृत्व में गोंचा महापर्व आयोजन समिति के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य भेंट की। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित गोंचा महापर्व में सम्मिलित होने का न्यौता दिया। उन्होंने बताया कि छह सौ वर्षों से अधिक समय से निरंतर मनाया जा रहा यह पर्व बस्तर में सामाजिक समरसता और प्रेम का प्रतीक है।

बस्तर दशहरा के बाद सबसे ज्यादा लंबे समय तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत चंदन यात्रा के साथ 11 जून से हो चुकी है। प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि पर्व के अंतर्गत 26 जून को नेत्रोत्सव पूजा तथा 27 जून को श्री गोंचा रथयात्रा का आयोजन होगा। 5 जुलाई को बाहुड़ा गोंचा रथयात्रा के साथ महापर्व का समापन होगा। इस अवसर पर प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय को बस्तर की परंपरा अनुसार ‘तुपकी’ भेंट कर सम्मानित किया।

उल्लेखनीय है कि गोंचा महापर्व में तुपकी चलाने की सदियों पुरानी परंपरा है। बस्तर के आदिवासी पोली बांस की नली से तुपकी तैयार करते हैं, जिसमें एक विशेष पौधे का फल डालकर बलपूर्वक दबाया जाता है, जिससे पटाखे जैसी आवाज उत्पन्न होती है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आमंत्रण के लिए आभार व्यक्त करते हुए गोंचा महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

प्रतिनिधि मंडल में 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष वेदप्रकाश पाण्डे, गोंचा समिति अध्यक्ष चिंतामणि पाण्डे सहित हेमंत पाण्डे, रजनीश पाणिग्राही, नरेंद्र पाणिग्राही, सुदर्शन पाणिग्राही, पुरुषोत्तम जोशी, मुक्तेश्वर पांडे, बनमाली पाणिग्राही, दिनेश पाणिग्राही, दिलेश्वर पाण्डे, प्रशांत पाणिग्राही, देवशंकर पंडा, विजय पांडे, आत्माराम जोशी, देवकृष्ण पाणिग्राही, जयप्रकाश पाढ़ी, वैभव पाण्डे, चुम्मन पांडे, सोमप्रकाश जोशी, वेणुधर पाणिग्राही, प्रदीप पाढ़ी, सोमेश जोशी सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

पानी भरे डबरी में जा गिरी तेज रफ्तार कार, एक की मौत

खैरागढ़- जिले के खैरागढ़-धमधा मार्ग पर एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां एक तेज रफ्तार स्विफ्ट डिजायर कार अनियंत्रित होकर ग्राम गाड़ाडीह के पास सड़क किनारे स्थित डबरी में जा गिरी। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया।

मिली जानकारी के अनुसार, ललित साहू (45 वर्ष) एवं अनिरुद्ध जंघेल (55 वर्ष), दोनों निवासी ग्राम साल्हेकला, खैरागढ़ से बैंक संबंधी कार्य निपटाकर स्विफ्ट डिजायर कार से वापस लौट रहे थे। गाड़ाडीह के समीप मोड़ पर तेज रफ्तार के कारण कार का संतुलन बिगड़ गया और वह पलटकर डबरी में समा गई। हादसे के समय स्थल पर सन्नाटा था, जिससे किसी को तुरंत जानकारी नहीं मिल सकी। करीब आधे घंटे बाद वहां से गुजर रहे राहगीरों ने पलटी हुई कार देखी और तुरंत पुलिस तथा 108 एंबुलेंस को सूचना दी।

मौके पर पहुंची पुलिस और ग्रामीणों की मदद से राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया। काफी मशक्कत के बाद दोनों को बाहर निकाला गया। दुर्भाग्यवश, ललित साहू की डूबने से मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अनिरुद्ध जंघेल को गंभीर हालत में सिविल अस्पताल खैरागढ़ भेजा गया। मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

धमतरी में औषधीन पौधे की खेती कर अब किसान बनेंगे लखपति, कलेक्टर ने पहले चरण में 200 एकड़ रकबे में खेती की बनायी योजना

