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अवैध रेत खनन पर कार्रवाई के दौरान चाकूबाजी : रेत माफिया ने ऑपरेटर को मारा चाकू, हालत गंभीर

धमतरी- छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में अवैध रेत खनन पर कार्रवाई के दौरान चाकूबाजी की घटना सामने आई है. पुलिस ने इस मामले में चार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं थाने से एक आरोपी भाग गया. इस मामले में एसपी ने जांच के आदेश दिए थे. ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर एक एसआई को तत्काल निलंबित किया है. वहीं अर्जुनी टीआई को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.

जिला प्रशासन की टीम ने मंगलवार रात जवरगांव, लीलर में छापा मारा. इस दौरान 3 चैन माउंटेन, एक जेसीबी और तीन हाईवा जब्त किए गए. साथ ही 400 ट्रैक्टर रेत के भंडारण पर कार्रवाई की गई. प्रशासन को जब्त वाहनों को ले जाने के लिए ऑपरेटर की जरूरत पड़ी तो ललित ध्रुव (23) को बुलाया गया. इस दौरान कुछ लोगों ने ललित पर चाकू से हमला कर दिया. घायल युवक को पहले धमतरी अस्पताल ले जाया गया. हालत गंभीर होने पर उसे रायपुर रेफर किया गया.

घटना की जानकारी मिलने पर अर्जुनी पुलिस ने मामला दर्ज कर एक संदेही अंकूर अग्रवाल को गिरफ्तार कर देर रात्रि थाना अर्जुनी में बैठाकर रखा गया था. बाद में जानकारी के आधार पर मामले में नामजद आरोपी के तौर पर उसे शामिल किया गया. इस दौरान आरोपी अंकुर पुलिस को चकमा देकर थाने से फरार हो गया. इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए. उन्होंने इस मामले में टीआई को नोटिस जारी किया है. वहीं जांच में लापरवाही पाए जाने पर थाना अर्जुनी में रात्रि ड्यूटी पर तैनात उप निरीक्षक सरिता मानिकपुरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए रक्षित केंद्र धमतरी में संबद्ध किया गया है.

वर्तमान में चाकूबाजी के मुख्य आरोपी कुलदीप के साथ अन्य तीन आरोपी अर्थात कुल चार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. घटना में प्रयुक्त चाकू भी बरामद किया गया है. एक फरार आरोपी की खोजबीन में पुलिस जुटी है. पीड़ित का इलाज जारी है.

एसपी ने कहा, धमतरी पुलिस आमजन के प्रति उत्तरदायी, पारदर्शी एवं मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील रहते हुए विधिसम्मत और मर्यादित पुलिसिंग के लिए प्रतिबद्ध है. विभाग में अनुशासन बनाए रखने, जनविश्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए लापरवाही के ऐसे मामलों में भविष्य में भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

भाई ने की बड़ी बहन की हत्या, आरोपी गिरफ्तार, जानिए वारदात की वजह

पिथौरा-  महासमुंद जिले के बसना थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां पारिवारिक विवाद में एक भाई अपनी ही सगी बड़ी बहन की डंडे से वार कर हत्या कर दी. यह घटना बसना के वार्ड नंबर 15 के आदर्श नगर की है. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस मामले की जांच कर रही.

जानकारी के अनुसार, मृतका का नाम सलमा जौहरी (उम्र लगभग 40 वर्ष) है, जिसे उसके ही भाई गोलू उर्फ सलीम जौहरी ने मंगलवार देर रात लकड़ी के गुटके से सिर पर वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. इलाज के लिए अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृतका की छोटी बहन सबनम जौहरी ने पुलिस को बताया कि परिवार में चार बहनें और एक भाई हैं. उनका भाई सलीम अपनी पत्नी के साथ अलग किराए पर रहता है, जबकि चारों बहनें अपनी मां के साथ निवास करती हैं.

