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निर्वाचन आयोग की 18 नई पहलें: झारखंड के मतदाताओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम

मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार की दूरदर्शी पहल के तहत, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने झारखंड के मतदाताओं को अधिक सशक्त और लाभान्वित करने के उद्देश्य से 18 नई पहलें शुरू की हैं। इन पहलों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है, जो मतदाता, राजनीतिक दल, प्रक्रियात्मक सुधार, कानूनी पहलू, चुनाव कर्मी और स्वयं निर्वाचन आयोग को कवर करती हैं।

मतदाताओं के लिए, एक मतदान केंद्र पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1200 तक सीमित की गई है, और ऊंची इमारतों/कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मतदाता सूची को अद्यतन करने के लिए मृत्यु पंजीकरण डेटा को सीधे RGI डेटाबेस से प्राप्त किया जाएगा और सत्यापन के बाद अपडेट किया जाएगा। मतदाता सूचना पर्चियों को अधिक मतदाता-अनुकूल बनाया जाएगा, जिसमें मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होगी।

राजनीतिक दलों के साथ संवाद बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। पूरे भारत में CEO/DEO/ERO स्तर पर 4,719 बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें 28,000 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रमुखों से भी बैठक की। IIIDEM में बिहार, तमिलनाडु और पुडुचेरी राज्यों के राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए गए।

प्रक्रियात्मक सुधारों में, ECINET नामक एक नया एकीकृत डैशबोर्ड शुरू किया गया है, जो सभी हितधारकों के लिए एक ही स्थान से सभी सेवाएं प्रदान करेगा। डुप्लिकेट EPIC नंबर की समस्या का समाधान किया गया है, और अद्वितीय EPIC नंबर के लिए एक नई व्यवस्था लागू की गई है।

कानूनी मोर्चे पर, मतदाता सूची की तैयारी और चुनाव संचालन की प्रक्रिया में शामिल 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान की गई है, और इन सभी के लिए अधिनियमों, नियमों और आयोग के निर्देशों के आधार पर प्रशिक्षण प्रस्तुतियाँ तैयार की जा रही हैं।

चुनाव कर्मियों के लिए, BLO (बूथ लेवल अधिकारी) को मानक फोटो पहचान पत्र प्रदान किया जाएगा। IIIDEM, नई दिल्ली में 3000 से अधिक बूथ लेवल सुपरवाइजरों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, और अगले कुछ वर्षों में 1 लाख से अधिक BLO सुपरवाइजरों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।

अंत में, निर्वाचन आयोग ने अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं में भी सुधार किया है, जिसमें बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली और ई-ऑफिस का कार्यान्वयन शामिल है। CEO के साथ नियमित बैठकें भी आयोजित की जा रही हैं। ये पहलें झारखंड में चुनावी प्रक्रिया को अधिक कुशल, पारदर्शी और मतदाता-केंद्रित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

जमशेदपुर का शहरी विस्तार: तीन लाख आबादी को मिलेंगी शहरी सुविधाएं

जमशेदपुर शहर अपनी भौगोलिक और विकासात्मक सीमाओं का विस्तार करने के लिए तैयार है, जिससे आसपास की छह पंचायतों से लगभग तीन लाख की आबादी को शहरी निकायों में शामिल किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना का सैटेलाइट सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, और अब चौहद्दी रिपोर्ट का इंतजार है। इस रिपोर्ट के बाद, प्रस्ताव को मंजूरी के लिए नगर विकास विभाग भेजा जाएगा। इस विस्तार से जमशेदपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का व्यापक विस्तार होगा, जिससे विकास को एक नई दिशा मिलेगी। जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी), जुगसलाई, और मानगो नगर निगम इस महत्वपूर्ण परियोजना को साकार करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।

मानगो नगर निगम का बढ़ता दायरा: मुखियाडांगा और तुरियाबेरा भी होंगे शामिल

मानगो नगर निगम का विस्तार मुखियाडांगा और तुरियाबेरा क्षेत्रों तक होगा, जिससे इसकी आबादी में करीब डेढ़ लाख लोग और जुड़ जाएंगे। वर्तमान में मानगो नगर निगम अपनी लगभग 3 लाख की आबादी के लिए कचरा प्रबंधन जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस विस्तार से संसाधन प्रबंधन में और अधिक दक्षता की आवश्यकता होगी। हालांकि, इन पंचायतों को शहरी क्षेत्र में शामिल करने के बाद नागरिक सुविधाओं में भी उल्लेखनीय वृद्धि की जाएगी, जिससे निवासियों को बेहतर शहरी जीवन का अनुभव मिलेगा।

