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बालाघाट में पुलिस और नक्सलियों में मठभेड़, 4 महिला नक्सली ढेर; कई घायल

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें चार महिला नक्सली ढेर हो गईं. यह मुठभेड़ गढ़ी थाना क्षेत्र के रौंदा जंगल में हुई, जो कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. पुलिस ने इस मुठभेड़ में नक्सलियों से कई हथियार और अन्य सामग्री भी बरामद की. पुलिस की इस कार्रवाई को बड़ी सफलता माना जा रहा है.

बताया जा रहा है कि पुलिस और हॉक फोर्स के जवान रौंदा के घने जंगलों में सर्चिंग कर रहे थे. अचानक, नक्सलियों ने घात लगाकर पुलिस पार्टी पर फायरिंग शुरू कर दी. जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की, जिसमें चार महिला नक्सली ढेर हो गईं. मारी गईं नक्सलियों से एक इंसास राइफल, एक एसएलआर राइफल और एक 303 राइफल के अलावा दैनिक उपयोग की कई सामग्री बरामद की गई.

जंगल का फायदा उठाकर भागे नक्सली

मुठभेड़ के दौरान अन्य नक्सली भी घायल हुए, जो कि घने जंगल का फायदा उठाकर भाग गए. घायल नक्सलियों की तलाश के लिए पुलिस ने जंगल में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया. पुलिस ने इस ऑपरेशन में हॉक फोर्स, CRPF, कोबरा कमांडो और जिला बल की टीमों को शामिल किया. कुल मिलाकर, 12 से अधिक टीमों द्वारा सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा, ताकि भागे हुए नक्सलियों को पकड़ा जा सके.

मुठभेड़ पर क्या CM मोहन यादव?

पुलिस की इस सफलता पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बधाई दी और कहा कि, “मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से नक्सलियों का पूरी तरह सफाया कर देगी. 2026 तक राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा.”

वहीं मुठभेड़ की जानकारी मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई के दौरान कई नक्सलियों के घायल होने की संभावना है, लेकिन घने जंगल की वजह से उन्हें पकड़ पाना चुनौतीपूर्ण है.

नक्सलियों के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान

यह मुठभेड़ बालाघाट जिले में पुलिस की बढ़ती ताकत और नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को दर्शाती है. पुलिस ने मारे गए महिला नक्सलियों के शव बरामद कर लिए हैं और उनकी शिनाख्त के लिए जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है. मुठभेड़ के बाद, पुलिस ने कहा कि इस कार्रवाई से नक्सलियों को यह संदेश दिया जाएगा कि उनका आतंक अब खत्म होने की ओर है.

महाकुंभ में कई जगह पानी नहाने लायक नहीं’… UPPCB की जांच से NGT नाराज, कहा- सही नहीं आपकी रिपोर्ट

महाकुम्भ क्षेत्र में यमुना और गंगा के पानी में प्रदूषण पर घमासान मचा है. बुधवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने भी कड़ा रुख दिखाया. एनजीटी ने यूपीपीसीबी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर असंतोष जताया. कहा कि यह पूरी रिपोर्ट ही भ्रामक है. एनजीटी ने यह नाराजगी यूपीपीसीबी की रिपोर्ट में कई बिंदुओं की जानकारी नहीं होने पर जताई है. हालांकि यूपीपीसीबी ने पूर्ण रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एनजीटी से एक सप्ताह का समय मांगा है. अब मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.

इसके लिए एनजीटी ने सीपीसीपी को भी पूरी तैयारी के साथ आने को कहा है. बता दें कि महाकुंभ के दौरान एनजीटी के आदेश पर केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने गंगा और यमुना के पानी का कई जगह से सैंपल लिया था. इस सैंपल की जांच रिपोर्ट पिछली तारीख पर एनजीटी के पटल पर रखी गई थी. इस रिपोर्ट में सीपीसीबी ने माना है कि ‘गंगा और यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता विभिन्न अवसरों और सभी निगरानी स्थानों पर अपशिष्ट जल फेकल कोलीफॉर्म के संबंध में स्नान के लिए प्राथमिक जल गुणवत्ता के अनुरूप नहीं थी.

