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2027 तक प्रदेश को बाल श्रम से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य–योगी

डेस्क:–उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बाल श्रम के विरुद्ध निर्णायक अभियान की शुरुआत हो चुकी है। योगी सरकार ने वर्ष 2027 तक प्रदेश को बाल श्रम से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य तय करते हुए बहुआयामी योजनाओं को जमीन पर उतार दिया है। जागरूकता से लेकर शिक्षा और पुनर्वासन तक, हर स्तर पर ठोस प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि बचपन को मजबूरी नहीं, अवसर मिल सके। योगी सरकार का यह अभियान अब सिर्फ सरकारी फाइलों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर गांव, हर गली तक पहुंच चुका है, जहां बचपन मुस्कुरा रहा है और भविष्य आकार ले रहा है। बाल श्रम की रोकथाम के लिए 12 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के माध्यम से विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया जाएगा कि बच्चों का स्थान केवल स्कूल में है, श्रम में नहीं। इसके लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से समन्वय बनाकर जागरूकता अभियान को धार दी जाएगी।

योगी सरकार के प्रयासों से अब तक 10,336 बाल श्रमिकों की पहचान की जा चुकी है। वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक 12,426 बाल श्रमिकों का शैक्षिक पुनर्वासन कराया गया है, ताकि ये बच्चे फिर से विद्यालय में जाकर एक नई शुरुआत कर सकें। यही नहीं, इन बच्चों के परिवारों को भी सरकार ने अकेला नहीं छोड़ा। कुल 1,089 परिवारों को आर्थिक पुनर्वासन के जरिए सहायता दी गई है, ताकि वे मजबूरीवश अपने बच्चों से काम न करवाएं।

यही नहीं, योगी सरकार द्वारा संचालित ‘बाल श्रमिक विद्या योजना’ के अंतर्गत दो हजार कामकाजी बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है और उन्हें आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई, जिससे उनके पढ़ाई के रास्ते में कोई बाधा न आए। यह योजना न केवल शिक्षा को बढ़ावा देती है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण को भी बदलने का काम कर रही है। इसके अलावा, बंधुआ मजदूरी के खिलाफ भी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक कुल 1,408 बंधुआ श्रमिकों का पुनर्वासन कर उन्हें 1,817.21 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। यह प्रयास उन्हें स्वतंत्र और गरिमामय जीवन की ओर ले जाने में एक बड़ा कदम साबित हो रहा है।

हैदराबाद में आतंकी साजिश का पर्दाफाश, सोशल मीडिया से सीखी बम बनाने की तकनीक ,दो गिरफ्तार

डेस्क:–हैदराबाद में आतंकी साजिश का पर्दाफाश हुआ है. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है. ये दोनों आरोपी बम बनाने की योजना बना रहे थे. पुलिस को शक है कि इस गिरोह में और भी लोग शामिल हो सकते हैं. साथ ही साथ उसे ISIS मॉड्यूल से जुड़े होने का भी संदेह है.

दरअसल, विजयनगरम जिले में अचानक एक घटना हुई. हैदराबाद में बम विस्फोट करने की साजिश के बारे में खुफिया जानकारी मिलने पर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के काउंटर-इंटेलिजेंस अधिकारियों ने विजयनगरम पुलिस के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान चलाया और विजयनगरम शहर में रहने वाले सिराज-उर-रहमान नामक युवक को गिरफ्तार किया. उसके पास से अमोनियम, सल्फर और एल्युमीनियम जैसे विस्फोटक पदार्थ बरामद किए गए, जिनका इस्तेमाल आमतौर पर बम बनाने में किया जाता है.

सोशल मीडिया से बम बनाने की तकनीक सीखी

इंटेलिजेंस ब्यूरो पिछले छह महीनों से रहमान पर कड़ी नजर रख रहा था. विजयनगरम पुलिस के साथ मिलकर उन्होंने उसके घर पर अचानक छापा मारा. रहमान की दी गई जानकारी के आधार पर हैदराबाद से सैयद समीर नामक एक अन्य युवक को गिरफ्तार कर विजयनगरम लाया गया. विजयनगरम पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए बम बनाने की तकनीक सीखी थी और कई अहम सबूत जुटाए थे. जांच को और आगे बढ़ाने के लिए पुलिस अब अदालत के जरिए दोनों आरोपियों की हिरासत की मांग कर रही है.

