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चैंपियंस ट्रॉफी: BCCI ने बदला नियम, खिलाड़ियों को मिली परिवार के साथ रहने की अनुमति!

BCCI ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए नियम बदल दिए हैं. BCCI से जुड़़े सूत्रों के हवाले से कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा है बोर्ड ने टूर्नामेंट के दौरान परिवार को खिलाड़ियों संग रहने की इजाजत दे दी है. मतलब अगर खिलाड़ी चाहे तो चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान अपने परिवार को साथ रख सकता है . हालांकि इसमें कंडीशन ये है कि वो सिर्फ एक मैच के लिए ऐसा कर सकता है. ऑस्ट्रेलिया में खेली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हार के बाद BCCI ने 10 सूत्री नियम लागू किए थे, जिसमें से एक किसी विदेशी दौरे पर परिवार को साथ नहीं रखने से भी जुड़ा था.

सिर्फ एक मैच के लिए इजाजत- सूत्र

चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया दुबई में है. पहले के नियम के मुताबिक खबर ये थी कि कोई भी भारतीय खिलाड़ी इस दौरे पर अपने परिवार को साथ ना ले जा सकता है और ना ही रख सकता है. हालांकि, अब BCCI के सूत्रों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट ने लिखा है कि कोई भारतीय खिलाड़ी अगर अपने परिवार को दुबई ले जाना चाहता है तो वो सिर्फ एक मैच के लिए ऐसा कर सकता है.

BCCI ने क्यों की नियम में तब्दीली?

अब सवाल है कि BCCI ने अपने ही बनाए नियम में तब्दीली क्यों की? तो वो इस वजह से क्योंकि एक बड़े अधिकारी ने BCCI के सेक्रेटरी देवजीत सैकिया से इस बारे में बात की थी. जिसके बाद इस बात पर सहमति बनी कि किसी एक मैच के लिए खिलाड़ी ऐसा कर सकते हैं. मगर उसके लिए उन्हें BCCI को जानकारी देनी होगी. उनसे इजाजत लेनी होगी.

अभी तक किसी खिलाड़ी ने नहीं मांगी इजाजत

सामने आई रिपोर्ट में BCCI के एक अधिकारी की ओर से कहा गया कि टीम इंडिया का कोई भी खिलाड़ी शुरुआत में अपने परिवार के साथ नहीं गया है. उन्हें एक मैच के लिए परिवार को वहां बुलाने की इजाजत मिली है. बोर्ड के अधिकारी के हवाले से ये भी कहा गया कि हालांकि अभी तक किसी खिलाड़ी ने परिवार को दुबई बुलाने की इजाजत नहीं मांगी है

केएल राहुल का बुरा हाल, 5 साल बाद फीकी रही रणजी ट्रॉफी में वापसी

रणजी ट्रॉफी के कमबैक मैच विराट कोहली जब पहली पारी खेलने उतरेंगे तो क्या करेंगे, इस सवाल का जवाब भले ही अभी आना हो. लेकिन, केएल राहुल का रिपोर्ट कार्ड आ चुका है. रणजी ट्रॉफी की पिच पर केएल राहुल की 5 साल बाद वापसी हुई. मगर उनका प्रदर्शन उनके वापसी को दमदार नहीं बना सका. केएल राहुल अपने सबसे अजीज दोस्त मयंक अग्रवाल के साथ बल्लेबाजी कर रहे थे. मगर उनके सामने उनका हाल बुरा दिखा. 24 गेंदों पर रन बनाने से नाकाम रहने वाले केएल राहुल की रणजी की पिच पर 5 साल बाद वापसी बेहद फीकी रही.

5 साल बाद राहुल की रणजी ट्रॉफी में वापसी

हरियाणा के खिलाफ 30 जनवरी से शुरू हुए मुकाबले में कर्नाटक की टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी. पहला विकेट 45 रन पर गिरने के बाद केएल राहुल फर्स्ट डाउन बल्लेबाजी के लिए उतरे. साल 2020 के बाद ये पहली बार था जब राहुल रणजी मैच खेल रहे थे. वहीं उनके साथ दूसरे छोर पर मयंक अग्रवाल थे, जो कर्नाटक के कप्तान होने के अलावे केएल राहुल के अच्छे दोस्त भी थे. मगर राहुल इन सारे मौकों का बड़ा फायदा नहीं उठा सके.

