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संकल्प से सिद्धि तक: मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार के 11 साल की उपलब्धियों को किया बयां, छत्तीसगढ़ सरकार के कामों का भी किया जिक्र

रायपुर- मुख्यमंत्री ने केंद्र में मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर “संकल्प से सिद्धि” अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर के सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा मोदी सरकार के 11 साल शानदार और ऐतिहासिक रहे है।छत्तीसगढ़ से PM मोदी का गहरा लगाव है। मोदी के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था आज चौथे नंबर पर है।

संकल्प से सिद्धि तक: मोदी सरकार की उपलब्धियों को किया बयां

उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि देश में ट्रिपल तलाक और अनुच्छेद 370 को खत्म करने का काम प्रधानमंत्री ने किया। मुख्यमंत्री साय ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा पिछली सरकार ने गरीबों का आवास छीना था। हमारी सरकार 18 लाख आवास की स्वीकृति दी है।

छत्तीसगढ में महिलाओं से लेकर किसानों तक से किया वादा पूरा

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने किसानों से किया वादा पूरा किया। 70 लाख महिलाओं के खाते में एक हजार भेज रहे है। भूमिहीन कृषि मजदूरों को राशि दे रहे है। रामलला योजना में हजारों लोग अयोध्या पहुंचे हैं। PM मोदी का आशीर्वाद छत्तीसगढ़ को मिल रहा है। आदिवासी समाज का मान सम्मान बहुत बढ़ा है।

जो छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहीं

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कुछ देशों ने पीएम मोदी को भगवान हनुमान का दर्ज दिया। जो हमें छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहीं। CM विष्णु देव साय ने कहा PSC गड़बड़ी की CBI जांच करायी गयी है। गड़बड़ी करने वाले लोग आज जेल में हैं। CM साय ने कहा कांग्रेस और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज की कथनी और करनी में कोई तुलना नहीं है। कांग्रेस की PHD झूठ बोलने में है। झूठ बोलकर उनके चेहरे में सिकन नहीं होती।

नक्सल मोर्चे पर उपलब्धि

मुख्यमंत्री ने नक्सल मोर्चे पर छत्तीसगढ़ पुलिस की उपलब्धियोंको बयां करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सल कार्रवाई पर बड़ी सफलता मिली। अब बस्तर नक्सलमुक्त होने की कगार पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संभावना है मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद खत्म हो। जवान उत्साह के साथ काम कर रहे हैं। नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है।

छत्तीसगढ़ में खत्म हो सकता है फाइव डे सिस्टम

छत्तीसगढ़ में फाइव डे वर्किंग सिस्टम खत्म हो सकता है। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “फाइव डे वर्किंग को खत्म करने पर विचार करेंगे”, और यह भी बताया कि अधिकारी-कर्मचारी खुद 6 दिन कार्य दिवस करने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर जल्द फैसला लिया जा सकता है।

जलवायु संकट में जानलेवा होर्डिंग्स! रायपुर में फ्लैक्स-बोर्ड बने बिजली संकट की वजह

रायपुर- जलवायु परिवर्तन अब एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक जीवंत संकट बन चुका है। इसकी मार देशभर में महसूस की जा रही है, और रायपुर भी इससे अछूता नहीं है। हाल के आंधी-तूफानों ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया, बल्कि शहर के बड़े विज्ञापन फ्लैक्स और होर्डिंग्स ने बिजली आपूर्ति तक ठप कर दी.