यूपीपीसीबी ने दी पुरानी रिपोर्ट

महाकुंभ के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने इन नदियों में स्नान किया. इसकी वजह से अपशिष्ट जल की सांद्रता में वृद्धि होती गई. इस रिपोर्ट में सीबीसीपी ने बताया है कि 9 से 21 जनवरी के बीच कुल 73 अलग-अलग जगहों से सैंपल लिए गए थे. इन 73 स्थानों में से किसी भी स्थान पर पानी पीने लायक तो दूर नहाने योग्य भी नहीं पाया गया है. इस रिपोर्ट के बाद बुधवार को हुई सुनवाई में उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट दाखिल की.

एनजीटी ने रिपोर्ट पर जताया असंतोष

इस रिपोर्ट में यूपीपीसीबी ने सीपीसीबी के रिपोर्ट को ही मानने से इंकार कर दिया. याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी के मुताबिक एनजीटी की प्रधान पीठ के सामने यूपीपीसीबी के इस रूख की वजह से अजीब स्थिति बन गई. एनजीटी पीठ ने भी यूपीपीसीबी की रिपोर्ट को ध्यान से देखा, लेकिन तमाम खामियों को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘आपकी रिपोर्ट ही भ्रामक है’. इसके बाद यूपीपीसीबी ने इन खामियों को दूर कर पूर्ण रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एनजीटी से एक सप्ताह का समय मांगा है. कहा कि हमने भी डिफरेंट एजेंसी से जांच कराई है और अगली तारीख पर उसे भी फाइल कर दिया जाएगा.

मायने रखता है सैंपल का लोकेशन

मामले की सुनवाई करते हुए एनजीटी ने यूपीपीसीबी से कहा कि आपकी रिपोर्ट जनवरी महीने की है, जबकि सीपीसीबी ने ताजा रिपोर्ट पेश किया है. इसी प्रकार आपने कहां से सैंपल लिया, रिपोर्ट में यह भी काफी मायने रखता है. इस मामले में पर्यावरणविद और गंगा पर लम्बे समय तक काम करने वाले प्रोफेसर बीडी त्रिपाठी ने भी कहा कि सैम्पल कहां से लिया जा रहा है ये मैटर करता है. साथ ही अगर पानी की गुणवत्ता इतनी ख़राब है और नहाने लायक नहीं है तो नहाने के बाद श्रद्धालुओं की तबियत ख़राब होने की भी तो कोई ख़बर क्यों नहीं आई.

नीम के पेड़ से निकली धारा, लोटा लेकर पहुंचे लोग… हाथ जोड़कर बोले- चमत्कार ही हो गया

हरियाणा के जींद में एक गांव है खरकभूरा. यहां अचानक 20 साल पुराने नीम के पेड़ से सफेद तरल पदार्थ निकलने लगा, जो दिखने में बिल्कुल दूध जैसा था. लोगों को जैसे ही इसकी भनक लगी वो लोटा लेकर वहां पहुंचे. उस तरल पदार्थ को घर ले जाने लगे.

यही नहीं, कुछ लोग को इसे चमत्कार मानकर नीम के पेड़ की पूजा करने लगे. तभी इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को हुई. स्वास्थ्य विभाग की टीम तुरंत गांव में पहुंची. उन्होंने तरल पदार्थ का सैंपल लिया. साथ ही लोगों से अपील की कि वो इस तरल पदार्थ का गलती से भी सेवन न करें. यह तरल पदार्थ 20 दिन से लगातार निकल रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ से निकलने वाला तरल पदार्थ नारियल के पानी की तरह हैं. वहीं, कुछ लोग इसे दूध बता रहे हैं. इतना ही नहीं, कुछ लोग तो इस तरल को बोतलों में भरकर अपने घर भी लेकर जा रहे हैं. प्रशासन ग्रामीणों से अपील की है कि जो सफेद तरल निकल रहा है उसका इस्तेमाल न करें. मंगलवार को स्वास्थ्य, वन, पंचायत एवं जन स्वास्थ्य विभाग की टीम नीम के पेड़ से निकल रहे पानी के निरीक्षण के लिए पहुंची. स्वास्थ्य विभाग उचाना से टीम में शामिल एमपीएचडब्ल्यू विक्रम श्योकंद ने बताया कि यह एक रासायनिक प्रक्रिया है. नीम के पेड़ से निकल रहे पानी में चमत्कार जैसी कोई बात नहीं है. ग्रामीण किसी प्रकार के अंधविश्वास में न पड़ें.

