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कैसे और कौन तय करता है गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि, हम किन देशों को महत्व देते रहे हैं, अबकी बार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ही क्यों बने मेहमान?

डेस्क: भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। भारत ने इस बार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो को मुख्य अतिथि के तौर पर न्योता भेजा है। पिछले साल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि रहे थे। इससे पहले 2023 में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी हमारे मुख्य अतिथि थे। 

आइये जानते हैं कि गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मुख्य अतिथि के चयन की प्रक्रिया क्या है? इसमें मुख्य अतिथियों को बुलाने की शुरुआत कब हुई? अब तक कितने राष्ट्राध्यक्षों को न्योता दिया गया है? अबकी बार फ्रांस के राष्ट्रपति क्यों आमंत्रित किए गए? 

यह प्रक्रिया आयोजन से करीब छह महीने पहले शुरू हो जाती है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान विदेश मंत्रालय शामिल रहता है। किसी भी देश को निमंत्रण देने के लिए सबसे पहले यह है देखा जाता है कि भारत और संबंधित अन्य राष्ट्र के बीच मौजूदा संबंध कितने अच्छे हैं। इसका निर्णय देश के राजनीतिक, आर्थिक, सैन्य और वाणिज्यिक हितों को भी केंद्र में रख कर लिया जाता है।

पहले विदेश मंत्रालय संभावित उम्मीदवारों की एक सूची तैयार करता है और फिर इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास भेजा जाता है। इसके बाद संबंधित मुख्य अतिथि की उपलब्धता देखी जाती है। अगर उनकी उपलब्ध हैं तो भारत आमंत्रित देश के साथ आधिकारिक संचार करता है।

26 जनवरी 1950 को भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह से ही इसमें मुख्य अतिथियों को आमंत्रित करने की शुरुआत हुई थी। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो भारत के पहले गणतंत्र दिवस परेड के पहले मुख्य अतिथि थे। 

इतिहास की तरफ देखें तो 1950-1970 के दशक के दौरान भारत ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन और पूर्वी ब्लॉक से जुड़े कई देशों को अतिथि बनाया। दो बार 1968 और 1974 में ऐसा हुआ जब भारत ने एक ही गणतंत्र दिवस पर दो देशों देशों के मुख्य अतिथि को आमंत्रित किया गया।

11 जनवरी 1966 को ताशकंद में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के निधन के कारण कोई निमंत्रण नहीं भेजा गया था। इंदिरा गांधी ने गणतंत्र दिवस से केवल दो दिन पहले यानी 24 जनवरी 1966 को शपथ ली थी।

2021 और 2022 में भी भारत में कोरोना महामारी के कारण कोई मुख्य अतिथि नहीं था।

भारत ने सबसे ज्यादा 36 एशिया एशिआई देशों को समारोह में अतिथि बनाया है। इसके बाद यूरोप के 24 देश और अफ्रीका के 12 देश गणतंत्र दिवस में हमारे मेहमान बने हैं। वहीं दक्षिण अमेरिका के पांच देश, उत्तरी अमेरिका के तीन और ओशिनिया क्षेत्र के एकलौते देश का भारत ने आतिथ्य किया है।

गणतंत्र दिवस में अतिथि देश क्यों जरूरी होता है?

गणतंत्र दिवस समारोह में कई आकर्षण के केंद्र होते हैं लेकिन कूटनीतिक दृष्टि से इसमें शामिल होने वाले प्रमुख अतिथि पर भी सबकी नजरें होती हैं। 

भारत के गणतांत्रिक देश बनने के साथ ही इस समारोह में मुख्य अतिथि को बुलाने की परंपरा रही है। भारत प्रति वर्ष नई दिल्ली में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए सम्माननीय राजकीय अतिथि के रूप में किसी अन्य देश के राष्ट्राध्यक्ष या सरकार के प्रमुख को निमंत्रण देता है। 

