/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz ममता ने बंगाल में हिंसा के लिए बीजेपी को ठहराया जिम्मेदार, मौलवियों संग बैठक में बोलीं- हम हिंदू-मुसलमान नहीं होने देंगे India
ममता ने बंगाल में हिंसा के लिए बीजेपी को ठहराया जिम्मेदार, मौलवियों संग बैठक में बोलीं- हम हिंदू-मुसलमान नहीं होने देंगे

#mamatabanerjeemeetingwithmuslim_representatives

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को इमामों से मुलाकात की। बीते दिनों मुर्शिदाबाद समेत बंगाल के कई हिस्सों में हुई हिंसा के बाद सीएम ममता बनर्जी ने राज्य के इमामों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी हिंदुस्तान को बदल नहीं सकते हैं। हम हिंदू-मुसलमान नहीं होने देंगे। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा कुछ मीडिया संस्थानों को पैसे देकर बंगाल को बदनाम करने के लिए अन्य राज्यों में हुई हिंसा के वीडियो प्रसारित करवा रही है।

हिंसा में टीएमसी के शामिल होने से किया इनकार

कोलकाता के नेताजी इनडोर स्टेडियम में मौलवी और मौलाना की सभा में ममता ने कहा, विपक्ष का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस वक्फ हिंसा में शामिल है। अगर हमारे नेता हिंसा में शामिल होते तो उनके घरों पर हमला नहीं होता। ममता ने मौलवियों से कहा, संसद में वक्फ कानून के खिलाफ लड़ाई में तृणमूल कांग्रेस सबसे आगे है। मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि बीजेपी के बयानबाजी से उत्तेजित होकर बंगाल में अशांति पैदा नहीं करें।

दंगे के लिए बीजेपी जिम्मेदार-ममता

हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि बाहर से आए लोगों ने गड़बड़ की। बीजेपी कहती है हम हिंदू का है, हम हिंदू का है और कोई धर्म का नहीं है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों जिस तरह का दंगा हुआ वो एक योजना के तहत की गई घटना है। दंगे की सुनियोजित साजिश हुई है। आज इस देश में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बीजेपी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि ये बीजेपी की नहीं भारत का संविधान।

बंगाल को बदनाम करने की कोशिश-ममता

बंगाल की सीएम ने आगे कहा कि केंद्र सरकार से कितने युवाओं को नौकरी मिली है? दवाओं, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि की गई है, लेकिन कुछ 'मीडिया' केवल बंगाल के खिलाफ बोलते हैं। अगर आपको कुछ कहना है, तो मेरे सामने आकर कहें, मेरे पीछे नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की फंडिंग से चलने वाले कुछ मीडिया चैनल बंगाल के फर्जी वीडियो दिखाते हैं। उन्होंने कर्नाटक, यूपी, बिहार और राजस्थान के 8 वीडियो दिखाए और बंगाल को बदनाम करने की कोशिश की।

वक्फ संपत्तियों पर हिंदू परिवार रहते हैं-ममता

ममता बनर्जी ने वक्फ को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियों में हिंदुओं का तो सोशल वेलफेयर के लिए वक्फ ने दान दी है। आज कई जगहों पर वक्फ संपत्तियों पर हिंदू परिवार रहते हैं। उन्होंने बीजेपी पर स्टेट वक्फ बोर्ड तोड़ने और उसका नियंत्रण आपने हाथों में लेने का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में आपकी सिंगल मैजोरिटी नहीं है, फिर यह कैसे कर रहे हैं?

