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पार्क में खेलती बच्ची साइकिल समेत खुली रेलिंग से बेसमेंट में गिरी, हालत नाजुक 
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। क्रॉसिंग रिपब्लिक स्थित GH-7 सोसायटी में शुक्रवार शाम को एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। सोसायटी के पार्क में साइकिल चला रही सात साल की अनन्या अचानक एक खुली रेलिंग से संतुलन खो बैठी और साइकिल समेत सीधे बेसमेंट की गहराई में जा गिरी। ज़मीन से करीब 10 फीट नीचे गिरी बच्ची को सिर और कमर में गंभीर चोटें आई हैं। वह इस समय सर्वोदय अस्पताल के ICU में ज़िंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है। हादसे के तुरंत बाद मौके पर हड़कंप मच गया। आस-पास मौजूद लोगों ने जब देखा कि बच्ची नीचे गिरी है, तो दौड़कर उसे बाहर निकाला गया और फौरन अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन असली झटका तब लगा, जब सामने आया कि इस टूटी हुई रेलिंग की शिकायत सोसायटी रेजिडेंट्स पहले ही कर चुके थे। 13 अप्रैल 2025 को ही AOA और मेंटेनेंस कंपनी 'निम्बस' को टूटी रेलिंग की लिखित सूचना दी गई थी। रेजिडेंट्स ने फोटो और लोकेशन तक भेजी थी, लेकिन न कोई रिपेयर हुआ, न बैरिकेडिंग लगी, न चेतावनी बोर्ड लगा और न ही उस जगह कोई गार्ड लगाया गया। यानी खतरे की जानकारी होते हुए भी किसी ने कुछ नहीं किया। अब जब यह दर्दनाक हादसा हुआ है, तो गुस्साए रेजिडेंट्स ने AOA और निम्बस पर सीधा हमला बोला है। लोगों का कहना है कि यह महज़ एक एक्सिडेंट नहीं, बल्कि क्रिमिनल नेग्लिजेंस का मामला है। कई लोग इसे 'गैर-इरादतन हत्या' जैसा गंभीर अपराध मान रहे हैं और FIR की मांग कर रहे हैं। सोसायटी में बैनर लगाए जा रहे हैं, प्रदर्शन की तैयारी हो रही है, और जिम्मेदारों को सस्पेंड करने की मांग उठ रही है। जिस समय ये हादसा हुआ अनन्या के पिता विपुल वार्ष्णेय उस समय ऑफिस में थे। जैसे ही उन्हें हादसे की खबर मिली, वे भागते हुए अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों का कहना है कि अगले 48 घंटे बेहद नाज़ुक हैं। परिवार गहरे सदमे में है, और रेजिडेंट्स में आक्रोश साफ दिखाई दे रहा है।
'सद्भावना संगम' में देशभर से जुटे राष्ट्रनायक, गाजियाबाद बना देशभक्ति का केंद्र
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। वसुंधरा के मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस का ऑडिटोरियम इन दिनों देशभक्ति की भावना और वैचारिक ऊर्जा से सराबोर है। यहां भारतीय सद्भावना मंच का तीन दिवसीय अभ्यास वर्ग धूमधाम से शुरू हुआ, जिसमें देशभर से करीब 400 प्रतिनिधि जुटे हैं।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय परंपरा के प्रतीक खड़ाऊ स्थापना से हुआ, जिसने इस आयोजन को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया। माहौल को और ऊर्जावान बनाया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक डॉ. इंद्रेश कुमार की उपस्थिति ने, जिनकी एक झलक पाने को लोग उत्सुक नजर आए। पहले दिन राष्ट्र निर्माण की दिशा में समरस और शक्तिशाली भारत के विजन पर गहन मंथन हुआ। प्रतिनिधियों ने मिलकर