भगवान परशुराम जन्मोत्सव में उमड़ी श्रद्धा, भक्ति और उत्साह की गंगा
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। राज नगर एक्सटेंशन में भगवान परशुराम सेवा न्यास के तत्वावधान में भगवान परशुराम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। आयोजन में श्रद्धा, भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला। कार्यक्रम की शुरुआत पिलखुवा के प्रसिद्ध भजन गायक हरिओम जी और सुमित सावन की टीम द्वारा भगवान परशुराम के भजनों से हुई, जिसने पूरे माहौल को भक्ति रस में डुबो दिया। विशेष रूप से सजाई गई भगवान परशुराम की भव्य झांकी ने सभी का मन मोह लिया। अतिथियों ने भगवान परशुराम के जीवन आदर्शों पर प्रकाश डालते हुए उनके बताए मार्ग को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी।जन्मोत्सव कार्यक्रम में गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग, शहर विधायक संजीव शर्मा, भाजपा महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल, कांग्रेस राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य डॉ. संजीव शर्मा सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। भगवान परशुराम सेवा न्यास के अध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने अपनी पूरी टीम के साथ सभी अतिथियों का स्वागत किया और आयोजन को सफल बनाने में जुटे रहे।
आयोजन समिति में संरक्षक आशुतोष तिवारी, संयोजक राजेंद्र त्रिपाठी, बीपी उपाध्याय, राजेश तिवारी, विजेंद्र विद्रोही, अमित शर्मा, अनुज शर्मा, अभिषेक पांडे, प्रमोद शर्मा, विशाल गौर, संतोष भारद्वाज, अभिनव पांडे, लक्ष्मण शर्मा और आदित्य कौशिक का भी विशेष योगदान रहा। फॉर्चून रेजिडेंसी की एओए के अध्यक्ष कपिल त्यागी ने अपनी टीम के साथ कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में सहयोग दिया। आयोजन के दौरान अतिथियों को प्रतीक चिन्ह और फरसा भेंट कर सम्मानित किया गया।
महिलाओं और बच्चों की भागीदारी ने कार्यक्रम में पारिवारिक उत्सव का रंग घोल दिया। कार्यक्रम के अंत में भगवान परशुराम की आरती की गई और सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर बीआर शर्मा, अरुण मिश्रा, एमके अग्रवाल, दिलीप धनेरिया, पुष्पेंद्र पूनिया, दिशा शर्मा, करुणा शर्मा, भावना चतुर्वेदी, अनुराधा शर्मा, गरिमा त्यागी, दिव्या त्यागी, स्वाति शर्मा, नीरज विजयवर्गीय, सुधीर त्यागी, अमृतांश शर्मा, रूपेश गुप्ता, पंकज भारद्वाज, तपेश शर्मा, विपिन पाराशर, गौरव शर्मा, संदीप चौहान, पद्माकर मिश्रा सहित अनेक विशिष्ट जनों का भी स्वागत और सम्मान किया गया।
अध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने सभी भक्तों और अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी का आभार जताया।

विभु मिश्रा
जन्मोत्सव कार्यक्रम में गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग, शहर विधायक संजीव शर्मा, भाजपा महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल, कांग्रेस राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य डॉ. संजीव शर्मा सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। भगवान परशुराम सेवा न्यास के अध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने अपनी पूरी टीम के साथ सभी अतिथियों का स्वागत किया और आयोजन को सफल बनाने में जुटे रहे।
आयोजन समिति में संरक्षक आशुतोष तिवारी, संयोजक राजेंद्र त्रिपाठी, बीपी उपाध्याय, राजेश तिवारी, विजेंद्र विद्रोही, अमित शर्मा, अनुज शर्मा, अभिषेक पांडे, प्रमोद शर्मा, विशाल गौर, संतोष भारद्वाज, अभिनव पांडे, लक्ष्मण शर्मा और आदित्य कौशिक का भी विशेष योगदान रहा। फॉर्चून रेजिडेंसी की एओए के अध्यक्ष कपिल त्यागी ने अपनी टीम के साथ कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में सहयोग दिया। आयोजन के दौरान अतिथियों को प्रतीक चिन्ह और फरसा भेंट कर सम्मानित किया गया।
