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सुशासन तिहार के समाधान शिविर में नशे में पहुंचा सचिव, महिला सरपंच ने कहा – रोज शराब पीकर आता है पंचायत, सीईओ ने किया निलंबित

धमतरी-  सुशासन तिहार के तहत आयोजित समाधान शिविर में पंचायत सचिव शराब के नशे में पहुंचा था. इस मामले में कार्रवाई करते हुए जिला पंचायत सीईओ ने आमदी पंचायत के सचिव को निलंबित कर दिया है. पूरा मामला धमतरी जिले के गट्टासिल्ली गांव का है.

धमतरी जिले के ग्राम गट्टासिल्ली में सुशासन तिहार के अंतर्गत समाधान शिविर का आयोजन किया गया था, जहां ग्राम पंचायत आमदी का सचिव शराब के नशे में पहुंचा था. शिविर में गांव की महिला सरपंच ने सचिव की शिकायत करते हुए कहा कि वह रोज शराब पीकर पंचायत कार्यालय आता है, जिससे पंचायत के कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है.

समाधान शिविर में कांकेर लोकसभा सांसद भोजराज नाग भी पहुंचे थे. शिविर में पंचायत सचिव शराब के नशे में पाए जाने पर सांसद ने तुरंत सस्पेंड करने के निर्देश दिए थे. काम में लापरवाही बरतने के आरोप में जिला पंचायत सीईओ रोमा श्रीवास्तव ने पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया है. बता दें कि पहले सचिव को नोटिस जारी किया गया था. संतोषप्रद जवाब नहीं देने पर सीईओ ने निलंबन की कार्रवाई की.

कार्यक्रम में कांकेर लोकसभा सांसद भोजराज नाग, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सार्वा, जिला पंचायत सदस्य एवं सभापति अजय फत्ते लाल ध्रुव, जनपद पंचायत नगरी अध्यक्ष महेश गोटा, उपाध्यक्ष हृदय साहू सहित नगरी अनुविभाग के एसडीएम, तहसीलदार और सीईओ जनपद पंचायत नगरी उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री ने नक्सल मुठभेड़ में शहीद जवान मेहुल भाई को दी श्रद्धांजलि

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीजापुर जिले के उसूर क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान अदम्य साहस का परिचय देते हुए शहीद सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के कांस्टेबल सोलंकी मेहुल भाई नंदलाल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और पार्थिव शरीर को कंधा देकर उनके गृह राज्य रवानगी से पूर्व अंतिम विदाई दी। मुख्यमंत्री आज माना स्थित चौथी वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल परिसर पहुंचकर शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किए और उन्हें नमन किया।

मुख्यमंत्री श्री साय इस मौके पर शहीद के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की और ईश्वर से उन्हें इस कठिन समय में शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद मेहुल भाई की वीरता और देशभक्ति हमेशा याद रखी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले एक वर्ष से नक्सल विरोधी अभियान तेज हुई है और हमारे जवानों ने नक्सलवाद से डटकर मुकाबला कर बड़ी सफलताएं हासिल की है। उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद के समूल नाश का अपना संकल्प हम पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। सरकार शहीद परिवार के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहयोग करेगी। कांस्टेबल सोलंकी मेहुल भाई का बलिदान वीरता और राष्ट्र के प्रति समर्पण की सर्वोच्च परंपरा को दर्शाता है।

इस अवसर पर प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक पुरन्दर मिश्रा, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं नागरिकगण उपस्थित थे।

युक्तियुक्तकरण के खिलाफ शालेय शिक्षक संघ ने खोला मोर्चा, 28 मई को मंत्रालय के घेराव का किया ऐलान…

रायपुर- युक्तिकरण की वजह से भले ही सरकार कह रही हो कि न तो स्कूल बंद होंगे और न ही शिक्षकों के पद समाप्त होंगे. लेकिन शालेय शिक्षक संघ इसे अन्याय करार देते हुए इसके विरोध में 28 मई को मंत्रालय के घेराव का ऐलान किया है.

शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा है कि राज्य का कोई भी शिक्षक तथा शिक्षक संगठन एकल शिक्षकीय व शिक्षक विहीन शालाओं में शिक्षक उपलब्ध कराने की कार्यवाही का विरोध नहीं कर रहा है. उनके विरोध का प्रमुख बिंदु 2008 के विभागीय सेट अप की तुलना में प्राथमिक तथा पूर्व माध्यमिक शालाओं में एक एक शिक्षक कम करने की कवायद को लेकर है.

