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अधिकारियों के सामने फूटा लोगों का गुस्सा, 5 दिन के भीतर शराब दुकान नहीं हटाने पर आंदोलन की चेतावनी

गरियाबंद- देवभोग नगर पंचायत में आयोजित समाधान शिविर उस समय हंगामे में बदल गया जब वर्षों से लंबित शराब दुकान हटाने की मांग को लेकर नाराज वार्डवासियों ने मंच पर चढ़कर विरोध जताया। सोनामूंदी वार्ड के नागरिकों ने पांच दिन के भीतर मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं दूसरी ओर निलंबित बीईओ ने मंच से आत्महत्या की भी चेतावनी दे डाली। लोगों की इस उदासीनता ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

वार्डवासियों की प्रमुख मांग सोनामूंदी में संचालित संचालित अंग्रेजी देशी शराब दुकान को हटाने की थी। उनका कहना है कि वे पिछले तीन वर्षों से प्रशासन को इस संबंध में आवेदन दे रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वार्ड के गंगाराम पाड़े, भवरसिंह, शुभांगिनी मेहर ने कहा कि भट्ठी होने से पीने वालों और खरीदार के चलते बस्ती में इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। फूटे बोतल, बेन लगे पाउच और प्लास्टिक के चलते खेत-खार भर जा रहा है। शिशु मंदिर स्कूल परिसर, महिला समूह का कार्यशाला भी प्रभावित हैं।

उन्होंने बताया कि कारणों को गिना कर सुशासन तिहार में आवेदन दे चुके थे. आज उन्हें समाधान शिविर में मांग पूरी होने की उम्मीद थी। लेकिन मांग पूरी नहीं होते देख बिफरे वार्डवासियों ने मंच पर मौजूद एसडीएम समेत पालिका अध्यक्ष के समक्ष 5 दिन के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी पत्र थमा दिया। वार्डवासियों ने कहा अब आंदोलन ही एक मात्र रास्ता है।

निलंबित बीईओ ने आत्महत्या की दे डाली चेतावनी

सुशासन तिहार में निलंबित बीईओ प्रदीप शर्मा ने भी आवेदन दिया था। मांग थी कि पिछले कई माह से हाईकोर्ट ने बहाली का आदेश प्रशासन को दिया है, लेकिन प्रशासन इस आदेश का पालन नहीं कर रहा है। वेतन में नियमानुसार कटौती के बजाय अधिक अनुपात में कटौती की जा रही है। प्रशासन पर तरह-तरह के मानसिक दबाव और ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया गया था। आज समाधान शिविर में ठोस जवाब नहीं मिलने पर प्रदीप शर्मा ने पहले तो माइक पकड़कर अपनी भड़ास निकाली, एसडीएम तुलसीदास ने माइक छीन लिया, जिसके बाद भरी सभा में प्रदीप शर्मा ने कहा कि यदि 31 मई के भीतर मांगें नहीं मानी गई तो वे आत्महत्या कर लेंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

एसडीएम का बयान

एसडीएम तुलसीदास मरकाम ने कहा है कि शर्मा की मांगों का समाधान शासन स्तर पर होना है, प्रतिवेदन बनाकर कलेक्टर को भेजा गया है। शराब दुकान के लिए भी स्थल चयन किया गया है, जिसे जल्द हटा दिया जाएगा।

औद्योगिक प्रदूषण से क्षेत्रवासी त्रस्त, हवा के साथ घरों में पहुंच रहा उद्योगों की काली राख

धरसीवां- घर-घर औद्योगिक प्रदूषण हर घर औद्योगिक प्रदूषण यह कोई जुमला नहीं बल्कि औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा के आसपास के दर्जनों गांवों की हकीकत है. हवा का एक झोंका औद्योगिक इकाइयों की काली राख हवा में उड़ाकर घर-घर पहुंचा देता है, जिससे क्षेत्रवासियों का जीना हराम हो गया है. ऐसा नजारा आज भी देखने को मिला।

गुरुवार दोपहर करीब दो बजे अचानक मौसम बदला ओर तेज हवा चलने लगी. इस हवा के साथ हमेशा की तरह औद्योगिक इकाइयों की काली डस्ट वायुमंडल में घुलकर न सिर्फ राहगीरों के लिए मुसीबत बनी अपितु दर्जनों गांवों तक घर-घर पहुंची. ढाई बजे जब बारिश शुरू हुई तब थोड़ी औद्योगिक राखड़ से मुक्ति मिली.

औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा के फेस टू का गुरुवार दोपहर करीब दो बजे का ये नजारा देखकर आप समझ सकते हैं कि सरकारें बदल गई. विधायक बदल गए पर धरसीवां क्षेत्र की तस्वीर और तकदीर नहीं बदल पाई है.

नक्सल प्रभावित मुलेर गांव पहुंचे CM साय: इमली पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर सुनीं ग्रामीणों की समस्याएं, अफसरों को तुरंत कार्रवाई के दिए निर्देश

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर संभाग के अतिदूरस्थ और आदिवासी बहुल ग्राम मुलेर का दौरा किया। यह गांव दंतेवाड़ा जिले की सीमा पर स्थित अंतिम गांवों में से एक है, जहाँ अब नियद नेल्लानार योजना के तहत समावेशी विकास कार्य तेज़ी से हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय का ग्रामीणों ने महुआ, आमपत्ती से बने पारंपरिक हार और गौर मुकुट पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम का भी छिंद पत्तों से बने पारंपरिक गुलदस्तों से अभिनंदन किया गया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इमली के पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर ग्रामवासियों से सीधे संवाद किया। उन्होंने ग्रामीणों की ज़मीनी समस्याएं सुनीं और विकास की प्राथमिकताओं पर चर्चा की। उन्होंने राशन दुकान का निरीक्षण किया, जहां हितग्राहियों से बातचीत कर राशन वितरण की नियमितता, गुणवत्ता, और उपयोग की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने खाद्यान्न का वजन भी मौके पर करवाया और एक हितग्राही का राशन कार्ड देखा। मुख्यमंत्री श्री साय ने आंगनबाड़ी में बच्चों से आत्मीय वार्तालाप कर उनके अक्षर ज्ञान, रंग-पहचान आदि की जानकारी ली और बच्चों को चॉकलेट वितरण किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने मौके पर ही कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं, जिनमें अंदल कोसम माता मंदिर निर्माण के लिए 4 लाख रूपए की स्वीकृति, ग्राम में उप स्वास्थ्य केन्द्र स्थापना, नाहाड़ी तक संपर्क सड़क का निर्माण तथा गांव के सभी पारा को जोड़ने हेतु पुलिया और सीसी सड़क निर्माण के लिए 5 लाख रूपए की स्वीकृति शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि जल्द ही शिविर लगाकर वनाधिकार मान्यता पत्र, आधार कार्ड और आयुष्मान कार्ड बनाने की कार्यवाही की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर प्रदेश की 10वीं बोर्ड परीक्षा में 9वां स्थान प्राप्त करने वाली दंतेवाड़ा की छात्रा रमशिला नाग से भेंट की, उसे पुष्पगुच्छ भेंटकर और मिठाई खिलाकर सम्मानित किया, और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

ग्राम मुलेर में मुख्यमंत्री श्री साय का यह दौरा न केवल सुशासन की संवेदनशीलता का प्रतीक रहा, बल्कि यह भी साबित करता है कि राज्य सरकार प्रदेश के हर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के लिए कटिबद्धदंतेवाड़ा जिले की ग्राम पंचायत मुलेर: योजनाओं के क्रियान्वयन से हो रहा सर्वांगीण विकास