महिलाओं और बच्चों की भागीदारी ने कार्यक्रम में पारिवारिक उत्सव का रंग घोल दिया। कार्यक्रम के अंत में भगवान परशुराम की आरती की गई और सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर बीआर शर्मा, अरुण मिश्रा, एमके अग्रवाल, दिलीप धनेरिया, पुष्पेंद्र पूनिया, दिशा शर्मा, करुणा शर्मा, भावना चतुर्वेदी, अनुराधा शर्मा, गरिमा त्यागी, दिव्या त्यागी, स्वाति शर्मा, नीरज विजयवर्गीय, सुधीर त्यागी, अमृतांश शर्मा, रूपेश गुप्ता, पंकज भारद्वाज, तपेश शर्मा, विपिन पाराशर, गौरव शर्मा, संदीप चौहान, पद्माकर मिश्रा सहित अनेक विशिष्ट जनों का भी स्वागत और सम्मान किया गया।
अध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने सभी भक्तों और अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी का आभार जताया।

विभु मिश्रा
विभु मिश्रा
शिकायत के मुताबिक, सेंट्रल पार्क के हर पेड़ को नीचे से ऊपर तक तीन अलग-अलग रंगों के भारी पेंट से ढंक दिया गया है। मोटी परतों में लगाया गया पेंट पेड़ों के भीतर के जीवन-तंत्र यानी ज़ाइलेम और फ्लोएम तक पहुंचकर पोषण के प्रवाह को बाधित कर रहा है, जिससे पेड़ों का दम घुटने और धीरे-धीरे मरने का खतरा पैदा हो गया है। आकाश वशिष्ठ ने यह भी आरोप लगाया है कि यह कृत्य वार्ड-84 के पार्षद प्रवीण चौधरी के निर्देश पर नगर निगम कर्मचारियों द्वारा अंजाम दिया गया है। यह न सिर्फ 'उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976' का उल्लंघन है, बल्कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा 23 अप्रैल 2013 को पारित आदेश की भी सीधी अवहेलना है।
पर्यावरणविद् ने PCCF (मुख्य वन संरक्षक, यूपी सरकार), डीएफओ गाजियाबाद, जिलाधिकारी गाजियाबाद और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को शिकायत भेजते हुए मांग की है कि दोषी पार्षद और निगम कर्मचारियों के खिलाफ ‘एच-2’ केस दर्ज कर तत्काल कार्रवाई की जाए। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह इस गंभीर पर्यावरणीय अपराध के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
विभु मिश्रा
डॉ. पवन सिन्हा 'गुरुजी' ने इस दौरान कहा कि "देशभक्ति मरी नहीं है, अब वो अंगार बनकर फूटेगी। जो अपने राष्ट्र के लिए जिए बिना चैन से जीते हैं, वे सिर्फ पशु समान हैं। अब हर भारतवासी को जागना होगा, लड़ना होगा!" गुरुजी ने कहा कि आज की घटनाएं चीख-चीख कर कह रही हैं कि अगर हिन्दू समाज अब भी नहीं जगा तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंने अफसोस जताया कि आतंकवादी चाहे बाहर से आएं या भीतर से पनपें, हमारी सुरक्षा एजेंसियां उन्हें समय रहते क्यों नहीं पकड़ पातीं? उन्होंने युवाओं पर तंज कसते हुए कहा कि जो हाथ देश की सेवा में उठने चाहिए, वे आज नशे और भ्रमित संबंधों में खो गए हैं। "जो कौम अपनी रक्षा खुद नहीं कर सकती, उसे मिटने से कोई नहीं बचा सकता,"। गुरुजी की यह चेतावनी सभा में बिजली बनकर गूंज उठी। आश्रम साधिका खुशी गुप्ता ने कड़े शब्दों में कहा, "जब मंदिरों पर हमला होता है, जब हमारे बच्चों के सिरों पर पत्थर फेंके जाते हैं, तब हमारा मौन सबसे बड़ा अपराध बन जाता है। अब चुप्पी नहीं, जवाब देना होगा!" देवब्रत शर्मा ने आगाह किया, "पाकिस्तान हमारी ही सहनशीलता की कीमत पर बना था। अब अगर हम फिर चूक गए, तो भारत भी कमजोर कर दिया जाएगा।" युवा अभ्युदय मिशन के रोहित अरोड़ा और सुहानी सिंह ने भी हुंकार भरी कि अब भारत का सनातनी समाज जाग रहा है, और आतंक को उसकी भाषा में जवाब मिलेगा। सभा में 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम्' और 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारों से पूरा वातावरण गूंजता रहा। इस राष्ट्रवादी हुंकार में गुरुमाँ डॉ. कविता अस्थाना, बॉबी त्यागी, गुलशन राजपूत समेत सैकड़ों देशभक्तों ने भी भाग लिया। सभी ने प्रण लिया कि अब जो भी राष्ट्र के खिलाफ खड़ा होगा, उसका मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