सलीम अक्सर परिवार के ऊपर “मेरा ध्यान नहीं रखा जाता” कहते हुए विवाद करता था. 17 जून की रात करीब 10:30 बजे सलीम ने घर आकर गाली-गलौच शुरू कर दी. जब सलमा ने उसे समझाने की कोशिश की तो गुस्से में आकर आंगन में रखे लकड़ी के टुकड़े को सिर पर दे मारा, जिससे वह मौके पर ही बेहोश हो गई. परिजनों ने तत्काल उसे बसना के शासकीय अस्पताल पहुंचाया, लेकिन सिर पर गहरी चोट लगने के कारण उसकी मृत्यु हो गई.

इस मामले पर बसना थानेदार नरेंद्र राठौड़ ने बताया कि आवेश में आकर भाई ने बहन पर प्राण घातक हमला किया. घायल बहन को अस्पताल ले जाया गया, जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. फिलहाल मृतका की बहन की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी भाई सलीम उर्फ गोलू जौहरी के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

मीडिया पर शिकंजा कसना शर्मनाक : टी.एस. सिंहदेव

रायपुर- पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मीडिया के लिए जारी स्वास्थ्य विभाग के आदेश को शर्मनाक बताया और कहा, भाजपा सरकार ने प्रदेश में मनमानी की सारी सीमाएं पार कर, अब मीडिया पर शिकंजा कसने की शर्मनाक कोशिश शुरू कर दी है।


गोपनीयता और प्रोटोकॉल के नाम पर: -

अस्पतालों में मीडिया के प्रवेश पर रोक,

- हर रिपोर्ट के लिए पूर्व लिखित अनुमति अनिवार्य,

- और कवरेज कब, कैसे और कितनी हो, ये भी अब सरकार या अस्पताल प्रशासन तय करेगा।

गोपनीयता ऑपरेशन थिएटर में हो सकती है, अपराध पीड़ितों और उनके परिजनों की हो सकती है - मगर जनता से जुड़े मुद्दों पर नहीं। उन्हें उजागर करने और उन पर सवाल करने से मीडिया को नहीं रोका जा सकता। मीडिया का प्रथम दायित्व जनता के प्रति है, और उसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में बाधित करना संवैधानिक अधिकारों का हनन है। जहाँ मरीज़ की निजता की सुरक्षा प्राथमिकता है, वहीं अगर मरीज़ स्वयं कुछ साझा करना चाहते हैं, तो उस पर पाबंदी लगाना न केवल अलोकतांत्रिक है, बल्कि इससे व्यवस्था और प्रबंधन में आवश्यक सुधार की संभावना भी बाधित होती है। यदि कोई मीडिया संस्थान भ्रामक या तथ्यहीन खबर प्रकाशित करता है, तो वर्तमान क़ानूनों में उसके लिए पर्याप्त प्रावधान मौजूद हैं। इसलिए मीडिया पर पूर्व प्रतिबंध लगाना नाजायज़ और नागरिक अधिकारों के खिलाफ़ है। सही तथ्य सामने आने से नहीं रोके जा सकते, क्योंकि आमजन को जानकारी मिले या न मिले, मरीज़ को तो मालूम होता है कि इलाज किस स्तर का हो रहा है। शासन और प्रशासन द्वारा मीडिया पर अनुचित प्रतिबंध लगाना न तो बेहतर चिकित्सा व्यवस्था की दिशा में सहायक होगा, न मरीज़ों के हित में, और न ही संवैधानिक लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने वाला कदम होगा।

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा, शासकीय अस्पतालों में मीडिया कवरेज के लिए जारी प्रोटोकॉल को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार में स्वास्थ्य विभाग का हाल बुरा है. स्वास्थ्य विभाग की पोल खुलने से बचाने के लिए मीडिया पर प्रतिबंध लगाया गया है. अपनी नाकामी छुपाने के लिए सरकार ने मीडिया का अस्पताल में प्रवेश प्रतिबंधित किया है. स्वास्थ्य विभाग ने मीडिया के लिए आपतकाल घोषित कर दिया गया है.

हालांकि इस मामले में अब तक राज्य सरकार और न स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से कोई अधिकृत बयान सामने आया है.