अमेरिकी टैरिफ ने “रूलाया” तो चीन को आई भारत की याद, सिर्फ तीन महीने में 85,000 भारतीयों को वीजा

#chineseembassyinindiahasissuedover85000visas

कभी भारत को लेकर भौंहे तानने वाले चीन के तेवर नर्म पड़ते दिख रहे हैं। अमेरिकी टैरिफ की “चोट” से छटपटा रहे चीन को अब भारत करीब नजर आ रहा है। अमेरिका से ट्रेड वॉर के बीच चीन ने भारतीय नागरिकों को बड़ी संख्या में वीजा जारी किए हैं। चीनी दूतावास ने 1 जनवरी से 9 अप्रैल, 2025 के बीच 85,000 से ज्यादा वीजा भारतीयों को दिए हैं। माना जा रहा है कि अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच चीन, भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने की कोशिश कर रहा है।

पिछले कुछ सालों में भारत-चीन के बीच तनाव देखा गया। लेकिन अब इसमें सुधार होते दिख रहे हैं। रिश्तों को बेहतर करने की दिशा में एक और कदम बढ़ते हुए चीन ने भारत के लिए बड़ा कदम उठाया है। इस साल 9 अप्रैल तक सिर्फ तीन महीनों में 85,000 से ज्यादा वीजा भारतीय नागरिकों को जारी किए हैं। भारत स्थित चीनी दूतावास और कॉन्सुलेट्स शू फेइहोंग ने ज्यादा से ज्यादा भारतीयों से चीन आने और देश घूमने की अपील की।

शू फेइहोंग ने एक्स पर लिखा- 9 अप्रैल, 2025 तक भारत में चीनी दूतावास और कॉन्सुलेट्स ने चीन विजिट करने वाले भारतीय नागरिकों को 85,000 से ज्यादा वीजा जारी किए हैं। चीन आने वाले ज्यादा से ज्यादा भारतीय दोस्तों का स्वागत है, ताकि वे सुरक्षित और दोस्ताना चीन को जान सकें।

यही नहीं, चीन ने अपनी यात्रा नीतियों को आसान बनाकर भारतीयों को अपने देश में आमंत्रित करने का प्रयास किया है। चीन सरकार ने भारत और चीन के बीच यात्रा को आसान बनाने के लिए कुछ बदलाव किए हैं। अब भारतीय लोग बिना ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लिए सीधे वीजा सेंटर पर जाकर वीजा के लिए अप्लाई कर सकते हैं। पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेना जरूरी था।

भारतीयों के लिए वीजा नियमों में बदलाव

बायोमेट्रिक छूट: अगर भारतीय नागरिक शॉर्ट टाइम के लिए चीन की यात्रा करना चाहते हैं तो उन्हें अब अपना बायोमेट्रिक डेटा पेश करने की जरूरत नहीं है, जिससे वीजा प्रोसेस का समय कम हो जाता है।

तेज और आसान प्रोसेस: चीन ने वीजा अप्रूवल सिस्टम तेज करने के लिए अप्रूवल समय-सीमा को भी आसान कर दिया है, जिससे प्रोसेस तेज हो गई है।

वीजा शुल्क में कटौती: चीन में अधिक भारतीय पर्यटकों को अपने देश बुलाने के लिए वीजा शुल्क में भी कटौती की है।

टूरिज्म का प्रमोशन: भारत में चीनी दूतावास ज्यादा से ज्यादा भारतीय यात्रियों को आकर्षित करने के लिए चीनी टूरिज्म को बढ़ावा दे रहा है।

अमेरिकी प्रहार के बीच भारतच से सहयोग की अपील

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रम्प अन्य देशों पर भारी टैरिफ लगा रहे हैं। खासकर चीन पर, जो इसका शीर्ष आर्थिक विरोधी है। ऐसे में चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने भारत-चीन आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि "चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक संबंध म्यूच्यूअल लाभ पर आधारित हैं। अमेरिका टैरिफ का सामना करते हुए, दोनों सबसे बड़े विकासशील देशों को कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए।"

यू जिंग ने आगे कहा कि "व्यापार और टैरिफ युद्धों में कोई विजेता नहीं है। सभी देशों को व्यापक परामर्श के सिद्धांतों को बनाए रखना चाहिए, सच्चे बहुपक्षवाद का अभ्यास करना चाहिए, सभी प्रकार के एकतरफावाद और संरक्षणवाद का संयुक्त रूप से विरोध करना चाहिए।"

क्या है नेशनल हेराल्ड केस? सुब्रमण्यम स्वामी की एक शिकायत और बढ़ गई गांधी परिवार की मुश्किलें

#nationalheraldcase

प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। ईडी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। इस मामले में 25 अप्रैल को सुनवाई होगी। ईडी के इस एक्शन सवाल उठ रहे हैं कि क्या सोनिया और राहुल गांधी की गिरफ्तारी होगी? इससे पहले आइए जान लेते हैं कि ये मामला कैसे प्रकाश में आया किसकी शिकायत पर मामला आगे बढ़ा और आरोप क्या हैं?