धमतरी- धमतरी जिला में औषधीन पौधों की खेती कर किसान लखपति बन रहे है। किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही इन खेती को बढ़ावा देने की दिशा में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने 200 एकड़ रकबे में मखाना की खेती के साथ ही नारियल, मिलेट्स और उद्यानिकी फसलों को खेती को बढ़ावा देने की कार्ययोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। धमतरी जिला में किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने एक और नई पहल की है। धमतरी जिले में विशेषकर कुरूद, मगरलोड, धमतरी विकासखण्डों में औषधीय पौधों की खेती से किसानों की आय बढ़ाने पर जल्द ही काम शुरू होगा।

धमतरी जिला में औषधीन पौधों की खेती कर किसान लखपति बन रहे है। किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही इन खेती को बढ़ावा देने की दिशा में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने 200 एकड़ रकबे में मखाना की खेती के साथ ही नारियल, मिलेट्स और उद्यानिकी फसलों को खेती को बढ़ावा देने की कार्ययोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। धमतरी जिला में किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने एक और नई पहल की है। धमतरी जिले में विशेषकर कुरूद, मगरलोड, धमतरी विकासखण्डों में औषधीय पौधों की खेती से किसानों की आय बढ़ाने पर जल्द ही काम शुरू होगा।

इसके लिए कलेक्टर ने आज गुरूवार को औषधीय पादप बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जे.सी.एस. राव के साथ बैठक की। बैठक में वनमण्डलाधिकारी श्रीकृष्ण जाधव, सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव सहित औषधीय पादप बोर्ड के सलाहकार मौजूद रहे।बैठक में धमतरी जिले में औषधीय पौधों की खेती की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। जिले में औषधीय पौधों की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी को ध्यान में रखते हुए खेती की कार्ययोजना बनाई जा रही है। पादप बोर्ड के सीईओ ने जिले में औषधीय पौधों की खेती से किसानों की आय में तेजी से बढ़ोत्तरी होने के बारे में बताया। उन्होंने एक एकड़ भूमि पर एक साल में औषधीय पौधों की खेती से किसानों को 75 हजार रूपये से लेकर एक लाख रूपये तक के शुद्ध मुनाफे की जानकारी दी।

सीईओ ने बताया कि वनभूमियों, सामुदायिक खेती अनुबंध आधारित खेती के साथ-साथ स्व सहायता समूहों को औषधीय पौधों की खेती से जोड़कर जिले को हर्बल जिले के रूप में नई पहचान दिलाई जा सकती है। सीईओ ने यह भी बताया कि इसके लिए औषधीय पादप बोर्ड द्वारा किसानों को अनुदान, प्रशिक्षण और सीडलिंक्स आदि के लिए आर्थिक सहायता भी पात्रता अनुसार दी जाएगी। किसानों के खेतों में अनुबंध खेती के तहत उगाए गए औषधीय उत्पादों को बेचने के लिए भी पादप बोर्ड द्वारा सहायता दी जाएगी। बड़ी फार्मा कम्पनियों, आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माताओं और निर्यातकों की सहायता से इन उत्पादों को देश-विदेश में बेचने में मदद कलगभग 200 एकड़ रकबे में शुरू होगी औषधीय पौधों की खेतीजिले मे पहले चरण में कुरूद, मगरलोड और धमतरी विकासखण्ड के चयनित गांवों में लगभग 200 एकड़ रकबे में औषधीय पौधों की खेती शुरू करने की प्रशासन की योजना है। अगले एक सप्ताह में विकासखण्ड स्तर पर गांवों और हितग्राहियों का चयन करने का लक्ष्य प्रशासन ने निर्धारित किया है। इसके लिए पहले से ही पंचायत स्तर पर ग्रामीणों की बैठक लेकर उन्हें औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है। जिले में खस, ब्राम्ही, लेमनग्रास, शतावरी, गिलोय, तुलसी, बच, पचौली जैसे औषधीय पौधों की खेती की योजना है। जिले में शतावरी, गिलोय, ब्राम्ही, तुलसी के लगभग 20 हजार पौधें नर्सरियों में उपलब्ध हैं। जिन्हें चालू मानसून में बूटीगढ़ और आसपास के क्षेत्र में रोपा जाएगा। इसके साथ ही लगभग 70 एकड़ रकबे में खस और 30 एकड़ में ब्राम्ही के पौधे भी रोपने की तैयारी की जा चुकी है।