विजयनगरम में विस्फोटों का ट्रायल किया

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि दोनों आरोपियों ने ऑनलाइन विस्फोटक खरीदे और विजयनगरम में विस्फोटों का ट्रायल किया. विस्फोटों के ट्रायल की सफलता के बाद दोनों ने विस्फोटों को अंजाम देना चाहा. हमें यकीन नहीं है कि हैदराबाद उनकी सूची में है या नहीं. सिराज और समीर दोनों सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में आए और कथित तौर पर ISIS गतिविधियों के बारे में बातचीत करने लगे. आपस में विश्वास हासिल करने के बाद दोनों ने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का फैसला किया. उन्होंने ऑनलाइन ऑर्डर देकर विस्फोटक खरीदे और विजयनगरम में एक सुनसान जगह पर ट्रायल किया.
इधर  यूट्यूबर ज्योति पर लगा पाकिस्तानी जासूस होने का आरोप, उधर बंद हो गया उनका इंस्टाग्राम अकाउंट

डेस्क:–यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा इन दिनों काफी चर्चा में हैं, हालांकि इसकी वजह ये है कि उन पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया है. ज्योति ‘ट्रैवल विथ जो’ के नाम से यूट्यूब पर फेमस हैं, वो अक्सर अपने घूमने का व्लॉग डालती हैं. फिलहाल जासूसी के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. इसी बीच ज्योति के इंस्टाग्राम अकाउंट को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है.

ज्योति मल्होत्रा हरियाणा की रहने वाली है और एक फेमस यूट्यूबर हैं. यूट्यूब पर उनके 37 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. वो घूमने-फिरने की शौकीन हैं और उनके वीडियो भी डालती हैं. कई रिपोर्ट्स में ये बताया जा रहा है कि ज्योति कमीशन एजेंटों से वीजा हासिल करके 2 बार पाकिस्तान जा चुकी हैं. साथ ही वो पिछले साल कश्मीर भी गई थी, जिसकी तस्वीरें और वीडियो उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है.

अकाउंट हुआ सस्पेंड

जब से ज्योति पर जासूसी का आरोप लगा है, तब से उनको कई सारे लोग सर्च कर रहे हैं. इसी दौरान ये देखने में आया है कि उनका इंस्टाग्राम अकाउंट ही सस्पेंड कर दिया गया है. हालांकि, यूट्यूब चैनल के साथ अभी कुछ भी नहीं किया गया है. पाकिस्तान से ज्योति का पुराना कनेक्शन भी बताया जा रहा है. दरअसल, आजादी के पहले ज्योति का परिवार पाकिस्तान के बहावलपुर में रहता था, लेकिन आजादी के बाद सभी लोग भारत आ गए.

इंस्टाग्राम पर भी ज्योति काफी पॉपुलर हैं उनके ऑफिशियल अकाउंट पर उन्हें 132 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. हालांकि, ये भी बताया जा रहा है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ज्योति लाइव सेशन में इस मुद्दे पर हंसते नजर आई थीं. ज्योति का इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट होने से पहले देखा गया था कि वो हाल ही में इंडोनेशिया भी गई थीं. बताया जा रहा है कि ज्योति लगातार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को भारत की सीक्रेट और जरूरी जानकारियां दे रही थीं.
कौन है हीरा बतूल, Youtuber ज्योति संग वीडियो में इस कोड वर्ड का किया था जिक्र

डेस्क:–हरियाणा के हिसार की फेमस ट्रैवल यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. अपने ट्रैवल चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ के लिए फेमस ज्योति के 377,000 से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. वो पाकिस्तान जाकर भी कई वीडियो बना चुकी हैं. अब उनका एक वीडियो खूब वायरल हुआ है, जिसमें वो एक पाकिस्तानी लड़की के साथ दिखी हैं. इस पाकिस्तानी लड़की का नाम हीना बतूल है.