उल्लखेनीय है कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की दूरस्थ ग्राम पंचायत मुलेर विकास की नई इबारत लिख रही है। सीमित संसाधनों के बावजूद विभिन्न सरकारी योजनाओं के कुशल क्रियान्वयन ने इस गांव को सशक्तिकरण, स्वावलंबन और सेवा की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान किया है।

बड़े बचेली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मुलेर जिला मुख्यालय से लगभग 90 किमी दूर स्थित है। कुल 112 परिवारों में 474 लोग निवासरत हैं, जिनमें 100 प्रतिशत माड़िया जनजाति के लोग हैं। गांव में दो आंगनबाड़ी केन्द्र (बाल्केपारा व पटेलपारा) संचालित हैं। गांव में 6 महिला स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं, जिनमें लक्ष्मी समूह को डीएमएफ मद से ट्रैक्टर प्रदाय किया गया है। इसका उपयोग खेती के साथ-साथ किराए पर भी किया जा रहा है। बीपीएल कार्डधारी परिवारों को राशन की नियमित आपूर्ति की जा रही है। गांव में सौर ऊर्जा से होम लाइटिंग की व्यवस्था है। महतारी वंदन योजना अंतर्गत ग्राम मुलेर में महिलाएँ महतारी वंदन योजना से लाभान्वित हो रही हैं, जिससे उन्हें आर्थिक सहयोग के साथ आत्मसम्मान का अनुभव हो रहा है। मुलेर ग्राम पंचायत सुदूर आदिवासी क्षेत्र में सरकारी योजनाओं की जमीनी पहुँच और सुचारू क्रियान्वयन का एक अनुकरणीय उदाहरण है। यहां जनभागीदारी और प्रशासनिक तत्परता से विकास की दिशा में सतत और ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

है।

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ

रायपुर- कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर में शैक्षणिक सत्र 2025-26 हेतु जनसंचार विभाग के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।

जनसंचार के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र मोहंती ने बताया है कि मीडिया एवं जनसंचार के क्षेत्र में कैरियर की अपार संभावना है जिसके लिए विभाग द्वारा 12वी पास विद्यार्थियों के लिए बैचलर ऑफ आर्ट्स इन मास कम्युनिकेशन (BAMC) में स्नातक कोर्स और स्नातक विद्यार्थियों के लिए मास्टर ऑफ आर्ट्स इन मास कम्युनिकेशन (MAMC) में स्नातकोत्तर स्तर पाठ्यक्रम संचालित है।

इन दोनों पाठ्यक्रमों में अध्ययन हेतु इच्छुक अभ्यर्थी विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट www.ktujm.ac.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।प्रवेश से संबंधित विस्तृत जानकारी, पात्रता मानदंड, आवेदन की अंतिम तिथि एवं अन्य दिशा-निर्देश वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। अभ्यर्थियों से अनुरोध है कि वे समय पर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करें। विद्यार्थी मार्गदर्शन हेतु विभाग से भी संपर्क कर सकते है।

STF की बड़ी कार्रवाई, दुर्ग में पकड़ाई बांग्लादेशी महिला : फर्जी आधार कार्ड बनाकर 8 साल से भारत में रह रही

दुर्ग- अवैध घुसपैठियों के विरुद्ध एसटीएफ गठन के पहले दिन ही दुर्ग पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. टीम ने सुपेला से बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया है. यह महिला पहले दिल्ली में रह रही थी. अभी 2 साल से भिलाई के सुपेला में नाम बदलकर रह रही थी. एसएसपी विजय अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले का खुलासा किया.

एसएसपी अग्रवाल ने बताया, पकड़ाई महिला 8 साल से अवैध रूप से भारत में रह रही है. अंजली सिंह उर्फ काकोली घोष के नाम से फर्जी आधारकार्ड और फर्जी दस्तावेज भी बनाकर रखे थे. दुर्ग पुलिस की एसआईटी टीम ने भिलाई सुपेला क्षेत्र से नाम बदलकर व फर्जी आधार कार्ड बनाकर किराए से रह रही महिला को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उस मकान मालिक सूरज साव को भी गिरफ्तार किया है, जिसने बिना पुलिस वेरीफिकेशन उसे किराए से मकान दिया था.