विचार साझा किए कि समाज में सकारात्मक बदलाव कैसे लाया जा सकता है। साथ ही सद्भावना मंच के कार्यकर्ताओं का परिचय सम्मेलन भी हुआ, जिससे संगठनात्मक ताकत को एकजुट किया जा सके। कार्यक्रम 27 अप्रैल तक जारी रहेगा, जिसमें हर शाम सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, भक्ति संध्या और देशभक्ति गीतों की बौछार माहौल को और ऊर्जावान बनाएगी। मंच पर उपस्थित रहे मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया, निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल, संयोजिका साध्वी कल्पना और वरिष्ठ समाजसेवी अर्जुन मूंदड़ा ने इस आयोजन को राष्ट्र निर्माण में सद्भावना की नई क्रांति बताया।
आतंक के खिलाफ गोल्फलिंक की हुंकार, पहलगाम हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस दर्दनाक घटना में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि देने और आतंक के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने के लिए गाजियाबाद की गोल्फलिंक सोसाइटी में रविवार शाम एक शांत लेकिन गुस्से से भरा मशाल जुलूस निकाला गया। ‘गोल्फलिंक जागरूकता मंच’ के नेतृत्व में निकली यह रैली क्रिस्टल क्लब से शुरू होकर सोसाइटी के हर हिस्से होली चौक, टी ब्लॉक, पॉम ड्राइव, विला, फेस 1 और 2, स्कार्डी और आशियाना से होकर वापस क्रिस्टल क्लब पर आकर समाप्त हुई। जुलूस के दौरान सैकड़ों लोग शामिल हुए। हर हाथ में तिरंगा या मशाल थी और हर दिल में ग़म और ग़ुस्सा साफ दिख रहा था।
आतंकी हमले में जान गंवाने वालों के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। मोमबत्तियों और मशालों की रोशनी में जब नाम लेकर शहीदों को याद किया गया, तो माहौल भावुक हो गया। इसके साथ ही लोगों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर सख्त कदम उठाने की मांग भी की। रैली के दौरान “आतंकवाद मुर्दाबाद”, “भारत माता की जय” और “अब और नहीं सहेंगे” जैसे नारे गूंजते रहे। बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों तीनों पीढ़ियों ने एक साथ इस जुलूस में भाग लेकर यह संदेश दिया कि अब चुप रहना मंजूर नहीं। मंच संयोजक महेश जोशी ने कहा, “यह विरोध राजनीति नहीं, संवेदना और आत्मा की पुकार है। अब वक्त है कि आतंक को जवाब मिले।” अन्य वक्ताओं सुशील शर्मा, राजीव कुलश्रेष्ठ, रेखा चतुर्वेदी, सीमा कुलश्रेष्ठ, पुनीता त्यागी, अरविंद मलिक, अमर किशन कौशिक, मनोज कुमार, हरीश प्रताप, अमित मुंजाल और आशु कत्याल ने भी सरकार से मांग की कि आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई हो और इस तरह की घटनाओं को दोहराने से रोका जाए।
अब हड्डियाँ खुद करने लगी हैं 'सेल्फ-रिपेयर' - डॉ. अजय पंवार
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। अगर अब तक आप हड्डियों को सिर्फ़ कैल्शियम की छड़ियाँ और दूध से टिके रहने वाली चीज़ मानते थे — तो अब वक्त है अपना नजरिया बदलने का! गाजियाबाद के जाने-माने ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. अजय पंवार का कहना है कि "हड्डियाँ अब सिर्फ शरीर का ढांचा नहीं, बल्कि हाई-टेक स्मार्ट टिशू बन चुकी हैं, जो खुद को रिपेयर करना सीख रही हैं!"