मयंक के साथ 53 रन की साझेदारी करने के बाद हुए आउट

केएल राहुल ने मयंक अग्रवाल के साथ 53 रन की पार्टनरशिप कर अभी कर्नाटक के स्कोर को 99 रन तक पहुंचाया ही था, कि वो आउट हो गए. ऐसा तब हुआ जब पहले दिन के खेल में दूसरा सेशन खेलने उतरे. पहले सेशन में 16 रन बनाकर नाबाद रहने वाले राहुल ने दूसरे सेशन में अभी अपने स्कोर में 10 रन ही और जोड़े थे कि वो आउट हो गए.

24 गेंदों पर नहीं बनाया रन, ये रहा राहुल का स्कोर

केएल राहुल की इनिंग हरियाणा के खिलाफ 37 गेंदों की रही, जिसमें से 24 गेंदें उन्होंने डॉट खेली, मतलब उन गेंदों पर कोई रन नहीं बनाए. केएल राहुल के बल्ले से 37 गेंदों पर 26 रन निकले, जिसमें 4 चौके शामिल रहे.

केएल राहुल पहली पारी में तो 26 रन पर आउट हो गए. लेकिन उनके लिए मैच में अभी एक पारी बची है, जिसमें कुछ बड़ा कर वो अपने रणजी कमबैक को रोचक बना सकते हैं. देखना ये है कि वो उस मौके को भुना पाते हैं या नहीं.

ऋषभ पंत का रोहित से भी बुरा हाल, रणजी ट्रॉफी की दोनों पारियों में फेल, जडेजा ने किया ढेर

ऋषभ पंत ने लंबे समय के बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी की लेकिन ये दिग्गज दोनों ही पारियों में नाकाम साबित हुआ. सौराष्ट्र के खिलाफ रणजी मुकाबले में दिल्ली की टीम से खेल रहे पंत पहली पारी में एक और दूसरी पारी में सिर्फ 17 रन बना सके. राजकोट में चल रहे मुकाबले में दूसरे दिन पंत को टीम इंडिया के स्टार लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा ने अपना शिकार बनाया. रवींद्र जडेजा की गेंद पर शेल्डन जैक्सन ने उनका कैच लपका.

स्पिन के जाल में फंसे पंत

ऋषभ पंत जब क्रीज पर आए तो उनके खिलाफ सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने स्पिन का जाल बिछा दिया. जडेजा को युवराज सिंह डोडिया, धर्मेंद्र जडेजा और रवींद्र जडेजा ने गेंदबाजी की. पंत ने युवराज की गेंदों पर 8 गेंदो में 8 रन बनाए. धर्मेंद्र जडेजा की गेंद पर वो 3 गेंद में 1 रन बनाने में कामयाब रहे. रवींद्र जडेजा के खिलाफ पंत ने एक चौका लगाया लेकिन यही अनुभवी गेंदबाज उन्हें फंसाने में कामयाब रहा.

दिल्ली के उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे पंत

ऋषभ पंत जब दिल्ली की टीम में आए तो जाहिर तौर पर सभी खिलाड़ियों को उम्मीद होगी कि ये स्टार खिलाड़ी टीम को मैच जिताएगा लेकिन पंत तो टीम पर मानो बोझ ही बन गए. पंत ने दोनों पारियों में कुछ खास योगदान नहीं दिया और जब टीम मुश्किल में थी वो उसे संभाल ना सके. दिल्ली ने दूसरी पारी में 20वें ओवर में ही पंत का विकेट गंवाया. खबर लिखे जाने तक दिल्ली की टीम 75 रन पर आधी टीम गंवा चुकी थी. सौराष्ट्र के खिलाफ अब दिल्ली की हार लगभग तय नजर आ रही है.

रोहित, जायसवाल भी नहीं चले

रोहित शर्मा भी रणजी ट्रॉफी की दोनों पारियों में फेल रहे. पहली पारी में महज 3 रन बनाने वाले रोहित ने दूसरी पारी में तेजी से बल्लेबाजी की. इस खिलाड़ी ने 3 छक्के और 2 चौके लगाए. लेकिन जब ये खिलाड़ी 28 के स्कोर पर पहुंचा तो युद्धवीर सिंह चरक की गेंद ने उन्हें मैदान छोड़ने पर मजबूर कर दिया.यशस्वी जायसवाल भी 26 रन बनाकर युद्धवीर सिंह का शिकार बने. श्रेयस अय्यर 17 रन बना पाए. शिवम दुबे का तो खाता ही नहीं खुला.