दोनों ने अपने इस वीडियो में एक दूसरे को बहन-बहन बताया. कहा- हिंदुस्तानी-पाकिस्तानी, बहन-बहन. ऐसा लग ही नहीं रहा कि हम अलग-अलग हैं. और यही इस साल का कोड वर्ड होना चाहिए. इंस्टाग्राम पर ज्योति ने इस वीडियो में हीना को टैग भी किया है. हीना की इंस्टाग्राम आईडी के मुताबिक, वो एक जर्नलिस्ट हैं. यह वीडियो 10 सप्ताह पुराना है. जब से ज्योति गिरफ्तार हुई है, तब से यह वीडियो फिर एक बार वायरल होने लगा है.

ज्योति अब उत्तर भारत में संचालित कथित पाकिस्तान से जुड़े जासूसी नेटवर्क की चल रही जांच में एक अहम केंद्र बन चुकी है. ज्योति मल्होत्रा को हिसार पुलिस ने जासूसी करने और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को संवेदनशील भारतीय जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया था. ज्योति के कबूलनामे और गिरफ्तारी के बाद उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया और अब उसका मामला आगे की जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा के पास है.

पाक गुर्गों से ज्योति के संबंध

हिसार सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में सब-इंस्पेक्टर संजय द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, मल्होत्रा 2023 की यात्रा के दौरान नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग (PHC) के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में आई थी. दानिश ने कथित तौर पर उसके हैंडलर के रूप में काम किया, उसे पाकिस्तानी खुफिया गुर्गों (PIO) से मिलवाया और एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म के जरिए से लगातार बातचीत जारी रखी.

पाकिस्तान और बाली की यात्रा

ज्योति मल्होत्रा ने 2023 में दो बार पाकिस्तान का दौरा किया, जहां उसकी मुलाकात अली एहवान, शाकिर और राणा शाहबाज जैसे गुर्गों से हुई. उसने संदेह से बचने के लिए ‘जट्ट रंधावा’ जैसे अलग नामों से उनके नंबरों को सेव किया. इसके बाद वह एक खुफिया एजेंट के साथ इंडोनेशिया के बाली शहर की यात्रा भी करने गई, जिससे पता चलता है कि महज संपर्क ही नहीं, बल्कि उसकी इसमें गहरी संलिप्तता थी.

हरियाणा और पंजाब में जासूसी नेटवर्क

अधिकारियों ने खुलासा किया कि मल्होत्रा हरियाणा और पंजाब में सक्रिय एक बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा थी. जासूसी, संवेदनशील जानकारी प्रसारित करने और पाकिस्तानी संचालकों को वित्तीय और रसद सहायता प्रदान करने में उनकी कथित भूमिका के लिए अब तक उनके सहित छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.
भारत के इन कई जिलों में चल रही पाकिस्तानी सिम, देश अलग लेकिन नेटवर्क कैसे मुमकिन?

डेस्क:–यह सुनकर आपको हैरानी हो सकती है लेकिन यह सच है कि भारत के कुछ सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तानी मोबाइल सिम कार्ड काम कर रहे हैं। दरअसल पाकिस्तान से सटे भारतीय शहरों के कुछ किलोमीटर अंदर तक पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल पहुंचते हैं। इस वजह से तस्कर और अन्य असामाजिक तत्व इन सिम कार्डों का इस्तेमाल करके सुरक्षा एजेंसियों को आसानी से चकमा दे सकते हैं। आइए जानते हैं कि आखिर कैसे अलग देश होने के बावजूद पाकिस्तानी सिम भारत में काम करते हैं।

इन भारतीय जिलों में आते हैं पाकिस्तानी नेटवर्क

भारत के कई जिले ऐसे हैं जो पाकिस्तान के साथ लंबी सीमा साझा करते हैं। इन सीमावर्ती इलाकों में कुछ दूरी तक पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क की पहुंच देखी गई है। हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बाद राजस्थान के जैसलमेर जिले से खबरें आई थीं कि वहां पाकिस्तानी नेटवर्क 3 से 4 किलोमीटर तक भारतीय सीमा में आ रहे थे। इन नेटवर्क का इस्तेमाल करके पाकिस्तानी लोकल सिम कार्ड से भारत के अंदर भी बातचीत की जा सकती है। हालांकि जैसलमेर प्रशासन ने इनके उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। जैसलमेर के अलावा अमृतसर, श्रीगंगानगर, सांबा, कठुआ, जम्मू, राजौरी और पुंछ जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में भी पाकिस्तान के मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल देखे गए हैं।

देश अलग, नेटवर्क कैसे मुमकिन?