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था।

आरोप के मुताबिक, कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) का अवैध अधिग्रहण कर लिया। स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था।

जानें क्या है आरोप

साल 2010 में यंग इंडियन नाम से एक और कंपनी बनाई गई। जिसका 76 फीसदी शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी (38-38 फीसदी) के पास और बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था। कांग्रेस पार्टी ने अपना 90 करोड़ का लोन नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ द एसोसिएट जर्नल ने सारा शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये द एसोसिएट जर्नल को दिए। इसी को लेकर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन प्राइवेट ने केवल 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है। स्वामी ने 2000 करोड़ रुपए की कंपनी को केवल 50 लाख रुपए में खरीदे जाने को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत केस से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी।

2014 में ईडी ने दर्ज किया केस

जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया। अगस्त 2014 में ईडी ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। केस दर्ज होने के बाद अगले साल 19 दिसंबर 2015 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत अन्य आरोपियों को दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने नियमित जमानत दी। इसके अगले साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई रद्द करने से इनकार कर दिया। राहत की बात यह रही कि कोर्ट ने सभी आरोपियों को व्यक्तिगत पेशी से छूट प्रदान कर दी। इस फैसले के दो साल बाद 2018 में दिल्ली हाई कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी की आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी।

ईडी के चार्जशीट ने बढ़ाई गांधी परिवार की मुश्किल

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस की ओर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया और कहा कि आयकर की जांच चलती रहेगी। अब इसी नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है।

नेशनल हेराल्ड केसः ईडी ने दाखिल की पहली चार्जशीट, सोनिया-राहुल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

#nationalheraldmoneylaunderingcaseedchargesheetsoniarahul_gandhi

प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने कांग्रेस के नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से जुडे मनी लॉन्ड्रिंग केस में मंगलवार को पहली चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम शामिल हैं। चार्जशीट के बाद कांग्रेस केंद्र सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड में है। बुधवार को कांग्रेस पार्टी राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने सड़क पर उतरेगी। संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल की ओर से जारी एक बयान में सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की गई है। पार्टी इस कदम को लेकर कड़ा विरोध जताने के लिए देशभर में ईडी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करेगी।

ईडी ने नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और कई कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। ईडी के आरोपपत्र में दावा किया गया है कि कांग्रेस नेताओं ने इसकी मूल कंपनी एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति ‘हड़पने’ के लिए ‘आपराधिक साजिश’ रची थी और इसके लिए उन्होंने 99 प्रतिशत शेयर महज 50 लाख रुपये में अपनी उस निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ को ट्रांसफर कर दिए। इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सबसे अधिक शेयर हैं।

कांग्रेस ने कहा बदले की राजनीति

ईडी के इस एक्शन को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है और इसे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बदले की राजनीति करार दिया है। साथ ही कहा है कि इसके खिलाफ कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। एक पोस्ट में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को जब्त करना कानून के शासन का मुखौटा ओढ़कर एक राज्य प्रायोजित अपराध है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा की गई बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है। कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं बैठेगा।

राज्यों के ईडी दफ्तरों के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन

पार्टी ने बुधवार को सभी प्रदेश कांग्रेस कमिटियों को राज्यों के ईडी हेडक्वॉर्टर के सामने विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। सभी राज्यों में कांग्रेस के सीनियर नेता, विधायक, सांसद, पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर विरोध जताने को कहा गया है। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ चार्जशीट सरकार का अन्यायपूर्ण और मनमाना कदम है। पार्टी ने भारत की आत्मा के लिए लड़ाई लड़ी है और फिर से लड़ेंगे।

बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने की थी शिकायत

2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया, राहुल और उनकी सहयोगी कंपनियों से जुड़े लोगों के खिलाफ इस मामले की शिकायत की थी। शिकायत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस के ही दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नैशनल हेरल्ड अखबार और इसकी प्रकाशन कंपनी असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए धोखाधड़ी और हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था। सोनिया और राहुल के पास यंग इंडियन के सबसे ज्यादा शेयर हैं, जिनमें से प्रत्येक के पास 38% शेयर हैं।

2021 में शुरू हुई थी जांच

ईडी ने 2021 में जांच शुरू की और कहा कि शिकायत में कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों की ‘आपराधिक साजिश’ को उजागर किया गया है। कुछ साल पहले इस मामले में ईडी ने सोनिया और राहुल से घंटों पूछताछ की थी। कुछ दिन पहले ही ईडी ने इस मामले से जुड़ी दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने का नोटिस जारी किया था।

गुजरात का गढ़ जीतने की तैयारी में कांग्रेसः राहुल गांधी ने लगाया जोर, पार्टी नेताओं को दिया टारगेट

#rahulgandhiin_gujarat

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। लगातार चुनावों में हार का सामना कर रही कांग्रेस गुजरात का लक्ष्य साधना शुरू कर दिया। कांग्रेस तीन दशक से ज्यादा समय से गुजरात की सत्ता से बाहर है। आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने पूरा जोर लगाया है। इसी क्रम में राहुल गांधी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। राहुल का यह दौरा 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में कांग्रेस अधिवेशन के बाद हो रहा है। तब से पहले राहुल ने मार्च में राज्य का दौरा किया था।

आज राहुल गांधी के गुजरात दौरे का दूसरा दिन है। गुजरात दौरे के दूसरे दिन आज मोडासा जिले के अरावल्ली में संगठन सृजन अभियान की शुरुआत करेंगे। बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर हॉल में होने वाले इस कार्यक्रम में वे जिले के 1200 बूथ नेताओं को संबोधित कर उनसे सीधा संवाद भी करेंगे। इस अभियान का उद्देश्य कार्यकर्ताओं को मतदाताओं को बूथों तक पहुंचाने और कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करना है।

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार रात अपनी पार्टी की गुजरात इकाई की समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता की। कांग्रेस कार्यालय में उन्होंने 41 जिला और महानगर अध्यक्ष अहमदाबाद में पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की। इस मीटिंग में 5 सदस्यों की टीम बनाई गई है, जो 45 दिनों में आलाकमान को अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। बैठक में उन्होंने संगठन के भीतर नेताओं की पदोन्नति और चुनाव के लिए टिकट वितरण को लेकर मानदंड तय कर दिए। बैठक में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी की राज्य इकाई के प्रभारी मुकुल वासनिक के अलावा राज्य में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इसमें अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) और 183 प्रदेश कांग्रेस समिति (पीसीसी) के पर्यवेक्षक मौजूद रहे। ये सभी पर्यवेक्षक एआईसीसी द्वारा 12 अप्रैल को नियुक्त किए गए थे।

10 दिन मांगी रिपोर्ट

राहुल गांधी ने नियुक्त किए पर्यवेक्षकों से अगले 10 दिन सौंपे गए जिले की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा, ताकि संबंधित जिले के संगठन में बदलाव करते हुए नए जिला अध्यक्ष की नियुक्त की जा सके। कांग्रेस ने हर एक जिले के केंद्रीय निरीक्षक के साथ 4 गुजरात निरीक्षकों की टीम गठित की गई है। पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट मे पूरी ग्राउंड रिपोर्ट बनाएंगे। गुजरात में कुल 33 जिले हैं लेकिन आठ बड़े शहर हैं। ऐसे में यहां पर शहरी क्षेत्र का अध्यक्ष अलग होता है और ग्रामीण क्षेत्र का अध्यक्ष अलग होता है। ऐसे में पार्टी कुल 41 अध्यक्षों की नियुक्ति करने के बाद संगठन की मजबूती पर काम शुरू करेगी।