भारतीय क्रिकेट टीम के खराब प्रदर्शन के बाद बीसीसीआई ने लिए 10 बड़े फैसले

भारतीय टीम पिछले कुछ महीनों से लगातार खराब प्रदर्शन कर रही है. पहले श्रीलंका से वनडे सीरीज, फिर घर पर न्यूजीलैंड से टेस्ट सीरीज और हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम में अनबन होने की खबरें भी सामने आईं. टीम के प्रदर्शन में गिरावट और ड्रेसिंग रूम में विवाद की बातें सामने आने के बाद से ही उम्मीद जताई जा रही थी कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड कोई सख्त कदम उठाएगा. अब बीसीसीआई एक रिव्यू मीटिंग के बाद टीम में एकता बढ़ाने और प्रदर्शन को फिर से बेहतर करने के लिए 10 सख्त नियम लेकर आई है. आइये जानते हैं क्या हैं ये नियम.

1. घरेलू खेलना मैच जरूरी

बीसीसीआई ने भारतीय टीम में सेलेक्शन के लिए योग्य होने के लिए घरेलू मुकाबलों में खेलना अनिवार्य कर दिया है. इस गाइडलाइन का मुख्य मकसद है कि सभी खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट के इकोसिस्टम से जुड़े रहें. इससे मैच फिटनेस मेंटेन करने के साथ-साथ नए खिलाड़ियों को देश के टॉप क्रिकेटर्स के साथ मुकाबला करने का मौका मिल सकेगा. इससे छूट पाने के लिए नेशनल टीम के खिलाड़ियों को पहले से सेलेक्सन कमेटी को बताना जरूरी होगा.

2. परिवार के साथ अलग ट्रेवल करने पर रोक

बीसीसीआई ने सभी खिलाड़ियों को मैच से लेकर प्रैक्टिस सेशन तक हर वक्त एक साथ ट्रेवल करना अनिवार्य कर दिया गया है. कोई खास कारण होने पर परिवार के साथ अलग से ट्रेवल करने के लिए हेड कोच, सेलेक्शन कमेटी के चेयरमैन से अनुमति लेनी होगी.

3. सामान पर लिमिट तय

बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के सामान पर भी लिमिट तय कर दी है. सीरीज के दौरान लिमिट से बाहर सामान ले जाने पर उन्हें खुद इसका खर्च उठाना पड़ेगा. बोर्ड के गाइडलाइन के तहत 30 दिन से ज्यादा विदेशी दौरों के लिए खिलाड़ी 5 बैग (3 सूटकेस और 2 किट बैग) या 150 किलो तक वजन ले जा सकते हैं. वहीं सपोर्ट स्टाफ 3 बैग (2 बड़े और एक छोट सूटकेस) या 80 किलो वजन के साथ ट्रेवल कर सकते हैं. 30 दिन से कम का दौरा होने पर 4 बैग (2 सूटकेस और 2 किट बैग) या 120 किलो तक वजन की अनुमति होगी. वहीं सपोर्ट स्टाफ 2 बैग (2 सूटकेस) या 60 किलो तक वजन ले जा सकते हैं. दूसरा नियम घरेलू सीरीज के दौरान भी लागू होगा.

4. पर्सनल स्टाफ पर रोक

अब से कोई भी खिलाड़ी सीरीज के दौरान अपना पर्सनल स्टाफ जैसे- शेफ, पर्सनल मैनेजर, ट्रेनर, सेक्रेटरी या कोई असिस्टेंट लेकर नहीं जा सकता है. इसके लिए उसे पहले बोर्ड से अनुमति लेनी होगी.

5. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अलग से सामान भेजना बेंगलुरु में मौजूद बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में खिलाड़ियों को कोई व्यक्तिगत सामान या उपकरण भेजने के लिए टीम मैनेजमेंट के साथ बातचीत करना होगा. एक्स्ट्रा खर्च आने पर उन्हें खुद इसका पेमेंट करना होगा.

6. जल्दी प्रैक्टिस सेशन छोड़ने पर रोक

बोर्ड ने सख्ती बरतते हुए साफ शब्दों में कह दिया है कि अब से खिलाड़ियों को पूरे प्रैक्टिस सेशन के दौरान साथ रहना होगा और वेन्यू पर साथ में ही ट्रेवल करना होगा. वो समय से पहले ट्रेनिंग छोड़कर नहीं जा सकते हैं.

7. पर्सनल ऐड शूट पर बैन

बीसीसीआई के नए नियमों के मुताबिक खिलाड़ी अब से किसी दौरे पर या सीरीज के दौरान पर्सनल ऐड शूट नहीं कर सकते हैं.

8. परिवार के लिए नियम

अगर टीम किसी विदेशी दौरे पर 45 दिन या उससे ज्यादा वक्त के लिए जाती है तो किसी भी खिलाड़ी की पत्नी, पार्टनर या परिवार उस दौरे पर एक बार सिर्फ 14 दिन तक साथ रह सकते हैं. बीसीसीआई इस दौरान उनके रहने के अलावा कोई भी खर्च नहीं देगी.