इस पदार्थ का उपयोग हो सकता है घातक

वन विभाग ने बताया कि यह पेड़ों में फंगल इंफेक्शन जैसी एक बीमारी हैं, बिना किसी जांच के इस पानी का किसी प्रकार का प्रयोग घातक हो सकता हैं. सरपंच प्रतिनिधि संजीव, कानूनगो रामबिलास ने इस बारे में लोगों को विस्तार से समझाया. वन राजिक अधिकारी ने बताया कि यह पेड़ की झिल्ली फटने से हो सकता हैं. जिस कारण पेड़ पानी अवशोषित नहीं कर पाता और ये पानी बाहर निकाल देता है.

बीमारी ठीक करने के लिए लोग कर रहे सेवन

कई लोगों ने सफेद तरल पदार्थ को चखा भी और उन्होंने बताया कि दूध की तरह दिख रहा ये पदार्थ नारियल के पानी की तरह लगता है. कई लोग इसे बाबा रथपूरी का चमत्कार बता रहे हैं. लोग इसका सेवन आस्था से जोड़ कर रहे हैं. कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए इसका सेवन कर रहे हैं. इसे लेकर लोगों की आस्था बढ़ रही है.

महाकुंभ में लगाई डुबकी फिर सपने में आई मां… 32 साल बाद साधू बन पहुंचा घर

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के समापन में 7 दिन का समय बाकी है. इससे पहले महाकुंभ में आया 32 साल से लापता शख्स उसके परिवार को मिल गया. 1992 में जो शख्स लापता हुआ था. वह महाकुंभ मेले में स्नान करने आया. स्नान करने के बाद सपने में अपनी मां को देखा तो महाकुंभ से लगभग 160 किलोमीटर का सफर तय कर वह 32 साल बाद अपने घर पहुंच गया, जिसे देखकर उसकी मां, पत्नी, बच्चे और भाई-बहन सभी बेहद खुश हो गए.

दरअसल जमालपुर के रहने वाले अमरनाथ गुप्ता 1992 में अयोध्या ढांचा विध्वंस के दौरान कार सेवकों की टोली में गए थे. अयोध्या से ट्रेन से मिर्जापुर वापस हो रहे थे. इस दौरान जौनपुर में ट्रेन पर पथराव होने लगा. वहां से उतरकर किसी तरह वाराणसी से जमालपुर अपने घर पहुंचे. घर पहुंचने पर अमरनाथ को पुलिस ने गिरफ्तार कर मिर्जापुर की जेल में बंद कर दिया था. कुछ दिन जेल काटने के बाद जेल से छूटकर घर पहुंचे. घर पर जब मन नहीं लगा तो परिवार को बिना बताए अयोध्या निकल गए थे.

सपने में नजर आई मां

अयोध्या से वृंदावन पहुंचकर बाबा किशोर दास से दीक्षा लेकर उनके जयपुर आश्रम में रहने लगे. एक हफ्ते पहले महाकुंभ स्नान करने आए. स्नान करने के बाद रात में सो रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपनी मां को सपने में देखा तो रविवार को मां से मिलने घर पहुंच गए. अब उनको देखने के लिए आसपास के लोग पहुंच रहे हैं. मुंबई में नौकरी कर रहे भाई विजय कुमार, चचेरे भाई त्रिलोकी, संत कुमार और राजू भी उनसे मिलने के लिए जमालपुर आ रहे हैं.