हर वरिष्ठ नेता की जिम्मेदारी तय की जाएगी

बैठक में राहुल गांधी ने राज्य के नेताओं के प्रदर्शन की समीक्षा की और उन्हें 2027 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने का जिम्मा सौंपा गया। इस दौरान राहुल गांधी ने साफ-साफ कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने वालों को ही पदोन्नति मिलेगी, हर वरिष्ठ नेता की जिम्मेदारी तय की जाएगी और उन्हें उसी के अनुसार काम सौंपा जाएगा।

जनता के बीच सक्रिय कार्यकर्ताओं को मिलेगा टिकट

राहुल गांधी ने कहा कि जो नेता अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहेंगे, उन्हें कोई पद नहीं मिलेगा और जो केवल चुनाव के दौरान सक्रिय होंगे, उन्हें पार्टी का टिकट नहीं मिलेगा। उन्होंने बैठक में उपस्थित पार्टी नेताओं से कहा कि जनता के बीच रहकर काम करने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं को टिकट दिया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि गुजरात में पार्टी के सत्ता में आने पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलाध्यक्षों को मंत्री बनाया जाएगा।

गुजरात का गढ़ जीतने की कोशिश

राहुल गांधी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब हाल ही में 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में एआईसीसी और कांग्रेस कार्यसमिति की अहम बैठकें हुई थीं। सालों बाद गुजरात में आयोजित इन बैठकों को पार्टी की राज्य में राजनीतिक वापसी की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले मार्च महीने में भी राहुल गांधी ने गुजरात का दौरा किया था, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों से मुलाकात कर ग्रासरूट स्तर पर आंदोलन और समावेशी राजनीति की आवश्यकता पर जोर दिया था।

सैफ हमला मामले में बड़ा ट्विस्ट, 3 महीने बाद फिंगर प्रिंट्स ने मामले को उलझाया

सैफ अली खान पर हुए चाकू हमले में एक नया ट्विस्ट आया है। सैफ के घर से बरामद फिंगरप्रिंट आरोपी शरीफुल इस्लाम से मेल नहीं खा रहे हैं। मुंबई पुलिस ने बीते दिनों इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट के मुताबिक, एक्टर के घर से पुलिस और फॉरेंसिक टीम को जो फिंगर प्रिंट्स मिले हैं, वो आरोपी शरीफुल से मैच नहीं करते हैं।

20 में से 19 फिंगरप्रिंट्स मैच नहीं हुए

मुंबई पुलिस ने इस मामले में 1000 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है। इस चार्जशीट में बताया गया कि घर से बरामद फिंगर प्रिंट्स आरोपी शरीफुल से बिल्कुल भी मैच नहीं कर रहे हैं। पुलिस ने सैफ के घर से 20 फिंगरप्रिंट्स बरामद किए थे। जिसे स्टेट सीआईडी फिंगर प्रिंट्स ब्यूरो जांच के लिए भेजा गया था। जिसमें से 19 शरीकुल से मैच नहीं हुए।

फिंगर प्रिंट को ठोस सबूत नहीं माना जाता

चार्जशीट में साफ-साफ कहा गया है कि बाथरूम के दरवाजे, बेडरूम के स्लाइडिंग डोर और अलमारी के दरवाजों पर मिले फिंगर प्रिंट शरीफुल के नहीं हैं। 'नेटवर्क 18' की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई पुलिस के सूत्रों ने यह भी कहा है कि फिंगर प्रिंट के मेल नहीं खाने से ज्‍यादा फर्क नहीं पड़ता। ऐसा इसलिए कि एक ही चीज को कई लोग छूते हैं। इसलिए बहुत संभव होता है कि फिंगर प्रिंट का मैच न हो। इसलिए इसे ठोस सबूत नहीं माना जाता है।