जाएगी।

खेल-खेल में बच्चों ने खाया रतनजोत फल, चार की हालत नाजुक

नारायणपुर- बीती रात नेलवाड़ गाँव से एक गंभीर घटना सामने आई जहाँ एक ही परिवार के चार छोटे बच्चों ने खेल-खेल में रतनजोत का विषैला फल खा लिया। इनमें तीन सात वर्षीय बालक एवं एक चार वर्षीय बालिका शामिल हैं। सभी बच्चों को अर्ध-बेहोशी की स्थिति में जिला अस्पताल नारायणपुर लाया गया।

इस आपातकालीन स्थिति से तत्काल निपटते हुए जिला अस्पताल के आपातकालीन डॉक्टर डॉ. हिमांशु सिन्हा ने नर्सिंग स्टाफ राजबती करंगा और रूबी कुलदीप, ड्रेसर दिनेश, वार्ड बॉय रूपेन्द्र और नमिश के साथ मिलकर त्वरित कार्यवाही की। बच्चों को आवश्यक प्रक्रिया एवं आपातकालीन दवाओं के माध्यम से लगभग दो घंटे के अथक प्रयास के बाद स्थिर किया गया। चिकित्सा टीम की तत्परता और समर्पण से चारों बच्चों की जान बच सकी।

स्वास्थ्य विभाग ने इस घटना के बाद अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों पर खेलते समय सतर्क निगरानी रखें और उन्हें अज्ञात या जंगली फलों के सेवन से रोकें, विशेष रूप से रतनजोत जैसे विषैले पौधों से।

रेलवे क्रॉसिंग में मालगाड़ी रुकने से 3 घंटे परेशान हुए लोग

कोरबा- ट्रांसपोर्ट नगर रेलवे क्रॉसिंग पर एक मालगाड़ी 3 घंटे तक खड़ी रही, जिससे लंबा जाम गया। एल्युमिनियम पाउडर से लदी यह मालगाड़ी बालको नगर स्थित प्लांट जा रही थी। फाटक पर दोनों तरफ लगभग एक किलोमीटर तक यातायात प्रभावित रहा। थोड़ी देर बाद मालगाड़ी को दूसरा इंजन लगाकर आगे बढ़ाया गया। इससे पहले शारदा विहार रेलवे क्रॉसिंग पर भी बिजली कंपनी की मालगाड़ी फंस गई थी।

रेलवे विभाग का कहना है कि इस रास्ते पर चढ़ाई होने के कारण अक्सर यह समस्या होती है। कई बार गाड़ियों के आने की सूचना के बावजूद ट्रैक पर लोगों और मवेशियों की आवाजाही से भी इंजन का प्रेशर प्रभावित होता है।

स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक, फाटक बंद होने से दुकानों के सामने वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। इससे उनके व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह समस्या लगभग हर दूसरे दिन सामने आती है।

प्रदेश में बांग्लादेशियों को कांग्रेस ने ही दिया संरक्षण : गृहमंत्री विजय शर्मा

रायपुर- छत्तीसगढ़ में बांग्लादेशियों के पाए जाने पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि विगत कांग्रेस की सरकार ने अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए जो कुछ किया, वह बहुत गलत किया है. इसलिए बहुत बड़े अभियान को चलाने की जरूरत पड़ रही है.


उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि बांग्लादेशियों की पहचान के लिए सरकार प्रत्येक जिले में एसटीएफ का गठन करके उसके लिए कैंपेन करके आगे बढ़ रहे है. इसके लिए जल्द ही एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा. जिसके पास जो जानकारी होगी, वो उस टोल फ्री नंबर में दर्ज करा सकता है. और दूसरे भी डिजिटल मीडिया के माध्यम से भी फीडबैक लिया जाएगा. और उस पर कार्रवाई भी की जाएगी. और कैसे इनको वापस भेज दें, इसकी भी व्यवस्था की जाएगी.

बता दें कि हाल बांग्लादेशी दंपती सहित 10 लोगों को रायपुर पुलिस ने हिरासत में लिया है, इनमें 6 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं. इन सभी बांग्लादेशियों के पास से आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं. पकड़े गए इन बांग्लादेशियों को अब घर भेजने की तैयारी है.

धमतरी में अवैध रेत पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: दो भंडारण अनुमतियाँ रद्द, 23 वाहन और 5,000 घन मीटर से अधिक रेत जब्त

धमतरी- जिले में अवैध रेत कारोबार पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा के निर्देश पर खनिज विभाग, राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने दो रेत भंडारण अनुमतियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। यह कदम छत्तीसगढ़ खनिज नियम 2009 के अंतर्गत उठाया गया है और इसे जिले में अवैध रेत व्यवसाय के खिलाफ एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

पहली अनुमति ग्राम भरारी में वरुण कुमार साहू के नाम पर जारी की गई थी, जिसे अप्रैल 2025 में पांच वर्षों के लिए स्वीकृत किया गया था। अनुमति के अनुसार भंडारण क्षमता 6,000 घन मीटर थी, पर निरीक्षण में तय सीमा से अधिक रेत तथा अन्य अनियमितताएं पाई गईं। इस पर प्रशासन ने न केवल अनुमति रद्द की बल्कि वरुण साहू पर ₹3.86 लाख का जुर्माना भी लगाया।

दूसरी अनुमति ग्राम दोनर में शैलेन्द्र कुमार नागवंशी को जून 2023 में दी गई थी। निरीक्षण में मापदंडों का उल्लंघन पाए जाने पर यह अनुमति भी रद्द कर दी गई और ₹50,000 की प्रतिभूति राशि जब्त कर ली गई।

10 जून से अब तक की कार्रवाई:

रेत उत्खनन और परिवहन पर 10 जून से प्रतिबंध लागू होने के बाद से प्रशासन ने अब तक अवैध रूप से रेत का परिवहन करते हुए 23 वाहन (हाइवा और ट्रैक्टर) जब्त किए हैं। इसके अलावा महानदी क्षेत्र में अवैध खनन करते हुए पाई गईं 4 चैन माउंटेड मशीनें भी जप्त की गईं।

धमतरी के ढीमरटिकुर क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान लगभग 300 ट्रिप की अवैध रेत भी बरामद कर ग्राम पंचायत को सुपुर्द की गई है। वहीं अछोटा, कलारतराई, और तेन्दूकोन्हा क्षेत्रों से कुल 9 ट्रैक्टर, और लोहरसी से मिट्टी ईंट के अवैध परिवहन में प्रयुक्त 1 ट्रैक्टर को भी कब्जे में लेकर कलेक्टोरेट परिसर में सुरक्षित रखा गया है।

कलेक्टर के निर्देश:

कलेक्टर श्री मिश्रा ने खनिज विभाग और राजस्व अमले को संभावित रेत खनन क्षेत्रों में नियमित निरीक्षण करने तथा रेत के परिवहन मार्गों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अवैध रेत उत्खनन, परिवहन और भंडारण के मामलों में बिना किसी दबाव के कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

गृहमंत्री अमित शाह का दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरा : नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की रखेंगे नींव



रायपुर- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 22 और 23 जून को छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान शाह नया रायपुर में बनने जा रहे नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के कैंपस और फॉरेंसिक लैब का भूमिपूजन करेंगे। साथ ही वे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा बैठकें करेंगे और नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के सुरक्षा कैंप में जवानों से मुलाकात कर सीधे संवाद भी करेंगे। जानिए अमित शाह का मिनट टू मिनट कार्यक्रम।