एसएसपी ने बताया, महिला का असली नाम पन्ना बीवी है और वह ग्राम दौलतपुर पोस्ट बड़ामतला जिला खुलना की रहने वाली है. महिला बांग्लादेश के पेट्रोपोल पोस्ट से भारत आई थी. पासपोर्ट अधिनियम, और विदेशी नागरिक अधिनियम और बीएएनएस के प्रतिरोपण की धाराओं के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी / रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने एवं उन्हें वापस भेजे जाने की कार्यवाही के लिए दुर्ग जिले में विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया गया है. यह टीम लगातार दुर्ग में अवैध रूप रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर आगे की कार्रवाई कर रही. बुधवार को सुपेला नेहरू रोड में सूरज साव के मकानसे एक बांग्लादेश की महिला को गिरफ्तार किया गया।


5 साल तक सोनागाछी और एक साल दिल्ली में रही

जांच के दौरान पाया गया कि पन्ना वीवी लगभग 08 वर्ष पूर्व बिना वैध पासपोर्ट एवं वीजा के अवैध रूप से बाग्लादेश से बोन्गांव पेट्रोपोल, जिला उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल स्थित भारत बांग्लादेश अंर्तराष्ट्रीय बॉर्डर से अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया. कोलकाता आकर अपना नाम काकोली घोष बताकर सोनागाछी में लगभग 5 वर्ष अवैध रूप से रही. वहां से दिल्ली में लगभग 1 वर्ष रही. दिल्ली में रहने के दौरान भिलाई निवासी पूजा नामक लड़की के साथ परिचय होने पर उसके साथ भिलाई आकर लगभग 02 वर्षों से सुपेला नेहरू रोड स्थित सूरज साव के मकान में स्वयं को काकोली घोष उर्फ अंजली सिंह निवासी दिल्ली का होना बताकर किराए से रह रही थी.

महिला ने भिलाई से कई बार आना-जाना की है बांग्लादेश

भिलाई में रहने के दौरान भी बांग्लादेशी नागरिक पन्ना बीवी ने जसौर बोन्गांव पेट्रोपोल जिला- उत्तर 24 परगना स्थित भारत बांग्लादेश अंर्तराष्ट्रीय बॉर्डर से कई बार बांग्लादेश स्थित अपने मूल निवास आना-जाना की है. पन्ना बीबी के मोबाइल फोन की जांच किए जाने पर इसके द्वारा अपने मोबाइल फोन से बांग्लादेश के लगभग एक दर्जन से अधिक मोबाइल नम्बरों से (पिता, भाई, बहन एवं अन्य रिश्तेदारों) से लगातार बात करना एवं सम्पर्क में रहना पाया गया. पासपोर्ट अधिनियम, और विदेशी नागरिक अधिनियम और बीएएनएस के प्रतिरोपण की धाराओं के तहत बांग्लादेशी महिला के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इस कार्रवाई में एसटीएफ प्रभारी नगर पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश तिवारी, निरीक्षक विजय यादव थाना प्रभारी सुपेला एवं उनकी टीम व एसटीएफ के सउनि रमेश सिन्हा, पंकज चतुर्वेदी एवं संतोष गुप्ता की उल्लेखनीय भूमिका रही.

अफसरों की लापरवाही से PAT परीक्षा देने से वंचित हुए परीक्षार्थी : एग्जाम सेंटर में नहीं थी मेडिकल किट, चोटिल छात्र को भेजा अस्पताल

कोंडागांव-  पीएटी परीक्षा में इस बार जवाबदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते चार छात्र परीक्षा देने से वंचित हो गए. अगर समय रहते इनको सही मार्गदर्शन प्रवेश द्वार से ही मिल गया होता तो ये छात्र भी परीक्षा दे पाते मगर जिन्हें परीक्षा संचालन का जिम्मा प्रशासन ने दिया था उनकी एक चूक से इनका साल बर्बाद हो गया.