पर्यावरणविद नितिन सिंघवी ने इस पर गंभीर चिंता जताते हुए राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों — मुख्य सचिव, नगरीय प्रशासन विभाग व ऊर्जा विभाग के सचिवों — को पत्र लिखकर आगाह किया है कि अब “जलवायु परिवर्तन” नहीं, “जलवायु संकट” है, जिसमें हर मौसमीय घटना पहले से अधिक तीव्र, अधिक चरम और अधिक विनाशकारी होगी।

सिंघवी ने उदाहरण देते हुए बताया कि 1 मई 2025 को आई तेज आंधी में रायपुर के देवेंद्र नगर क्षेत्र में बना एक शेड उड़कर गिर गया, और राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना टोल प्लाज़ा भी इसकी चपेट में आ गया। वहीं, 10 जून की आंधी में शहरभर में फ्लैक्स और होर्डिंग्स उड़कर बिजली के तारों पर जा गिरे, जिससे कई इलाकों की बिजली घंटों ठप रही। शंकर नगर चौक का उदाहरण देते हुए उन्होंने लिखा कि एक फटा हुआ फ्लैक्स का टुकड़ा 33 केवी की लाइन पर गिर गया, जिससे उस क्षेत्र की बिजली आपूर्ति रात 2 बजे जाकर बहाल हो सकी।

उन्होंने बताया कि बिजली कंपनी के कर्मचारियों को शंकर नगर के एक ही इलाके में 35 से ज्यादा जगहों से फ्लैक्स हटाने पड़े, जिससे आधी रात तक लोग गर्मी और मच्छरों के बीच अंधेरे में रहने को मजबूर हो गए।

सिंघवी ने स्पष्ट कहा है कि यह केवल तकनीकी या नगरीय समस्या नहीं, बल्कि “क्लाइमेट अडॉप्शन” का मामला है। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे होर्डिंग स्ट्रक्चर्स को चिह्नित कर हटाया जाए जो आंधी-तूफान में खतरा बन सकते हैं।

इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी होर्डिंग न लगाया जाए, और ऐसे सभी खतरनाक होर्डिंग्स पर तत्काल कार्रवाई की जाए।

सिंघवी ने अंत में लिखा – “हजारों-लाखों लोगों की सुरक्षा और सुविधा, कुछ लाख रुपये के विज्ञापन राजस्व से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। अब समय है कि हम राजस्व नहीं, जीवन को प्राथमिकता दें।”

रायपुरियंस के लिए अच्छी खबर: सम्पत्ति कर पटाने पर 6.25% की मिलेगी छूट, जानिए क्या है अंतिम तारीख

रायपुर- रायपुर नगर पालिक निगम के राजस्व विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के सम्पत्ति करदाताओं को एक बड़ी राहत दी है। यदि कोई करदाता 30 जून 2025 तक सम्पत्ति कर का पूर्ण भुगतान करता है, तो उसे कर राशि पर 6.25 प्रतिशत की विशेष छूट प्रदान की जाएगी।

निगम ने नागरिकों की सुविधा के लिए सम्पत्ति कर भुगतान के कई आधुनिक विकल्प उपलब्ध कराए हैं। करदाता व्हाट्सएप, चैटबॉट, क्यूआर कोड जैसे ऑनलाइन माध्यमों के साथ-साथ पारंपरिक ऑफलाइन विकल्पों का भी उपयोग कर सकते हैं। इन विकल्पों के जरिए 30 जून या उससे पहले भुगतान कर छूट का लाभ आसानी से लिया जा सकता है।

नगर निगम ने सभी सम्पत्ति करदाताओं से अपील की है कि वे समयसीमा के भीतर अपने कर का पूर्ण भुगतान कर इस छूट का अधिकतम लाभ उठाएं। सम्पत्ति कर से जुड़ी अधिक जानकारी या सहायता प्राप्त करने के लिए नागरिक अपने संबंधित जोन कार्यालय के राजस्व विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

पुलिस मुख्यालय ने 21 डीएसपी को दी पोस्टिंग, सभी को नक्सल इलाकों में मिली तैनाती, जारी हुआ आदेश

रायपुर- निरीक्षक से प्रमोशन पाकर डीएसपी बने 21 अफसरों को पोस्टिंग दे दी गयी है। सभी पुलिस अफसरों की तैनाती नक्सल इलाकों में हुई है। बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर और दंतेवाड़ा जिले में पोस्टिंग दी गयी है। सभी को 13 जून तक बस्तर आईजी को रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया है।