अब हड्डियाँ टूटेंगी नहीं-खुद जुड़ेंगी!

डॉ. पंवार बताते हैं कि हालिया रिसर्च से चौंकाने वाली बात सामने आई है:
हड्डियों में मौजूद स्टेम कोशिकाएं अब इतनी एक्टिव हो चुकी हैं कि वे छोटे-मोटे फ्रैक्चर को खुद ही भरने में सक्षम हैं — वो भी बिना किसी सर्जरी के!
लेकिन इसके लिए चाहिए — सही डाइट, विटामिन D और हल्का-फुल्का एक्सरसाइज।

Nano-Calcium Technology का कमाल

नई रिसर्च के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने 'नैनो-कैल्शियम फॉर्मूला' तैयार किया है जो सीधे हड्डी के डैमेज्ड हिस्सों तक पहुंचता है और वहां कोशिकाओं को रिपेयर मोड में डाल देता है।
डॉ. पंवार कहते हैं, "ये तकनीक आने वाले समय में बुज़ुर्गों के लिए गेमचेंजर साबित होगी, खासकर ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों में।"
अब सर्जरी नहीं, रोबोट करेंगे हड्डियों का रिप्लेसमेंट!

घुटना हो या कूल्हा, अब रिप्लेसमेंट सर्जरी होगी सुपर सटीक रोबोटिक सिस्टम से — वो भी बिना ज्यादा कटाई और खून बहाव के!
गाजियाबाद में पहली बार इस एडवांस तकनीक को लाने वाले विशेषज्ञों में डॉ. पंवार का नाम सबसे ऊपर है।
फायदा? कम दर्द, तेज़ रिकवरी और 100% सटीक फिटिंग!

हैरान कर देने वाला मामला

डॉ. पंवार बताते हैं कि हाल ही में एक 12 साल की बच्ची की रीढ़ गिरने से क्रैक हो गई थी।
पर चमत्कारिक स्टेम-थेरेपी और मिनिमल-सर्जरी तकनीक की मदद से उसने सिर्फ़ 3 महीने में दोबारा दौड़ना शुरू कर दिया — बिना किसी स्टील रॉड के!
हड्डी का हेल्थ मंत्र: हर घर में हो 'बोन फ्रेंड'

डॉ. पंवार की सलाह बेहद सरल लेकिन असरदार है:
"20 की उम्र में हड्डी को चाहिए ताकत, 40 में संतुलन और 60 के बाद सुरक्षा।"
वो कहते हैं, "हर इंसान को अपने हड्डियों का दोस्त बनना चाहिए — अच्छा खाना, भरपूर धूप और रोज़ाना चलना यही असली फॉर्मूला है हड्डियों को मजबूत रखने का।"

अब समय है हड्डियों को नज़रअंदाज़ करने का नहीं, उन्हें समझने और संवारने का — क्योंकि अब ये सिर्फ हड्डियाँ नहीं रहीं... ये बन गई हैं शरीर की सबसे स्मार्ट संरचना!

कमर-घुटनों का दर्द बना नई पीढ़ी का दुश्मन, जानिए Dr. Pawar के हड्डी-फिट फार्मूले
Vibhu Mishra
गाजियाबाद: आजकल न उम्र की पाबंदी है, न जेंडर की, हड्डियों की बीमारी हर घर में दस्तक दे रही है। कमर दर्द, घुटनों की चटकन, बैठने-उठने में दिक्कत... ये सब अब सिर्फ बुज़ुर्गों की बातें नहीं रहीं। 25-30 की उम्र वाले भी अब जॉइंट पेन और बैक प्रॉब्लम्स की वजह से दिन-रात परेशान हैं। इस चौंकाने वाली सच्चाई के पीछे क्या वजह है? कैसे बचा जा सकता है इस 'साइलेंट बॉडी किलर' से? इन सभी सवालों का जवाब दिया सीनियर ऑर्थोपेडिक एक्सपर्ट डॉ. अजय पवार ने, जो गाजियाबाद में अब तक हज़ारों मरीज़ों का इलाज कर चुके हैं।
हड्डियों की दुश्मन बनी ये 5 आदतें!
डॉ. पवार कहते हैं, “हड्डियों की कमजोरी कोई रातों-रात नहीं होती। ये धीरे-धीरे हमारी गलत लाइफस्टाइल की वजह से जन्म लेती है।”

जानिए वो 5 आदतें जो हमारी हड्डियों को चुपचाप खोखला कर रही हैं:
सुबह की धूप से दूरी – विटामिन D की भारी कमी

फास्ट फूड और कोल्ड ड्रिंक का ओवरडोज़ – कैल्शियम का दुश्मन

सारा दिन एक ही जगह बैठना – बॉडी मूवमेंट जीरो

नशे की लत – शराब और सिगरेट से हड्डियों की उम्र घटती है
ज्यादा हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट – बिना गाइडेंस के एक्सरसाइज़,

खासकर युवाओं में क्या हैं शुरुआती संकेत?
घुटनों में दर्द या सूजन, कमर में खिंचाव, सुबह उठते वक्त अकड़न, वजन उठाने पर जोड़ों में टीस, सीढ़ियां चढ़ते वक्त दर्द, डॉ. पवार कहते हैं, “इन लक्षणों को हल्के में लेना सबसे बड़ी भूल है। ये संकेत हैं कि आपकी हड्डियों को अब मदद चाहिए!”
डॉ. पवार के मास्टर टिप्स: हड्डियों का बनेगा बुलेटप्रूफ कवच
धूप को बनाइए दोस्त – रोज़ सुबह 7 से 9 बजे तक 15-20 मिनट जरूर बाहर रहें

डाइट में लाओ दम – दूध, बादाम, पनीर, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां और सीड्स का रोज़ सेवन