अतिथि देश का चयन रणनीतिक, आर्थिक और राजनीतिक हितों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद ही किया जाता है। यूं कहें कि गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि का निमंत्रण भारत और आमंत्रित व्यक्ति के देश के बीच मैत्रीपूर्ण सबंधों की मिशाल माना जाता है।

राष्ट्रपति के तौर पर प्रबोवो सुबियांतो का यह पहला भारत दौरा होगा। हालांकि, भारत के गणतंत्र दिवस के इतिहास में वे इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति हैं, जो मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आ रहे हैं। भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के ही राष्ट्रपति सुकर्णो भारत के मुख्य अतिथि थे। 

भारत के विदेश मंत्रालय ने सुबियांतो को न्योता भेजने के पीछे की वजह के साथ इंडोनेशिया के साथ अपने बेहतर होते रिश्तों का भी जिक्र कर दिया। MEA ने कहा, "भारत और इंडोनेशिया शताब्दियों से एक-दूसरे से गहरे और दोस्ताना रिश्ते साझा कर रहे हैं। इंडोनेशिया भारत की एक्ट ईस्ट नीति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की हमारे दृष्टि का अहम स्तंभ रहा है।"

विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रबोवो सुबियांतो का दौरा हमारे नेताओं को द्विपक्षीय रिश्तों की विस्तृत समीक्षा का मौका देगा। इसके साथ ही हमें आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों को सुलझाने का मौका देगा। 

भारत और इंडोनेशिया के बीच बीती करीब दो शताब्दियों से करीबी सांस्कृतिक और वाणिज्यिक रिश्ते रहे हैं। हिंदुत्व, बौद्ध धर्म और इस्लाम भारत के तटीय क्षेत्रों से ही इंडोनेशिया पहुंचे। इंडोनेशिया की लोक कला, संस्कृति और नाट्यों में भारत के महाग्रंथों- रामायाण और महाभारत की झलक देखने को मिलती है। इसके अलावा औपनिवेशक इतिहास और स्वतंत्रता के बाद राजनीतिक स्वायत्तता, आर्थिक स्व-निर्भरता और स्वतंत्र विदेश नीति के लक्ष्य दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों को गहरा करने में अहम रहे हैं। 

भारत और इंडोनेशिया कई एशियाई और अफ्रीकी देशों की स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाने वाले प्रमुख देशों में शामिल रहे हैं। इसी साझा आवाज ने 1955 में बांदुंग कॉन्फ्रेंस और 1961 में गुट निरपेश आंदोलन (नॉन एलाइन्ड मूवमेंट) की नींव रखी। 

भारत की तरफ से 1991 में लुक ईस्ट नीति ने 2014 में एक्ट ईस्ट नीति का रूप लिया। तब से लेकर अब तक दोनों देशों के बीच राजनीतिक, सुरक्षा, रक्षा, वाणिज्यिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय रिश्ते तेजी से बढ़े हैं। दोनों देशों ने एक साल के अंतर (2022 और 2023 में) पर जी20 की अध्यक्षता भी की है।  

आसियान क्षेत्र में इंडोनेशिया, भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच 2022-23 में द्विपक्षीय व्यापार 38.5 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जो कि 2021-22 के मुकाबले 48 फीसदी ज्यादा था। जहां भारत की तरफ से निर्यात 10.02 अरब डॉलर का रहा था, वहीं आयात करीब 28.82 अरब डॉलर का रहा था।

बजट 2025: आम आदमी की पांच चिंताएँ जिन पर निर्मला सीतारमण को ध्यान देने की जरूरत है

भारत 2025 के केंद्रीय बजट की तैयारियों में है, और अपेक्षाएँ ऊँची हैं। आम आदमी, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, यह देख रहा है कि सरकार आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए क्या कदम उठाती है। जबकि सुधार की कई दिशा हैं, कुछ महत्वपूर्ण चिंताएँ हैं जिन पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

