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साय सरकार का सुशासन…राज्य सरकार के डेयरी विकास कार्यक्रम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आया सुधार

रायपुर-  छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का मूल आधार कृषि और पशुपालन है. ग्रामीणों की आय का मुख्य स्रोत भी खेती और पशुपालन ही है. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ग्रामीण विकास को गति देने के लिए बहुत सी योजनाएं संचालित कर रही है, जिनमें डेयरी उद्योग का विस्तार एक महत्वपूर्ण कदम है. डेयरी विकास से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त हो रही है, बल्कि किसानों और पशुपालकों की आय भी बढ़ रही है. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है. हमें यह सुनिश्चित करना है कि आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के माध्यम से दुग्ध उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जाए. राज्य सरकार प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। 

सरकार ने डेयरी विकास के लिए उठाए कदम

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपनी इस व्यक्तिगत मंशा को कई बार व्यक्त कर चुके हैं कि छत्तीसगढ़ में श्वेत क्रांति की तर्ज पर डेयरी उद्योग सशक्त हो और किसानों-पशुपालकों की आय दोगुनी हो.. इस दिशा में छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने बहुत से प्रभावी कदम उठाए हैं..मुख्यमंत्री ने कहा है कि “दुग्ध उत्पादन को लाभकारी व्यवसाय बनाने और प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के सहयोग से एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिसके तहत व्यापक स्तर पर कार्य किया जाएगा..” मुख्यमंत्री साय ने मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित एक बैठक में पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा था कि “दिसंबर 2024 में राज्य सरकार और NDDB के बीच हुए समझौते के बाद छत्तीसगढ़ में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हेतु तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं.

छत्तीसगढ़ की अधिकांश आबादी कृषि से जुड़ी है और अतिरिक्त आय के लिए पशुपालन का कार्य भी करती है.. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की विशेषज्ञता में तैयार पायलट प्रोजेक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार लगभग 5 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है.. इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 6 जिलों को शामिल किया गया है और सफल क्रियान्वयन के बाद इसे पूरे प्रदेश में विस्तारित किया जाएगा..” राज्य में दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का विस्तार किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक किसान और पशुपालक इससे जुड़ सकें..सरकार ने राज्य में नई डेयरी प्रोसेसिंग इकाइयां स्थापित करने की योजना बनाई है, जिससे दूध के मूल्यवर्धन और विपणन को बढ़ावा मिलेगा..किसानों को डेयरी व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार द्वारा अनुदान, रियायती दरों पर ऋण और सब्सिडी प्रदान की जा रही है.

किसानों और पशुपालकों को आधुनिक दुग्ध उत्पादन तकनीकों और पशुपालन की नई विधियों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है..सरकार डेयरी उत्पादों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर ध्यान दे रही है ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके..मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों से कहा कि “पायलट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन से छत्तीसगढ़ को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं..” उन्होंने डेयरी विकास, पशु उत्पादकता संवर्धन, पशु प्रजनन और पशु पोषण को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालिक योजना की दिशा में भी पहल किया है.

डेयरी विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

डेयरी उद्योग के विस्तार के साथ ही साथ छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, किसानों को अतिरिक्त आय का साधन मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत होगी.. इसके अलावा दुग्ध प्रसंस्करण इकाइयों के स्थापित होने से दूध के किसानों को उचित दाम मिलेंगे और उनको बाजार की अस्थिरता से राहत मिलेगी. डेयरी उद्योग किसानों को प्रतिदिन आय का एक स्थिर स्रोत प्रदान करता है.. कृषि की तुलना में डेयरी व्यवसाय से किसानों को अधिक, निरंतर और सुनिश्चित कमाई होती है..डेयरी उद्योग में दुग्ध उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन और वितरण से जुड़े कार्यों में लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा..छत्तीसगढ़ में महिलाओं की बड़ी संख्या पशुपालन से जुड़ी हुई है. डेयरी विकास से महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके सामाजिक और आर्थिक स्तर में सुधार होगा.