9. BCCI के ऑफिशियल एक्टिविटी में रहना अनिवार्य

बोर्ड के ऑफिशियल ऐड शूट, प्रमोशनल एक्टिविटी या किसी फंक्शन में खिलाड़ियों का मौजूद रहना जरूरी है.

10. दौरे के अंत तक टीम के साथ रहना अनिवार्य

इसके अलावा सीरीज या मैच अगर जल्दी खत्म हो जाता है तो वो प्लानिंग के अनुसार ही ट्रेवल करेंगे. समय से पहले टीम को छोड़कर कहीं नहीं जा सकते हैं, उन्हें टीम के साथ ही रहना होगा.

जसप्रीत बुमराह को चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर रखने की मांग, जानें क्या है वजह

जसप्रीत बुमराह ने हाल ही में समाप्त हुए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के 5 टेस्ट मैचों के दौरान उन्होंने 32 चटकाए थे. इसके साथ ही वो एक सीरीज सर्वाधिक ऑस्ट्र्रेलिया की धरती पर एक सीरीज में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बन गए थे. इस धमाकेदार प्रदर्शन के बावजूद 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी टीम के फिटनेस ट्रेनर रह चुके रामजी श्रीनिवासन ने बुमराह को चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर रखने की मांग की है. आखिर श्रीनिवासन ने बुमराह को इस बड़े टूर्नामेंट से दूर रखने के लिए क्यों कहा है? आइये जानते हैं.

बुमराह को क्यों स्क्वॉड में नहीं होना चाहिए?

रामजी श्रीनिवासन ने जसप्रीत बुमराह को स्क्वॉड के बाहर रखने की पीछे मुख्य वजह उनकी फिटनेस बताई. उनके मुताबिक अगर जरा सा भी शक है तो चैंपियंस ट्रॉफी में ले जाकर उन्हें खतरे में नहीं डालना चाहिए. श्रीनिवासन ने बुमराह को एक खजाना बताया.

उन्होंने कहा कि ‘बुमराह एक खजाना हैं और उन्हें संभालकर रखा जाना चाहिए. चैंपियंस ट्रॉफी दुनिया का अंत नहीं है. अगर उनकी फिटनेस पर थोड़ा भी शक है तो उन्हें स्क्वॉड का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए. उन्होंने कभी भी अपने करियर में लगातार 5 टेस्ट मैचों में गेंदबाजी नहीं की है.’

बता दें सिडनी टेस्ट की पहली पारी के दौरान बुमराह को अचानक कमर में दिक्कत हुई और वो बाहर चले गए थे. मैच के दौरान ही उनका स्कैन भी किया गया था. हालांकि, उनकी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है. इसके बाद दूसरी पारी में उन्होंने गेंदबाजी नहीं की थी.

6 महीने में ठीक होंगे बुमराह

श्रीनिवासन टीम इंडिया के स्ट्रेंथ और कंडिशनिंग कोच थे. इसलिए उन्होंने बुमराह की इंजरी को लेकर एक अनुमान भी लगाया. बता दें सिडनी टेस्ट के दौरान पहले बुमराह को लेकर पीठ में ऐंठन की समस्या को रिपोर्ट किया गया था. इसे लेकर श्रीनिवासन ने कहा कि अगर ऐसा है तो चिंता करने का बात नहीं है. वह जल्दी ठीक हो जाएंगे.

श्रीनिवासन का मानना है कि भारत के लिए रवाना होते-होते वो अच्छा भी महसूस करने लगे होंगे. आमतौर लंबी सीरीज के बाद ऐसा हो जाता है. लेकिन इंजरी अगर स्ट्रेस फ्रैक्चर से जुड़ी हुई है और ग्रेड 1 से लेकर ग्रेड 3 के बीच में है तो समस्या बड़ी हो सकती है. ऐसे में बुमराह को रिकवर होने में 6 महीने का समय लग सकता है.

