जंग में ‘पिटने’ के बाद पाकिस्तान अब भारत के सामने गिड़गिड़ाया, सिंधु जल समझौते को लेकर लगाई ये गुहार
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भारतीय सेना से करारी शिकस्त के बाद पाकिस्तान अब पानी को लेकर भारत के सामने गिड़गिड़ाने लगा है। घुटनों पर आई पाकिस्तान की सरकार ने बुधवार को भारत के जल शक्ति मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर सिंधु जल समझौते को स्थगित करने को लेकर दोबारा विचार करने की अपील की है।
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पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय में सचिव सैय्यद अली मुर्तुजा ने जल शक्ति मंत्रालय में सचिव देवश्री मुखर्जी को पत्र लिखा है। इसमें फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील की है। पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान इस मसले पर बात करने को तैयार है। सूत्रों के अनुसार नियम के मुताबिक यह पत्र विदेश मंत्रालय भेज दिया गया है।
नरमी के मूड में नहीं भारत
पाकिस्तान का कहना है कि अगर भारत तीन नदियों के जल पर अपने अधिकार का पूर्ण उपयोग करने लगा, तो पाकिस्तान के कई राज्यों में गंभीर जल संकट पैदा हो जाएगा। इस खतरे को भांपते हुए पाकिस्तान ने भारत से तुरंत बात करने की अपील की है। लेकिन भारत इस बार नरमी के मूड में नहीं दिखता। पीएम मोदी ने एक दिन पहले ही कहा था कि पाकिस्तान को किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालिया राष्ट्र के नाम संबोधन में साफ किया कि खून और पानी साथ नहीं बह सकते। यह बयान पाकिस्तान के लिए भारत के कड़े संदेश की तरह देखा जा रहा है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने लिया सख्त फैसला
दरअसल, पहलगाम हमले के अगले ही दिन भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया था। 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को पाकिस्तान की लाइफ लाइन माना जाता है। पाकिस्तान की करीब 21 करोड़ से ज्यादा की आबादी पानी के लिए सिंधु और उसकी चार सहायक नदियों पर निर्भर है। इसके अलावा 90% जमीन में सिंचाई का पानी सिंधु नदी से मिलता है।
तनाव के बाद भारत ने रोका चिनाब नदी पानी
भारत ने पाकिस्तान के साथ 1965, 1971 और 1999 की जंग के बाद भी सिंधु जल समझौते को सस्पेंड नहीं किया था। लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. भारत ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी के प्रवाह को रोक दिया और झेलम पर किशनगंगा परियोजना से भी पानी के बहाव को कम कर दिया








May 14 2025, 20:00
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