कपाली नगर परिषद में 2 लाख से अधिक लोग होंगे शामिल

प्रस्तावित योजना के तहत, जमशेदपुर से सटे सरायकेला-खरसावां स्थित कपाली नगर परिषद का भी विस्तार किया जाएगा। इसमें डोबो, तमोलिया और पुडिसीली जैसे क्षेत्र शामिल होंगे। इस विस्तार से कपाली नगर परिषद की आबादी में दो लाख से अधिक लोग जुड़ जाएंगे, जो शहरी निकाय का हिस्सा बनेंगे। इस पहल से कपाली क्षेत्र में सड़क, जलापूर्ति और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं में महत्वपूर्ण सुधार होने की उम्मीद है।

जेएनएसी के दायरे में 50 हजार नई आबादी

जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) भी अपने दायरे का विस्तार करेगी। इसमें मोहरदा, घोड़ाबांदा और हुरलुंग जैसे क्षेत्र शामिल किए जाएंगे, जहां लगभग 50 हजार लोग निवास करते हैं। जेएनएसी ने इस विस्तार के लिए अपना प्रस्ताव तैयार कर लिया है और इन तीन पंचायतों का सैटेलाइट सर्वेक्षण भी पूरा हो चुका है। जेएनएसी के उपनगर आयुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि सैटेलाइट सर्वे पूरा हो गया है, और जेएनएसी क्षेत्र में चौहद्दी का सर्वे जारी है।

जुगसलाई नगर परिषद में बागबेड़ा और कीताडीह का समावेश

जुगसलाई नगर परिषद भी अपने शहरी सीमा का विस्तार करेगी, जिसमें बागबेड़ा और कीताडीह जैसे इलाकों को शामिल किया जाएगा। इससे जुगसलाई नगर परिषद की आबादी में एक लाख लोग और जुड़ जाएंगे।

अधिकारियों के अनुसार, सैटेलाइट सर्वे पूरा हो चुका है और पंचायत क्षेत्र के लोगों ने भी शहरी योजनाओं के लाभ पर अपनी सहमति व्यक्त की है। नगर विकास विभाग की मंजूरी के बाद, यह महत्वाकांक्षी योजना जल्द ही धरातल पर उतरेगी, जिससे जमशेदपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में समग्र विकास को गति मिलेगी। यह विस्तार न केवल आबादी को शहरी सुविधाएं प्रदान करेगा, बल्कि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करेगा, जिससे निवासियों के जीवन स्तर में सुधार होगा।

कोडरमा में भीषण सड़क हादसा: बोलेरो-ऑटो की टक्कर में दो मजदूरों की मौत, सात घायल

झारखंड के कोडरमा जिले में एक भीषण सड़क हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि सात अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दर्दनाक घटना गुरुवार सुबह कोडरमा थाना क्षेत्र के लोकाई स्थित तालाब के पास हुई, जहाँ एक बोलेरो पिकअप और एक ऑटो-रिक्शा के बीच जोरदार टक्कर हो गई।

हादसे का विवरण

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी भीषण थी कि ऑटो हवा में उछलकर जमीन पर जा गिरा। घटना के समय, झुमरीतिलैया के नरेश नगर से मजदूरों का एक समूह तीन ऑटो में सवार होकर कबाड़ चुनने के लिए डोमचांच की ओर जा रहा था। रास्ते में, विपरीत दिशा से आ रही एक बोलेरो पिकअप ने उनमें से एक ऑटो को जबरदस्त टक्कर मार दी। इस हादसे में ऑटो में सवार सभी 9 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें पुरुष और महिला दोनों शामिल थे। टक्कर के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई।

तत्काल बचाव कार्य और मृतकों की पहचान

हादसे की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। ग्रामीणों और पुलिस के सहयोग से सभी घायलों को तुरंत सदर अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में चिकित्सकों ने दो मजदूरों को मृत घोषित कर दिया। मृतकों की पहचान 37 वर्षीय चंदा देवी (पति रवि भुंइया) और 35 वर्षीय मुकेश कुमार के रूप में हुई है, दोनों नरेश नगर के निवासी थे।