रिपोर्ट के अनुसार टेलीकॉम सेक्टर के अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत किसी भी मोबाइल नेटवर्क की सीमा दूसरे देश की सीमा के 500 मीटर अंदर तक जा सकती है। हालांकि आरोप है कि पाकिस्तान इस अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करता है और उसके मोबाइल सिग्नल भारतीय सीमा में काफी अंदर तक आते हैं जो देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं।

साल 2012 की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने अपनी नापाक साजिशों के तहत भारत के सीमावर्ती जिलों जैसे जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर और गंगानगर के पास मोबाइल टावर स्थापित कर रखे हैं। उस समय इन टावरों के सिग्नल 15 से 20 किलोमीटर तक भारतीय सीमा में पहुंचते थे लेकिन अब रिपोर्ट्स के अनुसार इनकी सीमा घटकर 3 से 4 किलोमीटर तक रह गई है। इस तरह अलग देश होने के बावजूद पाकिस्तानी सिम कार्डों को भारत में नेटवर्क मिल जाता है।

आपको यह भी बता दें कि भारत में पाकिस्तानी सिम कार्ड का उपयोग करना पूरी तरह से गैरकानूनी है। यदि कोई व्यक्ति भारत में पाकिस्तानी सिम कार्ड का उपयोग करते हुए पकड़ा जाता है तो प्रशासन उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करता है। सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तानी नेटवर्क की मौजूदगी सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई
सेहरे से पहले अर्थी: दुल्हन बैठी थी गाड़ी में... तभी गिर पड़ा दूल्हा, अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में तोड़ा दम

डेस्क:–उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से एक बेहद दुखद और भावनात्मक रूप से झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। विदाई की रस्मों के दौरान अचानक दूल्हा बेहोश होकर गिर पड़ा, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस हादसे से शादी की सारी खुशियां पलभर में मातम में बदल गईं। दुल्हन की विदाई भी नहीं हो सकी और दोनों परिवारों में कोहराम मच गया।

बारात आई, रस्में हुईं… लेकिन विदाई से पहले छिन गया दूल्हा

यह दर्दनाक घटना औंग थाना क्षेत्र के छिवली गांव की है। यहां के रहने वाले सुरेश कुमार गौतम ने अपनी बेटी संजना की शादी कानपुर नगर के नौबस्ता गांव निवासी श्याम सुंदर के बेटे मोनू गौतम से तय की थी। रविवार रात धूमधाम से बारात गांव में पहुंची। शादी की अधिकतर रस्में भी पूरी हो चुकी थीं। सोमवार की सुबह कलेवा और विदाई की तैयारी चल रही थी। दुल्हन संजना को शादी के बाद गाड़ी में बिठाया जा चुका था। इसी दौरान अचानक दूल्हा मोनू गौतम बेहोश होकर गिर पड़ा। यह देखकर दोनों पक्षों के लोग घबरा गए और तुरंत उसे पास के एक स्थानीय प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया।

इलाज के दौरान तोड़ा दम, विदाई रह गई अधूरी

अस्पताल में डॉक्टरों ने मोनू की हालत गंभीर बताई और उसे तुरंत कानपुर रेफर कर दिया। परिवार के लोग जब मोनू को कानपुर ले जा रहे थे, तभी रास्ते में उसकी मौत हो गई। मोनू के दम तोड़ते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई। जो घर शादी के गीतों से गूंज रहा था, वहां अब मातम पसरा हुआ है।

नहीं हो सकी दुल्हन की विदाई

दुल्हन संजना के भाई जितेंद्र ने बताया कि सब कुछ ठीक चल रहा था। सभी रस्में हो चुकी थीं। लेकिन अचानक मोनू गिर पड़ा और फिर अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई। इस हादसे के बाद बहन की विदाई नहीं हो सकी है। वहीं यह हादसा ना सिर्फ दोनों परिवारों के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए गहरे सदमे की वजह बन गया है। शादी की तैयारियों में जुटे घर में अब शोक का माहौल है। लोग इस घटना को सुनकर स्तब्ध हैं।
देश में कितने लोगों को घरों में है AC,आंकड़ा देख पकड़ लेंगे माथा

डेस्क:–गर्मियां आते ही Air Conditioner की सेल्स बढ़ने लगती है, गर्मी से राहत पाने और रात को चैन की नींद सोने के लिए लोग घर में AC लगवाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताबड़तोड़ बिक्री के बाद भी भारत की आखिर कितनी आबादी के पास एयर कंडीशनर है? भारत विश्व का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ एसी बाजार है लेकिन आप लोगों को ये जानकर हैरानी होगी कि केवल सात प्रतिशत घरों में ही एसी लगा है.

