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राजस्थान: पति ने पांच लाख रुपये में बेच दी पत्नी! पुलिस ने दर्ज किया मामला, जानें

राजस्थान के अलवर में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां शादी के 18 साल बाद एक पति ने अपनी पत्नी को पिता के साथ मिलकर पांच लाख रुपये में बेच दिया. महिला के तीन बच्चे भी हैं. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

मामला ततारपुर थाना क्षेत्र का है. महिला का आरोप है कि उसे हरियाणा के झज्जर में बेचा गया था. पांच लाख रुपये में उसका सौदा हुआ. वो न्याय के लिए दो थानों में घूमती रही. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. आखिर में कोर्ट के आदेश के बाद अब पुलिस ने जांच शुरू की है.

पीड़िता ने 24 अक्टूबर को पीड़िता ने ततारपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी शादी सीकर जिले के खाटू श्याम थाना क्षेत्र के गांव में 2007 में हुई थी. शादी के बाद पति के साथ रहते उनकी तीन संताने भी हुई. लेकिन करीब पांच माह पहले पति और ससुर ने उसे झज्जर (हरियाणा) के एक गांव निवासी के साथ भेज दिया कि वह नौकरी दिलवा देगा.

घर की माली हालत को देख उनके झांसे में आकर महिला उसके साथ चली गई. जहां आरोपी ने उससे जबरदस्ती करने की कोशिश की. विरोध करने पर उसने कहा कि उसके पति व ससुर ने पांच लाख रुपए लेकर बेचा दिया है. बोला- अब तुम मेरी हो. मैं तुम्हारे साथ कुछ भी कर सकता हूं.

कोर्ट के आदेश के बाद जांच हुई शुरू

पीड़िता मौका पाकर बस में बैठकर अपने पीहर आ गई, जहां परिजनों को घटना की जानकारी दी. इसके बाद पीड़िता ने परिजनों के साथ ततारपुर थाने पहुंचकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. ततारपुर थाना पुलिस ने जीरो नंबरी एफआईआर दर्ज कर मामला खाटूश्याम थाने में भेज दिया. खाटू श्याम थाना पुलिस ने ततारपुर थाना क्षेत्र का मामला होने का हवाला देते हुए एफआर कोर्ट में पेश कर दी. लेकिन अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट दांतारामगढ़ ने जांच का क्षेत्र ततारपुर थाना होने के कारण ततारपुर थाना पुलिस को जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं

गाजियाबाद: शाहबेरी रोड को जल्द बंद करने की तैयारी, यातायात पुलिस ने जारी की चेतावनी, जानें क्या होगा नया रूट!

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से शाहबेरी रोड को जोड़ने वाले रास्ते को बंद किया जाने वाला है. शाहबेरी गांव की सड़क को चौड़ा करने का काम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. इसके लिए यातायात पुलिस की ओर से जगह-जगह पर चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं, जिसमें लोगों से अपील की गई है कि बंद रास्ते से न जाकर दूसरे मार्ग को चुनें. हालांकि एक साथ सभी रास्तों को बंद नहीं किया जाएगा. एक समय पर एक ही लेन को बंद किया जाएगा और दूसरी से यातायात चालू रहेगा.

अब जल्द ही ग्रेनो वेस्ट के शाहबेरी को गाजियाबाद से जोड़ने वाले रास्ते को बंद करने की तारीख गाजियाबाद और जिले की यातायात पुलिस तारीख तय करेंगी, लेकिन इससे स्थानीय लोगों को परेशानी न हो. इसलिए उन्हें निकलने की सुविधा दी जाएगी. आमतौर पर गाजियाबाद से नोएडा जाने वाले लोग ग्रेनो वेस्ट से होकर ही गुजरते हैं. यहां से ज्यादातर लोग शाहबेरी से क्रॉसिंग रिपब्लिक वाले रास्ते का ही इस्तेमाल करते हैं, जिस वजह से इस रास्ते पर जाम की स्थिति बनी रहती है.