दरअसल कोंडागांव जिले के मालगांव के युवक खेमलाल मौर्य बाइक से परीक्षा देने कोंडागांव आ रहा था, इस दौरान उसकी बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गई और वह घायल हो गया. उन्हें हल्की छोटे भी आई फिर भी वह समय से पहले परीक्षा केंद्र पहुंच चुका था, जहां उसे किसी भी तरह का इलाज नहीं मिला. उन्हें इलाज करवाने अस्पताल भेज दिया गया.

परीक्षा हाल में बैठाने के आधे घंटे बाद निकाल दिया : परीक्षार्थी दीपिका

पीएटी की परीक्षा देने आई दीपिका मरकाम ने बताया कि मुझे पूरी उम्मीद थी कि मैं यह परीक्षा पास कर लूंगी. मुझे सारे कागज चेक कर गेट से अंदर जाने दिया. परीक्षा हाल में बैठा भी दिया. 8:30 बजे मैं पेपर हाल में बैठ गई थी फिर एक अधिकारी अचानक से आया और ओरिजिनल आधार कार्ड लाओ कहकर मुझे निकाल दिया. मुझे उसी वक्त मेन गेट पर अगर बता दिया होता तो मैं ओरिजिनल आधार कार्ड लेकर समय पर पहुंच जाती. यह स्थिति निर्मित नहीं होती. मुझे आधे घंटे तक अंदर बैठाकर रखा गया.

परीक्षा केंद्र के पास घंटों बैठा रहा चोटिल छात्र

इस परीक्षा में जिम्मेदार अफसरों की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है, जहां हजारों छात्र-छात्राएं परीक्षा दे रहे हैं वहां मेडिकल की टीम तक मौजूद नहीं है, ना ही किसी तरह की उपचार किट रखा गया है, जबकि परीक्षा केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम व प्राथमिक उपचार के लिए उपचार किट रखने के सख्त निर्देश हैं. मेडिकल किट रेडक्रास से खरीदी की जानी होती है. यही नहीं स्टॉफ को इसका प्रशिक्षण भी दिया जाता है, मगर यहां ऐसा कुछ नहीं मिला. चोटिल हुआ छात्र ऐसे ही घंटों बैठा रहा और उसे अस्पताल भेज दिया गया, जिससे वह परीक्षा से वंचित हो गया.

ओरिजिनल आधार नहीं लाने, समय पर नहीं पहुंचने पर वंचित हुए छात्र : प्रिंसिपल

इस मामले में हायर सेकेंडरी स्कूल कोंडागांव की प्रिंसिपल चंद्रकुमारी कोर्राम ने बताया, कई राउंड में परीक्षार्थियों के दस्तावेज चेक किए जाते हैं, क्योंकि छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक है, इसलिए अकेले देख पाना संभव नहीं है. अलग-अलग कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी. इन छात्रों ने ओरिजिनल आधार कार्ड नहीं लाए थे और समय पर नहीं पहुंचने की वजह से इन्हें अंदर प्रवेश नहीं दिया गया. घायल छात्र को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया था, क्योंकि यहां पर व्यवस्था नहीं थी.

रेत माफियाओं के हौसले बुलंद: आरक्षक की हत्या के बाद अब पटवारी और पत्रकार पर जानलेवा हमला, 8 गिरफ्तार…

बालोद- छत्तीसगढ़ में रेत माफिया की दबंगई थमने का नाम नहीं ले रही है. बलरामपुर में आरक्षक की हत्या के बाद अब बालोद जिले में रेत माफियाओं ने पटवारी और पत्रकार पर हमला कर अपनी दहशत का नया चेहरा दिखाया है. यह हमला उस वक्त हुआ जब पटवारी अवैध रेत भंडारण की सूचना पर जांच के लिए पहुंचे थे और स्थानीय पत्रकार इसकी कवरेज कर रहे थे.