अंबेडकर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में मरीजों की फोटो- वीडियो लेने पर रोक

रायपुर- राज्य शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने राज्य के किसी भी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में रोगियों की फोटो-वीडियो लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है. जब तक रोगी या उसके कानूनी अभिभावक लिखित रूप से सहमति नहीं देंगे, तब तक अनुमति नहीं मिलेगी. इस आशय का आदेश मंगलवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया. जारी आदेश के मुताबिक मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में मीडिया प्रबंधन के लिए प्रोटोकॉल निर्धारित करने का हवाला दिया है, लेकिन इसे गत दिनों राजधानी के मेकाहारा अस्पताल में हुए बाउंसर विवाद से जोड़कर देखा जा रहा हैं.

चार पेज का उक्त आदेश सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा गत 13 जून को जारी किया गया, जो मंगलवार को सार्वजनिक हुआ है. उक्त आदेश में अस्पताल के अंदर रोगियों के वार्डों या संवेदनशील क्षेत्रों में मीडिया के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध निर्धारित किया है. इसी तरह किसी भी घटना या दुर्घटना के मामले में रोगियों के नाम, पहचान या चिकित्सा स्थिति का खुलासा नहीं किया जाएगा, जब तक कानून द्वारा आवश्यक न हो.

इस आदेश में मीडिया के प्रवेश और कवरेज के लिए भी नियम बनाए गए हैं, जिसके तहत मीडियाकर्मी पहले जनसंपर्क अधिकारी से अनुमति लेगा, फिर कवरेज क्षेत्र के जाएगा, किसी भी रोगी की बिनी अनुमति संवेदनशील जानकारी उजागर नहीं करेगा, लाइव रिपोर्टिंग के लिए निर्धारित स्थान और समय निर्धारित रहेगा, ताकि अस्पताल के कामकाज पर इसका असर न हो.

इतना ही नहीं शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों से संबंद्ध चिकित्सालयों के संबंध में जो भी समाचार प्रकाशित होगा, उसकी वस्तुस्थिति से उसी दिन आयुक्त कार्यालय चिकित्सा शिक्षा विभाग को अवगत कराना अनिवार्य होगा. इस संबंध में 5 दिनों के भीतर में पालन प्रतिवेदन आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजना सुनिश्चित की जाए.

विष्णुदेव साय ने कैबिनेट बैठक में लिए 8 बड़े फैसले

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां सिविल लाईन स्थित उनके निवास कार्यालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए -

1. मंत्रिपरिषद ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति सूची में तकनीकी कारणों से शामिल होने से वंचित जातियों को प्राप्त होने वाली कतिपय सुविधाएं के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए डिहारी कोरवा, बघेल क्षत्री, संसारी उरांव तथा पबिया, पविया, पवीया समाज के विद्यार्थियों को अनुसूचित जनजाति के समतुल्य एवं डोमरा जाति के विद्यार्थियों को अनुसूचित जाति के समतुल्य राज्य मद से मात्र राज्य छात्रवृत्ति तथा शिष्यवृत्ति प्रदान किये जाने एवं छात्रावास-आश्रमों में स्वीकृत सीट के अधीन प्रवेश दिए जाने की सुविधा प्रदान करने की सहमति दी है।

2. मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत घर की छतों में सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना में राज्य शासन द्वारा उपभोक्ताओं को वित्तीय सहायता दिए जाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (CSPDCL) के माध्यम से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं के घरों पर सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने पर केंद्रीय वित्तीय सहायता के साथ-साथ राज्य की ओर से अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी जाएगी, जो सोलर प्लांट की क्षमता (1 किलोवाट, 2 किलोवाट, 3 किलोवाट और उससे अधिक) के आधार पर अलग-अलग होगी। उदाहरण के लिए, 1 किलोवाट प्लांट के लिए कुल 45,000 रूपए, (30,000 रूपए केंद्रीय और 15,000 रूपए राज्य सहायता) जबकि 3 किलोवाट या उससे अधिक के प्लांट के लिए 1,08,000 रूपए (78,000 रूपए केंद्रीय और 30,000 रूपए राज्य सहायता) की मदद मिलेगी। हाउसिंग सोसाइटी/रेसिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन के लिए भी इसी तरह की सहायता प्रस्तावित की गई है। यह अनुदान राशि CSPDCL को अग्रिम रूप से मिलेगी और वही इसे लाभार्थियों को देगी। वर्ष 2025-26 में 60,000 और 2026-27 में 70,000 सोलर पावर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इससे वित्तीय वर्ष 2025-26 में 180 करोड़ एवं 2026-27 में 210 करोड़ रूपए का वित्तीय भार आएगा।

CSPDCL इस योजना की कार्यान्वयन एजेंसी होगी और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार इसे लागू करेगी। कंपनी इस योजना के संचालन के लिए एक अलग बैंक खाता खोलेगी, जिसमें सब्सिडी की राशि रखी जाएगी और उसका हिसाब-किताब किया जाएगा। राज्य वित्तीय सहायता उन घरेलू उपभोक्ताओं को प्राथमिकता से दी जाएगी जिनके सोलर प्लांट का ग्रिड सिंक्रोनाइजेशन 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद हुआ है।

3. मंत्रिपरिषद ने राज्य में वन्यजीव, खासकर बाघों के संरक्षण और ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण पहल करते हुए ‘‘छत्तीसगढ़ टाइगर फाउंडेशन सोसायटी‘‘ का गठन करने का निर्णय लिया है। यह सोसायटी वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत काम करेगी। मध्य प्रदेश में यह 1996 से संचालित है। इसका मुख्य लक्ष्य छत्तीसगढ़ में लगातार घट रही बाघों की आबादी (फिलहाल लगभग 18-20) को बचाना है। यह संस्था स्व-वित्तपोषित होगी, जिससे सरकारी खजाने पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। यह सहयोग देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं से फंड जुटाएगी।

यह सोसायटी बाघों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों में सीधे शामिल होगी। यह स्थानीय समुदाय की भागीदारी से ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देगी, जिससे न केवल पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार और आय के अवसर भी पैदा होंगे। साथ ही, यह पर्यावरणीय शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करेगी, जिससे भविष्य के संरक्षणवादी तैयार होंगे। इस पहल से संरक्षण के लिए बाहरी धन, विशेषज्ञता और संसाधन मिलेंगे, जिससे स्थानीय समुदायों को रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे और राज्य का पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा।

यह छत्तीसगढ़ में वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी, जो जैव विविधता की रक्षा के साथ-साथ ईको-टूरिज्म को भी मजबूत आधार देगी।

4 मंत्रिपरिषद द्वारा अशासकीय अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्था ‘‘रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर की सहयोगी संस्था ‘‘विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल हेल्थ वेलफेयर एवं सेवायें, छत्तीसगढ़ (विश्वास)‘‘ को रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर में अंतर्भूत (मर्ज) करने का अनुमोदन किया गया।

5. उद्यानिकी महाविद्यालय (उद्यानिकी विश्वविद्यालय) की स्थापना के लिए बेमेतरा जिले के साजा तहसील अंतर्गत बेलगांव में राजगामी संपदा की 94.290 हेक्टेयर भूमि में से 100 एकड़ भूमि उद्यानिकी विभाग को निःशुल्क प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

6. जशपुर जिले में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा हर्बल व महुआ चाय जैसे पारंपरिक उत्पाद ‘JashPure’ ब्रांड के तहत तैयार किए जा रहे हैं। इन उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध कराने और विपणन को बढ़ावा देने हेतु इस ब्रांड को राज्य शासन अथवा CSIDC को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव का मंत्री परिषद ने अनुमोदन किया है।

ब्रांड हस्तांतरण से एग्रो व फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय कच्चे माल की मांग बढ़ेगी और आदिवासी महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। ट्रेडमार्क हस्तांतरण से राज्य पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।