6 महीने पहले टेंडर हो चुका जारी

इसी जाम से निजात पाने के लिए प्राधिकरण शाहबेरी रोड को चौड़ा करने का फैसला लिया है. शाहबेरी गांव की रोड को एक से डेढ़ मीटर चौड़ा किया जाएगा. ट्रैफिक की वजह से ही इस रोड का काम नहीं हो पा रहा है, जबकि इसका टेंडर भी 6 महीने पहले ही जारी हो चुका है. अब गाड़ियों को रोककर ही इस रोड के काम को किया जाएगा, जिसके लिए यातायात पुलिस ने रूट डायवर्ट करना शुरू कर दिया है.

20 जगहों पर लगे चेतावनी बोर्ड

शाहबेरी रोड को बंद करने और लोगों को अलर्ट करने के लिए चेतावनी बोर्ड 20 जगहों पर लगाए गए हैं. शाहबेरी रोड की जगह ताज एक्सप्रेस वे का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है. हालांकि अभी रास्ता बंद नहीं किया जाएगा. जब इस रोड के चौड़ीकरण का काम शुरू किया जाएगा तो ये 20 दिन तक चलेगा और इसे दो फेज में किया जाएगा. इस दौरान शाहबेरी की जगह तिगरी और बहलोलपुर वाले रास्ते का इस्तेमाल करने की अपील की गई है. क्रॉसिंग जाने वाले गौड़ सिटी के पास से होकर जाने वाले रास्ते का इस्तेमाल कर सकते हैं.

वृंदावन: प्रेमानंद महाराज की पद यात्रा फिर से शुरू, रात 2 बजे दर्शन करने उमड़े श्रद्धालु!

वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा को लेकर विवाद अब पूरी तरह थम गया है. प्रेमानंद महाराज ने रात 2 बजे अपनी पदयात्रा निकाली. इस दौरान भक्तों का सैलाब उमड़ रखा था. प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा वही पुराने रास्ते से होकर निकली, जिस पर विवाद हुआ था. इस दौरान भक्तों ने महाराज के दर्शन किए. विरोध जताने वाले सोसायटी के अध्यक्ष द्वारा माफी मांगने के बाद और भक्तों की मांग पर निकली प्रेमानंद महाराज ने अपनी पदयात्रा निकाली. प्रेमानंद महाराज की यात्रा निकलने से भक्तों में भारी खुशी है. सोसायटी के लोग भी संत प्रेमानंद के इस निर्णय से बेहद खुश हैं.

ब्रजवासियों की अपील पर खुद प्रेमानंद महाराज ने कहा था कि वह रात 2 बजे से पहले की तरह पदयात्रा निकालेंगे और दर्शन देंगे.इससे पहले जब प्रेमानंद महाराज की यात्रा निकली थी तो पहले जैसी नहीं थी. प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा सुबह 4 बजे निकली थी और उन्होंने गाड़ी में सवार होकर भक्तों को दर्शन दिए थे.

भक्तों में फैल गया था गुस्सा

प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का वृंदावन की एनआरआई ग्रीन सोसायटी के लोगों ने 4 फरवरी को विरोध किया था. लोगों ने ध्वनि प्रदूषण की बात कहते हुए विरोध जताया था. इसके अलावा सोसायटी की महिलाओं का कहना था कि रात में होने वाली पदयात्रा के दौरान बजने वाले ढोल और आतिशबाजी से उनकी नींद भी खराब हो जाती है, जिसकी वजह से उनका पूरा दिन खराब होता है. ऐसे में जब महाराज जी के भक्तों को ये बात पता लगी तो उनमें गुस्सा फैल गया. सोशल मीडिया पर सोसायटी की काफी ज्यादा आलोचना होने लगी.

सोसायटी के अध्यक्ष ने मांगी थी माफी

इसके अलावा स्थानीय व्यापारियों ने अपनी दुकान पर पोस्टर चपका करके सोसायटी वालों का विरोध किया. दुकान पर लगे पोस्टर में लिखा है कि एनआरआई ग्रीन वालों को यहां सामान नहीं मिलता है. यह पोस्टर एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के पास बनी दो दुकानों में लगे थे. ऐसे में एनआरआई सोसायटी के अध्यक्ष आशु शर्मा द्वारा रविवार को महाराज से मुलाकात की गई, जिसमें प्रेमानंद महाराज के पास जाकर अध्यक्ष ने माफी मांगी सोसायटी के प्रेसिडेंट आशु शर्मा ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि हम लोग आपसे माफी मांगते हैं. सोसायटी के लोगों को अपनी गलती का अहसास हो गया है, लेकिन वह आपसे कहने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं.