क्या है अमरनाथ की कहानी?

अयोध्या ढांचा विध्वंस के सालों से लापता अमरनाथ गुप्ता जिनकी उम्र 72 साल हो चुकी है. पढ़ाई के दौरान ही विश्व हिंदू परिषद (RSS) के साथ जुड़ गए थे. 95 साल की बूढ़ी मां प्यारी देवी, पत्नी चंद्रावती, बेटा अतुल बेटी अर्चना, अंजना मोनी समेत सात बहनें उन्हें पाकर बेहद खुश हैं. अमरनाथ गुप्ता ने बताया कि अयोध्या ढांचा विध्वंस के समय टोली में कार सेवकों के साथ गया था. वहां से लौटने के दौरान जौनपुर में ट्रेन में पथराव होने लगा. वहां सुधार कर किसी तरह वाराणसी से जमालपुर घर पहुंचे तो पुलिस ने गिरफ्तार कर मिर्जापुर जेल में बंद कर दिया था. फिर वहां से लौटने के बाद जब मन नहीं लगा तो वह घर से बिना किसी को बताए निकल गए थे.

सरकारी विभाग में ज्वाइनिंग लेटर लेकर पहुंचा युवक, लेकिन एक चूक से खुला ऐसा राज

हरियाणा के चरखी दादरी में नौकरी पाने का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जनस्वास्थ्य विभाग में रेवाड़ी जिले के गांव बालावास जामापुर निवासी फर्जी तरीके से नौकरी पाने के लिए ज्वाइनिंग लेटर लेकर एक्सईएन ऑफिस पहुंचा और खुद की ज्वाइनिंग करवाने की बात कही. युवक का ज्वाइनिंग लेटर देख एक्सईएन के अधिकारी भी हैरान रह गए. विभाग में डब्ल्यूपीओ की नौकरी पाने वाला युवक कृष्णकांत सोमवार को एचकेआरएन के तहत मिले लेटर को लेकर ऑफिस में पहुंचा.

लेटर पर एक्सईएन विभाग की मोहर और हरे रंग में साइन भी थे, लेकिन साइन मेल नहीं खा रहे थे. युवक का लेटर देख अधिकारियों को फ्रॉड तरीके से नौकरी पाने का अंदेशा हुआ. उन्होंने युवक से पूछताछ शुरू की तो उसने बताया कि उसने विभाग के ही सुनील नाम के कर्मचारी को 50 हजार रुपये दिए हैं. तब जाकर उसको जॉइनिंग लेटर मिला है. पूछताछ में युवक ने बताया कि एचकेआरएन के तहत डब्ल्यूपीओ पद पर उसको 4 फरवरी को ज्वाइन करना था, लेकिन किसी वजह से ऐसा हो नहीं पाया.

विभाग में डब्ल्यूपीओ पद पर करना था ज्वाइन

कृष्णकांत जब सोमवार को वह ऑफिस में ज्वाइन करने के लिए पहुंचा तो विभाग के अधिकारियों को उसपर शक हुआ और उसने पुलिस को शिकायत दे दी. विभाग अधिकारियों ने पूछा कि आपको यह ज्वाइनिंग लेटर किसने दिया है, उनको कोई मोबाइल नंबर है क्या.ऐसे में युवक ने पूछताछ में सब बता दिया. कृष्णकांत ने अपने मोबाइल फोन में सुनील नाम के युवक का आई कार्ड दिखाया. कृष्णकांत ने कहा कि उसे सुनील ने लेटर देकर विभाग में डब्ल्यूपीओ पद पर ज्वाइन करने की बात कही है.

करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में शामिल

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सुनिल पहले जन स्वास्थ्य विभाग में था और करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में शामिल भी रह चुका है. जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन ने बताया कि मामले की जांच करवाने के लिए पुलिस को लिखित में शिकायत देकर युवक को पुलिस को सौंप दिया गया है.

केंद्र सरकार ने 3 राज्यों के ग्रामीण स्थानीय निकायों को 15वें वित्त आयोग अनुदान किया जारी

केंद्र सरकार ने देश के 3 राज्यों (पंजाब, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़) के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 15वें वित्त आयोग अनुदान जारी कर दिया है. पंजाब को इस बार 225 करोड़ रुपये से अधिक दिए गए हैं जबकि छत्तीसगढ़ को 244 करोड़ रुपये और उत्तराखंड को ग्रामीण शासन को मजबूत करने के लिए 93 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई है.

पंचायती राज संस्थाओं (Panchayati Raj Institutions, PRI) या ग्रामीण स्थानीय निकायों (Rural Local Bodies, RLB) को दिए जाने वाले ये अनुदान जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं.

स्थानीय निकायों के लिए पहली किस्त

पंजाब के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए, 225.1707 करोड़ रुपये की अनटाइड ग्रांट की पहली किस्त जारी की गई है. ये फंड राज्य की पात्र 13,144 ग्राम पंचायतों, पात्र 146 ब्लॉक पंचायतों और सभी पात्र 22 जिला पंचायतों के लिए जारी की गई हैं.

जबकि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 15वें वित्त आयोग अनुदान के जरिए 2024-25 के वित्तीय वर्ष में अनटाइड अनुदानों की दूसरी किस्त 237.1393 करोड़ रुपये के साथ-साथ वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनटाइड अनुदानों की पहली किस्त की रोकी गई राशि 6.9714 करोड़ रुपये भी जारी किए गए हैं.

ये धनराशि छत्तीसगढ़ की 11,548 पात्र ग्राम पंचायतों, सभी पात्र 146 ब्लॉक पंचायतों और सभी पात्र 27 जिला पंचायतों के लिए है. इसी तरह उत्तराखंड में भी ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अनटाइड अनुदानों की पहली किस्त जारी की गई है.

उत्तराखंड को 93 करोड़ से अधिक की राशि

उत्तराखंड को इसके लिए 93.9643 करोड़ रुपये जारी की गई है. ये धनराशि राज्य की पात्र 7,769 ग्राम पंचायतों, सभी पात्र 995 ब्लॉक पंचायतों और सभी पात्र 13 जिला पंचायतों के लिए है.

भारत सरकार, पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल और स्वच्छता विभाग) के माध्यम से ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए राज्यों को 15वें वित्त आयोग अनुदान दिए जाने की सिफारिश करती है, जिसे बाद में वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किया जाता है. आवंटित अनुदानों की सिफारिश की जाती है और इसे एक वित्तीय वर्ष में 2 किस्तों में जारी किया जाता है.

सैलरी और अन्य स्थापना लागतों को छोड़कर, संविधान की 11वीं अनुसूची में शामिल 29 विषयों के तहत स्थान-विशिष्ट महसूस की जाने वाली जरूरतों के लिए पंचायती राज संस्थाओं या ग्रामीण स्थानीय निकायों द्वारा अनबंधित अनुदानों का उपयोग किया जाएगा. इन तय अनुदानों का उपयोग स्वच्छता और ओडीएफ स्थिति के रखरखाव की बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है, साथ ही विशेष रूप से घरेलू कचरे का प्रबंधन और उपचार, के साथ-साथ मानव मल और मल कीचड़ प्रबंधन के लिए करना है. इसके अलावा पेयजल की आपूर्ति, वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) और जल पुनर्चक्रण (Water Recycling) भी इसमें शामिल होना चाहिए.

आतिशी और संजय सिंह को राहत, कोर्ट फीस नहीं चुकाने पर संदीप दीक्षित की मानहानि याचिका खारिज

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने आतिशी और संजय सिंह के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ दायर मानहानि के केस को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट में यह याचिका नई दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी रहे संदीप दीक्षित ने दायर की थी. वहीं, केस की कोर्ट फीस नहीं भरने पर इसे खारिज कर दिया.

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने सिविल मानहानि केस की कोर्ट फीस जमा नहीं की है. इसलिए याचिका पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है. दरअसल संदीप दीक्षित ने 10 करोड़ के हर्जाने की मांग करते हुए सिविल मानहानि केस दायर किया था. याचिका में उनका कहना है कि आतिशी और संजय सिंह ने उन पर चुनाव के दौरान पैसे लेने और भाजपा से मिलीभगत करने का झूठा आरोप लगाया था.

क्या है पूरा मामला?

याचिका में कहा गया था कि आतिशी और संजय सिंह ने संदीप दीक्षित पर पैसे लेने और बीजेपी के साथ सांठगांठ करने का झूठा और बेबुनियाद आरोप लगाया. यह शिकायत 26 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आतिशी और संजय सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया गया था कि संदीप दीक्षित AAP को हराने के लिए बीजेपी से ‘करोड़ों रुपए’ लिए.

साथ ही याचिका में आतिशी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को अपने एक्स पर शेयर करने पर भी आपत्ति जताई गई थी. कैप्शन में लिखा था ‘कांग्रेस दिल्ली चुनाव में बीजेपी की मदद कर रही है’.व हीं, इसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के लिए 2 जनवरी की तारीख निर्धारित की थी. साथ ही आतिशी और संजय सिंह को एक कानूनी नोटिस भेज कर पोस्ट को हटाने को कहा गया था.

संदीप दीक्षित और केजरीवाल दोनों हारे

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र सबेस हॉट सीटों में सुमार थी. यहां से तीन प्रमुख पार्टियों की ओर से बड़े-बड़े कद्दावर नेता मैदान में है. कांग्रेस से पूर्व सीएम शिला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित, आम आदमी पार्टी से राष्ट्रीय संयोजक औैर मुख्यमंत्री उम्मीदवार, पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और बीजेपी के पूर्व सांसद और दिल्ली के मुख्यमंत्री रहें साहिब सिंह के बेटे परवेश वर्मा चुनाव में थे.

हालाकिं, चुनाव में बीजेपी के परवेश वर्मा ने बाजी मारी, संदीप दीक्षित और अरविंद केजरीवाल को हार का सामन करन पड़ा. केजरीवाल साल 2013 से इस से विधायक थे. उससे पहले यहां से लगातार शिला दीक्षित जीत दर्ज करती रहीं थी. नई दिल्ली सीट पर बीजेपी के परवेश वर्मा ने कुल 4089 वोटों के अतर से केजरीवाल को हराया. प्ररवेश वर्मा को 30,088 और अरविंद केजरीवाल को 25,999 वोट मिले. वहीं,. संदीप दीक्षित को कुल 4,568 वोट मिले.

कैमूर को 345 करोड़ की सौगात… प्रगति यात्रा के दौरान CM नीतीश कुमार ने 169 योजनाओं को दिखाई हरी झंडी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा आज कैमूर पहुंची. यहां उन्होंने नवनिर्मित बाजार समिति, मोहनिया परिसर से 345.50 करोड़ रुपये की कुल 169 विकास योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया. इसमें 233.29 करोड़ रुपये की 79 योजनाओं का शिलान्यास और 112.20 करोड़ रुपये की 90 योजनाओं का उद्घाटन शामिल है. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवनिर्मित पंचायत सरकार भवन का निरीक्षण कर पुस्तकालय, राजस्व कर्मचारी कक्ष, मुखिया कक्ष, उपमुखिया कक्ष, सचिव कक्ष, पंचायत स्तरीय एवं अन्य कर्मी कक्ष का जायजा लिया.

ग्राम पंचायत भरखर के मुखिया द्वारिका सिंह ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया. मुख्यमंत्री ने पंचायत सरकार भवन के सामने मनरेगा द्वारा सौंदर्यीकृत तालाब, ग्राम पंचायत भरखर में 9.50 लाख रुपये की लागत से पांडे पोखर के शिलापट्ट का अनावरण किया.

नीतीश कुमार ने अधिकारियों को दिये सख्त निर्देश

इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सौंदर्यीकृत तालाब का निरीक्षण कर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तालाब के किनारे सीढ़ीघाटों का निर्माण कराने का निर्देश दिया ताकि छठ पर्व के दौरान व्रतियों को सहूलियत हो. मुख्यमंत्री ने उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय, भरखर का निरीक्षण कर क्लासरूम, स्पेस-कम- साइंस एन्ड रोबोटिक लैब का जायजा लिया.

मुख्यमंत्री ने इस दौरान सतत् जीविकोपार्जन योजना से 3525 लाभान्वित परिवारों को प्रदत्त जीविकोपार्जन निवेश निधि के तहत 7 करोड़ 86 लाख 49 हजार 984 रुपये का सांकेतिक चेक, 11596 स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न बैंकों द्वारा ऋण 216 करोड़ 82 लाख रुपये का सांकेतिक चेक, 1023 ग्राम संगठनों को सामुदायिक निवेश निधि का हस्तानातंरण के तहत 19 करोड़ 76 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया. वहीं बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, कुशल युवा कार्यक्रम सर्टिफिकेट, मनरेगा द्वारा निर्मित नवजीविका ग्राम संगठन भवन की चाबी तथा मनरेगा द्वारा निर्मित 4 आंगनबाड़ी केंद्र की चाबी प्रदान किया.

नीतीश कुमार ने जीविका दीदियों की तारीफ की

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे बिहार में आप सभी जीविका दीदियां काफी अच्छा काम कर रही हैं. जब हम केंद्र में मंत्री थे तो कई जगहों पर जाकर स्वयं सहायता समूह के कार्यों को देखा था. बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या बहुत कम थी. हम बिहार में जहां कहीं भी जाते हैं जीविका दीदियों से जरूर मिलते हैं. आपलोगों को हर प्रकार से सरकर मदद पहुंचा रही है. जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जीविका दीदियों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो, इसका विशेष रूप से ध्यान रखें.

मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित सोन-कोहिरा नदी लिंक योजना का करकटगढ़ ईको पर्यटन क्षेत्र से स्थल निरीक्षण कर अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश दिये. सोन नदी कोहिरा लिंक परियोजना के विकसित हो जाने से चैनपुर, चांद एवं भगवानपुर प्रखण्ड में 10000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का विकास हो सकेगा और किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी मिल सकेगा। साथ ही इससे लगभग 450000 की आबादी लाभान्वित होगी.

महाकुंभ बन गया है मृत्यु-कुंभ… CM ममता बनर्जी का दावा- भगदड़ में सैकड़ों शवों को छिपाया गया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को विधानसभा को संबोधित करते हुए दावा किया कि महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ’ बन गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस महाकुंभ में मरने वालों की वास्तविक संख्या को छिपाया गया है. पिछले महीने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए. वहीं हाल में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई.

सीएम ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में दावा किया कि बीजेपी सरकार ने महाकुंभ में मौतों की संख्या कम दिखाने के लिए सैकड़ों शवों को छिपा दिया. उन्होंने विधायकों पर निशाना साधते हुए यह भी दावा किया, ‘बीजेपी विधायक मेरा सामना करने से डरते हैं, इसलिए जब भी मैं बोलती हूं तो वे सदन का बहिष्कार करते हैं.’ इस दौरान सीएम ने मुस्लिम लीग से उन्हें जोड़ने के आरोपों की भी कड़ी निंदा की हैं.

मेरी 5 उंगलियां पांच धर्म हैं- CM ममता

सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ‘मुझ पर मुस्लिम लीग का सदस्य होने का आरोप लगाया गया. मैं इन निराधार आरोपों की कड़ी निंदा करती हूं.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि वह धर्मनिरपेक्षता, सह-अस्तित्व और सभी समुदायों के विकास में विश्वास करती हैं. उन्होंने कहा, ‘ मुस्लिम लीग हूं? मुस्लिम विकास से इतना नाराज क्यों? मेरी 5 उंगलियां पांच धर्म हैं. आप टीएमसी को हराने के लिए मुस्लिम लीग का समर्थन लेते हैं.’

उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘बीजेपी ने आरोप लगाया कि मैं मुस्लिम लीग की नेता हूं. मेरा जम्मू कश्मीर और बांग्लादेश के आतंकवादियों से संबंध है. अगर आपके पास सबूत है तो मैं तुरंत मुख्यमंत्री पद छोड़ दूंगी. लेकिन अगर आपके पास सबूत नहीं है तो मैं प्रधानमंत्री को आपके अहंकार के बारे में लिखूंगी.’ सीएम ममता ने कहा कि अगर उनका कट्टरपंथियों से कोई संबंध होगा तो वह इस्तीफा दे देंगी.

‘मुझे खुशी है कि सीमा अब शांतिपूर्ण है’

उन्होंने आगे कहा कि, ‘सभी को याद रखना चाहिए कि मैं एक ब्राह्मण परिवार से हूं. मेरे पिता एक देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी थे.’ बनर्जी ने बांग्लादेश में अशांति के बावजूद बंगाल में शांति बनाए रखने का श्रेय अपनी सरकार को दिया. उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश में अशांति के बावजूद, हमारी सरकार की वजह से ही बंगाल में शांति और सद्भाव कायम है. मुझे खुशी है कि सीमा अब शांतिपूर्ण है. मैं देश की शांति की कामना करता हूं, बांग्लादेश में शांति होनी चाहिए

ब्लैक कमांडो ने घेरी बिल्डिंग, 4 बदमाश अंदर; पटना में लाइव एनकाउंटर

बिहार की राजधानी पटना में पुलिस और बदमाशों के बीच एनकाउंटर जारी है. पटना एसटीएफ ने एक मकान के अंदर बैठे बदमाशों की घेराबंदी कर ली है. पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र स्थित इस मकान में दोनों तरफ से फायरिंग हो रही है. राम लखन पथ पर इस मकान के अंदर चार अपराधी छिपे हैं और अंदर से ही फायरिंग कर रहे हैं. पुलिस ने पूरे घर और इलाके को घेर लिया है. पुलिस के मुताबिक अपराधियों को सरेंडर करने के लिए कहा गया, लेकिन बदमाशों ने पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी

हालात को देखते हुए पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग करते हुए बदमाशों को एक कमरे के अंदर घेर लिया है. सूचना मिलने पर पुलिस के तमाम बड़े अधिकारी भी मौके पर मौजूद पहुंच गए हैं. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पूरे इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. पुलिस ने इस मकान के पास में ही स्थित एक स्कूल में सुरक्षा के लिहाज से एहतियातन छुट्टी कर दी गई है.

चार थानों की पुलिस पहुंची

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक कंकरबाग थाना पुलिस के अलावा तीन अन्य थानों से भारी संख्या में पुलिस बल को बुला लिया गया है. पुलिस के मुताबिक अंदर से हो रही फायरिंग को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि बदमाशों की संख्या चार हो सकती है. पुलिस के मुताबिक बदमाश दीवार की आड़ लेकर फायरिंग कर रहे हैं. वहीं पुलिस टीमें भी अपना बचाव करते हुए लगातार बदमाशों के करीब पहुंचने की कोशिश कर रही है.

एसटीएफ के कमांडो पहुंचे

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मौके पर एसटीएफ ने अपने स्पेशल कमांडो दस्ते को भी बुला लिया है. यह कमांडो दस्ता ने इस मकान की घेराबंदी शुरू कर दी है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक चार मंजिल के इस मकान में ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें हैं. वहीं सेकेंड और थर्ड फ्लोर पर लोग रहते हैं. पुलिस ने फिलहाल इस मकान में रह रहे लोगों को बाहर निकाल लिया है