फिटनेस की सिंपल डोज़ – हल्की वॉकिंग, योग और स्ट्रेचिंग को आदत में लाएं

6 महीने में कराएं BMD टेस्ट – हड्डियों की ताकत का पता चलता है

वजन कंट्रोल में रखें – ओवरवेट होना भी घुटनों की सबसे बड़ी मुसीबत है

इलाज में देर, नुकसान में फंसने का डर!
शुरुआती स्टेज में हड्डियों की समस्याएं दवाओं, सप्लीमेंट्स और फिजियोथैरेपी से काबू में आ जाती हैं। लेकिन जब हालत बिगड़ जाए, तो सर्जरी तक की नौबत आ सकती है। इसलिए ‘घरेलू नुस्खों’ के बजाय एक्सपर्ट से मिलना ही समझदारी है।
अगर आपकी हड्डियों में भी अक्सर ‘चीं चीं’ सी आवाज़ आती है या सुबह उठने में समय लगता है, तो ये खबर आपके लिए अलार्म है। क्योंकि हड्डियां ही हैं, जो हमें सीधा खड़ा रखती हैं – और एक बार ये गईं, तो लाइफ बस ‘बैठ’ जाती है!
ज़हरीले बन का बाज़ार! Bonn Company बेच रही सड़ा हुआ माल, ग्राहकों की सेहत से खिलवाड़
विभु मिश्रा
गाज़ियाबाद: महंगाई की मार और उस पर से मिलावट का वार! नामी ब्रेड ब्रांड Bonn ने इस बार जो कारनामा किया है, वह सीधे-सीधे ग्राहकों की ज़िंदगी से खिलवाड़ है। गाज़ियाबाद की रहने वाली गरिमा मिश्रा ने अपने बच्चों के लिए दो पैकेट Bonn कंपनी के बन्स खरीदे, लेकिन जो कुछ उन्हें घर जाकर देखने को मिला, उसने उनके होश उड़ा दिए। दोनों पैकेट में बन्स पूरी तरह से बासी थे।

Expiry तो आगे की, लेकिन माल बासी!

सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इन दोनों पैकेट्स पर एक्सपायरी डेट 24 अप्रैल 2025 लिखी हुई थी, यानी इस घटना से चार दिन बाद की तारीख! अब सवाल उठता है – जब डेट आगे की है, तो माल इतना बर्बाद कैसे हो गया? क्या Bonn कंपनी पुराने बन्स को नई पैकिंग में लपेटकर बेच रही है?

कंपनी की लापरवाही पर शर्मनाक जवाब

जब इस मामले में कंपनी के डिपो इंचार्ज आशीष चौहान से बात की गई, तो उनका गैर-जिम्मेदाराना जवाब आया – “मैं थोड़ी ना बन बनाता हूं।” एक जिम्मेदार कंपनी प्रतिनिधि का ऐसा जवाब न केवल गैर-प्रोफेशनल है, बल्कि यह उनकी लापरवाही को भी उजागर करता है।

जवाबदेही से भागते अधिकारी

इस संबंध में जब कंपनी के ज़िम्मेदारों से जवाब मांगा गया, तो किसी ने भी कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं दी। जोनल हेड अनिल रिखी से बात करने पर उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारी से बचते हुए मामला कंपनी के PRO के पाले में डाल दिया। वहीं, प्रोडक्शन हेड मोहम्मद मियां ने इस जानलेवा गलती पर पर्दा डालते हुए इसे “मशीनरी की भूल” बताकर पल्ला झाड़ लिया। यह रवैया न सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि कंपनी के अंदर फैली गंभीर लापरवाही की ओर भी इशारा करता है।


ग्राहक दे रहे हैं पैसा, बदले में मिल रहा ज़हर

ऐसे समय में जब कंपनी हर महीने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ा रही है, ग्राहकों को उम्मीद होती है कि क्वालिटी भी सुधरेगी। लेकिन यहां तो उलटा हो रहा है – पैसा तो पूरा वसूला जा रहा है, लेकिन बदले में परोसा जा रहा है बीमारियों से भरा हुआ माल।

Bonn का 'फ्रेश' बन – बच्चों के लिए खतरे की घंटी

सोचिए, अगर ये सड़ा हुआ बन बच्चों ने खा लिया होता तो? फूड पॉइज़निंग, पेट की बीमारियाँ, यहां तक कि गंभीर इंफेक्शन का खतरा भी हो सकता है। यह न सिर्फ एक ग्राहक के साथ धोखा है, बल्कि पूरे उपभोक्ता वर्ग की सेहत के साथ गंदी चाल है।