जानकारी के मुताबिक, यह पूरा मामला पुरुर थाना क्षेत्र के ग्राम मरकाटोला का है, जहां अवैध रेत भंडारण की शिकायत पर पटवारी मौके पर जांच के लिए पहुंचे थे. उनके साथ स्थानीय पत्रकार भी कवरेज के लिए वहां मौजूद थे. इसी दौरान रेत माफिया और उनके गुर्गों ने मिलकर दोनों पर जानलेवा हमला कर दिया.

8 आरोपी गिरफ्तार, मुख्य सरगना अब भी फरार

पत्रकार की शिकायत के आधार पर पुरुर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि इस हमले का मुख्य आरोपी अभी फरार है. पुलिस की टीमें उसकी तलाश में जुटी हुई हैं.

प्रशासन पर उठ रहे सवाल

यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब बलरामपुर में अवैध रेत खनन रोकने गए एक आरक्षक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में बीती रात 4 आरोपी को गिरफ्तार किया गया. अब बालोद में सामने आए इस हमले ने प्रशासन की गंभीरता और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

विभागीय कार्रवाई सिर्फ खानापूर्ति?

जिले के कई रेत घाटों में बिना अनुमति रेत का उत्खनन धड़ल्ले से जारी है. यह भी आरोप लगे हैं कि संबंधित विभागों की कार्रवाई केवल खानापूर्ति तक सीमित है, जिससे रेत माफियाओं के हौसले दिन-ब-दिन बुलंद होते जा रहे हैं. घटना के बाद इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है. पुलिस का कहना है कि फरार मुख्य आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और मामले में सख्त धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी. 

अब देखना होगा कि क्या प्रशासन इन घटनाओं के बाद रेत माफिया पर लगाम कस पाएगा या फिर यह सिलसिला और गंभीर रूप लेता जाएगा.

देह व्यापार के शक में ग्रामीणों ने घर को घेरा, मौके पर पहुंची पुलिस, 2 महिला समेत 4 पकड़ाए…

दुर्ग- नंदिनी थाना क्षेत्र स्थित अहेरी गांव स्थित कल्याण कॉलेज के पास आज एक सेक्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. गांव के लोगों ने लंबे समय से एक किराए के मकान में हो रही संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी और संदेहास्पद मकान को घेर कर पुलिस को सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही मौके से कई आपत्तिजनक सामग्री और साक्ष्य भी जब्त किए गए हैं.

गिरफ्तार आरोपियों के नाम:

  • बलीराम वर्मा
  • ओमप्रकाश पटेल
  • हेमलता चेलक
  • धनेश्वरी सेन.

इन सभी पर आरोप है कि वे अहेरी स्थित कल्याण कॉलेज के पास एक किराए के मकान में पिछले कई महीनों से सेक्स रैकेट चला रहे थे.

ग्रामीणों को था कई महीनों से शक

बता दें, कल्याण कॉलेज के पास स्थित एक मकान में बीते कुछ महीनों से लगातार अनजान लोगों का आना-जाना लगा हुआ था. इससे ग्रामीणों को शक हुआ कि वहां कोई अवैध गतिविधि चल रही है. जब स्थिति असहज लगने लगी तो ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी और कार्रवाई की मांग की.

न्यायालय में किया पेश

पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ BNS की धारा 170/126, 135(3) के तहत मामला दर्ज किया है. आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय भिलाई-03 में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

ग्रामीणों ने की कड़ी सजा की मांग

घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे अवैध कृत्य गांव के माहौल को खराब कर रहे हैं. ग्रामीणों ने आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.

फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह में और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं.