भारत-पाकिस्तान मैच किया गया रद्द, इस वजह से पड़ोसी देश टूर्नामेंट से हुआ बाहर

पहले खो-खो वर्ल्ड कप का आगाज 13 जनवरी से दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में होने जा रहा है. इस टूर्नामेंट में टूर्नामेंट में पुरुष और महिला दोनों श्रेणियों में रोमांचक मैच होंगे, जिसमें कुल 39 टीमें हिस्सा लेंगी. बता दें, ये पहले ये टूर्नामेंट 40 टीमों के बीच खेला जाना था. पुरुषों की प्रतियोगिता में 20 टीमें शामिल हैं, लेकिन इसमें पाकिस्तान की टीम का नाम नहीं है. बता दें, टूर्नामेंट का पहला मैच भारत और पाकिस्तान की टीमों के बीच ही होगा था. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

नहीं होगा भारत-पाकिस्तान खो-खो मैच

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वीजा मिलने में देरी के कारण पाकिस्तान की टीम नई दिल्ली में होने वाले पहले खो-खो वर्ल्ड कप में भाग नहीं ले पाएगी. पाकिस्तानी टीम को अभी तक वीजा नहीं मिला है. ऐसे में 13 जनवरी को भारतीय पुरुष टीम का पहला मुकाबला नेपाल से होगा. खो खो विश्व कप की सीओओ गीता सूदन ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए बताया, ‘जब हमने कार्यक्रम बनाया था, तो हमें उम्मीद थी कि यह योजना के अनुसार ही होगा. लेकिन यह वास्तव में हमारे नियंत्रण में नहीं है, विदेश मंत्रालय ने उनके आवेदन को मंजूरी नहीं दी है, इसलिए ऐसा लगता है कि उनके खेलने की संभावना नहीं है. बता दें, हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर दोनों देशों के बीच काफी टकराव देखने को मिला था. इसका असर अब बाकी खेलों पर भी देखने को मिल रहा है.

खो-खो वर्ल्ड कप में अब पुरुषों के मैचों का आगाज भारत और नेपाल के बीच होने पहले मैच के साथ होगा, जो भारतीय समयानुसार रात 8:30 बजे से खेला जाएगा. लीग स्टेज के मैच 16 जनवरी तक खेले जाएंगे. इसके बाद 17 जनवरी से प्लेऑफ के मैच शुरू होंगे. वहीं, फाइनल 19 जनवरी को भारतीय समयानुसार रात 8:15 बजे से होगा. दूसरी और महिलाओं की प्रतियोगिता में कुल 19 टीमें खेलती हुईं नजर आएंगे.

इन टीमों से होगा भारत का सामना

पुरुषों की प्रतियोगिता में 20 टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया है. भारतीय टीम के ग्रुप में नेपाल, पेरू, ब्राजील और भूटान की टीमें शामिल हैं. इनके अलावा साउथ अफ्रीका, घाना, अर्जेंटीना, नीदरलैंड्स, ईरान, बांग्लादेश, श्रीलंका, साउथ कोरिया, अमेरिका, पोलैंड, इंग्लैंड, जर्मनी, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया और केन्या भी इस टूर्नामेंट का हिस्सा हैं.

भारतीय क्रिकेटर शिवम दुबे फिर से पिता बने, दूसरी बार बेटी का आगमन

भारतीय टीम के स्टार ऑलराउंडर शिवम दुबे के घर फिर से बच्चे की किलकारी गूंजी है. अब उनका परिवार भी रोहित शर्मा की तरह 3 से बढ़कर 4 हो गया है. वो दूसरी बार पिता बने हैं. उनकी पत्नी अंजुम खान ने बेटी को जन्म दिया. इस बात की जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया के जरिए दी है. शिवम ने शनिवार 4 जनवरी की शाम को इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए बताया कि उनके घर ‘नन्ही परी’ आई है और इसके साथ ही उनका परिवार भी बढ़ गया है. बता दें शिवम पहली बार 2022 में पिता बने थे. तब उनकी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया था.

बेटी का रखा ये नाम

शिवम दुबे ने अपनी बेटी के जन्म के बारे में जानकारी देते हुए उसका नाम भी बताया. उन्होंने खास पोस्ट में खुलासा करते हुए लिखा कि ‘लड़की हुई है…हमारा परिवार अब 4 लोगों का हो गया है. प्लीज मेहविश शिवम दुबे का स्वागत करें.’ इसका मतलब है कि उन्होंने अपनी नन्ही बच्ची का नाम ‘मेहविश’ रखा है. इस नाम का मतलब चांद जैसा सुंदर या चमकता सितारा होता है. शिवम के बेटे का नाम अयान है, जिसका मतलब आशिर्वाद होता है.

शिवम दुबे और अंजुम खान कई साल तक एक-दूसरे डेट करने के बाद साल 2021 में शादी की थी. उन्होंने जब ये बात अपने फैंस से शेयर की तो उन्हें काफी ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा था. इसके पीछे वजह ये थी कि उनकी पत्नी मुस्लिम हैं और वो हिंदू. हालांकि, इसका असर उन्होंने कभी खुद पर अपनी जिंदगी पर नहीं पड़ने दिया.