अयोध्या में भगदड़ करवाने की कोशिश? राम मंदिर परिसर में गिरा ड्रोन, अलर्ट पर पुलिस

उत्तर प्रदेश के अयोध्या से बड़ी खबर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक, यहां राम मंदिर परिवार में भारी भीड़ के बीच अचानक से एक ड्रोन आ गिरा. घटना सोमवार शाम की है. यहां महाकुंभ से राम मंदिर के दर्शन करने पहुंची भीड़ जब कतार लगाकर खड़ी थी, तभी अचानक से एक ड्रोन उनके बीच आ गिरा. इससे वहां हड़कंप मच गया.

मंदिर परिसर में मौजूद पुलिस ने तुरंत ड्रोन को कब्जे में लिया. माना जा रहा है कि लोगों के बीच भगदड़ मचाने के मकसद से किसी ने यह सब किया है. पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर ये हरकत किसने और क्यों की?

पुलिस ने बताया- सोमवार शाम सात बजे श्रद्धालु मंदिर परिसर में कतार लगाकर खड़े थे. उस वक्त बहुत ज्यादा भीड़ थी. क्योंकि महाकुंभ के चलते कई श्रद्धालु अयोध्या और काशी भी पहुंच रहे हैं. तभी किसी ने ड्रोन भीड़ के ऊपर गिरा दिया. ये भगदड़ मचाने की कोशिश भी हो सकती है, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया. पुलिस मामले की जांच बारीकी से कर रही है. जिस किसी ने भी यह हरकत की है, उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

सुबह से ही भक्तों की लगी भीड़

अयोध्या के राम मंदिर में सोमवार सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली, जिससे शहर की पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी अत्यधिक दबाव पड़ा. बढ़ती भीड़ को देखते हुए हजारों वाहन शहर से 25 किलोमीटर दूर रोक दिए गए. इससे यात्री निराश और परेशान हो गए. भारी भीड़ के कारण राम मंदिर, जन्मभूमि पथ और हनुमान गढ़ी समेत प्रमुख धार्मिक स्थलों की ओर जाने वाली सड़कें खचाखच भर गई थीं. अपर्याप्त पुलिस तैनाती और भीड़भाड़ के कारण तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई, कुछ निराश यात्रियों ने तो बैरिकेड्स भी तोड़ दिए.

सड़कों पर घूमना हुआ मुश्किल

राम मंदिर के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए सड़कों को चौड़ा करने और बुनियादी ढांचे में सुधार के सरकारी प्रयासों के बावजूद, अयोध्या की संकरी गलियां अभी भी भारी भीड़भाड़ वाली बनी हुई हैं. तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ के कारण शहर में घूमना लगभग असंभव हो गया है. श्रद्धालु हर मार्ग को अवरुद्ध कर दे रहे हैं, जिससे स्थिति और भी खराब हो गई है.

बिहार में धान खरीद का बना नया रिकॉर्ड, आंकड़ा 39 लाख मीट्रिक टन हुआ पार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए लगातार प्रयासरत है. सरकार की नीतियां यह साबित करती है कि वह न केवल किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि कृषि उत्पादन और विपणन को भी सशक्त बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है. इसी के तहत इस साल बिहार में धान खरीद ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. बिहार में इस साल धान की खरीद में बंपर वृद्धि हुई है. कुल 39.23 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है, जो कि 45 लाख मीट्रिक टन के निर्धारित लक्ष्य का करीब 87.2 फीसदी है.

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को दी बधाई

जानकारी के अनुसार पिछले साल बिहार सरकार ने 30 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा था, जो लक्ष्य का 66.7 प्रतिशत था. इस साल धान की खरीद में करीब 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, यानी करीब 9 लाख मीट्रिक टन धान अधिक खरीदी गई है. इस उपलब्धि पर मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों और उनकी टीम को बधाई दी है. खाद्य और सहकारिता विभाग की बेहतरीन कार्यशैली ने इस सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

जिलों में जमकर हुई खरीदी

राज्य में पिछले वर्ष के मुकाबले करीब नौ लाख मिट्रीक टन धान की खरीद अधिक हुई है, जिसमें सबसे ज्यादा भोजपुर में 105 फीसदी धान की खरीद हुई है. ऐसे जिलों की संख्या ठीक ठाक थी जहां 95 फीसदी से अधिक खरीदारी हुई. इनमें अरवल, बांका, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण, गया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, नालंदा, पटना, सहरसा, शेखपुरा, शिवहर, सीवान और सुपौल है. वहीं, 90 फीसदी से पार रहने वाले जिलों में पश्चिमी चंपारण, सारण, मुंगेर, जमुई, अररिया शामिल है.