लापरवाही की हदें पार

लापरवाही यहीं तक सीमित नहीं है। कंपनी न सिर्फ स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है, बल्कि ग्राहकों की जेब पर भी सीधा डाका डाल रही है। एक ही पैकेट में निकले दो बन्स के साइज में साफ अंतर देखा गया – जिससे यह जाहिर होता है कि Bonn कंपनी गुणवत्ता के हर मानक को ताक पर रखकर ठगी कर रही है। इस तरह से न सिर्फ उपभोक्ताओं को धोखा दिया जा रहा है, बल्कि उनकी सेहत को भी खतरे में डाला जा रहा है।

अब वक्त है सवाल उठाने का

किसी भी नामी ब्रांड को यह अधिकार नहीं कि वह अपनी ब्रांडिंग के नाम पर ग्राहकों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करे। Bonn कंपनी को इस मामले में जवाबदेह ठहराना जरूरी है। वरना कल को यह लापरवाही किसी की जान पर भी भारी पड़ सकती है।



अखिल मुल्तानी कल्याण सेवा ट्रस्ट का ने धूमधाम से मनाया होली महोत्सव, मुल्तानी भजनों ने बांधा समा
विभु मिश्रा
गाजियाबाद: अखिल मुल्तानी कल्याण सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में होली महोत्सव कविनगर रामलीला मैदान में बहुत धूमधाम से सम्पन्न हुआ। अविभाजित पंजाब का सिरमौर माना जाने वाला मुल्तान, श्री हरि विष्णु के नरसिंह अवतार का उद्गम स्थल मुल्तान, केवल आर्थिक ही नहीं, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक धन से लबालब था मुल्तान। पंजाब के इस संपन्न जिले एवं आस पास की रियासतें जैसे भावलपुर एवं कई अन्य डेरे बड़े रल मिल रहते थे तो यह समाज आगे बढ़ता था। 1947 में जब विभाजन ने पंजाब का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान की झोली में डाल दिया तो सनातनी समाज आज के भारत में आ बसा और फिर अपने पैरों पर खड़ा हुआ। इस मुल्तानी समाज में एकजुटता और देश भक्ति की भावना कूट कूट के भरी है। होली महोत्सव में भी यही स्नेह सौहार्द, धर्म और राष्ट्र के प्रति समर्पण के रंगों सराबोर मुल्तानियों ने होली मिलन उत्सव मनाया। इस आयोजन को ट्रस्ट की एग्जीक्यूटिव कमेटी मुल्तान बिरादरी कल्याण सेवा समिति ने क्रियान्वित किया। भजन गायक भाई करन मल्होत्रा ने हिंदी और मुल्तानी भाषा में भजन सुना कर सभी को मंत्रमुग्ध किया। इस अवसर पर भगवान नरसिंह, भक्त प्रह्लाद एवं योगी राज श्री कृष्ण पर कई भजन और झांकियां प्रस्तुत की गई। साथ ही राधा माधव संकीर्तन मंडल के वरिष्ठ सदस्य जो मुल्तानी हैं उन्होंने भी सुर में सुर मिलाया और साथ ही मुंबई से आए अतिथि गायक राजकुमार चांद ने भी अपनी प्रस्तुति दी। संकीर्तन उपरांत भोजन प्रसाद का आनंद लिया गया जिसमें मुल्तानी व्यंजन भी शामिल थे जैसे मोठ कचौड़ी, काली गाजर की कांजी, रली मिली सब्जी इत्यादि। प्रभु से प्रार्थना और क्षमा याचना कर महोत्सव पूर्ण हुआ और मुल्तान बिरादरी कल्याण सेवा समिति ने हर्ष उल्लास के साथ यह ऐलान किया कि ऐसे सामाजिक कार्यक्रम अब नियमित रूप से किए जाएंगे। इस अवसर पर विनय कक्कड़, नरेश ढींगड़ा, गुलशन भांबरी, वीरेंद्र अरोड़ा, तिलक राज अरोड़ा, सतीश चोपड़ा, भूपेंद्र चोपड़ा, डी के गांधी, नवीन अरोड़ा, प्रेम रावल, अजय गंभीर ,अशोक अरोड़ा, वीर भान कपूर, विक्की कक्कड़, अशोक वासुदेवा, गौरव मल्होत्रा, ललित मल्होत्रा, दिनेश अरोड़ा आदि एवं मुल्तान समाज के विभिन्न संगठनों सहित सैंकड़ों मुल्तानी समाज के परिवार उपस्थित रहे।
गाजियाबाद में लगी बीएनएसएस की धारा 163, नहीं कर सकेंगे ये काम
विभु  मिश्रा
