निर्वाचन आयोग की 18 नई पहलें: झारखंड के मतदाताओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम
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मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार की दूरदर्शी पहल के तहत, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने झारखंड के मतदाताओं को अधिक सशक्त और लाभान्वित करने के उद्देश्य से 18 नई पहलें शुरू की हैं। इन पहलों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है, जो मतदाता, राजनीतिक दल, प्रक्रियात्मक सुधार, कानूनी पहलू, चुनाव कर्मी और स्वयं निर्वाचन आयोग को कवर करती हैं।
मतदाताओं के लिए, एक मतदान केंद्र पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1200 तक सीमित की गई है, और ऊंची इमारतों/कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मतदाता सूची को अद्यतन करने के लिए मृत्यु पंजीकरण डेटा को सीधे RGI डेटाबेस से प्राप्त किया जाएगा और सत्यापन के बाद अपडेट किया जाएगा। मतदाता सूचना पर्चियों को अधिक मतदाता-अनुकूल बनाया जाएगा, जिसमें मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होगी।
राजनीतिक दलों के साथ संवाद बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। पूरे भारत में CEO/DEO/ERO स्तर पर 4,719 बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें 28,000 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रमुखों से भी बैठक की। IIIDEM में बिहार, तमिलनाडु और पुडुचेरी राज्यों के राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए गए।
प्रक्रियात्मक सुधारों में, ECINET नामक एक नया एकीकृत डैशबोर्ड शुरू किया गया है, जो सभी हितधारकों के लिए एक ही स्थान से सभी सेवाएं प्रदान करेगा। डुप्लिकेट EPIC नंबर की समस्या का समाधान किया गया है, और अद्वितीय EPIC नंबर के लिए एक नई व्यवस्था लागू की गई है।
कानूनी मोर्चे पर, मतदाता सूची की तैयारी और चुनाव संचालन की प्रक्रिया में शामिल 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान की गई है, और इन सभी के लिए अधिनियमों, नियमों और आयोग के निर्देशों के आधार पर प्रशिक्षण प्रस्तुतियाँ तैयार की जा रही हैं।
चुनाव कर्मियों के लिए, BLO (बूथ लेवल अधिकारी) को मानक फोटो पहचान पत्र प्रदान किया जाएगा। IIIDEM, नई दिल्ली में 3000 से अधिक बूथ लेवल सुपरवाइजरों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, और अगले कुछ वर्षों में 1 लाख से अधिक BLO सुपरवाइजरों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।
अंत में, निर्वाचन आयोग ने अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं में भी सुधार किया है, जिसमें बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली और ई-ऑफिस का कार्यान्वयन शामिल है। CEO के साथ नियमित बैठकें भी आयोजित की जा रही हैं। ये पहलें झारखंड में चुनावी प्रक्रिया को अधिक कुशल, पारदर्शी और मतदाता-केंद्रित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
May 22 2025, 19:55