सरकार डेयरी उद्योग को सहकारी मॉडल के माध्यम से संगठित करने पर ध्यान दे रही है, जिससे छोटे किसानों को भी बाजार में उचित मूल्य मिल सके..राज्य सरकार उच्च दुग्ध उत्पादक नस्लों के विकास, पशुओं के लिए पोषण युक्त चारा और आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रही है.. इससे दुग्ध उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार होगा..
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “डेयरी उद्योग के विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे.. इसके साथ ही, प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा, जिससे बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आएगा.. दूध उत्पादन से जुड़े किसानों और पशुपालकों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए ताकि वे आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अपनी आय को बढ़ा सकें..” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ, प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में वृद्धि और सरप्लस दूध के उपयोग को लेकर ठोस कार्य योजना तैयार की जाए.

छत्तीसगढ़ में डेयरी उद्योग की वर्तमान स्थिति

छत्तीसगढ़ में डेयरी उद्योग अभी भी छोटे स्तर पर संचालित हो रहा है.. यहाँ के किसान परंपरागत रूप से दुग्ध उत्पादन करते हैं, लेकिन व्यावसायिक स्तर पर इसे बढ़ाने की आवश्यकता है.. हालाँकि अमूल और अन्य सहकारी समितियों के प्रयासों से यहाँ दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हुई है, फिर भी इसे संगठित रूप देने की जरूरत है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में सरकार इस क्षेत्र में व्यापक सुधार करने और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है.. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के चेयरमैन ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में प्रतिदिन 58 लाख किलोग्राम दूध का उत्पादन किया जा रहा है.. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य दुग्ध संघ की कार्यप्रणाली का गहन अध्ययन करने के बाद, दुग्ध उत्पादन और मार्केटिंग को बढ़ाने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है… उन्होंने बताया कि प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और मशीनों से दूध की गुणवत्ता जांच और तत्काल भुगतान की सुविधा प्रदान की जाएगी.. बायोगैस और बायो-फर्टिलाइजर प्लांट की स्थापना से पशुपालकों की अतिरिक्त आय के स्रोत बढ़ेंगे, जिससे पर्यावरणीय संतुलन भी बना रहेगा.

डेयरी विकास से मजबूत होगी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था

छत्तीसगढ़ में डेयरी उद्योग के विकास से राज्य को कई लाभ होंगे. संगठित डेयरी उद्योग से दूध उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार होगा.. दूध और दुग्ध उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए, छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों पर निर्भरता कम कर सकता है.. डेयरी उद्योग से सरकार को कर राजस्व भी प्राप्त होगा, जो राज्य के विकास में सहायक होगा.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में छत्तीसगढ़ का डेयरी उद्योग राज्य में दूध की नदियाँ बहा सकती है..सही नीतियों और योजनाओं के माध्यम से डेयरी उद्योग को और अधिक संगठित और लाभकारी बनाया जा सकता है. इससे छत्तीसगढ़ न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल पेश बनकर उभरेगा.

छत्तीसगढ़ में डेयरी विकास ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं, सहकारी दुग्ध समितियों और आधुनिक डेयरी तकनीकों के अपनाने से गोपालक किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है.

डेयरी विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कैसे लाभ हो रहा है?

  1. आय में वृद्धि – दुग्ध उत्पादन और विपणन के बेहतर अवसर मिलने से किसानों की आय पहले की तुलना
  2. में बढ़ रही है।
  3. रोजगार के नए अवसर – दूध उत्पादन, प्रोसेसिंग और विपणन से ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को भी
  4. रोजगार मिल रहा है।
  5. स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता – डेयरी उद्योग के विस्तार से किसान सिर्फ कृषि पर निर्भर न रहकर वैकल्पिक
  6. आय स्रोत भी विकसित कर रहे हैं।
  7. सरकारी सहयोग और योजनाएं – छत्तीसगढ़ सरकार ने गोधन न्याय योजना और राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसी
  8. योजनाओं से डेयरी किसानों को सहायता दी है।
  9. दुग्ध सहकारी समितियों का विस्तार – अमूल, सरस और अन्य सहकारी समितियों के जरिए किसानों को दूध
  10. का उचित मूल्य मिल रहा है।
  11. नई तकनीकों का उपयोग – हाई-ब्रीड गायों और भैंसों का पालन, दूध उत्पादन में वृद्धि और आधुनिक प्रोसेसिंग
  12. यूनिट्स से डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिल रहा है।

छत्तीसगढ़ में प्रमुख डेयरी विकास योजनाएं

कृषि व पशुपालन विभाग की सहायता योजनाएं – डेयरी फार्म खोलने और पशु आहार के लिए सब्सिडी प्रदान करना। राष्ट्रीय गोकुल मिशन – उन्नत नस्ल की गायों के संवर्धन के लिए सहायता।