सुकमा में मुठभेड़, एक महिला समेत दो नक्सली ढ़ेर

सुकमा- छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षाबलों को एक बड़ी सफलता मिली है। कुकनार थाना क्षेत्र के जंगलों में हुई मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए हैं। घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने स्वचालित हथियार भी बरामद किए हैं। फिलहाल इलाके में तलाशी अभियान जारी है। सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह मुठभेड़ नक्सल विरोधी अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह जिला रिजर्व गार्ड (DRG), सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि कुछ सशस्त्र नक्सली कुकनार थाना क्षेत्र के घने जंगलों में सक्रिय हैं। इसके बाद एक सर्च ऑपरेशन चलाया गया। सुरक्षाबलों की टुकड़ी जैसे ही चिन्हित इलाके में पहुंची, छिपे हुए नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभाला और दो तरफा गोलीबारी शुरू हो गई। करीब आधे घंटे चली मुठभेड़ के बाद इलाके की सघन तलाशी ली गई, जिसमें दो वर्दीधारी नक्सलियों के शव बरामद किए गए। घटनास्थल से एक इंसास राइफल और एक अन्य स्वचालित हथियार भी जब्त किया गया है। मारे गए नक्सलियों की पहचान की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, ये दोनों नक्सली संगठन के सक्रिय सदस्य थे और क्षेत्र में कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं।

सुरक्षाबलों की सतर्कता और रणनीतिक तैनाती के चलते नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है। यह मुठभेड़ कुकनार थाना क्षेत्र के दूरस्थ और पहाड़ी जंगलों में हुई। हमारी प्राथमिकता अब इलाके की पूरी तरह से तलाशी लेने और किसी भी अन्य नक्सली की उपस्थिति की जांच करने की है।” मुठभेड़ के बाद पूरे इलाके को घेराबंदी कर तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। साथ ही, ड्रोन और स्नीफर डॉग्स की मदद से भी जंगलों में तलाशी ली जा रही है, ताकि कोई भी नक्सली भागने में सफल न हो सके। स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करें। घटनास्थल से निकटतम गांवों में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।

यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब राज्य सरकार ने बस्तर और आसपास के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास योजनाओं को तेज गति से लागू करने का निर्णय लिया है। नक्सली गतिविधियों में कमी लाने के लिए प्रशासन लगातार सुरक्षात्मक और सामाजिक उपायों को बढ़ावा दे रहा है। सुरक्षाबलों के अनुसार, यह अभियान "ऑपरेशन समर्पण" और "ऑपरेशन मॉनसून क्लीनअप" जैसी विशेष योजनाओं का हिस्सा है, जिसके तहत नक्सलियों को या तो आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है या उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है।

युक्तियुक्तकरण के बीच हाई कोर्ट ने शिक्षिका के तबादले पर लगाई रोक, नए सिरे से होगा निर्णय…

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रविन्द्र अग्रवाल की एकलपीठ ने शिक्षिका के पक्ष में अंतरिम राहत प्रदान करते हुए उनके स्थानांतरण आदेश को फिलहाल स्थगित कर दिया है. यह आदेश स्कूलों में युक्तियुक्तकरण के तहत किए जा रहे शिक्षकों के तबादले के मद्देनजर महत्वपूर्ण है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अनादी शर्मा ने पैरवी करते हुए न्यायालय के समक्ष यह तर्क रखा कि उनकी मुवक्किला सरोज सिंह वर्ष 2018 से वर्तमान विद्यालय में कार्यरत हैं, और उन्होंने अंग्रेज़ी के साथ-साथ भूगोल विषय भी पढ़ाया है, क्योंकि विद्यालय में भूगोल विषय का कोई अन्य शिक्षक उपलब्ध नहीं था।