गाजियाबाद। आने वाले त्यौहारों और पर्वों को ध्यान में रखते हुए जनपद में धारा 163 बीएनएसएस लागू की गई है। जिसके तहत गाजियाबाद में कई प्रकार की पाबंदी लागू रहेगी। हज़रत अली जन्मदिन, मकर संक्रांति, गणतंत्र दिवस, बसंत पंचमी, शब-ए-बारात आदि के मद्देनजर आगामी 16 फ़रवरी तक जिले में यह धारा लागू की गई है।
गाजियाबाद के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त द्वारा धारा 163 बीएनएसएस लागू करने को लेकर आदेश जारी किया गया है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त द्वारा धारा 163 बीएनएसएस को लेकर जारी किए गए आदेश में बताया गया है कि किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पांच या पांच से अधिक व्यक्ति बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के धरना, जुलूस, प्रदर्शन आदि के लिए एकत्रित नहीं होंगे और ना ही ऐसा करने के लिए किसी को प्रेरित करेंगे। कोई भी जाति विशेष का व्यक्ति या समूह किसी भी क्षेत्र में जाकर कोई भी ऐसा कार्य नहीं करेगा, जिससे जातीय हिंसा और अन्य विवाद उत्पन्न होने की संभावना हो। कमिश्नरेट गाजियाबाद के किसी भी गांव या मोहल्ले में ऐसे व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा, जिसके जाने से उस क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना हो। कोई भी व्यक्ति सक्षम अधिकारी और संबंधित मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना कोई भी जुलूस, सभा, सम्मेलन, धरना प्रदर्शन और रैली का आयोजन नहीं कर सकेगा। विवाह और शव यात्रा पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा जारी आदेश में कहा गया है कि राजकीय कार्यालय के ऊपर और आसपास एक किलोमीटर की परिधी  में ड्रोन से शूटिंग करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित होगा। इसके अतिरिक्त किसी भी स्थान पर संबंधित स्थान की पुलिस उपायुक्त की बिना अनुमति के ड्रोन कैमरे से शूटिंग नहीं की जाएगी। आदेश में साफ कहा गया है कि धारा 163 का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गाजियाबाद में धारा 163 बीएनएसएस 16 फरवरी 2025 की मध्य रात्रि तक लागू रहेगी।
अद्विक प्रकाशन के मंच से लघु कथा, गीत व गजल से हुआ पुस्तकायन का समापन
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। 'अद्विक प्रकाशन' और 'कथा रंग' के संयुक्त संयोजन में पुस्तक मेले के अंतिम दिन "लघु कथा विमर्श एवं पाठ" तथा "कविता का वर्तमान" कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रथम सत्र के कार्यक्रम अध्यक्ष विख्यात लेखक व समकालीन भारतीय साहित्य के संपादक बलराम ने कहा कि हममें से बहुत सारे लोगों को यह गुमान होता है कि उन्हें बहुत कुछ आता है। ज्ञान का घमंड हममें से सबको होता है। अपने मत के समर्थन में उन्होंने अंग्रेजी लेखक कार्ल्सबर्ग की एक कहानी के गोरे और अश्वेत व्यक्ति के मध्य हो रहे संवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि अंततः अश्वेत व्यक्ति बोला "ज्ञान इतना ज्यादा है कि जिसे न काला जानता है, न गोरा जानता है"। उन्होंने कहा कि लघु कथा लेखकों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि लेखक के ज्ञान और जानकारी की वजह से लघु कथा भटक न जाए। विमर्श में शामिल सुभाष चंदर ने कहा कि वह लोग लघु कथा के क्षेत्र में कदापी न आएं जो कहानी न लिख पाने के कारण लघु कथा लिख रहे हैं। लघु कथा के क्षेत्र