डेयरी विकास के कारण छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है. दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी, सहकारी समितियों के विकास और सरकारी योजनाओं से किसानों की आय दोगुनी हो रही है. आने वाले समय में यह राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

ASI ने जीता सरपंच और जिला पंचायत सदस्य का चुनाव, राज्य सरकार ने शौर्य पदक से किया था सम्मानित…सोमारू कड़ती ने कहा –

दंतेवाड़ा- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम में दंतेवाड़ा जिले के घोर नक्सलवाद प्रभावित इलाके से बड़ा ही चौंका देने वाला परिणाम सामने आया है। जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 08 से निर्दलीय प्रत्याशी सोमारू कड़ती ने सभी को हैरान कर दिया है। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों से समर्थित प्रत्याशियों को हराकर जिला पंचायत में 1100 से अधिक मतों से मात दी। वही सरपंच में 100 से अधिक वोटों से हराया है।

सोमारू कड़ती डीआरजी से एएसआई की नौकरी छोड़ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उतरे थे। उनकी इस जीत से संदेश साफ है कि अंदरूनी इलाके में लोग विकास की बाट जोह रहे हैं। नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य सोमारू कड़ती 2014 में छत्तीसगढ़ पुलिस में शामिल होकर डीआरजी में सेवाएं दे रहे थे और आउटऑफ टर्न प्रमोशन से डीआरजी में एएसआई पर पदोन्नत हुए थे। डीआरजी में सेवाएं देने के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार में सोमारू कड़ती को राज्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

मीडिया से चर्चा के दौरान सोमारू कड़ती ने कहा, क्षेत्र का विकास होना चाहिए। वह क्षेत्र के विकास के लिए नौकरी छोड़कर राजनीति में आए हैं। जनता ने भरोसा जताया है, उनसे किए वादे पूरे किए जाएंगे। इन वादों को पूरा करने के लिए प्रशासन के साथ भी चलेंगे और यदि कोई समस्या दिखती है तो मुखालफत भी पूरजोर होगा। उन्होंने कहा, नौकरी भी तहे दिल से की थी, अब सेवा के क्षेत्र में आया हूं तो भरोसे को कैसे तोड़ सकता हूं। जनता ने आशीर्वाद दिया है, उनके दिए आशीर्वाद का हमारा कर्तव्य है सम्मान करना। उनके साथ करीब आधा दर्जन से अधिक सरपंच और जनपद सदस्य मौजूद थे। सभी ने मां दतेश्वरी के दर्शन किए।

एनएमडीसी को क्षेत्र का विकास पहले करना होगा

आयरन हिल के आसपास का इलाका आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। जिस तरह से दंतेवाड़ा नगर का विकास हुआ है ठीक उसी तरह का विकास एनएमडीसी को करना होगा। सोमारू कड़ती ने कहा, किसी दल से कोई लेना देना नहीं है। सरकारें विकास कर रही होती तो नौकरी नहीं छोड़नी पड़ती। नौकरी छोड़कर आया हूं, आयरन हिल के इर्द-गिर्द की पंचायतों की तस्वीर बदलनी होगी। खनन यहां से होगा और पैसा दिल्ली तक जाएगा। यहां का विकास पहले एनएनडीसी को करना होगा।

न सत्ता न विपक्ष, विकास में जो मेरे साथ होगा मैं उसका साथी : सोमारू

नौकरी छोड़कर जनप्रतिनिधि बने सोमारू का कहना है कि जिस इलाके से वह आता है वह बेहद पिछड़ा हुआ है। मदाड़ी गांव का रहने वाला हूं। सरपंच पद के लिए भी दावेदार था। दोनों ही पदों पर जीत मिली है। अब न सत्ता की न विपक्ष की जरूरत है। क्षेत्र के विकास के लिए जो मेरे साथ है, मैं उसका साथी हूं। सिर्फ विकास चाहिए। नौकरी करने के दौरान तहे हृदय से काम किया। इसके लिए सरकार ने उसे शौर्य पदक से सम्मानित किया था। अब सेवा के क्षेत्र में आया हूं, यहां सिर्फ सेवा करनी है। 

राजीव भवन में ईडी के छापे पर रार, नेता प्रतिपक्ष महंत का आरोप – ‘केवल हमारे नेताओं को परेशान करने का है काम’, गृह मंत्री विजय शर्मा का पलटवार –

रायपुर- प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे के बाद सियासत गरमा गई है. नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि ईडी के पास कोई सबूत नहीं है, सिर्फ नेताओं को परेशान करने का काम है. इस पर पलटवार करते हुए गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि ईडी अपनी कार्रवाई कर रही है. जो भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं, सबको जेल जाना चाहिए. 

नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने राजीव भवन में ईडी के छापे पर मीडिया से चर्चा में कहा कि सालभर से छापा ही छापा पड़ रहा है. ईडी के पास कोई सबूत नहीं है, सिर्फ नेताओं को परेशान करने का काम है, यह हमारे लिए दुख के विषय हैं. लोकतंत्र में ऐसी बात नहीं होनी चाहिए, इसकी निंदा करते हैं.

वहीं नेता प्रतिपक्ष के सालभर से छापा पड़ने के आरोपों पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि उन्होंने जितना नोट छापा है, उसके विरुद्ध ये छापा है. शराब घोटाला छत्तीसगढ़ के बच्चे-बच्चे जानते हैं. ईडी का छापा वहां पड़ा है, जहां भ्रष्टाचार का पैसा लगा है. कोई व्यक्ति बड़ा है, तो उसके सामने कानून छोटा नहीं होता.

दो बसों में भिड़ंत, हादसे में 5 यात्री घायल, महिला की हालात गंभीर

रायपुर- शहर के टाटीबंध इलाके में तेज रफ्तार बस ने खड़ी बस को ठोकर मार दी. हादसे में 5 यात्री घायल हुए हैं. वहीं दोनों बसों के बीच एक महिला फंस गई थी, जिसकी हालात गंभीर है. घायलों को एम्स अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. घटना आमानाका थाना क्षेत्र की है. 

मिली जानकारी के मुताबिक, टाटीबंध ब्रिज के निचे सवारी बस खड़ी हुई थी. इस बीच सरोना की ओर से आ रही तेज रफ्तार बस ने खड़ी हुई बस को ठोकर मार दी. हादसे में 5 यात्री घायल हो गए. भिड़ंत इतनी जबरदस्त थी कि एक बस बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई. एक महिला दोनों बसों के बीच में फंस जाने से गंभीर रूप से घायल हो गई. सभी घायलों को एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

छत्तीसगढ़ के जेलों में गूंजा ‘हर-हर गंगे’, महाकुंभ से लाए गए गंगाजल से कैदी कर रहे स्नान…

रायपुर- जेल में कैद बंदी कभी सपने में नहीं सोच सकता कि उसे प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्नान करने का अवसर मिलेगा, लेकिन छत्तीसगढ़ के सभी 33 जेलों में कैद बंदियों के लिए यह हकीकत साबित हो रहा है. इन कैदियों को उनकी इच्छानुसार प्रयागराज महाकुंभ से लाए गए गंगाजल से सामूहिक स्नान कराया जा रहा है. 

छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने प्रयागराज महाकुंभ से कैदियों के लिए गंगाजल लाए हैं. इस गंगाजल से न केवल रायपुर सेंट्रल जेल के बल्कि राज्य के अन्य 4 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 सब-जेल के कैदी भी स्नान कर रहे हैं. इस स्नान के माध्यम से कैदियों ने मानसिक और आत्मिक शांति की प्राप्ति की आशा जताई.

इस आयोजन को लेकर महानिदेशक (जेल) हिमांशु गुप्ता ने विशेष व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि आज प्रातःकाल छत्तीसगढ़ की सभी 33 जेलों में इच्छुक बंदियों को महाकुंभ संगम स्थल के पवित्र जल से स्नान किया है. इस कार्यक्रम में बंदियों एवं जेल स्टाफ ने हर्षोउल्लास से भाग लिया गया है. यह कैदियों के बीच धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

रायपुर में डॉ. संजना खेमका द्वारा सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस कैंप का आयोजन, महिलाओं को किया गया जागरूक

रायपुर- श्री नारायणा हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. संजना खेमका द्वारा “सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस कैंप” का आयोजन खमतराई के सामुदायिक भवन में किया गया. इसमें खमतराई क्षेत्र की लगभग 60 से 70 महिलाओं एवं युवतियों को सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों और उससे बचाव के उपायों के प्रति जागरूक किया गया.

डॉ. संजना खेमका ने बताया कि महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है, इससे बचने या इसे प्रारंभिक स्तर में ही डायग्नोज करने के लिए नियमित तौर पर सीबीसी, थायराइड एवं प्रोलैक्टिन टेस्ट करना चाहिए और कैंसर की स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए पेप-स्मीयर टेस्ट कराना जरुरी होता है ,जिसमें योनि से जो सफेद पानी का स्त्राव होता है, उसी सफेद पानी से कैंसर की स्क्रीन टेस्ट की जाती है, साथ ही चेस्ट की भी नियमित तौर पर सोनोग्राफी कराना अति आवश्यक होता है, 18 वर्ष से कम उम्र की युवतियों को सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन के बारे में उन्होंने बताया कि, इस वैक्सीन की तीन डोज लगाने से सर्वाइकल कैंसर से बचाव संभव है.

इस कैंप में इस क्षेत्र की चमेली साहू, सुभद्रा साहू, दामिनी तेली, सरस्वती देवांगन, मीना साहू, छलिया सिन्हा, निर्मला साहू मल्लिका एवं योगेश डॉ योगेश्वरी कुर्रे का सहयोग सराहनीय रहा.

सड़क हादसा: हाइवा ने ऑटो को मारी टक्कर, एक की मौत, एक की हालत गंभीर…

बालोद- बालोद जिले के अर्जुन्दा थाना क्षेत्र के भरदाकला गांव के पास एक भीषण सड़क हादसा हुआ है. यहां एक हाइवा ने ऑटो को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे ऑटो के परखच्चे उड़ गए. इस हादसे में ऑटो चालक अशोक कुमार (50) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सुरेश कुमार नामक एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया.

घटना की सूचना मिलने पर अर्जुन्दा पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया. पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

जानकारी के मुताबिक, मृतक अशोक कुमार ग्राम कचांदुर का रहने वाला था, जबकि घायल सुरेश कुमार भी उसी इलाके का निवासी है. फिलहाल घायल अस्पताल का अस्पताल में इलाज जारी है. वहीं पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है.

सदन में उठा गृह निर्माण सहकारी समितियों के बायलॉज में संशोधन का मामला, मूणत ने कहा- बिना पैसे लिए नहीं मिलता एनओसी…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन गृह निर्माण सहकारी समितियों के बायलॉज में संशोधन का मामला उठा. भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कहा कि सहकारी सोसायटी आज भी एनओसी के लिए भटक रही हैं. बिना पैसे लिए एनओसी नहीं दिया जाता. मंत्री केदार कश्यप आश्वस्त किया कि किसी भी तरह की शिकायत एनओसी को लेकर नहीं आएगी. 

भाजपा विधायक राजेश मूणत के सवाल पर मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि पिछले सत्र में हमने कमेटी का गठन किए जाने की बात कही थी. सरकार ने कमेटी का गठन कर दिया है. कमेटी की दो बैठक हो चुकी है. कमेटी से जो आदर्श प्रारूप सामने आएगा, उसके तहत काम किया जाएगा. जल्द से जल्द हम प्रक्रिया ऑनलाइन करने जा रहे हैं. कहीं से कोई शिकायत नहीं आएगी.

राजेश मूणत ने कहा कि मैं इस शहर में चालीस से ज़्यादा सोसाइटियों का नाम गिना सकता हूं, जहां यदि आम आदमी को जाना होता है, तो बगैर पैसे के एनओसी नहीं दी जाती है. जब राज्य से साय सरकार है, और हर काम सांय-सांय चल रहा है तो क्या इसे भी सांय-सांय किया जाएगा.

पति ने की पत्नी की हत्या, साथियों के साथ मिलकर खेत में जलाया शव, वारदात की वजह जानकर रह जाएंगे हैरान…

रायगढ़-  छत्तीसगढ़ में अपनी पत्नी के चरित्र पर शंका करते हुए उसकी हत्या करने के बाद अपने साथियों के साथ मिलकर शव को जला देने का मामला सामने आया है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. यह मामला रायगढ़ जिले के कापू थाना क्षेत्र का है.