घायलों की स्थिति और पहचान

दुर्घटना में घायल हुए सात मजदूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों में नरेश नगर निवासी शिला देवी (28, पति मुकेश भुइंया), अनिता देवी (35, पति दिलीप भुइंया), मीना देवी (पति मनोज भुइंया), मन्नू कुमार भुइंया (32, पिता लिटारी भुइंया), मुंदकी देवी (36, पति अर्जुन भुइंया), सुगनी देवी (30, पति रॉकी भुइंया) और गुड़ी देवी (32, पति मन्नू कुमार भुंइया) शामिल हैं।

पुलिस की कार्रवाई

घटना के बाद, पुलिस ने दोनों दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को अपने कब्जे में ले लिया है। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है। यह हादसा एक बार फिर सड़कों पर सुरक्षा उपायों और यातायात नियमों के पालन के महत्व पर प्रकाश डालता है।

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कल होगी कैबिनेट की बैठक, इसके पूर्व 15 मई की बैठक में 17प्रस्ताव पर लगे मुहर

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कल, 22 मई को एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक बुलाई गई है। यह बैठक गुरुवार शाम 4 बजे से प्रोजेक्ट भवन स्थित मंत्रिपरिषद कक्ष में शुरू होगी। इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगने की संभावना है, जिससे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने इस आगामी बैठक की जानकारी साझा की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार राज्य के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और निर्णय लेने के लिए तैयार है।

इस बैठक से पहले, 15 मई 2025 को भी कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी, जिसमें कुल 17 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली थी। उन प्रस्तावों में सबसे महत्वपूर्ण उत्पाद मदिरा नीति को मंजूरी मिलना था, जिसके दूरगामी परिणाम राज्य की आबकारी व्यवस्था पर पड़ सकते हैं। इसके अतिरिक्त, उस बैठक में एनसीसी कैडेट्स के दैनिक भत्ते को 150 रुपये से बढ़ाकर 210 रुपये प्रतिदिन किए जाने पर भी सहमति बनी थी, जो युवाओं को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम था।

कल की बैठक में किन नए प्रस्तावों पर चर्चा होगी और किन पर मुहर लगेगी, यह देखना बाकी है। ऐसी महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठकें राज्य के विकास और नीतिगत फैसलों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। इन बैठकों के माध्यम से सरकार विभिन्न विभागों से संबंधित प्रस्तावों पर विचार करती है, उन्हें स्वीकृति देती है, और राज्य के नागरिकों के हित में निर्णय लेती है। आगामी बैठक से झारखंड के नीतिगत परिदृश्य में कुछ नए बदलाव आने की उम्मीद है।

हजारीबाग में RTE का उल्लंघन, सत्र शुरू होने के 2 महीने बाद भी 252 BPL बच्चों का निजी स्कूलों में नहीं हुआ नामांकन

हजारीबाग! हजारीबाग जिले में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन कर रहे परिवारों के 252 बच्चों का निजी स्कूलों में नामांकन अधर में लटका हुआ है। शैक्षणिक सत्र 2025-26, जो 1 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुका है, के दो महीने बीत जाने के बावजूद 19 निजी विद्यालयों में एक भी BPL बच्चे का दाखिला नहीं हो पाया है।

इस स्थिति ने विभागीय अधिकारियों, विशेषकर जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिन पर इस पूरी नामांकन प्रक्रिया को पूरा करने की जिम्मेदारी थी।

विभागीय लापरवाही उजागर

RTE अधिनियम बच्चों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है, जिसके तहत निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए सीटें आरक्षित होती हैं। हजारीबाग में, शिक्षा विभाग द्वारा मार्च महीने में 500 से अधिक ऑनलाइन आवेदन जमा लिए गए थे। इन आवेदनों की जांच के लिए संबंधित शिक्षा अधिकारियों की एक टीम भी गठित की गई थी।

नियमानुसार, इस टीम को ऑनलाइन आवेदन फॉर्मों की स्क्रूटनी करनी थी, और उपायुक्त की सहमति के बाद ही निजी स्कूलों को BPL बच्चों का नामांकन लेना था। हालांकि, सत्र शुरू होने के दो महीने बाद भी अंतिम सूची जारी नहीं हो पाई है, जिससे हजारों गरीब बच्चों का भविष्य दांव पर लगा है।

किस स्कूल में कितने बच्चों का होगा नामांकन?