इस आंकड़े को देखने के बाद तो ऐसा लग रहा है कि एयर कंडीशनर अब भी 93 फीसदी लोगों के लिए स्टेटस सिंबल बना हुआ है. सरकारी डेटा के मुताबिक, 2012 से 2021 के बीच भारत में लगभग 11 हजार लोगों को हीट स्ट्रोक की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी.

क्या कीमत है वजह?

इस डेटा को देखने से ऐसा लग रहा है कि अब भी ज्यादातर घरों में लोग गर्मी से बचने के लिए एयर कूलर का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके पीछे की एक बड़ी वजह कीमत हो सकती है, एयर कंडीशनर की तुलना एयर कूलर की कीमत काफी कम होती है. वहीं, कुछ लोग शायद ये भी सोचते होंगे कि क्यों 40-50 हजार एसी में खर्च करने हैं जब 10 हजार रुपए से भी कम कीमत में कूलर मिल रहा है? बहुत से लोग पैसा बचाकर उसे निवेश करने में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं.

जहां एक ओर ऐसा लगता है कि लोग एसी की तुलना पैसे बचाने के लिए एयर कूलर खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं तो वहीं अब भी ऐसे लोग हैं जो 30,000 रुपए की सैलरी में भी 40 हजार का एसी लेते हैं. फिर चाहे कुछ अमाउंट डाउन पेमेंट करने के बाद बाकी अमाउंट को आराम से EMI में चुकाते हैं.

कंपनियों की स्ट्रैटेजी

ज्यादा से ज्यादा लोग एसी खरीद पाएं, इसके लिए एसी बनाने वाली कंपनियों को स्ट्रैटेजी बनाने की जरूरत है. ये तो वक्त ही बताएगा कि कंपनियां 7 फीसदी के इस आंकड़े को बढ़ाने की दिशा में काम करती हैं या नहीं. लेकिन करोड़ों की आबादी वाले देश में केवल 7 फीसदी घरों में एसी के इस्तेमाल ने हमें चौंका दिया है.
नवविवाहित पत्नी की जिद के आगे मजबूर होकर पति ने अपनी ही बीवी को दूसरे मर्द संग किया विदा


डेस्क:–उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक दूल्हे ने हंसी खुशी शादी की. लेकिन उसकी खुशियां उस वक्त चकनाचूर हो गईं जब पत्नी ने सुहागरात पर अनोखी जिद कर डाली. पत्नी ने कहा- मैं तुमसे प्यार नहीं करती. मेरा बॉयफ्रेंड है. मुझे उसी से शादी करनी है. तुमसे तो मैंने मजबूरी में शादी की है. प्यार मै अपने बॉयफ्रेंड से ही करती रहूंगी. यह सुनकर पति के पैरों तले जमीन खिसक गई. अगली सुबह पति ने यह बात अपने घर वालों को बताई.

फिर दुल्हन के मायके वालों को भी बुलाया गया. खूब हंगामा हुआ, लेकिन दुल्हन अपनी जिद पर अड़ी रही. फिर चौथे दिन वो अचानक से घर से भाग गई. लेकिन ग्रामीणों ने उसे रोककर ससुरालियों के हवाले कर दिया. दोबारा मायके वालों को बुलाया गया. फिर पंचायत तक बैठाई गई. फिर शादी के पांच दिन बाद पति ने अपनी पत्नी की शादी उसके बॉयफ्रेंड से करवा दी.

यह मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. 7 मई को तमकुहीराज थानाक्षेत्र के गाजीपुर निवासी मुन्ना राजभर के बेटे ब्रजेश राजभर की शादी रामदस बगही थाना कटेया जिला गोपालगंज बिहार के दिलीप भर की बेटी कोशिला कुमारी के साथ हुई थी. अगले दिन विदा होकर होकर युवती ससुराल पहुंची. सुहागरात पर पत्नी ने पति को बॉयफ्रेंड के बारे में बता दिया. दोनों परिवारों में हंगामा हुआ. दुल्हन को समझाया गया.