वीरेंद्र दुबे ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग अपने ही वर्तमान में भी लागू सेट अप को अप्रासंगिक बता रहा है, तथा 15 वर्षों से लागू आरटीई एक्ट 2009 को ढाल बनाने का प्रयास कर रहा है, जबकि आरटीई एक्ट पूरे देश के लिए न्यूनतम मापदंड तय करता है न कि अधिकतम. अर्थात् न्यूनतम मापदंड लागू करना बाध्यता है, किंतु न्यूनतम से अधिक शिक्षक और संसाधन उपलब्ध कराने पर रोक नहीं है.

दुबे ने कहा कि वैसे भी आरटीई में विषयवार शिक्षक की व्यवस्था का प्रावधान होने तथा राज्य के सेट अप में विषयवार शिक्षकों की लागू व्यवस्था को 2023 में छत्तीसगढ़ में विलोपित कर दिया गया. इससे स्पष्ट होता है कि स्कूल शिक्षा युक्तियुक्तकरण के एकतरफा, विसंगतिपूर्ण, शिक्षा शिक्षक व शिक्षार्थी विरोधी अपनी कार्रवाई के बचाव में ढाल की तरह आरटीई एक्ट 2009 का उपयोग करना चाहती है.

इसके साथ ही युक्तियुक्तकरण के गलत सेटअप का विरोध और 2008 के सेटअप अनुसार युक्तियुक्तकरण करने की मांग को लेकर प्रदेश के 23 शिक्षक संगठनों से मिलकर बने साझा मंच के बैनर तले 28 मई को रायपुर मंत्रालय का घेराव करने जा रहा है, जिसमे समस्त शिक्षकों, शिक्षित बेरोजगारों व पालकों से भी सम्मलित रहने की अपील की गई है.

बैडमिंटन कोर्ट में खिलाड़ी की संदिग्ध मौत, एडमिशन के लिए पहुंचा था हिमांशु, जांच में जुटी पुलिस..

रायपुर- राजधानी रायपुर स्थित सप्रे शाला जिला बैडमिंटन कोर्ट से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है. आज सुबह एडमिशन के लिए डेमो लेने पहुंचे खिलाड़ी की संदिग्ध मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक हिमांशु श्रीवास्तव उम्र 35 वर्षीय भिलाई सेक्टर-04 का निवासी था. युवक की मौत हार्ट अटैक से होने की आशंका जताई जा रही है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच में जुट गई है. यह पूरा मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है.

कोतवाली पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक की पहचान भिलाई निवासी हिमांशु श्रीवास्तव के रूप में हुई है. वह रायपुर में अपनी पत्नी के साथ रह रहा था. आज सुबह युवक पहली बार सप्रे बैडमिंटन एकेडमी पहुंचा था. उसने वहां मौजूद खिलाड़ियों से बैडमिंटन खेलने की इच्छा जताई, जिसे खिलाड़ियों ने स्वीकार कर लिया. कुछ देर तक खेल में भाग लेने के बाद वह थककर कोर्ट के बाहर आकर बैठा और अचानक जमीन पर गिर पड़ा.

घटना के तुरंत बाद मौजूद खिलाड़ियों ने उसे डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) पहुंचाया, लेकिन डाक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. फिलहाल युवक की मौत को संदिग्ध माना जा रहा है और उसकी मौत के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है.

सुबह 8 से 9 के बीच आया था खिलाड़ी: 

जानकारी के अनुसार, खिलाड़ी सुबह 8 से 9 बजे के बीच पहुंचा था. वह इस बैच में शामिल होने की इच्छा जताई थी. इसके बाद वह 8.30 बजे कुछ देर तक खेलने के बाद बैठ गया. इसके कुछ देर बाद वह अचानक ही गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई.