जिले के विभिन्न प्रखंडों और शहरी क्षेत्रों में कुल 252 बच्चों का नामांकन होना है। शहरी क्षेत्र में सर्वाधिक 151 बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला मिलना है। वहीं, बड़कागांव में 8, इचाक, चौपारण और बरकट्ठा प्रखंडों में 20-20, कटकमदाग में 23 और कटकमसांडी प्रखंड में 10 BPL बच्चों का नामांकन प्रस्तावित है।

विशिष्ट विद्यालयों और कक्षाओं की सूची में शामिल हैं:

डीएवी पब्लिक स्कूल उरीमारी: एलकेजी में 8 बच्चे

डिवाइन पब्लिक स्कूल गंगपाचो: क्लास 1 में 20 बच्चे

सुरेखा भाई पब्लिक स्कूल चौपारण: क्लास 1 में 20 बच्चे

दिल्ली पब्लिक स्कूल: क्लास 1 में 15 बच्चे

जैक एंड जिल स्कूल सिंघानी: नर्सरी में 10 बच्चे

लॉर्ड कृष्णा स्कूल अमृत नगर: क्लास 1 में 10 बच्चे

संत पॉल स्कूल: क्लास 1 में 10 बच्चे

सरस्वती शिशु मंदिर कुम्हारटोली: क्लास 1 में 10 बच्चे

नेशनल पब्लिक स्कूल: क्लास 1 में 15 बच्चे

संत स्टीफन स्कूल: क्लास 1 में सबसे अधिक 25 बच्चे

श्रीराम कृष्ण शारदा मठ एंड मिशन: नर्सरी क्लास में 12 बच्चे

माउंट एगमाउंट: एलकेजी में 15 बच्चे

डीएवी पब्लिक स्कूल कन्हरी रोड: नर्सरी में 15 बच्चे

नमन विद्या स्कूल: नर्सरी में 7 बच्चे

रोजबड स्कूल दीपूगढ़ा: एलकेजी में 7 बच्चे

चैंपियन बेसिक एकेडमी इचाक प्रखंड: क्लास 1 में 20 बच्चे

एंजेल हाई स्कूल सिरसी कटकमदाग: यूकेजी में 13 बच्चे

दिल्ली पब्लिक स्कूल कटकमदाग: एलकेजी में 10 बच्चे

संत अगस्टिन हाई स्कूल कंचनपुर छड़वा कटकमसांडी प्रखंड: क्लास 1 में 10 बच्चे

डीएसई का दावा: जल्द जारी होगी सूची

इस मामले में, जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) आकाश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिले में RTE अधिनियम का कड़ाई से पालन किया गया है। उन्होंने बताया कि चालू सत्र में 252 BPL परिवार से जुड़े बच्चों का नामांकन 19 अलग-अलग निजी विद्यालयों में होगा। कुमार ने आश्वस्त किया कि इसके लिए ऑनलाइन प्राप्त लगभग 500 आवेदनों की स्क्रूटनी पूरी हो चुकी है और चयनित बच्चों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उपायुक्त से सहमति मिलते ही सूची जारी कर दी जाएगी।

हालांकि, सवाल यह है कि जब प्रक्रिया इतनी आगे बढ़ चुकी थी, तो सत्र शुरू होने के दो महीने बाद भी नामांकन क्यों नहीं हो पाया? गरीब बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने में यह देरी शिक्षा विभाग की उदासीनता को दर्शाती है।

अब देखना यह है कि डीसी की सहमति कब मिलती है और कब इन बच्चों को उनका वाजिब हक मिल पाता है।

शिक्षा में सहयोग: पीवीयूएन लिमिटेड ने DAV पब्लिक स्कूल, पतरातू को दिया PA सिस्टम

पतरातू, झारखंड: सामुदायिक विकास और शैक्षणिक संस्थानों को सहयोग देने की अपनी प्रतिबद्धता को निभाते हुए, पीवीयूएन लिमिटेड ने स्वर्णरेखा महिला समिति के साथ मिलकर DAV पब्लिक स्कूल, पतरातू को एक आधुनिक पब्लिक एड्रेस (PA) सिस्टम प्रदान किया है। यह पहल श्रीमती रीता सिंह के मार्गदर्शन में पूरी हुई।