इसके बावजूद उन्हें एकतरफा रूप से 45 किलोमीटर दूर स्थित विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया, जबकि हाल ही में उच्च न्यायालय के आदेश से बहाल की गई एक अन्य व्याख्याता को उसी विद्यालय में अंग्रेजी पढ़ाने के लिए पदस्थ कर दिया गया है। अधिवक्ता शर्मा ने यह भी इंगित किया कि याचिकाकर्ता की वरिष्ठता अधिक है, और उनका स्थानांतरण शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ उनके पारिवारिक दायित्वों को भी प्रभावित करेगा. न्यायमूर्ति रवीन्द्र अग्रवाल की एकलपीठ ने प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता के तर्कों को विचारणीय मानते हुए स्थानांतरण आदेश को स्थगित रखा है और यह निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता दो दिवस के भीतर ताजा अभ्यावेदन प्रस्तुत करें, जिस पर विभाग नियमानुसार विचार कर निर्णय लेगा।

इमरजेंसी विंडो से गिरा 4 साल का बच्चा

राजनांदगांव- राजनांदगांव में 10 जून को शाम 6 बजे कुर्ला-शालीमार एक्सप्रेस से 4 वर्षीय सागनिक बेरा आपातकालीन खिड़की से गिर गया। यह हादसा डोंगरगढ़-जटकन्हार रेलखंड के डाउन लाइन पर हुआ। बच्चे की मां आनंदिता बेरा पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर की रहने वाली हैं। वे अपने बेटे के साथ एलटीटी से खड़गपुर जा रही थीं। कोच एस-3 में ऊपर की सीट पर चढ़ते समय बच्चा अचानक खिड़की से नीचे गिर गया। मां की चीख और एसीपी चेन खींचने से ट्रेन रुक गई। रेल सुरक्षा बल के कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे। घायल बच्चे को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगढ़ ले जाया गया। वहां से उसे पेंड्री मेडिकल कॉलेज, राजनांदगांव रेफर किया गया।

मंडल सुरक्षा आयुक्त दीपचंद आर्य के निर्देश पर RPF पोस्ट राजनांदगांव की प्रभारी निरीक्षक तरुणा साहू ने अपनी टीम को तुरंत पेंड्री अस्पताल भेजा। बच्चे की गंभीर स्थिति देखते हुए उसे रायपुर के डीकेएस अस्पताल रेफर कर दिया गया। RPF ने ट्रेन में छूटा बच्चे का सामान भी सुरक्षित निकलवाया। मां को जरूरी सामान, दवाइयां और अन्य आवश्यक चीजें भी मुहैया कराई गईं। RPF की इस त्वरित कार्रवाई से न केवल बच्चे की जान बची, बल्कि परिवार को हर संभव मदद भी मिली। तत्काल एम्बुलेंस बच्चे को डीके हॉस्पिटल रायपुर भेजा गया, जहां उसका सीटी स्कैन के साथ अन्य मेडिकल चेकअप करवाए गए। डॉक्टरों के अनुसार, अब बच्चे की स्थिति स्थिर है और उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सहकारिता को घर-घर तक पहुंचाने की संकल्पना हो रही है पूरी : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित के नवनियुक्त प्राधिकृत अधिकारी केदारनाथ गुप्ता के पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में शामिल हुए और उन्हें शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले के फरसाबहार में अपेक्स बैंक की नई शाखा का वर्चुअल शुभारंभ किया और क्षेत्रवासियों को बधाई दी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकार से समृद्धि की संकल्पना को साकार किया जा रहा