क्या अपने नापाक हरकतों से बाज आएगा पाकिस्तान? उठ रहे हैं यह सवाल
डेस्क:–भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम हो गया है, लेकिन पाकिस्तान की गतिविधियों पर निर्भर करेगा कि यह विराम कितने समय तक चलता है. उकसावा और आतंकवाद जैसे मुद्दे अभी भी विवाद के केंद्र में हैं. भारत ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है कि सीजफायर उल्लंघन का कड़ा जवाब दिया जाएगा.
भारत की आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद बने हालात ऐसे थे, जिसमें दो देशों के बीच संघर्ष शुरू हो गया, लेकिन इस संघर्ष पर विराम लग गया. हालांकि ये संघर्ष विराम आगे भी जारी रहेगा या नहीं, ये पाकिस्तानी सेना की गतिविधि और DGMO की वार्ता पर निर्भर है. अब अगर संघर्ष विराम जारी भी रहा, तो क्या तनाव कम होगा? सवाल इसलिए क्योंकि, संघर्ष की बारूद में आग लगाने वाले कई मुद्दे अब भी बरकरार हैं.
भारत-पाकिस्तान के बीच 4 दिनों से जारी संघर्ष 10 मई को थम गया. अमेरिका की मध्यस्थता में दोनों देश सीजफायर के लिए तैयार हो गए, लेकिन इस शांति स्थापना के कुछ ही घंटों में पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी खबरें आईं और भारत ने सख्त संदेश जारी किया, जिसने पाकिस्तान में दहशत फैला दी.
भारतीय सेना को खुली छूट दे दी गई है कि अगर पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन हुआ, तो जवाबी कार्रवाई के लिए सेना को पूरा अधिकार है. यानी बंदूकें खामोश हैं, लेकिन हालात नहीं बदले हैं, जिससे कई सवाल जन्म लेते हैं.
भारत-पाकिस्तान के बीच सिर्फ संघर्ष विराम हुआ है, रणनीतिक मोर्चे पर विराम नहीं लगा है और भारत की रणनीति है पाकिस्तान पर दबाव बनाए रखना, इसलिए हर वो फैसले अब भी लागू हैं, जो बारूदी कार्रवाई से पहले लिए गए थे.
अब वीजा पर फैसला क्या होगा?
वीजा पर फैसले का सवाल इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि इससे कई पक्ष जुड़े हैं और जवाब ये है कि, बॉर्डर खोलने पर फैसला द्विपक्षीय समझौते के बाद हो सकता है. वीजा देने या आगे बढ़ाने पर भी फैसला पूर्ण संघर्ष विराम के बाद ही संभव है.
अब मुमकिन है कि, पाकिस्तान में अंदरूनी दबाव बढ़ने पर भारत से अपील की जाए क्योंकि भारत की मेडिकल फैसिलिटी का फायदा पाकिस्तानी नागरिक भी उठाते हैं. इसके अलावा कूटनीतिक संबंध स्थापित करना भी पाकिस्तान के लिए जरूरी है, क्योंकि पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारत की जरूरत हमेशा बनी रहेगी.
क्या बंदरगाह और एयरोस्पेस खुलेंगे?
इस सवाल का जवाब है ट्रेड और जरूरत, जो पाकिस्तान के लिए अहम है, लेकिन इस पर फैसला दोनों पक्षों को लेना है. अब अगर फैसला नहीं होता है, तो तनाव बरकरार रहेगा और ये तनाव तब तक बरकरार रहेगा. जब तक पाकिस्तान के आतंकी ठिकाने नेस्तनाबूद नहीं हो जाते, लेकिन सवाल ये है कि, वो ठिकाने हैं कहां?
अब सवाल ये है कि अगर संघर्ष विराम पाकिस्तान की तरफ से टूटा तो क्या होगा? जवाब है भारत मुंहतोड़ जवाब देगा, जिसमें POK के मुजफ्फराबाद, कोटली और बरनाला को टारगेट बनाया जा सकता है.
ऐसे IB पर सीजफायर का उल्लंघन अगर पाकिस्तान करता है, तो फिर भारतीय कार्रवाई की जद में पाकिस्तान के पंजाब का लाहौल और पंजार भी आ सकता है, ये वो जगह हैं, जहां अब भी आतंकी ठिकाने हैं.
जानें, क्यों हुआ संघर्ष विराम?
भारत अदावत के मुहाने पर पाकिस्तानी अवाम को नहीं रखता, बल्कि पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादियों को रखता है. वो आतंकवादी जो भारत के ही अंग पाक अधिकृत कश्मीर में भारत विरोधी गतिविधियां चल रहा है.
तो सवाल ये भी है कि उन ठिकानों को तबाह किए बिना भारत सीजफायर के लिए तैयार क्यों हुआ? इस कदम को उठाने के पीछे 2 बड़ी वह हो सकती है. पहली वजह है कास्ट ऑफ टेररिज्म, यानी भारत का उद्देश्य जंग बढ़ाना नहीं था, बल्कि पहलगाम हमले का सटीक और सीमित जवाब देना था, जो पूरा हुआ. दूसरी वजह है युद्ध की बजाए रैम्प ऑफ, चूंकि दोनों देश युद्ध की तरफ बढ़ रहे थे, इस स्थिति को टाल कर भारत ने टकराव रोकने का रास्ता चुना.
इसलिए पर्सनैलिटी फर्स्ट और पॉलिसी सेकेंड के फॉर्मूले पर चलने वाले ट्रंप की मध्यस्थता को स्वीकार किया गया, लेकिन इसके बाद होने वाली बातचीत में सिर्फ भारत और पाकिस्तान शामिल रहेंगे. जो तय करेंगे कि युद्ध की दिशा में आगे बढ़ना है, या बरकरार तनाव को खत्म करना है.
May 13 2025, 09:54