जानकारी के मुताबिक, ग्राम कमरई निवासी अमृत केरकेट्टा 65 साल अपनी पहली पत्नी के निधन के बाद गांव की ही रहने वाली जयमति विश्वकर्मा 40 साल के साथ शादी कर दोनों साथ रह रहे थे. शुरूआत दिनों में दोनों अच्छे से रहते थे. बाद में अमृत अपनी दूसरी पत्नी जयमति के चरित्र पर शंका करता रहा और आए दिन दोनों के बीच विवाद होता रहता था. इसी बीच 20 फरवरी की रात दोनों पति-पत्नी ने साथ में शराब का सेवन किया, जिसके बाद एक बार फिर दोनों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई, फिर अमृत ने लात-घूसों के अलावा डंडे से पीट-पीटकर जयमति को मौत के घाट उतार दिया।


साथियों के साथ मिलकर बनाया प्लान

पत्नी की हत्या करने के बाद आरोपी ने साक्ष्य छुपाने के इरादे से अपने साथियों मयंक यादव, श्रवण यादव, राजेन्द्र केरकेट्टा के साथ मिलकर शव को खेत में ले गया, जहां पैरा में महिला के शव को पूरी तरह जलाकर अपने-अपने घर लौट गए. बताया जा रहा है कि गांव के रहने वाले कुछ ग्रामीण जब शौच के लिए अखराडांड झाबर की ओर गए तो उन्होंने देखा कि जले हुए पैरा के नीचे जले हुए शव की खोपड़ी व हाथ पैर की हड्डी साफ तौर पर दिखाई दे रही थी. इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की जानकारी कापू थाने में दी.


आरोपी ने कबूला अपना जुर्म

गांव में मानव कंकाल मिलने की जानकारी के बाद कापू पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची. इसके बाद ग्रामीणों से पूछताछ की तो पता चला कि अमृत केरकेट्टा ने अपनी पत्नी की हत्या कर शव को अपने साथियों के साथ मिलकर जला दिया था. पुलिस हिरासत में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. आरोपी के खिलाफ 103, 238 बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. वहीं पुलिस अमृत केरकेट्टा के तीनों साथियों की तलाश कर रही है.

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लोफंदी में शराब पीने से हुई मौतों पर गरमाया सदन, भूपेश बघेल ने कार्रवाई पर किया सवाल, गृहमंत्री के जवाब से नाराज विपक्ष ने किया वॉकआउट

रायपुर-  विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन बिलासपुर के ग्राम लोफंदी में अवैध शराब पीने से हुई मौतों का मामला उठा. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल किया कि कच्ची शराब बनाने वाले के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई. इस पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. एफएसएल की आने वाली रिपोर्ट को स्वीकारा जाएगा. गृह मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया. 

इसके पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने ध्यानाकर्षण के जरिए ग्राम लोफंदी में मौत का मामला उठाते हुए कहा कि प्रदेश में शराब की बाढ़ आई है, इसे रोकना होगा. गली-गली में लोग शराब बेच रहे हैं. अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो.

गृह मंत्री विजय शर्मा ने इस पर कहा कि कोई बात छिपाने की नहीं है. जीरो टॉलरेंस पर काम चल रहा है. नशे का कारोबार करने वाले लोगों की प्रॉपर्टी अटैच की गई है. इस प्रकरण में जांच के लिए छह सदस्यीय टीम बनी है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी. कुछ लोग आदतन इस काम पर लगे हैं, उन्हें समझाया गया है. कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है.

डॉ. महंत ने कहा कि बच्चों के भविष्य ठीक करने के लिए शराब बिक्री रोकनी होगी. स्कूलों मे शिक्षक शराब सेवन कर पहुंचे रहे हैं. इस पर विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की प्रथा बनाई गई थी, उसका असर देखने को मिल रहा है. साय सरकार ने इस प्रथा को छुआ नहीं, चिमटी से उठा कर फेंक दिया है.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वहां कच्ची शराब बन रही थी, उस पर क्या कार्रवाई हुई है. कच्ची शराब बनाने वाले के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है. विजय शर्मा ने कहा कि जांच की जा रही है. एफएसएल की जो रिपोर्ट आएगी, उसे स्वीकारा जाएगा. गृह मंत्री ने कहा कि कुछ लोग आदतन इस काम पर लगे हैं. उन्हे समझाया गया है. कई लोगों पर कार्रवाई भी की गई है. गृहमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट किया.