अपने ही घर पर सैफ पर हुआ था हमला

बता दें कि सैफ अली खान पर तीन महीने पहले 16 जनवरी की रात उन्हीं के घर पर जानलेवा हमला हुआ था। कथ‍ित बांग्‍लादेशी नागरिक मोहम्मद शरीफुल इस्लाम चोरी की नीयत से सैफ के घर में घुसा और इस दौरान उसने एक्टर पर चाकू से हमला किया, जिसकी वजह से सैफ घायल हुए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

झामुमो का 13वां महाधिवेशन, JMM में हुआ बड़ा बदलाव, हेमंत सोरेन बने अध्यक्ष, शिबू सोरेन को बनाया गया संस्थापक


रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा का रांची में आयोजित 13वें महाधिवेशन में आज बड़ा फैसला लिया गया। संगठन में हुआ परिवर्तन संविधान संशोधन कर पार्टी में कार्यकारी अध्यक्ष का पद समाप्त कर दिया गया साथ ही संस्थापक संरक्षक का नया पद बनाया है। झामुमो में अध्यक्ष पद पर रहे शिबू सोरेन अब पार्टी के संस्थापक संरक्षक होंगे। शिबू सोरेन के संस्थापक पद के लिए नलिन सोरेन प्रस्ताव रहा जिसे सर्वसम्मति से सभी ने स्वीकार किया।

वही अब झारखंड मुक्ति मोर्चा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब केंद्रीय अध्यक्ष का पद संभालेंगे। जो अगले तीन सालों तक इसी पद पर रहेंगे। इस परिवर्तन के साथ ही अब पार्टी की कमान पूरी तरह सीएम हेमंत सोरेन के हाथ में होगी। इस अधिवेशन के दौरान वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी ने पार्टी का 16 राजनीतिक प्रस्ताव पढ़ा। जिसे पास कर दिया गया।

झामुमो के अध्यक्ष रहे निर्मल महतो की हत्या के बाद पार्टी के संस्थापक शिबू सोरेन ने 1987 में पार्टी की कमान संभाली थी। इससे पहले शिबू सोरेन ने यह जिम्मेवारी शहीद निर्मल महतो को दी थी और खुद महासचिव का पद संभाल रहे थे। गौरतलब हर कि 1972 में झामुमो के गठन के बाद विनोद बिहारी महतो पार्टी के पहले अध्यक्ष बने थे। वर्ष 1973 से 1984 तक विनोद बिहारी महतो ही अध्यक्ष रहे थे। शिबू सोरेन लगभग 38 वर्षों तक पार्टी के अध्यक्ष रहे। पार्टी के संविधान संशोधन के बाद लंबे अंतराल के बाद संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिला है।

रिपोर्टर जयंत कुमार

कौन हैं भारतीय मूल नीला राजेंद्र? जिसे नासा ने दिखाया बाहर का रास्ता


#neela_rajendra_nasa_terminated 

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप जबसे दोबारा राष्ट्रपति बने हैं अपने फैसलों के कारण सुर्खियों में हैं। अवैध प्रवास सेलकर टैरिफ के जरिए दुनियाभर के देशों को निशाने बना चुके ट्रंप के फैसलों के गाज इस बार भारतीय मूल की एक अफसर पर गिरी है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा में बड़े पद पर नियुक्त नीला राजेंद्र को नौकरी से निकाल दिया गया है। डोनाल्ड ट्रंप के डाइवर्सिटी प्रोग्राम बंद करने के आदेश पर नासा ने यह बड़ा एक्शन लिया है। नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी (जेपीएल) ने ईमेल के जरिए सभी कर्मचारियों को नीला को बर्खास्त करने की जानकारी दी है।

सत्ता में आने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में सभी डाइवर्सिटी प्रोग्राम बंद करने के आदेश दिए थे। ट्रंप ने आदेश निकाला था कि ऐसी डाइवर्सिटी पहल (हर तबके को प्रतिनिधित्व देने की पहल) के तहत नौकरी पर रखे सभी व्यक्तियों को हटाना होगा, और देश भर में ऐसे सभी कार्यक्रमों को समाप्त करना होगा। इसी के तहत अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा में डाइवर्सिटी, इक्विटी और इंक्लूजन यानी डीईआई की चीफ नीला राजेंद्र को हटा दिया गया है। 