जिला न्यायालय से हुआ अन्याय, हाईकोर्ट ने दिया न्याय : शादी की छुट्टी पर बर्खास्त होने वाले भृत्य को 9 साल बाद फिर से मिलेगी नौकरी

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से एक दिलचस्प मामला सामने आया है. जिला न्यायालय बालोद में पदस्थ एक भृत्य ने अपनी शादी के लिए सात दिन का अवकाश लिया था, लेकिन वह दस दिन बाद काम पर लौटा. इस पर उसे अनाधिकृत अवकाश का हवाला देते हुए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. नौ साल तक चले कानूनी संघर्ष के बाद भृत्य को आखिरकार हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली. हाईकोर्ट ने जिला न्यायालय को आदेश दिया है कि उसे 50 प्रतिशत पिछला वेतन देते हुए पुनः सेवा में बहाल किया जाए।

दरअसल, जिला न्यायालय बालोद में परीवीक्षा अवधि में भृत्य के पद पर राजेश देशमुख पदस्थ था. इस दौरान साल 2016 में उसकी शादी लग गई. घर में तैयारियां जारी थी, उसने अपनी शादी के लिए 7 दिन का अवकाश लिया. लेकिन शादी से लौटते हुए उसे देरी हो गई, अवकाश अवधि से 10 दिन बाद राजेश काम पर वापस आया. विभाग ने आरोप लगाया कि उसने अनाधिकृत रूप से अवकाश लिया है, जिसके बाद उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. 

मुख्यालय से जारी नोटिस का राजेश ने जवाब भी दिया था, लेकिन इसपर असंतोष जताते हुए भृत्य सेवा से हटा दिया गया. पीड़ित ने प्रोबेशन में भी आरोपों की जांच और सुनवाई का अवसर मिलना जरूरी के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की. जस्टिस संजय श्याम अग्रवाल की बेंच में मामलें की सुनवाई हुई. याचिककर्ता की ओर से उसके अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सिर्फ प्रोबेशन में रहने के कारण कर्मचारी को सेवा से हटाया नहीं जा सकता. प्रोबेशन पीरियड में रहने पर भी आरोप की विस्तृत जांच की जानी थी. बिना जांच के पद से हटाया नहीं जा सकता. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने देशमुख को 50 प्रतिशत पिछले वेतन के साथ सेवा में वापस लेने का जिला न्यायालय बालोद को निर्देश दिया.

फर्जी डीजल बिल के जरिए लाखों का खेल खेलने वाला लिपिक आखिरकार हुआ निलंबित

गरियाबंद- सीएमएचओ के सरकारी वाहन में डीजल डलवाने के नाम पर 25 लाख का गोलमाल करने वाले लिपिक को आखिरकार कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है. मामले में कार्रवाई से ज्यादा चर्चा गड़बड़ी के पुख्ता प्रमाण होने के बाद भी लिपिक के कार्यालय में जमा रहने की है, जिससे मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता का शक हो रहा है.

गरियाबंद सीएमएचओ कार्यालय सरकार के स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन से ज्यादा करप्शन को लेकर चर्चा में रहा है. चर्चित डीजल कांड में साल भर बाद अब जाकर कार्रवाई हुई है. नए कलेक्टर भगवान उईके के बैठते ही दबी फाइलें एक-एक करके निकल रहे हैं.

फाइलों में दब चुके डीजल कांड में 19 मई को कलेक्टर ने कार्रवाई किया है. डीजल के नाम पर 25 लाख की गड़बड़ी करने वाले सीएमएचओ के लिपिक वर्ग 2 विजेंद्र कुमार ध्रुव को निलंबित किया गया. आरोप था कि लिपिक ने पदीय कर्तव्य के विरुद्ध जाकर सरकारी वाहन सीजी 02 6140 में डीजल डलवाने के नाम पर जय लक्ष्मी पेट्रोल पंप से 25 लाख फर्जी बिल पास करवा लिया.

करप्शन कंप्रोमाइज का करार टूटा

पकड़ में आए गड़बड़ी में संबंधित अफसर भी भागीदार रहे, लेकिन वे बच गए. कारनामा सीएमएचओ केसी उरांव के कार्यकाल से शुरू हुआ जो गार्गी यदु पाल के आने के तक जारी रहा. हालांकि, मामला सामने आने के बाद डीजल पंप बदल कर कारनामे पर रोक लगा दिया गया, लेकिन भ्रष्टाचार का खेल दूसरे मद में जारी रहा.