इस कदम का मुख्य उद्देश्य स्कूल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है ताकि दैनिक प्रार्थना सभाओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अन्य स्कूली आयोजनों को सुचारु और प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सके। इस PA सिस्टम से स्कूल परिसर में संचार व्यवस्था में सुधार होगा, जिससे छात्रों और शिक्षकों के लिए एक अधिक अनुशासित और इंटरैक्टिव माहौल बनेगा।

पीवीयूएन लिमिटेड और स्वर्णरेखा महिला समिति का यह संयुक्त प्रयास शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। इससे न केवल वर्तमान छात्रों को लाभ होगा, बल्कि आने वाले वर्षों में भी इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने बिनोद बिहारी महतो की प्रतिमा का किया अनावरण

धनबाद, राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज धनबाद के बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय परिसर में झारखंड के अगुवा, पुरोधा और मार्गदर्शक बिनोद बिहारी महतो की नवनिर्मित प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर दोनों गणमान्य व्यक्तियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर बिनोद बिहारी महतो को नमन किया।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रतिमा अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बिनोद बिहारी महतो के नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय बहुत कम समय में ही कई नए आयाम गढ़ रहा है और विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में सरकार प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री ने बताया कि झारखंड की भौगोलिक संरचना को ध्यान में रखते हुए सरकार यहां के लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई कदम उठा रही है। इसी क्रम में बिनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय की स्थापना धनबाद में की गई, ताकि यहां के विद्यार्थियों को अपने ही क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा मिल सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह विश्वविद्यालय आज पूरे राज्य की शोभा बढ़ा रहा है और यहां के विद्यार्थियों का भविष्य संवारने का काम बखूबी निभा रहा है।

शहीदों और आंदोलनकारियों को सम्मान देने की परंपरा जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड राज्य आंदोलन की उपज है और शहीदों के नाम से जाना जाता है। राज्य के निर्माण में पूर्वजों के अहम योगदान को स्वीकार करते हुए, सरकार शहीदों और आंदोलनकारियों को सम्मान देने की परंपरा का निर्वहन कर रही है। इसी कड़ी में कई संस्थानों का नामकरण यहां के शहीदों के नाम पर किया गया है, जिसका परिचायक धनबाद का बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय भी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के कई शहर, गांव, टोला-मोहल्ले और गलियां शहीदों के नाम से जाने जाते हैं, और चौक-चौराहों पर लगी प्रतिमाएं उनके अहम योगदान की याद दिलाती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार शहीदों और आंदोलनकारियों के सम्मान में उनके कार्यों को स्थापित करने की दिशा में निरंतर कदम बढ़ा रही है।

शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम

मुख्यमंत्री ने प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए बदलावों के सकारात्मक परिणामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सीमित संसाधनों के बावजूद इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। उन्होंने दोहराया कि शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि और कमियों को दूर करने का प्रयास निरंतर जारी है।

इस अवसर पर मंत्री श्री सुदिव्य कुमार, सांसद श्री चंद्रप्रकाश चौधरी, विधायक श्री मथुरा प्रसाद महतो, विधायक श्री अरुप चटर्जी, विधायक श्री चंद्रदेव महतो, विधायक श्री राज सिन्हा, विधायक श्री उमाकांत रजक, विधायक श्री जयमंगल सिंह, विधायक श्री शत्रुघ्न महतो, विधायक श्री जयराम महतो, झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती बेबी देवी सहित कई अन्य गणमान्य लोग, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर के सिंह, जिले के उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक तथा विश्वविद्यालय एवं जिला प्रशासन के कई पदाधिकारी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे।

झारखंड के निर्वाचन अधिकारियों ने दिल्ली में लिया लाइव वोटिंग का अनुभव, चुनावी प्रक्रिया को करीब से जाना

नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय क्षमता-निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन झारखंड के बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs), बीएलओ पर्यवेक्षकों, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (EROs), जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) और बूथ जागरूकता समूह/बूथ स्तरीय स्वयंसेवकों (BLVs) ने दिल्ली का भ्रमण किया और लाइव वोटिंग का अनुभव प्राप्त किया। यह कार्यक्रम 19 और 20 मई को भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) में आयोजित किया गया, जिसमें झारखंड के निर्वाचन से जुड़े 402 विभिन्न स्टेकहोल्डर ने भाग लिया।

दिल्ली भ्रमण और लाइव वोटिंग का अनुभव

प्रशिक्षण के दूसरे दिन प्रतिभागियों को राष्ट्रीय संग्रहालय, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट और संसद भवन जैसे प्रमुख स्थलों का भ्रमण कराया गया। इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षण संस्थान में लाइव वोटिंग का अनुभव भी प्रदान किया गया, जहाँ सभी प्रतिभागियों को ईवीएम पर वोटिंग प्रक्रिया और लाइन मैनेजमेंट के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान बूथ लेवल अधिकारियों, स्वयंसेवकों और टीम के सदस्यों सहित सभी प्रतिभागी काफी उत्साहित दिखे।

क्षमता-निर्माण और जागरूकता पर जोर

इस दो-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य झारखंड में निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न स्टेकहोल्डर्स की क्षमता को बढ़ाना और उन्हें चुनावी प्रबंधन की बारीकियों से अवगत कराना था। लाइव वोटिंग अनुभव के माध्यम से प्रतिभागियों को वास्तविक मतदान प्रक्रिया का व्यावहारिक ज्ञान मिला, जो उन्हें भविष्य में होने वाले चुनावों में बेहतर ढंग से अपनी भूमिका निभाने में मदद करेगा।

भाजपा नेता धनंजय कुमार पुटूस ने गरीबों को भोजन करा मनाया विवाह का वर्षगांठ

गरीबों के बीच भोजन वितरण कर भाजपा नेता धनंजय कुमार पुटूस व उनकी पत्नी पूजा कुमारी ने मनाई अपनी शादी की सालगिरह

भाजपा नेता एवं हजारीबाग सांसद माननीय मनीष जायसवाल के सांसद प्रतिनिधि (मीडिया) धनंजय कुमार पुटूस ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि उनके लिए सार्वजनिक जीवन केवल राजनीति नहीं, बल्कि जनसेवा का माध्यम है।

अपनी धर्मपत्नी श्रीमती पूजा कुमारी व अपने माता गीता देवी,पिता राजेंद्र प्रसाद,पुत्री दित्या पुटूस व परिवारजनों के साथ अपनी चौथी विवाह वर्षगांठ को धनंजय कुमार पुटूस ने किसी भव्य आयोजन के बजाय गरीबों एवं जरूरतमंदों के बीच भोजन वितरण कर मनाया।

रामगढ़ शहर के रानी सती दादी मंदिर प्रांगण में आयोजित इस सेवा कार्यक्रम में श्री पुटूस एवं उनकी धर्मपत्नी पूजा कुमारी ने सैकड़ों लोगों को प्रेमपूर्वक भोजन कराया। इस अवसर पर गरीब और असहाय लोगों के चेहरों पर जो मुस्कान दिखाई दी, वही इस उत्सव की असली पूंजी बनी।

श्री पुटूस ने कहा, “विवाह वर्षगांठ हमारे जीवन का महत्वपूर्ण दिन है, और हम इसे उन्हीं लोगों के बीच मनाना चाहते हैं जिनके साथ हम जुड़कर अपने सार्वजनिक जीवन को सार्थक मानते हैं। सेवा ही हमारा संकल्प और संजीवनी है।”

भाजपा कार्यकर्ताओं, समाजसेवियों, रामगढ़ बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों और स्थानीय नागरिकों ने इस सराहनीय पहल की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।

एक कार्यकर्ता ने कहा, “श्री पुटूस जी की यह पहल हम सभी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करती है कि जीवन के हर विशेष क्षण को सेवा से जोड़ा जा सकता है। यही एक सच्चे जननेता की पहचान होती है।”

इस अवसर ने यह स्पष्ट कर दिया कि धनंजय कुमार पुटूस न केवल भाजपा के एक कर्मठ सिपाही हैं, बल्कि समाज के हर वर्ग के साथ खड़े रहने वाले एक जनप्रिय और संवेदनशील नेता भी हैं, जिनका राजनीति का मार्ग सेवा और समर्पण से होकर गुजरता है।

