पुलिस मुख्यालय में हुई समीक्षा बैठक,डीजीपी ने कहा- अभ्यर्थियों का चरित्र-सत्यापन उनके गृह जनपदों से कराया जायेगा
लखनऊ । डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा मंगलवार को पुलिस मुख्यालय सिग्नेचर बिल्डिंग में पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण, अपर पुलिस महानिदेशक यूपी पुलिस मुख्यालय, पुलिस महानिरीक्षक कार्मिक,स्थापना, पुलिस महानिरीक्षक भवन एवं कल्याण के साथ पुलिस में आरक्षी ना.पु. के पदों पर सीधी भर्ती-2023 के अन्तर्गत भर्ती होने वाले 60,244 अभ्यर्थियों का 9 माह का आधारभूत प्रशिक्षण एक साथ कराये जाने के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की गयी।
विदित हो कि आरक्षी नागरिक पुलिस के 60,244 पदों की सीधी भर्ती प्रदेश की अब तक की सबसे बड़े सेवायोजन से सम्बन्धित ऐतिहासिक एवं अत्यन्त महत्वपूर्ण भर्ती है। अन्तिम रूप से चयनित होने वाले अभ्यर्थियों का परीक्षाफल घोषित होने के उपरान्त उनका चिकित्सीय परीक्षण एवं परीक्षण में उपयुक्त पाये गये अभ्यर्थियों का चरित्र-सत्यापन उनके गृह जनपदों से कराया जायेगा इसमें उपयुक्त पाये गये अभ्यर्थियों का एक माह का प्रारम्भिक प्रशिक्षण (जेटीसी) प्रदेश के 75 जनपदों में कराया जायेगा तत्पश्चात 09 माह का आधारभूत प्रशिक्षण, प्रशिक्षण केन्द्रों पर कराया जायेगा। प्रशिक्षण के लिए सभी प्रकार के संसाधन और सभी अधिकारियों एवं कर्मियों का योगदान अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसी को लेकर डीजीपी द्वारा समीक्षा गोष्ठी के दौरान कई निर्देश जारी किया गया है।
डीजीपी का निर्देश है कि प्रशिक्षण के लिए समस्त आधार भूत सुविधाओं एवं संसाधनो की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। प्रशिक्षुओं को उच्च कोटि का प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु विभिन्न तकनीकी यथा वीडियो कान्फ्रेसिंग इत्यादि माध्यमों से प्रशिक्षण दिया जाना है, जिसके लिये आधुनिकी तकनीकी उपकरणों की व्यवस्था पूर्व से कर ली जाय। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को तीन नये कानूनों की गहनता से जानकारी उपलब्ध करायी जाय। प्रशिक्षुओं को आधुनिक तकनीक से दक्ष बनाने हेतु साइबर क्राइम इत्यादि के बारे में गहनता से जानकारी देते हुये उन्हें प्रशिक्षित किया जाय। भौतिक साक्ष्य संकलन को फॉरेन्सिक विषयों की क्रमबद्ध तरीके से गहन जानकारी दी जाय। महिला प्रशिक्षुओं की सुरक्षा एवं मूलभूत सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाय।
प्रशिक्षण के दौरान मूलभूत सुविधायें यथा आवास इत्यादि की समुचित व्यवस्था पूर्व से पूर्ण कर ली जाय। अभ्यर्थियों को व्यवसायिक रूप से दक्ष बनाने एवं आधुनिक तकनीकी ज्ञान से युक्त करने के लिए पर्याप्त संख्या में कम्प्यूटर तथा कम्प्यूटर कक्ष इत्यादि की व्यवस्था कर ली जाय। प्रशिक्षुओं को आम जनता से अच्छे व्यवहार के लिए साफ्ट स्किल का प्रशिक्षण दिया जाय। प्रशिक्षण के दौरान उपचार को चिकित्सालय की समुचित व्यवस्था कर ली जाये। बाह्य प्रशिक्षण हेतु बाह्य उपकरण (आब्सटिकल), खेल सामग्री इत्यादि की व्यवस्था कर ली जाय। अन्त: कक्ष एवं बाह्य कक्ष प्रशिक्षकों को समय से चिन्हित कर प्रशिक्षण को सुगम बनाया जाय।
Feb 05 2025, 10:33