न्यायिक जीत के बाद भी भटक रहे सहायक शिक्षक, डिप्टी सीएम साव से लगाई गुहार, कहा – जल्द बहाल की जाए नियुक्ति

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में न्यायालय के आदेश की अवहेलना करना या कहे न्यायालय के आदेश को नजरअंदाज करना अब आम बात हो चुकी है. SI भर्ती परीक्षा, D.ed -B.ed भर्ती विवाद में पहले भी देखा गया है कि किस प्रकार कोर्ट के निर्देश का समय सीमा पर राज्य सरकार पालन करने से पीछे हटती आई है. ऐसा ही एक मामला है नगरीय प्रशासन द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति का, जिसमें सहायक शिक्षकों को अकारण नौकरी से निकाल दिया गया. अब न्यायिक जीत हासिल करने के बाद भी शिक्षक अपनी बहाली के लिए दर-दर भटक रहे हैं, क्योंकि सरकार कोर्ट का आदेश मानने में कोताही कर रही है.

दरअसल उपमुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव से मुलाकात करने प्रदेशभर के विभिन्न जिलों से सहायक शिक्षक पहुंचे थे. ये शिक्षक पूरे प्रक्रिया के तहत 2014 में निगम स्कूलों में नियुक्त किए गए थे, जिन्हें महज 50 दिन के अंदर बिना कारण निकाल दिया गया. हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से अपने पक्ष में फैसला होने के बाद भी ये आज बेरोजगार हैं. साव से मुलाकात कर सभी ने 15 अप्रैल 2025 में जो फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया है उसके अनुसार उनकी नियुक्ति करने की मांग की है.

सिलसिलेवार समझिए कब क्या हुआ

  • 2 जून 2013 में नगरीय प्रशासन विभाग ने नगर निगम स्कूलों में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 98 पदों पर विज्ञापन जारी किया.
  • 43-46 चयनित लोगों का 15 अक्टूबर 2014 को नियुक्ति आदेश जारी किया गया.
  • 45 दिन बाद 29/11/2014 को विभाग ने सभी 45 लोगों के सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया.
  • याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई, जिसमें सिंगल बेच आदेश ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं के पक्ष में 16/04/2019 को नियुक्ति का आदेश जारी किया.
  • राज्य सरकार ने फिर हाइकोर्ट की डबल बेंच में याचिका दायर की. 2/03/2022 को सुनवाई में फिर से नियुक्ति का कोर्ट ने निर्देश दिया.
  • हाई कोर्ट के फैसले से असंतुष्ट राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई, जिसमें 15/04/2025 को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी नियुक्त शिक्षकों को नौकरी में बहाल किया जाना चाहिए.

रमन सिंह, भूपेश बघेल के बाद साय सरकार में भी नहीं मिल रहा न्याय

दरअसल जब विज्ञापन जारी किया गया था तब नगर निगम, पालिका और पंचायतों के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति नगरीय प्रशासन विभाग के अंतर्गत होती थी, लेकिन साल 2019 में नियमों में बदलाव हुए. सभी स्कूल शिक्षा विभाग को हैंडओवर हो गए. कोर्ट में लगी याचिका निगम प्रशासन द्वारा निकाले गये विज्ञापन के तहत चयनित शिक्षकों की नौकरी से हटाने के ख़िलाफ़ था. अब इन दो विभागों के बीच 45 शिक्षक कुछ इस तरह फंसे हुए हैं, जो कोर्ट का आदेश भी निकालने में असमर्थ नजर आता है. बीजेपी की रमन सरकार, भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार के बाद अब बीजेपी की साय सरकार में भी इन शिक्षकों को न्याय मिलता नजर नहीं आ रहा है. एक उम्मीद के साथ प्रदेश के धमतरी, बलौदाबाज़ार और गरियाबंद सहित कई ज़िलों से उपमुख्यमंत्री अरुण साव के पास ये सहायक शिक्षक ज्ञापन लेकर पहुंचे, जहां उन्होंने अनुरोध किया कि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार उनकी नियुक्ति बहाल की जाए.