नीला राजेंद्र भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक हैं। उनकी बर्खास्तगी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति एलन मस्क के डीईआई पहलों के विरोध के बीच हुई। डीईआई एक ऐसी नीति है जो कार्यस्थलों या संगठनों में विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को शामिल करने, उनके लिए समान अवसर सुनिश्चित करता है। लेकिन ट्रंप और मस्क मानते हैं कि ये पहलें अनुचित प्रथाओं को बढ़ावा देती हैं। 

हालांकि, ऐसा नहीं है कि नासा ने नीला राजेंद्र को बचाने की कोशिश नहीं की। उन्हें नौकरी से निकाले जाने से बचाने के प्रयास में, ट्रंप के कार्यकारी आदेश के तुरंत बाद नासा ने कथित तौर पर उनके पद का नाम बदलकर 'हेड ऑफ ऑफिस ऑफ टीम एक्सीलेंस एंड एम्प्लॉई सक्सेस' कर दिया था। लेकिन आखिरकार उनको बचाने की कोशिश अंततः विफल रही।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि डाइवर्सिटी प्रोग्राम की वजह से अमेरिका नस्ल, रंग और लिंग के आधार पर बंट गया है। इस तरह के प्रोग्राम्स सिर्फ पैसों की बर्बादी है। इससे भेदभाव को बढ़ावा मिलता है। यही वजह है कि ट्रंप ने अमेरिका में चलने वाले सभी डाइवर्सिटी प्रोग्राम्स को बंद करने का आदेश दे दिया है।

भारत सरकार की एक कूटनीतिक सफलता, 10 हजार और भारतीयों को हज वीजा देने पर सऊदी अरब सहमत


#saudiarabiaagreestogrant10000morehajjvisas 

भारत से हर साल बड़ी संख्या में लोग हज यात्रा के लिए जाते हैं। इसके लिए पहले से ही रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इस बीच हज पर जाने के इच्छा रखने वाले भारतीय के लिए अच्छी खबर आई है। सऊदी अरब के हज मंत्रालय ने 10,000 तीर्थयात्रियों के लिए हज (नुसुक) पोर्टल को फिर से खोलने का फैसला लिया है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार बताया कि सऊदी सरकार ने 10,000 भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए हज पोर्टल फिर से खोल दिया है। जिसके बाद भारत के 10 हजार तीर्थयात्री हज जाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने बताया है कि केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद सऊदी हज मंत्रालय भारत से 10 हजार और भारतीयों हज का वीजा देने के लिए राजी हो गया है। सऊदी सरकार इसके लिए कम्बाइंड हज ग्रुप ऑपरेटर्स (CHGOs) के लिए हज (नुसुक) पोर्टल को फिर से खोलने पर सहमति दे दी है, जो मिना में वर्तमान उपलब्धता पर आधारित है। अल्पसंख्यक मंत्रालय ने सभी हज कमेटियों को जल्द ही प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं, ताकि तय समय के अंदर सारी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सकें

52 हजार हज यात्रियों के स्लॉट रद्द होने की थी खबर

यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि लगभग 52,000 भारतीय हज यात्री इस बार नहीं जा सकते हैं, क्योंकि सऊदी अरब ने मीना में उन क्षेत्रों को रद्द कर दिया है, जो पहले निजी टूर ऑपरेटरों को आवंटित किए गए थे।

उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने जताई थी चिंता

इससे पहले विपक्षी नेताओं ने भारत के हजारों हज यात्रियों के स्लॉट रद्द होने को लेकर केंद्र सरकार से दखल की मांग की थी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा था, ‘52,000 से अधिक भारतीय हज यात्रियों के स्लॉट रद्द होने की खबर अत्यंत चिंताजनक है। इनमें से कई यात्रियों ने भुगतान भी कर दिया है। मैं विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से अपील करता हूं कि सऊदी अधिकारियों से शीघ्र संपर्क कर इस मुद्दे का समाधान करें।’