इस आयोजन में सामाजिक संगठन रामगढ़ बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ कई समाजसेवी व भाजपा कार्यकर्ता भी शामिल हुए।

झारखंड में बनेंगे अत्याधुनिक एस्ट्रो साइंस सेंटर: खगोल विज्ञान को मिलेगी नई उड़ान

झारखंड अब खगोल विज्ञान के क्षेत्र में एक नई पहचान बनाने जा रहा है! राज्य के लातेहार और रामगढ़ जिलों में अत्याधुनिक एस्ट्रो साइंस सेंटर और एस्ट्रो पार्क की स्थापना की जा रही है, जो लोगों को ब्रह्मांड के रहस्यों से रूबरू कराएगा. इन सेंटरों का उद्देश्य विशेष रूप से बच्चों और युवाओं में खगोल विज्ञान के प्रति रुचि जगाना और उन्हें ग्रहों, तारों व नक्षत्रों के बारे में गहन जानकारी प्रदान करना है. यह परियोजना लगभग 13 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरी होगी.

नेतरहाट और पतरातू बनेंगे खगोलीय शिक्षा के केंद्र लातेहार जिले के नेतरहाट (महुआटांड़ अंचल के नेतरहाट मौजा में 5.64 एकड़ भूमि पर) और रामगढ़ जिले के पतरातू (पतरातू अंचल के हेसला मौजा में 3.17 एकड़ भूमि पर) में इन एस्ट्रो साइंस सेंटरों का निर्माण किया जा रहा है. इन केंद्रों में डिजिटल तारामंडल की भी स्थापना की जाएगी, जो एक रोमांचक और ज्ञानवर्धक अनुभव प्रदान करेगा. बच्चों के लिए यह विशेष रूप से आकर्षक होगा, क्योंकि वे ब्रह्मांड को पहले से कहीं अधिक करीब से देख और समझ पाएंगे.

केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त प्रयास

यह महत्वाकांक्षी परियोजना केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और झारखंड सरकार की संयुक्त पहल का परिणाम है. 'स्कीम फॉर प्रोमोशन ऑफ कल्चर ऑफ साइंस' के तहत इसकी स्थापना की जा रही है. प्रत्येक सेंटर के निर्माण पर लगभग 6 करोड़ 65 लाख रुपये खर्च होने का प्रस्ताव है, जिसमें केंद्र सरकार 2.86 करोड़ रुपये का योगदान करेगी, जबकि झारखंड सरकार 3.79 करोड़ रुपये खर्च करेगी. यह साझेदारी राज्य में वैज्ञानिक सोच और अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

एस्ट्रो साइंस सेंटर में होंगी ये खास सुविधाएं

इन एस्ट्रो साइंस सेंटरों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा ताकि आगंतुकों को खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान का व्यापक अनुभव मिल सके. यहां गैलरी ऑफ एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स होगी, जहां विभिन्न खगोलीय पिंडों और सिद्धांतों को प्रदर्शित किया जाएगा. इसके अलावा, एक इनोवेशन एंड एक्टिविटी सेंटर भी होगा जो आगंतुकों को हाथों-हाथ सीखने का अवसर देगा. आउटडोर एग्ज़िबिट्स बेस्ड ऑन एस्ट्रोनॉमी भी लगाए जाएंगे, जो खुले वातावरण में खगोलीय घटनाओं को समझने में मदद करेंगे.

इन सेंटरों में खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित विषयों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. लोगों को तारों, ग्रहों और अन्य खगोलीय पिंडों से परिचित कराया जाएगा, जिससे वे ब्रह्मांड की विशालता और सुंदरता को समझ सकेंगे. ज्ञान प्रदान करने के अलावा, इन सेंटरों में इनोवेशन, शोध कार्य, वर्कशॉप और सेमिनार का भी आयोजन किया जाएगा. यह छात्रों, शोधकर्ताओं और खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले आम लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा, जहां वे नए विचारों का आदान-प्रदान कर सकेंगे और नवीनतम खोजों से अवगत हो सकेंगे.

झारखंड में इन एस्ट्रो साइंस सेंटरों की स्थापना से न केवल बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक जिज्ञासा बढ़ेगी, बल्कि यह राज्य को वैज्ञानिक शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करेगा.