अखिलेश ने गुस्से में कहा, "छोटे ठेले वाले तो साफ-सफाई का ख्याल रखते हैं, लेकिन कलेवा जैसे रेस्टोरेंट मोटा बिल थमा कर गंदगी परोस रहे हैं। यह ग्राहकों के साथ धोखा है।" उनका गुस्सा जायज है, क्योंकि कॉकरोच जैसे कीड़े खाने में मिलना न केवल घृणित है, बल्कि गंभीर बीमारियों को न्योता देता है।
विभु मिश्रा
तकनीकी सत्रों में एक के बाद एक विशेषज्ञों ने मंच संभाला। किसी ने बताया कि पेटेंट कैसे फाइल होता है, किसी ने कॉपीराइट के कायदे-कानून समझाए, तो किसी ने वैश्विक संधियों और WIPO की जटिलताओं को आसान भाषा में समझाया। डॉ. मनमोहन रावत और प्रो. जी. के. ढींगरा ने उदाहरणों से यह बताया कि बौद्धिक संपदा का सही इस्तेमाल किस तरह से नए उद्योग और तकनीकी खोजों की नींव रख सकता है। श्री आशीष शर्मा और डॉ. हिमांशु गोयल के सत्र युवाओं के लिए खास आकर्षण रहे, जहां उन्होंने केस स्टडीज़ के ज़रिए जमीनी स्तर पर IP फाइलिंग की प्रक्रिया बताई। उपाध्यक्ष सुश्री अंकिता जोशी ने कार्यशाला की टीम को बधाई देते हुए युवाओं से कहा, “यह समय है सोच को अधिकार में बदलने का।”
विभु मिश्रा
एसोसिएशन के अध्यक्ष विनीत त्यागी और महामंत्री मधुकर गुप्ता ने कहा कि इस तरह के आयोजन समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने का एक तरीका हैं। उन्होंने बताया कि आगे भी ऐसे कार्यक्रमों को जारी रखने की योजना है। इस मौके पर डॉक्टर लवीना महक, डॉ हर्ष शर्मा सहित अन्य डॉक्टरों की टीम मौजूद रही। कार्यक्रम में अधिवक्ता पीएस उपाध्याय, वीपी नगर, नवीन मित्तल, मदन कुमार त्यागी, प्रिंस वाधवा, शिवम गर्ग, अमित शर्मा, अमन अग्रवाल, कौशल कुमार, मनोज शर्मा, मनोज कुमार, रोजिन यादव और दीपक त्यागी सहित कई अधिवक्ता उपस्थित रहे। आयोजन के समापन पर एसोसिएशन ने सभी डॉक्टरों, स्वयंसेवकों और सहयोगियों का धन्यवाद किया।
विभु मिश्रा
बुजुर्ग बुआ-दादी की चालें नाटक की नायिका हैं एक बुजुर्ग बुआ-दादी अक्षम हैं, मगर चालाकी में कोई जवाब नहीं। उन्हें चाहिए सेवा और स्वाद, और इसके लिए वो रचती हैं ऐसा जाल कि पूरा परिवार उनकी ‘सेवा’ में जुट जाता है। अनीता शर्मा ने इस भूमिका को इतनी जीवंतता से निभाया कि हर संवाद पर हँसी की लहर दौड़ गई। परिवार बना कॉमिक अखाड़ा बाबू जी (दिनेश शर्मा) दब्बू, उनकी पत्नी (एकता) तेज-तर्रार। काके, रानी, हरी बाबू और शहंशाह जैसे किरदारों ने मंच को ऐसा रंग दिया कि दर्शक सीट छोड़कर भी हँसते रहे। हर किरदार अपने आप में दमदार, अपने संवादों में सटीक।
नाटक में सिर्फ हँसी नहीं थी नाटक के अंत में उठता है एक सवाल क्या बुजुर्गों को अपनी सेवा के लिए लालच देना ज़रूरी हो गया है? क्या परिवार अब संवेदनाओं से नहीं, स्वार्थ से चलता है? यही वो मोड़ था जहां ठहाके धीरे-धीरे सोच में बदल गए। हॉल में तालियां, लेकिन आंखों में सोच यह सिर्फ एक मनोरंजन नहीं था, बल्कि समाज के उस आईने की झलक थी जिसमें बुजुर्ग आज अकेले खड़े हैं। दर्शकों ने हँसी के साथ इस संदेश को भी गहराई से महसूस किया।
निर्देशक अरुण अरोड़ा ने न सिर्फ अभिनय संयोजन शानदार किया, बल्कि कुछ नई प्रतिभाओं को भी मंच पर उतार कर यह दिखाया कि रसोई से भी रंगमंच तक की दूरी तय की जा सकती है। खास मेहमान, खास मौके पर दीप प्रज्वलन से शुरू हुए इस कार्यक्रम में मौजूद रहे खुद नाटक के लेखक पद्मश्री दया प्रकाश सिन्हा। उनके साथ मंच पर थे आरएसएस के नरेंद्र ठाकुर, पत्रकार प्रो. के.जी. सुरेश, शिक्षाविद जासिम मोहम्मद और “यूथ फॉर नेशन” के अध्यक्ष सुनील त्यागी।
यूथ फॉर नेशन का लक्ष्य बड़ा है संस्था के अध्यक्ष सुनील त्यागी ने बताया कि वे कला के ज़रिए युवाओं में सामाजिक जागरूकता और देशभक्ति का संचार करना चाहते हैं। इससे पहले भी वे शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल और ऐतिहासिक प्रस्तुतियों का सफल आयोजन कर चुके हैं।
May 05 2025, 18:32
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