इस टूर्नामेंट में ले रहे हिस्सा

शिवम दुबे ने साल 2019 में टीम इंडिया के लिए टी20 और वनडे डेब्यू किया था. हालांकि, इसके बाद वो सिर्फ 4 वनडे मैच ही खेल पाए. लेकिन टी20 टीम का लगातार हिस्सा बने रहे. टी20 वर्ल्ड कप 2024 में भी वो भारतीय टीम का अहम हिस्सा था. फिलहाल वो घरेलू वनडे टूर्नामेंट विजय हजार ट्रॉफी में मुंबई की ओर से हिस्सा ले रहे हैं. हालांकि, बच्चे की जन्म की वजह से ग्रुप स्टेज के दो मुकाबलों में नहीं खेल पाएंगे. इसके लिए उन्होंने छुट्टी मांग ली है. बता दें आईपीएल 2025 के लिए चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें 12 करोड़ में रिटेन किया था.

रोहित शर्मा ने सिडनी टेस्ट से बाहर बैठने का किया खुलासा, बताया क्यों नहीं खेल रहे हैं मैच

टीम इंडिया सिडनी टेस्ट में रोहित शर्मा के बिना उतरी है. इस दौरे पर वह अभी तक पूरी तरह फ्लॉप रहे थे, जिसके चलते इस मैच में वह बाहर बैठे हैं. पिछले कुछ दिनों से ये खबरें चल रही थीं कि मैनेजमेंट अब उन्हें टेस्ट टीम में नहीं चाहता है और ये सीरीज उनके करियर की आखिरी टेस्ट सीरीज है. ऐसे में सबसे बड़े सवाल ये भी है कि रोहित को सिडनी टेस्ट से बाहर निकाला गया है या फिर वह खुद इस मैच से बाहर बैठे हैं. रोहित शर्मा ने अब खुद इस सवाल का जवाब दे दिया है.

रोहित शर्मा ने किया बड़ा खुलासा

रोहित शर्मा ने सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन लंच के समय स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत करते हुए कहा, ‘मैं खुद सिडनी टेस्ट से बाहर बैठा हूं. अभी बल्ला नहीं चल रहा है. मैंने चयनकर्ताओं और कोच को बताया कि मेरे बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं, इसलिए मैंने हटने का फैसला किया. मैं 2 बच्चों का बाप हूं, समझदार हूं, परिपक्व हूं, पता है कब क्या करना है. टीम के आउट ऑफ फॉर्म बल्लेबाजों को इतना महत्वपूर्ण मैच खेलने का मौका नहीं मिलना चाहिए, इसलिए मैंने बाहर बैठने का फैसला किया है.’

रोहित शर्मा ने आगे कहा, ‘अभी रन नहीं आ रहे हैं, लेकिन इसकी गारंटी नहीं है कि 5 महीने बाद भी नहीं आएंगे. मैं कड़ी मेहनत करूंगा. पर ये फैसला कोई रिटायरमेंट का नहीं है. बाहर लैपटॉप, कलम और कागज लेकर बैठे लोग यह तय नहीं करते कि रिटायरमेंट कब आएगा और मुझे क्या फैसले लेने होंगे.’ इसके अलावा रोहित ने बताया कि वह लगातार कोशिश कर रहे थे कि रन बनाएं लेकिन नहीं हो रहा था, ऐसे में उन्होंने सिडनी आने के बाद मैनेजमेंट को बताया कि वह आखिरी मैच नहीं खेलेंगे.

ऑस्ट्रेलिया सीरीज में नहीं चला बल्ला

रोहित शर्मा इस टेस्ट सीरीज में रन बनाने के लिए जूझते हुए नजर आ रहे थे. सीरीज के 3 मैचों में उन्होंने 3, 6, 10, 2 और 9 रन की पारियां खेली थीं. यानी भारतीय कप्तान ने 5 पारियों में 6.20 की औसत से कुल 31 रन बनाए थे. इससे पहले बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई सीरीज में भी वह पूरी तरह फ्लॉप रहे थे. पिछले 8 टेस्ट मैचों में वह एक ही अर्धशतक लगा सके हैं. जिसके चलते रोहित ने इस अहम मैच में बाहर बैठने का फैसला किया, ताकी टीम इंडिया सीरीज में बराबरी कर सके.