स्मार्ट खेती को बढ़ावा दे रही सरकार

राज्य सरकार पारंपरिक खेती के तरीकों को बदलकर किसानों को स्मार्ट खेती करने के लिए लगातार प्रेरित कर रही है. इसके लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राज्य के सभी 101 अनुमंडलों को ड्रोन देने की योजना है.

धान की कीमतों में वृद्धि

उत्तर बिहार में 1 नवंबर 2024 से धान की खरीद की प्रक्रिया शुरू हुई थी जो 15 फरवरी 2025 तक चली. विभाग ने इस बार साधारण धान के लिए 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल की दर निर्धारित की थी. पिछले वर्ष साधारण धान की कीमत 2183 रुपये प्रति क्विंटल थी, जबकि ग्रेड-ए धान की कीमत 2203 रुपये प्रति क्विंटल थी. दक्षिण बिहार में 15 नवंबर से खरीद शुरू हुई थी और 15 फरवरी तक जारी रही.

खरीद से पहले बायोमैट्रिक सत्यापन

नीतीश सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. इसीलिए धान की बिक्री करने वाले निबंधित किसानों का बायोमैट्रिक सत्यापन किया गया. तय किया गया कि रैयती किसान अधिकतम 250 क्विंटल धान की बिक्री कर सकेंगे, जबकि गैर रैयती किसान अधिकतम 100 क्विंटल धान बेच सकेंगे. किसानों को खरीद के 48 घंटे के भीतर भुगतान किया जाएगा और किसी भी परिस्थिति में धान का बकाया नहीं रखा जाएगा.

कृषि रोडमैप निर्णायक

धान खरीदी में बिहार सरकार की यह उपलब्धि यूं ही नहीं हासिल हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि क्षेत्र में विकास के लिए कई गंभीर कदम उठाए हैं. कृषि क्षेत्र में कई अहम योजनाओं और कदमों के चलते फसलों, फलों और सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि हुई है. सरकार ने कृषि रोडमैप तैयार किया और कृषि विकास कार्यक्रमों का संचालन किया, जिससे उत्पादन और उत्पादकता दोनों में वृद्धि देखने को मिली है.

बिहार ने यूपी को पछाड़ा

बिहार में गन्ना किसानों को पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश (यूपी) से अधिक दाम मिलता है. गत वर्ष दिसंबर महीने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पश्चिम चंपारण जिले में प्रगति यात्रा के दौरान गन्ना के मूल्य में 10 रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी की घोषणा की थी. जिससे यूपी में जहां उच्च कोटि के गन्ने का मूल्य 370 रुपये प्रति क्विंटल है, तो बिहार में इस कैटगरी के गन्ना संख्या का रेट 375 रुपये प्रति क्विंटल हो गया

इंसान की आंख में एक इंच के कीड़े ने बना लिया था ‘घर’, देख कर डॉक्टर हो गए हैरान

मध्य प्रदेश में भोपाल एम्स के डॉक्टरों ने एक मरीज का दुर्लभ ऑपरेशन को अंजाम दिया है. यह ऑपरेशन एक 35 साल के मरीज का हुआ, जिसकी आंखों के पलकों के नीचे काफी समय से एक जिंदा कीड़ा पल रहा था. यह कीड़ा यदि बढ़ते हुए दिमाग तक पहुंच जाता तो इस मरीज की मौत भी हो सकती थी. हालांकि डॉक्टरों ने एक जटिल ऑपरेशन के बाद इस कीड़े को बाहर निकाल दिया है. डॉक्टरों के मुताबिक आंख के रेटिना में करीब 1 इंच लंबा यह जीवित परजीवी कीड़ा विट्रियस जेल में सक्रिय था.