फिर चार दिन तक नवविवाहिता अपने ससुराल रही, लेकिन पांचवें दिन सोमवार को नवविवाहिता ससुराल से आभूषण और नकदी लेकर भाग निकली. नवविवाहिता को इस तरह घर से अकेले निकलता देख ग्रामीणों को शक हुआ. तत्काल उसे रोक लिया गया और ससुराल वालों को जानकारी दी गई. कुछ देर में ही ससुराल वाले पहुंचे तो नवविवाहिता को उनके हवाले कर दिया गया. ससुरालियों से भी नवविवाहिता ने दो टूक कह दिया कि वह प्रेमी के साथ ही रहेगी.

ससुराल वालों ने इसकी जानकारी फिर नवविवाहिता के मायके वालों को दी. इसके बाद उसके माता-पिता एवं अन्य लोग मौके पर पहुंचे. उन लोगों ने भी समझाने का प्रयास किया, लेकिन नवविवाहिता इस शादी पर नाराजगी जाहिर करते हुए प्रेमी के साथ जीवन जीने की दुहाई देने लगी. काफी मानमनौव्वल के बाद भी नवविवाहिता के राजी नहीं होने पर तमकुहीराज तहसील पहुंचे दोनों पक्षों के लोगों ने प्रेमी को मौके पर बुलाकर उसकी राय जानी. प्रेमी ने उसे साथ रखने और सात जन्म तक जीने-मरने की कसम खाई. उसके दावे के बाद शपथ पत्र बनवाकर पति ने उसके साथ पत्नी को विदा कर दिया. इस दौरान मौके पर भीड़ जमा हो गई.

क्या अपने नापाक हरकतों से बाज आएगा पाकिस्तान? उठ रहे हैं यह सवाल

डेस्क:–भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम हो गया है, लेकिन पाकिस्तान की गतिविधियों पर निर्भर करेगा कि यह विराम कितने समय तक चलता है. उकसावा और आतंकवाद जैसे मुद्दे अभी भी विवाद के केंद्र में हैं. भारत ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है कि सीजफायर उल्लंघन का कड़ा जवाब दिया जाएगा.

भारत की आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद बने हालात ऐसे थे, जिसमें दो देशों के बीच संघर्ष शुरू हो गया, लेकिन इस संघर्ष पर विराम लग गया. हालांकि ये संघर्ष विराम आगे भी जारी रहेगा या नहीं, ये पाकिस्तानी सेना की गतिविधि और DGMO की वार्ता पर निर्भर है. अब अगर संघर्ष विराम जारी भी रहा, तो क्या तनाव कम होगा? सवाल इसलिए क्योंकि, संघर्ष की बारूद में आग लगाने वाले कई मुद्दे अब भी बरकरार हैं.

भारत-पाकिस्तान के बीच 4 दिनों से जारी संघर्ष 10 मई को थम गया. अमेरिका की मध्यस्थता में दोनों देश सीजफायर के लिए तैयार हो गए, लेकिन इस शांति स्थापना के कुछ ही घंटों में पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी खबरें आईं और भारत ने सख्त संदेश जारी किया, जिसने पाकिस्तान में दहशत फैला दी.

भारतीय सेना को खुली छूट दे दी गई है कि अगर पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन हुआ, तो जवाबी कार्रवाई के लिए सेना को पूरा अधिकार है. यानी बंदूकें खामोश हैं, लेकिन हालात नहीं बदले हैं, जिससे कई सवाल जन्म लेते हैं.

भारत-पाकिस्तान के बीच सिर्फ संघर्ष विराम हुआ है, रणनीतिक मोर्चे पर विराम नहीं लगा है और भारत की रणनीति है पाकिस्तान पर दबाव बनाए रखना, इसलिए हर वो फैसले अब भी लागू हैं, जो बारूदी कार्रवाई से पहले लिए गए थे.

अब वीजा पर फैसला क्या होगा?