पहला दिन – 22 जून 2025 (रविवार)

  • दोपहर 1:40 बजे केंद्रीय गृह मंत्री शाह रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
  • दोपहर 2:00 बजे नया रायपुर के सेक्टर-2, बंजारी में NFSU कैंपस और फॉरेंसिक लैब का भूमिपूजन करेंगे। यह कैंपस लगभग 40 एकड़ में विकसित किया जाएगा।
  • इसके बाद दोपहर 2:50 बजे वे होटल मेफेयर, रायपुर पहुंचेंगे।
  • दोपहर 3:15 से शाम 4:15 बजे तक NFSU/CFSL से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
  • शाम 4:20 से 6:20 बजे तक प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकें करेंगे।
  • शाम 6:50 से रात 7:50 बजे तक छत्तीसगढ़ में सुरक्षा परिदृश्य पर समीक्षा बैठक होगी।
  • रात्रिभोज और विश्राम होटल मेफेयर में निर्धारित है।

दूसरा दिन – 23 जून 2025 (सोमवार)

  • सुबह 11:00 बजे वे रायपुर से BSF हेलिकॉप्टर द्वारा नारायणपुर के लिए रवाना होंगे।
  • दोपहर 12:15 बजे BSF कैंप, इरकभट्टी (नारायणपुर) पहुंचेंगे।
  • इसके बाद सड़क मार्ग से नेल्लानार गांव पहुंचकर ग्रामीणों से सीधे संवाद करेंगे।
  • दोपहर 1:45 बजे BSF कैंप लौटकर दोपहर का भोजन करेंगे।
  • दोपहर 2:20 से 3:20 बजे तक सुरक्षा बलों के जवानों से संवाद करेंगे।
  • इसके बाद वे रायपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे और शाम 4:30 बजे दिल्ली लौट जाएंगे।

NFSU कैंपस और अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब की नींव रखेंगे गृह मंत्री शाह

बता दें कि नवा रायपुर में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) का कैंपस और अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब स्थापित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का भूमिपूजन 22 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किया जाएगा। इस परियोजना के लिए राज्य सरकार ने नया रायपुर के सेक्टर-2 में 40 एकड़ भूमि आवंटित की है। केंद्र सरकार लगभग ₹350 से ₹400 करोड़ की लागत से इस संस्थान की इमारतों और अन्य आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कराएगी। यह कैंपस पूरी तरह समर्पित फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के रूप में कार्य करेगा।

हाल ही में लागू किए गए नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत फॉरेंसिक साइंस की उपयोगिता काफी बढ़ गई है। खासकर उन मामलों में, जिनमें सात साल या उससे अधिक की सजा होती है, फॉरेंसिक प्रमाण और जांच अब अनिवार्य मानी जा रही है। ऐसे में NFSU का यह कैंपस राज्य के युवाओं के लिए नए शैक्षणिक और रोजगार अवसर खोलेगा।

एनएफएसयू के करीब ही फोरेंसिक लैब

इसके अलावा, विश्वविद्यालय परिसर से सटी 6 से 7 एकड़ भूमि पर एक आधुनिक फॉरेंसिक लैब भी बनाई जाएगी। दोनों परियोजनाओं का एक साथ भूमिपूजन अमित शाह द्वारा किया जाएगा।

जब तक स्थायी कैंपस का निर्माण कार्य पूरा नहीं होता, तब तक एक ट्रांजिट कैंपस के माध्यम से इसी शैक्षणिक सत्र से पढ़ाई प्रारंभ कर दी जाएगी। ट्रांजिट कैंपस की शुरुआत की तैयारी अंतिम चरण में है। यह संस्थान न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे मध्य भारत के लिए एक प्रमुख फॉरेंसिक और अनुसंधान केंद्र के रूप में उभरेगा, जिससे क्षेत्रीय न्याय व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और वैज्ञानिक जांच को बढ़ावा मिलेगा।