जानकारी के मुताबिक महज 35 साल का एक मरीज काफी समय से नजर कमजोर होने, आंखों में जलन और धुंधलापन की समस्या से परेशान था.उसने कई डॉक्टरों को दिखाया, उनकी सलाह पर कई तरह के टेस्ट कराए. इसके बाद स्टेरॉयड आई ड्रॉप और टैबलेट का भी खूब इस्तेमाल किया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली तो वह भोपाल एम्स पहुंचा. यहां डॉक्टरों ने जांच के दौरान देखा कि इस मरीज को दिक्कत एक परजीवी कीड़े की वजह से हो रही है.आंख के रेटिना में करीब 1 इंच लंबा यह जीवित परजीवी विट्रियस जेल में सक्रिय था.

बचाव की कोशिश कर रहा था परजीवी

भोपाल एम्स के मुख्य रेटिना सर्जन डॉक्टर समेंद्र कारखुर ने मरीज की रिपोर्ट देखी और एक टीम बनाकर खुद इस जटिल सर्जरी को अंजाम देने का फैसला किया. लेजर फायर तकनीक का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने सबसे पहले इस परजीवी को निष्क्रिय किया और फिर बड़ी सावधानी के साथ इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया. इसके बाद विट्रियो रेटिना सर्जरी तकनीक का उपयोग कर पूरी तरह से हटा दिया गया है. डॉक्टरों के मुताबिक यह कीड़ा बचने की खूब कोशिश कर रहा था, इसकी वजह से ऑपरेशन थोड़ा मुश्किल हो गया.

दुनिया भर में अब तक हुए महज 4 ऑपरेशन

डर था कि यदि कीड़ा अपना बचाव करते हुए दिमाग में चला जाता तो मरीज की जान भी जा सकती थी. उन्होंने बताया कि दुनिया भर में इस तरह के ऑपरेशन काफी दुर्लभ होते हैं. विश्व में अब तक इस तरह के महज तीन चार ही ऑपरेशन हुए हैं. एम्स के डॉक्टरों ने इस परजीवी की पहचान ‘ग्नैथोस्टोमा स्पिनिजेरम’ के रूप में की है. यह मुख्य रूप से कच्चे या अधपके मांस के सेवन से या दूषित पानी से मानव शरीर में जाता है. इसके बाद त्वचा दिमाग और आंखों सहित कई अंगों में प्रवास कर सकता है.

महाकुंभ मेला क्षेत्र में फिर लगी आग, सेक्टर आठ में पहुंचीं दमकल की गाड़ियां

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में एक बार फिर आग लगी है. इस बार आग महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर आठ में लगी है. सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड और पुलिस की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं हैं. अधिकारियों के मुताबिक आग काफी बड़ी थी, हालांकि अब इसे काबू कर लिया गया है. महाकुंभ मेले में दो दिन पहले भी आग लगी थी. उस समय महाकुंभ सेक्टर 18 और 19 के बीच कई पंडाल इस आग की वजह से जलकर खाक हो गए थे. उस घटना की वजह शार्ट सर्किट बताई गई थी.

ताजी घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने आग को काबू कर लिया. बताया जा रहा है कि यह आग कल्पवासियों द्वारा खाली किए गए तंबुओं में लगी थी. यह आग काफी बड़ी थी और तेजी से फैल भी रही थी. हालांकि फायर ब्रिगेड ने आग की घेराबंदी कर उसे काबू कर लिया. पुलिस के मुताबिक इस घटना में किसी तरह की जन हानि या बड़े नुकसान की सूचना नहीं है. फिलहाल मौके पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है.

पहले भी लग चुकी है आग

महाकुंभ में आग की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी मेला क्षेत्र में अलग अलग स्थानों पर कई बार आग लग चुकी है. पहली आग की घटना महाकुंभ शुरू होने के 7वें दिन ही सामने आई थी. वह घटना सेक्टर 19 में हुई. उसमें कई टेंट जल गए और सिलेंडर भी खूब फटे थे. उसके बाद 9 फरवरी को सेक्टर 9 के में रह रहे कल्पवासियों के टेंट में सिलेंडर लीक होने की वजह से आग लगी थी. फिर 13 फरवरी को अलग अलग स्थानों पर दो जगह आग लगी.

गुजरात से अयोध्या तक दौड़ लगाकर रामलला के दर्शन करने वाले दो भक्तों की अद्भुत कहानी!