वीजा पर फैसले का सवाल इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि इससे कई पक्ष जुड़े हैं और जवाब ये है कि, बॉर्डर खोलने पर फैसला द्विपक्षीय समझौते के बाद हो सकता है. वीजा देने या आगे बढ़ाने पर भी फैसला पूर्ण संघर्ष विराम के बाद ही संभव है.

अब मुमकिन है कि, पाकिस्तान में अंदरूनी दबाव बढ़ने पर भारत से अपील की जाए क्योंकि भारत की मेडिकल फैसिलिटी का फायदा पाकिस्तानी नागरिक भी उठाते हैं. इसके अलावा कूटनीतिक संबंध स्थापित करना भी पाकिस्तान के लिए जरूरी है, क्योंकि पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारत की जरूरत हमेशा बनी रहेगी.

क्या बंदरगाह और एयरोस्पेस खुलेंगे?

इस सवाल का जवाब है ट्रेड और जरूरत, जो पाकिस्तान के लिए अहम है, लेकिन इस पर फैसला दोनों पक्षों को लेना है. अब अगर फैसला नहीं होता है, तो तनाव बरकरार रहेगा और ये तनाव तब तक बरकरार रहेगा. जब तक पाकिस्तान के आतंकी ठिकाने नेस्तनाबूद नहीं हो जाते, लेकिन सवाल ये है कि, वो ठिकाने हैं कहां?

अब सवाल ये है कि अगर संघर्ष विराम पाकिस्तान की तरफ से टूटा तो क्या होगा? जवाब है भारत मुंहतोड़ जवाब देगा, जिसमें POK के मुजफ्फराबाद, कोटली और बरनाला को टारगेट बनाया जा सकता है.

ऐसे IB पर सीजफायर का उल्लंघन अगर पाकिस्तान करता है, तो फिर भारतीय कार्रवाई की जद में पाकिस्तान के पंजाब का लाहौल और पंजार भी आ सकता है, ये वो जगह हैं, जहां अब भी आतंकी ठिकाने हैं.

जानें, क्यों हुआ संघर्ष विराम?

भारत अदावत के मुहाने पर पाकिस्तानी अवाम को नहीं रखता, बल्कि पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादियों को रखता है. वो आतंकवादी जो भारत के ही अंग पाक अधिकृत कश्मीर में भारत विरोधी गतिविधियां चल रहा है.

तो सवाल ये भी है कि उन ठिकानों को तबाह किए बिना भारत सीजफायर के लिए तैयार क्यों हुआ? इस कदम को उठाने के पीछे 2 बड़ी वह हो सकती है. पहली वजह है कास्ट ऑफ टेररिज्म, यानी भारत का उद्देश्य जंग बढ़ाना नहीं था, बल्कि पहलगाम हमले का सटीक और सीमित जवाब देना था, जो पूरा हुआ. दूसरी वजह है युद्ध की बजाए रैम्प ऑफ, चूंकि दोनों देश युद्ध की तरफ बढ़ रहे थे, इस स्थिति को टाल कर भारत ने टकराव रोकने का रास्ता चुना.

इसलिए पर्सनैलिटी फर्स्ट और पॉलिसी सेकेंड के फॉर्मूले पर चलने वाले ट्रंप की मध्यस्थता को स्वीकार किया गया, लेकिन इसके बाद होने वाली बातचीत में सिर्फ भारत और पाकिस्तान शामिल रहेंगे. जो तय करेंगे कि युद्ध की दिशा में आगे बढ़ना है, या बरकरार तनाव को खत्म करना है.
अपने बयान से पलट गया पाकिस्तान सीजफायर के लिए कभी अनुरोध नहीं किया, भारत के डीजीएमओ ने पाकिस्तान के झूठ को किया बेनकाब


डेस्क:–पाकिस्तान की ओर से कहा जा रहा है कि उसने सीजफायर के लिए कभी भी अनुरोध नहीं किया था. लेकिन भारतीय सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने उसकी झूठ को बेनकाब करते हुए कहा कि मुझे हॉटलाइन के जरिए संदेश आया कि पाकिस्तान के उनके समकक्ष ने हॉटलाइन के जरिए मैसेज किया कि वो सीजफायर पर बात करना चाहते हैं.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 3 दिनों तक भारी संघर्ष चला और फिर अचानक सीजफायर ने सीमा पर शांतिपूर्ण स्थिति बना दी. अचानक हुए सीजफायर को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. विपक्ष भी इस पर सवाल कर रही है. भारत की ओर से यह साफ कर दिया गया कि सीजफायर को लेकर पाकिस्तान के अनुरोध के बाद यह पहल की गई थी, हालांकि पाकिस्तानी सेना अब अपने बयान से पलट रही है. पाकिस्तान का कहना है कि उसने सीजफायर के लिए कभी अनुरोध नहीं किया था.