1. महंगाई और जीवन यापन की बढ़ती लागत

आवश्यक वस्तुओं जैसे खाद्य, ईंधन और स्वास्थ्य देखभाल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की ज़िन्दगी को कठिन बना दिया है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार के प्रयासों के बावजूद, आम आदमी महंगाई का दबाव महसूस कर रहा है। 2025 में, महंगाई को नियंत्रित करने और दैनिक आवश्यकताओं की लागत को कम करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए।

बजट में खाद्य, ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुओं पर अप्रत्यक्ष करों को कम करने के उपायों पर विचार किया जा सकता है। इसके साथ ही कृषि उत्पादन बढ़ाने और वितरण व्यवस्था को सुधारने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। महंगाई पर काबू पाना आगामी बजट का एक प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए, ताकि नागरिकों की क्रयशक्ति की रक्षा की जा सके, विशेषकर निम्न और मध्यम आय वर्ग के लिए।

2. कर सुधार और मध्यवर्गीय राहत

मध्यवर्गीय करदाताओं ने महंगाई और स्थिर आय वृद्धि के बीच लंबे समय से करों में राहत की माँग की है। हालांकि पिछले बजटों में कर स्लैब में संशोधन किया गया है, फिर भी अधिकांश लोग जटिल कर व्यवस्था से बोझिल महसूस करते हैं।

बजट 2025 में सरकार को वेतनभोगी व्यक्तियों पर कर भार को कम करने के लिए कर स्लैब को फिर से संशोधित करने या अधिक कर छूट देने पर विचार करना चाहिए। इसके साथ ही कर दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना भी स्वागत योग्य कदम होगा। निम्न आय वर्ग और मध्यवर्गीय कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधान इस बात को साबित करेंगे कि सरकार उनके कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है।

3. बेरोजगारी और नौकरी सृजन

बेरोजगारी भारत में एक निरंतर समस्या रही है, और हर साल लाखों युवा भारतीय रोजगार के अवसरों की तलाश में बाजार में आते हैं। जबकि भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, नौकरी सृजन की दर धीमी रही है, और कई लोग अर्ध-रोजगार या अपने योग्यता के अनुरूप कार्य पाने में असमर्थ हैं।

आगामी बजट को इस चिंता को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, जैसे कि उन उद्योगों को बढ़ावा देना जो स्थायी नौकरियाँ पैदा कर सकते हैं। कौशल विकास कार्यक्रमों में निवेश, तकनीकी क्षेत्रों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता और नवीकरणीय ऊर्जा, और छोटे और मझोले उद्यमों (SMEs) के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। इससे न केवल बेरोजगारी की समस्या हल होगी, बल्कि समावेशी आर्थिक विकास भी होगा।

4. स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और सस्ती उपलब्धता

आज नागरिकों के सामने एक और महत्वपूर्ण समस्या गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच है। कोविड-19 महामारी ने भारत की स्वास्थ्य प्रणाली की सीमाओं को उजागर किया, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में। हालांकि सरकार ने कई पहल की हैं, फिर भी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच और सस्ती चिकित्सा सुविधाएं अभी भी चिंता का विषय हैं।

बजट को सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में बढ़ी हुई धनराशि का आवंटन करने पर विचार करना चाहिए, जिसमें ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों का विस्तार और सस्ती दवाओं की उपलब्धता शामिल हो। इसके साथ ही, सरकार को आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के दायरे का विस्तार करने पर विचार करना चाहिए, ताकि सभी वर्गों को स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हो सकें और आम आदमी की जमा पूंजी स्वास्थ्य खर्चों में न डूबे।

5. पेंशन सुरक्षा और सामाजिक कल्याण

जनसंख्या में वृद्ध होने के साथ, पेंशन योजनाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन गई है। भारत में वृद्ध जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, और सरकार के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मजबूत पेंशन योजनाओं का निर्माण करे। वर्तमान में, कई वृद्ध नागरिक अपने बच्चों पर निर्भर होते हैं या अपनी जमा पूंजी समाप्त करने पर मजबूर होते हैं।

बजट को पेंशन योजनाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए संसाधन आवंटित करने चाहिए। असंगठित क्षेत्र के लिए लचीली और सस्ती पेंशन योजनाओं की शुरुआत, और वृद्ध नागरिकों के लिए बेहतर कल्याण योजनाओं का निर्माण, वृद्ध जनसंख्या के लिए दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, इन योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को उनके भविष्य के लिए बचत करने के लिए प्रेरित करना भी जरूरी होगा।

केंद्रीय बजट 2025 सरकार के लिए आम आदमी के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साबित करने का एक अवसर है। महंगाई, कर सुधार, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच, और पेंशन सुरक्षा जैसी पाँच महत्वपूर्ण चिंताओं का समाधान करके, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि भारतीय नागरिकों की आकांक्षाएँ पूरी हों। जबकि चुनौतियाँ बनी हुई हैं, बजट को समावेशी और दीर्घकालिक समाधान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि सभी के लिए एक समान और स्थिर भविष्य का निर्माण किया जा सके।

76th Republic Day: गणतंत्र दिवस पर लगा बधाइयों का तांता, जानें अमेरिकी विदेश मंत्री ने क्या कहा?

डेस्क: देश के 76 वें गणतंत्र दिवस की चारों ओर धूम है। देशभर में जहां लोग एक-दूसरे को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दे रहे हैं, तो वहीं दुनियाभर में भारत के गणतंत्र के जश्न की खुशी है। अमेरिका समेत कई देशों ने भारत को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। अमेरिका की ओर से मिली शुभकामनाओं में कहा गया है कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की नींव के रूप में भारत के स्थायी महत्व को मान्यता देता है।

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि भारत-अमेरिका के संबंध नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। यह 21वीं सदी का निर्णायक संबंध होगा। रूबियो ने कहा कि मैं संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से भारत के लोगों को गणतंत्र दिवस की बधाई देता हूं। भारत के लोग संविधान को अपनाने का जश्न मनाते हैं। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की नींव के रूप में इसके स्थायी महत्व को पहचानने में उसके साथ शामिल हैं। अमेरिका दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

रूबियो ने कहा कि अमेरिका-भारत के बीच साझेदारी लगातार नई ऊंचाइयां छू रही है। यह 21वीं सदी का अहम रिश्ता होगा। हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच स्थायी मित्रता हमारे सहयोग का आधार है। यह हमें आगे बढ़ाएगी। हम आने वाले सालों में संबंधों को और मजबूत करने का आह्वान करते हैं। इसमें अंतरिक्ष अनुसंधान में हमारे प्रयासों को आगे बढ़ाना और एक स्वतंत्र, खुले और समृद्ध हिंद प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए क्वाड के भीतर समन्वय करना शामिल है।

76वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो, इंडोनेशिया–भारत रक्षा और व्यापार संबंधों को देगी नई ऊंचाई

डेस्क: इंडोनेशिया के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति भवन में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो के सम्मान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में बॉलीवुड गीत 'कुछ कुछ होता है' गाया। इस प्रतिनिधिमंडल में इंडोनेशिया के वरिष्ठ मंत्री शामिल थे। बता दें कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर हैं। वह भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं।

शनिवार को भारत-इंडोनेशिया ने रक्षा और व्यापार संबंधों को नई ऊंचाई देने का फैसला किया है। इसके साथ ही कई ऐसे फैसले लिए हैं, जो चीन की चिंता का कारण बन सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के साथ विस्तार से बात की। दोनों देशों ने इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों और रक्षा विनिर्माण एवं आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्रों में गति तेज करने के लिए संयुक्त रूप से काम करने पर सहमति जताई है।

दरअसल सुबियांतो भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। वह रविवार को कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं। इस बातचीत के बाद मीडिया को दिए अपने वक्तव्य में पीएम मोदी ने इंडोनेशिया को 10 देशों के आसियान समूह के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का महत्वपूर्ण साझेदार बताया है और कहा कि दोनों देश इस क्षेत्र में नियम-आधारित व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत-इंडोनेशिया की दोस्ती ने चीन को भी टेंशन दे दी है। पीएम मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच कहा, 'हम इस बात पर सहमत हैं कि नौवहन की स्वतंत्रता अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप सुनिश्चित की जानी चाहिए।' पीएम मोदी ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया के बीच समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में हुए समझौते से अपराध रोकथाम, खोज एवं बचाव तथा क्षमता निर्माण में सहयोग और मजबूत होगा।

महाकुंभ में करोड़ों लीटर मल का समाधान: ISRO और वैज्ञानिकों ने खोजा निपटान का अनोखा रास्ता

हर महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजनों में लाखों श्रद्धालु जुटते हैं, और इसके साथ ही एक और समस्या उत्पन्न होती है – मल-मूत्र और अपशिष्ट का भारी ढेर। इस अपशिष्ट का निपटारा न केवल स्थानीय स्वच्छता के लिए, बल्कि पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी चुनौतीपूर्ण बन जाता है। इस समस्या के समाधान में अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सहित विभिन्न वैज्ञानिकों और अधिकारियों की टीमों ने अपनी विशेषज्ञता का योगदान देना शुरू कर दिया है।

मल-मूत्र का जमा होना

महाकुंभ के दौरान हर दिन करोड़ों लीटर मल-मूत्र और अन्य अपशिष्ट उत्पन्न होते हैं। प्रयागराज जैसे शहर में, जहां भीड़-भाड़ अत्यधिक होती है, यह आंकड़ा और भी बढ़ जाता है। इसके साथ ही, जल, वायु और भूमि पर इसके असर को नियंत्रित करना एक बड़ा चुनौती है।

ISRO की भूमिका

समस्या के समाधान के लिए ISRO ने अपनी उपग्रह तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया है। उपग्रहों से एकत्रित डेटा का उपयोग करके, मल-मूत्र के इकट्ठा होने वाले स्थानों की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, जलस्रोतों और भूमि की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए उपग्रह चित्रों की मदद ली जा रही है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी तरीके से पर्यावरणीय नुकसान न हो।

ISRO के वैज्ञानिकों के अनुसार, इस तकनीक का उद्देश्य अपशिष्ट को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना है, ताकि उसका असर सीमित किया जा सके और स्वच्छता को बनाए रखा जा सके। "हमारे उपग्रहों के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग स्थानीय प्रशासन और स्वच्छता टीमों द्वारा किया जा रहा है ताकि त्वरित उपाय किए जा सकें," एक ISRO अधिकारी ने बताया।

बायो-डिग्रेडेबल और ऑर्गेनिक तकनीक का उपयोग

वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने भी बायो-डिग्रेडेबल और ऑर्गेनिक मल-मूत्र उपचार तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया है। इन तकनीकों का उद्देश्य जल, भूमि और हवा में प्रदूषण कम करना है। विशेष रूप से, स्वच्छता उपायों को बढ़ावा देने के लिए ‘बायो-सील’ जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो मल-मूत्र को जल्दी से निष्क्रिय करने में मदद करती हैं।

स्मार्ट टॉयलेट्स और अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली

महाकुंभ आयोजन स्थल पर स्मार्ट टॉयलेट्स और वेस्ट ट्रीटमेंट यूनिट्स का भी उपयोग किया जा रहा है। इन टॉयलेट्स में मल-मूत्र को तुरंत ही संसाधित कर लिया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि अपशिष्ट पर्यावरण में न जाए। इसके अलावा, इन टॉयलेट्स के आस-पास मल-मूत्र के एकत्रित होने के स्थानों की निगरानी और सफाई के लिए स्वच्छता दल तैनात किया जाता है।

स्थानीय प्रशासन की पहल

स्थानीय प्रशासन ने भी इस मुद्दे पर गंभीरता से काम करना शुरू किया है। प्रयागराज नगर निगम और अन्य स्वच्छता अधिकारियों ने 24 घंटे का अपशिष्ट प्रबंधन सेवा उपलब्ध करवाई है। इस सेवा के तहत, मल-मूत्र को सही तरीके से निपटाने के लिए ट्रकों और विशेष यंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है।

महाकुंभ जैसे आयोजनों में भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, और इसके साथ जुड़ी अपशिष्ट समस्या को सुलझाने के लिए सरकारी एजेंसियों, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की टीम एकजुट हो चुकी है। ISRO जैसी तकनीकी एजेंसियों से लेकर बायो-डिग्रेडेबल टेक्नोलॉजी और स्मार्ट अपशिष्ट प्रबंधन उपायों तक, इन प्रयासों का उद्देश्य न केवल पर्यावरण की सुरक्षा है, बल्कि स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य को भी सुनिश्चित करना है। यह एक बड़ा कदम है, जो देशभर में अन्य आयोजनों के लिए भी एक आदर्श बन सकता है।

गणतंत्र दिवस के रंग में रंगे श्रीनगर के लोग, लाल चौक पर जमकर किया डांस

डेस्क: देशभर में गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्साह नजर आ रहा है। जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में लोग देशभक्ति के रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। श्रीनगर के लाल चौक पर लोगों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर जमकर डांस किया।

जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी गणतंत्र दिवस की बधाई दी है। उन्होंने कहा, 'सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। गणतंत्र के संस्थापकों द्वारा हमें सौंपा गया संविधान हमारा मार्गदर्शक बना रहे और हममें से जिन लोगों ने इसकी रक्षा करने की शपथ ली है वे अभी और हमेशा अपनी शपथ पर खरे उतरें।'

देशभर में गणतंत्र दिवस की धूम है। आज देश के 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भी भव्य समारोह का आयोजन किया गया है, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगी। समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो हैं। जगह-जगह झंडा फहराया जा रहा है। यूपी के सीएम योगी, राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा समेत कई राज्यों के सीएम अपने-अपने राज्य में अब तक झंडा फहरा चुके हैं। 

पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर देश को गणतंत्र दिवस की बधाई दी है। पीएम ने कहा, 'गणतंत्र दिवस की ढेरों शुभकामनाएं! आज हम अपने गौरवशाली गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस अवसर पर हम उन सभी महान विभूतियों को नमन करते हैं, जिन्होंने हमारा संविधान बनाकर यह सुनिश्चित किया कि हमारी विकास यात्रा लोकतंत्र, गरिमा और एकता पर आधारित हो। यह राष्ट्रीय उत्सव हमारे संविधान के मूल्यों को संरक्षित करने के साथ ही एक सशक्त और समृद्ध भारत बनाने की दिशा में हमारे प्रयासों को और मजबूत करे, यही कामना है।'

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर फहराया तिरंगा, पीएम मोदी भी मौजूद, शुरू हुई परेड

डेस्क: देश के लिए आज गौरव का पल का है। देश आज अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर कर्तव्य पथ पर भव्य समारोह हो रहा है। इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल हुईं और उन्होंने झंडा फहराया। इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पीएम मोदी भी मौजूद रहे। इस बार मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहरा दिया है। इस दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी गई है। इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पीएम मोदी मौजूद रहे। इस मौके पर आयोजित होने वाली भव्य परेड की भी इसी के साथ शुरूवात हो गई है।

कर्तव्य पथ पर दिखेगी भारत की ताकत, 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भव्य आयोजन

डेस्क: देश के लिए आज गौरव का पल का है। देश आज अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर कर्तव्य पथ पर भव्य समारोह होगा, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगी। इस बार मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो हैं। इस बार का मुख्य आकर्षण 'फ्लाई-पास्ट' है, जिसमें भारतीय वायुसेना के विमान करतब दिखाते नजर आएंगे।

फिलहाल पीएम मोदी नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंच गए हैं। यहां वह शहीद जवानों को श्रद्धांजलि प्रस्तुत कर रहे हैं।

वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा, "दिल्ली सहित देश के सभी नागरिकों को 76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। मैं विशेष रूप से अर्धसैनिक बलों, पुलिस एवं अन्य बलों को उनकी सेवाओं एवं बलिदान के लिए धन्यवाद देता हूं और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। यह संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों को और मजबूत करने का दिन है।" उन्होंने कहा, "लोकतंत्र की सफलता की कुंजी सुशासन में निहित है। लोकतंत्र संविधान का सबसे महत्वपूर्ण मौलिक सिद्धांत है। संविधान हमें अपने वोट के माध्यम से सरकार चुनने और यह तय करने की स्वतंत्रता देता है कि हम किसे सत्ता सौंपें। दिल्ली के लिए यह गणतंत्र दिवस विशेष महत्व रखता है। आज से कुछ दिन बाद हम अपनी नई सरकार चुनेंगे।

हमें यह याद रखना होगा कि हम केवल सरकार ही नहीं चुनेंगे, बल्कि हम एक ऐसी व्यवस्था भी चुनेंगे जो अगले 5 सालों तक हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करेगी। पिछले कुछ सालों से हम देख रहे हैं कि वैश्विक स्तर पर सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की गई है। एक नागरिक और मतदाता के रूप में हमारा यह जागरूक प्रयास होना चाहिए कि हम बिना किसी दबाव के सही या गलत का चुनाव करें।"

दिल्ली में अमित शाह ने जारी किया बीजेपी का संकल्प पत्र पार्ट-3, बोले-केजरीवाल जैसा झूठ बोलने वाला नहीं देखा

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दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को बीजेपी के संकल्प पत्र का तीसरा भाग जारी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम जो भी वादा करते हैं उसे पूरा करते हैं, दूसरों की तरह सिर्फ वादा नहीं करते हैं। इस दौरान अमित शाह ने आम आदमी पार्टी की सरकार और अरविंद केजरीवाल पर भी जमकर हमला बोला।

अमित शाह ने कहा, आज दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी संकल्प का अंतिम हिस्सा प्रस्तुत कर रहा हूं। अन्य पार्टी का नाम नहीं लूंगा। हमारा पार्टी जो वादे करती है पूरा करती है। हम सिर्फ वादे नहीं करते किसी से। हमने बहुत लोगों से सुझाव मांगा था जिसके बाद ये तैयार किया गया है।

इस दौरान गृह मंत्री ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि केजरीवाल बड़ी सफाई से झूठ बोलते हैं। केजरीवाल ने स्कूल-मंदिरों के पास शराब की दुकान खुलवाईं। करोड़ों रुपये का अपना घर बनाया। मोहल्ला क्लीनिक में मेडिकल टेस्ट के नाम पर घोटाला किया। दिल्ली का प्रदूषण वो कम नहीं कर पाए। उन्होंने कोई भी वादा पूरा नहीं किया। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल ऐसी सरकार चला रहे हैं, जो वादे करते हैं, उन्हें पूरा नहीं करते हैं और फिर से झूठ के एक बहुत बड़े पुलिंदे और भोले से चेहरे के साथ जनता के सामने उपस्थित होते हैं। मैंने अपने राजनीतिक जीवन में इतनी सफाई से झूठ बोलने वाला व्यक्ति नहीं देखा है।

नए घोषणा पत्र में किए गए वादे

• 1700 अनधिकृत कॉलोनियों को संपूर्ण मालिकाना हक देंगे।

• 13000 सील दुकानों को दोबारा खोला जाएगा।

• शरणार्थी कॉलोनियों को भी मालिकाना हक देने का काम करेंगे।

• पाकिस्तान से आए हुए सभी शरणार्थियों को मालिकाना हक देंगे।

• दिल्ली के युवाओं के 50 हजार सरकारी नौकरियां देंगे।

• 20 हजार करोड़ के निवेश के माध्यम से इंटीग्रेटेड पब्लिक नेटवर्क बनाएंगे।

• टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यूपी और हरियाणा सरकार के साथ मिलकर कॉरिडोर बनाए।

• यमुना रिवर विकास फ्रंट बनाएंगे जो साबरमती के तरह होगा।

• 13000 बसों को ई बस में कन्वर्ट करके दिल्ली को 100 प्रतिशत ई बस सेवा देंगे।

• ग्रीक वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड बनाएंगे।

• टेक्सटाइल वर्कर्स को भी हम वित्तीय लाभ देंगे, 10 लाख का बीमा और 5 लाख दुर्घटना बीमा देंगे।

भारत-इंडोनेशिया के बीच स्वास्थ्य और रक्षा समेत कई समझौतों पर हस्ताक्षर, जानें कितना अहम है दोनों देशों का संबंध

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भारत और इंडोनेशिया के बीच द्विपक्षीय संबंध नई ऊंचाई पर पहुंच रहे हैं। रिश्तों को और मजबूत बनाने के लिए आज दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो भारत दौरे पर हैं। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के हैदराबाद हाउस में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के साथ बैठक की। बैठक से पहले पीएम मोदी ने प्रबोवो का गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों नेताओं ने हाथ मिलाए।

बैठक के बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि, इंडोनेशिया भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि देश था। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि जब हम गणतंत्र के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, तो इंडोनेशिया एक बार फिर इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा है। मैं राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो का भारत में स्वागत करता हूं।

रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निर्णय

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 2018 में उनकी इंडोनेशिया यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अपने रिश्तों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का निर्णय लिया था। अब, राष्ट्रपति प्रबोवो के साथ मिलकर, रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और दोनों देशों के बीच मिलकर काम करने पर चर्चा की गई है। उन्होंने समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद-निरोध और डी-रेडिकलाइजेशन जैसे मुद्दों पर भी सहयोग बढ़ाने की बात की।

दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 30 अरब डॉलर से अधिक

पीएम मोदी ने यह भी बताया कि भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापार में तेजी से वृद्धि हुई है। पिछले साल दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 30 अरब डॉलर से अधिक पहुंच गया है। इसके साथ ही, भारत और इंडोनेशिया ने समुद्री सुरक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में एक नए समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जो अपराध की रोकथाम, खोज एवं बचाव, और क्षमता निर्माण में सहयोग को मजबूत करेगा। यह मुलाकात और समझौते दोनों देशों के बीच रिश्तों को और गहरा करने में मददगार साबित होंगे।

क्या बोले राष्ट्रपति प्राबोवो?

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियांतो ने कहा कि मैं भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा में मुझे दिए गए सम्मान के लिए अपनी सर्वोच्च कृतज्ञता दोहराना चाहता हूं। आज राष्ट्रपति ने मेरा बहुत सम्मान के साथ स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी, उनकी सरकार मेरे और मेरी सरकार के बीच बहुत गहन और बेहद स्पष्ट चर्चा हुई।

भारत और इंडोनेशिया के बीच समझौते

• रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन पर मिलकर काम करेंगे।

• दोनों देश समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने में सहयोग करेंगे।

• फिनटेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति।

• भारत इंडोनेशिया के साथ स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां शेयर करेगा।

• दोनों देशों की आपदा प्रबंधन एजेंसियां संयुक्त अभ्यास करेंगी।

• इंडोनेशिया के प्रम्बानन हिंदू मंदिर के संरक्षण में भारत सहयोग देगा।