कहते हैं जब भगवान बुलाते हैं तो भक्त दौड़े चले आते हैं. ये कहावत गुजरात के दो धावकों पर बिल्कुल सटीक बैठती है, जिन्होंने गुजरात से अयोध्या का सफर दौड़ लगाकर पूरा किया और रामलला के दर्शन के लिए पहुंचे. उन्होंने एक दिन में 60 किलोमीटर की दौड़ लगाई और 24 दिन में ये सफर पूरा कर लिया. इन दोनों युवकों का नाम उज्ज्वल डोडिया और संजय शुक्ला है.

उज्ज्वल डोडिया और संजय शुक्ला 1500 किलोमीटर का सफर तय करते हुए रामलाल के दर्शन करने के लिए आए. वह इतनी लंबी दौड़ लगाकर रामनगरी अयोध्या पहुंचे हैं. यह दोनों धावक गुजरात के बीपी से दौड़ लगाते हुए अयोध्या पहुंचे. दोनों धावक रोज 60 किलोमीटर की दौड़ लगाते थे. फिर जहां 60 किलोमीटर दौड़ पूरी हो जाती थी. वहीं आराम करने के बाद फिर रामाथन यात्रा शुरू होती थी. दोनों ने अपनी इस यात्रा को 22 जनवरी को 24 दिन पहले शुरू की थी. उनकी ये यात्रा 15 फरवरी को अयोध्या पहुंची.

भगवान राम लाल की प्राण प्रतिष्ठा

22 जनवरी को ही अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम लाल की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. प्राण प्रतिष्ठा के ठीक एक साल बाद दोनों धावक रामलाल के लिए दौड़ लगाते हुए अयोध्या पहुंचे. शहर के स्पोर्ट्स स्टेडियम में दोनों धावकों का स्वागत किया गया. दोनों धावकों ने बताया कि सनातन धर्म से जुड़ी हमारी आस्था हमें भगवान राम की नगरी की ओर खींच लाई. हम 1500 किलोमीटर की यात्रा कर अयोध्या पहुंचे हैं. अब दोनों राम लला के दर्शन करेंगे.

मैराथन नहीं, ये है रामाथन यात्रा

दोनों की इस यात्रा का नाम रामाथन दिया गया है. इन दोनों के साथ एक कार में एक टीम भी चल रही थी, जो उन्हें नाश्ता, खाना और बाकी सुविधाएं उपलब्ध करा रही थी. वैसे दौड़ को मैराथन कहा जाता है, लेकिन दोनों युवकों ने रामलला के दर्शन करने के लिए 1500 किलोमीटर की यात्रा की तो दोनों ने अपनी इस दौड़ का नाम रामाथन यात्रा रखा.

प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन बंद, महाकुंभ जाने से पहले जानें ये लेटेस्ट अपडेट

महाकुंभ मेले में उमड़ रही भारी भीड़ के चलते उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) का प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. रेलवे ने पहले 14 फरवरी, फिर 16 फरवरी तक स्टेशन को बंद रखने निर्णय लिया था, लेकिन भीड़ का दबाव कम न होने पर स्टेशन को अभी बंद रखने का फैसला लिया गया. इस स्टेशन से ट्रेन पकड़ने वालों को अब फाफामऊ रलवे स्टेशन पर जाना पड़ेगा.

दरअसल मेला प्रशासन की मांग पर प्रयागराज क्षेत्र के नौ स्टेशनों में से एक, प्रयागराज संगम को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. प्रयागराज क्षेत्र के बाकी 8 स्टेशन सामान्य रूप से काम करेंगे.

देश के हर कोने से आ रही भारी भीड़

बता दें कि महाकुंभ में देश के हर कोने से आ रही लोगों की भारी भीड़ और शनिवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटना को देखते हुए प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, कानपुर और मिर्जापुर समेत धार्मिक आस्था से जुड़े नगरों के स्टेशनों पर पूर्व में जारी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है. उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि हम पूर्व में जारी प्रोटोकॉल का ही सख्ती से लागू करना सुनिश्चित कर रहे हैं. हमने मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी जैसे स्नान पर्वों को सफलतापूर्वक संपन्न कराया है और आगे भी यही प्रोटोकॉल जारी रहेगा.