है। उनकी प्रेरणा से प्रदेश के घर-घर को सहकारिता से जोड़ने का कार्य हमारी सरकार कर रही है। श्री साय ने कहा कि नवनियुक्त प्राधिकृत अधिकारी के नेतृत्व में प्रदेश में सहकारिता को और अधिक मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि सहकारी गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ मिलकर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। हाल ही में हमने दुधारू पशु वितरण का शुभारंभ किया है, जिसके अंतर्गत पायलट प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश के 6 जिलों का चयन कर हितग्राहियों को दो-दो दुधारू गाय वितरित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश के किसानों और ग्रामीण जनों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने की एक बड़ी पहल हमने इस वर्ष पंचायती राज दिवस से प्रारंभ की है। प्रदेश के 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र खोले गए हैं, जिसके माध्यम से ग्राम पंचायत भवन में ही बैंकिंग सुविधा मिल रही है। उन्होंने बताया कि अगले पंचायती राज दिवस तक यह सुविधा प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में उपलब्ध हो जाएगी, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान सहकारिता के क्षेत्र में हुए बड़े बदलावों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किसानों को अल्पकालिक ऋण के लिए भारी-भरकम ब्याज दर से मुक्ति दिलाई और ब्याज दरों को लगातार कम कर किसानों को राहत दी। अब किसानों को कृषि कार्यों के लिए बिना किसी ब्याज के अल्पकालिक ऋण उपलब्ध हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने फरसाबहार में अपेक्स बैंक की नई शाखा खुलने पर क्षेत्रवासियों को बधाई देते हुए कहा कि अब किसानों को बैंकिंग सुविधा के लिए 50-60 किलोमीटर दूर पत्थलगांव नहीं जाना पड़ेगा। इस पुनीत पहल के लिए उन्होंने सहकारिता विभाग को साधुवाद दिया।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में सहकारिता का बीजारोपण करने वाले महान विभूतियों को पुण्य स्मरण करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में वामनराव लाखे और ठाकुर प्यारेलाल जैसे पुरोधाओं ने सहकारिता की नींव रखी, जिसका विकसित स्वरूप आज हम सभी देख रहे हैं। यह वर्ष सहकारिता का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष है, और केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के प्रयासों से निश्चित रूप से इस क्षेत्र में चमत्कारिक परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के अथक प्रयासों से प्रदेश के किसानों के जीवन में खुशहाली आई है। पूरे देश में वे पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने प्रति एकड़ 21 क्विंटल और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय ने सहकारिता को राज्य के अंतिम गांव तक पहुंचाने का कार्य किया है। अपेक्स बैंक प्रदेश में 40 हजार करोड़ रुपए के टर्नओवर के साथ सबसे शक्तिशाली संगठन है और इसके माध्यम से अब तक 7 हजार 5 सौ करोड़ रुपए का ऋण किसानों को उपलब्ध कराया गया है।

डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से देश के हर एक नागरिक को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया और इसी का परिणाम है कि आज बिना किसी बिचौलिए के शत-प्रतिशत राशि सीधे हितग्राहियों के खाते में प्राप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में अभी भी अपार संभावनाएं हैं और शत-प्रतिशत किसानों को सहकारिता और अपेक्स बैंक से जोड़ने का काम शीघ्र पूरा करने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री की उपस्थिति में मजगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड ने सत्य साईं हॉस्पिटल को 2.25 करोड़ रुपए की सहायता राशि सौंपी

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में कार्यक्रम में मजगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड ने सीएसआर गतिविधियों के तहत राजधानी रायपुर के सत्य साईं हृदय चिकित्सालय को 2.25 करोड़ रुपए की सहायता राशि का चेक सौंपा। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए मजगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।

पदभार ग्रहण समारोह में सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, विधायक राजेश मूणत, विधायक अनुज शर्मा, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक सुनील सोनी, विभिन्न निगम-मंडलों के अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव सहकारिता सुब्रत साहू और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

बाइक एम्बुलेंस सेवा 10 दिनों से ठप, समय पर मदद नहीं मिलने से नवजात की मौत

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर जानलेवा साबित हुई है। बदहाल व्यवस्था और सिस्टम की अनदेखी के चलते आम लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। ताजा मामला बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक का है, जहां बीते 10 दिनों से बाइक एम्बुलेंस सेवा पूरी तरह ठप पड़ी है। इसी लापरवाही का नतीजा यह रहा कि बहरीझिरिया गांव की शांतन बाई को प्रसव पीड़ा होने पर समय पर एम्बुलेंस नहीं मिल पाई, जिससे नवजात की मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार, सोमवार की रात बहरीझिरिया गांव की शांतन बाई को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। गांव के लोगों ने कांग्रेस नेता संदीप शुक्ला से मदद की गुहार लगाई। शुक्ला ने तुरंत केंदा स्वास्थ्य केंद्र से बाइक एम्बुलेंस की मांग की, लेकिन उन्हें पता चला कि कर्मचारी वेतन न मिलने के कारण काम बंद कर चुके हैं। इसके बाद प्रभारी सीएमएचओ सुरेश तिवारी को इसकी सूचना दी गई। सीएमएचओ और केंदा प्रभारी के हस्तक्षेप पर रात करीब लगभग 12 बजे 102 एम्बुलेंस को बहरीझिरिया भेजा गया। महिला के गर्भ में नवजात शिशु आधा फंसा हुआ था और बाहर नहीं निकल पा रहा था। इसी हालत में महिला को 102 एम्बुलेंस से केंदा अस्पताल लाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई।

बता दें कि एक साल पहले तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण ने कोटा ब्लॉक के केंदा, लूफा, खोंगसरा और शिवतराई जैसे दुर्गम क्षेत्रों के लिए 4 बाइक एम्बुलेंस की सुविधा शुरू की थी। इन एम्बुलेंसों ने मरीजों को, खासकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को समय पर अस्पताल पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इन बाइक एम्बुलेंस को संचालित करने वाले कर्मचारियों को डीएमएफ (जिला खनिज न्यास) मद से भुगतान किया जा रहा था। लेकिन पिछले कुछ समय से बाइक एम्बुलेंस चलाने वाले कर्मचारियों का भुगतान रोक दिया गया था, जिससे बकाया राशि बढ़कर 3 लाख रुपये हो गई थी। कर्मचारियों ने कई बार एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) प्रभारी प्यूली मजूमदार को इस संबंध में जानकारी दी लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिसके चलते 10 दिन पहले कर्मचारियों ने केंद्रा स्वास्थ्य केंद्र में बाइक खड़ी कर काम बंद कर दिया।

प्रसूता की मौत का मामला : स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने दिए जांच के निर्देश, जांच समिति 3 दिन में सौंपेगी रिपोर्ट

रायपुर- बीरगांव स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूता की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जांच के निर्देश दे दिए हैं. सीएमएचओ ने जांच समिति गठित कर दी है. इसमें चार सदस्यों को शामिल किया गया है. समिति को अपनी रिपोर्ट 3 दिन के भीतर सौपनें के निर्देश दिए गए हैं.

जांच समिति में कौन-कौन शामिल :-

इस जांच दल में 4 सदस्यों को शामिल किया गया है. इनमें दो अधिकारी और दो विशेषज्ञ हैं.

  • जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजीव वोहरा
  • स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ निर्मला यादव
  • एनेस्थिसिया विशेषज्ञ चंद्रा राव
  • नोडल अफसर मातृत्व शाखा डॉ प्रीति नारायण

दरअसल, बिरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के 12 घंटे बाद रात दो बजे वार्ड ब्वॉय के इंजेक्शन लगाने और पानी पिलाने के बाद प्रसूता साक्षी निषाद की मौत हो गई थी. रात के समय अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. परिजनों ने बताया कि 22 वर्षीय साक्षी निषाद डिलीवरी के बाद से लगातार दर्द की शिकायत कर रही थी. बार-बार बोलने के बाद भी वार्ड ब्वॉय डॉक्टर को नहीं बुला रहा था, आखिरकार दर्द से कराहते हुए प्रसूता की मौत हो गई.

मृतिका के पति दीपक निषाद ने रायपुर मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी और खमतराई थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी पत्नी की मौत का जिम्मेदार हॉस्पिटल प्रबंधन और तैनात कर्मचारियों को ठहराते हुए कार्रवाई करने की मांग की थी.

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य सेवाएं आयुक्त डॉ. प्रियंका शुक्ला को जांच के निर्देश दिए. इसके बाद आयुक्त ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कार्रवाई करने कहा, जिसके बाद जांच समिति का गठन किया गया. अब मृतिका के पति और परिजनों को निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई से न्याय की उम्मीद है.