रोहित शर्मा बाहर, ऑस्ट्रेलिया में ये खिलाड़ी करेगा डेब्यू? ऐसी होगी टीम इंडिया की Playing XI

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. सीरीज का आखिरी मुकाबला शुक्रवार 3 जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा. भारतीय टीम फिलहाल 1-2 से पीछे चल रही है. ट्रॉफी को रिटेन करने के लिए अब ये मैच हर हाल में जीतना होगा. इसके लिए टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मजबूत प्लेइंग इलेवन उतारना चाहेगी, जिसकी तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है. रोहित शर्मा का पांचवें टेस्ट से बाहर होना तय माना जा रहा है. रोहित के बाहर होने से शुभमन गिल की वापसी की पूरी उम्मीद है. वहीं प्रसिद्ध कृष्णा को पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच खेलने का मौका मिल सकता है.

सिडनी में होंगे 4 बड़े बदलाव

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिडनी टेस्ट में भारतीय टीम 4 बड़े बदलाव कर सकती है. मुकाबले से एक दिन पहले दावा किया गया है कि खराब फॉर्म में चल रहे रोहित शर्मा ने खुद को इस मुकाबले से बाहर रखने का फैसला किया है. उन्होंने इसकी जानकारी चीफ सेलेक्टर अजीत अगर और टीम के हेड कोच गौतम गंभीर को दे दी है. उनकी जगह शुभमन गिल को मौका दिया जा सकता है. वो नंबर 3 पर खेलते हुए नजर आ सकते हैं. ऐसे में एक और बदलाव लाजिमी है. केएल राहुल फिर से ओपनिंग करते हुए दिख सकते हैं.

प्लेइंग इलेवन का तीसरा अहम चेंज गेंदबाजी में किया जा सकता है. मेलबर्न टेस्ट में खेलने वाले तेज गेंदबाज आकाश दीप बैक इंजरी के कारण टीम से बाहर हो गए हैं. इसलिए अब अंतिम मुकाबले में प्रसिद्ध कृष्णा को मौका दिए जाने की खबर सामने आई है. बता दें वो 2 टेस्ट मैच साउथ अफ्रीका में खेल चुके हैं लेकिन पहली बार ऑस्ट्रेलिया में खेलने वाले हैं. इसका मतलब एक तरह से उनके लिए ये कंगारू टीम की धरती पर टेस्ट डेब्यू होगा.

बुमराह को फिर मिलेगी कप्तानी

सिडनी टेस्ट का चौथा सबसे बड़ा बदलाव कप्तानी को लेकर होगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टीम इंडिया के रेगुलर कप्तान रोहित शर्मा के नहीं होने पर टीम की कमान वापस पर्थ टेस्ट के विजेता जसप्रीत बुमराह को दे दी जाएगी. यानि वो अंतिम मुकाबले में भारतीय टीम की कप्तानी करते हुए नजर आ सकते हैं.

ऑस्ट्रेलिया ने भी अंतिम मुकाबले के लिए अपनी प्लेइंग इलेवन का ऐलान कर दिया है. कप्तान पैट कमिंस ने सीरीज के आखिरी टेस्ट के लिए बड़ा कदम उठाते हुए एक बदलाव किया और मिचेल मार्श को बाहर कर दिया है. उन्होंने मार्श की जगह ऑलराउंडर ब्यू वेब्स्टर को मौका दिया है. वेब्स्टर भारत के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू करेंगे.

टीम इंडिया की प्लेइंग XI:

केएल राहुल, यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, नीतीश कुमार रेड्डी, वॉशिंगटन सुंदर, जसप्रीत बुमराह, प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद सिराज

ऑस्ट्रेलिया की प्लेइंग XI:

सैम कॉन्स्टस, उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ, ट्रेविस हेड, ब्यू वेब्स्टर, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), नाथन लॉयन, पैट कमिंस (कप्तान), मिचेल स्टार्क, स्कॉट बोलैंड

रोहित शर्मा का टेस्ट करियर खतरे में! 3 बड़ी वजहें जो संन्यास की ओर कर रही हैं इशारा

टेस्ट की एक और पारी, रोहित शर्मा पर भारी. अगर आप ये सोचकर बैठे थे कि मेलबर्न टेस्ट की दूसरी पारी में नजारा कुछ बदलेगा. 30 दिसंबर की सुबह जब आप सोकर उठेंगे तो रोहित की बल्लेबाजी में कुछ बदला-बदला सा दिखेगा, तो माफ कीजिएगा ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. रोहित ने बेशक गेंदों के हिसाब से बीते 2 महीनों में अपनी सबसे लंबी टेस्ट इनिंग खेली, मगर रनों के मामले में वो एक बार फिर से फिसड्डी ही रहे. टेस्ट क्रिकेट में लगातार नाकामियों ने रोहित की नाक में दम तो कर ही रखा था, मेलबर्न वाली इनिंग के बाद अब उनके सफेद जर्सी में मैदान पर वापसी में भी सवालिया निशान लग रहे हैं.