प्रयागराज जंक्शन पर शहर की तरफ से प्रवेश

उन्होंने बताया कि इस प्रोटोकॉल के तहत प्रयागराज जंक्शन पर शहर की तरफ से प्रवेश और सिविल लाइंस की तरफ से निकासी कराई जा रही है और ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आने तक यात्रियों को होल्डिंग एरिया में रोककर रखा जाता है. प्रयागराज जंक्शन पर तैनात आरपीएफ के निरीक्षक शिव कुमार ने बताया कि प्रयागराज जंक्शन पर भीड़ नियंत्रण में है.

ट्रेनों और प्लेटफॉर्म की भी क्षमता सीमित

रेलवे पुलिस के अपर महानिदेशक (एडीजी) प्रकाश डी. ने कहा कि हमने यात्रियों को रखने के लिए होल्डिंग एरिया चिह्नित किया है, क्योंकि ट्रेनों की क्षमता सीमित है. प्लेटफॉर्म की भी क्षमता सीमित है. स्टेशन पर आने वाले अतिरिक्त यात्रियों को होल्डिंग एरिया में रखा जाता है. प्रकाश ने कहा कि प्रयागराज में हमने 90 होल्डिंग एरिया की पहचान की है, क्योंकि हमारे पास आठ रेलवे स्टेशन हैं. प्रयागराज में रोजाना 500 ट्रेनें चलती हैं और हमारा यात्रियों से अनुरोध है कि वे पुलिस और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें.

प्रयागराज के अंदर रेलवे स्टेशनों की पहचान

उन्होंने कहा कि प्रयागराज में तीर्थयात्रियों के आवागमन के प्रवाह का आकलन करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रकाश ने कहा कि हमने प्रयागराज के अंदर रेलवे स्टेशनों की पहचान की है, उदाहरण के लिए लखनऊ और अयोध्या के तीर्थयात्रियों की आवाजाही के लिए फाफामऊ, गोरखपुर, दीन दयाल उपाध्याय नगर और बिहार के लिए झूंसी. उन्होंने कहा कि प्रयागराज में स्थिति सामान्य और पूरी तरह नियंत्रण में है. हमारे पास 24 घंटे काम करने वाला मजबूत नियंत्रण कक्ष है.

दिल्ली के ढाई घंटे बाद बिहार में भूकंप, सिवान में रहा केंद्र

दिल्ली-NCR के बाद बिहार में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.0 रही. सिवान इसका केंद्र रहा. 8.02 बजे भूकंप आया. इससे ढाई घंटे पहले दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. इसकी भी तीव्रता 4.0 ही थी लेकिन झटका बहुत तेज था. सुबह 5 बजकर 36 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि दिल्लीवासियों को सुबह-सुबह हिला डाला.

दिल्ली-एनसीआर में 4.0 तीव्रता वाले भूकंप की वजह से बेड, खिड़कियां और घर की कई चीजें हिलने लगीं. नई दिल्ली में जमीन से पांच किलोमीटर नीचे भूकंप का सेंटर था. गुरुग्राम-फरीदाबाद में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि, खास बात ये रही है कि इस भूकंप से किसी जान माल का नुकसान नहीं हुआ. भूकंप के बाद पीएम मोदी ने सभी से शांत, सुरक्षित और सतर्क रहने की अपील की.

क्यों और कैसे आता है भूकंप?

धरती के अंदर मौजूद प्लेटों के आपस में टकराने के चलते भूकंप आता है. भू-विज्ञान के जानकार बताते हैं कि हमारी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इन प्लेटों के टकराने पर जो ऊर्जा निकलती है, उसे भूकंप कहा जाता है. जानकार के मुताबिक, धरती के नीचे मौजूद ये प्लेटें बेहद धीमी रफ्तार से घूमती रहती हैं. हर साल ये प्लेटें अपनी जगह से 4-5 मिमी खिसक जाती हैं. इस दौरान कोई प्लेट किसी से दूर हो जाती है तो कोई किसी के नीचे से खिसक जाती है. इसी दौरान प्लेटों के टकराने से भूकंप आता है.

भूकंप के झटके महसूस होने पर क्या करें

भूकंप के झटके महसूस होते ही बिना देर किए तुरंत घर, ऑफिस से बाहर निकलकर खुली जगह पर चले जाएं.

बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें.

बाहर जाने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल कतई न करें. सीढ़ियों से ही नीचे पहुंचने की कोशिश करें.

भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर रहें ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे.