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बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में आया भाजपा नेता का नाम, बेटे जीशान के दावे के बाद मामले में नया मोड़
#baba_siddiqui_case_bjp_leader_mohit_kamboj
एनसीपी अजित गुट के नेता बाबा सिद्दीकी के मर्डर केस में पुलिस ने चार्जशीट फाइल कर दी है। इस चार्जशीट में बाबा को गोली मारने वाले मेन शूटर शिवकुमार गौतम ने दावा किया है कि सिद्दीकी के दाऊद इब्राहिम से संबंध और 1993 के मुंबई धमाकों में शामिल होने के कारण अनमोल ने उसे मारने का आदेश दिया था। वहीं दूसरी ओर बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी ने एक बड़ा बयान देकर मामले में और गर्माहट ला दी है। जीशान ने दावा किया कि उनके पिता के साथ कई डेवलपर्स, कॉन्ट्रैक्टर्स और भाजपा नेताओं का संपर्क था, जो पुनर्विकास परियोजनाओं से जुड़े हुए थे। साथ ही उन्होंने इस मामले में अपने पिता की एक डायरी का भी जिक्र किया। 

जीशान ने पुलिस को बताया कि एक बार एक डेवलपर ने उनके पिता के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता और वे खुद बांद्रा में झुग्गीवासियों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष कर रहे थे और इस कारण उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए थे। जीशान सिद्दीकी ने पुलिस को बताया कि उनके पिता बाबा सिद्दीकी के साथ कई डेवलपर्स का नियमित संपर्क था। इसलिए उनके पिता को अपनी चिजें डायरी में लिखने की आदत थी।

जीशान ने यह भी बताया कि हत्या के दिन शाम 5:30 से 6 बजे के बीच भाजपा कार्यकर्ता मोहित कंबोज ने उनके पिता से व्हाट्सएप पर संपर्क किया था। मोहित, जो बांद्रा में मुंद्रा बिल्डर्स के एक प्रोजेक्ट के बारे में उनके पिता से मिलना चाहता था, इस बारे में उनसे बात कर रहा था।

बता दें कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में पुलिस ने गिरफ्तार किए गए 26 आरोपियों में से छह ने मजिस्ट्रेट के सामने विस्तृत कबूलनामा दिया है, जो चार्जशीट का हिस्सा है। पुलिस ने चार्जशीट में जीशान सिद्दीकी के बयान को भी शामिल किया है। पूर्व विधायक ने पुलिस को दिए अपने बयान में शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब का भी नाम लिया है। उन्होंने दावा किया है कि परब ने एसआरए परियोजना के बारे में झुग्गीवासियों की एक बैठक की थी।

24 अक्टूबर, 2024 को दर्ज कराए गए बयान में जीशान सिद्दीकी ने कहा कि वह बांद्रा ईस्ट और वेस्ट में एसआरए परियोजनाओं में काम करने वालों के अधिकारों के लिए लड़ रहे थे। कई डेवलेपर्स वहां के लोगों के साथ अन्याय कर रहे थे। बयान में उन्होंने दावा किया है कि पृथी चव्हाण, शाहिद बलवा, शिवालिक वेंचर्स, अडानी, नबील पटेल, विनोद गोयनका, परवेज लकड़वाला, मुंद्रा बिल्डर्स, विनय ठक्कर, ओमकार बिल्डर्स और बीजेपी नेता मोहित कंबोज सहित कई बिल्डर मेरे पिता के साथ नियमित संपर्क में थे।अपने बयान में जीशान सिद्दीकी ने बताए गए सभी प्रोजेक्ट की जांच की मांग की थी।

वहीं, जीशान के बयान में नाम आने के बाद मोहित कंबोज ने प्रतिक्रिया दी है। मोहित का कहना है कि पूरे मामले में जीशान के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. बाबा सिद्दीकी मेरे अच्छे दोस्त थे। हफ्ते में दो से तीन बार मैं उनसे बात करता था। कंबोज के मुताबिक हत्या के दिन उसी शाम मेरी बात बाबा सिद्दीकी से हुई और वे एनडीए के नेता थे। हम दोनों में राजनीति और नॉर्मल बाते होती रहती थी। मैं भी बांद्रा में रहता हूं और सिद्दीकी भी यहीं पर रहते थे।
दिल्ली में यमुना के पानी को लेकर सियासत तेज, केजरीवाल के आरोप पर हरियाणा सरकार का पलटवार
#kejriwal_statement_on_ammonia_in_yamuna दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। 5 फरवरी को होने वाली वोटिंग से पहले सियासी हलचल तेज हैं। राजनीतिक पार्टियां जमकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है। इस बीच दिल्ली विधानसभा चुनाव में यमुना प्रमुख मुद्दा बनती जा रही है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने सोमवार को आरोप लगाया कि हरियाणा से दिल्ली आ रहे यमुना के पानी में वहां की बीजेपी सरकार ने जहर मिला दिया है। केजरीवाल के यमुना में जहर वाले बयान पर दिल्ली से लेकर हरियाणा तक सियासी पारा चढ़ गया।

सोमवार को आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी शासित हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। उनका कहना है कि हरियाणा सरकार षड्यंत्र के जरिए यमुना के पानी को जहरीला बना रही है। अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को पालम में एक जनसभा में कहा कि हरियाणा की बीजेपी सरकार ने यमुना नदी के पानी में जहर मिला दिया था। जिसकी वजह से दिल्ली में हरियाणा की तरफ से आने वाले पानी को रोका गया।दिल्ली के पानी पर जल बोर्ड के अधिकारियों को शक हुआ तो उन्होंने टेस्ट किया तो हमने पानी रोक दिया। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने जहरीले पानी से दिल्ली के लेगों को बचा लिया।

*सीएम आतिशी ने उठाया ये मुद्दा*
वहीं इस मामले में सीएम आतिशी ने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल और मैंने बीजेपी द्वारा दिल्ली में जहरीला पानी भेजने की साजिश का पर्दाफाश किया, तो बीजेपी ने तुरंत अपने एलजी के माध्यम से दिल्ली सरकार के अफसरों पर दबाव बनाया और दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ से चिट्ठी जारी करवाई। बीजेपी यह दिखाना चाहती थी कि कोई समस्या नहीं है, कोई साजिश नहीं है और कोई जहरीला पानी नहीं आ रहा है, लेकिन सच तो सच होता है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ ने जो चिट्ठी लिखी है, उसमें साफ लिखा है कि जल बोर्ड के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट केवल 1 पीपीएम अमोनिया तक वाले पानी को ट्रीट कर सकते हैं और अधिकतम 2 से 2.5 पीपीएम तक के अमोनिया वाले पानी को अधिक पानी मिलाकर ट्रीट किया जा सकता है। लेकिन आज यमुना नदी में 6.5 पीपीएम अमोनिया है यानी बीजेपी की हरियाणा सरकार 6 गुना ज्यादा अमोनिया यमुना में छोड़ रही है और दिल्ली को जहरीला पानी भेज रही है।

*नायब सिंह सैनी का पलटवार*
केजरीवाल के आरोप पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा, केजरीवाल ने यह बयान देकर साबित कर दिया है कि वह सस्ती राजनीति के लिए कुछ भी कर सकते हैं। जिस धरती पर वह पैदा हुए वहां का अपमान किया है। हम लोग यमुना नदी को पवित्र मानते हैं। यहां के लोग नदी में जहर क्यों मिलाएंगे। 2020 में केजरीवाल ने कहा था कि यमुना नदी को साफ करेंगे नहीं तो वोट मांगने नहीं आएंगे। केजरीवाल वादा पूरा करने में फेल हुए तो दिल्ली के लोगों को गुमराह कर रहे हैं। केजरीवाल इस बयान के लिए माफी मांगे नहीं तो हम उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएंगे।

*केजरीवाल के बयान पर वीरेंद्र सचदेवा का हमला*
अरविंद केजरीवाल के बयान पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हरियाणा सरकार पर जो आज आरोप लगाए गए हैं। अरविंद केजरीवाल आज भूल गए हैं कि वह हरियाणा में जन्मे हैं। उन्होंने उसी जमीन पर जन्म लिया है। चुनाव लोगों को धमकी देकर नहीं जीता जाता है। उन्होंने यमुना को साफ नहीं किया है। गंदा पानी दिया है। उन्होंने झूठ और भ्रष्टाचार को छुपाया है और वो हरियाणा सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।

*कांग्रेस भी “रेस”*
वहीं, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल पर अटैक करते हुए कहा कि कई दिनों से दिल्ली वालों को पानी नहीं मिल पा रहा। दिल्ली के पानी को आप सरकार और अरविंद केजरीवाल ने गंदा किया है। इसके लिए उन्होंने इतना बड़ा झूठ बोल दिया कि यमुना के पानी में जहर आ रहा था, इस जहर की सफाई हम कर रहे थे। इस कारण पानी आपको नहीं दे पाए। अगर आप ऐसा कुछ कर रहे थे को कोई एक्टिविटी दिखाइए कि आप जहर साफ कर रहे थे। आप वो मापदंड बताइये जिसमें आपने जहर चेक किया था।
टिकटॉक को खरीद सकती है माइक्रोसॉफ्ट, ट्रंप में छेड़ी ‘बिडिंग वॉर
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’* माइक्रोसॉफ्ट अमेरिका में टिकटॉक को खरीदने की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को बताया कि माइक्रोसॉफ्टर, चाइनीज एप टिकटॉक के अमेरिकी व्यापार को खरीद सकती है। ट्रंप ने बताया कि दोनों पक्षों में फिलहाल बात हो रही है। ट्रंप ने ये भी कहा कि वह चाहते हैं कि अन्य कंपनियां भी टिकटॉक के लिए बोली लगाएं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने कहा कि टिकटॉक को खरीदने के लिए कई दावेदार रुचि दिखा रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि वह चाहते हैं कि इस जॉइंट वेंचर में अमेरिका की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी हो। ट्रंप ने टिकटॉक पर एक वीडियो में कहा कि टिकटॉक के लिए बहुत सारी बोलियां आ रही हैं। देखते हैं क्या होता है। बहुत लोग इस पर बोली लगाएंगे, और अगर हम डेटा और नौकरियों को बचा सकें और इसमें चीन को शामिल न करें, तो यह अच्छा होगा। हम चीन को इसमें शामिल नहीं करना चाहते। देखते हैं आगे क्या होता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, मुझे बिडिंग वॉर पसंद हैं, क्योंकि इसमें सबसे अच्छी डील करने का मौका मिलता है। अगर बिडिंग वॉर हो रही है, तो यह एक सकारात्मक बात है। 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद, ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर साइन किए, जिसमें टिकटॉक को फेडरल कानून का पालन करने के लिए 75 दिन का समय दिया गया. फेडरल कानून के तहत कंपनी को अपने चीनी पैरेंट बाइटडांस से संबंध खत्म करने या अमेरिका में प्रतिबंध का सामना करने बात कही गई थी। ट्रंप ने कभी खुद चीनी ऐप के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए पहली बार एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी। हालांकि, तब से रिपब्लिकन नेता ने ऐप के लिए एक ‘वार्म स्पॉट’ डेवलप किया है, क्योंकि इसने उन्हें 2024 के अमेरिकी चुनावों के दौरान युवा मतदाताओं से जुड़ने में मदद की थी।
चीन के एआई मॉडल डीपसीक ने ChatGPT को पछाड़ा, अमेरिकी शेयर बाजार में खलबली
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* चीन ने हाल ही अपना एआई मॉडल डीपसीक जारी किया। चीन के एआई स्टार्टअप डीपसीक ने आते ही तहलका मचा दिया है। डीपसीक ने ऐपल के ऐप स्‍टोर पर ChatGPT जैसे बड़े नामों को पछाड़ते हुए पहला स्थान हासिल कर लिया है। 2 साल पहले आया ओपन एआई का ChatGPT मुंह देखता रह गया और 2 महीने में तैयार किए गए मॉडल ने अपनी मार्केट में पहचान बना ली। डीपसीक के जारी होने के बाद एआई उद्योग को सेमीकंडक्टर देने वाली अमेरिकी चिप निर्माता कंपनी एनवीडिया के शेयरों में भारी गिरावट आई है। कंपनी के शेयर के बाजार मूल्य में 600 बिलियन डॉलर का घाटा हुआ है।एनवीडिया के शेयरों में गिरावट की मुख्य कारण डीपसीक का कम कीमत पर बेहतर एआई मॉडल पेश करना है। कोडिंग और मैथ्‍स जैसे जटिल कामों को सॉल्व करने और लो कॉस्ट की वजह से इस डीपसीक की चर्चा हो रही है। यह फ्री और ओपन सोर्स एआई मॉडल है। ओपेन एआई के चैटजीपीटी का प्लस सब्सक्रिप्शन $20 मंथली (करीब 1,650 रुपये) है। गूगल ने अपने वर्कस्पेस ऐप में जेमिनी एआई फीचर्स को फ्री किया है। पहले इसका मंथली खर्च 1500 रुपये था। मार्केट में नए आए डीपसीक आर1 की कीमत 0.55 डॉलर (करीब 47 रुपये) प्रति मिलियन इनपुट टोकन और 2.19 डॉलर (करीब 189 रुपये) प्रति मिलियन आउटपुट टोकन है। डीपसीक के संस्थापक क्वांट फंड प्रमुख लियांग वेनफेंग हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते ही अपना नवीनतम AI मॉडल जारी किया है। यह अब ओपेन एआई और मेटा जैसी बड़ी कंपनियों को टक्कर देता दिख रहा है। इसका ओपन-सोर्स प्रोडक्ट ऐपल इंक. के ऐप स्टोर रैंकिंग में टॉप पर है। कोटक बैंक के संस्थापक उदय कोटक इसे दुनिया के लिए चेतावनी मानते हैं। उदय कोटक ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म 'एक्‍स' पर पोस्‍ट करते हुए कहा कि डीपसीक दिखाता है कि एआई के क्षेत्र में अमेरिका के दबदबे को चुनौती देने के लिए चीन कितना गंभीर है। उन्होंने दूसरे देशों से भी आगे आकर प्रतिस्पर्धा करने का आह्वान किया। कोटक ने लिखा, 'चीन ने एआई की दुनिया में अमेरिकी वर्चस्व को चुनौती देने के लिए डीपसीक के साथ वैश्विक तकनीकी दौड़ को तेज कर दिया है। इसने ऐपल ऐप स्टोर रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया है। जैसे-जैसे शीर्ष की दौड़ आगे बढ़ेगी, यह समय है कि अन्य महत्वाकांक्षी देश इस खेल को आगे बढ़ाएं।' कोटक का मानना है कि यह इस बात का संकेत है कि दूसरे देशों को भी अपनी तकनीक को बेहतर बनाने की जरूरत है। बेशक, उदय कोटक ने भारत का नाम नहीं लिया है। लेकिन, चीन से भारत की प्रतिद्वंद्विता किसी से छुपी नहीं है। उद्योगपति ने इशारों में भारत को इस दिशा में तेजी लाने की अपील की है। कई दिग्‍गजों ने भी इस पर अपनी राय दी है।
फिर जेल से आया बाहर गुरमीत राम रहीम, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सरकार नौंवी बार मेहरबान
#gurmeet_ram_rahim_gets_parole_leaves_for_sirsa_ashram_from_rohtak
* बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी ठहराया जा चुका डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर पैरोल पर जेल से बाहर आया है। सिरसा डेरा प्रमुख नौवीं बार पैरोल पर जेल से बाहर आ गया है। दिल्ली चुनाव से पहले गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर से भाजपा सरकार ने 30 दिन की पैरोल दी है। जेल जाने के बाद पहली बार राम रहीम सिरसा स्थित अपने आश्रम जा रहा है। इससे पहले जितनी बार राम रहीम को पैरोल मिली, वह यूपी के बरनावा आश्रम जाता था। मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच रोहतक की सुनारिया जेल से गुरमीत राम रहीम निकला।राम रहीम मंगलवार सुबह करीब 6:36 बजे जेल से हनीप्रीत के साथ रवाना हुआ। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में राम रहीम जेल से बाहर आया था। चुनाव आयोग की ओर से पैरोल के अनुरोध को मंजूरी दिए जाने के बाद वह जेल से बाहर आया था। पिछले 12 महीनों में यह उसकी चौथी अस्थायी रिहाई है और चार साल पहले दोषी ठहराए जाने के बाद से उसकी कुल रिहाई 16 हो गई हैं। दिल्ली में 5 फरवरी को विधानभा चुनाव होने है। इससे पहले हरियाणा की बीजेपी सरकार ने राम रहीम पर मेहरबानी दिखाई है। राम रहीम हरियाणा और पंजाब में काफी प्रभाव रखता है। उसकी पिछली पैरोल लगातार चुनावों के दौरान हुई हैं, चाहे वह नगर निकाय या राज्य विधानसभा के चुनाव हों। *चुनाव से पहले आता रहा है जेल से बाहर* बरोदा उप चुनाव : 20 अक्तूबर 2020 को मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल मिली। नवंबर 2020 में उप चुनाव हुआ था। पंजाब विस चुनाव : फरवरी 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 21 दिन की पैरोल मिली। राजस्थान विस चुनाव : 25 नवंबर 2023 को राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले 21 दिन की पैरोल मिली। लोकसभा चुनाव : 25 मई 2024 को हुए लोकसभा चुनाव हुए। राम रहीम को 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल मिली। हरियाणा विस चुनाव : 13 अगस्त 2024 को राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली थी। हरियाणा विस चुनाव : 2 अक्तूबर 2024 को राम रहीम को 20 दिन की सशर्त आपात पैरोल मिली, जबकि 5 अक्तूबर को प्रदेश में विधानसभा चुनाव था। *कब कब मिली पैरोल* • 20 अक्तूबर 2020: मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल मिली। • 12 मई 2021: ब्लड प्रेशर और बेचैनी की शिकायत पर पीजीआई में जांच के लिए 1 दिन का पैरोल। • 17 मई 2021: मां से मिलने के लिए 1 दिन की पैरोल। • 3 जून 2021: पेट में दर्द की शिकायत पर पीजीआई लाया गया। • 8 जून 2021: स्वास्थ्य जांच के लिए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया। • 13 जुलाई 2021: जांच के लिए एम्स गया। • फरवरी 2022: 21 दिन की पैरोल मिली। • जून 2022: 30 दिन की पैरोल मिली। • अक्तूबर 2022: 40 दिन की पैरोल मिली। • 21 जनवरी 2023: 40 दिन की पैरोल मिली। • 20 जुलाई 2023 : 30 दिन की पैरोल मिली। • 20 नवंबर 2023 : 21 दिन की पैरोल मिली। • 19 जनवरी 2024 : 50 दिन की पैरोल मिली। • 12 अगस्त 2024 : 21 दिन की फरलो मिली। • 1 अक्तूबर 2024: 20 दिन की पैरोल मिली। • 27 फरवरी 2025: 20 दिन की पैरोल दी गई है।
पीएम मोदी को आया व्हाइट हाउस से बुलावा, ट्रंप के न्योता पर फरवरी में जा सकते हैं अमेरिका
#pm_modi_may_visit_us_in_february_says_donald_trump
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी में अमेरिका का दौरा कर सकते हैं। सोमवार को अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बात की। जिसके बाद ये खबर सामने आ रही है।खुद ट्रंप का इस बात खुलासा किया। व्हाइट हाउस ने बातचीत की डिटेल जारी की है। जिसमें बताया गया है कि दोनों नेताओं के बीच आखिर क्या बातचीत हुई है। इसके अलावा इस बातचीत को लेकर पीएम मोदी सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट भी किया है। अगर ऐसा होता है तो डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी दुनिया के पहले नेताओं में होंगे, जो वाशिंगटन जाएंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को फ्लोरिडा से ‘ज्वाइंट बेस एंड्रयूज’ लौटते समय एयर फोर्स वन विमान में पत्रकारों से कहा, ‘आज सुबह मेरी उनसे लंबी बातचीत हुई। अगले महीने वे व्हाइट हाउस आ रहे हैं। शायद फरवरी में। भारत के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं।’ डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ सोमवार को फोन पर हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मोदी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान सभी विषयों पर चर्चा हुई।’ *व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान* इससे पहले व्हाइट हाउस ने कहा है कि दोनों नेताओं ने अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी और हिंद-प्रशांत क्वाड साझेदारी को आगे बढ़ाने पर प्रतिबद्धता जताई है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस यात्रा की योजनाओं पर चर्चा की गई। व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। दोनों नेताओं ने सहयोग को बढ़ाने और रिश्ते को गहरा करने पर चर्चा की। उन्होंने हिंद-प्रशांत, मध्य पूर्व और यूरोप में सुरक्षा सहित कई क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत द्वारा बनाए गए अमेरिका निर्मित सुरक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। *दोस्ती और रणनीतिक संबंध मजबूत होंगे* व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस की यात्रा की योजनाओं पर चर्चा की। इससे हमारे देशों के बीच दोस्ती और रणनीतिक संबंध मजबूत होंगे। व्हाइट हाउस ने अपने बयान में यह भी कहा कि भारत इस साल के अंत में पहली बार क्वाड नेताओं की मेजबानी करेगा। *पीएम मोदी ने क्या कहा?* इधर, प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा कि अपने प्रिय मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात करके बहुत खुशी हुई। उनके ऐतिहासिक दूसरे कार्यकाल के लिए उन्हें बधाई दी। हम परस्पर लाभकारी और विश्वसनीय साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अपने लोगों के कल्याण तथा वैश्विक शांति, समृद्धि एवं सुरक्षा के लिए मिलकर काम करेंगे।
बांग्लादेश को ट्रंप ने दिया बड़ा झटका, आर्थिक मदद पर लगाई रोक, फिर भी क्यों खुश हो रहें यूनुस

#donald_trump_halts_all_us_aid_to_bangladesh

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश की यूनुस सरकार को बड़ा झटका दिया है। ट्रंप ने बांग्लादेश को दी जाने वाली अमेरिकी मदद पर तत्काल रोक लगा दी है। सत्ता संभालने के बाद ट्रंप ने कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी है। इससे पहले उन्होंने यूक्रेन की विदेशी सहायता निलंबित की थी।

अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी ने बांग्लादेश में अपनी सभी सहायता और प्रोजेक्ट्स पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इस फैसले को बांग्लादेश की यूनुस सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।हालांकि, अमेरिका ने रोहिंग्‍या मुस्लिमों के लिए दी जाने वाली सहायता राश‍ि को जारी रखा है। अमेरिका के रोहिंग्‍या मुस्लिमों के लिए जारी सहायता रखने से मोहम्‍मद यूनुस सरकार थोड़ा खुश है।

अमेरिका बांग्‍लादेश को जलवायु संकट, रोहिंग्‍या शरणार्थी, हेल्‍थ, मानवाधिकारों से लेकर शिक्षा तक के लिए पैसा देता था। ट्रंप प्रशासन का रोहिंग्याओं से जुड़ी समस्‍या के प्रति फोकस है। अमेरिका रोहिंग्‍या मुस्लिमों के लिए मानवीय सहायता देने वाले देशों में अग्रणी है। साल 2017 में जब से रोहिंग्‍या संकट शुरू हुआ है तब से लेकर अब तक 2.4 अरब डॉलर की सहायता उसने दी है। यही नजह है कि दुनिया भर के देशों का हुक्‍का पानी बंद करने के बावजूद ट्रंप ने रोहिंग्‍याओं के लिए दी जा रही आर्थिक मदद को आगे भी जारी रखा है। ऐसे में मोहम्‍मद यूनुस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को धन्‍यवाद कहा है।

शेख हसीना के जाने के बाद से ही बांग्‍लादेश आर्थिक संकटों के दौर से गुजर रहा है। दुनियाभर की कंपनियों ने अपने ऑर्डर रद कर दिए हैं। यही नहीं बिजली का भी देश में संकट चल रहा है। अब ट्रंप के इस आदेश ने बांग्‍लादेश की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को एक व्यापक आदेश में केवल इजरायल और मिस्र को छोड़कर, यूक्रेन सहित सभी विदेशी सहायता पर रोक लगा दी है। इस आदेश से सामान्य सहायता से लेकर सैन्य सहायता तक सब कुछ प्रभावित करेगा। इसमें केवल आपातकालीन खाद्य सहायता और इजरायल, मिस्र के लिए सैन्य मदद को छूट दी गई है।

ट्रंप की सख्ती के बाद कोलंबिया का यू-टर्न, प्रवासियों की वापसी के लिए राष्ट्रपति पेट्रो ने भेजा विमान

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डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी सत्ता में वापसी के बाद से ही अनधिकृत अप्रवासियों का मुद्दा फिर से चर्चा में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश भर से अवैध प्रवासियों को ढूंढ-ढूंढ के बाहर निकाल रहे हैं।ट्रंप के इस कदम के खिलाफ, कोलंबिया ने अपना सिर उठाया और डिपोर्टेशन फ्लाइट्स की अनुमति अपने देश में नहीं दी। लेकिन, 24 घंटे के अंदर ही ट्रंप ने कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोलंबिया पर टैरिफ और अन्य प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी, जिसके बाद कोलंबिया ने अमेरिकी शर्तों को मानते हुए निर्वासन उड़ानों को स्वीकार करने पर सहमति जता दी। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने अमेरिका से प्रवासियों को वापस लाने के लिए विशेष विमान भेजने का फैसला किया है। अमेरिका से जंजीरों में बांधकर अमानवीय तरीके प्रवासियों को भेजे जाने की तस्वीरे सामने आने और इस मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप के साथ तनातनी के बाद कोलंबिया ने ये फैसला लिया है।कोलंबिया सरकार ने कहा है कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि उनके नागरिकों को बेइजज्त करके अमेरिका से ना निकाला जाए। इस संबंध में कोलंबिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने अपने बयान में 'सम्मानजनक वापसी' शब्द पर विशेष जोर दिया है।

कोलंबियाई राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि गुस्तावो पेट्रो के निर्देशन में कोलंबिया सरकार ने डिपोर्टेशन फ्लाइट से देश में आने वाले अपने नागरिकों की सम्मानजनक वापसी की सुविधा के लिए राष्ट्रपति विमान उपलब्ध कराया है। पेट्रो ने अपने निर्वासित नागरिकों की सम्मानजनक वापसी चाहते हैं। अमेरिका से कोलंबियाई नागरिकों की वापसी के लिए एक विशेष टीम का गठन भी किया गया है। कोलंबियाई सरकार अमेरिका से बातचीत कर रही है ताकि निर्वासित लोगों के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित हो सके। बयान से साफ है कि कोलंबियाई सरकार अपने नागरिकों के सम्मानजनक व्यवहार को लेकर बेहद गंभीर है।

इससे पहले कोलंबिया में पहले अपने निर्वासित नागरिकों को वापस लेने से मना कर दिया था। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने पूर्व में अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने के तरीके की आलोचना की थी और कहा कि उनकी सरकार अमेरिका से निर्वासित प्रवासियों को ले जाने वाली उड़ानों को तब तक स्वीकार नहीं करेगी, जब तक ट्रंप प्रशासन उनके साथ 'सम्मानजनक' व्यवहार करने वाला प्रोटोकॉल नहीं बनाता। एक्स पर लिखे संदेश में पेट्रो ने कहा, 'प्रवासी अपराधी नहीं है और उसके साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए। इंसान इसका हकदार भी है। यही कारण है कि मैंने कोलंबियाई प्रवासियों को ले जा रहे अमेरिकी सैन्य विमानों को वापस कर दिया।

कोलंबिया की सरकार ने बदला फैसला

इससे नाराज होकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोलंबिया के खिलाफ टैरिफ लगाने और अन्य जवाबी कदम उठाने का एलान कर दिया था। इसके कुछ ही घंटों बाद कोलंबिया ने भी अमेरिका पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने का फैसला किया था। इससे दोनों मुल्कों में तनातनी बढ़ गई थी। हालांकि, अब कोलंबिया की सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। माना जा रहा है कि इसी के चलते कोलंबिया की सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा।

क्या हो सकते थे कोलंबिया पर गंभीर परिणाम?

अगर, कोलंबिया ने ट्रंप की शर्तें नहीं मानी होती, तो देश को गंभीर आर्थिक और राजनयिक नुकसान झेलना पड़ सकता था।

1.टैरिफ का असर: कोलंबिया से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ लगने का खतरा था। यह टैरिफ एक सप्ताह में बढ़कर 50% तक हो सकता था। कोलंबिया की अर्थव्यवस्था, जो अपने 33% निर्यात के लिए अमेरिकी बाजार पर निर्भर है, इस टैरिफ से बुरी तरह प्रभावित होती।

2.वीजा प्रतिबंध: कोलंबियाई सरकारी अधिकारियों और उनके सहयोगियों के वीज़ा रद्द हो सकते थे। इसका असर कोलंबिया की अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों और राजनयिक संबंधों पर पड़ता।

3.सख्त सीमा जांच: कोलंबियाई नागरिकों की अमेरिकी सीमा पर कड़ी जांच होती। इससे व्यापार, यात्रा और प्रवासियों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता।

4.आर्थिक प्रतिबंध: कोलंबिया की वित्तीय गतिविधियों, बैंकों और व्यापार पर कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते थे। इससे कोलंबिया की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगता।

5.राजनयिक अलगाव: अमेरिका और कोलंबिया के बीच व्यापार और राजनयिक संबंध प्रभावित हो सकते थे। कोलंबिया, जो अमेरिका को अपना सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार मानता है, अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ सकता था।

भारत-इंडोनेशिया ने दक्षिण चीन सागर में की आचार संहिता की वकालत, चीन के खिलाफ चली बड़ी चाल

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दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता लगातार बढ़ती जा रही है। चीन के तटरक्षक बल और समुद्री मिलिशिया को दक्षिण चीन सागर में पहले से कहीं ज़्यादा संख्या में, लंबे समय तक और ज़्यादा आक्रामकता के साथ तैनात किया गया। चीन के तटरक्षक बल अन्य देशों को मजबूर करने और डराने के लिए आक्रामकता और बल का प्रयोग करते रहे हैं। इस बीच भारत और इंडोनेशिया ने दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के बीच प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप एक 'पूर्ण और प्रभावी' आचार संहिता की वकालत की है।

भारत दौरे पर आए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यापक बातचीत में दक्षिण चीन सागर में हालात पर विस्तृत विचार विमर्श हुआ। बैठक में दोनों पक्षों ने 'भारत के सूचना संलयन केन्द्र-हिंद महासागर क्षेत्र' (आईएफसी-आईओआर) में इंडोनेशिया से एक संपर्क अधिकारी तैनात करने पर सहमति व्यक्त की। मोदी और सुबियांतो ने सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए भारत-इंडोनेशिया आतंकवाद विरोधी सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया और बिना किसी 'दोहरे मापदंड' के इस खतरे से निपटने के लिए ठोस वैश्विक प्रयास करने का आह्वान किया।

रविवार को जारी बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने सभी देशों से संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके सहयोगियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का आह्वान किया। बयान के अनुसार प्रधानमंत्री और सुबियांतो ने भारत-इंडोनेशिया आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर भी चर्चा की तथा द्विपक्षीय लेन-देन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग के वास्ते पिछले वर्ष दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के शीघ्र क्रियान्वयन के महत्व पर बल दिया।

मोदी और सुबियांतो का मानना है कि द्विपक्षीय लेन-देन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग से व्यापार को और बढ़ावा मिलेगा तथा दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच वित्तीय एकीकरण गहरा होगा। संयुक्त बयान में समुद्री क्षेत्र की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा गया कि दोनों नेताओं ने क्षेत्र में शांति, स्थिरता, नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता को बनाए रखने और बढ़ावा देने के महत्व की पुष्टि की।उन्होंने निर्बाध वैध समुद्री वाणिज्य और 1982 के यूएनसीएलओएस (समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन) सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त सिद्धांतों के अनुसार विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया।

आसियान देश भी दक्षिण चीन सागर पर एक बाध्यकारी आचार संहिता पर जोर दे रहे हैं। इसका मुख्य कारण चीन द्वारा इस क्षेत्र पर अपने व्यापक दावों को स्थापित करने के लगातार प्रयास हैं। बीजिंग सीओसी का कड़ा विरोध कर रहा है। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है।2016 में हेग स्थित स्थायी मध्यस्थता न्यायालय ने अपने फैसले में दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर बीजिंग के दावे को खारिज कर दिया था। हालांकि, चीन ने इस फैसले को खारिज कर दिया था। भारत इस क्षेत्र में नियम-आधारित व्यवस्था की वकालत करता रहा है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय कानून, विशेषकर यूएनसीएलओएस का पालन करना भी शामिल है।

50 फीसदी से ज्यादा बढ़ाएंगे रिजर्वेशन, ‘जय संविधान’ कार्यक्रम में राहुल गांधी ने किया ऐलान

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मध्य प्रदेश के महू में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ी रैली की। महू में राहुल गांधी ने जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत जय बापू, जय भीम, जय संविधान से की। साथ ही जनता को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने अडानी-अंबानी से लेकर पेट्रोल की कीमतों तक को लेकर बीजेपी की सरकार पर निशाना साधा है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, इसमें हिंदुस्तान की हजारों साल पुरानी सोच है। इसमें आंबेडकर जी, महात्मा गांधी जी, भगवान बुद्ध, फुले जी जैसे महापुरुषों की आवाज है। कांग्रेस नेता ने कहा, बीजेपी ने लोकसभा से पहले भी संविधान को खत्म करने की बात कही थी, इन्होंने कहा था कि अगर 400 सीटें आ गईं तो संविधान बदल देंगे, लेकिन उनके सामने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नेता और कार्यकर्ता खड़े हुए हैं। नतीजा ये हुआ कि लोकसभा में नरेंद्र मोदी को संविधान के आगे माथा टेकना पड़ा।

राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन ये संविधान खत्म हो जाएगा, उस दिन देश के गरीबों के लिए कुछ नहीं बचेगा। दलितों-आदिवासियों-पिछड़ों के लिए देश में कुछ नहीं बचेगा। इनका यही लक्ष्य है। राहुल गांधी ने कहा कि संविधान से पहले गरीबों और आदिवासियों के पास कोई अधिकार नहीं थे। बीजेपी और आरएसएस चाहती है कि आजादी से पहले जो स्थिति थी, वैसा ही भारत वे लोग चाहते हैं। गरीब भूखे मर जाएं, वे लोग कोई सपना नहीं देखें। हिंदुस्तान को सिर्फ अरबपति चलाएं। सारे कॉन्ट्रैक्ट उनके हाथ में चले जाएं। संविधान की लड़ाई आरएसएस और बीजेपी के लोगों से है।

संघ प्रमुख मोहन भागवत पर कड़ा प्रहार

राहुल गांधी ने संघ प्रमुख पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ दिन पहले आरएसएस के नेता मोहन भागवत ने कहा कि भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी नहीं मिली, वो झूठी आजादी थी, असली आजादी तो मोदी जी के आने के बाद मिली थी। राहुल गांधी ने कहा कि ये सीधा संविधान पर आक्रमण है।

सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में

राहुल गांधी ने अंबानी की शादी पर भी इशारों-इशारों में निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि आज 50 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में है। यहां के अरबपति अरबों रुपये अपने बेटे की शादी में खर्चा कर देते हैं। कोई दस करोड़ की घड़ी पहनता है तो कोई 15 करोड़ की घड़ी पहनता है, मगर आपको अपने बच्चे की शादी करवानी हो तो कर्जा लेना पड़ता है। उन्होंने कहा एक बात भूलिए मत, जितना धन अदाणी और अंबानी के पास जाएगा, उतना कम रोजगार आपके बच्चों को मिलेगा।

जीएसटी अरबपति नहीं देते

राहुल ने कहा कि जो नोटबंदी इन्होंने की, जो जीएसटी लागू की, ये हिन्दुस्तान के गरीब लोगों को खत्म करने के औजार है। ये योजना नहीं ये हथियार है। उन्होंने कहा कि जीएसटी कौन देता है, जीएसटी अरबपति नहीं देते हैं। जीएसटी हिन्दुस्तान के गरीब लोग देते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि लाखों करोड़ों रुपये आपके जेब से निकाला जाता है।

आदिवासी राष्ट्रपति को मंदिर में नहीं जाने दिया

इसके साथ ही राहुल गांधी ने राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन में किसी गरीब को आपने देखा क्या। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इन्होंने मंदिर के उद्घाटन में नहीं जाने दिया। इसके साथ ही संसद भवन के उद्घाटन में भी राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया।गरीब, जनरल कास्ट और दलितों/पिछड़ों के हाथ में क्या आ रहा है? 90 फीसदी आबादी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

सत्ता में आते ही जाति जनगणना कराने का वादा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश का बजट 90 अफसर बनाते हैं, उनमें से दलित, पिछड़ा, गरीब जनरल कास्ट, आदिवासी कितने है मैंने सोचा पता लगाते हैं। इनमें से 3 पिछड़े हैं, कहते हैं उनको की चुप बैठो वरना तुम्हारी एसीआर बिगाड़ देंगे। क्या ये अन्याय नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि आप या तो मजदूरी करो या चिल्लाओगे तो जेल जाओ। ये बीजेपी का विजन है। हम सत्ता में आते ही जाति जनगणना कर देंगे। पिछड़ों को ये भी नहीं मालूम कि उनकी आबादी कितनी है, शर्म की बात है। मोदी जी कहते हैं कि मैं ओबीसी हूं लेकिन आबादी का पता नहीं। आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से ज्यादा करेंगे।