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मथुरा विवाद पर हाई कोर्ट की अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी

डेस्क:– उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह से जुड़ी सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट में पूरी हो गई है। मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई 2025 को होगी। मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद की इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई पूरी हुई। जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की सिंगल बेंच ने सुनवाई की अगली तारीख 4 जुलाई 2025 तय की है। हाई कोर्ट में 18 याचिकाएं दायर की गई हैं। हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद की ढाई एकड़ जमीन भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान यानी गर्भगृह है और उस पर हिंदुओं का अधिकार है। याचिका में इसे विवादित ढांचा घोषित किए जाने की मांग की गई है।

हिंदू पक्ष ने इस मामले में राधा रानी को पक्षकार बनाए जाने की मांग की थी और आवेदन दिया था। हिंदू पक्ष का मानना है कि राधा रानी को पक्षकार बनाए बिना मामले की सुनवाई अधूरी है।यह विवाद मथुरा में मुगल बादशाह औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर स्थित मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।

वहीं, मुस्लिम पक्ष शाही ईदगाह की जमीन को एक वैध धार्मिक स्थल बताता है। मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद का मामला बेशक इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रहा है लेकिन पिछले दिनों एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। याचिका में हिंदू पक्ष को अपनी याचिका में संशोधन करने और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को मामले में पक्षकार के रूप में जोड़ने की अनुमति दी गई थी। पीठ ने कहा था कि हिंदू पक्ष की तरफ से मूल याचिका में संशोधन की अनुमति दी जानी चाहिए। हिंदू पक्ष ने हाई कोर्ट का रुख करते हुए कहा था कि विवादित ढांचा एएसआई के तहत एक संरक्षित स्मारक है और पूजा स्थल संरक्षण अधिनियम भी ऐसे स्मारक पर लागू नहीं होगा।

बाल हुए लंबे तो टीचर ने लड़कों की बना दी चोटी , सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल

डेस्क:–देश में सोशल मीडिया का क्रेज इतना बढ़ गया है ।की आज के समय में कभी भी कही भी कोई घटना होती नहीं की उसका वीडियो, लोग पहले बना लेते हैं। और अपने मोबाइल के जरिये सोशल मीडिया पर अपलोड भी कर देते हैं। और वीडियो वायरल भी हो जाता है। आपको सोशल मीडिया पर ऐसे ऐसे अनोखे वीडियो देखने को मिल जायेंगे की आप भी उसे देख है। हैरान तो रह ही जायेंगें ,और आपको हंसी भी आएगी जो आपका दिन अच्छा भी कर सकती है। और सायद कुछ ऐसे वीडियो भी होंगे जो देखने के बाद आप परेशान भी हो सकते हैं। बचपन में आप भी जब स्कूल जाते होंगे तो अपने भी अपनी टीचर के मुँह से ये बात कहते हुए ज़रूर सुनी होगी की अगर किसी के बाल लम्बे हुए तो उसके बालों की चोटी बना दी जाएगी।

सबके लिए अपने स्कूल के दिन बहुत ही यादगर होते हैं। बच्चे अपने स्कूल के समय में न जाने क्या - क्या करते हैं। स्कूल ख़तम होने के बाद लोगों को अपने स्कूल में बिताये गए एक - एक पल याद आते हैं। चाहे वो दोस्तों के साथ मस्ती हो या स्कूल बंक करके दोस्तों के साथ क्लास से भाग जाना या टीचर से मार खाना हो कभी टीचर बच्चों को उनके स्कूल बैग के लिए डाटते थे। तो कभी उनके लम्बे नाखून के लिए फिर भी बच्चे टीचर की बात नहीं मानते थे। लेकिन आज तो ये बात सच हो गई है। की सच में टीचर ने लड़कों के लम्बे बाल देख कर उनके बालों की चोटी बना दी और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है। और लोग इस वीडियो को देख कर काफी हंस भी रहे हैं।

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा

इस वीडियो में आपने देखा होगा की किस तरह जमीन पर एक मैट बिछी हुई है। और उसपर बहुत सारे स्टूडेंट जमीन पर बैठे हुए हैं। और उनके बाल लम्बे होने के कारण उनके बालों की चोटी बना दी गयी है और इसका वीडियो एक्स प्लेटफार्म पर भी तेज़ी से वायरल हो रहा है। और इसे देखकर लोग इसका काफी मजाक भी बना रहे हैं। इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है की कल अगर लम्बे बाल लेकर स्कूल आये तो फिर से चोटी बना दूंगी।
यूपी में 5 साल की मासूम के साथ हैवानियत की सारी हदें पार,बच्ची के साथ दरिंदगी का चौंकाने वाला खुलासा

डेस्क:–उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के लालगंज थाना क्षेत्र में 2 दिन पहले 5 साल की एक मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी का खुलासा हो गया है. बच्ची की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आ गई है. जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट को तैयार करने वाले डॉक्टरों के अनुसार, बच्ची के साथ बोथ साइड रेप और हाथ पैर की टूटी हड्डी, गला दबाने के साथ गला काटने की पुष्टि हुई है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लालगंज थाना क्षेत्र के प्रभारी शशांक शेखर राय ने बताया कि पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार बच्ची के साथ दरिंदगी की खुलासा हुआ है. पुलिस की पांच टीम आरोपी की तलाश में जुट गई है.

बेहद ही शर्मनाक घटना

लालगंज चौकी क्षेत्र में पाँच साल की इस मासूम के साथ हुई ये घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है. एक नन्हीं जान, जो अभी दुनिया को ठीक से समझ भी नहीं पाई थी, उसे हैवानियत की ऐसे दौर से गुजरना पड़ा कि उसे अपने शब्दों में बता पाना इतना आसान नहीं है. लालगंज का यह गाँव, जो कल तक अपनी सादगी और शांत माहौल के मशहूर था, आज यहां हर घर में मातम और खौफ का माहौल है.

दादी की तलाश में घर से निकली थी बच्ची

बता दें कि बीते रविवार को एक पांच साल की मासूम, अपनी दादी की तलाश में अपने घर से निकली थी. उसे इस बात का तनिक भी अंदाजा नहीं था कि कोई दरिंदा घर के बाहर उसके जीवन को खत्म करने के लिए इंतजार कर रहा है. ऐसे में वह घर नहीं लौटी, और जब लौटी तो उसके बेजान, क्षत-विक्षत शरीर को देखकर सबकी रूह कांप उठी.

थानेदार लालगंज से मिली जानकारी के अनुसार, बच्ची के साथ 'बोथ साइड रेप' किया गया. इसके बाद जिस क्रूरता से मासूम की हत्या की गई, उस दरिंदे का मकसद केवल मासूम का रेप नहीं, बल्कि उसे तड़पा-तड़पाकर मौत के घाट उतारना था.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

मासूम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, दरिंदे ने उसे मारने के लिए उसे पैर पकड़कर सिर के बल ज़ोर से पटका. इसके साथ ही मासूम की दोनों हाथों की हड्डियां को तोड़ा गया. वहीं एक पैर की भी हड्डी टूटी हुई थी. इसके अलावा मासूम के पेट पर कई जोरदार घूंसे मारे गए थे, जिससे उसकी सीने की हड्डी भी टूटी हुई थी. इतना ही नहीं, इस दरिंदे ने बच्ची के गले को जोर से दबाने के बाद उसका गला काट दिया.

मामले में क्या बोले SP?

इस बीच मामले में एसपी अभिनंदन का कहना है कि "यह एक बेहद संवेदनशील और गंभीर मामला है. हमने 5 टीमें गठित की हैं, जो मामले के संबंध में 24 घंटे काम कर रही है. हमारी पहली प्राथमिकता आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ने की है. हम मामले की हट पहले से जांच कर रहे हैं. हम गांव वालों से भी पूरी सहयोग की अपेक्षा करते हैं. हम इस मासूम को न्याय दिलाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं."
2027 तक प्रदेश को बाल श्रम से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य–योगी

डेस्क:–उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बाल श्रम के विरुद्ध निर्णायक अभियान की शुरुआत हो चुकी है। योगी सरकार ने वर्ष 2027 तक प्रदेश को बाल श्रम से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य तय करते हुए बहुआयामी योजनाओं को जमीन पर उतार दिया है। जागरूकता से लेकर शिक्षा और पुनर्वासन तक, हर स्तर पर ठोस प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि बचपन को मजबूरी नहीं, अवसर मिल सके। योगी सरकार का यह अभियान अब सिर्फ सरकारी फाइलों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर गांव, हर गली तक पहुंच चुका है, जहां बचपन मुस्कुरा रहा है और भविष्य आकार ले रहा है। बाल श्रम की रोकथाम के लिए 12 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के माध्यम से विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया जाएगा कि बच्चों का स्थान केवल स्कूल में है, श्रम में नहीं। इसके लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से समन्वय बनाकर जागरूकता अभियान को धार दी जाएगी।

योगी सरकार के प्रयासों से अब तक 10,336 बाल श्रमिकों की पहचान की जा चुकी है। वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक 12,426 बाल श्रमिकों का शैक्षिक पुनर्वासन कराया गया है, ताकि ये बच्चे फिर से विद्यालय में जाकर एक नई शुरुआत कर सकें। यही नहीं, इन बच्चों के परिवारों को भी सरकार ने अकेला नहीं छोड़ा। कुल 1,089 परिवारों को आर्थिक पुनर्वासन के जरिए सहायता दी गई है, ताकि वे मजबूरीवश अपने बच्चों से काम न करवाएं।

यही नहीं, योगी सरकार द्वारा संचालित ‘बाल श्रमिक विद्या योजना’ के अंतर्गत दो हजार कामकाजी बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है और उन्हें आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई, जिससे उनके पढ़ाई के रास्ते में कोई बाधा न आए। यह योजना न केवल शिक्षा को बढ़ावा देती है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण को भी बदलने का काम कर रही है। इसके अलावा, बंधुआ मजदूरी के खिलाफ भी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक कुल 1,408 बंधुआ श्रमिकों का पुनर्वासन कर उन्हें 1,817.21 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। यह प्रयास उन्हें स्वतंत्र और गरिमामय जीवन की ओर ले जाने में एक बड़ा कदम साबित हो रहा है।

हैदराबाद में आतंकी साजिश का पर्दाफाश, सोशल मीडिया से सीखी बम बनाने की तकनीक ,दो गिरफ्तार

डेस्क:–हैदराबाद में आतंकी साजिश का पर्दाफाश हुआ है. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है. ये दोनों आरोपी बम बनाने की योजना बना रहे थे. पुलिस को शक है कि इस गिरोह में और भी लोग शामिल हो सकते हैं. साथ ही साथ उसे ISIS मॉड्यूल से जुड़े होने का भी संदेह है.

दरअसल, विजयनगरम जिले में अचानक एक घटना हुई. हैदराबाद में बम विस्फोट करने की साजिश के बारे में खुफिया जानकारी मिलने पर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के काउंटर-इंटेलिजेंस अधिकारियों ने विजयनगरम पुलिस के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान चलाया और विजयनगरम शहर में रहने वाले सिराज-उर-रहमान नामक युवक को गिरफ्तार किया. उसके पास से अमोनियम, सल्फर और एल्युमीनियम जैसे विस्फोटक पदार्थ बरामद किए गए, जिनका इस्तेमाल आमतौर पर बम बनाने में किया जाता है.

सोशल मीडिया से बम बनाने की तकनीक सीखी

इंटेलिजेंस ब्यूरो पिछले छह महीनों से रहमान पर कड़ी नजर रख रहा था. विजयनगरम पुलिस के साथ मिलकर उन्होंने उसके घर पर अचानक छापा मारा. रहमान की दी गई जानकारी के आधार पर हैदराबाद से सैयद समीर नामक एक अन्य युवक को गिरफ्तार कर विजयनगरम लाया गया. विजयनगरम पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए बम बनाने की तकनीक सीखी थी और कई अहम सबूत जुटाए थे. जांच को और आगे बढ़ाने के लिए पुलिस अब अदालत के जरिए दोनों आरोपियों की हिरासत की मांग कर रही है.

विजयनगरम में विस्फोटों का ट्रायल किया

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि दोनों आरोपियों ने ऑनलाइन विस्फोटक खरीदे और विजयनगरम में विस्फोटों का ट्रायल किया. विस्फोटों के ट्रायल की सफलता के बाद दोनों ने विस्फोटों को अंजाम देना चाहा. हमें यकीन नहीं है कि हैदराबाद उनकी सूची में है या नहीं. सिराज और समीर दोनों सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में आए और कथित तौर पर ISIS गतिविधियों के बारे में बातचीत करने लगे. आपस में विश्वास हासिल करने के बाद दोनों ने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का फैसला किया. उन्होंने ऑनलाइन ऑर्डर देकर विस्फोटक खरीदे और विजयनगरम में एक सुनसान जगह पर ट्रायल किया.
इधर  यूट्यूबर ज्योति पर लगा पाकिस्तानी जासूस होने का आरोप, उधर बंद हो गया उनका इंस्टाग्राम अकाउंट

डेस्क:–यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा इन दिनों काफी चर्चा में हैं, हालांकि इसकी वजह ये है कि उन पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया है. ज्योति ‘ट्रैवल विथ जो’ के नाम से यूट्यूब पर फेमस हैं, वो अक्सर अपने घूमने का व्लॉग डालती हैं. फिलहाल जासूसी के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. इसी बीच ज्योति के इंस्टाग्राम अकाउंट को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है.

ज्योति मल्होत्रा हरियाणा की रहने वाली है और एक फेमस यूट्यूबर हैं. यूट्यूब पर उनके 37 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. वो घूमने-फिरने की शौकीन हैं और उनके वीडियो भी डालती हैं. कई रिपोर्ट्स में ये बताया जा रहा है कि ज्योति कमीशन एजेंटों से वीजा हासिल करके 2 बार पाकिस्तान जा चुकी हैं. साथ ही वो पिछले साल कश्मीर भी गई थी, जिसकी तस्वीरें और वीडियो उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है.

अकाउंट हुआ सस्पेंड

जब से ज्योति पर जासूसी का आरोप लगा है, तब से उनको कई सारे लोग सर्च कर रहे हैं. इसी दौरान ये देखने में आया है कि उनका इंस्टाग्राम अकाउंट ही सस्पेंड कर दिया गया है. हालांकि, यूट्यूब चैनल के साथ अभी कुछ भी नहीं किया गया है. पाकिस्तान से ज्योति का पुराना कनेक्शन भी बताया जा रहा है. दरअसल, आजादी के पहले ज्योति का परिवार पाकिस्तान के बहावलपुर में रहता था, लेकिन आजादी के बाद सभी लोग भारत आ गए.

इंस्टाग्राम पर भी ज्योति काफी पॉपुलर हैं उनके ऑफिशियल अकाउंट पर उन्हें 132 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. हालांकि, ये भी बताया जा रहा है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ज्योति लाइव सेशन में इस मुद्दे पर हंसते नजर आई थीं. ज्योति का इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट होने से पहले देखा गया था कि वो हाल ही में इंडोनेशिया भी गई थीं. बताया जा रहा है कि ज्योति लगातार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को भारत की सीक्रेट और जरूरी जानकारियां दे रही थीं.
कौन है हीरा बतूल, Youtuber ज्योति संग वीडियो में इस कोड वर्ड का किया था जिक्र

डेस्क:–हरियाणा के हिसार की फेमस ट्रैवल यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. अपने ट्रैवल चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ के लिए फेमस ज्योति के 377,000 से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. वो पाकिस्तान जाकर भी कई वीडियो बना चुकी हैं. अब उनका एक वीडियो खूब वायरल हुआ है, जिसमें वो एक पाकिस्तानी लड़की के साथ दिखी हैं. इस पाकिस्तानी लड़की का नाम हीना बतूल है.

दोनों ने अपने इस वीडियो में एक दूसरे को बहन-बहन बताया. कहा- हिंदुस्तानी-पाकिस्तानी, बहन-बहन. ऐसा लग ही नहीं रहा कि हम अलग-अलग हैं. और यही इस साल का कोड वर्ड होना चाहिए. इंस्टाग्राम पर ज्योति ने इस वीडियो में हीना को टैग भी किया है. हीना की इंस्टाग्राम आईडी के मुताबिक, वो एक जर्नलिस्ट हैं. यह वीडियो 10 सप्ताह पुराना है. जब से ज्योति गिरफ्तार हुई है, तब से यह वीडियो फिर एक बार वायरल होने लगा है.

ज्योति अब उत्तर भारत में संचालित कथित पाकिस्तान से जुड़े जासूसी नेटवर्क की चल रही जांच में एक अहम केंद्र बन चुकी है. ज्योति मल्होत्रा को हिसार पुलिस ने जासूसी करने और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को संवेदनशील भारतीय जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया था. ज्योति के कबूलनामे और गिरफ्तारी के बाद उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया और अब उसका मामला आगे की जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा के पास है.

पाक गुर्गों से ज्योति के संबंध

हिसार सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में सब-इंस्पेक्टर संजय द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, मल्होत्रा 2023 की यात्रा के दौरान नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग (PHC) के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में आई थी. दानिश ने कथित तौर पर उसके हैंडलर के रूप में काम किया, उसे पाकिस्तानी खुफिया गुर्गों (PIO) से मिलवाया और एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म के जरिए से लगातार बातचीत जारी रखी.

पाकिस्तान और बाली की यात्रा

ज्योति मल्होत्रा ने 2023 में दो बार पाकिस्तान का दौरा किया, जहां उसकी मुलाकात अली एहवान, शाकिर और राणा शाहबाज जैसे गुर्गों से हुई. उसने संदेह से बचने के लिए ‘जट्ट रंधावा’ जैसे अलग नामों से उनके नंबरों को सेव किया. इसके बाद वह एक खुफिया एजेंट के साथ इंडोनेशिया के बाली शहर की यात्रा भी करने गई, जिससे पता चलता है कि महज संपर्क ही नहीं, बल्कि उसकी इसमें गहरी संलिप्तता थी.

हरियाणा और पंजाब में जासूसी नेटवर्क

अधिकारियों ने खुलासा किया कि मल्होत्रा हरियाणा और पंजाब में सक्रिय एक बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा थी. जासूसी, संवेदनशील जानकारी प्रसारित करने और पाकिस्तानी संचालकों को वित्तीय और रसद सहायता प्रदान करने में उनकी कथित भूमिका के लिए अब तक उनके सहित छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.
भारत के इन कई जिलों में चल रही पाकिस्तानी सिम, देश अलग लेकिन नेटवर्क कैसे मुमकिन?

डेस्क:–यह सुनकर आपको हैरानी हो सकती है लेकिन यह सच है कि भारत के कुछ सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तानी मोबाइल सिम कार्ड काम कर रहे हैं। दरअसल पाकिस्तान से सटे भारतीय शहरों के कुछ किलोमीटर अंदर तक पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल पहुंचते हैं। इस वजह से तस्कर और अन्य असामाजिक तत्व इन सिम कार्डों का इस्तेमाल करके सुरक्षा एजेंसियों को आसानी से चकमा दे सकते हैं। आइए जानते हैं कि आखिर कैसे अलग देश होने के बावजूद पाकिस्तानी सिम भारत में काम करते हैं।

इन भारतीय जिलों में आते हैं पाकिस्तानी नेटवर्क

भारत के कई जिले ऐसे हैं जो पाकिस्तान के साथ लंबी सीमा साझा करते हैं। इन सीमावर्ती इलाकों में कुछ दूरी तक पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क की पहुंच देखी गई है। हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बाद राजस्थान के जैसलमेर जिले से खबरें आई थीं कि वहां पाकिस्तानी नेटवर्क 3 से 4 किलोमीटर तक भारतीय सीमा में आ रहे थे। इन नेटवर्क का इस्तेमाल करके पाकिस्तानी लोकल सिम कार्ड से भारत के अंदर भी बातचीत की जा सकती है। हालांकि जैसलमेर प्रशासन ने इनके उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। जैसलमेर के अलावा अमृतसर, श्रीगंगानगर, सांबा, कठुआ, जम्मू, राजौरी और पुंछ जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में भी पाकिस्तान के मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल देखे गए हैं।

देश अलग, नेटवर्क कैसे मुमकिन?

रिपोर्ट के अनुसार टेलीकॉम सेक्टर के अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत किसी भी मोबाइल नेटवर्क की सीमा दूसरे देश की सीमा के 500 मीटर अंदर तक जा सकती है। हालांकि आरोप है कि पाकिस्तान इस अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करता है और उसके मोबाइल सिग्नल भारतीय सीमा में काफी अंदर तक आते हैं जो देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं।

साल 2012 की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने अपनी नापाक साजिशों के तहत भारत के सीमावर्ती जिलों जैसे जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर और गंगानगर के पास मोबाइल टावर स्थापित कर रखे हैं। उस समय इन टावरों के सिग्नल 15 से 20 किलोमीटर तक भारतीय सीमा में पहुंचते थे लेकिन अब रिपोर्ट्स के अनुसार इनकी सीमा घटकर 3 से 4 किलोमीटर तक रह गई है। इस तरह अलग देश होने के बावजूद पाकिस्तानी सिम कार्डों को भारत में नेटवर्क मिल जाता है।

आपको यह भी बता दें कि भारत में पाकिस्तानी सिम कार्ड का उपयोग करना पूरी तरह से गैरकानूनी है। यदि कोई व्यक्ति भारत में पाकिस्तानी सिम कार्ड का उपयोग करते हुए पकड़ा जाता है तो प्रशासन उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करता है। सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी नेटवर्क की मौजूदगी सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई
सेहरे से पहले अर्थी: दुल्हन बैठी थी गाड़ी में... तभी गिर पड़ा दूल्हा, अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में तोड़ा दम

डेस्क:–उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से एक बेहद दुखद और भावनात्मक रूप से झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। विदाई की रस्मों के दौरान अचानक दूल्हा बेहोश होकर गिर पड़ा, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस हादसे से शादी की सारी खुशियां पलभर में मातम में बदल गईं। दुल्हन की विदाई भी नहीं हो सकी और दोनों परिवारों में कोहराम मच गया।

बारात आई, रस्में हुईं… लेकिन विदाई से पहले छिन गया दूल्हा

यह दर्दनाक घटना औंग थाना क्षेत्र के छिवली गांव की है। यहां के रहने वाले सुरेश कुमार गौतम ने अपनी बेटी संजना की शादी कानपुर नगर के नौबस्ता गांव निवासी श्याम सुंदर के बेटे मोनू गौतम से तय की थी। रविवार रात धूमधाम से बारात गांव में पहुंची। शादी की अधिकतर रस्में भी पूरी हो चुकी थीं। सोमवार की सुबह कलेवा और विदाई की तैयारी चल रही थी। दुल्हन संजना को शादी के बाद गाड़ी में बिठाया जा चुका था। इसी दौरान अचानक दूल्हा मोनू गौतम बेहोश होकर गिर पड़ा। यह देखकर दोनों पक्षों के लोग घबरा गए और तुरंत उसे पास के एक स्थानीय प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया।

इलाज के दौरान तोड़ा दम, विदाई रह गई अधूरी

अस्पताल में डॉक्टरों ने मोनू की हालत गंभीर बताई और उसे तुरंत कानपुर रेफर कर दिया। परिवार के लोग जब मोनू को कानपुर ले जा रहे थे, तभी रास्ते में उसकी मौत हो गई। मोनू के दम तोड़ते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई। जो घर शादी के गीतों से गूंज रहा था, वहां अब मातम पसरा हुआ है।

नहीं हो सकी दुल्हन की विदाई

दुल्हन संजना के भाई जितेंद्र ने बताया कि सब कुछ ठीक चल रहा था। सभी रस्में हो चुकी थीं। लेकिन अचानक मोनू गिर पड़ा और फिर अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई। इस हादसे के बाद बहन की विदाई नहीं हो सकी है। वहीं यह हादसा ना सिर्फ दोनों परिवारों के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए गहरे सदमे की वजह बन गया है। शादी की तैयारियों में जुटे घर में अब शोक का माहौल है। लोग इस घटना को सुनकर स्तब्ध हैं।
देश में कितने लोगों को घरों में है AC,आंकड़ा देख पकड़ लेंगे माथा

डेस्क:–गर्मियां आते ही Air Conditioner की सेल्स बढ़ने लगती है, गर्मी से राहत पाने और रात को चैन की नींद सोने के लिए लोग घर में AC लगवाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताबड़तोड़ बिक्री के बाद भी भारत की आखिर कितनी आबादी के पास एयर कंडीशनर है? भारत विश्व का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ एसी बाजार है लेकिन आप लोगों को ये जानकर हैरानी होगी कि केवल सात प्रतिशत घरों में ही एसी लगा है.

इस आंकड़े को देखने के बाद तो ऐसा लग रहा है कि एयर कंडीशनर अब भी 93 फीसदी लोगों के लिए स्टेटस सिंबल बना हुआ है. सरकारी डेटा के मुताबिक, 2012 से 2021 के बीच भारत में लगभग 11 हजार लोगों को हीट स्ट्रोक की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी.

क्या कीमत है वजह?

इस डेटा को देखने से ऐसा लग रहा है कि अब भी ज्यादातर घरों में लोग गर्मी से बचने के लिए एयर कूलर का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके पीछे की एक बड़ी वजह कीमत हो सकती है, एयर कंडीशनर की तुलना एयर कूलर की कीमत काफी कम होती है. वहीं, कुछ लोग शायद ये भी सोचते होंगे कि क्यों 40-50 हजार एसी में खर्च करने हैं जब 10 हजार रुपए से भी कम कीमत में कूलर मिल रहा है? बहुत से लोग पैसा बचाकर उसे निवेश करने में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं.

जहां एक ओर ऐसा लगता है कि लोग एसी की तुलना पैसे बचाने के लिए एयर कूलर खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं तो वहीं अब भी ऐसे लोग हैं जो 30,000 रुपए की सैलरी में भी 40 हजार का एसी लेते हैं. फिर चाहे कुछ अमाउंट डाउन पेमेंट करने के बाद बाकी अमाउंट को आराम से EMI में चुकाते हैं.

कंपनियों की स्ट्रैटेजी

ज्यादा से ज्यादा लोग एसी खरीद पाएं, इसके लिए एसी बनाने वाली कंपनियों को स्ट्रैटेजी बनाने की जरूरत है. ये तो वक्त ही बताएगा कि कंपनियां 7 फीसदी के इस आंकड़े को बढ़ाने की दिशा में काम करती हैं या नहीं. लेकिन करोड़ों की आबादी वाले देश में केवल 7 फीसदी घरों में एसी के इस्तेमाल ने हमें चौंका दिया है.