7. मंत्रिपरिषद द्वारा शहीद पुलिसकर्मियों के सर्वाेच्च बलिदान को ध्यान में रखते हुए अनुकम्पा नियुक्ति हेतु जारी एकजाई पुनरीक्षित निर्देश-2013 की कंडिका 13 (3) में संशोधन करते हुए निर्णय लिया है कि - नक्सली हिंसा में शहीद पुलिस सेवकों के प्रकरण में उनके परिवार के किसी भी पात्र सदस्य (महिला या पुरूष) को विकल्प के आधार पर पुलिस विभाग के अलावा, किसी अन्य विभाग में, राज्य के किसी भी जिला, संभाग में अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकेगी। पहले अनुकम्पा नियुक्ति यथासंभव उसी विभाग या कार्यालय में देने की व्यवस्था थी, जिसमें दिवंगत शासकीय सेवक निधन के पूर्व कार्यरत था।

8. मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में गौण खनिजों के सुव्यवस्थित अन्वेषण, पूर्वेक्षण एवं अधोसंरचना के विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ‘‘स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट‘‘ (एसएमईटी) के गठन की अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में स्टेट मिनिरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट के तहत समस्त गौण खनिजों से प्राप्त होने वाली रायल्टी 2 प्रतिशत राशि अतिरिक्त रूप से एसएमईटी फंड में जमा की जाएगी। जिसका उपयोग गौण खनिजों के अन्वेषण, अधोसंरचना विकास में उच्च तकनीकों का उपयोग, इन्फॉर्मेशन सिस्टिम, लॉजिस्टिक सपोर्ट, मानव संसाधनों के उन्नयन आदि में किया जा सकेगा। भारत सरकार के नेशनल मिनिरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट की तर्ज पर राज्य में स्टेट मिनिरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ की तरक्की और विकास में सेन समाज महत्वपूर्ण योगदान: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि सेन समाज प्रगतिशील समाज है, इसका गौरवशाली इतिहास रहा है। हमारे सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक क्षेत्र में इस समाज का योगदान अतुलनीय है। यह समाज छत्तीसगढ़ की तरक्की और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है। मुख्यमंत्री श्री साय आज राजधानी रायपुर में आयोजित सेन समाज के महिला जिला अध्यक्षों एवं प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने बालोद नगर में सेन समाज के सामाजिक भवन हेतु 20 लाख रूपये की स्वीकृति घोषणा की। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने सेन महाराज की तैल्यचित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित एवं दीप प्रज्वलन कर किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में आगे कहा कि किसी भी समाज मे परिवर्तन के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है। आज समाज में महिलाओं को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। महिला के शिक्षित होने से पूरा परिवार को इसका लाभ मिलता है। सशक्त महिला से ही सशक्त समाज एवं सशक्त समाज से सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव है। हमारी सरकार का दृढ़ विश्वास है कि महिलाएँ समाज निर्माण की आधारशिला हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सेन समाज के प्रतिभाओं जैसे स्वर्गीय श्री कर्पूरी ठाकुर जी सहित अनेक लोगों के योगदान का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सेन समाज सामाजिक विसंगतियों को दूर करने के लिए सार्थक कदम उठा रहा है, यह प्रसन्नता का विषय है। हमारी सरकार सेन समाज के विकास और उत्थान के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करने को तैयार है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य के अन्नदाताओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। महिलाओं के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं, जो प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद कर रही है। हमारी सरकार आने के बाद हमने मोदी की गारंटी में शामिल महतारी वंदन योजना को लागू किया। आज प्रदेश की 70 लाख महिलाएँ इससे लाभान्वित हो रही हैं। महतारी वंदन योजना के तहत हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ की माताओं-बहनों को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान की है, ताकि वे अपने परिवार और समाज में सशक्त भूमिका निभा सकें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा केन्द्र द्वारा संचालित बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की शुरुआत कर लिंगानुपात में सुधार, बालिका शिक्षा को बढ़ावा और समाज में महिलाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने का उद्देश्य रखा गया है। हमारी बेटियां हमारा गौरव हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के माध्यम से हम उनकी शिक्षा और सुरक्षा को सुनिश्चित कर रहे हैं। कार्यक्रम को विधायक पुरंदर मिश्रा एवं नागरिक आपूर्ति निगम अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

इस अवसर पर सेन समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं, कलाकारों, महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं का साल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य केश शिल्प कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष मोना सेन, छत्तीसगढ़ सर्व सेन समाज प्रदेश अध्यक्ष पुनीत सेन, सहित बड़ी संख्या में सामाजिक बंधु उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने सार्थक एवं रक्षक अभियान का किया शुभारंभ, बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पहल

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के 15 वें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने के लिए सार्थक एवं रक्षक अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल आडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य के सुदूर अंचलों में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि सार्थक एवं रक्षक जैसे नये अभियान जनमानस में बच्चों के अधिकारों के लिए जागरूक करने में कारगर सिद्ध होंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही सशक्त समाज का निर्माण हो सकता है। छत्तीसगढ़ राज्य के सुदूर अंचल खासकर बस्तर एवं सरगुजा संभाग में कम उम्र में ही बच्चे कामकाज की तलाश में अन्य शहरों के तरफ चले जा जाते हैं, पर जानकारी के अभाव में कई बार शोषण के शिकार हो जाते हैं। आयोग की जिम्मेदारी है कि ऐसे बच्चों का चिन्हांकन कर उन्हें रोजगार से जोड़ते हुए शासन की योजनाओं से लाभ दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बच्चों और युवाओं पर केन्द्रित अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। हमारी सरकार गांव-गांव तक स्कूल, कॉलेज, कोचिंग की सुविधा मुहैया करा रही है। इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में प्रयास, नालन्दा परिसर एवं दिल्ली में ट्राईबल यूथ हॉस्टल जैसे कार्यों के माध्यम से छात्रों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वर्णिका शर्मा ने आयोग की कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। गौरतलब है कि सार्थक अभियान बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने एवं रक्षक अभियान विश्वविद्यालयों में बाल अधिकार संरक्षण कानूनों की विशेष जानकारी प्रदान करने के लिए संचालित की जा रही है। आयोग के स्थापना दिवस समारेाह में बाल अधिकारों की जागरूकता के लिए बेहतर कार्य करने वाले पुलिस के जवानों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं छात्राओं को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की नई मार्गदर्शिका बुकलेट, रक्षक बुकलेट एवं गुड टच, बेड टच सेफ टच, मानव तस्करी, एवं शिक्षा के अधिकार पर आधारित कार्टून पुस्तकों का भी विमोचन किया गया।

इस अवसर पर विधायक सुनील सोनी, पुरंदर मिश्रा, गुरु खुशवंत साहेब, नागरिक आपूर्ति निगम अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज सहित अनेक जनप्रतिनिधि और आयोग से जुड़े संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

खनिज के अवैध उत्खनन और परिवहन पर प्रशासन सख्त

बलौदाबाजार- कलेक्टर दीपक सोनी की अध्यक्षता में मंगलवार क़ो संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में जिला स्तरीय टास्क फ़ोर्स की बैठक सम्पन्न हुई। कलेक्टर सोनी ने जिले में खनिजो के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण पर कड़ी निगरानी एवं कार्यवाही हेतु राजस्व,पुलिस,वन,खनिज और परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया।

कलेक्टर ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार 10 जून से 15 अक्टूबर 2025 तक जिले के रेत खदानों से रेत निकासी पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। केवल भंडारित क्षेत्र से रेत का परिवहन रायल्टी पर्ची के साथ कर सकते हैं। सभी सम्बधित विभाग आपसी समन्वय कर ठोस कार्रवाई करें। इसीतरह गौण खनिजो के खदान का निरीक्षण एवं अवैध उत्खनन व परिवहन पाए जाने पर पट्टेधारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये।

बैठक में खनिज साधारण रेत के नये खदानों को चिन्हित करने नीलामी करने, उत्खनिपट्टा स्वीकृति, गौण चुना पत्थर का ऑक्शन के माध्यम से आबंटन, रेत के भण्डारण अनुज्ञा पत्रों का निरीक्षण, माइनिंग सर्विलांस सिस्टम के तहत चिन्हित ट्रिगर का सत्यापन आदि पर विस्तृत चर्चा की गई। बताया गया की वित्तीय वर्ष 2024 -25 में गौण खनिजो के अवैध उत्खनन, परिवहन और भण्डारण के 649 प्रकरणों में से 647 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन और भण्डारण के 450 मामलों में 14448370 रुपये समझौता राशि जमा कराया गया है।

एक राष्ट्र एक राशन कार्ड : अब तक जिन हितग्राहियों ने ई-केवायसी नहीं कराया वे जरूर करा लें, जानिए कब तक का है समय

रायपुर- राशनकार्डधारियों के लिए काम की खबर है। जिन हितग्राहियों ने अब तक ई-केवायसी नहीं कराया है वे जरूर करा लें। एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (One Nation One Ration Card) योजना के अंतर्गत भारत सरकार, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के निर्देशानुसार जिले में सभी लाभार्थियों को आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से खाद्यान्न वितरण किया जाना अनिवार्य किया गया है।

खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के अंतर्गत वर्तमान में कुल 6,45,681 राशनकार्ड प्रचलित हैं, जिनमें 22,31,425 सदस्य पंजीकृत हैं। इनमें से अब तक 18,78,701 सदस्यों का ई-केवायसी (e-KYC) पूरा हो चुका है, जबकि 3,52,724 सदस्यों का ई-केवायसी बाकी है। सभी उचित मूल्य दुकानों में ई-पॉस (ePOS) मशीन के माध्यम से ई-केवायसी की सुविधा उपलब्ध है।

खाद्य नियंत्रक ने कहा कि जिन हितग्राहियों ने अब तक ई-केवायसी नहीं कराया है, उनसे अनुरोध है कि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए 30 जून 2025 तक अनिवार्य रूप से अपने नजदीकी उचित मूल्य की दुकानों में जाकर ई-केवायसी करा लें।

मुख्यमंत्री ने परिवहन सुरक्षा बेड़े में शामिल 48 वाहनों को झंडी दिखाकर किया रवाना

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि हमारी सरकार सड़क परिवहन और यातायात को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। परिवहन और यातायात सुरक्षा में लगे उड़नदस्ता दल को 48 नवीन वाहनों की तैनाती से दुर्घटनाओं में निश्चित रूप से कमी आएगी, यातायात सुग़म होगा और लोगों में ट्रैफिक नियमों के पालन को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। श्री साय आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर परिवहन विभाग के निरीक्षकों को इन वाहनों की चाबी सौंपी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश सरकार सड़क यातायात को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। नवीन शासकीय वाहनों की मदद से परिवहन उड़नदस्ता दल नियमों का उल्लंघन करने वालों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। उड़नदस्ता दल की कार्यक्षमता में वृद्धि, सड़क दुर्घटनाओं में कमी, सुरक्षा मानकों का बेहतर क्रियान्वयन और यातायात व्यवस्था में सुधार व अनुशासन बनाए रखने में यह पहल मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे दूरदराज के क्षेत्रों में भी परिवहन दस्ते की निगरानी और पहुंच सुनिश्चित होगी।

ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील

मुख्यमंत्री श्री साय ने हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करने और ट्रैफिक नियमों का पालन कर दूसरों के जीवन की रक्षा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी से ही हम एक सुरक्षित, संयमित और संवेदनशील सड़क परिवेश का निर्माण कर सकते हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोगों से नशे की हालत में वाहन नहीं चलाने की अपील भी की।

इस अवसर पर विधायक पुरंदर मिश्रा, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, सचिव सह परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश, अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर सहित परिवहन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।