दोनों देशों के बीच सीजफायर होने के बाद सीमा पर बने तनाव के बीच डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “मुझे हॉटलाइन (10 मई) के जरिए संदेश आया कि सीमा पर बने हालात को लेकर पाकिस्तान के मेरे समकक्ष सीजीएमओ मुझसे बात करना चाहते हैं. फिर शनिवार को दोपहर बाद 15:35 बजे पाकिस्तान के डीजीएमओ के साथ मेरी बातचीत हुई.”

‘PAK के DGMO से सीजफायर पर बनी सहमति’

उन्होंने आगे कहा, “पाकिस्तान के डीजीएमओ की ओर से सीजफायर करने और संघर्ष खत्म करने के प्रस्ताव के बाद आपसी रजामंदी हो गई. फिर 10 मई को शाम 5 बजे से दोनों पक्षों की ओर से सीमापार से गोलीबारी और हवाई हमले बंद कर दिए गए. यही नहीं हमने 12 मई (सोमवार) की दोपहर 12 बजे फिर से बात करने का भी फैसला किया ताकि इस समझ को लंबे समय तक बनाए रखने के तौर-तरीकों पर चर्चा की जा सके.”

राजीव घई ने कहा, “हालांकि निराशाजनक रूप से यह ज्यादा देर नहीं चला. पाकिस्तानी सेना की ओर से महज चंद घंटों के अंदर सीमापार और नियंत्रण रेखा पर लगातार गोलीबारी की गई और कल रात तथा आज (रविवार) तड़के ड्रोन के जरिए घुसपैठ करके इन व्यवस्थाओं का उल्लंघन किया गया. लेकिन हमारी ओर से इन उल्लंघनों का जोरदार अंदाज में जवाब दिया गया.”

अगर तोड़ा सीजफायर तो देंगे कड़ा जवाबः DGMO घई

डीजीएमओ राजीव घई ने यह भी कहा, हमने आज (रविवार) पहले अपने पाकिस्तानी समकक्ष को एक और हॉटलाइन के जरिए संदेश भेजा है जिसमें 10 मई को डीजीएमओ स्तर पर बनी सहमति के बाद इन उल्लंघनों को लेकर जानकारी दी गई. साथ ही यह भी बताया कि आज (रविवार) रात, बाद में या आगे भी इसे दोहराए जाने पर इस हरकत पर माकूल जवाब देने का हमारा दृढ़ और स्पष्ट इरादा है.” उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की ओर से ऐसी किसी भी उल्लंघन की स्थिति में कड़ी जवाबी कार्रवाई के लिए हमारे सेना कमांडर को पूर्ण अधिकार दिए गए हैं.”

अपने बयान से पलट गया पाकिस्तान

हालांकि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अब उसकी ओर से कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने सीजफायर के लिए कभी भी अनुरोध नहीं किया था. पाक के आईएसपीआर (Inter Services Public Relation Directorate) के महानिदेशक अहमद शरीफ चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा करते हुए कहा, “यह रिकॉर्ड में है कि पाकिस्तान ने “कभी भी सीजफायर का अनुरोध नहीं किया था.”

उन्होंने कहा “6 और 7 मई की रात को, उन वीभत्स और कायराना हमलों के बाद, भारत की ओर से यह अनुरोध किया गया और पाकिस्तान ने उन्हें बताया कि हम इस हरकत का उचित जवाब देने के बाद ही कोई कार्रवाई करेंगे.” उन्होंने कहा कि इसलिए 10 मई को, जवाबी कार्रवाई और प्रतिशोध लेने के बाद, तथा अंतरराष्ट्रीय वार्ताकारों के अनुरोध और उनके हस्तक्षेप पर ही हमने भारत की ओर से किए गए अनुरोध का जवाब दिया.”