हैरानी तब हुई जब दागी लिपिक विजेंद्र ध्रुव की करतूत से भली-भांति अवगत होने के बावजूद सीएमएचओ ने उसे तीन माह के सरकारी ट्रेनिंग पर भेजा. लेकिन अब लिपिक पर कार्रवाई के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएमएचओ दफ्तर में हुए आर्थिक अनियमितताओं से पर्दा उठेगा. चर्चा है कि निलंबित लिपिक ने कार्रवाई रोकने की शर्त पर कई कर्मकांड में अहम भागीदारी निभाई थी. चूंकि कार्रवाई रुकी नहीं, ऐसे में अब पर्दा उठने की उम्मीद है.

परिजनों का आरोप- इलाज के नाम पर धर्मांतरण की कोशिश, तीन महीने तक बनाए रखा बंधक, संदिग्ध परिस्थिति में नाबालिग की मौत

गरियाबंद-  गरियाबंद जिले के सुरसाबांधा गांव से एक गंभीर मामला सामने आया है. यहां इलाज के नाम पर नाबालिग के धर्मांतरण की कोशिश की गई. बिना मेडिकल ट्रीटमेंट के तीन महीने तक बंधक बनाकर रखा गया. काफी हालत बिगड़ने के बाद नाबालिग की संदिग्ध परिस्थित में मौत हो गई. यह आरोप नाबालिग के परिजनों ने लगाए हैं.

जानकारी के मुताबिक, मामला राजिम थाना क्षेत्र के सुरसाबांधा गांव का है. मृतिका के परिजनों का महिला ईस्वरी साहू आरोप है कि नाबालिग को शैतान का डर दिखाकर नाबालिग को बंधक बनाकर रखा गया. इलाज के नाम पर केवल आयुर्वेदिक दवाएं और प्रार्थना की गई, लेकिन कोई मेडिकल ट्रीटमेंट या डॉक्टर का सहारा नहीं लिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि इलाज के नाम पर धर्मांतरण की कोशिश की गई. 

लगातार नाबालिग की हालत बिगड़ने के बावजूद डॉक्टर से ट्रीटमेंट नहीं कराया गया. इसके बाद नाबालिग की संदिग्ध परिस्थित में मौत हो गई. इससे आक्रोशित परिजन राजिम थाना पहुंचे. रात करीब 1 बजे पुलिस ने धर्मांतरण और बंधक बनाने का मामला दर्ज किया. वहीं घटनास्थल पर पहुंचकर ईश्वरी साहू को हिरासत में ले लिया. फिलाहल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है. 

आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में फर्जीवाड़ा : 13 नियुक्ति प्रक्रिया में मिली कई गड़बड़ियां, चयन समिति को नोटिस जारी

गरियाबंद- देवभोग ब्लॉक में आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में फर्जीवाड़ा मामले की जांच में कई गड़बड़ी मिलने के बाद चयन समिति के खिलाफ एक्शन लिया गया है. अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय के नेतृत्व में गठित कमिटी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ. 24 में से 13 की नियुक्ति प्रक्रिया में कई विसंगतिया पाई गई. इसके बाद चयन समिति को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

जांच कमेटी ने पाया कि 24 पदों में से 13 की भर्ती प्रकिया में कई विसंगतियां हैं। 24 पदों में भर्ती के लिए सिंगल ज्ञापन जारी किया गया था, लेकिन नियुक्ति आदेश पृथक जारी किया जाना, मूल्यांकन पंजी में दर्ज अंक और नियुक्ति में लगाए गए अंक सूची के कुल योग में अंतर, ग्रेडिंग के बदले निर्धारित किए गए अंकों में अलग-अलग अंक दर्शित कराया जाना जैसे अनियमितता के कई बिंदु पाए गए। 13 केंद्रों की भर्ती में कुछ अपात्र अभ्यर्थियों को नियम ताक में रख लाभ पहुंचाने कूटरचना करना पाया गया.