न्यायिक लड़ाई लड़ने के बाद भी हमारे अधिकार से वंचित किया

उपमुख्यमंत्री अरुण साव से मिलने पहुंचे गवेन्द्र कुमार साहू ने बताया, 2013 में 98 पोस्ट निकले गए थे, जिसमें 43-45 लोंगों का चयन हुआ, लेकिन बिना कारण और नोटिस दिए हमें निकाल दिया गया. इतने लंबे समय से न्यायिक लड़ाई लड़ने के बाद भी हमें हमारे अधिकार से वंचित किया जा रहा है इसलिए कोर्ट के आदेशानुसार हमें जल्दी से जल्दी नियुक्ति देने की मांग लेकर सरकार से कर रहे हैं.

9 महीने पहले गायब हुई नाबालिग बालिग होकर लौटी घर, तलाश में पुलिस ने खोद डाली थी कब्र भी…

गरियाबंद- 9 महीने पहले रहस्यमयी ढंग से गायब हुई एक नाबालिग युवती अचानक घर लौट आई है. यह वही मामला है जिसमें पुलिस ने अपहरण और हत्या की आशंका में जांच के दौरान एक कब्र तक खोद डाली थी. अब युवती बालिग हो चुकी है और उसने पुलिस को बताया है कि वह बालोद जिले में अपने एक रिश्तेदार के घर रह रही थी.

अपहरण के संदेह में 40 वर्षीय पड़ोसी को किया गया था गिरफ्तार

अगस्त 2024 में ग्राम चलना पदर में अपनी बुआ के घर रह रही नाबालिग अचानक लापता हो गई थी. परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया और जांच शुरू की. कॉल डिटेल खंगालने पर पुलिस को गांव के ही एक 40 वर्षीय पड़ोसी से बातचीत का सुराग मिला, जिसे 31 जनवरी 2025 को हिरासत में लिया गया.

फोटो: लालधर (संदही).

कब्र खुदी, लेकिन निकला पुराना कंकाल

संदेही युवक से पूछताछ में गोलमोल जवाब मिलने पर पुलिस ने हत्या की आशंका जताई. संदेही की निशानदेही पर गांव के श्मशान में एक कब्र खुदवाई गई. कार्यपालिक दंडाधिकारी की मौजूदगी में जब कब्र खोदी गई, तो उसमें से एक कंकाल बरामद हुआ जो करीब 10 साल पुराना निकला. इसके बाद पुलिस ने जांच की दिशा बदल दी थी.

अचानक लौट आई युवती

मंगलवार की रात लापता युवती अपने माता-पिता के पास पुरनापानी स्थित कुरलापारा पहुंच गई. परिजनों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी. देवभोग थाना प्रभारी फैजुल होदा शाह ने बताया कि युवती अब बालिग हो चुकी है, और उसका बयान न्यायालय में दर्ज कराया जाएगा.

न्यायालय के निर्देश के बाद होगी आगे की कार्रवाई

पुलिस ने बताया कि युवती के बयान बीएनएस धारा 183 के तहत न्यायालय के समक्ष दर्ज कराए जाएंगे. अगर कथन के अनुसार कोई अपराध सामने आता है, तो उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

आदिवासी समाज ने किया था थाने का घेराव

इस मामले में संदेही युवक लालधर गौड़ को लेकर आदिवासी विकास परिषद ने नाराजगी जताई थी. 27 मार्च को समाज के नेताओं लोकेश्वरी नेताम और संजय नेताम के नेतृत्व में देवभोग थाने का घेराव किया गया था. आरोप लगाया गया था कि पुलिस ने लालधर को शारीरिक और मानसिक यातनाएं दीं, जिससे उसका एक पैर भी टूट गया.

फोटो: निष्पक्ष जांच के लिए SP को ज्ञापन देने पहुंचे थे प्रतिनिधि.

अब जबकि युवती खुद घर लौट आई है, पूरे मामले ने नया मोड़ ले लिया है. पुलिस अब तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की बात कह रही है.