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी कहा था, ‘सऊदी अरब से चिंताजनक खबरें आ रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार भारत के निजी हज कोटे का 80% हिस्सा अचानक कट गया है। यह निर्णय हाजियों और टूर ऑपरेटर्स के लिए भारी परेशानी का कारण बन रहा है। विदेश मंत्रालय से निवेदन है कि तत्काल सऊदी सरकार से संपर्क कर समाधान निकाले।’

केंद्र से तनाव के बीच स्टालिन की संबंध बढ़ाने की कोशिश! राज्य की स्वायत्तता के लिए बनाई हाई-लेवल कमेटी


#tamilnadumkstalinpresentresolutionofstateautonomous

केंद्र सरकार के साथ बढ़ते तनाव के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने राज्य की स्वायत्तता के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति बनाई है। इसको लेकर तमिलनाडु विधानसभा में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य को स्वायत्त बनाने का प्रस्ताव पेश किया है। मुख्यमंत्री स्टालिन का कहना है कि केंद्र सरकार लगातार राज्यों के अधिकारों में दखल दे रही है। इसलिए, राज्य की स्वायत्तता को बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन मंगलवार को विधानसभा में राज्य की स्वायत्तता के लिए एक उच्च स्तरीय समिति नियुक्त करने का प्रस्ताव पेश किया। स्टालिन के प्रस्ताव पर तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। इस पैनल की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस कुरियन जोसेफ करेंगे। यह पैनल केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संबंधों का गहराई से अध्ययन करेगा।

अपने अधिकारों को और मजबूत करना चाहती है स्टालिन सरकार

मुख्यमंत्री स्टालिन ने विधानसभा में नियम 110 के तहत घोषणा कर कहा कि यह कदम राज्य के अधिकारों की रक्षा और केंद्र के साथ राज्य सरकारों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।

उन्होंने बताया कि समिति में पूर्व नौकरशाह अशोक शेट्टी और एमयू नागराजन भी शामिल होंगे। स्टालिन ने राज्य विधानसभा को बताया कि पैनल जनवरी 2026 में एक अंतरिम रिपोर्ट देगा। इसके बाद, दो साल के भीतर अंतिम रिपोर्ट और सिफारिशें पेश की जाएंगी। इसके माध्यम से राज्य सरकार अपने अधिकारों को और मजबूत करना चाहती है।

केन्द्र पर लगाया राज्यों के अधिकार छीनने का आरोप

स्टालिन ने कहा कि देश की आजादी को 75 साल पूरे हो गए हैं। हमारे देश में अलग अलग भाषा, जाति और संस्कृति के लोग रहते हैं। एक-एक करके राज्यों के अधिकार छीने जा रहे हैं। राज्य के लोग अपने मौलिक अधिकारों के लिए केंद्र सरकार से संघर्ष कर रहे हैं। हम अपनी भाषा से जुड़े अधिकारों की भी मुश्किल से रक्षा कर पा रहे हैं। स्टालिन ने कहा कि राज्य तभी सही मायने में तरक्की कर सकते हैं, जब उनके पास सभी ज़रूरी अधिकार और शक्तियां हों।

गवर्नर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार का बड़ा कदम

सीएम स्टालिन ने राज्य को अधिक स्वायत्तता दिए जाने की बात ऐसे समय में की है, जब राज्यपाल आरएन रवि ने राज्य विधानसभा में पारित विभिन्न विधेयकों को मंजूरी देने से मना कर दिया। इसके चलते डीएमके के नेतृत्व वाली सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव भी हुआ। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। 8 अप्रैल को, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल आरएन रवि का 10 बिलों पर सहमति रोकना 'गैरकानूनी' था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की बेंच ने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक रूप से राज्य विधानसभा की सलाह पर काम करने के लिए बाध्य हैं।