क्या रोहित शर्मा टेस्ट से लेंगे संन्यास?

सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या मेलबर्न टेस्ट, रोहित शर्मा का आखिरी होने वाला है? क्या रोहित शर्मा सिडनी में होने वाला अगला टेस्ट नहीं खेलेंगे? ये वो सवाल हैं जिनके जवाब मेलबर्न टेस्ट के नतीजे में छिपे हैं. भारत अगर मेलबर्न टेस्ट जीतता है तो हो सकता है कि रोहित, सिडनी में भी कप्तानी करते दिखें. लेकिन, अगर हारा तो खबरें ऐसी चल रही हैं कि सिडनी टेस्ट में कप्तानी की बागडोर बुमराह को सौंपी जा सकती है. बीते दिनों एक रिपोर्ट भी थी कि चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ऑस्ट्रेलिया में मौजूद ही इसी वजह से हैं कि वो रोहित शर्मा के टेस्ट करियर पर फैसला ले सकें.

क्यों तनी है रोहित पर उंगली?

बहरहाल, अब ये जानना जरूरी है कि रोहित शर्मा पर उंगलियां क्यों तनी हैं? इस अहम सवाल के तार सिर्फ मेलबर्न टेस्ट की पारी से नहीं जुड़ी है. बल्कि, ये तो रोहित के पिछले कई टेस्ट मैचों में एक जैसे प्रदर्शन का असर है. वो प्रदर्शन जिससे कोई भी पीछा छुड़ाना चाहेगा. अब रोहित का तो अपने खराब फॉर्म से पीछा छूट नहीं रहा तो भारतीय टीम मैनेजमेंट ही चाहेगा कि रोहित से अलग हो लिया जाए.

मौजूदा BGT में 6.20 का औसत

टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी में रोहित शर्मा की विफलता का खेल इसी से समझा जा सकता है कि उन्होंने जितने रन नहीं मौजूदा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में बनाए हैं. करीब-करीब उतने विकेट जसप्रीत बुमराह ने अपने नाम कर लिए हैं. रोहित शर्मा ने 3 टेस्ट की 5 पारियों में 6.20 की औसत से सिर्फ 31 रन बनाए हैं. जबकि. बुमराह ने 30 विकेट लिए हैं. साफ है कि बुमराह के लिए विकेटों से सिर्फ एक ज्यादा है रोहित के रनों की संख्या. खैर, ये तो हुई पहली वजह, जिसके चलते रोहित शर्मा के टेस्ट करियर पर तलवार लटकी है.

एक या दो नहीं, पिछली 15 पारियों की रामकहानी एक जैसी

दूसरी वजह, रोहित को संन्यास की ओर धकेलने की ये है कि सवाल सिर्फ मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ही रोहित की असफलता का नहीं है. बल्कि उन्होंने पहले भी ऐसे ही नाकामियों का दौर देखा है. रोहित शर्मा की अगर पिछली 15 टेस्ट पारियों की बात करें तो उन्होंने वहां भी कुछ खास परफॉर्म नहीं किया. रोहित ने पिछली 15 टेस्ट पारियों में 10.93 की औसत से केवल 164 रन बनाए हैं, जिसमें उनका बेस्ट स्कोर 23 रन का रहा है. मतलब शतक तो दूर की बात है अर्धशतक भी भारतीय कप्तान से नहीं लग रहा.

बल्लेबाजी फेल, कप्तानी भी डिरेल

रोहित शर्मा की बल्लेबाजी तो फेल है ही. कप्तानी में भी हाथ उतने ही तंग है. पर्थ में भारत ने पहला टेस्ट जीता क्योंकि कमान जसप्रीत बुमराह के हाथ में थी. लेकिन, जैसे ही एडिलेड में रोहित में कप्तानी की बागडोर संभाली, टीम को हार का सामना करना पड़ा. ब्रिसबेन में खेला तीसरा टेस्ट ड्रॉ हुआ, जिसमें बारिश की बड़ी मेहरबानी रही. इतना ही नहीं, इससे पहले घर में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भी रोहित की कप्तानी सवालों के घेरे में रही थी, जब भारत को क्लीन स्वीप का शिकार होना पड़ा था.

संन्यास की बातें तो होंगी ही?

अब इतने सारे लूपहोल्स होंगे तो सवाल तो उठेंगे ही. लोग संन्यास की बातें तो करेंगे ही. वहीं हो भी रहा है. सोशल मीडिया पर रोहित शर्मा का संन्यास ट्रेंड में हैं