चयन समिति को नोटिस जारी

जांच अधिकारी अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने कहा कि मामले की जांच में मिले तथ्यों के आधार पर चयन समिति में शामिल सीईओ, सीडीपीओ, बीईओ और बीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जवाब संतोष प्रद नहीं पाए जाने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. वहीं जिन नियुक्तियों में अनियमितता मिली है, उन्हें रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

एसडीएम के जांच में मिला था क्लीन चिट

पूंजीपारा में सहायिका नियुक्ति का मामला थाने तक पहुंचा। मामले में नियुक्त पा चुकी अभ्यर्थी और अंक सूची जारी करने वाले प्रधान पाठक को आरोपी बनाया गया था। इन पर प्राथमिकी दर्ज भी हुई। इसके बाद कोदोभाठा, कुम्हड़ाई कला के अभ्यर्थी भी जेल भेजे गए। लेकिन पूरे मामले में आंख मूंद कर अंक सूची जारी करने वाले या फिर त्रुटिपूर्ण आवेदन करने वाले बचकर निकल रहे थे।

मामले की जांच जब देवभोग एसडीएम तुलसी दास से कराई गई तब भी जिम्मेदार और अपराध के भागीदारी हाथ नहीं आ रहे थे। लेकिन इस तरह की गड़बड़ियों को पकड़ने में माहिर अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने जांच शुरू की तो गड़बड़ी के असली आरोपी भी कार्रवाई के दायरे में आ चुके हैं।

दर्ज है अपराध, सह आरोपी बनाए जा सकते हैं

फर्जी सहायिका भर्ती मामले में देवभोग थाने में दो अलग-अलग प्रकरण दर्ज है. जांच में अब जिन्हें दोषी पाया गया है, उन्हें दर्ज अपराध का सह आरोपी बनाया जा सकता हैं.

अब छात्रवृत्ति से वंचित नहीं होंगे विद्यार्थी, आवेदन की तिथि 30 नवंबर तक बढ़ी

रायपुर- पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति 2025-26 में ऑनलाइन पंजीयन के लिए अदिवासी विकास विभाग ने समय में बढोत्तरी की है। अब विद्यार्थी साल में तीन बार- 31 मई, 31 अगस्त एवं 30 नवंबर तक ऑनलाईन आवेदन कर सकेंगे। यह खास सुविधा विद्यार्थियों को इसलिए दी जा रही है क्योंकि अलग-अलग विषयों के परिणाम विभिन्न तिथियों में जारी किए जाते हैं, जिससे कि छात्रों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। जिले में संचालित समस्त शासकीय, अशासकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग, मेडिकल, नर्सिंग, पालीटेक्नीक, आईटीआई आदि कालेजों में अध्ययनरत ऐसे छात्र जिनका प्रवेश विलंब से हुआ है या जिनका परीक्षा परिणाम विलंब से घोषित हुआ है। ऐसे अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए पंजीयन के लिए समय में बढोत्तरी की गई है।

निर्धारित तिथि के पश्चात शिक्षा सत्र 2025-26 की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति ऑनलाईन आवेदन हेतु पोर्टल बंद कर दिया जावेगा। एवं Draft Proposal एवं Sanction Order Lock करने का अवसर भी प्रदान नहीं किया जायेगा। निर्धारित तिथि तक कार्यवाही पूर्ण नही करने पर यदि संबधित संस्थाओं के विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित रह जाते हैं, तो. इसके लिए संस्था प्रमुख जिम्मेदार होंगे।

छात्रवृत्ति के लिए निम्नानुसार पात्रता निर्धारित हैः-

  1. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों के पालक की आय-सीमा रू. 2.50 लाख प्रतिवर्ष, अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु आय-सीमा रू. 1.00 लाख प्रतिवर्ष, सक्षम अधिकारी द्वारा स्थाई जाति प्रमाणपत्र, छ.ग. का मूल निवास प्रमाण पत्र, विद्यार्थी के अध्ययनरत पाठ्यक्रम के विगत वर्ष का परीक्षा परिणाम।
  2. PFMS के माध्यम से आधार आधार सीडेड बैंक खाते में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा रहा है। अतः सभी विद्यार्थी अपने सक्रिय एवं आधार सीडेड बैंक खाते की प्रविष्टि ऑनलाईन आवेदन करते समय सुनिश्चित करें।
  3. वर्ष 2025-26 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को NSP Portal से OTR (One Time Registration) प्राप्त करना आवश्यक है। इस हेतु राज्य छात्रवृत्ति पोर्टल में प्रदाय निर्देशों का अवलोकन किया जा सकता है।
  4. वर्ष 2025-26 में नवीन संस्था के संस्था प्रमुख (HOI) एवं संस्था के छात्रवृत्ति प्रभारी (NOI) का biometric-authentication किया जाना अनिवार्य है।
छात्रा से मारपीट और बेड टच के मामले में फरार आरोपी हेडमास्टर गिरफ्तार, डीईओ ने किया निलंबित

बिलासपुर-  स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा से मारपीट, गाली गलौच और बेड टच के मामले में फरार आरोपी हेडमास्टर अशोक कुर्रे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस शिक्षक के निलंबन को बहाल करते हुए डीईओ ने शासकीय प्राथमिक शाला जरेली में पदस्थापना आदेश जारी कर दिया था। फरार शिक्षक जमानत के लिए कोर्ट जा रहा था तभी आरोपी शिक्षक को तखतपुर पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपी को तखतपुर थाना लाकर कार्रवाई की जा रही है। इधर डीईओ ने आरोपी शिक्षक अशोक कुर्रे को फिर निलंबित कर दिया है।

जानकारी के अनुसार तखतपुर विकासखंड के प्राथमिक शाला खुड़ियाडीह में पदस्थ शिक्षक अशोक कुर्रे के खिलाफ स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग छात्राओं ने मारपीट और गाली गलौज सहित बेड टच की शिकायत की थी। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश के बाद हुई जांच में इन आरोपों की पुष्टि भी हो गई। 27 फरवरी 2025 को डीईओ बिलासपुर के निर्देश के बाद बीईओ तखतपुर ने इस मामले की सूचना अप्रैल अंतिम में तखतपुर पुलिस को दी। शिक्षा को शर्मसार करने वाले मामले में भी शिक्षा विभाग ने घोर लापरवाही बरतते हुए जांच में पुष्टि होने के बाद भी पुलिस को सूचना देने में दो महीने का समय लगा दिया। यानी शिक्षक को फरार होने का पूरा मौका दे दिया।

शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के आधार पर और छात्रा के बयान के बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ पास्को एक्ट जैसी गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे अतिसंवेदनशील मामले में लेटलतीफी के कारण पास्को एक्ट का आरोपी शिक्षक पुलिस रिकार्ड में फरार था। पुलिस रिकार्ड में फरार और जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी शिक्षा अधिकारी ने दोषी शिक्षक अशोक कुर्रे को ज्वाइनिंग भी दे दी।

गंभीर आरोप के बावजूद डीईओ ने आरोपी शिक्षक को कर दिया बहाल

इस मामले में थाना तखतपुर में एफआईआर क्रमांक 0199/25 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। एफआईआर के बाद शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि इस गंभीर आरोप और दर्ज एफआईआर के बावजूद 15 मई को जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर ने उक्त शिक्षक को पुनः बहाल कर दिया। शिक्षक अशोक कुर्रे को अब प्राथमिक शाला खपरी, तखतपुर में पदस्थ किया गया है। पीड़ित पक्ष और समाजिक कार्यकर्ताओं ने इस बहाली पर नाराजगी जताई है और प्रशासन से पुनः विचार करने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक न्यायिक प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, ऐसे मामलों में लिप्त शिक्षकों को बहाल करना छात्र सुरक्षा के लिहाज से अनुचित है।

गमछा बांधकर जमानत के लिए कोर्ट जा रहा था आरोपी

पास्को एक्ट के फरार शिक्षक अशोक कुर्रे पुलिस के गिरफ्त से फरार थे। पुलिस लगातार फरार शिक्षक के अलग-अलग घरों में घेराबंदी कर रही थी, लेकिन पुलिस खाली हाथ वापस लौट रहे थे। आरोपी शिक्षक के मोबाइल लोकेशन लेने पर उनका लास्ट लोकेशन बिलासपुर बताया गया, जहां तखतपुर थाना प्रभारी देवेश सिंह राठौर अपनी टीम के साथ सुबह से बिलासपुर रवाना हो गए थे. बिलासपुर में अलग-अलग ठिकानों में दबिश दी जा रही थी, लेकिन आरोपी अशोक कुर्रे नहीं मिल रहा था. पुलिस कलेक्टर के पास अलग-अलग जगह पर ढूंढ रही थी, तभी आरोपी अशोक कुर्रे गमछा बांधकर अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट जा रहा था तो पुलिस ने उसे धर दबोचा. आरोपी अशोक कुर्रे को तखतपुर थाना लाया गया, जहां उससे पूछताछ की जा रही है।