में बहुत सारे वह लोग आ‌ रहे हैं जो कहानी नहीं लिख पा रहे हैं। उन्हें लगता है कि छोटी प्रस्तुति में जितना हमको कहना है कह डालें। ऐसे लोग लघु कथा को नुक्सान पहुंचा रहे हैं। लघु कथा एक आंदोलन है। लघु कथा एक लंबी यात्रा करके यहां तक आई है। लिहाजा आने वाली पीढ़ी को इस परंपरा को पूरी शास्त्रीयता से आगे ले जाना होगा। राजधानी के साहित्य अकादमी परिसर में आयोजित पुस्तक मेले में प्रथम सत्र में नेतराम भारती, केदारनाथ शब्द मसीहा, सुभाष नीरव, सदानंद कविश्वर, सुरेन्द्र अरोड़ा, अंजू खरबंदा, संदीप तोमर, उपमा शर्मा, बीना शर्मा, वीना सिंह, विनम्र विक्रम सिंह के अलावा संचालक रिंकल शर्मा ने भी रचना पाठ किया। दूसरे सत्र में अध्यक्ष सुरेंद्र सिंघल, मुख्य अतिथि विज्ञान व्रत, कमलेश भट्ट कमल, गोविंद गुलशन, भारत भूषण आर्य, रवि यादव, अनिल मीत, सरिता जैन व रिंकल शर्मा ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन आलोक यात्री ने किया। अद्विक प्रकाशन की ओर से अतिथियों का स्वागत स्वाति चौधरी और जोया खान ने किया। अद्विक प्रकाशन के स्वामी अशोक गुप्ता ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर आलोक यादव, शिवराज सिंह, डॉ. सुमन गोयल, शकील अहमद, अनिल शर्मा, प्रताप सिंह, टेकचंद, नूतन यादव, उत्कर्ष गर्ग व बिपिन कुमार सहित बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद थे।
भाजपा ने रोड शो के जरिए किया ऐतिहासिक जनसमर्थन का प्रदर्शन
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। उपचुनाव के प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशी संजीव शर्मा के समर्थन में रोड शो निकाल शक्ति प्रदर्शन किया। रोड शो में दो मंत्रियों समेत भारी संख्या में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
रोड शो की शुरुआत रेलवे रोड बजरिया स्थित गुरुद्वारे से हुई जहां कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा, राज्यमंत्री नरेन्द्र कश्यप, राज्यमंत्री बृजेश सिंह, लोकसभा सांसद अतुल गर्ग, पूर्व महापौर आशु वर्मा, पूर्व महापौर आशा शर्मा, बलदेव राज शर्मा, सरदार इंदरजीत सिंह टीटू आदि सभी ने प्रत्याशी की ऐतिहासिक जीत के लिए मतदाताओं से पार्टी प्रत्याशी संजीव शर्मा को वोट देने की अपील की। इसके बाद यह शो घंटाघर, चौपला मंदिर, सिहानी गेट, दुर्गा भाभी चौक होते हुए शहीद स्थल नवयुग मार्केट पर संपन्न हुआ। रोड शो के दौरान बाजार में व्यापार मंडलों ने व क्षेत्र वासियों ने भाजपा प्रत्याशी एवं अन्य सभी जनप्रतिनिधियों का भव्य स्वागत किया। रोड शो के जरिए भाजपा नेताओं ने पार्टी की ताकत को प्रदर्शित किया। रोड शो के दौरान भाजपा प्रत्याशी संजीव शर्मा की पत्नी रितु शर्मा एवं उनके पुत्री भी शामिल हुई। व्यापारियों ने उनका भी स्वागत अभिनंदन किया। रैली के काफिले में प्रत्याशी संजीव शर्मा के साथ गाड़ी में लोकसभा सांसद अतुल गर्ग, मंत्री स्वतंत्र विभाग नरेंद्र कश्यप, भाजपा के प्रत्याशी संजीव शर्मा, चुनाव सहसंयोजक राजीव शर्मा सवार थे। महापौर सुनीता दयाल, पूर्व मेयर आशु वर्मा और आशा शर्मा, चुनाव सह संयोजक सुनील यादव, पप्पू पहलवान, गोपाल अग्रवाल, सुशील गौतम, राजेश त्यागी, बॉबी त्यागी, संदीप त्यागी, प्रदीप चौधरी, अनुज मित्तल, रनिता सिंह, मोनिका पण्डिता, उदिता त्यागी, रूबी अग्रवाल, प्रीति चंद्रा, लवली कौर, रेनू चंदेला आदि भी इस रोड शो में मुख्य रूप से शामिल रहे।